चंडीगढ़. पुलिस विभाग की 123 जिप्सियों और 183 मोटरसाइकिलों की माइलेज अचानक बढ़ गई है। जो जिप्सियां एक लीटर पेट्रोल में 9-10 किलोमीटर दौड़ रही थीं, वह अब 13 किलोमीटर दौड़ रही हैं। इसी तरह मोटरसाइकिल अब एक लीटर पेट्रोल में 34 किलोमीटर की जगह 40 किलोमीटर तक जा रही हैं।
ऐसा नहीं है कि पुलिस विभाग ने अपनी जिप्सियों और मोटरसाइकिलों की सर्विस या रिपेयर कराया हो। माइलेज में बढ़ोतरी हुई है सिर्फ एक शिकायत से। पुलिस अब इसकी जांच कर रही है, लेकिन यह सवाल अब भी बरकरार है कि इतने सालों तक एमटी सेक्शन की नजर इस पर क्यों नहीं पड़ी।
शिकायत- बेचा जा रहा है सरकारी गाड़ियों का तेल
पुलिस लाइन के एक कांस्टेबल ने होम सेक्रेटरी को शिकायत दी थी कि सरकारी गाड़ियों से पेट्रोल और डीजल निकालकर बेचा जा रहा है। सरकारी ड्राइवरों ने कागजों में गाड़ियों की माइलेज कम करवा रखी है। इसके साथ ही कांस्टेबल ने कुछ तथ्य भी पेश किए थे। इसके बाद होम सेक्रेटरी ने आईजी प्रदीप श्रीवास्तव को जांच के लिए लिखा। आईजी ने तत्कालीन एसपी ट्रैफिक दून की अध्यक्षता में एक कमेटी तैयार की। कमेटी में डीएसपी जगबीर सिंह और सीटीयू स्टाफ के कर्मियों को शामिल किया गया।
80 जिप्सियों, 50 मोटरसाइकिल ने दिया टेस्ट
पुलिस फाइल के अनुसार उनकी सरकारी जिप्सियां 9 से 10 किलोमीटर प्रति लीटर की माइलेज देती थीं। इन जिप्सियों में हमेशा 9 किलोमीटर प्रति लीटर के हिसाब से तेल डाला जाता था। जांच कर रही टीम ने पुलिस लाइन में करीब 80 जिप्सियों और 50 मोटरसाइकिलों को बुलाकर जांच करवाई। जांच से पहले इन जिप्सियों की न तो रिपेयर हुई और न ही कोई सर्विस।
टीम ने इन जिप्सियों में तेल डालकर उन्हें दौड़ाया तो सभी जिप्सियां एकाएक 13 किलोमीटर प्रति लीटर तक एवरेज देने लगीं। अब पिछले दो महीने से सभी सरकारी जिप्सियों में 12 किलोमीटर प्रति लीटर के हिसाब से पेट्रोल डाला जा रहा है। इसी तरह जांच टीम ने जब मोटरसाइकिलों को दौड़ाया तो अब तक 34 किलोमीटर प्रति लीटर की माइलेज देने वाली मोटरसाइकिलें सीधे 40 किलोमीटर प्रति लीटर की माइलेज देने लगीं।
बचने लगा 5 लाख का तेल
सूत्रों के मुताबिक एक शिकायत के आधार पर हुए इस खुलासे के बाद पुलिस के वाहनों की सिर्फ माइलेज ही नहीं बढ़ी, अब तेल बचना भी शुरू हो गया है। एमटी सेक्शन के रिकॉर्ड के मुताबिक अब करीब 4 से 5 लाख की कीमत का तेल हर महीने बच रहा है। चंडीगढ़ पुलिस के पास 400 सरकारी वाहन हैं, जो अब कम तेल में ज्यादा दूरी तय कर रही हैं। हालांकि पिछली गड़बड़ी का कोई हिसाब किताब नहीं है।
हां शिकायत आई थी और जांच की गई। जिप्सियों और मोटरसाइकिल की माइलेज में बढ़ोतरी पाई गई है। जिप्सियां अब 13 और मोटरसाइकिल 40 का माइलेज दे रही हैं। कुछ ड्राइवरों ने इस पर आपत्ति की थी, जांच चल रही है।
जगबीर सिंह, डीएसपी
मसला गंभीर है, लेकिन पूरी तरह से मेरे ध्यान में नहीं है। मैंने पुलिस को ही जांच के लिए कहा था।
राम निवास, होम सेक्रेटरी
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Tuesday, August 30, 2011
Himachal Police: Shimla Traffic: डीएसपी ट्रैफिक का कहना चालान के बाद भी बाज नहीं आते लोग
