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Sunday, January 15, 2012
Police Festivals: Makar Sakrant: Happy Makar Sakrant, Pongal, Bihu..
wishing you all a very happy Makar Sakrant, Pongal, Bihu..
आप सभी को मकर संक्रांति, पोंगल, बीहू और नए वर्ष पर शुभकामनाएं..
POLICE NEWS.
Friday, January 13, 2012
Delhi Police: कालकाजी थाने में तैनात एक लेडी कॉन्स्टेबल ने अपने एसएचओ ब्रह्मपाल राणा पर छेड़छाड़ का इल्जाम लगाया..
साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के कालकाजी थाने में तैनात एक लेडी कॉन्स्टेबल ने अपने एसएचओ ब्रह्मपाल राणा पर छेड़छाड़ का इल्जाम लगाया है। उसने इस बारे में अपनी अडिशनल डीसीपी मेघना यादव के सामने जाकर आपबीती सुनाई और लिखित कंप्लेंट दी। पुलिस कमिश्नर ने विजिलेंस जांच के निर्देश दिए हैं।
यह घटना सोमवार रात कालकाजी पुलिस स्टेशन में हुई। कालकाजी थाने में तैनात नवनियुक्त लेडी कॉन्स्टेबल रात में ड्यूटी पर थी। एसएचओ राणा अपने रेस्ट रूम में थे। लेडी कॉन्स्टेबल के मुताबिक , एसएचओ ने उसे बहाने से अंदर बुलाया और छेड़छाड़ की। किसी तरह बचकर वह बाहर निकली। पुलिस सूत्रों के मुताबिक , वह बदहवास हालत में बाहर आई थी। अगले दिन वह अडिशनल डीसीपी ( साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट ) मेघना यादव से मिली। लेडी कॉन्स्टेबल ने अडिशनल डीसीपी के सामने इस घटना के बारे में बताया। मेघना यादव ने लेडी कॉन्स्टेबल से लिखित कंप्लेंट देने के लिए कहा। कंप्लेंट मिलते ही अडिशनल डीसीपी ने लेडी कॉन्स्टेबल का ट्रांसफर कालकाजी पुलिस स्टेशन से साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट के दूसरे थाने में कर दिया। लड़की ने तुरंत दूसरे थाने में जॉइन भी कर लिया।
अडिशनल पुलिस कमिश्नर ( साउथ ईस्ट ) अजय चौधरी ने लेडी कॉन्स्टेबल की कंप्लेंट पुलिस कमिश्नर बी . के . गुप्ता और सदर्न रेंज के जॉइंट पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक को भेज दी। यह कंप्लेंट पुलिस हेडक्वॉर्टर में बुधवार शाम पहुंची। पुलिस मुख्यालय के विश्वस्त अधिकारियों के मुताबिक , पुलिस कमिश्नर ने जॉइंट कमिश्नर अमूल्य पटनायक से भी घटना की जानकारी ली। कंप्लेंट की गंभीरता और वर्कप्लेस पर महिलाओं को यौन उत्पीड़न से बचाने के बारे में सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मद्देनजर इस कंप्लेंट की जांच विजिलेंस से कराने का फैसला किया गया है। साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट में इस घटना की जबर्दस्त चर्चा है। अडिशनल कमिश्नर अजय चौधरी ने बताया कि इस कंप्लेंट की जांच मेघना यादव की देखरेख में डिस्ट्रिक्ट विजिलेंस से कराई जाएगी।
एसएचओ ब्रह्मपाल राणा 1982 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए थे , जबकि शिकायतकर्ता लेडी कॉन्स्टेबल नवनियुक्त है। राणा कालकाजी में पौने तीन साल से एसएचओ हैं। इससे पहले वह ओखला , वसंत विहार आदि थानों में भी एसएचओ रह चुके हैं।
MP Police: Gwaliar: अपने ही पुलिस इंस्पेक्टर को ढूंढ नहीं रही मप्र पुलिस, अब हाईकोर्ट ने लगाई फटकार...
