फ्रांस की दंगा पुलिस अब काम के दौरान खाने के साथ शराब का मज़ा नहीं ले सकेगी.
आंतरिक मंत्रालय के एक नए आदेश के मुताबिक़ दंगा पुलिस को अब अपने भोजन के साथ एक या दो गिलास बीयर या शराब पीने की इजाज़त नहीं होगी, जैसी कि पहले होती थी.
खाने के साथ अल्कोहल का सेवन करने पर रोक लगाने की इस योजना को लेकर दंगा पुलिस में बहुत नाराज़गी है.
वर्ष 2010 में दंगा पुलिस की ऐसी तस्वीरें सामने आई थीं जिसमें वे एक प्रदर्शन को नियंत्रित करने के दौरान बीयर पीते नज़र आ रहे हैं. इन तस्वीरों को देखकर अधिकारी बेहद नाराज़ हुए थे.
आंतरिक मंत्रालय की इस योजना के बारे में पुलिस के एक संघ का कहना है कि अगर सार्वजनिक रूप से खाना न खाया जा रहा हो तो शराब पीने की अनुमति देने में कोई हर्ज़ नहीं.
सरकार के इस फ़ैसले पर दंगा पुलिस की नाराज़गी को स्पष्ट करते हुए फ्रेंच पुलिस यूनियन के प्रमुख दिदिएर मैंजीओन ने आंतरिक मंत्रालय को एक चिट्ठी लिखी है जिसमें ड्यूटी के दौरान दंगा पुलिस के शराब पीने के अधिकार को सही ठहराया गया है.
साथ ही उन्होंने ये भी कहा है कि दंगा पुलिस को सीमित मात्रा में शराब पीने की अनुमति दी जानी चाहिए.
राष्ट्रीय परंपरा
खाने के दौरान अगर कोई कर्मचारी एक गिलास शराब पी लेता है तो इससे उसके काम पर क्या असर पड़ता है? मुझे नहीं लगता कि पुलिस प्रमुख खाने के साथ पानी पीते होंगे
दंगा पुलिस संघ के अधिकारी
क़ानून के मुताबिक ड्यूटी के दौरान फ्रांस में अल्कोहल के सेवन पर प्रतिबंध है. हालांकि वाइन, बीयर और सेब-नाशपाती का रस पिया जा सकता है.
अब तक इस क़ानून का यही अर्थ लगाया गया था कि फ्रांस के किसी भी कामकाजी के दिन में थोड़ी मात्रा में बीयर और शराब लेने में कोई हर्ज़ नहीं है.
खबरों के मुताबिक अल्कोहल को लेकर इस नरम रवैये की वजह से ऐसा माना जाता था कि दंगा पुलिस जब सार्वजनिक स्थलों पर ड्यूटी करती है तो उन्हें दिए गए पैक लंच में बीयर भी शामिल होती होगी.
लेकिन 2010 के आखिर में छात्रों के एक प्रदर्शन के दौरान दंगा पुलिस की बीयर गटकती तस्वीरें जब सामने आईं तो उसकी काफ़ी निंदा हुई. यहां तक कि पुलिस संघों ने भी इसकी जमकर आलोचना की.
अपनी चिट्ठी में दिदिएर मैंजीओन ने सलाह दी है कि दंगा पुलिस अधिकारियों को पहले की तरह ही बीयर और शराब पीने की अनुमति दी जानी चाहिए बशर्ते वे सार्वजनिक रूप से भोजन न कर रहे हों.
दंगा पुलिस के एक अन्य संघ से जुड़े पॉल ले गुएनेक का कहना है कि पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को पहले अपने व्यवहार को देख लेना चाहिए.
उन्होंने कहा,''खाने के दौरान अगर कोई कर्मचारी एक गिलास शराब पी लेता है तो इससे उसके काम पर क्या असर पड़ता है? मुझे नहीं लगता कि पुलिस प्रमुख खाने के साथ पानी पीते होंगे.
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Monday, September 12, 2011
Chhattisgarh Police: Raipur: छत्तीसगढ़ के पुलिस प्रमुख हटाए गए, अटकलों का बाज़ार गरम ....
छत्तीसगढ़ सरकार नें राज्य के पुलिस महानिदेशक विश्वरंजन को हटा दिया है. इस आशय की अधिसूचना गृह विभाग द्वारा मंगलवार की देर शाम जारी कर दी गई है.
1973 बेच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी विश्वरंजन को गृह रक्षा वाहिनी यानि होमगार्ड का महानिदेशक बनाया गया है.इसके अलावा उन्हें पुलिस गृह निर्माण कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष का भी प्रभार दिया गया है.
विश्वरंजन की जगह 1978 बेच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी अनिल नवानी को राज्य का नया पुलिस महानिदेशक बनाया गया है.
हालांकि छत्तीसगढ़ सरकार के गृह विभाग के प्रमुख सचिव एनके असवाल नें विश्वरंजन के हटाये जाने को नियमित सरकारी फ़ैसला बताया लेकिन सरकारी सूत्रों का कहना है कि उनके हटाए जाने के पीछे कई कारण हो सकते है.
