दिल्ली के रामलीला मैदान में कालेधन के खिलाफ धरने में योगगुरु बाबा रामदेव तथा उनके समर्थकों पर आधी रात को किए गए लाठी चार्ज और आंसूगैस के इस्तेमाल पर सुप्रीम कोर्ट ने फिर दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा है।
कोर्ट ने कहा कि पुलिस ने लाठीचार्ज से इनकार किया है लेकिन चित्रों से पता चलता है कि पुलिस उपायुक्त की मौजूदगी में पुलिस यह कार्रवाई कर रही है। कोर्ट ने कहा कि पुलिस बताए आधी रात को सोते हुए लोगों पर ऐसी सख्त कार्रवाई करने की क्या जरूरत पड़ गई थीं।
सुनवाई के दौरान स्वामी रामदेव की तरफ से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने अनुरोध किया कि इस मामले में गृहमंत्री पी. चिदंबरम से स्पष्टीकरण मांगा जाना चाहिए क्योंकि उनके निर्देश पर ही पुलिस ने यह कार्रवाई की है। लेकिन जस्टिस बी.एस. चौहान और स्वतंतर कुमार की पीठ ने कहा कि 4 जून की घटना के बारे में दिल्ली पुलिस की प्रतिक्रिया मिल जाने के बाद ही इस आग्रह पर विचार होगा। पीठ मामले की अगली सुनवाई 25 जुलाई को करेगी। कोर्ट ने कहा कि पुलिस धरनास्थल में लगे सीसीटीवी कैमरों की डीवीडी भी तैयार रखे। जरूरत पड़ने पर उन्हें मीडिया के फुटेज से मिलाया जा सकता है।
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