फरीदाबाद, जागरण संवाद केंद्र
एएसआई ओमप्रकाश की हत्या कर बच्चू डकैत को छुड़ाने के मुख्य आरोपी नितिन व उसके एक साथी को पुलिस की अपराध शाखा, पलवल ने मुठभेड़ में मार गिराया। इस दौरान एक अन्य बदमाश मौका पाकर खेतों की तरफ भाग गया। उसकी तलाश में पलवल और होडल पुलिस के करीब सौ जवान कांबिंग कर रहे हैं। यह मुठभेड़ रविवार रात करीब आठ बजे के आसपास उस समय हुई जब पलवल सीआईए के इंचार्ज हंसराज दहिया होडल सीआईए के साथ उझीना ड्रेन पर सामूहिक गश्त कर रहे थे।
बताते हैं कि इस दौरान पुलिस को उझीना ड्रेन की तरफ दो अलग-अलग मोटरसाइकिलों पर तीन लोग आते नजर आए। पुलिस जिप्सी को देखकर तीनों ने मोटरसाइकिल वापस मोड़ते हुए तेज रफ्तार से भगानी शुरू कर दी। जब पुलिस की जिप्सी ने पीछा किया तो मोटरसाइकिल पर पीछे बैठे एक व्यक्ति ने फायर करना शुरू कर दिया। इस पर उन्होंने भी जवाबी फायरिंग शुरू कर दी। मुठभेड़ में सीआईए पलवल इंचार्ज हंसराज दहिया और होडल सीआईए में तैनात हवलदार तेजबीर बदमाशों की गोलीबारी में बाल-बाल बच गए। वहीं, पुलिस की तरफ से गोलीबारी होता देख बदमाशों ने भी उझीना ड्रेन के पास ही मोर्चा संभाल लिया। पुलिस फायरिंग में दो बदमाश ढेर हो गए जबकि एक बदमाश मौका पाकर खेतों की तरफ भाग गया। इस घटना की सूचना मिलते ही पलवल के जिला पुलिस अधीक्षक अनिल धवन, डीएसपी नरेंद्र कादियान समेत तमाम अधिकारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। बदमाशों के पास दो देशी तमंचे बरामद हुए हैं। फरार हुए तीसरे बदमाश की तलाश में पूरे क्षेत्र में कांबिंग चल रही है। जगह-जगह नाकेबंदी की जा चुकी है।
पुलिस अधीक्षक अनिल धवन ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि मुठभेड़ में मारे गए बदमाशों का नाम नितिन पंडित निवासी गांव बहीन और जगनी निवासी गांव हथाना, कोसी है। नितिन और जगनी दोनों वही बदमाश हैं, जो 21 फरवरी को डबचिक पर्यटन स्थल के निकट एएसआई ओमप्रकाश की गोली मारकर हत्या करने के बादमथुरा के खर्रोट गांव निवासी बच्चू डकैत को पुलिस हिरासत से छुड़ा ले गए थे। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुलिसकर्मियों के अनुसार फरार हुआ तीसरा बदमाश बच्चू डकैत का भाई रणधीर है। हालांकि, इस बात की पुष्टि तभी हो सकेगी जब वह पुलिस के हत्थे चढ़ेगा। उन्होंने बताया कि नितिन और जगनी ने पलवल के सर्राफा व्यवसायी महेश मंगला से पिछले दिनों रंगदारी मांगी थी। दोनों ने दो बार उस पर जानलेवा हमला भी किया था। तीनों रविवार को रंगदारी वसूलने के लिए ही पलवल आ रहे थे।
courtesy- yahoo
एएसआई ओमप्रकाश की हत्या कर बच्चू डकैत को छुड़ाने के मुख्य आरोपी नितिन व उसके एक साथी को पुलिस की अपराध शाखा, पलवल ने मुठभेड़ में मार गिराया। इस दौरान एक अन्य बदमाश मौका पाकर खेतों की तरफ भाग गया। उसकी तलाश में पलवल और होडल पुलिस के करीब सौ जवान कांबिंग कर रहे हैं। यह मुठभेड़ रविवार रात करीब आठ बजे के आसपास उस समय हुई जब पलवल सीआईए के इंचार्ज हंसराज दहिया होडल सीआईए के साथ उझीना ड्रेन पर सामूहिक गश्त कर रहे थे।
बताते हैं कि इस दौरान पुलिस को उझीना ड्रेन की तरफ दो अलग-अलग मोटरसाइकिलों पर तीन लोग आते नजर आए। पुलिस जिप्सी को देखकर तीनों ने मोटरसाइकिल वापस मोड़ते हुए तेज रफ्तार से भगानी शुरू कर दी। जब पुलिस की जिप्सी ने पीछा किया तो मोटरसाइकिल पर पीछे बैठे एक व्यक्ति ने फायर करना शुरू कर दिया। इस पर उन्होंने भी जवाबी फायरिंग शुरू कर दी। मुठभेड़ में सीआईए पलवल इंचार्ज हंसराज दहिया और होडल सीआईए में तैनात हवलदार तेजबीर बदमाशों की गोलीबारी में बाल-बाल बच गए। वहीं, पुलिस की तरफ से गोलीबारी होता देख बदमाशों ने भी उझीना ड्रेन के पास ही मोर्चा संभाल लिया। पुलिस फायरिंग में दो बदमाश ढेर हो गए जबकि एक बदमाश मौका पाकर खेतों की तरफ भाग गया। इस घटना की सूचना मिलते ही पलवल के जिला पुलिस अधीक्षक अनिल धवन, डीएसपी नरेंद्र कादियान समेत तमाम अधिकारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए। बदमाशों के पास दो देशी तमंचे बरामद हुए हैं। फरार हुए तीसरे बदमाश की तलाश में पूरे क्षेत्र में कांबिंग चल रही है। जगह-जगह नाकेबंदी की जा चुकी है।
पुलिस अधीक्षक अनिल धवन ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि मुठभेड़ में मारे गए बदमाशों का नाम नितिन पंडित निवासी गांव बहीन और जगनी निवासी गांव हथाना, कोसी है। नितिन और जगनी दोनों वही बदमाश हैं, जो 21 फरवरी को डबचिक पर्यटन स्थल के निकट एएसआई ओमप्रकाश की गोली मारकर हत्या करने के बादमथुरा के खर्रोट गांव निवासी बच्चू डकैत को पुलिस हिरासत से छुड़ा ले गए थे। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुलिसकर्मियों के अनुसार फरार हुआ तीसरा बदमाश बच्चू डकैत का भाई रणधीर है। हालांकि, इस बात की पुष्टि तभी हो सकेगी जब वह पुलिस के हत्थे चढ़ेगा। उन्होंने बताया कि नितिन और जगनी ने पलवल के सर्राफा व्यवसायी महेश मंगला से पिछले दिनों रंगदारी मांगी थी। दोनों ने दो बार उस पर जानलेवा हमला भी किया था। तीनों रविवार को रंगदारी वसूलने के लिए ही पलवल आ रहे थे।
courtesy- yahoo
No comments:
Post a Comment