Saturday, August 20, 2011

UP Police: Anna Hazare: अन्‍ना के समर्थन में पूरे यूपी में प्रदर्शन, वकील हड़ताल पर

लखनऊ। समाजसेवी अन्ना हजारे की गिरफ्तारी के विरोध में राजधानी लखनऊ समेत प्रदेश के विभिन्न इलाकों में प्रदर्शन शुरू हो गये। लखनऊ में जहां व्यापारियों ने प्रदर्शन वहीं किया कानपुर व रायबरेली में छात्र सड़कों पर निकल आए। इसके अतिरिक्त अन्ना की गिरफ्तार की आग प्रदेश के अन्य जिलों में भी फैल रही है। दोपहर होते-होते वकीलों ने हाईकोर्ट में हड़ताल कर मार्च निकाले जाने की घोषणा कर दी।

जन लोकपाल बिल की मांग करने वाले अन्ना हजारे को मंगलवार को दिल्ली में उनके घर से ही गिरफ्तार कर लिया गया। अन्ना हजारे को आज से अनशन पर बैठना था। दिल्ली पुलिस ने अनशन पर बैठने से पहले ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया। अन्ना की गिरफ्तारी की खबर फैलते ही उनके समर्थक समड़ पर उतरे और केन्द्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने लगे।


राजधानी में जगह-जगह रैलियां निकाली जाने लागी। लखनऊ के शहीद स्मारक के पास एक रैली निकाली गयी जिसमें उनके समर्थकों ने उनकी गिरफ्तारी को गैरकानूनी व असंवैधानिक करार दिया। व्यापारी संगठनों ने हजरतगंज में प्रदर्शन उनको रिहा किए जाने की मांग की।

प्रदर्शन सिर्फ लखनऊ में नहीं बल्कि आगरा, कानपुर व रायबरेली समेत कई जनपदों ने विभिन्न संगठनों ने अन्ना के समर्थन में प्रदर्शन शुरू कर दिया। सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली तथा श्री गांधी के क्षेत्र अमेठी में अन्ना समर्थक बडी संख्या में जमा हुए केन्द्र सरकार के विरोध में प्रदर्शन किया। रायबरेली में इंडिया अगेंस्ट करप्शन के बैनर तले समाज सेवियों ने अर्चना श्रीवास्तव के नेतृत्व में डिग्री कालेज चौराहे के पास सड़क जाम कर दी।

उन्होंने बताया कि अन्‍नास हजारे की गिरफ्तारी के विरोध में अमेठी और रायबरेली में शांतिपूर्वक विरोध किया जा रहा है। अमेठी में केन्द्र सरकार का पुतला फूंका गया और लोगों ने सरकार विरोधी नारे लगाये। आजाद मजदूर संघ के नेता खुशी सरन के नेतृत्व में आई.टी.आई गेट के पास प्रदर्शनकारियों ने रायबरेली सुलतानपुर रोड जाम कर दी। इंडिया अगेंस्ट करप्शन संस्था के लखनऊ संयोजक आर. के. अग्रवाल ने बताया कि अन्ना के समर्थक उनके जेल से रिहा होने तक झूलेलाल पार्क में अनशन पर बैठेंगे।


दोपहर होते ही वकीलों ने हाई कोर्ट में हड़ताल की घोषणा कर दी। वकीलों ने एलान किया कि हाई कोर्ट से झूलेलाल पार्क तक मार्च निकालकर अन्ना की गिरफ्तारी का विरोध किया जाएगा। राजधानी लखनऊ में अनेक स्थानों पर प्रदर्शन व धरने की रिपोर्ट है। हिन्दुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड की स्थानीय इकाई के गेट पर कर्मचारी धरने पर बैठ गए हैं।

Delhi Police: Anna Hazare: अन्‍ना हजारे को नहीं करना था अनशन: लालूप्रसाद यादव

दिल्‍ली। अन्‍ना हजारे की गिरफ्तारी के बाद सभी विपक्षी नेता यूपीए पर निशाना साध रहे हैं। ऐसे में यूपीए को राहत पहुंचाने आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव उनके समर्थन में आगे आए हैं। लालू प्रसाद यादव ने कहा कि भ्रष्‍टाचार मामले पर अन्‍ना हजारे ने अपना धैर्य खो दिया है। भ्रष्‍टाचार पर लोकपाल बिल इस समय संसद में पेश‍ किया जा चुका है। उन्‍होंने कहा कि लोकपाल बिल को पास करना संसद की जिम्‍मेदारी है।


