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Tuesday, August 9, 2011
Happy B'Day: Parvez Alam
दोस्तों आज राजस्थान पुलिस में कार्यरत हमारे साथी भाई परवेज़ आलम का जन्मदिन है। जन्मदिन पर उन्हें POLICE NEWS के सभी सदस्यों की ओर से बधाईंयां।
BREAKING NEWS: pageviews all time history 4,954, 5K Hits Club में शामिल होने से बस 46 हिट्स दूर
दोस्तों आप सभी को बधाई। आपका POLICE NEWS एक नई ऊंचाई को छूने जा रहा है। हम सब दुनियाभर के 5K Hits Club में शामिल होने से बस 46 हिट्स दूर है। लिंक पर जाए और देखे। हम सब किस तेजी से अपने पुलिस साथियों के बीच लोकप्रिय हो रहे हैं। बधाई।
Sunday, August 7, 2011
MP Police: स्पीक एशिया पर मध्यप्रदेश पुलिस का शिकंजा, इंदौर में ईओडब्ल्यू में शिकायत दर्ज
सिंगापुर की ऑनलाइन सर्वेक्षण कम्पनी स्पीक एशिया पर लाखों भारतीय निवेशकों से धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए भाजपा के निवेशक प्रकोष्ठ ने मध्यप्रदेश पुलिस के आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) में शिकायत दर्ज करायी.
प्रकोष्ठ की मध्यप्रदेश इकाई के संयोजक मुकेश सिंह राजावत ने यहां ईओडब्ल्यू में लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्पीक एशिया ने भारत में हर निवेशक से 11 हजार रुपये वसूलकर लाखों सदस्य बनाये और उन्हें मोटी कमाई के सपने दिखाये लेकिन अब कम्पनी उनके पैसे वापस नहीं कर रही है.
राजावत की मांग है कि स्पीक एशिया के खिलाफ ईओडब्ल्यू में मामला दर्ज किया जाये और सरकार कथित घोटालेबाज कम्पनी के हाथों लुट चुके निवेशकों की पूंजी वापस दिलाने के लिये फौरन कदम उठाये.
मुंबई पुलिस ने स्पीक एशिया के मुख्य परिचालन अधिकारी :सीओओ: तारक बाजपेयी और वित्तीय प्रबंधक रवि खन्ना समेत कम्पनी के पांच कारिंदों को ‘मल्टी लेवल मार्केटिंग’ घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया था. पांचों आरोपी 12 अगस्त तक पुलिस हिरासत में हैं.
इससे पहले, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव किरीट सोमैया ने स्पीक एशिया पर करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप लगाया था. उन्होंने मुंबई पुलिस के आर्थिक अपराध जांच दस्ते में कम्पनी के खिलाफ लिखित शिकायत भी दर्ज करायी थी.
प्रकोष्ठ की मध्यप्रदेश इकाई के संयोजक मुकेश सिंह राजावत ने यहां ईओडब्ल्यू में लिखित शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्पीक एशिया ने भारत में हर निवेशक से 11 हजार रुपये वसूलकर लाखों सदस्य बनाये और उन्हें मोटी कमाई के सपने दिखाये लेकिन अब कम्पनी उनके पैसे वापस नहीं कर रही है.
राजावत की मांग है कि स्पीक एशिया के खिलाफ ईओडब्ल्यू में मामला दर्ज किया जाये और सरकार कथित घोटालेबाज कम्पनी के हाथों लुट चुके निवेशकों की पूंजी वापस दिलाने के लिये फौरन कदम उठाये.
मुंबई पुलिस ने स्पीक एशिया के मुख्य परिचालन अधिकारी :सीओओ: तारक बाजपेयी और वित्तीय प्रबंधक रवि खन्ना समेत कम्पनी के पांच कारिंदों को ‘मल्टी लेवल मार्केटिंग’ घोटाले के आरोप में गिरफ्तार किया था. पांचों आरोपी 12 अगस्त तक पुलिस हिरासत में हैं.