जागरण प्रतिनिधि, शिमला : शिमला शहर में जाम का बड़ा कारण व्यापारियों का लापरवाह रवैया भी है। कारोबारी शहर के व्यस्त मार्गो पर सामान की लोडिंग और अनलोडिंग करवाते हैं, जिससे लंबा ट्रैफिक जाम लगा रहता है।
आलम यह है कि पुलिस द्वारा उक्त गाड़ियों के चालान काटने के बाद भी यह अपनी हरकतों से बाज नहीं आते हैं और एक व्यक्ति की गलती का खामियाजा शहर के सैकड़ों लोगों को उठाना पड़ता है। लक्कड़ बाजार संजौली मार्ग पर भी लकड़ी बेचने का काम करने वाले व्यापारियों की मनमानी से यहां हर समय जाम की स्थिति बनी रहती है। यह मार्ग पहले ही काफी संकरा है, जबकि यहां से वाहनों की आवाजाही काफी अधिक है। इसके बावजूद उक्त कारोबारी सड़क के किनारे पिकअप गाड़ी खड़ी करके लकड़ी भरने का काम करवाता है। सोमवार को भी इसी तरह से दोपहर एक पिकअप गाड़ी में सामान भरा जा रहा था और पूरे मार्ग में हजारों लोग जाम में फंसे हुए थे। मगर फिर भी कारोबारी को सिर्फ अपने काम से ही मतलब था।
यह कोई एक मामला नहीं है, जब कोई कारोबारी सड़क के बाहर सामान उतारने और चढ़ाने के लिए ट्रैफिक व्यवस्था को नुकसान नहीं पहुंचता। शहर में जगह जगह पर सामान की लोडिंग-ओवरलोडिंग से शहर की यातायात-व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित होती है। इसी वजह से लोगों को सुबह और शाम लंबे ट्रैफिक जाम में फंसना पड़ता है। लोगों की मानें तो तंग सड़कों पर लोगों द्वारा अधिक अवैध रूप से पार्किंग की जाती है, जिससे यह स्थिति बनी हुई है। खलीनी में एक निजी स्कूल के बाहर भी दोनों तरफ वाहनों की कतारें लगी रहती हैं और इसी वजह से यहां हर रोज सैकड़ों स्कूली बच्चे जाम में फंसे रहते हैं। अभिभावकों की लंबे समय से शिकायत रहती है कि यहां पर वाहनों की अवैध पार्किंग को खत्म किया जाए, जिससे की लोगों को हर रोज सुबह बच्चे स्कूल छोड़ने में दिक्कतें न आए। इसके साथ ही सेंट एडवर्ड स्कूल के बाहर भी वाहनों की बेतरतीब पार्किंग से इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बुरी तरह से प्रभावित होती है।
डीएसपी ट्रैफिक पुनीत रघु का कहना है कि ऐसे वाहनों के समय समय पर चालान किए जाते हैं। मगर इसके बावजूद कारोबारी अपनी हरकतों से बाज नहीं आते। उनके मुताबिक आगे भी ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
आलम यह है कि पुलिस द्वारा उक्त गाड़ियों के चालान काटने के बाद भी यह अपनी हरकतों से बाज नहीं आते हैं और एक व्यक्ति की गलती का खामियाजा शहर के सैकड़ों लोगों को उठाना पड़ता है। लक्कड़ बाजार संजौली मार्ग पर भी लकड़ी बेचने का काम करने वाले व्यापारियों की मनमानी से यहां हर समय जाम की स्थिति बनी रहती है। यह मार्ग पहले ही काफी संकरा है, जबकि यहां से वाहनों की आवाजाही काफी अधिक है। इसके बावजूद उक्त कारोबारी सड़क के किनारे पिकअप गाड़ी खड़ी करके लकड़ी भरने का काम करवाता है। सोमवार को भी इसी तरह से दोपहर एक पिकअप गाड़ी में सामान भरा जा रहा था और पूरे मार्ग में हजारों लोग जाम में फंसे हुए थे। मगर फिर भी कारोबारी को सिर्फ अपने काम से ही मतलब था।