लोकपाल‍ बिल लोकसभा में पेश होने के बाद जिस स्‍टैंडिंग कमेटी के पास संशोधन के लिए भेजा गया है लालू प्रसाद यादव उस कमेटी के सदस्‍य हैं। लालू यादव ने कहा कि देश से भ्रष्‍टाचार को खत्‍म करने की चिंता सिर्फ अन्‍ना हजारे को नहीं है। सरकार ने इसके लिए लोकपाल बिल को संसद में पेश कर दिया है। उस पर चर्चा की जा रही है। इससे संसद की मंजूरी के बाद ही पेश किया जा सकेगा। इस तरह अनशन करने और देश की जनता को अपने पीछे लगाने से कुछ हासिल नहीं होने वाला है।

दरअसरल लालू प्रसाद यादव यूपीए सरकार में अपनी वापसी की कोशिश में लगे हुए हैं। इसी वजह से वे हर मुद्दे पर कांग्रेस और यूपीए सरकार के साथ खड़े नजर आते हैं। पिछली यूपीए सरकार में वे रेल मंत्री थे। इसके बाद अलग चुनाव लड़ने की वजह से उन्‍होंने अपना समर्थन वापस ले लिया था। चुनावों में बुरी तरह हारने के बाद वे फिर से यूपीए सरकार का दामन थामने में लगे हुए हैं।

Delhi Police: Anna Hazare: सरकार-पुलिस से नहीं, झमाझम बारिश से डरे अन्‍ना हजारे

दिल्‍ली। राजघाट पर अन्‍ना हजारे ने अचानक ही दौड़ना शुरू कर दिया। उनके साथ में चल रहे पुलिस वाले भी सकते में आ गए कि आखिर हुआ क्‍या है अन्‍ना हजारे ने भागना क्‍यों शुरू कर दिया। अन्‍ना हजारे ने तो ऐसी स्‍पीड पकड़ी कि पुलिस वाले उनसे पीछे रह गए। पुलिस वाले हांफते हुए उनके साथ पहुंच पाए। असल में अन्‍ना हजारे इंद्र देवता की मेहरबानी की वजह से भाग रहे थे। तिहाड़ जेल से निकलकर जब वे राजघाट पहुंचे तो उसी समय बारिश शुरू हो गई। इस बारिश से बचने के लिए अन्‍ना हजारे भागे थे।


ये दौड़ 74 वर्षीय अन्‍ना हजारे ने 76 घंटे यानिकि 3 दिनों से भी ज्‍यादा के अनशन के बाद लगाई थी। इस दौड़ ने सरकार को भी यह संदेश दे दिया होगा कि अनशन के बावजूद पूरी तरह फिट हैं। सरकार शायद यह सोच रही होगी कि बूढ़े हो चुके अन्‍ना हजारे हफ्ते भर के भीतर ही अनशन तोड़ देंगे। अन्‍ना हजारे ने सरकार को संदेश दे दिया है कि वे उनसे नहीं बल्कि बारिश से डरते हैं। अन्‍ना हजारे की इस दौड़ ने उनके लाखों समर्थकों का भी जोश बढ़ा दिया होगा।

अन्‍ना हजारे के अनशन का यह चौथा दिन है। रामलीला मैदान पर अनशन करने के लिए उन्‍हें 15 दिन की मोहलत मिली है। अन्‍ना ने रामलीला मैदान पर पहुंचते ही ऐलान किया था कि जब तक जनलोकपाल बिल पास नहीं हो जाता है तब तक वे रामलीला मैदान नहीं छोड़ेंगे। इसके अलावा उन्‍होंने यह भी कहा है कि वे 2 सितंबर के बाद भी अपना अनशन जारी रख सकते हैं।

Delhi Police: Anna Hazare: राजघाट पर पुलिस अफसरों के जूते गायब, लौटे नंगे पांव

नई दिल्ली । अन्ना के साथ राजघाट जाना कई पुलिस अधिकारियों को महंगा पड़ गया। गांधी समाधि पर उनके जूते खो गए। हालत यह हुई कि एक एसीपी समेत कई अधिकारियों को यहां से नंगे पांव ही वापस लौटना पड़ा। कई पुलिस वालों को अपने साहब के जूतों को ढूंढ़ते देखा गया।

शुक्रवार दोपहर अन्ना हजारे तिहाड़ जेल से राजघाट स्थित महात्मा गांधी की समाधि पर पहुंचे थे। उस वक्त उनके साथ भारी संख्या में पुलिस के आला अधिकारी मौजूद थे। बताया जाता है कि अन्ना हजारे जब महात्मा गांधी को श्रद्वाजंलि देने के लिए समाधि के अंदर गए तो उनके साथ पुलिस के कई अधिकारी भी अंदर चले गए। समाधि के नजदीक जाने वाले सभी लोगों ने अपने जूते यथास्थान पर उतार दिए।


श्रद्धांजलि देकर पुलिस अधिकारी अन्ना के साथ जब बाहर आए तो उनके जूते गायब थे। यह देखकर पुलिस अधिकारियों के होश उड़ गए। इधर-उधर ढूंढ़ने के बाद जब जूते कहीं नही मिले तो उन्होंने अपने मातहतों को जूते ढूंढ़ने के लिए कहा। इसके बाद कई सिपाही और हवलदारों को साब के जूतों के लिए भाग-दौड़ करते देखा गया। न मिलने पर अधिकारियों ने बिना जूतों के ही वहां से निकलने में अपनी भलाई समझी। बेचारे मन मसोसकर अपनी गाड़ियों में जा बैठे।

लेकिन तब तक अन्ना और उनके समर्थक वहां से रामलीला मैदान की ओर कूंच कर चुके थे। अधिकारियों को अभी आगे भी जाना था इसलिए उन्होंने अपने मातहतों को घर से जूते लाने का आदेश दिया। जूते उन्होंने सीधे रामलीला मैदान ही लेकर पहुंचने के लिए कहा। राजघाट से कई आला अधिकारियों के जूते चोरी होने की बात पता चलने पर वहां मौजूद पुलिस के दूसरे अधिकारियों ने वहां डयूटी बजा रहे पुलिस वालों से इस बारे में पूछताछ की। आखिर घर से जूते आने के बाद ही ये पुलिस अधिकारी दोबारा मैदान में पहुंच पाए। हैरान कर देने वाली बात यह है कि आखिर पुलिस अधिकारियों के लाल जूतों पर किसने हाथ साफ किया।

Delhi Police: Anna Hazare: टीम अन्‍ना का वार- लालू,अमर जैसे नेता बनाएंगे भ्रष्‍टाचार के खिलाफ कानून

नई दिल्‍ली. मजबूत लोकपाल के लिए पांच दिन से अनशन कर रहे अन्‍ना हजारे और उनकी टीम ने शनिवार को तेवर और कड़े कर लिए। हजारे ने जहां मंगलवार को सरकार से संसद में जन लोकपाल बिल पेश करने की मांग रखी, वहीं टीम अन्ना ने समर्थकों से अपील की कि जनता अपने-अपने सांसद के घर के बाहर धरना दे।

स्थायी समिति के अध्यक्ष और कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि स्थायी समिति मिनी संसद है, जहां फैसले बहुमत से होते हैं। लेकिन अरविंद केजरीवाल ने निशाना साधते हुए कहा कि भ्रष्‍टाचार के खिलाफ अच्‍छा कानून बनाने वाली समिति में लालू प्रसाद और अमर सिंह सदस्‍य हैं। ये लोग भ्रष्‍टाचार के खिलाफ कानून बनाएंगे, क्‍योंकि इन्‍हें काफी अनुभव है। संसदीय कार्य मंत्री राजीव शुक्ला ने कहा है कि इस आंदोलन का भगवान ही मालिक है।