अरसे से गृह मंत्री ननकीराम कँवर के साथ विश्वरंजन का तालमेल सही नहीं बैठ पा रहा था. कई ऐसे संयोग आये जब या तो विश्वरंजन नें गृह मंत्री के निर्देशों को नहीं माना या फिर पुलिस मुख्यालय के फैसलों को गृह मंत्री नें ख़ारिज कर दिया.
हालाकि विश्वरंजन को अचानक हटाए जाने का कारण स्पष्ट नहीं है मगर उनके तबादले के साथ ही अटकलों का बाज़ार गरम हो गया है. पुलिस महकमे में इस बात को लेकर खबली मच गई है.
फ़ैसले से हैरानी
विश्वरंजन को हटाए जाने पर कई लोगों को हैरानी हुई है.
राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मानते हैं कि विश्वरंजन का तबादला उनके लिए एक आश्चर्य है क्योंकि वो मुख्यमंत्री रमन सिंह के काफी करीबी बताए जाते हैं.
कहा जाता रहा है कि जब विश्वरंजन गुप्तचर विभाग में तैनात थे तो वो रमन सिंह के अनुरोध पर ही छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक का पद संभालने के लिए तैयार हुए थे.
यही वजह है कि विश्वरंजन, गृह मंत्री ननकीराम कँवर को दरकिनार कर अपने तौर पर फ़ैसले लेते थे.
पिछले महीने जब गृह मंत्री नें पांच ज़िलों के पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया तो उसे पुलिस मुख्यालय ने ये कहते हुए निरस्त कर दिया कि गृह मंत्री को पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक करने का कोई अधिकार नहीं है.
ये भी कहा जा रहा है कि आईएएस और आईपीएस लॉबी में चल रही खींचातानी भी विश्वरंजन को हटाए जाने का एक कारण है. नौकरशाही में चर्चा रही है कि 1973 बेच के विश्वरंजन सबसे वरिष्ठतम अधिकारी हैं.
तबादले प्रशासनिक प्रक्रिया का हिस्सा
छत्तीसगढ़ पुलिस नक्सली समस्या से जूझ रही है
कहते हैं कि राज्य के मुख्य सचिव 1977 बेच के हैं. यही वजह है कि विश्वरंजन पर मुख्य सचिव के कार्यालय की अनदेखी के भी आरोप लगते रहे हैं.
तबादले की ख़बर के बाद सरकारी हलकों में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गयीं हैं. अधिकारियों का एक तबका मानता है कि नक्सली मामलों को लेकर सरकार की हो रही किरकिरी भी इसके पीछे का एक बड़ा कारण है.
हालांकि कुछ पत्रकारों के संपर्क करने पर विश्वरंजन नें कहा कि अभी तक सरकारी तौर पर उन्हें उनके तबादले की सूचना नहीं दी गई है. उनका कहना था कि तबादले प्रशासनिक प्रक्रिया का हिस्सा हैं इसलिए उन्हें इसपर कोई आश्चर्य नहीं हुआ है.
1973 बेच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी विश्वरंजन को गृह रक्षा वाहिनी यानि होमगार्ड का महानिदेशक बनाया गया है.इसके अलावा उन्हें पुलिस गृह निर्माण कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष का भी प्रभार दिया गया है.
विश्वरंजन की जगह 1978 बेच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी अनिल नवानी को राज्य का नया पुलिस महानिदेशक बनाया गया है.
हालांकि छत्तीसगढ़ सरकार के गृह विभाग के प्रमुख सचिव एनके असवाल नें विश्वरंजन के हटाये जाने को नियमित सरकारी फ़ैसला बताया लेकिन सरकारी सूत्रों का कहना है कि उनके हटाए जाने के पीछे कई कारण हो सकते है.
अरसे से गृह मंत्री ननकीराम कँवर के साथ विश्वरंजन का तालमेल सही नहीं बैठ पा रहा था. कई ऐसे संयोग आये जब या तो विश्वरंजन नें गृह मंत्री के निर्देशों को नहीं माना या फिर पुलिस मुख्यालय के फैसलों को गृह मंत्री नें ख़ारिज कर दिया.
हालाकि विश्वरंजन को अचानक हटाए जाने का कारण स्पष्ट नहीं है मगर उनके तबादले के साथ ही अटकलों का बाज़ार गरम हो गया है. पुलिस महकमे में इस बात को लेकर खबली मच गई है.
फ़ैसले से हैरानी
विश्वरंजन को हटाए जाने पर कई लोगों को हैरानी हुई है.
राज्य के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मानते हैं कि विश्वरंजन का तबादला उनके लिए एक आश्चर्य है क्योंकि वो मुख्यमंत्री रमन सिंह के काफी करीबी बताए जाते हैं.
कहा जाता रहा है कि जब विश्वरंजन गुप्तचर विभाग में तैनात थे तो वो रमन सिंह के अनुरोध पर ही छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक का पद संभालने के लिए तैयार हुए थे.
