Sunday, May 8, 2011

Delhi Police : सच में बदल गई दिल्ली पुलिस

नई दिल्ली। दिल्ली की सड़कों पर वे हर रात बेरीकेड्स लगाकर गश्त करते हैं और अपराधियों पर कड़ी नजर रखते हैं। उनकी कोशिश है कि राष्ट्रीय राजधानी का अपराधों से कोई नाता न रहे। दिल्ली पुलिस का मोटरसाइकिल से गश्त लगाने वाला दल सूरज ढलने के बाद इस शहर के चप्पे-चप्पे पर पैनी नजर रखता है। दल में शामिल पुलिसकर्मी राह चलते संदिग्ध लोगों को रोकते हैं, उनसे पूछताछ करते हैं और फिर उनकी जांच भी होती है।

पुलिस अधिकारी बिना हेलमेट मोटरसाइकिल चलाने वालों और बिना सीट बेल्ट कार चलाने वालों को रोकते हैं और उनसे उनकी पहचान के बारे में पूछते हैं। यदि वे पूछताछ से संतुष्ट होते हैं तो उन्हें घर जाने की इजाजत दे देते हैं लेकिन उन्हें कोई भी संदेह होता है तो वे उस व्यक्ति को पुलिस थाने ले आते हैं।

दिल्ली पुलिस का रात में गश्त लगाने वाला दल सुरक्षा के लिए लोगों को रोकने, उनसे पूछताछ करने और फिर उनकी जांच करने की कार्यप्रणाली के तहत काम करता है। उदाहरण के दौर पर इस दल ने बीते तीन महीने में रात के समय राष्ट्रीय राजधानी से करीब 90 अपराधियों को पकड़ा है।

अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त व दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने बताया, "रात में गश्त के दौरान कई चोर और अपराधी गिरफ्तार किए गए।" मोटरसाइकिल पर गश्त लगाने वालों के अलावा कुछ नवनियुक्त पुलिसकर्मी अंदर की सड़कों पर पैदल गश्त भी लगाते हैं। कुछ पुलिसकर्मी झुग्गी-बस्ती इलाकों में भी गश्त लगाते हैं।

दिल्ली पुलिस 80,000 पुलिसकर्मियों की मजबूत सुरक्षा तंत्र है। यातायात पुलिस भी अपराधियों को पकड़ने के लिए अस्थायी बेरीकेड्स लगाती है। संयुक्त पुलिस आयुक्त सत्येंद्र गर्ग कहते हैं, "शहर में शराब पीकर वाहन चलाने की घटनाओं को रोकने के लिए हमने शनिवार रात 50 स्थानों पर वाहन चालकों की अचानक जांच की।"

उन्होंने बताया, "मात्र तीन घंटे में ही हमने नियमों का उल्लंघन करने वाले 307 लोगों की पहचान कर ली। इनमें से 195 मद्यपान कर वाहन चला रहे थे, 35 लोग खतरनाक तरीके से वाहन चला रहे थे, 60 प्रवेश वर्जित क्षेत्र में वाहन चलाते दिखे जबकि 17 ने अन्य नियमों का उल्लंघन किया था।" उन्होंने बताया कि इस दौरान कुल 64 वाहन जब्त किए गए। पुलिस की इस पहल से दिल्लीवासी खुश हैं।

Delhi Police : दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ा क्रिकेट का कोढ़ जैकब मार्टिन

नई दिल्ली। आखिरकार दिल्ली पुलिस की तलाश पूरी हुई और क्रिकेट को बदनाम करने वाले कबूतरबाज जैकब मार्टिन को गिरफ्तार कर लिया गया है। दिल्ली पुलिस उसे लंबे समय से खोज रहा था। आपको बता दें कि पुलिस ने जैकब मार्टिन की सूचना पर देने वाले को पच्चीस हजार रूपए का ईनाम देने की घोषणा की थी। गौरतलब है कि मार्टिन के खिलाफ 2004 में मानव तस्करी का केस दर्ज किया गया था। भारत के लिए दस एकदिवसीय मैच खेलने वाले मार्टिन पर 2003 में 17 खिलाडियों को फर्जी तौर पर ब्रिटेन ले जाने का आरोप है। उनमें से 16 खिलाड़ी ही देश वापस आए थे।

पुलिस ने जो बताया उस के मुताबिक निमेष कुमार नामक एक शख्स के पास फर्जी पासपोर्ट पाया गया था। जिसने बताया था ये पासपोर्ट जैकब ने उसेक लिए बनवाया था। जिसके लिए उसने मार्टिन को सात लाख रूपये दिये थे। आईजीआई एयरपोर्ट के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस आर. ए. संजीव के मुताबिक जैकब ने अजवा स्पोर्टस क्लब, वड़ोदरा, गुजरात के नाम से एक फर्जी क्रिकेट टीम बनाई थी। वह भी उसी टीम का सदस्य था।