इससे पहले, भाजपा के राष्ट्रीय सचिव किरीट सोमैया ने स्पीक एशिया पर करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप लगाया था. उन्होंने मुंबई पुलिस के आर्थिक अपराध जांच दस्ते में कम्पनी के खिलाफ लिखित शिकायत भी दर्ज करायी थी.
HP Police:साहब की सुरक्षा में आधुनिक उपकरण
शिमला : हिमाचल प्रदेश में वीआइपी लोगों की सुरक्षा में सेंधमारी आसान नहीं होगा। पुलिस विभाग अब आधुनिक उपकरणों से ऐसे लोगों की सुरक्षा करेगा। मुख्यमंत्री सहित बाहर से आने वाले वीवीआइपी लोगों की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की चूक न हो, इसके लिए पुलिस विभाग ने आधुनिक उपकरणों की खरीद कर ली है। इन उपकरणों की मदद से अब अधिक कारगर तरीके से वीआइपी लोगों की सुरक्षा की जा सकेगी। यही नहीं जल्द ही रूस से निर्मित खास तरह के एक्सपलोसिव डिटेक्टर भी पुलिस विभाग खरीदने वाला है। आधुनिक उपकरणों में नॉन लिनियर जंक्शन डिटेक्टर, डीप सर्च मैटल डिटेक्टर, लाइन हुक सैट, प्रोडर, एचएचएमडी और (डीएफएमडी) डोर फेम मैटल डिटेक्टर शामिल है। इन उपकरणों को पुलिस विभाग ने हाल ही में खरीदा है।
सुरक्षा व्यवस्था स्थापित करने के लिए इन उपकरणों को सीआइडी की बीडी टीम के सुपुर्द कर दिया गया है। गौर हो कि यही टीम प्रदेश में सभी वीआईपी और देश के अन्य हिस्सों से आने वाले वीवीआइपी लोगों की सुरक्षा का जिम्मा संभालती है। वर्तमान में हिमाचल प्रदेश भी आतंकी गतिविधियों से अछूता नहीं रहा है और इसी वजह से पुलिस विभाग लंबे समय से वीवीआइपी लोगों की सुरक्षा के लिए आधुनिक उपकरणों की जरूरत महसूस कर रहा था। इसी वर्ष कांगड़ा के कोटला में सुरक्षा एजेंसियों द्वारा हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकवादियों को पकड़ा जा चुका है। इसके साथ ही चंबा की सीमाओं से भी आतंकी घुसपैठ की आशंका बनी रहती है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह सारे उपकरण पुलिस आधुनिकीकरण योजना के तहत खरीदे जा रहे हैं। उन्हें विश्वास है कि इन उपकरणों की मदद वह प्रदेश में आने वाले खास मेहमानों और मुख्यमंत्री, मंत्रियों और आलाअधिकारियों की सुरक्षा अधिक कारगर तरीके से कर पाएंगे। सीआइडी एसपी सुरक्षा सुनील चौधरी का कहना है कि प्रदेश में वीवीआइपी लोगों की सुरक्षा पुख्ता करने के लिए विभाग ने आधुनिक उपकरणों को खरीदा है। उनका कहना है कि इन उपकरणों की मदद से प्रदेश में आने वाले वीवीआइपी लोगों की सुरक्षा में मदद मिलेगी और आगे भी ऐसे उपकरणों की खरीद की जाती रहेगी।
सुरक्षा व्यवस्था स्थापित करने के लिए इन उपकरणों को सीआइडी की बीडी टीम के सुपुर्द कर दिया गया है। गौर हो कि यही टीम प्रदेश में सभी वीआईपी और देश के अन्य हिस्सों से आने वाले वीवीआइपी लोगों की सुरक्षा का जिम्मा संभालती है। वर्तमान में हिमाचल प्रदेश भी आतंकी गतिविधियों से अछूता नहीं रहा है और इसी वजह से पुलिस विभाग लंबे समय से वीवीआइपी लोगों की सुरक्षा के लिए आधुनिक उपकरणों की जरूरत महसूस कर रहा था। इसी वर्ष कांगड़ा के कोटला में सुरक्षा एजेंसियों द्वारा हिजबुल मुजाहिदीन के दो आतंकवादियों को पकड़ा जा चुका है। इसके साथ ही चंबा की सीमाओं से भी आतंकी घुसपैठ की आशंका बनी रहती है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह सारे उपकरण पुलिस आधुनिकीकरण योजना के तहत खरीदे जा रहे हैं। उन्हें विश्वास है कि इन उपकरणों की मदद वह प्रदेश में आने वाले खास मेहमानों और मुख्यमंत्री, मंत्रियों और आलाअधिकारियों की सुरक्षा अधिक कारगर तरीके से कर पाएंगे। सीआइडी एसपी सुरक्षा सुनील चौधरी का कहना है कि प्रदेश में वीवीआइपी लोगों की सुरक्षा पुख्ता करने के लिए विभाग ने आधुनिक उपकरणों को खरीदा है। उनका कहना है कि इन उपकरणों की मदद से प्रदेश में आने वाले वीवीआइपी लोगों की सुरक्षा में मदद मिलेगी और आगे भी ऐसे उपकरणों की खरीद की जाती रहेगी।
CG Police: अब पाचवीं पास बन सकेंगे आरक्षक
रायपुर। छत्तीसगढ़ में विशेष पुलिस अधिकारी [एसपीओ] से हथियार वापस लेने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद राज्य शासन ने अब नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र में युवाओं को पुलिस में नौकरी देने के लिए शैक्षणिक और शारीरिक योग्यता में छूट देने का फैसला किया है।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने शुक्रवार को यहा संवाददाताओं को बताया कि नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के सभी जिलों में आरक्षक की भर्ती में जिले के स्थानीय निवासी युवक युवतियों को शैक्षणिक और शारीरिक योग्यता में छूट के लिए मंत्रिपरिषद ने सहमति दे दी है।
सिंह ने बताया कि राज्य में आरक्षक पद के लिए अनारक्षित, अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति वर्ग के अभ्यार्थियों के लिए शैक्षणिक योग्यता 10 वीं पास तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों के लिए आठवीं पास है, लेकिन बस्तर क्षेत्र में शैक्षणिक योग्यता पाचवीं पास रखा गया है।
उन्होंने बताया कि इसी तरह शारीरिक योग्यता में भी छूट देने का फैसला किया गया है। राज्य में आरक्षक पद के लिए सामान्य, अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति के अभ्यार्थियों की उंचाई 168 सेमी तथा अनुसूचित जनजाति के अभ्यार्थियों की उंचाई 153 सेमी होनी चहिए। बस्तर क्षेत्र में इसमें क्रमश: छूट देते हुए 163 सेमी तथा 150 सेमी कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह छूट केवल एसपीओ के लिए ही नहीं बल्कि इस क्षेत्र के निवासी युवक-युवतियों के लिए लागू होगा।
एक सवाल के जवाब में रमन सिंह ने बताया कि इस छूट के बाद बस्तर क्षेत्र के लगभग 80 फीसदी विशेष पुलिस अधिकारियों को आरक्षक बनने का मौका मिल सकेगा। वहीं अन्य 20 फीसदी ऐसे एसपीओ जिनकी शैक्षणिक योग्यता इससे भी कम है उनके शैक्षणिक योग्यता में इजाफा करने का प्रयास किया जाएगा।
उच्चतम न्यायालय ने छत्तीसगढ़ और केंद्र सरकार को आदिवासियों को विशेष पुलिस अधिकारी नियुक्त करने और उन्हें माओवादियों के खिलाफ हथियारों से लैस करने से रोक दिया है। न्यायालय ने इस कदम को ''असंवैधानिक'' करार दिया है।
आदिवासियों को विशेष पुलिस अधिकारी [एसपीओ] नियुक्त करने और उन्हें हथियारों से लैस करने से छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्र को मना करते हुए अदालत ने कहा है कि आदिवासी युवकों को एसपीओ नियुक्त करना ''असंवैधानिक'' है।