यही वजह है कि विश्वरंजन, गृह मंत्री ननकीराम कँवर को दरकिनार कर अपने तौर पर फ़ैसले लेते थे.
पिछले महीने जब गृह मंत्री नें पांच ज़िलों के पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया तो उसे पुलिस मुख्यालय ने ये कहते हुए निरस्त कर दिया कि गृह मंत्री को पुलिस अधीक्षकों के साथ बैठक करने का कोई अधिकार नहीं है.
ये भी कहा जा रहा है कि आईएएस और आईपीएस लॉबी में चल रही खींचातानी भी विश्वरंजन को हटाए जाने का एक कारण है. नौकरशाही में चर्चा रही है कि 1973 बेच के विश्वरंजन सबसे वरिष्ठतम अधिकारी हैं.
तबादले प्रशासनिक प्रक्रिया का हिस्सा
छत्तीसगढ़ पुलिस नक्सली समस्या से जूझ रही है
कहते हैं कि राज्य के मुख्य सचिव 1977 बेच के हैं. यही वजह है कि विश्वरंजन पर मुख्य सचिव के कार्यालय की अनदेखी के भी आरोप लगते रहे हैं.
तबादले की ख़बर के बाद सरकारी हलकों में कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गयीं हैं. अधिकारियों का एक तबका मानता है कि नक्सली मामलों को लेकर सरकार की हो रही किरकिरी भी इसके पीछे का एक बड़ा कारण है.
हालांकि कुछ पत्रकारों के संपर्क करने पर विश्वरंजन नें कहा कि अभी तक सरकारी तौर पर उन्हें उनके तबादले की सूचना नहीं दी गई है. उनका कहना था कि तबादले प्रशासनिक प्रक्रिया का हिस्सा हैं इसलिए उन्हें इसपर कोई आश्चर्य नहीं हुआ है.
Punjab Police: Chandigarh: इस चोर की 'डिग्री' सुन आप भी कहेंगे, यार ऐसी हरकत तो न करो...
चंडीगढ़. चंडीगढ़ पुलिस के क्राइम ब्रांच की टीम ने कैथल के निवासी 25 वर्षीय युवक जसविंदर सिंह उर्फ पिंडा को चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया है। व र्ष2009 में पंजाब यूनिवर्सिटी से एमएससी पास इस युवक के पास से पुलिस को चोरी के 8 बाइक बरामद हुए हैं। पुलिस ने आरोपी को शनिवार को जिला अदालत में पेश किया, यहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
दिन पहले जसविंदर को गिरफ्तार किया था। उसने पुलिस को बताया था कि वह कैथल के एक अच्छे परिवार से संबंध रखता है। लेकिन जब वह पढ़ाई के लिए चंडीगढ़ आया तो उसे यहां का लाइफ स्टाइल भा गया। वह ज्यादा खर्च करने लगा। इसके बाद उसने अपना खर्च निकालने के लिए वाहनों की चोरी कर उन्हें आगे बेचने लगा। पढ़ाई के बाद वह वापस कैथल चला गया। चोरी करने के लिए वह रात को यहां आता और सेक्टर 17 स्थित बस अड्डे के रैन बसेरे पर रहता।
उसी रात या फिर तड़के इलाके में खड़े दो पहिया वाहनों को चोरी करता और उसी पर कैथल चला जाता। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर कैथल और चंडीगढ़ से 8 बाइक बरामद किए हैं। पुलिस के मुताबिक जसविंदर के पकड़े जाने से वाहन चोरी के 8 मामलों का खुलासा हुआ है। इनमें एक केस थाना-19 का जबकि 7 सेक्टर-17 थाने के हैं।
दिन पहले जसविंदर को गिरफ्तार किया था। उसने पुलिस को बताया था कि वह कैथल के एक अच्छे परिवार से संबंध रखता है। लेकिन जब वह पढ़ाई के लिए चंडीगढ़ आया तो उसे यहां का लाइफ स्टाइल भा गया। वह ज्यादा खर्च करने लगा। इसके बाद उसने अपना खर्च निकालने के लिए वाहनों की चोरी कर उन्हें आगे बेचने लगा। पढ़ाई के बाद वह वापस कैथल चला गया। चोरी करने के लिए वह रात को यहां आता और सेक्टर 17 स्थित बस अड्डे के रैन बसेरे पर रहता।
उसी रात या फिर तड़के इलाके में खड़े दो पहिया वाहनों को चोरी करता और उसी पर कैथल चला जाता। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर कैथल और चंडीगढ़ से 8 बाइक बरामद किए हैं। पुलिस के मुताबिक जसविंदर के पकड़े जाने से वाहन चोरी के 8 मामलों का खुलासा हुआ है। इनमें एक केस थाना-19 का जबकि 7 सेक्टर-17 थाने के हैं।
Punjab Police: Panchkula: कल तक था पुलिसवाला, आज बना नशे का सौदागर!
