Thursday, February 9, 2012

Police Policy: Maharastra Police: पुलिस पोस्टिंग में पॉलिटिकल हस्तक्षेप पर बवाल, Police Establishment Board (PEB) की सिफारिशों को ओवररुल करने का आरोप...

Political interference in posting of police officers may be well-known but in what is unusual even by those standards, Maharashtra Home Minister R R Patil’s office changed postings of 23 of 28 officers who were joining the force after completing their probation. These changes not only overruled the recommendations of the Police Establishment Board (PEB), a high-level panel made of top state officers, many of them were also in violation of rules, information accessed by The Indian Express under the RTI Act shows. The postings were for officers directly recruited as deputy superintendents of police in the Maharashtra Police Service. Like every year, the annual postings proposal of the PEB was sent to the Home Department for approval on July 14, 2011. The proposals recommended postings for 28 officers who were to complete a 15-month probation that month, based on performance reviews, their place of probation and their hometowns. But Patil’s office changed the postings of 23 of those officers. As per service rules, the PEB — which comprises the DGP, the Mumbai Police Commissioner and Additional DGPs for Law and Order and Establishment — posts officers outside the police range in which they have done their probation. In the changes made by the home minister’s office, four officers were placed in the same districts in which they had done their probation. Five of the six officers posted to the Naxal districts of Gadchiroli, Gondhia and Chandrapur had their postings changed, to non-Naxal districts. Only three of those five positions were filled with other officers, including two who had been posted in the same district earlier during probation. This also meant Aheri in Gadchiroli got only one of the two DySPs posted by the PEB while Warora in Chandrapur did not get its new DySP. There is dismay in official circles over such changes, with officers pointing out that first five years of service are critical as they define and mould the candidate. During the initial years, the PEB generally tries to give each candidate a flavour of policing different regions and demographics of the state. The postings are also based on regions which are considered to be training grounds, along with the teaching capability of the superintendent of police of the range where the probationer has to take his or her first independent posting. Each decision is backed by the weekly report of the officer during his or her 15 months’ probation, which comes after nine months’ training in the state police academy. The names of the officers with probation history and corresponding remarks by the PEB are then sent to the Home Department for approval. It is only after the Home Minister approves that officers get the posting concerned.

Wednesday, February 8, 2012

Police Games: अखिल भारतीय पुलिस खेलकूद प्रतियोगिता पटना में, जे एंड के पुलिस टीम सबसे बड़ी...

पटना। अखिल भारतीय पुलिस खेलकूद प्रतियोगिता का आगाज बुधवार को पटना में होगा। मिथिलेश स्टेडियम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उद्घाटन करेंगे। झारखंड समेत 21 राज्यों, दो केंद्र शासित प्रदेश व 6 अर्धसैनिक बलों की कुल 29 टीमें हिस्सा लेंगी। वर्ष 1995 के बाद बिहार मेजबानी कर रहा है। एडीजी, लॉ एंड ऑर्डर व गेम्स पब्लिसिटी कमेटी के प्रमुख एसके भारद्वाज ने बताया कि कुल 1606 प्रतिभागी हिस्सा लेंगे। समापन पांच फरवरी को होगा जिसमें मुख्य अतिथि इंटेलिजेंस ब्यूरो के निदेशक एचएल संधू होंगे। कबड्डी समेत चार खेल प्रतियोगिता में बास्केटबॉल, हैंडबॉल, वॉलीबॉल और कबड्डी खेलों में टीमें भिड़ेंगी। बिहार, झारखंड, जम्मू और कश्मीर जैसे राज्य सभी खेलों में हिस्सा लेंगे। दिल्ली की टीम सिर्फ वॉलीबॉल में भाग लेगी। बिहार की टीम में पेशेवर खिलाड़ी नहीं एडीजी भारद्वाज ने बताया कि बिहार छोड़कर दूसरी टीमों में ऐसे प्रतिभागी हैं जिन्हें खिलाड़ी के रूप में पुलिस या दूसरे बलों में बहाल किया गया है। जबकि बिहार की टीम में ऐसे पुलिसकर्मी हैं जो बहाल होने के बाद खिलाड़ी के रूप में सामने आए। उनका किसी रूप में खेल से जुड़ाव रहा है। डीजीपी ने बताया कि लंबे समय से बहाली नहीं हुई है।
जम्मू व कश्मीर सबसे बड़ी टीम जम्मू और कश्मीर से सबसे ज्यादा 90 प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। जबकि बिहार और झारखंड में प्रत्येक से 67 प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। सबसे कम 17 प्रतिभागी दिल्ली के हैं।

