Thursday, April 28, 2011

Delhi Police: delhi child kidnap case: Recharge coupon led cops to kidnapped Delhi toddler Ishaan

New Delhi: A recharge coupon of a cellphone acted as the all important piece of evidence that led Delhi police to the kidnappers of one-and-a-half-year old Ishaan, who was abducted on April 24. The boy, who was allegedly kidnapped by his maid, was rescued within 72 hours of the incident from the Faridabad area, Police Commissioner BK Gupta said on Wednesday. Five people have been arrested, including the maid Seema.

The cops did not find anything expect a recharge coupon, at the victim's home, as clue. The coupon belonged to Seema. Police brought out Call Detail Records (CDR) of her cellphone number. In the records cops found the number of Pratima, the ex-maid of the family and one of the accused, who had gone to her native village in Orissa. A team was sent and police came to know that Pratima has a lover, Ashok Kiro, who lives in the Capital. Police detained Ashok from Khijrabad area in south Delhi and interrogated him. He broke down and gave up their whole plan to the cops. Police then traced down and arrested the other four accused.

Addressing the media Delhi Police Commissioner BK Gupta said that Ishaan was rescued from Faridabad area in Haryana. Those arrested have been identified as Seema alias Savita Karketa, the new maid of the house, Ashok, Pratima, the ex-maid, Krishan Dev and Shanti alias Anu Begam who ran a placement agency in southeast Delhi.

The Police Commissioner said that the accused had planned to call the family for a ransom of Rs. 2 crore after a month but were arrested yesterday. "They had planned that when the family would lose hope of finding the kid, they would contact them for ransom. Krishan Dev is the mastermind behind the kidnapping. 15 teams of senior police officials were formed and pressed into service to nab the culprits. On Tuesday night police arrested two men and two women in this connection and rescued the boy following a tip-off," said Gupta.

As per the plan of the culprits, Seema was waiting for a chance when to take the boy to the neighbourhood park alone. On April 24 she got this opportunity. She took the boy out on the pretext of playing with him. Krishan and Anu Begam arrived in a car. The trio then escaped with the boy.

For the first night, the accused kept the boy at their rented accommodation in A Block in Nangli Rajapur at Sarai Kale Khan. They had arranged this room on April 22 with the plan in mind. They vacated this room the next day to give the cops a slip. The infant was then taken to Faridabad. The second night they spent at another rented house in Tilpat village in Harkesh Nagar area of Faridabad from where the boy was rescued.

The accused had hired the room at Sarai Kale Khan for Rs. 4000. The rent was given in advance to the landlord. To mislead him the culprits told him and other neighbours that Ishaan was suffering from cancer in his leg and they had hired the room to keep him there after treatment. Krishan the mastermind behind the kidnapping was posing as Ishaan's father and Anu Ara Begam as his mother. Seema had become his maternal aunt.

The Faridabad house was hired for Rs. 1000.

A senior police official said that the miscreants had hired an Indica car from Maharani Bagh to take the boy to Sarai Kale Kahn. "Police will record the statement of the cab driver as it will be useful in the case. The driver will be a witness," said the official.

The official also said that though they had known that the kidnappers were first-timers, they were prepared for a gun-battle. "Police were ready to face them if the accused were to use firearms. Luckily they did not have any such weapons as they are not professional kidnappers," he said.

Saturday, April 23, 2011

Hariyana Police : ट्रैकिंग नेटवर्क से अपराधियों पर शिकंजा कसेगी हरियाणा पुलिस

सिरसा। पुलिस अपराध और अपराधियों पर पूरी से तरह शिंकजा कसने जा रही है। इस कार्य को पूर्ण रूप से अंजाम देने के लिए क्राईम एण्ड क्रिमीनल ट्रेकिंग नेटवर्क व सिस्टम अब रेंज के सभी थानों में लगाया जाएगा। यह बात हिसार रेंज के पुलिस महानिरीक्षक अन्नत कुमार ढुल ने आज सिरसा पुलिस लाईन में स्थित क्राईम एण्ड क्रिमीनल ट्रेकिंग नेटवर्क व सिस्टम लैब का उद्घाटन करने के पश्चात कही। उन्होंने बताया कि जिला की पुलिस लाईन में स्थित इस लैब से जिला के पुलिस कर्मियों को समय-समय पर ट्रेनिग देकर पूरी प्रशिक्षित किया जाएगा।