यह कोई एक मामला नहीं है, जब कोई कारोबारी सड़क के बाहर सामान उतारने और चढ़ाने के लिए ट्रैफिक व्यवस्था को नुकसान नहीं पहुंचता। शहर में जगह जगह पर सामान की लोडिंग-ओवरलोडिंग से शहर की यातायात-व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित होती है। इसी वजह से लोगों को सुबह और शाम लंबे ट्रैफिक जाम में फंसना पड़ता है। लोगों की मानें तो तंग सड़कों पर लोगों द्वारा अधिक अवैध रूप से पार्किंग की जाती है, जिससे यह स्थिति बनी हुई है। खलीनी में एक निजी स्कूल के बाहर भी दोनों तरफ वाहनों की कतारें लगी रहती हैं और इसी वजह से यहां हर रोज सैकड़ों स्कूली बच्चे जाम में फंसे रहते हैं। अभिभावकों की लंबे समय से शिकायत रहती है कि यहां पर वाहनों की अवैध पार्किंग को खत्म किया जाए, जिससे की लोगों को हर रोज सुबह बच्चे स्कूल छोड़ने में दिक्कतें न आए। इसके साथ ही सेंट एडवर्ड स्कूल के बाहर भी वाहनों की बेतरतीब पार्किंग से इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बुरी तरह से प्रभावित होती है।
डीएसपी ट्रैफिक पुनीत रघु का कहना है कि ऐसे वाहनों के समय समय पर चालान किए जाते हैं। मगर इसके बावजूद कारोबारी अपनी हरकतों से बाज नहीं आते। उनके मुताबिक आगे भी ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
Punjab Police: लुधियाना रिटेल केमिस्ट एसोसिएशन का आरोप, सादी वर्दी में पुलिसवाले वसूलकर ले गए हजारों, सवाल ये है कि तुमने दिए क्यों ? ?
रिटेल केमिस्ट एसोसिएशन लुधियाना के पदाधिकारियों ने सोमवार को कोचर मार्केट चौकी तथा सीआईए कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। उनका आरोप था कि गत 15 दिनों से वीआईपी कार में सवार पुलिसकर्मी केमिस्टों को मामला दर्ज करने का डरावा देकर, रुपये ऐंठ रहे हैं। अब तक वह कई केमिस्टों से हजारों रुपये बटोर चुके हैं। उन्होंने आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ केस दर्ज करने की मांग की है।
एसोसिएशन के प्रधान अमनदीप आहुजा ने बताया कि गत 14 अगस्त को जवाहर नगर कैंप स्थित आरके मेडिकल दुकान पर कार सवार 4-5 लोग आए। उनमें से 4 सादी वर्दी में तथा एक वर्दीधारी हेड कांस्टेबल था। उन लोगों ने आते ही दुकानदार को यह कह कर धमकाना शुरू कर दिया कि वह नकली दवाएं बेचता है। मामला दर्ज न करने के लिए वह उससे 25 हजार रुपये ले गए। उसके बाद जवाहर नगर स्थित बजाज मेडिकल से 50 हजार रुपये ले गए। कुछ दिनों बाद माडल ग्राम रोड स्थित अतुल मेडिकल हाल से 15 हजार रुपये, लाजपत नगर स्थित नवीन मेडिकल हाल से 20 हजार रुपये ले गए। इस बात का पता चलते ही सोमवार को एसोसिएशन ने दुकानें बंद कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। वह लोग एडीसीपी-क्राइम से मिलने के लिए गए थे, मगर उनसे मुलाकात नहीं हो सकी। इस संबंध में डीसीपी आशीष चौधरी ने कहा यदि ऐसा हो रहा है तो मामला गंभीर है। इससे पहले यह मामला उनकी जानकारी में नहीं था। वह इसके बारे में जांच करवा कर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करवाएंगे।