पंचकूला. किस्मत और बुद्धि कैसे पलटती है, इसका प्रमाण अफीम तस्करों के गिरोह का एक सदस्य अमृतसर निवासी दिलबाग है। असल में दिलबाग पंजाब पुलिस में कांस्टेबल के पद पर तैनात था और उसकी पोस्टिंग अमृतसर में थी। वह रहता भी अमृतसर की पुलिस लाइन में ही है।
दिलबाग दो साल पहले नौकरी से रिलीव होकर विदेश गया और कुछ समय बाद जब वापस लौटा तो बजाए नौकरी पर जाने के वह नशे के कारोबार में दाखिल हो गया और बड़ा तस्कर बन गया। नशे के इस कारोबार से खूब कमाई और मौज-मस्ती की। किस्मत ने फिर पलटा खाया और अब दिलबाग जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गया।
मांगा 7 दिन का रिमांड, मिला 5 दिन का
शनिवार देर रात सेक्टर-9 स्थित कोठी नंबर 954 से नशे के कारोबार के आरोप में पकड़े गए सभी पांचों आरोपियों जालंधर निवासी नवजोत, लुधियाना निवासी सुरजीत, अमृतसर निवासी दिलबाग, अमृतसर निवासी सुरजीत व गुरदयाल को रविवार कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें पांच दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। हालांकि पुलिस ने सात दिन का रिमांड मांगा था।
रात को जहां पुलिस ने 3 किलो अफीम, एक पिस्टल, एक रिवॉल्वर व दो गाड़ियां बरामद होने की बात कही थी, वहीं बाद में हुई छानबीन में 18 कारटेज भी सामने आए। इसके अलावा पुलिस के मुताबिक गिरोह के सरगना पिंटू, सतेंद्र व सुखविंद्र को पकड़ने के लिए टीमों का गठन किया गया है, जल्द ही उन्हें पकड़ लिया जाएगा।
जांच के बाद होगी कोठी मालिक पर कार्रवाई
पुलिस के मुताबिक यह कोठी एक महिला के नाम पर है और वे फिलहाल करनाल में रहती हैं। पुलिस पहले यह जांच करेगी कि कोठी मालकिन ने जिस वक्त इन युवकों को कोठी किराये पर दी थी और रेंट एग्रीमेंट बनवाया था, उस वक्त वे पंचकूला में रहती थी या नहीं? अगर यह साफ हो जाता है कि वे उस वक्त पंचकूला में ही रहती थी और इसके बावजूद उन्होंने किरायेदारों की वेरिफिकेशन नहीं कराई, तो फिर उन पर कार्रवाई होना तय है। पंचकूला के एसपी मनीष चौधरी के मुताबिक पांच दिन के रिमांड के दौरान काफी कुछ सामने आएगा।
राजस्थान की अफीम चंडीगढ़ में सप्लाई
प्राथमिक पूछताछ में पता चला है कि अफीम तस्करों का यह गिरोह राजस्थान के कोटा से अफीम लाता था और उसके बाद चंडीगढ़ में सप्लाई करता था। अफीम का रेट खरीदने वाले की जरूरत पर निर्भर करता था। पुलिस के मुताबिक जो खरीददार अफीम का ज्यादा आदि होता था, उसके लिए कीमत ज्यादा होती थी और जिसका अफीम के बगैर काम चल सकता था, उसके लिए दाम भी कम होते थे।
दिलबाग दो साल पहले नौकरी से रिलीव होकर विदेश गया और कुछ समय बाद जब वापस लौटा तो बजाए नौकरी पर जाने के वह नशे के कारोबार में दाखिल हो गया और बड़ा तस्कर बन गया। नशे के इस कारोबार से खूब कमाई और मौज-मस्ती की। किस्मत ने फिर पलटा खाया और अब दिलबाग जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गया।
मांगा 7 दिन का रिमांड, मिला 5 दिन का
शनिवार देर रात सेक्टर-9 स्थित कोठी नंबर 954 से नशे के कारोबार के आरोप में पकड़े गए सभी पांचों आरोपियों जालंधर निवासी नवजोत, लुधियाना निवासी सुरजीत, अमृतसर निवासी दिलबाग, अमृतसर निवासी सुरजीत व गुरदयाल को रविवार कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें पांच दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। हालांकि पुलिस ने सात दिन का रिमांड मांगा था।
रात को जहां पुलिस ने 3 किलो अफीम, एक पिस्टल, एक रिवॉल्वर व दो गाड़ियां बरामद होने की बात कही थी, वहीं बाद में हुई छानबीन में 18 कारटेज भी सामने आए। इसके अलावा पुलिस के मुताबिक गिरोह के सरगना पिंटू, सतेंद्र व सुखविंद्र को पकड़ने के लिए टीमों का गठन किया गया है, जल्द ही उन्हें पकड़ लिया जाएगा।
जांच के बाद होगी कोठी मालिक पर कार्रवाई
पुलिस के मुताबिक यह कोठी एक महिला के नाम पर है और वे फिलहाल करनाल में रहती हैं। पुलिस पहले यह जांच करेगी कि कोठी मालकिन ने जिस वक्त इन युवकों को कोठी किराये पर दी थी और रेंट एग्रीमेंट बनवाया था, उस वक्त वे पंचकूला में रहती थी या नहीं? अगर यह साफ हो जाता है कि वे उस वक्त पंचकूला में ही रहती थी और इसके बावजूद उन्होंने किरायेदारों की वेरिफिकेशन नहीं कराई, तो फिर उन पर कार्रवाई होना तय है। पंचकूला के एसपी मनीष चौधरी के मुताबिक पांच दिन के रिमांड के दौरान काफी कुछ सामने आएगा।
राजस्थान की अफीम चंडीगढ़ में सप्लाई
प्राथमिक पूछताछ में पता चला है कि अफीम तस्करों का यह गिरोह राजस्थान के कोटा से अफीम लाता था और उसके बाद चंडीगढ़ में सप्लाई करता था। अफीम का रेट खरीदने वाले की जरूरत पर निर्भर करता था। पुलिस के मुताबिक जो खरीददार अफीम का ज्यादा आदि होता था, उसके लिए कीमत ज्यादा होती थी और जिसका अफीम के बगैर काम चल सकता था, उसके लिए दाम भी कम होते थे।
Gujrat Police: Ahmedabad: दूसरे की बीबी से संबंध का भुगता खामियाजा, पुलिस कमिश्नर ने किया कांस्टेबल को सस्पेंड..
