जागरण प्रतिनिधि, शिमला : शिमला शहर में जाम का बड़ा कारण व्यापारियों का लापरवाह रवैया भी है। कारोबारी शहर के व्यस्त मार्गो पर सामान की लोडिंग और अनलोडिंग करवाते हैं, जिससे लंबा ट्रैफिक जाम लगा रहता है।
आलम यह है कि पुलिस द्वारा उक्त गाड़ियों के चालान काटने के बाद भी यह अपनी हरकतों से बाज नहीं आते हैं और एक व्यक्ति की गलती का खामियाजा शहर के सैकड़ों लोगों को उठाना पड़ता है। लक्कड़ बाजार संजौली मार्ग पर भी लकड़ी बेचने का काम करने वाले व्यापारियों की मनमानी से यहां हर समय जाम की स्थिति बनी रहती है। यह मार्ग पहले ही काफी संकरा है, जबकि यहां से वाहनों की आवाजाही काफी अधिक है। इसके बावजूद उक्त कारोबारी सड़क के किनारे पिकअप गाड़ी खड़ी करके लकड़ी भरने का काम करवाता है। सोमवार को भी इसी तरह से दोपहर एक पिकअप गाड़ी में सामान भरा जा रहा था और पूरे मार्ग में हजारों लोग जाम में फंसे हुए थे। मगर फिर भी कारोबारी को सिर्फ अपने काम से ही मतलब था।
यह कोई एक मामला नहीं है, जब कोई कारोबारी सड़क के बाहर सामान उतारने और चढ़ाने के लिए ट्रैफिक व्यवस्था को नुकसान नहीं पहुंचता। शहर में जगह जगह पर सामान की लोडिंग-ओवरलोडिंग से शहर की यातायात-व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित होती है। इसी वजह से लोगों को सुबह और शाम लंबे ट्रैफिक जाम में फंसना पड़ता है। लोगों की मानें तो तंग सड़कों पर लोगों द्वारा अधिक अवैध रूप से पार्किंग की जाती है, जिससे यह स्थिति बनी हुई है। खलीनी में एक निजी स्कूल के बाहर भी दोनों तरफ वाहनों की कतारें लगी रहती हैं और इसी वजह से यहां हर रोज सैकड़ों स्कूली बच्चे जाम में फंसे रहते हैं। अभिभावकों की लंबे समय से शिकायत रहती है कि यहां पर वाहनों की अवैध पार्किंग को खत्म किया जाए, जिससे की लोगों को हर रोज सुबह बच्चे स्कूल छोड़ने में दिक्कतें न आए। इसके साथ ही सेंट एडवर्ड स्कूल के बाहर भी वाहनों की बेतरतीब पार्किंग से इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बुरी तरह से प्रभावित होती है।
डीएसपी ट्रैफिक पुनीत रघु का कहना है कि ऐसे वाहनों के समय समय पर चालान किए जाते हैं। मगर इसके बावजूद कारोबारी अपनी हरकतों से बाज नहीं आते। उनके मुताबिक आगे भी ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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