Wednesday, September 21, 2011

Police Health: मेडिटेशन तनाव को दूर रखने का अच्छा तरीका, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट...

सेहत विशेषज्ञ और विभिन्न शोध दर्शाते हैं कि मेडिटेशन तनाव को दूर रखने का अच्छा तरीका है। इससे एकाग्रता बढ़ती है और रक्त संचार नियमित होता है। व्यक्तित्व विकास और आत्मविश्वास की ओर ले जाने वाले विभिन्न मेडिटेशन और इनसे जुड़ी तकनीक पर एक नजर:


विकास की तेज दौड़ का एक नुकसान बढ़ते हुए अवसाद और तनाव के रूप में देखने को मिल रहा है। इस जुलाई में बीएमसी मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार फ्रांस और अमेरिका जैसे विकसित देशों में अवसादग्रस्त व्यक्तियों का प्रतिशत सबसे अधिक (करीब 30) है। इंडियन साइकाइट्रिक सोसायटी के उपाध्यक्ष रॉय अब्राहम के अनुसार, अवसाद के दो कारण हो सकते हैं, जैविक और अजैविक। यदि अवसाद की वजह जैविक कारण है तो इसका उपचार दवा के जरिए करने की जरूरत होती है, पर अजैविक कारणों से हुए अवसाद को उचित काउंसलिंग, योग और ध्यान के जरिए दूर किया जा सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के एक अध्ययन में 18 देशों, जिनमें भारत भी शामिल है, की सामाजिक परिस्थितियों और अवसाद की स्थिति में तुलनात्मक अध्ययन पेश किया गया है, जिसमें करीबन 89 हजार लोग शामिल थे।


डॉ. रॉय अब्राहम के अनुसार भारत में बढ़ता तनाव और कुंठा, घटता सामाजिक सहयोग और धैर्य अवसाद के प्रमुख कारण हैं। अध्ययन के अनुसार ऐसे लोग जो गंभीर रूप से अवसाद से पीड़ित हैं, उनकी संख्या तुलनात्मक रूप से भारत में सबसे अधिक (36 प्रतिशत) है, पर अवसाद ही एकमात्र ऐसा रोग नहीं, जो भारतीयों को खा रहा हो। एसोचैम के वर्ष 2006 के बिजनेस बैरोमीटर सर्वे में 270 अधिकारियों को शामिल किया गया। इसमें से 66 प्रतिशत ने माना कि वे तनाव में हैं और 70 प्रतिशत ने स्वयं को मानसिक दबाव में बताया।
लंबे समय तक तनाव की अधिकता स्ट्रैस हॉर्मोन की संख्या बढ़ा देती है, जिससे प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है और शरीर के विभिन्न संक्रमण और कुछ खास तरह के कैंसर की चपेट में आने की आशंका भी बढ़ जाती है। लंबे समय तक स्थायी रूप से तनाव का बने रहना भी हमें हृदय और श्वसन संबंधी रोगों की ओर धकेल देता है।
विभिन्न संगठनों और डब्ल्यूएचओ और एसोचैम सहित विभिन्न संस्थाओं के सर्वे के अनुसार मेडिटेशन और डीप ब्रीदिंग व्यायाम, तनाव से दूर रखने या उसे नियंत्रित रखने में मददगार होते हैं। इससे चित्त को एकाग्र करने की क्षमता बढ़ती है, हृदय गति कम होती है और रक्त संचार भी नियमित होता है। ऐसे में लंबे समय तक ऐसे व्यायाम व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य की ओर ले जाते हैं। इससे व्यक्तित्व विकास और आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद मिलती है। जिस तरह किसी एक बीमारी के उपचार के लिए कई दवाइयां होती हैं, उसी तरह विभिन्न तरह की ध्यान पद्धतियां भी हैं। हर स्कूल की अपनी अलग तरह की तकनीक और सोच है।

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