अहमदाबाद।सरदार नगर पुलिस स्टेशन में एएसआई अरविंद उर्फ चित्ता को कुख्यात वीजू बोडी को लॉकअप से बहार निकालने और कॉन्स्टेबल हीराजी डाभी को परस्त्री से अवैध संबंध रखने के आरोप में पुलिस कमिश्नर ने सस्पेंड कर दिया।
सरदारनगर के कॉन्सटेबल हीराजी मेलाजी डाभी के एक विवाहित स्त्री से अवैध संबंध थे। यह बात उस स्त्री के पति को भी पता थी। इसके लिए महिला के पति ने हीराजी को कई बार समझाया भी लेकिन वर्दी के रौब में हीराजी को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ा। आखिरकार पति ने हीराजी की शिकायत पुलिस कमिश्नर से कर दी। पुलिस जांच में भी यह बात सही साबित हुई और पुलिस कमिश्नर ने हीराजी को सस्पेंड कर दिया।
इसी तरह कुछ दिनों पहले गांधीरोड पर अरविंद उर्फ चित्ता ने कुख्यात वीजू बोडी को लॉकअप से बाहर निकाला था। जब एक कॉन्सटेबल ने इसका विरोध किया तो अरविंद ने उससे झगड़ा भी किया था। पुलिस जांच में यह बात भी सही पाई गई और पुलिस कमिश्नर ने अरविंद को भी सस्पेंड कर दिया।
सरदारनगर के कॉन्सटेबल हीराजी मेलाजी डाभी के एक विवाहित स्त्री से अवैध संबंध थे। यह बात उस स्त्री के पति को भी पता थी। इसके लिए महिला के पति ने हीराजी को कई बार समझाया भी लेकिन वर्दी के रौब में हीराजी को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ा। आखिरकार पति ने हीराजी की शिकायत पुलिस कमिश्नर से कर दी। पुलिस जांच में भी यह बात सही साबित हुई और पुलिस कमिश्नर ने हीराजी को सस्पेंड कर दिया।
इसी तरह कुछ दिनों पहले गांधीरोड पर अरविंद उर्फ चित्ता ने कुख्यात वीजू बोडी को लॉकअप से बाहर निकाला था। जब एक कॉन्सटेबल ने इसका विरोध किया तो अरविंद ने उससे झगड़ा भी किया था। पुलिस जांच में यह बात भी सही पाई गई और पुलिस कमिश्नर ने अरविंद को भी सस्पेंड कर दिया।
MP Police: Gwaliar: मंदिर का पुजारी गायब हुआ, ढूंढा तो मिला महिला सिपाही के घर ...