Police Directory: Punjab Police: Muktasar: मुक्तसर जिले की पुलिस टेलिफोन डॉयरेक्टरी...

मुक्तसर त्न जिले के सभी गजटेड पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक में एसएसपी हर्ष कुमार बंसल और पीआरओ पुलिस विभाग जसविन्द्र सिंह ने बताया कि लोग बिना किसी डर के सीधे तौर पर संपर्क कर सकते हैं। हर्ष कुमार बंसल एसएसपी 80543-70001, 01633-263810, नरिंदर पाल सिंह कप्तान पुलिस 80547-70004, नरेश कुमार कप्तान पुलिस (डी) 80543-70002, 01633-263854, जसविन्द्र सिंह उप कप्तान पुलिस (स) 80543-85700, सुरेन्द्र सिंह उप कप्तान पुलिस (डी) 95929-16484, गुरदीप सिंह उप कप्तान पुलिस मुक्तसर 80543-70006, 01633-26268, सुखविंद्र सिंह उप पुलिस मलोट 80543-70007 01637-264501, जगदीश कुमार उप कप्तान पुलिस गिदड़बाहा 97799-25029, 01637-231400, मुख्य अधिकारी थाना सीटी मुक्तसर 97800-03132, 01633-262049, मुख्य थाना सदर मुक्तसर 80543-70020, 01633-262028, मुख्य अधिकारी थाना बरीवाला 80543-89008, 01633-275274, मुख्य अधिकारी थाना लक्खेवाली 80543-70011, 01633-274074, मुख्य अधिकारी थाना सिटी मलोट 80543-70014, 01637-264503, मुख्य अधिकारी थाना सदर मलोट 80543-70015, 01637-264504, मुख्य अधिकारी थाना बरीवाला 80543-70451, 01637-240304, मुख्य अधिकारी थाना गिदड़बाहा 80543-70017, 01637-231401, मुख्य थाना अधिकारी कोटभाई 97800-07393, 01637, 235514, इंचार्ज चौकी पन्नीवाला 80549-40533, इंचार्ज चौकी किलियांवाली 80549-40534, इंचार्ज चौकी भाईकेरा 80543-70024, इंचार्ज सीआईए मुक्तसर 80543-70016, 01633-269404 नंबर पर शिकायत की जा सकती है। इसके अतिरिक्त कंट्रोल रूम में फोन नं. 80543-70100, 01633-263622, 100 फैक्स नंबर 01633-241722, 210679 भी जारी किया गया है।

Rajasthan Police: Bikaner: बीकानेर SP का नया आदेश, चार पुलिस थानों के SHO बदले...

एसपी ने एक आदेश जारी कर जिले के चार पुलिस थानों के एसएचओ बदल दिए हैं।
एसपी राकेश सक्सेना ने आदेश जारी कर सब-इंस्पेक्टर विष्णुदत्त को पुलिस लाइन से सिटी कोतवाली पुलिस थाना एसएचओ, अशोक बिश्नोई को महिला पुलिस थाने से बीछवाल पुलिस थाना एसएचओ, ईश्वरप्रसाद को पुलिस लाइन से छत्तरगढ़ पुलिस थाना एसएचओ व विकास कुमार को पुलिस लाइन से महिला पुलिस थाना एसएचओ लगाया गया है। इसके अलावा श्रीगंगानगर से आए गुरुभूपेन्द्रसिंह को पूगल पुलिस थाना, कोतवाली थाने से अनिल बिश्नोई, छत्तरगढ़ थाने से बलराजसिंह मान व पूगल थाने से विजयदान को पुलिस लाइन में लगाया गया है। सभी एसएचओ को अस्थाई रूप से नियुक्त किया गया है।

Punjab Police: Chandigarh: पंजाब पुलिस के एडीजी मोहम्मद मुस्तफा फिर आए विवादों में, बेटे अकील ने किया जमकर तमाशा..