अदालत ने कहा है कि माओवादियों से लड़ने के लिए आदिवासियों की शैक्षणिक योग्यता और प्रशिक्षण सहित पात्रता मानदंड संविधान के प्रावधानों के खिलाफ है। वहीं उन्होंने कोया कमाडो और सलवा जुडूम का गठन को भी संविधान का उल्लंघन बताया है।
इधर, उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद छत्तीसगढ़ सरकार विशेष पुलिस अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं क्योंकि सरकार का मानना है कि यदि एसपीओ से हथियार वापस ले लिए जाए तो वे नक्सलियों के निशाने पर आ जाएंगे। इसके बाद राज्य शासन ने विशेष पुलिस अधिकारियों को आरक्षक के पदों पर भर्ती करने के लिए शैक्षणिक और शारीरिक योग्यता में छूट देने का फैसला किया है।
छत्तीसगढ़ में वर्ष 2005 में सलवा जुडूम आदोलन की शुरूवात के बाद बस्तर क्षेत्र में आम लोगों ने नक्सलियों का विरोध करना शुरू कर दिया था। इस विरोध से नाराज नक्सलियों ने सलवा जुडूम कार्यकर्ताओं की हत्या शुरू कर दी तब राज्य सरकार ने राज्य के बीजापुर और दंतेवाड़ा जिले में 23 सलवा जुडूम राहत शिविर की स्थापना की थी। इन शिविरों में लगभग 50 हजार नक्सल पीड़ितों के लिए रहने की व्यवस्था की गई थी। राज्य सरकार के मुताबिक सलावा जुडूम स्वत:स्फूर्त आदोलन है और सरकार केवल आदोलन को सुरक्षा प्रदान कर रही थी।
बाद में राज्य सरकार ने क्षेत्र में विशेष पुलिस अधिकारियों की भी भर्ती शुरू कर दी। इन एसपीओ में सलवा जुडूम कार्यकर्ता और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली भी शामिल हो गए थे जो नक्सलियों के साथ लड़ाई में पुलिस की मदद करते हैं।
राज्य में वर्तमान में एसपीओ के 7500 पद स्वीकृत हैं तथा लगभग 4800 एसपीओ तैनात हैं। वहीं दंतेवाड़ा क्षेत्र में पुलिस अधिकारियों ने यहा के कोया जनजातियों के लड़के जो एसपीओ हैं तथा कुछ पुलिस के सिपाही हैं को शामिल कर कोया कमाडो बना दिया है। क्षेत्र में माना जाता है कि एसपीओ और कोया कमाडो के स्थानीय होने तथा क्षेत्र की अच्छी जानकारी होने के कारण यह राज्य में नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभाते हैं।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने शुक्रवार को यहा संवाददाताओं को बताया कि नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के सभी जिलों में आरक्षक की भर्ती में जिले के स्थानीय निवासी युवक युवतियों को शैक्षणिक और शारीरिक योग्यता में छूट के लिए मंत्रिपरिषद ने सहमति दे दी है।
सिंह ने बताया कि राज्य में आरक्षक पद के लिए अनारक्षित, अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति वर्ग के अभ्यार्थियों के लिए शैक्षणिक योग्यता 10 वीं पास तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों के लिए आठवीं पास है, लेकिन बस्तर क्षेत्र में शैक्षणिक योग्यता पाचवीं पास रखा गया है।