इस क्राईम एण्ड क्रिमीनल ट्रेकिंग नेटवर्क व सिस्टम लैब को जिला के सभी थानों से जोड़कर अपराध व अपराधियों से संबंधित समूचा रिकार्ड रखा जाएगा और उसके बाद लैब के सिस्टम को पुलिस मुखालय पंचकूला से सीधा ओनलाईन जुडेगा। श्री ढुल ने कहा कि पुलिस द्वारा विभिन्न अपराधिक गतिविधियों में पकड़े जाने वाले अपराधियों के नाम, पता, तथा फोटों के साथ उनके हस्ताक्षर भी लिए जांएगे। जिसे क्राईम एण्ड क्रिमीनल ट्रेकिंग नेटवर्क व सिस्टम के तहत जरूरत पडऩे पर रिकार्ड दूसरे जिलों व राज्यों को भी भेजा जा सकेगा और मंगावाया भी जा सकेगा।

उन्होंने कहा कि इस नेटवर्क की विशेषता यह है कि राज्य के सभी थाने एक दूसरे से तो सीधे जुड़ेगें ही तथा देश के अन्य थानों से जुड़े होने पर जरूरत अनुसार अपराधिक घटनाओं व अपराधियों से सम्बन्धित महत्तवपूर्ण जानकारी कुछ पलों मे ही आदान-प्रदान कर सकेगें। ये सिस्टम मूल रूप से भारत सरकार के ग्रह मन्त्रालय की स्कीम है तथा इसे पूरे देश मे लागू करने की योजना है। इस सिस्टम का उदैश्य देश के सभी थानों को आपस में जोड़कर अपराधिक घटनाओं पर अकुंश लगाना है।

Mumbai Police : प्रसिद्ध फिल्‍म निर्माता यश चोपड़ा को अंडरवर्ल्‍ड की धमकी

मुम्‍बई। काफी लम्‍बे समय बाद अंडरवर्ल्‍ड ने बॉलीबुड की तरफ अपना रुख किया है। एक समय था जब आये दिन फिल्‍मी हस्तियों को अंडरवर्ल्‍ड की धमकी मिलती थी और उनसे प्रोटेक्‍शन मनी के रूप में लाखों की रकम की पेशगी की जाती थी। मगर अब वह समय दुबार आ गया और इस बार मशहूर फिल्म निर्माता यश चोपड़ा को अंडर वर्ल्ड से धमकियां मिल गई। सूत्रों की मानें तो अंडरवर्ल्‍ड का सक्रिय माफिया और कुख्‍यात सरगना रवि पुजारी लगातार यश चोपड़ा को फोन कर धमका रहा हैं।

रवि पुजारी ओशिवारा स्थित यश राज फिल्म्स के दफ्तर में धमकी भरे कॉल कर रहा है। रवि पुजारी ने यश चोपड़ा से 50 लाख रूपए की फिरौती की मांग की है। हालांकि यश चोपड़ा के प्रवक्ता ने धमकी भरे कॉल से इनकार किया है। लेकिन बॉलीवुड से जुड़े सूत्रों के मुताबिक यश चोपड़ा ने जोनल डीसीपी को धमकी के संबंध में शिकायत की है। उन्होंने अतिरिक्त सुरक्षा दिए जाने की भी मांग की है।

पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस यश चोपड़ा के फोन टेप कर रही है। ऎसा पहली बार नहीं है जब रवि पुजारी और उसके गुर्गे किसी फिल्मी हस्ती को धमकी भरे कॉल कर रहे हैं। इससे पहले अभिनेत्री आयशा टकिया के पति फरहान आजमी को भी धमकी भरे फोन कॉल आ चुके हैं। फिल्म निर्देशक महेश भट्ट और रवि कपूर को भी माफिया सरगना फोन कर धमका चुके हैं।

Rajasthan Police: महिला पुलिस कास्टेबल ने आत्महत्या की

अलवर। अलवर जिले के कोटकासिम थाना इलाके के दईका गाव में शुक्रवार को एक महिला पुलिस कास्टेबल ने अज्ञात कारणों से फासी लगाकर आत्महत्या कर ली।

अतिरिक्त पुलिस अघीक्षक शिव राम मीणा के अनुसार पुलिस कास्टेबल सुनीता यादव [22] ने फासी लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या के कारणों का फिलहाल पता नहीं लग सका है। मृतका मौजूदा समय में पुलिस लाइन में तैनात थी और 17 मई को उसका विवाह होने वाला था।

पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाने के बाद अन्तिम संस्कार के लिए शव परिजनों को सुपुर्द कर दिया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जाच शुरू कर दी है।

Uttarakhand Police: उत्तराखंड पुलिस के 7 अफसरों के खिलाफ गैरजमानती वारंट

नई दिल्ली.तीस हजारी की विशेष अदालत ने गाजियाबाद के एक एमबीए छात्र रणबीर को लुटेरा बताकर उसे कथित मुठभेड़ में मार गिराने के मामले में आरोपी उत्तराखंड पुलिस के सात अधिकारियों के खिलाफ गैरजमानती वारंट जारी कर दिए हैं। अदालत की ओर से इस मामले में 11 अन्य आरोपियों को भी नोटिस जारी किए गए हैं।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा मृतक छात्र रणवीर के माता-पिता के अनुरोध के बाद यह मामला देहरादून से दिल्ली की विशेष अदालत में स्थानांतरित किया गया है।

विशेष न्यायाधीश वीके माहेश्वरी ने देहरादून के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एंटी करप्शन) सीबीआई, अदालत के वरिष्ठ लोक अभियोजक के अनुरोध को स्वीकार करते हुए मामले में मुख्य आरोपी एवं उत्तराखंड पुलिस के इंस्पेक्टर संतोष कुमार जायसवाल, सब इंस्पेक्टर नितिन चौहान, गोपाल भट्ट, राजेश बिष्ट, चंद्रमोहन सिंह रावत, नीरज यादव और कांस्टेबल अजीत सिंह के विरुद्ध नए गैरजमानती वारंट जारी किए हैं।

इससे पहले देहरादून की उक्त अदालत ने भी इन पुलिसवालों के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी किए थे, जो कि इन तक पहुंचे नहीं थे। इसके साथ ही विशेष अदालत ने मामले में 11 अन्य आरोपी सतबीर सिंह, सुनील सैनी, चंद्रपाल, सौरभ नौटियाल, नागेंद्र राठी, विकास चंद्र बलूनी, संजय रावत, मोहन सिंह राणा, इंद्रभान सिंह, जयपाल सिंह गोसेन और मनेाज कुमार के खिलाफ भी नोटिस जारी किया है।

अदालत ने मामले के सभी 18 आरोपियों को अगली सुनवाई में हाजिर होने के आदेश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने बीते 17 मार्च को रणवीर के माता-पिता के अनुरोध पर इस मामले को सुनवाई के लिए देहरादून की विशेष अदालत से दिल्ली के विशेष न्यायालय में स्थानांतरित करने के आदेश दिए थे। इसके साथ ही, उच्चतम न्यायालय ने सातों आरोपी पुलिसवालों की जमानत भी खारिज कर दी थी।

