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राज्य चौकसी ब्यूरो गुड़गांव की टीम ने रिश्वत लेने के आरोप में दिल्ली पुलिस के एक सिपाही को उसके साथी सहित गिरफ्तार किया है। इनके पास से साढ़े आठ लाख रुपये भी बरामद हुई है। वहीं इस मामले में दो अन्य आरोपी गुड़गांव पुलिस के स्पेशल स्टाफ (सेक्टर दस) के एएसआइ व हवलदार अभी फरार है। पुलिस आयुक्त आलोक मित्तल के निर्देश पर दोनों पुलिस कर्मियों को तुरंत प्रभाव से लाइन हाजिर कर उनके खिलाफ विभागीय जांच बैठा दी गई है।
राज्य चौकसी ब्यूरो (गुड़गांव) के एसएसपी योगेंद्र नेहरा को मटियाला (दिल्ली) निवासी जहीर ने मंगलवार रात गुड़गांव स्पेशल स्टाफ में तैनात एएसआइ विनोद व हवलदार राजकपूर के खिलाफ शिकायत दी थी। शिकायत में उसने कहा था कि उनका बेटा इस्लामुद्दीन (25) द्वारका (दिल्ली) में कबाड़ी का काम करता है। 20 जुलाई को एएसआइ विनोद व हवलदार राजकपूर उसे जबरन अपनी में ले गए थे। चार घंटे बाद द्वारका में ही कबाड़ का काम करने वाला सरफराज व दिल्ली पुलिस का सिपाही सूबे सिंह (तैनाती हौज खास थाना, पीसीआर) निवासी सरहौल (गुड़गांव) उसके पास आए। दोनों ने कहा कि एएसआइ व हवलदार इस्लामुद्दीन को छोड़ने के एवज में दस लाख की रिश्वत मांग रहे हैं। मना करने पर वो इस्लामुद्दीन को झूठे मामले में फंसा देंगे। उसने एक रिश्तेदार से पांच लाख रुपये लेकर सूबे सिंह को दिए, लेकिन उन्होंने उसके बेटे को नहीं छोड़ा तो उसने साढ़े तीन लाख रुपये और दिए। इसके बावजूद जब उन्होंने उसके बेटे को नहीं छोड़ा और मंगलवार को डकैती का माल खरीदने के झूठे आरोप में जेल भेज दिया।
एसएसपी योगेंद्र नेहरा ने बताया कि शिकायत मिलते ही इंस्पेक्टर जगत सिंह की अगुवाई में टीम गठित कर ड्यूटी मजिस्ट्रेट कुलवंत सिंह की मौजूदगी में छापेमारी कर सूबे सिंह के पास से पांच लाख और सरफराज के पास से साढ़े तीन लाख रुपये बरामद कर दोनों को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि विनोद व राजकपूर भी उनसे रुपये लेने आने वाले थे, लेकिन सूबे सिंह के पकड़े जाने की भनक मिलते ही फरार हो गए।
courtsy- dainik jagran.
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