एसोसिएशन के प्रधान अमनदीप आहुजा ने बताया कि गत 14 अगस्त को जवाहर नगर कैंप स्थित आरके मेडिकल दुकान पर कार सवार 4-5 लोग आए। उनमें से 4 सादी वर्दी में तथा एक वर्दीधारी हेड कांस्टेबल था। उन लोगों ने आते ही दुकानदार को यह कह कर धमकाना शुरू कर दिया कि वह नकली दवाएं बेचता है। मामला दर्ज न करने के लिए वह उससे 25 हजार रुपये ले गए। उसके बाद जवाहर नगर स्थित बजाज मेडिकल से 50 हजार रुपये ले गए। कुछ दिनों बाद माडल ग्राम रोड स्थित अतुल मेडिकल हाल से 15 हजार रुपये, लाजपत नगर स्थित नवीन मेडिकल हाल से 20 हजार रुपये ले गए। इस बात का पता चलते ही सोमवार को एसोसिएशन ने दुकानें बंद कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। वह लोग एडीसीपी-क्राइम से मिलने के लिए गए थे, मगर उनसे मुलाकात नहीं हो सकी। इस संबंध में डीसीपी आशीष चौधरी ने कहा यदि ऐसा हो रहा है तो मामला गंभीर है। इससे पहले यह मामला उनकी जानकारी में नहीं था। वह इसके बारे में जांच करवा कर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करवाएंगे।
Delhi Police: शराब पीकर उत्पात करते हब्शियों को रोका तो पुलिस पार्टी पर ही कर दिया हमला
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता : ईस्ट ऑफ कैलाश में आठ-दस नाइजीरियाई युवकों ने देर रात शराब पीकर जमकर उत्पात मचाया। मना करने पर पुलिस को भी नहीं बख्शा। पीसीआर जिप्सी के शीशे तोड़ दिए। एएसआइ को जमीन पर गिराकर लात-घूसों से पीटा। हमलावरों ने उसका हाथ तोड़ दिया और वर्दी भी फाड़ दी। उत्पाती युवकों के सामने तीन पीसीआर जिप्सियों पर तैनात पुलिस कर्मी बेबस नजर आए। वे हमलावरों को काबू करने के बजाय भाग खड़े हुए। बाद में और पुलिस बल मौके पर पहुंचा व तीन आरोपियों को दबोच लिया। उनके आधा दर्जन से अधिक साथी फरार हो गए। अमर कालोनी थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।
ईस्ट ऑफ कैलाश के अमृतपुरी ए ब्लाक में चौथी मंजिल पर जेन पॉल, शीटा पेरेज व एंडे सकाडी रहते हैं। तीनों नाइजीरिया के कागो के रहने वाले हैं। रविवार रात तीनों घर पर शराब पीकर आपस में झगड़ने लगे। शोर-शराबे से तंग आकर तीसरी मंजिल पर रहने वाले संजय सप्रा ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दे दी। पीसीआर जिप्सी मौके पर पहुंची तो तीनों युवक पुलिस कर्मियों से गाली-गलौज करने लगे। जेन पॉल ने पत्थर मारकर जिप्सी के शीशे तोड़ दिए। हमला होता देख एएसआइ जगत सिंह जिप्सी लेकर वहां से भागे और राजा धीर सिंह मार्ग पर आ गए। उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना देकर और पुलिस कर्मी मौके पर भेजने की बात कही। कुछ ही देर में वहां दो और पीसीआर जिप्सी पहुंच गई। उसी समय पीछे से आठ-नौ नाइजीरियाई युवक भी हाथों में पत्थर लिए वहां पहुंच गए। उन्होंने एक जिप्सी को घेर कर उसमें बैठे एएसआइ सुमेर सिंह को पकड़ लिया और बाहर निकालकर जमीन पर लिटा लात-घूसों से पीटना शुरू कर दिया। इससे एएसआइ का दाहिना हाथ टूट गया। हमलावरों के हावी होने पर दो अन्य पीसीआर जिप्सियों पर तैनात पुलिसकर्मी वहां से हटने लगे। इतने में ही वहां थाने से अतिरिक्त पुलिसकर्मी पहुंच गए। पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ने पर हमलावर भागने लगे। पुलिस ने दौड़ाकर जेन पॉल, शीटी पेरेज व एंडे सकाडी को दबोच लिया।