दरअसल, दो जुलाई 2009 को उत्तराखंड के डालनवाल थाने की पुलिस ने एक कथित मुठभेड़ के दौरान गाजियाबाद निवासी 22 वर्षीय रणबीर को लुटेरा करार देते हुए उसे मार दिया था। रणबीर नौकरी की तलाश में देहरादून गया था। उस पर पुलिस ने नजदीक से 29 गोलियां चलाईं थीं। आरोपियों के उत्तराखंड पुलिस से होने की वजह से मामले की जांच को सीबीआई को सौंपा गया था, जिसके बाद सातों पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया था।

कोर्ट को खस्ता हालत में मिले अहम दस्तावेज

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रणबीर फर्जी एनकाउंटर मामले को दिल्ली की विशेष अदालत में स्थानांतरित किए जाने के बाद रिकार्ड में मौजूद सभी दस्तावेजों को देहरादून से दिल्ली की विशेष अदालत को सौंप दिया गया है, लेकिन ये दस्तावेज अदालत में बेहद खस्ता हालत में पहुंचे हैं। इनमें 356 पेज तो पूरी तरह खाली पाए गए हैं।

विशेष न्यायाधीश वीके माहेश्वरी ने दस्तावेजों की इस दुर्गति को देखते हुए सीबीआई के पुलिस अधीक्षक (स्पेशल क्राइम ब्रांच) लखनऊ को उचित कार्रवाई और पैरवी के लिए पत्र भेजा है। देहरादून के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज-स्पेशल जज (तृतीय) एंटी करप्शन, सीबीआई की अदालत से इस मामले के सभी रिकार्डस को तीस हजारी के स्पेशल जज वीके माहेश्वरी की अदालत में सौंपा गया है।

देहरादून के स्पेशल जज के अहलमद वारिस अली की तरफ से इन्हें दिया गया है। रिकार्ड सौंपे जाने के बाद विशेष अदालत के अहलमद नरिंद्र कुमार द्वारा विशेष न्यायाधीश वीके माहेश्वरी को सूचित किया गया कि रिकार्ड में मौजूद एक कॉम्पेक्ट डिस्क (सीडी) टूटी हालत में सौंपी गई है, जिसका स्पष्टीकरण तो लिखित में अहलमद वारिस अली द्वारा दे दिया गया, लेकिन रिकार्ड में मौजूद अन्य कई दस्तावेज बहुत खराब अवस्था में है।

इनमें से करीब 356 पेज खाली हैं। इसके अलावा दस्तावेजों में से तीन पेज गायब भी हैं और 12 फटे हुए हैं। वहीं, दो दस्तावेजों की सिर्फ फोटोकॉपी अदालत को सौंपी गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए विशेष न्यायाधीश वीके माहेश्वरी द्वारा सीबीआई की लखनऊ ब्रांच की स्पेशल क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर प्रवीण दुबे को इस बाबत सूचना दे दी गई है।

इसके साथ ही देहरादून के जिला एवं सत्र न्यायाधीश के अलावा अभी तक मामले की सुनवाई कर रहे विशेष जज प्रदीप पंत को भी न्यायालय की तरफ से पत्र भेजा गया है, जिसमें संबंधित अहलमद को दस्तावेजों की कमी को पूरा करने के लिए कहा गया है।

Delhi Police: फेसबुक ने कटवाया तीन पुलिस कर्मियों का चालान

नई दिल्ली.यातायात पुलिस के लिए अब फेसबुक राहत की जगह मुसीबत बनती नजर आ रही है। ऐसे ही एक मामले में एक व्यक्ति ने तीन पुलिसवालों को एक ही बाइक पर बिना हेलमेट सवारी करते हुए अपने कैमरे में कैद कर लिया और फुटेज को यातायात पुलिस के फेसबुक पर अपलोड कर दिया।

इसकी जानकारी मिलने के बाद भी यातायात पुलिस ने बहाना बनाकर दोषी पुलिसवालों पर कार्रवाई करने से इनकार कर दिया, लेकिन जब मामला आला अधिकारियों के संज्ञान में आया तो तीनों पुलिसवालों की पहचान कर न सिर्फ उनके चालान काटे गए, बल्कि उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।

