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Wednesday, November 16, 2011
MP Police: Bhopal: पुराने गोलों के भरोसे एमपी पुलिस, कैसे काबू कर पाएंगे दंगाईयों को..
भोपाल। कल्पना कीजिए कहीं बेकाबू भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस आंसू गैस के गोले छोड़े और वे समय पर न फूटे तो क्या हो? मंगलवार को ऐसा ही हुआ, पुलिस द्वारा फेंके गए आंसू गैस के गोलों ने दगा दे दिया। वो तो गनीमत थी कि पुलिस के सामने नकली उपद्रवी थे। गड़बड़ सामने आने के बाद आईजी ने आंसू गैस के ऐसे गोलों को हटाने के निर्देश दिए हैं। दरअसल नेहरू नगर पुलिस लाइन में सालाना निरीक्षण और आईजी दरबार के दौरान मॉकड्रिल हुई थी।
जैसे ही बलवे की मॉकड्रिल शुरू हुई, दंगाइयों पर खराब हो चुके आंसू गैस के गोले फेंके गए। लेकिन हर गोले से गैस निकलने में करीब २क् सेकंड का वक्त लगा, जबकि इन्हें केवल दो से तीन सेकंड का समय लगना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि 22 सितंबर को जैन मंदिर से अतिक्रमण हटाने का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों पर फेंके गए आंसू गैस के गोले फूटे तक नहीं थे। इस मौके पर एसएसपी योगेश चौधरी समेत कई पुलिस अफसर मौजूद थे।
मंगलवार सुबह आईजी विजय यादव ने एसएसपी योगेश चौधरी, एसपी अभय सिंह समेत दूसरे पुलिस अफसरों के साथ नेहरू नगर पुलिस लाइन का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने परेड में तैनात पुलिस अफसरों और कर्मचारियों की ड्रेस और किट चैक करने के बाद कानून व्यवस्था के दौरान तैयारियों का जायजा लिया।
बलवे की मॉकड्रिल के दौरान दंगाइयों को काबू करने के लिए सीएसपी समर वर्मा, सीएसपी नवरत्न सिंह और एसडीओपी घनश्याम मालवीय ने उन पर आंसू गैस के गोले फेंके। गोले तो सही जगह पर गिरे, लेकिन इसमें से गैस निकलने में करीब बीस सेकंड तक लग गए, जबकि गैस निकलने का समय महज दो-तीन सेकंड होना चाहिए।
क्यों रखे पुराने गोले
आईजी विजय यादव के मुताबिक आंसू गैस के गोलों को तीन साल में हटाने का प्रावधान है, इसके बाद भी पुलिस लाइन में छह साल पुराने गोले रखे हुए हैं। उन्होंने बताया कि ऐसे गोलों को फौरन हटाने के निर्देश दिए गए हैं, साथ ही इस बात की भी जांच करवाई जा रही है कि अब तक ऐसे गोलों को हटाया क्यों नहीं गया। जानकार मानते हैं कि ऐसे में कोई भी दंगाई गोला उठाकर उसे पुलिस की ओर फेंक सकता है।
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