उन्होंने बताया कि इसी तरह शारीरिक योग्यता में भी छूट देने का फैसला किया गया है। राज्य में आरक्षक पद के लिए सामान्य, अन्य पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति के अभ्यार्थियों की उंचाई 168 सेमी तथा अनुसूचित जनजाति के अभ्यार्थियों की उंचाई 153 सेमी होनी चहिए। बस्तर क्षेत्र में इसमें क्रमश: छूट देते हुए 163 सेमी तथा 150 सेमी कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह छूट केवल एसपीओ के लिए ही नहीं बल्कि इस क्षेत्र के निवासी युवक-युवतियों के लिए लागू होगा।
एक सवाल के जवाब में रमन सिंह ने बताया कि इस छूट के बाद बस्तर क्षेत्र के लगभग 80 फीसदी विशेष पुलिस अधिकारियों को आरक्षक बनने का मौका मिल सकेगा। वहीं अन्य 20 फीसदी ऐसे एसपीओ जिनकी शैक्षणिक योग्यता इससे भी कम है उनके शैक्षणिक योग्यता में इजाफा करने का प्रयास किया जाएगा।
उच्चतम न्यायालय ने छत्तीसगढ़ और केंद्र सरकार को आदिवासियों को विशेष पुलिस अधिकारी नियुक्त करने और उन्हें माओवादियों के खिलाफ हथियारों से लैस करने से रोक दिया है। न्यायालय ने इस कदम को ''असंवैधानिक'' करार दिया है।
आदिवासियों को विशेष पुलिस अधिकारी [एसपीओ] नियुक्त करने और उन्हें हथियारों से लैस करने से छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्र को मना करते हुए अदालत ने कहा है कि आदिवासी युवकों को एसपीओ नियुक्त करना ''असंवैधानिक'' है।
अदालत ने कहा है कि माओवादियों से लड़ने के लिए आदिवासियों की शैक्षणिक योग्यता और प्रशिक्षण सहित पात्रता मानदंड संविधान के प्रावधानों के खिलाफ है। वहीं उन्होंने कोया कमाडो और सलवा जुडूम का गठन को भी संविधान का उल्लंघन बताया है।
इधर, उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद छत्तीसगढ़ सरकार विशेष पुलिस अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं क्योंकि सरकार का मानना है कि यदि एसपीओ से हथियार वापस ले लिए जाए तो वे नक्सलियों के निशाने पर आ जाएंगे। इसके बाद राज्य शासन ने विशेष पुलिस अधिकारियों को आरक्षक के पदों पर भर्ती करने के लिए शैक्षणिक और शारीरिक योग्यता में छूट देने का फैसला किया है।
छत्तीसगढ़ में वर्ष 2005 में सलवा जुडूम आदोलन की शुरूवात के बाद बस्तर क्षेत्र में आम लोगों ने नक्सलियों का विरोध करना शुरू कर दिया था। इस विरोध से नाराज नक्सलियों ने सलवा जुडूम कार्यकर्ताओं की हत्या शुरू कर दी तब राज्य सरकार ने राज्य के बीजापुर और दंतेवाड़ा जिले में 23 सलवा जुडूम राहत शिविर की स्थापना की थी। इन शिविरों में लगभग 50 हजार नक्सल पीड़ितों के लिए रहने की व्यवस्था की गई थी। राज्य सरकार के मुताबिक सलावा जुडूम स्वत:स्फूर्त आदोलन है और सरकार केवल आदोलन को सुरक्षा प्रदान कर रही थी।
बाद में राज्य सरकार ने क्षेत्र में विशेष पुलिस अधिकारियों की भी भर्ती शुरू कर दी। इन एसपीओ में सलवा जुडूम कार्यकर्ता और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली भी शामिल हो गए थे जो नक्सलियों के साथ लड़ाई में पुलिस की मदद करते हैं।
राज्य में वर्तमान में एसपीओ के 7500 पद स्वीकृत हैं तथा लगभग 4800 एसपीओ तैनात हैं। वहीं दंतेवाड़ा क्षेत्र में पुलिस अधिकारियों ने यहा के कोया जनजातियों के लड़के जो एसपीओ हैं तथा कुछ पुलिस के सिपाही हैं को शामिल कर कोया कमाडो बना दिया है। क्षेत्र में माना जाता है कि एसपीओ और कोया कमाडो के स्थानीय होने तथा क्षेत्र की अच्छी जानकारी होने के कारण यह राज्य में नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभाते हैं।