हजारे के अनशन के पांचवें दिन सरकार और टीम अन्ना के बीच तनातनी बढ़ती दिख रही है। टीम अन्‍ना के कड़े तेवरों पर सरकार ने भी वार किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी. नारायणसामी ने कहा है कि टीम अन्ना अपनी हद में रहे। संसद की स्थायी समिति की तरफ से अखबारों में विज्ञापन देकर लोकपाल बिल पर लोगों और संस्थाओं से राय मांगी गई है। टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने इसे समय की बर्बादी बता दिया। इसी पर सामी ने कहा कि अरविंद का बयान स्थायी समिति के सदस्यों के विशेषाधिकार का हनन है। सामी ने कहा कि टीम अन्ना पर ऐसे बयान के लिए अवमानना का मामला भी बन सकता है।

संसद की स्थायी समिति ने लोगों और संस्थाओं से लोकपाल विधेयक पर अख़बारों में विज्ञापन देकर सुझाव मांगा है। विज्ञापन के मुताबिक लोग 4 सितंबर तक अपने सुझाव भेज सकते हैं। लोकपाल मुद्दे पर समिति की अगली बैठक 4 सितंबर को होगी। गौरतलब है कि सरकार ने भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए लोकपाल बिल लोकसभा में मौजूदा मॉनसून सत्र में ही पेश किया था। यह बिल अब स्थायी समिति के सामने है।

अन्ना के सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने कहा कि स्थायी समिति की सुझाव मांगने की कवायद सिर्फ वक्त की बर्बादी है। उनका कहना है कि सरकारी लोकपाल बिल को पूरी तरह से बदलना होगा, इसमें सुधार या संशोधन की गुंजाइश नहीं है। वरुण गांधी द्वारा जनलोकपाल बिल को प्राइवेट मेंबर्स बिल के तौर पर संसद में पेश किए जाने की संभावना पर केजरीवाल ने कहा कि प्राइवेट मेंबर बिल से मुझे बहुत ज़्यादा उम्मीद नहीं है। अरविंद के मुताबिक इससे सिर्फ सदन का ध्यान किसी लोकहित के मुद्दे की तरफ आकर्षित भर कराया जा सकता है। उन्हें इस कोशिश से बहुत उम्मीद नहीं है। गौरतलब है कि 1968 के बाद आज तक कोई भी प्राइवेट मेंबर बिल संसद में पास नहीं हुआ है।
इससे पहले शनिवार को अन्ना ने एक बार फिर अपना संकल्प दोहराया कि जब तक लोकपाल पास नहीं हो जाता, वे लड़ते रहेंगे। उन्होंने कहा कि मेरा वजन साढ़े तीन किलो कम हुआ है। थोड़ी कमजोरी है, लेकिन संघर्ष जारी रहेगा। अपने विरोधियों पर फिर तीखा हमला करते हुए उन्होंने कहा कि देश को सिर्फ दुश्मनों से नहीं बल्कि गद्दारों से भी खतरा है।

Delhi Police: Anna Hazare: रामलीला मैदान में अजब लीला: कट गई पूर्व आईपीएस अधिकारी किरण बेदी की जेब

नई दिल्ली.अन्ना हजारे के साथ भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाने वाली सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. किरण बेदी का खुद शनिवार को भ्रष्टाचार से सामना हो गया।

दरअसल, इसे विडंबना ही कहा जाएगा कि रामलीला मैदान में जनलोकपाल की मांग को लेकर डटे अन्ना हजारे के अनशन का इंतजाम देख रहीं किरण बेदी की जेब कट गई। इसकी पुष्टि खुद किरण बेदी ने की है। बेदी के मुताबिक उनके पर्स में कुछ नकद पैसे और काग़ज़ थे।

Delhi Police: Anna Hazare: बाबा रामदेव के आंदोलन को कुचलने वाली दिल्ली पुलिस अन्ना के आंदोलन में खड़ी है निहत्थे