ग्वालियर। चार दिन से गायब खेड़ापति मंदिर का पंडित देवेंद्र शर्मा बहोड़ापुर स्थित पुलिस लाइन में एक महिला सिपाही शारदा किरार के घर मिला। पंडित के परिजनों का आरोप है कि महिला सिपाही, पंडित को बहला फुसलाकर अपने साथ ले गई और घर में बंद कर लिया।
उधर महिला सिपाही ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि पंडित से उसका कोई संबंध नहीं है और न ही पंडित उसके घर से मिला। उल्टे कुछ लोगों ने सुबह उसके घर में तोडफ़ोड़ कर दी। सुबह डीआरपी लाइन में एक घंटे तक हंगामा हुआ। बहोड़ापुर थाने की पुलिस ने महिला सिपाही की शिकायत पर दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मंदिर का पुजारी देवेंद्र शर्मा उर्फ धांधू 7 सितंबर की शाम को घर से बिना बताए कहीं चला गया था।
पुजारी के भाई पद्म शर्मा ने बताया कि शनिवार को पता चला था कि देवेंद्र डीआरपी लाइन में महिला सिपाही शारदा किरार के घर में हैं। इसके बाद मां विमला बाई महिला सिपाही के घर पहुंची तो उसने देवेंद्र को अपनी मां के साथ आने नहीं दिया।
रविवार सुबह पद्म सहित देवेंद्र के परिजन फिर शारदा के घर पहुंचे। इस समय शारदा के घर के ताले लगे थे। पड़ोसियों ने बताया कि शारदा घर के अंदर ही है। इसके बाद देवेंद्र के परिजनों ने यहां पर हंगामा करना शुरू कर दिया। इस बीच शारदा ने देवेंद्र को घर के बाहर किया और स्वयं घर के अंदर घुसी रही ।
वहीं शारदा बहोड़ापुर थाने में रिपोर्ट लिखाई है कि रविवार सुबह उसके घर पर टीटू शर्मा, पिंटू शर्मा ने कहा कि देवेंद्र तुम्हारे घर में है उसे निकालो, लेकिन देवेंद्र मेरे घर पर नहीं आता है और न ही यहां था। पंडित के परिजनों ने रात में मेरे घर के बाहर हंगामा किया और सुबह भी मारपीट कर घर में तोडफ़ोड़ कर दी। पुलिस ने टीटू शर्मा, पिंटू शर्मा और उसके साथियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
महिला और पुरुष दोनों साथ रहने पर तो कोई कार्रवाई नहीं बनती है। लेकिन पुरुष को बंधक बनाया गया है और महिला सिपाही से मारपीट की गई है तो इस मामले में जांच के बाद निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी। महिला की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है जबकि खेड़ापति के पंडित या उसके परिजनों की ओर से कोई शिकायत नहीं आई है।
अरविंद दुबे
सीएसपी, ग्वालियर
खेड़ापति मंदिर के पुजारी या उसके परिजनों की ओर से उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है।
हरिओम शर्मा
टीआई, पड़ाव
महिला सिपाही शारदा किरार ने मेरे भाई देवेंद्र को बहला फुसलाकर घर बुला लिया था और उसके बाद घर में बंधक बना लिया था। हमने पड़ाव थाने और सीएसपी साहब को घटना की शिकायत की है। देवेंद्र को हम लोग सुबह शारदा के घर से ही लाए थे।
पद्म शर्मा
देवेंद्र का भाई
डेढ़ महीने पहले मेरी ड्यूटी खेड़ापति मंदिर पर थी, इसी दौरान देवेंद्र की मां ने मेरा फोन नंबर ले लिया था। इसके बाद पता नहीं देवेंद्र के पास कैसे मेरा नंबर पहुंचा और उसने मेरे मना करने के बावजूद दो-तीन बार मुझे फोन भी किया। देवेंद्र के परिजनों ने शनिवार की शाम को मेरे घर हंगामा किया और रविवार की सुबह आकर फिर मारपीट कर दी। देवेंद्र मेरे घर पर नहीं था।
शारदा किरार
महिला आरक्षक
उधर महिला सिपाही ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि पंडित से उसका कोई संबंध नहीं है और न ही पंडित उसके घर से मिला। उल्टे कुछ लोगों ने सुबह उसके घर में तोडफ़ोड़ कर दी। सुबह डीआरपी लाइन में एक घंटे तक हंगामा हुआ। बहोड़ापुर थाने की पुलिस ने महिला सिपाही की शिकायत पर दो लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। मंदिर का पुजारी देवेंद्र शर्मा उर्फ धांधू 7 सितंबर की शाम को घर से बिना बताए कहीं चला गया था।
पुजारी के भाई पद्म शर्मा ने बताया कि शनिवार को पता चला था कि देवेंद्र डीआरपी लाइन में महिला सिपाही शारदा किरार के घर में हैं। इसके बाद मां विमला बाई महिला सिपाही के घर पहुंची तो उसने देवेंद्र को अपनी मां के साथ आने नहीं दिया।
रविवार सुबह पद्म सहित देवेंद्र के परिजन फिर शारदा के घर पहुंचे। इस समय शारदा के घर के ताले लगे थे। पड़ोसियों ने बताया कि शारदा घर के अंदर ही है। इसके बाद देवेंद्र के परिजनों ने यहां पर हंगामा करना शुरू कर दिया। इस बीच शारदा ने देवेंद्र को घर के बाहर किया और स्वयं घर के अंदर घुसी रही ।