CG Police: पुलिस विभाग में साहब लोग हुए इधर से उधर
रायपुर ! राज्य शासन के गृह विभाग द्वारा जारी एक स्थानांतरण सूची में भारतीय पुलिस सेवा एवं राज्य पुलिस सेवा के 35 अधिकारियों को नवीन पदस्थापना दी गई है। जारी सूची में निम्न अधिकारियों के स्थानांतरण किया गया है-
अभिषेक शांडिल्य रायगढ़ से दुर्ग, दीपक झा दुर्ग से रायपुर, पीएस ठाकुर रायपुर से भिलाई, एसटी काम्बले रायपुर से दंतेवाड़ा, आरपी साय रायपुर से रामानुजगंज, आईएस नेताम रामानुजगंज से रायपुर, सुजीत कुमार राजनांदगांव से कोरबा, एमएल कोटवानी दुर्ग से रायपुर, डीएलएस आर्मो बोरगांव से बीजापुर, बीपी राजभानू बीजापुर से बलौदाबाजार, डी रविशंकर रायपुर से पुलिस मुख्यालय रायपुर, एमआर अहिरे रायपुर से धमतरी, शंकर लाल बघेल मुंगेली से नारायणपुर,
टीआर कोसिमा कोरबा से गरियाबंद, डीएस मरावी दंतेवाड़ा से बोरगांव, हेमंत कुमार कोरिया से दल्लीराजहरा, प्रशांत ठाकुर रायपुर से दुर्ग, विजय अग्रवाल कबीरधाम से राजनांदगांव, राजेश अग्रवाल धमतरी से कबीरधाम, आरपी भैया राजनांदगांव से बीजापुर, विजय पाण्डेय बिलासपुर से कोरबा, डीडी धांधरे चंद्रखुरी से रायपुर, आईएच खान रायपुर से ग्रामीण रायपुर, जेएस राखरा रायगढ़ से रायपुर, डीएस राठौर धमतरी से जांजगीर, अशोक पिपरे दुर्ग से महासमुंद, बिरची देहरी बिलासपुर से बस्तर, एसपी जेठवंत जांजगीर से कोरिया, बीपी शर्मा महासमुंद से राजनांदगांव, जियाउद्दीन शेख राजनांदगांव से राजनांदगांव, केएस चौधरी भिलाई से रायपुर, हरीश राठौर रायपुर से दंतेवाड़ा, वेदव्रत सिरमौर रायपुर से बिलासपुर, राजश्री मिश्रा चंदखुरी से बिलासपुर, श्वेता श्रीवास्तव सिन्हा रायपुर से रायपुर।
अभिषेक शांडिल्य रायगढ़ से दुर्ग, दीपक झा दुर्ग से रायपुर, पीएस ठाकुर रायपुर से भिलाई, एसटी काम्बले रायपुर से दंतेवाड़ा, आरपी साय रायपुर से रामानुजगंज, आईएस नेताम रामानुजगंज से रायपुर, सुजीत कुमार राजनांदगांव से कोरबा, एमएल कोटवानी दुर्ग से रायपुर, डीएलएस आर्मो बोरगांव से बीजापुर, बीपी राजभानू बीजापुर से बलौदाबाजार, डी रविशंकर रायपुर से पुलिस मुख्यालय रायपुर, एमआर अहिरे रायपुर से धमतरी, शंकर लाल बघेल मुंगेली से नारायणपुर,
टीआर कोसिमा कोरबा से गरियाबंद, डीएस मरावी दंतेवाड़ा से बोरगांव, हेमंत कुमार कोरिया से दल्लीराजहरा, प्रशांत ठाकुर रायपुर से दुर्ग, विजय अग्रवाल कबीरधाम से राजनांदगांव, राजेश अग्रवाल धमतरी से कबीरधाम, आरपी भैया राजनांदगांव से बीजापुर, विजय पाण्डेय बिलासपुर से कोरबा, डीडी धांधरे चंद्रखुरी से रायपुर, आईएच खान रायपुर से ग्रामीण रायपुर, जेएस राखरा रायगढ़ से रायपुर, डीएस राठौर धमतरी से जांजगीर, अशोक पिपरे दुर्ग से महासमुंद, बिरची देहरी बिलासपुर से बस्तर, एसपी जेठवंत जांजगीर से कोरिया, बीपी शर्मा महासमुंद से राजनांदगांव, जियाउद्दीन शेख राजनांदगांव से राजनांदगांव, केएस चौधरी भिलाई से रायपुर, हरीश राठौर रायपुर से दंतेवाड़ा, वेदव्रत सिरमौर रायपुर से बिलासपुर, राजश्री मिश्रा चंदखुरी से बिलासपुर, श्वेता श्रीवास्तव सिन्हा रायपुर से रायपुर।