चंडीगढ़. पंजाब पुलिस के एडीजी मोहम्मद मुस्तफा और पंजाब विधानसभा चुनाव में मलेरकोटला से कांग्रेस उम्मीदवार रजिया सुल्तान के बेटे अकील सेक्टर-39 स्थित सर्किट हाउस में सरकारी ड्यूटी पर तैनात पंजाब पुलिस के कर्मियों से उलझ गए। पंजाब पुलिस की शिकायत पर वीरवार रात 2.19 बजे चंडीगढ़ पुलिस अकील को थाने ले गई, उन्हें सुबह 7 बजे छोड़ा गया। इस दौरान जीएमएसएच-16 में अकील का मेडिकल भी कराया गया। कसूर बस इतना था सर्किट हाउस में तैनात पंजाब पुलिस के मुलाजिमों का कसूर सिर्फ इतना था कि उन्होंने तेज रफ्तार से सर्किट हाउस स्थित अपने आवास में जा रहे अकील की इनोवा गाड़ी को रोक कर उन्हें तेज रफ्तार से गाड़ी न चलाने को कहा था। हालात इस कदर बेकाबू हुए कि मुलाजिमों को चंडीगढ़ पुलिस बुलानी पड़ी। मसला अपनी ही फोर्स के अफसर के बेटे का था, इसलिए पंजाब पुलिस के मुलाजिम भी नरम पड़ गए और अकील के खिलाफ कानूनी कार्रवाई से मना कर दिया। हालांकि चंडीगढ़ पुलिस ने थाना-39 में डीडीआर नंबर 80 दर्ज जरूर कर ली है। डीडीआर में अकील पर 107/150 की कार्रवाई करने की सिफारिश की गई है।
रात को बीता घटनाक्रम वीरवार रात 2.19 मिनट पर जब अकील इनोवा गाड़ी में तेज रफ्तार से सर्किट हाउस में आने लगे तो गेट पर तैनात पंजाब पुलिस के एएसआई केवल कृष्ण, कांस्टेबल अमित सिंह ने उन्हें रोका और पूछताछ की। सूत्रों के मुताबिक इस पर अकील की कर्मियों से बहस हो गई। विवाद बढ़ा तो एएसआई केवल कृष्ण ने चंडीगढ़ पुलिस के कंट्रोलरूम को फोन किया और अकील की शिकायत की। मौके पर पीसीआर की जिप्सी पहुंची वहीं सेक्टर-39 थाना से एसआई ओमप्रकाश भी आए और विवाद सुलझाने की कोशिश की। विवाद नहीं थमा तो अकील को थाना-39 ले जाया गया। यहां उनके खिलाफ रपट दर्ज की गई और अस्पताल में मेडिकल कराया गया। अकील को थाने में ही रखा गया। सुबह 7 बजे पुलिस मुलाजिमों ने अपने अफसरों से बात की तो मामला ठंडा कर दिया गया। कर्मियों ने लिखित बयान दिए कि वे कानूनी कार्रवाई नहीं चाहते। अकील इससे पहले 6 जुलाई 2008 को भी अकील इसी अंदाज में चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस के मुलाजिमों से भिड़े थे। अकील को पंजाब पुलिस मुलाजिमों की शिकायत पर पकड़ा गया, उनका मेडिकल कराया गया। लेकिन पंजाब पुलिस कर्मियों ने कार्रवाई कराने से मना कर दिया। इसके चलते कोई केस दर्ज नहीं किया गया। हमने डीडीआर दर्ज की है और अफसरों की मंजूरी के बाद जल्द कलंदरा दर्ज किया जाएगा। -ओमप्रकाश, जांच अधिकारी, थाना सेक्टर-39

MP Police: Ujjain: महाकाल की नगरी में हुआ चमत्कार, पुलिस कांस्टेबल के 767 पद के लिए आए 42 हजार आवेदन..