नई दिल्ली. जगह भी वही, मुद्दा भी वही, बस फर्क है तो सिर्फ जनाब (पुलिस) के रवैये का। जी हां, यह वही रामलीला मैदान है, जहां चार जून की रात को भ्रष्टाचार व कालेधन के खिलाफ आवाज उठा रहे बाबा रामदेव के अनशन को पुलिस ने कुचल दिया था। इसे अन्नागीरी कहें या फिर पुलिस पर नरमी बरतने को लेकर बढ़ा दबाव। रामलीला मैदान में कभी गर्म नजर आ रही पुलिस अब एकदम कूल खड़ी सारा नजारा देख रही है। पुलिसिया रवैये में आई नरमी का जीता जागता उदाहरण है बगैर लाठी डंडों के न सिर्फ भीड़ पर काबू करना, बल्कि सुरक्षा इंतजामों पर भी नजर बनाए रखना। अनशन में शामिल होने आ रहे लोगों के साथ पुलिस सभ्यता से पेश आ रही है। इसके चलते लोग भी पुलिस के साथ पूरा सहयोग कर रहे हैं।


पुलिस व अनशनकारियों के बीच आपसी तालमेल भी देखने को मिल रहा है। शुक्रवार सुबह ही नॉर्दन रेंज के संयुक्त आयुक्त सुधीर यादव सुरक्षा इंतजामों का जायजा लेने खुद रामलीला मैदान पहुंचे। उनके साथ मध्य जिला पुलिस उपायुक्त विवेक किशोर व अन्य पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे। जैसे ही अन्ना तिहाड़ जेल से बाहर निकले और रामलीला मैदान की ओर काफिले के साथ बढ़े तो उनकी सुरक्षा के लिए पुलिस की 50 विशेष टीमें भी साथ चल पड़ीं। इधर, मैदान के अंदर व बाहर चार हजार से ज्यादा की संख्या में पुलिस व अर्धसैनिक बलों के सुरक्षा कर्मी तैनात थे। इसके अलावा, सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं। रामलीला मैदान में सुबह से ही अन्ना समर्थकों का पहुंचना भी शुरू हो गया था। मैदान की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों को साफ शब्दों में समझा दिया गया था कि कोई भी किसी के साथ गलत व्यवहार नहीं करेगा। यही कारण है कि भारी संख्या में महिला पुलिस कर्मियों को भी तैनात किया गया। दोपहर लगभग ढाई बजे जैसे ही अन्ना राम लीला मैदान पहुंचे, वैसे ही वहां मौजूद समर्थकों का जोश दोगुना हो गया। लोग नारे लगाने लगे-पुलिस जब वर्दी खोलेगी तो अन्ना की बोली बोलेगी, ये अंदर की बात है पुलिस हमारे साथ है।


पुलिस कर्मी भी इन नारों को सुनकर मंद-मंद मुस्कराते दिखे। एंट्री गेट पर तैनात पुलिस कर्मी शालीनता से लोगों की तलाशी ले रहे थे। लोग भी पुलिस के इस रवैये से बेहद सहज रहे और उन्होंने भी अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए मैदान के बाहर व अंदर सुरक्षा तथा यातायात सुचारु रखने में पुलिस का सहयोग किया। इन पुलिस कर्मियों में अधिकतर पुलिस कर्मी ऐसे थे, जो बाबा रामदेव के अनशन में भी तैनात रहे थे। दबी जुबान में उनका कहना था कि दोनों ही अनशन में आला अधिकारियों का रुख काफी अलग है। साथ ही आने वाले लोगों में भी काफी फर्क है। पुलिस के एक आला अधिकारी ने ऑफ रिकॉर्ड बताया कि रामदेव और अन्ना हजारे के अनशन में सरकार का रवैया काफी भिन्न रहा है। जहां सरकार ने बाबा रामदेव पर अपना दबाव कायम कर लिया था, वहीं अन्ना हजारे के मामले में सरकार की सारी चालें उलटी पड़ गईं। सरकार को इस तरह बैकफुट देख पुलिस भी बेहद संयम बरत रही है और अब अपने सिर कोई भी इल्जाम लेने के मूड में नहीं है। गौरतलब है कि चार जून की देर रात दिल्ली पुलिस ने बाबा रामदेव के अनशन पर धावा बोलकर जमकर कहर बरपाया था और उस अनशन को आसानी से कुचल डाला था।