ईस्ट ऑफ कैलाश के अमृतपुरी ए ब्लाक में चौथी मंजिल पर जेन पॉल, शीटा पेरेज व एंडे सकाडी रहते हैं। तीनों नाइजीरिया के कागो के रहने वाले हैं। रविवार रात तीनों घर पर शराब पीकर आपस में झगड़ने लगे। शोर-शराबे से तंग आकर तीसरी मंजिल पर रहने वाले संजय सप्रा ने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दे दी। पीसीआर जिप्सी मौके पर पहुंची तो तीनों युवक पुलिस कर्मियों से गाली-गलौज करने लगे। जेन पॉल ने पत्थर मारकर जिप्सी के शीशे तोड़ दिए। हमला होता देख एएसआइ जगत सिंह जिप्सी लेकर वहां से भागे और राजा धीर सिंह मार्ग पर आ गए। उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना देकर और पुलिस कर्मी मौके पर भेजने की बात कही। कुछ ही देर में वहां दो और पीसीआर जिप्सी पहुंच गई। उसी समय पीछे से आठ-नौ नाइजीरियाई युवक भी हाथों में पत्थर लिए वहां पहुंच गए। उन्होंने एक जिप्सी को घेर कर उसमें बैठे एएसआइ सुमेर सिंह को पकड़ लिया और बाहर निकालकर जमीन पर लिटा लात-घूसों से पीटना शुरू कर दिया। इससे एएसआइ का दाहिना हाथ टूट गया। हमलावरों के हावी होने पर दो अन्य पीसीआर जिप्सियों पर तैनात पुलिसकर्मी वहां से हटने लगे। इतने में ही वहां थाने से अतिरिक्त पुलिसकर्मी पहुंच गए। पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ने पर हमलावर भागने लगे। पुलिस ने दौड़ाकर जेन पॉल, शीटी पेरेज व एंडे सकाडी को दबोच लिया।
MP Police: Bhopal: निजी बस संचालकों पर पुलिस की लगाम, ड्राइवरों, कंडक्टरों और क्लीनरों का सत्यापन करेगी मप्र पुलिस,
भोपाल, जागरण संवाददाता। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पुलिस द्वारा निजी बस के ड्राइवरों, कंडक्टरों और क्लीनरों का सत्यापन किया जाए। किसी भी स्थिति में आपराधिक पृष्ठभूमि और प्रवृत्ति वाले व्यक्तियों को बस संचालन में नहीं रहना चाहिए। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को इस संबंध में प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री रीवा, बैतूल और बुरहानपुर कलेक्टर तथा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंस कर रहे थे। वीडियो कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री ने रीवा संभाग के आयुक्त जी.आर. मीणा, कलेक्टर रीवा एस.एन. रूपला, बैतूल कलेक्टर चन्द्रशेखर बोरकर और बुरहानपुर कलेक्टर रेणु पंत से चर्चा कर उनके क्षेत्रातंर्गत आगामी त्यौहारों की प्रशासनिक तैयारियों, कानून-व्यवस्था की स्थिति, फसलों की स्थिति, मानव और पशुओं में मौसमी बीमारियों की स्थिति, जन-सुनवाई व्यवस्था, सार्वजनिक वितरण प्रणाली और गणवेश, साइकिल वितरण, महात्मा गाधी नरेगा योजना, कलेक्टर द्वारा रात्रि विश्राम आदि के संबंध में चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं, सहायता और सेवा देने के कार्य में किसी प्रकार का लेन-देन नहीं होने पाये। उन्होंने कहा कि रिश्वतखोरी की सूचना और गड़बड़ी पर कठोर कार्रवाई हो। रिश्वतखोर के साथ कोई दया-माया नहीं की जाय।
