भ्रष्टाचार के खिलाफ और जन लोकपाल बिल को लेकर अन्ना हजारे की मुहिम के समर्थन में प्रदेश में शांतिपूर्ण प्रदर्शन को सरकार कानून व्यवस्था के लिए फिलहाल किसी भी तरह की परेशानी के तौर पर नहीं देख रही। अलबत्ता, सांसदों के आवासों पर जरूरत पड़ने पर सुरक्षा बंदोबस्त दुरुस्त रखने को पुलिस अलर्ट है।
भ्रष्टाचार के विरोध में नई दिल्ली में अनशनरत अन्ना के समर्थन में राजधानी दून समेत प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में धरना-प्रदर्शन, अनशन, जुलूस और कैंडल मार्च का सिलसिला जारी है।
हर जिले में बड़ी तादाद में लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन के लिए आगे आ रहे हैं, लेकिन इससे फिलहाल कानून व्यवस्था पर आंच नहीं आई है। केंद्र सरकार के खिलाफ जनता के आंदोलन को लेकर प्रदेश सरकार फिलहाल स्थिति को पूरी तरह नियंत्रित मान रही है। हालांकि, सुरक्षा में चूक और शांतिपूर्ण आंदोलन में जन भावनाएं आहत न हो, इसका खास ख्याल रखा जा रहा है। गृह मंत्रालय स्थिति पर नजर रखे है। जनांदोलन पटरी से न उतरे, इसे लेकर एहतियात बरती जा रही है। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) एसके भगत के मुताबिक लोगों का आंदोलन शांतिपूर्ण है। फिर भी पुलिस सुरक्षा व्यवस्था को लेकर एहतियात बरत रही है।
उधर, अन्ना हजारे के जन लोकपाल बिल के लिए सांसदों पर दबाव बनाने की रणनीति के तहत उनके आवासों पर प्रदर्शन के आह्वान के मद्देनजर वहां सुरक्षा बंदोबस्त किए जाएंगे। दून में दो सांसदों के आवासों की सुरक्षा को एसएसपी जीएस मर्तोलिया ने पुलिस को अलर्ट किया है। उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ी तो सुरक्षा बंदोबस्त बढ़ाए जा सकते हैं।
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