ग्वालियर। हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने प्रदेश के गृह विभाग, चंबल रेंज पुलिस, और धौलपुर देहात थाने के टीआई को आदेश दिया है कि वह विदिशा में पदस्थ भोपाल निवासी लापता एसआई नरेंद्र सिंह बैस को खोजकर दो सप्ताह में न्यायालय के समक्ष पेश करें। न्यायमूर्ति एसके गंगेले और न्यायमूर्ति गिर्राज दास सक्सेना की युगलपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 23 जनवरी को तय की गई है।
लापता एसआई की बेटी नेहा बेस की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका (हेवियस कॉरपस) पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रदेश के गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव और आईजी चंबल रेंज डा. एस डब्ल्यू नकवी और धौलपुर देहात थाना टीआई से जबाव तलब किया है।
उल्लेखनीय है कि पूर्व सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने एसआई की खोज के लिए विशेष अभियान चलाने और प्रतिदिन रिपोर्ट तैयार करने के आदेश दिए थे। उल्लेखनीय है कि अगस्त माह में आगरा से वाहन चोर को पकड़कर लाते समय ट्रक चंबल पुल से नदी में गिर जाने के बाद से एसआई नरेंद्रसिंह बैस गायब हैं।
Bihar Police: Patna: 'सिंघम' लांडे के बाद अब पटना में 'लेडी दबंग'..आईपीएस किम का धमाका, अपराधियों की हालत पतली..
पटना। बिहार में नीतीश कुमार के सुशासन में महिलाओं को काफी तवज्जो मिल रही है। पंचायत चुनावों में जहां बिहार में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। वहीं अब महिला पदाधिकारियों को भी भरपूर जिम्मेदारी दी जा रही है।
ऐसी ही एक महिला पदाधिकारी किम हैं। किम 2008 बैच की आईपीएस हैं, लेकिन उनकी जिम्मेदारी इतनी ज्यादा है कि आप भी कहेंगे कि सच में बिहार विकास की ओर अग्रसर है, और उसमें महिलाओं की काफी भागीदारी है। पटना पूर्वी की एसपी रही किम फिलहाल तीन जिम्मेदारियां एक साथ संभाल रही हैं। जी हां, आपने सही समझा। किम पटना पूर्वी की एसपी हैं। इसके अलावा वे पटना सीटी और ट्रैफिक विभाग के एसपी का दायित्व भी संभाल रही हैं। उल्लेखनीय है कि यह पहली बार है जब किसी महिला आईपीएस के हाथों में पटना सिटी की कमान सौंपी गयी है। किम इसे बखूबी निभा भी रही हैं। यूं कहा जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगी कि इस लेडी दबंग से खौफ खाते हैं अपराधी।
ज्ञात हो कि राज्य सरकार ने पिछले साल पटना में तीन आईपीएस को नियुक्त करने का निर्णय लिया था जिसमें किम (पटना पूर्वी), शिवदीप लांडे (पटना सीटी) औऱ उपेंद्र कुमार सिंह (ट्रैफिक एसपी) को नियुक्त किया गया था। पिछले माह लांडे का तबादला अररिया किए जाने के बाद सीटी एसपी का अतिरिक्त प्रभार किम को दे दिया गया था। तत्पश्चात जमुई में नक्सलियों द्वारा सात लोगों की हत्या किये जाने के बाद वहां के एसपी को हटा ट्रैफिक विभाग के एसपी उपेंद्र को जमुई भेज दिया गया। इसके बाद विभाग ने ट्रैफिक एसपी का का अतिरिक्त दायित्व भी किम को ही सौंप दिया। अपनी जिम्मेदारी को पुलिस अधीक्षक किम बखूबी निभा रही हैं। शिवनाथ लांडे और उपेंद्र का ट्रांसफर किए जाने के बाद भी उनकी कमी को महसूस नहीं होने दे रही हैं।
मूल रूप से उत्तरप्रदेश की रहने वाली आईपीएस किम ने अपनी प्राथमिक शिक्षा लखनऊ से प्राप्त की है। इसके बाद दिल्ली लेडी श्रीराम कॉलेज से ग्रेजुएशन और फिर हिन्दू कॉलेज से पीजी करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से एम.फिल किया। किम को यूपीएससी में 130वां रैंक आया था।
Thursday, January 12, 2012
Orissa Police: Bhubaneshwar: विधायक मर्डर केस में उड़ीसा पुलिस को मिली सफलता, खूनी की पहचान हुई..
