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Sunday, September 25, 2011
Mumbai Police: कत्ल करवाने के बाद बनाता रहा पुलिस की हजामत..
मुंबई।। कत्ल के बाद आमतौर पर आरोपी पुलिस से भागते फिरते हैं, पर महाबलेश्वर में भरत साठे नामक शख्स के कत्ल में कातिलों को सुपारी देने वाला पुलिस वालों की मर्डर के कई दिन बाद तक हजामत बनाता रहा। इस शख्स का नाम है नारायण शंकर उलालकर उर्फ अंकुश। अंकुश महाबलेश्वर में नाई की दुकान में काम करता था। उसकी पत्नी महाबलेश्वर में ही सिद्घि विडियो गेम्स पार्लर में काम करती थी। इस पार्लर के मालिक भरत साठे का दादर में एक बड़ा एजुकेशन इंस्टिट्यूट है। अंकुश की पत्नी का इस भरत के साथ लंबे समय से अफेयर चल रहा था। उसका बेटा भी भरत के साथ ही रहता था। एक बार जब बेटा पिता अंकुश के पास गया और उसे पापा कहकर बुलाया, तो इस बात को लेकर बेटे को भरत और उसकी प्रेमिका (अंकुश की पत्नी) ने उसे(बेटे को) काफी हड़काया गया। अंकुश को इस पर बहुत बुरा लगा। उसका अपनी पत्नी के साथ कोर्ट में तलाक का केस पहले से ही चल रहा था, जिसमें उसे हर महीने मेनटिनेंस देना पड़ता था। इस मेनटिनेंस की वजह से वह आर्थिक रूप से कंगाल होता जा रहा था, दूसरी ओर उसकी पत्नी को ऐश करने के भरत से लगातार पैसे मिल रहे थे। ये सब बातें अंकुश को इतनी चुभ रही थीं कि उसने भरत साठे का कत्ल करवाने का मन बना लिया और यह बात अपने ड्राइवर दोस्त सीताराम चौरत को बता दी।
संयोग से कुछ महीने पहले मुंबई में महालक्ष्मी इलाके का रहनेवाला क्रिमिनल अनुज चौगुले घूमने के बहाने महाबलेश्वर गया और वहां वह सीतारात चौरत की गाड़ी में बैठा। उसी में सीताराम ने अनुज के पास एक हथियार देख लिया। वह समझ गया कि अनुज क्रिमिनल है और उसके दोस्त अंकुश के काम का आदमी है। सीताराम ने फौरन अनुज को अपने दोस्त अंकुश से मिलवाया। अंकुश ने उसे अपनी पत्नी के आशिक भरत साठे के कत्ल करने का कहा, लेकिन मामला सुपारी की रकम को लेकर लटक गया। अंकुश चूंकि गरीब था, इसलिए कत्ल के लिए वह महज कुछ हजार रुपये देना चाहता था, जबकि अनुज की कई लाख रुपये की डिमांड थी। जब मामला नहीं पटा, तो अनुज वापस मुंबई लौट आया और फिर उसने 1 जून को अपने कई साथियों के साथ मुलुंड में महालक्ष्मी जूलर के यहां 17 लाख रुपये के आभूषण लूट लिए ।
उस केस में जब सीनियर इंस्पेक्टर प्रफुल्ल भोंसले, सुहास चौधरी, अशोक खोत, राजाराम वनमाने और विवेक भोंसले की टीम ने इकबाल कासम पठान व तीन अन्य आरोपियों को पकड़ा, तो अनुज, रॉयल सिक्वेरा व रोहित शर्मा मुंबई से गोवा के लिए भाग लिए। चूंकि गोवा के रास्ते में महाबलेश्वर भी आता है, इसलिए अनुज का मन यहां थोड़ा बदल गया। उसने सोचा कि चलो एक बार अंकुश से मिल लेते हैं और यदि उसकी पत्नी का आशिक भरत साठे जिंदा होगा, तो अंकुश से कुछ हजार की ही सही, सुपारी लेकर भरत का कत्ल कर देते हैं। अंकुश तो इस साजिश के लिए पहले से तैयार था, उसने अनुज के मांगने पर रुपये फौरन दे दिए। बदले में अनुज, रॉयल सिक्वेरा व रोहित 20 जून को महाबलेश्वर के सिद्घि विडियो गेम्स पार्लर में घुसे। उन्होंने वहां भरत साठे व उसकी प्रेमिका (अंकुश की पत्नी) को कुर्सी से बांधा और फिर भरत को गोली मार दी। बाद में उन्होंने विडियो पार्लर में रखा कैश इस अंदाज में उठा लिया, कि लगे भरत साठे का कत्ल लूट के मकसद से किया गया। महाबलेश्वर पुलिस ऐसा समझी भी, उसे अंकुश पर जरा भी शक नहीं हुआ। विडियो पार्लर और अंकुश की सलून की दुकान के पास पुलिस चौकी होने के चलते वहां के पुलिसवाले हजामत बनाने के लिए नियमित रूप से अंकुश की दुकान पर आते रहे, लेकिन कभी भी उन्होंने अंकुश से भरत साठे कत्ल में कोई सवाल नहीं पूछा। बल्कि अंकुश ही हजामत के दौरान पुलिस वालों से पूछता रहता था कि भरत के कत्ल में आपको क्या लगता है? हत्यारा कौन हो सकता है?
इस हत्याकांड का राज पिछले पखवाड़े तब खुला , जब ऐंटि रॉबरी स्क्वॉड को इस बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिला। इसके बाद अंकुश पुलिस या जेल वालों की छोडि़ए , खुद अपनी हजामत ही कायदे से और नियमित नहीं बना पा रहा है।
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