चौहान ने अधिकारियों से जिले में शासकीय कार्यक्त्रमों के तहत अधूरे निर्माण कायरें की जानकारी ली। उन्होंने छात्रों को जाति प्रमाण-पत्र प्राप्त करने में कोई दिक्कत नहीं हो, इसे सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने मध्यान्ह भोजन योजना में खाना बनाने वाले को पारिश्रमिक भुगतान संबंधी व्यवस्थाओं की भी समीक्षा की।
मुख्यमंत्री को कलेक्टर बैतूल ने बताया कि वे क्षेत्र का सघन भ्रमण कर रहे हैं। गांवों पर उनका विशेष फोकस है। रीवा कलेक्टर ने बताया कि उन्होंने विकासखंड एवं तहसील मुख्यालयों में रात्रि विश्राम किया है। शीघ्र ही गांवों में भी रात्रि विश्राम करेंगे।
मुख्यमंत्री रीवा, बैतूल और बुरहानपुर कलेक्टर तथा वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंस कर रहे थे। वीडियो कांफ्रेंस में मुख्यमंत्री ने रीवा संभाग के आयुक्त जी.आर. मीणा, कलेक्टर रीवा एस.एन. रूपला, बैतूल कलेक्टर चन्द्रशेखर बोरकर और बुरहानपुर कलेक्टर रेणु पंत से चर्चा कर उनके क्षेत्रातंर्गत आगामी त्यौहारों की प्रशासनिक तैयारियों, कानून-व्यवस्था की स्थिति, फसलों की स्थिति, मानव और पशुओं में मौसमी बीमारियों की स्थिति, जन-सुनवाई व्यवस्था, सार्वजनिक वितरण प्रणाली और गणवेश, साइकिल वितरण, महात्मा गाधी नरेगा योजना, कलेक्टर द्वारा रात्रि विश्राम आदि के संबंध में चर्चा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं, सहायता और सेवा देने के कार्य में किसी प्रकार का लेन-देन नहीं होने पाये। उन्होंने कहा कि रिश्वतखोरी की सूचना और गड़बड़ी पर कठोर कार्रवाई हो। रिश्वतखोर के साथ कोई दया-माया नहीं की जाय।
चौहान ने अधिकारियों से जिले में शासकीय कार्यक्त्रमों के तहत अधूरे निर्माण कायरें की जानकारी ली। उन्होंने छात्रों को जाति प्रमाण-पत्र प्राप्त करने में कोई दिक्कत नहीं हो, इसे सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने मध्यान्ह भोजन योजना में खाना बनाने वाले को पारिश्रमिक भुगतान संबंधी व्यवस्थाओं की भी समीक्षा की।
मुख्यमंत्री को कलेक्टर बैतूल ने बताया कि वे क्षेत्र का सघन भ्रमण कर रहे हैं। गांवों पर उनका विशेष फोकस है। रीवा कलेक्टर ने बताया कि उन्होंने विकासखंड एवं तहसील मुख्यालयों में रात्रि विश्राम किया है। शीघ्र ही गांवों में भी रात्रि विश्राम करेंगे।
Delhi Police: Police Suicide: बिरादरी और प्रेम में परेशान पुलिस कांस्टेबल ने खुद को गोली मारी, हालत नाजुक
मयूर विहार । पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार थाने में तैनात कांस्टेबल दिनेश मीणा (२६) ने शनिवार दोपहर खुद को गोली मार ली। घायल कांस्टेबल को लाल बहादुर शास्त्री अस्पताल ले जाया गया जहां से उसे मैक्स बालाजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया। पुलिस को मौके से दो पन्नों का एक स्युसाइड नोट भी बरामद हुआ हैं, जिसमें उसने इस घटना के लिए खुद को जिम्मेदार ठहराया है। सूत्रों का कहना है कि दिनेश को घर जाने के लिए छुट्टी नहीं मिल रही थी, जिसके चलते वह तनाव में था। इसके साथ ही बताया यह भी जाता है कि दिनेश राजस्थान में किसी दूसरी बिरादरी की लड़की से प्रेम करता है। लेकिन परिजन इनकी शादी के खिलाफ है। फिलहाल पुलिस मामले की तफ्तीश कर रही है।