HR Police: स्वतंत्रता दिवस पास आते ही पुलिस याद आए सीसीटीवी
स्वतंत्रता दिवस नजदीक आते ही पुलिस को फिर से क्लोज सर्किट कैमरों की याद आई है। सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के इरादे से पुलिस अधिकारियों ने जिले के सभी शॉपिंग मॉल्स, होटल, पेट्रोल पंप, बैंक और एटीएम में सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिये हैं। निर्देशों का पालन न करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिये गए हैं। ऐसे निर्देश पिछले दो वर्षो में करीब दस दफा जारी किये जा चुके हैं। लेकिन हालत वैसी की वैसी ही है। न पुलिस अपने आदेशों को लेकर सक्रियता दिखाती है और न ही लोग स्वयं सक्रिय होते हैं।
संयुक्त पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा ने शनिवार को सकरुलर जारी कर पुलिस उपायुक्त सेन्ट्रल जोन, एनआईटी, बल्लभगढ जोन को आदेश दिये है कि सुरक्षा प्रबंध को मजबूत करने के लिए अपने इलाकों के शॉपिंग मॉल्स, बैंक, पेट्रोल पंप होटल व एटीएम की सूची तैयार करें और सभी में सीसीटीवी कैमरा लगवाना सुनिश्चित करें। ताकि भविष्य में होने वाली वारदातों की जांच करने में मदद मिल सके। यही नहीं जहां लगे हैं। वहां जाकर उनकी जांच की जाए। यही नहीं जहां न लगे हों अथवा लगे हो पर चल न रहे हों। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर ने यह आदेश डीजीपी से मिले निर्देशों के बाद जारी किया है। शुक्रवार को डीजीपी ने पंचकुला में एक बैठक कर सुरक्षा संबधी निर्देश जारी किये हैं।
गौरतलब है कि फरीदाबाद पुलिस इससे पहले भी कई दफा सीसीटीवी को लेकर निर्देश जारी कर चुकी है। लेकिन अभी भी ज्यादातर बैंक, होटल, एटीएम, पेट्रोल पंपों में कैमरे नहीं लगाए गए हैं। शॉपिंग मॉल्स में कैमरे तो लगे हैं। लेकिन उनमें से भी कुछ के कैमरे ठीक नहीं है। इसे लेकर कई दफा पुलिस अधिकारी अपनी रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर को सौप चुके हैं
संयुक्त पुलिस आयुक्त विकास अरोड़ा ने शनिवार को सकरुलर जारी कर पुलिस उपायुक्त सेन्ट्रल जोन, एनआईटी, बल्लभगढ जोन को आदेश दिये है कि सुरक्षा प्रबंध को मजबूत करने के लिए अपने इलाकों के शॉपिंग मॉल्स, बैंक, पेट्रोल पंप होटल व एटीएम की सूची तैयार करें और सभी में सीसीटीवी कैमरा लगवाना सुनिश्चित करें। ताकि भविष्य में होने वाली वारदातों की जांच करने में मदद मिल सके। यही नहीं जहां लगे हैं। वहां जाकर उनकी जांच की जाए। यही नहीं जहां न लगे हों अथवा लगे हो पर चल न रहे हों। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर ने यह आदेश डीजीपी से मिले निर्देशों के बाद जारी किया है। शुक्रवार को डीजीपी ने पंचकुला में एक बैठक कर सुरक्षा संबधी निर्देश जारी किये हैं।
गौरतलब है कि फरीदाबाद पुलिस इससे पहले भी कई दफा सीसीटीवी को लेकर निर्देश जारी कर चुकी है। लेकिन अभी भी ज्यादातर बैंक, होटल, एटीएम, पेट्रोल पंपों में कैमरे नहीं लगाए गए हैं। शॉपिंग मॉल्स में कैमरे तो लगे हैं। लेकिन उनमें से भी कुछ के कैमरे ठीक नहीं है। इसे लेकर कई दफा पुलिस अधिकारी अपनी रिपोर्ट पुलिस कमिश्नर को सौप चुके हैं
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