उज्जैन। 767 पदों के लिए हो रही पुलिस भर्ती के दो चरण पूर्ण हो गए। शारीरिक क्षमता परीक्षण के बाद 9 हजार युवक लिखित परीक्षा के लिए चयनित हुए। आईजी उपेंद्र जैन ने बताया 767 पदों के लिए पुलिस भर्ती में 42 हजार आवेदन आए थे। प्रथम चरण के शारीरिक परीक्षण के बाद 31 हजार युवक योग्य निकले थे। द्वितीय चरण के शारीरिक परीक्षण में 9 हजार युवक ही लिखित परीक्षा के लिए योग्य हुए हैं। इन चयनित युवकों की परीक्षा 12 फरवरी को पुलिस लाइन उज्जैन में ही होगी। इसमें से चयनित युवकों को साक्षात्कार के बाद पुलिस के लिए चयन हो पाएगा। एक नजर पद 767 आवेदक 42000 शा.परीक्षण में चयन 31 हजार शा.क्षमता में योग्य 9 हजार

CG Police: Raigarh: छत्तीसगढ़ में ट्रैफिक पुलिस का नया तरीका, शहर में की गांधीगिरी..

आम तौर पर पुलिस जवानों की छवि हाथों में डंडा थामे कड़क मिजाज की ही है, जब उन्हें हाथ जोड़़कर अनुनय-विनय करते देखा जाए, तो इसे गांधीगीरी ही कहा जाएगा। यह सब शहर की बिगड़ती ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर की जा रही है। जैसा भी हो, ऐसे में ही सही, यदि यहां की ट्रैफिक दुरुस्त हो जाए, तो शहरवासियों के साथ पुलिस को भी राहत मिलेगी। शहर की यातायात व्यवस्था काफी खराब है। अव्यवस्थित यातायात के कारण शहर के विभिन्न स्थानों में थोड़े-थोड़े समय में जाम लग जाता है। इसके कारण लोगों को काफी हलाकान होना पड़ता है। हालांकि पुलिस ने इसे दुरुस्त करने के लिए पिछले दिनों स त रूख अपनाया था और वाहन चालकों के खिलाफ अभियान चलाया था। ट्रैफिक डीएसपी एपी लदेर के नेतृत्व में ढिमरापुर क्षेत्र की सड़क पर खड़े भारी वाहनों पर पहले कार्रवाई की गई थी। यहां सड़क किनारे रखे वाहनों को जब्त किया गया था। उसके बाद पुलिस ने शहर के भीतर भी दुकानों के बाहर सामान रखने वाले व्यवसायियों पर कार्रवाई की थी। इसमें निगम की टीम को भी शामिल किया गया था। हालांकि इससे कुछ दिनों तक यातायात की स्थिति ठीक रही। बाद में स्थिति फिर जस की तस हो गई। मौजूदा समय में लोगों को फिर से यातायात की समस्या का सामना करना पड़ रहा है। अब इसे सुधारने के लिए नए सिरे से प्रयास किया जा रहा है। मंगलवार को एसपी डा. आनंद छाबड़ा ने पैदल भ्रमण करते हुए शहर की ट्रैफिक का जायजा लिया। इसके बाद जो समस्याएं आईं, उसे दूर करने के लिए लोगों को समझाइश देते हुए इसमें सुधार करने के निर्देश दिए। लिहाजा बुधवार को पुलिस जवानों की अलग-अलग टीम गांधीगीरी करते नजर आई। जवान शहर के विभिन्न क्षेत्रों में नियमों के विपरीत सड़क पर वाहन खड़े करने वालों को हाथ जोड़कर ट्रैफिक नियम का पालन करने का आग्रह कर रहे थे।