पुलिस के अनुसारदिनेश कुमार मीणा वर्ष २००९ में दिल्ली पुलिस के भर्ती हुआ था। एक जनवरी २०१० को उसकी पोस्टिंग मयूर विहार थाने में हुई थी। दिनेश के पिता दीपचंद व परिवार के अन्य सदस्य राजस्थान में रहते है। दिनेश थाने में ही तीसरी मंजिल पर रहता है। शनिवार दोपहर करीब पौने एक बजे उसने अपनी सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मार ली। गोली दिनेश के सीने में लगी थी। गोली की आवाज सुनकर थाने में मौजूद स्टाफ में हड़कंप मच गया। पुलिसकर्मियों ने आनन-फानन में खून से लथपथ उसे एलबीएस अस्पताल में भर्ती करवाया जहां से उसे मैक्स बालाजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया। डाक्टरों ने ऑपरेशन कर उसकी गोली तो निकाल दी है लेकिन देर रात तक उसकी हालत नाजुक बनी हुई थी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दिनेश के होश में आने पर ही मामले की तस्वीर साफ हो पाएगी।
पुलिस के अनुसारदिनेश कुमार मीणा वर्ष २००९ में दिल्ली पुलिस के भर्ती हुआ था। एक जनवरी २०१० को उसकी पोस्टिंग मयूर विहार थाने में हुई थी। दिनेश के पिता दीपचंद व परिवार के अन्य सदस्य राजस्थान में रहते है। दिनेश थाने में ही तीसरी मंजिल पर रहता है। शनिवार दोपहर करीब पौने एक बजे उसने अपनी सर्विस रिवाल्वर से खुद को गोली मार ली। गोली दिनेश के सीने में लगी थी। गोली की आवाज सुनकर थाने में मौजूद स्टाफ में हड़कंप मच गया। पुलिसकर्मियों ने आनन-फानन में खून से लथपथ उसे एलबीएस अस्पताल में भर्ती करवाया जहां से उसे मैक्स बालाजी अस्पताल में रेफर कर दिया गया। डाक्टरों ने ऑपरेशन कर उसकी गोली तो निकाल दी है लेकिन देर रात तक उसकी हालत नाजुक बनी हुई थी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि दिनेश के होश में आने पर ही मामले की तस्वीर साफ हो पाएगी।
Bihar Police: भागलपुर झंडापुर पुलिस चौकी के प्रभारी अवर निरीक्षक घूस के दस हजार लेते गिरफ्तार
बिहार के भागलपुर जिला के नौगछिया अनुमंडल अंतर्गत झंडापुर पुलिस चौकी के प्रभारी अवर निरीक्षक कैलाश पासवान को मंगलवार सुबह निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने एक व्यक्ति से घूस के तौर पर दस हजार रुपए लेते हुये रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया।
अपर पुलिस महानिरीक्षक (निगरानी) पी के ठाकुर ने बताया कि पासवान को महेश प्रसाद सिंह नामक एक व्यक्ति से उनके पक्ष में डायरी लिखने के एवज में उनसे घूस के तौर पर दस हजार रुपए लेते हुए गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार अभियुक्त को पटना स्थित ब्यूरो मुख्यालय लाया जा रहा है जहां उनसे गहन पूछताछ किये जाने के बाद उन्हें विशेष न्यायालय के सामने पेश किया जायेगा
अपर पुलिस महानिरीक्षक (निगरानी) पी के ठाकुर ने बताया कि पासवान को महेश प्रसाद सिंह नामक एक व्यक्ति से उनके पक्ष में डायरी लिखने के एवज में उनसे घूस के तौर पर दस हजार रुपए लेते हुए गिरफ्तार किया गया।
गिरफ्तार अभियुक्त को पटना स्थित ब्यूरो मुख्यालय लाया जा रहा है जहां उनसे गहन पूछताछ किये जाने के बाद उन्हें विशेष न्यायालय के सामने पेश किया जायेगा
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