वहीं शारदा बहोड़ापुर थाने में रिपोर्ट लिखाई है कि रविवार सुबह उसके घर पर टीटू शर्मा, पिंटू शर्मा ने कहा कि देवेंद्र तुम्हारे घर में है उसे निकालो, लेकिन देवेंद्र मेरे घर पर नहीं आता है और न ही यहां था। पंडित के परिजनों ने रात में मेरे घर के बाहर हंगामा किया और सुबह भी मारपीट कर घर में तोडफ़ोड़ कर दी। पुलिस ने टीटू शर्मा, पिंटू शर्मा और उसके साथियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
महिला और पुरुष दोनों साथ रहने पर तो कोई कार्रवाई नहीं बनती है। लेकिन पुरुष को बंधक बनाया गया है और महिला सिपाही से मारपीट की गई है तो इस मामले में जांच के बाद निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी। महिला की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है जबकि खेड़ापति के पंडित या उसके परिजनों की ओर से कोई शिकायत नहीं आई है।
अरविंद दुबे
सीएसपी, ग्वालियर
खेड़ापति मंदिर के पुजारी या उसके परिजनों की ओर से उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है।
हरिओम शर्मा
टीआई, पड़ाव
महिला सिपाही शारदा किरार ने मेरे भाई देवेंद्र को बहला फुसलाकर घर बुला लिया था और उसके बाद घर में बंधक बना लिया था। हमने पड़ाव थाने और सीएसपी साहब को घटना की शिकायत की है। देवेंद्र को हम लोग सुबह शारदा के घर से ही लाए थे।
पद्म शर्मा
देवेंद्र का भाई
डेढ़ महीने पहले मेरी ड्यूटी खेड़ापति मंदिर पर थी, इसी दौरान देवेंद्र की मां ने मेरा फोन नंबर ले लिया था। इसके बाद पता नहीं देवेंद्र के पास कैसे मेरा नंबर पहुंचा और उसने मेरे मना करने के बावजूद दो-तीन बार मुझे फोन भी किया। देवेंद्र के परिजनों ने शनिवार की शाम को मेरे घर हंगामा किया और रविवार की सुबह आकर फिर मारपीट कर दी। देवेंद्र मेरे घर पर नहीं था।
शारदा किरार
महिला आरक्षक
MP Police:Indore: छात्रा का MMS बनाने वाला पुलिस अधिकारी बर्खास्त...
इंदौर। मध्य प्रदेश के इंदौर में एक छात्रा का अश्लील एमएमएस बनाकर उसे ब्लैकमेल करके खाकी वर्दी को दागदार बनाने वाले पुलिस उप निरीक्षक आर के शिवहरे को बर्खास्त कर दिया गया है।
चंदननगर थाने में पदस्थ उप निरीक्षक राम किशोर शिवहरे व उसके दो साथियों पर स्कीम नम्बर 71 में रहने वाली 11वीं कक्षा की छात्रा का एमएमएस बनाकर उसे ब्लैकमेल करने का आरोप है।
जिस छात्रा का एमएमएस बनाया गया था वह राजनीतिक प्रभाव रखने वाले परिवार से आती है। इसीलिए पुलिस ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए उप निरीक्षक और उसके दोनों साथियों को गिरफ्तार करने के साथ जेल भेज दिया था। शिवहरे को पुलिस विभाग से बर्खास्त कर दिया गया है।
स्कूली छात्रा को अगवा करके उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें उतारने के आरोप में एक पुलिस उपनिरीक्षक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार.
इंदौर में सोलह वर्षीय स्कूली छात्रा को पिस्तौल के बल पर अगवा करके उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें उतारने और उसके आधार पर उसे ब्लैकमेल करने के आरोप में यहां एक पुलिस उपनिरीक्षक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
इससे पुलिस महकमे को शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है क्योंकि सप्ताहभर में यह दूसरी बार है जब शहर के किसी उपनिरीक्षक को आपराधिक वारदात में कथित रूप से शामिल होने के लिए बदमाशों के साथ हवालात के अंदर पहुंचते देखा गया है.
पुलिस सूत्रों ने बुधवार को बताया कि स्कीम नम्बर 71 क्षेत्र में रहने वाली छात्रा को उपनिरीक्षक रामकिशोर शिवहरे ने पांच सितंबर की रात पिस्तौल दिखाकर अगवा किया.
रामकिशोर ने छात्रों को उस समय अगवा किया जब वह अपने घर के पास एक युवक से बात कर रही थी.
इसके बाद उसे जबरन एक कमरे में ले जाकर मोबाइल के कैमरे से उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें खींचीं गयीं.इस कमरे में दो महिलाएं और तीन बच्चे भी थे.
सूत्रों के मुताबिक चंदन नगर थाने में पदस्थ 45 वर्षीय पुलिसकर्मी की इस करतूत में दो बदमाशों ने उसका साथ दिया. बदमाशों की पहचान संजय ठाकुर और विजय शर्मा के रूप में की गई है.
सूत्रों के मुताबिक आरोपियों ने यह धमकी देते हुए स्कूली छात्रा को ब्लैकमेल किया कि यदि उसने उनकी बात नहीं मानी तो उसकी तस्वीरो को सार्वजनिक कर दिया जायेगा.
पीड़ित छात्रा रतलाम के निर्दलीय विधायक पारस सकलेचा की परिचित है. विधायक ने छात्रा के साथ जाकर पुलिस को शिकायत की.
पुलिस ने इस मामले के तीनों आरोपियों को पकड़ लिया. उनके खिलाफ अपहरण, बंधक बनाने और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज किया गया है.
