Tuesday, September 6, 2011

MP Police:Bhopal: Sehla Masood Murder Case: सीबीआई के रिक्रिएशन से खुली भोपाल पुलिस की पोल, खूनी सबूतों की तलाश जारी..

भोपाल। तारीख- 5 सितंबर। दिन- सोमवार। कोहेफिजा की बीडीए कॉलोनी का मकान नंबर ए-100। घर के सामने खड़ी सेंट्रो कार में सवार युवती को बालकनी से देखती उसकी मौसी। अचानक युवती के पिता घर से निकलते हैं और अचेत हालत में पड़ी बेटी के चेहरे पर पानी के छींटे मारकर उसे होश में लाने की कोशिश करते हैं, लेकिन युवती की तो सांसें थम चुकी थीं।

इसके बाद युवती का भाई आता है, जो उसे ड्राइविंग सीट से उठाकर बाजू वाली सीट पर बिठाता है। यही दृश्य 16 अगस्त को भी था, जब सामाजिक कार्यकर्ता शेहला मसूद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। रिक्रिएशन में शामिल सभी पात्र असली थे, सिवाय शेहला के। शेहला की जगह महिला कॉन्स्टेबल को बिठाया गया था।

वारदात के रिक्रिएशन से सीबीआई यह अनुमान लगा रही है कि शेहला का कातिल कार के पीछे छुपा था। उसने करीब से शेहला को गोली मारी। जिस समय यह हादसा हुआ शेहला ड्राइविंग सीट पर थी। सीबीआई खुदकुशी की आशंका से भी इनकार नहीं कर रही है। इस रिक्रिएशन के लिए सीबीआई की दिल्ली से सेंट्रल फॉरेंसिक लैब के विशेषज्ञों की छह सदस्यीय टीम आई थी।

सीबीआई भोपाल के डीआईजी हेमंत प्रियदर्शी, एसपी यतींद्र कोयल, डीएसपी भारतेंदु शर्मा, इंस्पेक्टर मुकेश तिवारी के साथ कोहेफिजा थाने के टीआई डीएस तोमर आदि भी यहां टीम की मदद के लिए मौजूद थे। रिक्रिएशन के बाद कार की पड़ताल में मैट के नीचे से चेन का पैंडल और कुछ फाइलें मिलीं। सीबीआई ने कार की सीट को भी खोल लिया। इस पर आश्चर्य व्यक्त किया जा रहा है कि भोपाल पुलिस को ये पैंडल व फाइलें क्यों नहीं मिलीं।

एक हफ्ते में आ सकती है रिपोर्ट
सीबीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रिक्रिएशन के बाद विशेषज्ञों की टीम समूह में बैठ कर चर्चा करेगी। रिक्रिएशन के वीडियो फुटेज और फोटो का घटना के तुरंत बाद लिए गए फोटो से मिलान किया जाएगा। यह रिक्रिएशन घटना के संदर्भ में अलग-अलग व्यक्तियों की जांच में काफी मददगार साबित होता है।

घर के सामने 3 घंटे चली पड़ताल
सुबह 11 बजे- सीबीआई और भोपाल पुलिस के अधिकारी कोहेफिजा स्थित शेहला के घर पहुंचे।
11:35- प्रारंभिक तैयारियों के बाद शेहला की सेंट्रो कार को क्रेन से मौके पर लाया गया।
11:40- सीबीआई के अधिकारी और दिल्ली से आई टीम इनोवा कार से मौके पर पहुंची।
दोपहर 12- कार को 16 अगस्त वाली स्थिति में खड़ा किया गया। इसके लिए पुलिस द्वारा लिए गए फोटो और परिजन से की गई बातचीत का सहारा लिया गया।
12:10- मेडिकोलीगल एक्सपर्ट डॉ. डीएस बड़कुल स्पॉट पर आए।
12:45- शेहला की मौसी से बातचीत और फोटो के आधार पर घर के बगीचे में लगे पेड़ की छंटाई कर 16 अगस्त की स्थिति में लाया गया।
12:50- महिला पुलिसकर्मी चंदा को शेहला के स्थान पर बैठा कर पहले मौसी को बालकनी से दिखाया गया। फिर पिताजी ने पड़ोस के मकान से अंजुली में पानी भर कर उसके ऊपर डाला। इसके बाद शेहला के स्थान एक पुरुष पुलिसकर्मी को बैठाया गया। उसे शेहला के भाई ने उठा कर बगल की सीट पर बिठाया।
(इसके बाद परिजनों के साथ टीम के कुछ सदस्य घर के भीतर चले गए। टीम के दूसरे सदस्यों ने बालकनी से कार की दूरी और अन्य मेजरमेंट दर्ज किए। बालकनी के जिन दो स्पॉट्स से शेहला की मौसी ने उसे देखा था, वे 19 और 21 फीट की दूरी पर थे।)
1:20- कार की डिक्की को खोला गया और मैट की भी तलाशी ली गई, जिसके नीचे से चेन का लॉकेट मिला। डिक्की में कुछ फाइलें भी मिलीं।
1:55- शेहला के स्थान पर पुरुष पुलिसकर्मी को बैठाया गया। टीम के ही एक सदस्य ने तीन बार कार के पीछे से आकर उसे गोली मारी। एक बार शेहला ने खुद को भी गोली मारी।

भोपाल पुलिस को क्यों नहीं मिला पैंडल
सीबीआई के इस रिक्रिएशन में भोपाल पुलिस की लापरवाही भी उजागर हुई। शेहला की कार से सीबीआई ने न केवल एक फाइल बल्कि पैंडल भी जब्त किया है। आखिर यह दोनों चीजें भोपाल पुलिस को क्यों नहीं दिखीं? इसके अलावा घटना के अगले दिन भोपाल पुलिस ने भी घटना का रिक्रिएशन किया था, लेकिन उसमें न तो कार की लोकेशन का ध्यान रखा गया था और न इस बात का कि परिवार का कौन सा सदस्य घटना के समय कहां मौजूद था? सीबीआई ने तो गैलरी में मौजूद मौसी की हाइट से शेहला के कार में बैठने तक की दूरी के नाप सहित अन्य छोटी-छोटी बातें भी नोट कीं।

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