जानकारी के अनुसार 15 अप्रैल को शाम करीब साढ़े आठ बजे तीन पुलिसकर्मी बुलेट पर सवार होकर पूर्वी दिल्ली स्थित वसुंधरा एनक्लेव-त्रिलोकपुरी रोड पर धर्मशाला कैंसर अस्पताल के पास से गुजर रहे थे। इसी दौरान अनिल सूद नाम के एक शख्स ने इन पुलिसकर्मियों की इस कारगुजारी को अपने कैमरे में कैद कर यातायात पुलिस के फेसबुक एकाउंट पर डाल दिया।

फोटो अपलोड होने के बाद कार्रवाई करने की जगह जवाब दिया कि ‘फोटो में बाइक का नंबर साफ नहीं दिखाई दे रहा है, इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा सकती है।’ यातायात पुलिस के इस जवाब से नाराज फेसबुक से जुड़े हजारों लोगों ने पुलिस पर अपने कर्मियों को बचाने का आरोप लगाया।

महकमे की फजीहत होते देख यातायात पुलिस के संयुक्त आयुक्त सतेंद्र गर्ग को आखिरकार आगे आना पड़ा। गर्ग ने फेसबुक के माध्यम से जवाब दिया कि यातायात नियम तोड़ने वाले तीनों पुलिसकर्मी उनके कार्यक्षेत्र में नहीं आते हैं, इसलिए वह दिल्ली पुलिस आयुक्त से इस संबंध में बात कर रहे हैं और जल्द ही दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।

इसके बाद, 22 अप्रैल को तीनों दोषी पुलिस वालों के नामों का खुलासा करते हुए गर्ग ने आमजनों को बताया कि तस्वीर में बाइक चलाने वाला शख्स कांस्टेबल अनिल कुमार है और पीछे बैठे पुलिस कर्मी कांस्टेबल अजीत और कृष्ण है।

ये तीनों मौर्या एनक्लेव थाने में तैनात हैं। इसके बाद कल्याणपुरी सर्किल के यातायात इंस्पेक्टर ने यातायात नियमों की धज्जियां उड़ाने वाले पुलिस कर्मियों का चालान काटा। गर्ग ने यह भी बताया कि सार्वजनिक स्थल पर कानून तोड़ने के कारण तीनों पर विभागीय कार्रवाई भी की जा रही है।

Chandigarh Police: Traffic Police: चालान काटने पर महिला ने काटा

चंडीगढ़। ट्रेफिक पुलिस के चालान काटने पर एक महिला ने उसे काट लिया। ट्रैफिक पुलिस ओम प्रकाश के लिए गाड़ी चलाते वक्त फोन पर बात करती महिला का चालान काटना एक महंगा सौदा साबित हुआ।
37 वर्षीय शिल्पी चौधरी चंडीगढ़ के 37 सैक्टर की निवासी हैं। शिल्पी गाड़ी चलाते वक्त मोबाइल पर बात कर रही थीं। सिगन्ल पर ट्रैफिक पुलिस ने उसे रोकने की कोश्çाश की तो शिल्पी ने गाड़ी रोक ली लेकिन कागजात दिखाने से इंकार कर दिया।
ओमप्रकाश ने कहा "चालान काटने के बाद जब मैंने गाड़ी की चाबी निकालने की कोशिश को तो महिला ने आना-कानी की और फिर मुझे काट लिया।"
घटना के तुरंत बाद पास के सिगAल से अन्य ट्रैफिक पुलिस को बुलाया गया और गाड़ी की चाबी रख ली गई। ओम प्रकाश को पास के सरकारी अस्पताल ले जाया गया जहां जांच के बाद यह साबित हो गया कि उसके हाथ में काटने के निशान मौजूद हैं। शिल्पी को पुलिस कर्मचारी को चोट पहुंचाने और उसे डयूटी करने से रोकने के आरेाप में गिरफ्तार कर लिया गया था। बाद में शिल्पी को जमानत पर छोड़ दिया गया।