Sunday, March 18, 2012

MP Police: Indore Police: इंदौर में पुलिस कांस्टेबल की रिपोर्ट से सांसत में पड़े जज साहब, पासपोर्ट जब्त होने तक की नौबत आ गई थी..

इंदौर। जज साहब सामने थे। पुलिस जवान उनसे मिला। पासपोर्ट संबंधी सारी पड़ताल की और संतुष्ट होकर लौट गया। लेकिन पता नहीं पुलिस वाले ने इस ‘मुलाकात’ की आगे क्या रिपोर्ट भेजी, जज साहब न केवल मुश्किल में पड़ गए, बल्कि इस जवान की कलम के खिलाफ उन्हें आला अफसरों तक पहुंचना पड़ा। यह है मामला हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस पी.डी. मूल्ये ने अपने पुराने पासपोर्ट को फिर से बनवाने के लिए आवेदन दिया था। कुछ दिन पहले विजय नगर थाने का जवान उनके घर पहुंचा और उनसे सारी जानकारी ले ली। वह संतुष्ट होकर लौट गया। उसके बाद पूर्व जस्टिस को पासपोर्ट दफ्तर से तीन बिंदुओं का पत्र मिला। इसमें लिखा है-आपने जांच में सहयोग नहीं किया। आप फोटो सत्यापन हेतु उपस्थित नहीं हुए। पुलिस सत्यापन के समय आप उपस्थित नहीं थे। पत्र में हिदायत दी गई है कि 15 दिन में इस बाबद अपना लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करें अन्यथा आपका पासपोर्ट जत कर लिया जाएगा।
इस सख्त चिट्ठी से भौंचक और आहत श्री मूल्ये ने अब आईजी अनुराधा शंकर, एसएसपी ए. साईं मनोहर और पासपोर्ट ऑफिसर एल.के. वाघेला को चिट्ठी लिखकर कहा है कि - पुलिस जवान मेरे घर आया। मुझसे मिला। सारी जानकारी ली और संतुष्ट होकर गया। उसके बाद मुझे पासपोर्ट ऑफिस से चिट्ठी मिली कि मैंने जांच में सहयोग नहीं किया है। मेरे घर आकर सारी जानकारी लेने के बावजूद पुलिस जवान ने जो गलत रिपोर्ट दी है उससे मैं आहत हुआ हूं। यह एक खतरनाक प्रवृत्ति है। पुलिस जवान ने मेरी सत्यापन रिपोर्ट को तोड़-मरोड़कर पेश कर दिया। पत्र में पूर्व जस्टिस ने पुलिस अफसरों से कहा है कि वे इस पूरे मामले की जांच कर दोषी पर कार्रवाई करें।

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