गाजियाबाद
गाजियाबाद में शुक्रवार को एसएसपी की गुंडागर्दी देखने को मिली। एसएसपी ने अपनी फरियाद लेकर आए एक फरियादी को अपने कार्यालय में जमकर पीटा। हैरान करने वाली बात ये रही कि एसएसपी ने पत्रकारों की भी परवाह नहीं की, घटना के समय ऑफिस में पत्रकार भी मौजूद थे। इस घटना के बाद बीजेपी ने कोतवाली पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। एसएसपी के इस तानाशाही रवैये से लोगों में जबरदस्त रोष है। जानकारी के मुताबिक आज दोपहर अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य व भाजपा के मीडिया प्रभारी एस.पी सिंह अपने बेटे के फेसबुक अकाउंट हैक होने की शिकायत लेकर एसएसपी कार्यालय पहुंचे और एसएसपी साहब को अपनी समस्या बताई। इस पर एसएसपी ने एसपी सिंह से कहा की वह इस संबंध में पुलिस उपाधीक्षक से मिलें और अपनी शिकायत वहां दें। एसएसपी साहब की इस बात पर एसपी ने बताया कि वह कई दिनों से पुलिस के चक्कर काट रहा है लेकिन कोई उनकी सुनने को तैयार नहीं है। इस संबंध मैं कई बार आपसे भी मिल चुका हूं लेकिन समस्या का हल अब तक नहीं हुआ है। बस इसी बात पर एसएसपी रधुवीर ने सरदार एसपी सिंह को कार्याल्य में मौजूद पत्रकारों के सामने ही जबरदस्ती पकड़कर पीटना शुरू कर दिया। एसएसपी के इस तानाशाही रवैये की चौतरफा निंदा हो रही है।
जैसे ही इस बात की जानकारी भाजपा कार्यकर्ताओं को लगी तो उन्होंने एसएसपी के इस तानाशाही रवैये के खिलाफ कोतवाली के सामने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। गाजियाबाद एसएसपी की दबंगई से लोगों में भारी रोष व्याप्त है। लोगों के बढ़ते रोष व बीजेपी कार्यकर्ताओं के एसएसपी के खिलाफ हल्ला बोल करने के बाद तुरंत एसएसपी मौके पर पहुंचे लेकिन यहां रघुवीर लाल के सुर बिल्कुल बदले नजर आए। उन्होंने बताया कि मानसिक दबाव के चलते उनके द्वारा ऐसी गलती हो गई लेकिन सवाल यहां यह पैदा होता है कि ऐसा कौन सा मानसिक दबाव है कि एसएसपी साहब को अपराधी और फरियादी में फर्क ही नजर नहीं आया। हालांकि बाद में एसएसपी ने अपने द्वारा हुई गलती की माफी मांग ली।
आपको बता दें कि एसएसपी की गुडई का यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी वह कई फरियादियों के साथ इस तरह का बर्ताव कर चुके हैं इतना ही नहीं रघुवीर लाल के द्वारा उनके आधीनस्थ कर्मचारियों के साथ भी गाली-गलौच करने की खबरें कई बार सुनने को मिल चुकी हैं। ऐसे ही एक मामला तब सुनने को मिला जब जिले के एसएचओ विजयनगर को अपने थाने के एक खुलासे के समय चल रही प्रेस कांफ्रेंस में पहुंचे तो एसएसपी ने पत्रकारों की मौजूदगी में ही उन्हें गालियां देकर भगा दिया। कई दरोगा इनके तानाशाही रवैये के कारण जिला तक छोड़ चुके हैं। एक दरोगा तो इनकी गुंडई से परेशान होकर आईजी के पास इस्तीफा तक लेकर पहुंच गया था। एसएसपी साहब की कारगुजारियों का सिलसिला यहीं नहीं थमता मनमुताबिक खबर न छापने पर पत्रकारों से भी इन्होंने कई बार अभद्रता की है।
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