आपको बता दें कि जैकब मार्टिन का जन्म 11 मई 1972 में बड़ौदा में हुआ था। जैकब राईट हैंड बैंटसमैन हैं, इन्होंने भारतीय टीम की ओर से दस बार इंटरनेशनल वन डे खेला है लेकिन एक भी टेस्ट उन्होंने भारत की ओर से नहीं खेला है। मार्टिन के बारे में कहा जाता रहा है कि वो एक अच्छे बैटसमैन के साथ-साथ गेंदबाजी में भी कमाल कर सकते हैं। और कई बार उन्होंने प्रथम श्रेणी के मैचों में अपना कमाल दिखाया भी है।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने मार्टिन की अग्रीम जमानत की अर्जी को खारिज करते हुए कहा था कि मार्टिन को सजा जरूर मिलनी चाहिए क्योंकि उन्होंने करोड़ो लोगों के धर्म बन चुके क्रिकेट को बदनाम किया है

Bihar Police: बिहार से फरार पुलिस इंस्पेक्टर हरदोई में धरा गया

लखनऊ। लाखों रुपये का घोटाला कर पुलिस महानिरीक्षक गुप्तेश्वर पाण्डेय का मारने की सुपारी लेने वाले बिहार के पुलिस इंस्पेक्टर बालेश्वर प्रसाद को प्रदेश के हरदोई जिले से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तार इंस्पेक्टर के खिलाफ अलग-अलग मामलों में नौ गैर जमानती वारंट जारी किए जा चुके हैं। बालेश्वर को उसके एक रिश्तेदारके निर्माणाधीन भवन से गिरफ्तार किया गया।

बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के मेकाजीमुहम्मदपुर थाने में तैनात पुलिस इंस्पेक्टर बालेश्वर प्रसाद लम्बे समय से फरार चल रहा था। तैनाती के दौरान उसने कई गलत कार्य किए। बालेश्वर का नाम किसान क्रेडिट कार्ड घोटाले में आया जिसके बाद वह थाने से फरार हो गया। कई घोटालों व आपराधिक वारदातों में नाम आने के बाद उसके खिलाफ थाने में ही कई मामले दर्ज किए गए। बिहार पुलिस ने बालेश्वर को गिरफ्तार करने का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली। न्यायालय ने उसके खिलाफ नौ गैर जमानती वारंट जारी किए। बिहार पुलिस को पता चला कि वह बिहार से सटे उत्तर प्रदेश के किसी जिले में छिप गया है। बिहार पुलिस ने राज्य मुख्यालय को इसकी सूचना दी। मुखबिरों के हवाले से जानकारी मिली कि बालेश्वर के रिश्तेदार राज्य के हरदोई जिले में रहते हैं।

पुलिस ने रिश्तेदारों के घरों की निगरानी शुरू करायी तो पता चला कि एक संदिग्ध व्यक्ति बालेश्वर के रिश्तेदार अखिलेश सिंह के निर्माणाधीन आवास पर रहता है। व्यक्ति के बारे में जानकारी अर्जित करने परपता चला कि वह कोई और नहीं बल्कि बालेश्वर प्रसाद ही है। पुलिस सावधानी के साथ अखिलेश सिंह के घर छापा मारा और बालेश्वर को गिरफ्तार कर लिया। पूछतांछ में पताचला कि अखिलेश सिंह रेलवे में इंजीनियर हैं।

हरदाई के पुलिस अधीक्षक लव कुमार ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि शहर कोतवाली के आशानगर मोहल्ले से बिहार पुलिस की सूचना पर स्थानीय पुलिस के सहयोग से फरार चल रहे इंस्पेक्टर बालेश्वर प्रसाद को गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि बिहार पुलिस के इस इंस्पेक्टर पर आरोप है कि मुजफ्फरपुर में किसान क्रेडिट कार्ड घोटाले को उजागर करने के बजाय वह खुद ही फर्जीवाडा करने वालों से मिल गया और वर्दी की हनक दिखाकर फर्जीवाडा करने वालों की गिरफ्तारी करने की बजाय खुद उनसे वसूली करने लगा था।

बालेश्वर पर आरोप है कि उसने एक बैंक प्रबंधक को गिरफ्तार किया तथा एक दलाल को पैसे लेकर छोड दिया। इसके बाद बिहाल पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने इसके कारनामे की जांच की तो वर्दी के नशे में चूर बालेश्वर ने उनको भी मारने की धमकी दी थी। उन्होंने बताया कि जांच में दोषी पाए जाने पर इसे निलंबित कर दिया गया था जिसके बाद से ही यह फरार चल रहा है। गिरफ्तारी के बाद उसे बिहार भेजने की तैयारी की जा रही है।

