Saturday, April 16, 2011

Mumbai Police : CP vs Crime Branch


Commissioner vs Crime Branch


After the Mumbai police arrested four shooters of the Ravi Pujari gang on Wednesday, and hopefully nipped in the bud what was looking like the revival of 90s' underworld extortion raj, one would have assumed the force would be in a celebratory mood. Right? Wrong.
All that the exceptional piece of investigation carried out by the Crime Branch - a team of officers disguised as labourers made a slum in Navi Mumbai its home for five days to arrest the first shooter -- has achieved is a deeply divided police force.
On one side you have Commissioner Arup Patnaik, who obviously believes in a central command and wants to hold all its levers. On the other side is the Crime Branch led by Joint Commissioner of Police Himanshu Roy.
While this division in the force is at least a couple of months old now, the investigations into firing by Ravi Pujari shooters in which two employees of a real estate developer were killed on March 14, has brought the worst out of this war between two vital wings of Mumbai police -- the commissioner's office and the Crime Branch.
Since the double murder took place around the time when several of builders in western suburbs were receiving threats from Pujari, the Crime Branch had begun looking into the case.
They were also investigating two more cases of firing by Pujari shooters -- one at a construction site in Navi Mumbai and the other in Nashik.
Patnaik, however, formed a special anti-extortion team to separately investigate the murders and the firing incidents.
It came to a point when the Crime Branch and Patnaik's special team led by Assistant Commissioner of Police Sanjay Jambhulkar began chasing the same leads and same informers.
As the friction grew, Jambhulkar allegedly picked up some informers and their families and put them under watch at the special cell's office in Meghwadi, Bandra. They were instructed not to share any information with the Crime Branch.
However, since the Crime Branch was on the case longer than the special cell, they naturally had a head start.
Despite restricted access to some of the informers, the Crime Branch managed to crack the case and arrest four of Pujari's men.
Patnaik, after taking over from Sanjeev Dayal, has often expressed his dislike for the Mumbai Crime Branch.
Soon after his appointment, he had taken the Social Service Branch and the CB Control, a specialised wing of Mumbai police that fights adulteration, under his wings.
Both these departments, traditionally recognised as money spinners for its officers, were till then controlled by the Crime Branch.
Patnaik was of the view that both Social Service Branch and CB Control were being misused by officers to make money.
Crime Branch officers, on their part, point out that special squads of anti-extortion cell, similar to what Patnaik formed to investigate the double murder, had a history of becoming a law unto themselves.
"When M N Singh took over as the CP in late 90s, he found that these squads were involved in illegal activities. He disbanded these squads and passed on their responsibilities to the Crime Branch," a former IPS officer told Mumbai Mirror.

Late last year, after a series of shootouts in western suburbs, Additional Commissioner of Police Amitabh Gupta had formed a similar squad which arrested several of Pujari men in September-October. However, after peace was restored in the region, this squad was disbanded.
Some new developments have also added to the differences between the Crime Branch and the Commissioner.

» The abrupt transfer of Unit 11 Inspector, Milind Khetle, to the citizens' facilitation centre.

» The transfer of Crime Branch DCP Nisar Tamboli to head Zone III.

Both decisions, sources said, were taken without consulting top Crime Branch bosses.
Khetle, who is a seasoned investigator and has several good detections to his credit, was summoned by Patnaik recently and transferred to a side posting following a news report that he had tried to influence a witness in the case against encounter specialist Pradip Sharma. This witness has already been declared hostile by the court.
After DCP Nisar Tamboli, who was working with Crime Branch for the past two years and was holding additional charge of Zone III, was asked to leave, Himanshu Roy's team now does not have a single DCP-level officer.
Mumbai police's spokesperson, DCP Rajkumar Vhatkar, , denied any rift in the police force. "I do not think the allegations should be taken seriously.
In Mumbai, the Crime Branch and the local police investigate cases simultaneously in a competitive spirit and in this case too the competition may have led to some confusion. If we come across any deliberate mischief, we will inquire into the matter."
A senior officer, however, defended Jambhulkar. He said, “Jambhulkar has only done what Crime Branch has been doing with the local police for several years.”

Friday, April 15, 2011

CG Police : अपराध पर अंकुश के लिए हर वाहन पर पुलिस की निगाह


रायपुर.लूट और हादसों की बढ़ती तादाद के मद्देनजर राजधानी की ट्रैफिक पुलिस ऑटोरिक्शा, टैक्सी और बड़ी गाड़ियों को जीपीएस (ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम) से लैस करने जा रही है।
लेजर किरणों की मदद से वाहनों की इंफ्रारेड बारकोडिंग की जाएगी। इसकी मदद से पुलिस कंट्रोल रूम वाहनों पर सीधी नजर रख सकेगा। पुलिस के मुताबिक इस तरह का सिस्टम लागू करने वाला रायपुर देश का पहला शहर होगा।
बेंगलुरू की कंपनी ने कुछ दिन पहले राजधानी पुलिस के सामने इस बाबत प्रजेंटेशन दिया था। सिस्टम को दो हिस्सों में लागू किया जाएगा।
पांच हजार रुपए तक का खर्चा
वाहनों में बार कोडिंग और जीपीएस लगाने की योजना के बारे में एडिशनल एसपी ट्रैफिक डी. रविशंकर ने बताया कि इसमें तीन से पांच हजार रुपए तक का खर्च आएगा।
कई महंगी गाड़ियों में जीपीएस इन बिल्ट आ रहे हैं। कंपनी से बातचीत चल रही है। पुलिस विभाग इसका पूरा प्रस्ताव तैयार कर राज्य शासन के पास मंजूरी के लिए भेजने की तैयारी कर रहा है।