इस बीच पुलिस उपाधीक्षक (अपराध शाखा) जितेंद्र सिंह ने कहा, हमने आरोपियों के कब्जे से वह मोबाइल भी बरामद कर लिया है जिसके कैमरे से छात्रा की तस्वीरें खींचीं गयी थीं. मोबाइल को जांच के लिये अपराध विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया है.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक मामले के आरोपियों में उपनिरीक्षक को मंगलवार रात निलंबित कर दिया गया. उसके खिलाफ विभागीय जांच शुरू हो गयी है.
इससे पहले पुलिस ने विजय नगर थाने में पदस्थ उपनिरीक्षक बिहारीलाल मेहर को गत दो सितंबर को गिरफ्तार किया था.
आरोप है कि जांचकर्ता अधिकारी मेहर ने करीब नौ लाख रुपये की चोरी की रकम में से साढे़ छह लाख रुपये हड़प लिये थे और हाथ आये चोरों को छोड़ दिया था.
चंदननगर थाने में पदस्थ उप निरीक्षक राम किशोर शिवहरे व उसके दो साथियों पर स्कीम नम्बर 71 में रहने वाली 11वीं कक्षा की छात्रा का एमएमएस बनाकर उसे ब्लैकमेल करने का आरोप है।
जिस छात्रा का एमएमएस बनाया गया था वह राजनीतिक प्रभाव रखने वाले परिवार से आती है। इसीलिए पुलिस ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए उप निरीक्षक और उसके दोनों साथियों को गिरफ्तार करने के साथ जेल भेज दिया था। शिवहरे को पुलिस विभाग से बर्खास्त कर दिया गया है।
स्कूली छात्रा को अगवा करके उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें उतारने के आरोप में एक पुलिस उपनिरीक्षक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार.
इंदौर में सोलह वर्षीय स्कूली छात्रा को पिस्तौल के बल पर अगवा करके उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें उतारने और उसके आधार पर उसे ब्लैकमेल करने के आरोप में यहां एक पुलिस उपनिरीक्षक समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
इससे पुलिस महकमे को शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है क्योंकि सप्ताहभर में यह दूसरी बार है जब शहर के किसी उपनिरीक्षक को आपराधिक वारदात में कथित रूप से शामिल होने के लिए बदमाशों के साथ हवालात के अंदर पहुंचते देखा गया है.
पुलिस सूत्रों ने बुधवार को बताया कि स्कीम नम्बर 71 क्षेत्र में रहने वाली छात्रा को उपनिरीक्षक रामकिशोर शिवहरे ने पांच सितंबर की रात पिस्तौल दिखाकर अगवा किया.
रामकिशोर ने छात्रों को उस समय अगवा किया जब वह अपने घर के पास एक युवक से बात कर रही थी.
इसके बाद उसे जबरन एक कमरे में ले जाकर मोबाइल के कैमरे से उसकी आपत्तिजनक तस्वीरें खींचीं गयीं.इस कमरे में दो महिलाएं और तीन बच्चे भी थे.
सूत्रों के मुताबिक चंदन नगर थाने में पदस्थ 45 वर्षीय पुलिसकर्मी की इस करतूत में दो बदमाशों ने उसका साथ दिया. बदमाशों की पहचान संजय ठाकुर और विजय शर्मा के रूप में की गई है.
सूत्रों के मुताबिक आरोपियों ने यह धमकी देते हुए स्कूली छात्रा को ब्लैकमेल किया कि यदि उसने उनकी बात नहीं मानी तो उसकी तस्वीरो को सार्वजनिक कर दिया जायेगा.
पीड़ित छात्रा रतलाम के निर्दलीय विधायक पारस सकलेचा की परिचित है. विधायक ने छात्रा के साथ जाकर पुलिस को शिकायत की.
पुलिस ने इस मामले के तीनों आरोपियों को पकड़ लिया. उनके खिलाफ अपहरण, बंधक बनाने और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज किया गया है.
इस बीच पुलिस उपाधीक्षक (अपराध शाखा) जितेंद्र सिंह ने कहा, हमने आरोपियों के कब्जे से वह मोबाइल भी बरामद कर लिया है जिसके कैमरे से छात्रा की तस्वीरें खींचीं गयी थीं. मोबाइल को जांच के लिये अपराध विज्ञान प्रयोगशाला भेजा गया है.
पुलिस सूत्रों के मुताबिक मामले के आरोपियों में उपनिरीक्षक को मंगलवार रात निलंबित कर दिया गया. उसके खिलाफ विभागीय जांच शुरू हो गयी है.
इससे पहले पुलिस ने विजय नगर थाने में पदस्थ उपनिरीक्षक बिहारीलाल मेहर को गत दो सितंबर को गिरफ्तार किया था.
आरोप है कि जांचकर्ता अधिकारी मेहर ने करीब नौ लाख रुपये की चोरी की रकम में से साढे़ छह लाख रुपये हड़प लिये थे और हाथ आये चोरों को छोड़ दिया था.
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