UP Police: पुलिस व किसान भिड़े, DM को लगी गोली, दो पुलिसकर्मी और किसान की मौत

नोएडा। ग्रेटर नोएडा में महीनेभर से जारी किसानों का आंदोलन शनिवार को हिंसक हो गया। इससे पहले शुक्रवार को किसानों ने रोडवेज के तीन कर्मचारियों को बंधक बना लिया था। शनिवार सुबह जब पुलिस इन कर्मचारियों को मुक्त कराने पहुंची तो किसानों ने पुलिस पर पथराव व फायरिंग कर दी।

इसमें गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी जख्मी हो गए। जबकि दो पुलिसकर्मियों को किसानों ने जमीन पर पटक-पटक कर मार डाला। इसके अलावा दो और पुलिसकर्मियों को अभी भी बंधक बनाया हुआ है। इस पूरी घटना में एसएसपी, सिटी मजिस्ट्रेट और सीओ प्रथम ग्रेटर नोएडा सहित दर्जनभर पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। सभी को ग्रेटर नोएडा के कैलाश अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

ग्रेटर नोएडा के भट्टा पारसौल इलाके में तीन महीने से धरने पर बैठे किसान यमुना एक्सप्रेस हाईवे के लिए जमीन अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं। वे अधिग्रहण के बदले उचित मुआवजे की मांग कर रहे हैं। इससे पहले आंदोलित किसानों ने ताज एक्सपे्रस हाई-वे पर फार्मूला वन रेसिंग ट्रैक को खोदने की धमकी दी थी।

प्रशासन ने भारी पुलिस बल तैनात कर दिया। इसके बावजूद किसानों ने रोडवेज सुपरवाइजर निरंजन दास, स्टेशन प्रभारी दुर्गेश भारद्वाज और चालक जितेन्द्र को बंधक बना लिया। बंधकों को छुड़ाने के लिए पुलिस के अलावा २६०० पीएसी जवान बुला लिए गए। सुबह प्रशासन ने बंधकों को मुक्त करने के लिए प्रस्ताव भेजा जिसे किसानों ने ठुकरा दिया।

किसान नेता मनवीर तेवतिया ने कहा, किसान सिर्फ मुख्यमंत्री से वार्ता करेंगे। दोपहर करीब १२ बजे एक बार फिर जिलाधिकारी दीपक अग्रवाल ने किसानों को मनाने का प्रयास किया पर वे नहीं माने। अंत में जिलाधिकारी ने गांव जाकर बंधकों को मुक्त कराने का फैसला लिया। प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस को देखते ही किसान उग्र हो गए। पुलिस प्रशासन पर फायङ्क्षरग शुरू कर दी।

मृतक सिपहियों के परिजनों को 5 लाख मुआवजा

ग्रेटर नोएडा में किसानों से हिंसक झड़प में मारे गए दो पुलिस कर्मियों के परिजनों को मुख्यमंत्री मायावती ने ५-५ लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है। साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी। भट्टा पारसौल गांव में बंधक रोडवेज कर्मचारियों को मुक्त कराने पहुंची पुलिस और किसानों के बीच हुई फायरिंग में सिपाही मनोहर सिंह और मनवीर सिंह की मौत हो गई। इसकी पुष्टि एडीजी बृजलाल ने की है।

तेवतिया की सूचना देने वाले को 50 हजार का इनाम

किसान नेता मानवीर तेवतिया पर प्रदेश सरकार ने 50 हजार इनाम की घोषणा की है। तेवतिया इस समय फरार बताया जाता है।

बयान

सरकार ने अपनी आदत के मुताबिक संवेदनहीनता का परिचय दिया तथा किसानों की जायज मांगों को अनसुना कर दिया। यमुना एक्सप्रेस वे के लिए कम मूल्य पर ज्यादा भूमि का अधिग्रहण तथा किसानों के हितों को अनदेखा करने के कारण ही किसान उत्तेजित हुए।
सूर्य प्रताप शाही (यूपी भाजपा अध्यक्ष)

मुख्यमंत्री अपने निजी स्वार्थ के लिए व जेपी समूह को लाभ पहुंचाने के लिए किसानों की भूमि का जबरन अधिग्रहण कर रही है। डीएम को गोली लगने व दो पुलिस जवानों की मौत की जांच होनी चाहिए। किसान कभी भी किसी पर हमला नहीं करता है।
अखिलेश यादव (सपा के प्रदेश अध्यक्ष)

इस समूचे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए। प्रदेश सरकार मगरूर तरीके से किसानों को बर्बाद करने में जुटी है। किसानों की उपजाऊ जमीनों को हड़पने की कार्रवाई तत्काल रोकी जाए।
डा. गिरीश (भाकपा केराज्य सचिव)