BHUBANESWAR: Finally, police have identified Maoist leaders Jane Salem and Satyam Ghabede as the masterminds of murdering the then Umerkote MLA, Jagabandhu Majhi. A Nabarangpur court has issued non-bailable warrants against the Chhattisgarh-based duo and their associates, police sources said on Wednesday.
The warrants followed DGP Manmohan Praharaj's a media statement on January 2 that police had identified Majhi's murderers and have "credible information" against them.
Delhi Police: पूर्व आईपीएस अधिकारी आर के शर्मा के केस को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंची दिल्ली पुलिस, हाईकोर्ट के फैसले पर जताया एतराज..
The Delhi Police filed a petition in the Supreme Court on Wednesday against the Delhi High Court’s decision that acquitted the three accused in the murder of journalist Shivani Bhatnagar due to lack of evidence.
The HC had acquitted former Indian Police Service (IPS) officer RK Sharma and two others giving them the benefit of doubt on 12 October, 2011.
The High Court had upheld the trial court verdict convicting the fourth accused, Pradeep Sharma, but acquitted the other three, including RK Sharma, after the former IPS officer appealed against the lower court’s verdict. The other two people acquitted were Satya Prakash and Sri Bhagwan Sharma. “These are questions which we cannot answer on the basis of the material before us. The quality of evidence before us is not of a high calibre,” the HC had said adding that the call records, the key document, is riddled with so many problems that it could not be relied upon.
The HC also said that the prosecution failed to establish the link between RK Sharma and the killer, and even crucial records relating to the call details were tampered with and could not be relied upon.
Sharma was officer-in-charge of the Prime Minister’s Office (PMO) when the case against him was filed; he put in his papers in 2002.
Saturday, January 7, 2012
Mumbai Police: Interpol Seminar: इंटरनेशनल अपराधियों के लिए कमर कसी मुंबई पुलिस ने, इंस्पेक्टरों को समझाया इंटरपोल के बारे में...
In a first of sorts, the Mumbai police crime branch, in coordination with the Ministry of External Affairs (MEA), Ministry of Home Affairs (MHA) and the Interpol wing of the Central Bureau of Investigation (CBI), organised a one-day Interpol Awareness Programme for its officers at the Police Club in Azad Maidan on Friday.
Himanshu Roy, joint commissioner of police (crime) said that 95 officers from across 93 police stations and all units of the crime branch participated in the exercise. “While the police stations were represented by police inspectors (PIs) and detection officers such as police sub-inspectors (PSIs), the crime branch was represented by PIs,” said Roy.
The seminar was addressed by Arup Patnaik, Mumbai police commissioner; NS Kharayat, assistant director, CBI, Interpol; DK Ghosh, PRO, MEA (CPV Division and Extradition); Amarchand Sharma, under secretary, MEA, among others.
Patnaik said the aim of the programme was to make officers aware of the procedures and guidelines framed by the MHA and MEA in New Delhi for extradition, ways of seeking legal assistance from various countries as per the Mutual Legal Assistance Treaties (MLATs) and extradition treaties.
According to Roy, of late, the Indian police have stepped up their efforts to get fugitive criminals from other countries with help from Interpol. Their requests, in case of crimes involving Indians abroad, too have increased. “In such a situation, we need more people to investigate overseas crimes and prepare the letter rogatories for foreign courts to bring back wanted criminals,” said Roy.
In view of the increase in work, the Mumbai police are contemplating expansion of their extradition cell, said Roy. The cell is currently headed by inspector Salini Sharma, who is aided by two PSIs in the task.
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