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भोपाल. भोपाल पुलिस को पर्सनल डिजिटल असिस्टेंट (स्मार्ट फोन) दिए गए हैं। क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क सिस्टम (सीसीटीएनएस) प्रोजेक्ट के तहत मिले स्मार्ट फोन में व्हीकल सर्चिंग एप्लीकेशन नाम का एक सॉफ्टवेयर अपलोड किया गया है, जो एमपी ट्रांसपोर्ट की ई-सेवा और क्राइम पोर्टल के सर्वर से सीधे जुड़ा रहेगा। इसकी मदद से पुलिस चौराहों पर ही गाड़ी का रिकॉर्ड देख सकेगी। इसका फायदा यह होगा कि चैकिंग के दौरान पुलिस स्मार्ट फोन की मदद से वाहन चोरी का है या नहीं, इसका भी पता लगा लेगी।
अब तक वाहन चैकिंग के दौरान पुलिस को लैपटॉप पर एमपी ट्रांसपोर्ट की ई-सेवा की मदद लेनी पड़ती थी। किसी भी वाहन की जानकारी हासिल करने के लिए पुलिस उसका चैचिस नंबर और इंजन नंबर ई-सेवा पर फीड करती थी। इस परेशानी से बचने के लिए ही आईजी उपेंद्र जैन ने ‘व्हीकल सर्चिंग एप्लीकेशन’ तैयार करवाई है। यह एप्लीकेशन के इंटरनेट के माध्यम से चलेगी। उन्होंने बताया कि फिलहाल शहर के 500 पुलिसकर्मियों को स्मार्ट फोन दिए गए हैं। सभी में यह एप्लीकेशन डाउनलोड है।
क्या है क्राइम पोर्टल
आईजी जैन ने दो साल पहले क्राइम पोर्टल नामक एक सॉफ्टवेयर तैयार करवाया था, जो इंटरनेट के माध्यम से सर्वर से जुड़ा रहता है। इसमें भोपाल जोन के सभी बदमाशों की जानकारी अपलोड की गई है। वहीं भोपाल, इंदौर और होशंगाबाद जोन से चोरी हुए सभी तरह के वाहनों की जानकारी भी इसमें फीड की जा चुकी है। भोपाल पुलिस तीन महीने से इसी सॉफ्टवेयर पर काम कर रही है।
साभार-दैभा.
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