दो चरणों में योजना : रायपुर होगा देश का पहला शहर

पहला चरण: बारकोडिंग
लेजर की मदद से हर गाड़ी की बॉडी के खास हिस्से में इंफ्रारेड बार कोड प्रिंट किए जाएंगे। इसमें वाहन मालिक का नाम, पता, इंजन नंबर, चेचिस नंबर, गाड़ी का मेक, रंग जैसी बुनियादी जानकारी होगी। बार कोड रीडर की मदद से पुलिस मिनटों में गाड़ी के बारे में जानकारी जुटा लेगी। इससे वाहनों का डिजिटल डेटा बेस तैयार हो जाएगा।
दूसरा :जीपीएस इंस्टालेशन
इसमें ऑटो, सिटी बसों, मिनी बसों से लेकर अन्य बड़े वाहनों में जीपीएस लगाए जाएंगे। इससे वाहनों की ट्रैकिंग आसान होगी। लूट या अन्य किसी घटना की स्थिति में पुलिस रंग, मेक या लाइसेंस प्लेट नंबर के आधार पर डेटा बेस से उस वाहन के बारे में सारी जानकारी जुटा लेगी। जीपीएस लोकेटर से वाहन की स्थिति का पता चल जाएगा।


कई फायदे
गाड़ी चोरी होने पर पुलिस तत्काल उसकी लोकेशन का पता लगा लेगी।
दुर्घटना होने पर पुलिस के लिए तुरंत मौके पर पहुंचना आसान होगा।
वारदात के बाद भागने वाले बदमाशों की ट्रैकिंग में मदद मिलेगी।
जीपीएस लोकेशन के जरिए गाड़ियों की मॉनीटरिंग आसान होगी।
हर गाड़ी और उसके मालिक की पहचान आसान हो जाएगी।
बगैर कागजात के उनका रिकार्ड चेक किया जा सकेगा।
पुलिस के पास सभी गाड़ियों का डिजिटल रिकार्ड उपलब्ध रहेगा और चेकिंग में भी कोई चूक नहीं होगी।

बस-टैक्सियों से शुरुआत
"जीपीएस इंफ्रारेड बार कोडिंग की यह तकनीक रायपुर में पहली बार इस्तेमाल होगी। बस, टैक्सियों से इसकी शुरुआत की जाएगी। बेंगलुरू की कंपनी से बात चल रही है। अपराध रोकने में इससे काफी मदद मिलेगी।"
डी रविशंकर,एएसपी ट्रैफिक

MP Police : एमपी पुलिस को आदेश, ईसाइयों का ‘हिसाब-किताब’ रखो



भोपाल। मध्य प्रदेश पुलिस ने ईसाई मिशनरीज, स्कूलों और चर्च को एक सर्कुलर जारी कर उनसे उनकी आमदनी के जरिए पूछे हैं। ईसाई समुदाय ने इस आरएसएस की साजिश करार देते हुए इस सर्कुलर का विरोध शुरू कर दिया है।

भोपाल के सभी थानों को एक चिट्ठी भेजी गई है। भोपाल के एसएसपी की इस चिट्ठी में सभी थाना इंचार्जों से ईसाई समुदाय के जुड़ी जानकारियां मांगी गई हैं।

एमपी पुलिस को आदेश, ईसाइयों का ‘हिसाब-किताब’ रखो
-ईसाई समुदाय की गतिविधियों के बारे में पूछा गया है

-ईसाइयों के कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट वर्ग के लोगों की आबादी औऱ क्षेत्र ब्यौरा मांगा गया है।

-मिशनरी स्कूलों और उसमें पढ़ने वाले बच्चों की संख्या पूछी गई है।

-मिशनरी स्कूलों को विदेशों से मिलने वाली मदद की जानकारी मांगी गई है।

-आपराधिक गतिविधियों में शामिल ईसाइयों और उनको मिलने वाले राजनैतिक संरक्षण का ब्यौरा भी पूछा गया है।

पुलिस के इस सर्कुलर से मध्य प्रदेश में रहने वाले 15 लाख ईसाई बेहद खफा हैं। उनके मुताबिक ताजा जनगणना में ईसाइयों से जुड़े सभी आंकड़े मौजूद हैं। ऐसे में ये सर्कुलर सिर्फ ईसाइयों को परेशान करने के लिए जारी किया गया है।

Punjab Police : Police & Cricket: पंजाब पुलिस का क्रिकेट बोर्ड पर 11 करोड़ रुपए बकाया!


पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन (पीसीए) पर पंजाब पुलिस ने 11 करोड़ रुपए से भी अधिक राशि बकाया होने का आरोप लगाया है। मोहाली स्थित पंजाब क्रिकेट संघ मैदान पर हाल ही में आईसीसी वर्ल्डकप-2011 के अंतर्गत भारत और पाकिस्तान के बीच सेमीफाइनल मुकाबला खेला गया था।
इसके अलावा अब यहां इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के चौथे संस्करण के भी मुकाबले खेले जा रहे हैं जबकि कई रोमांचकारी टेस्ट मैच यहां खेले जा चुके हैं। पंजाब पुलिस ने क्रिकेट मैचों के दौरान यहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। पुलिस का कहना है कि पीसीए पर पुलिसकर्मियों का 11 करोड़ रुपए का बिल बकाया है।
चंडीगढ़ से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय मैचों के आयोजन से पीसीए को काफी अधिक लाभ हुआ है। पुलिस का कहना है कि मैच के दौरान ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों का अब तक भुगतान नही हो सका है।
मोहाली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने बताया कि हमने पीसीए अधिकारियों को पुलिसकर्मियों के लम्बित बिल मामले में कई पत्र भेजे हैं लेकिन इसका कोई फायदा नही हुआ है। मुझे लगता है कि यह मामला पुलिस के हाथों से परे है और अब यह सरकार के स्तर का है।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, बीते पांच साल में इस मैदान पर आयोजित हुए मैचों के कुल 33 बकाया बिल पीसीए के पास भेजे गए हैं जिनकी राशि 11 करोड़ से अधिक है लेकिन पीसीए ने अभी तक इसके बदले में एक सिक्का भी नहीं दिया है।
भुल्लर ने कहा कि हाल ही में यहां वर्ल्डकप के तीन मैच हुए थे। इस दौरान पुलिसकर्मियों के एक करोड़ रुपए का बिल बकाया है और हमने इस बिल को पीसीए को भेजा है। अधिकारियों के अनुसार, वर्ल्डकप के तीन मैचों में पुलिसकर्मियों का बकाया 10,857,347 करोड़ रुपए है जिसमें भारत और पाकिस्तान के बीच खेले गए सेमीफाइनल मुकाबले के 44,88,247 लाख रुपए भी शामिल है।

Tuesday, April 12, 2011

WB Police : Constable commits suicide in police station

KOLKATA: A 37-year-old police constable on sentry duty at Baranagar police station shot himself with his .303 rifle a half past midnight on Sunday. Colleagues are shocked by the death, more so because Debojyoti Mukhopadhyay did not have any apparent reason for suicide.
Police officers, who investigated the scene, say he positioned the rifle barrel under his chin and pulled the trigger with his toe. At 3.7 feet, the .303 is a long rifle and is cumbersome to manoeuvre — not an easy way to shoot oneself, whether by accident or design. The bullet exited and blew a hole in the fibreglass sentry shed. Police are not sure what drove him to kill himself. They are hoping Debojyoti's family can shed some light on why the policeman was so depressed.

Monday, April 11, 2011

Ultra-modern building of state’s first cyber crime, forensic lab inaugurated in Mohali


Punjab Deputy Chief Minister Sukhbir Badal inaugurated the state-of-the-art ultra-modern building of the state’s first Cyber Crime-cum-Forensic Science Laboratory building in Mohali’s Phase IV on Sunday.

Equipped with the latest gadgets, the six-storied building with two storied basement — constructed by the Punjab Police Housing Corporation at a cost of Rs 12.5 crore — has been completed in a record time of two years. However, it was awaiting inauguration for the over two months for want of appointment from Sukhbir.

Speaking to mediapersons, Sukhbir said the state crime police station and cyber crime police station will act as referral centers for sensitive criminal and cyber crime cases for the entire state. The Cyber Crime Laboratory has been equipped with the latest gadgets and utilities to act as a nodal centre for cyber crime cases. Similarly, the Forensic Science Laboratory has been equipped with latest and modern scientific equipment required to examine exhibits received from police stations across the state, he added.

Paris police arrest veiled women after ban

An Agence France-Presse journalist at the scene said the arrests came after police moved in to break up the protest which had not been authorised.
"Today was not about arresting people because of wearing the veil. It was for not having respected the requirement to declare a demonstration," said police spokesman Alexis Marsan.
Two women in niqabs, a woman wearing an Islamic headscarf that does not cover the face and a demonstration organiser were arrested, Marsan said.
In another protest, Rachid Nekkaz from the Don't Touch My Constitution activist group and "a female friend wearing the niqab" were arrested by police in front of President Nicolas Sarkozy's Elysee Palace, he said.
"We wanted to be fined for wearing the niqab, but the police didn't want to issue a fine," Nekkaz said by telephone.
On Saturday police arrested 59 people, including 19 veiled women, who turned up for a banned protest in Paris against the new law, the first of its kind to be enforced in Europe.