Monday, June 13, 2011

Rajasthan Police : रोज 25 हजार वसूलकर देता था एसआई को

जयपुर. आरटीओ कार्यालय में तैनात एसआई आलम खां के लिए निजी गार्ड हर रोज औसतन 25 हजार रुपए से अधिक की वसूली करता था। इसके लिए आलम खां ने 30 निजी गार्ड लगा रखे थे, जो बारी-बारी से उसके साथ रहते थे।

गार्ड ने एसीबी के अधिकारियों के सामने शनिवार को खुलासा किया कि आलम खां इसके लिए बाकायदा लिस्ट देता था, जिसके आधार पर वह बजरी, पत्थर और मिट्टी से भरी गाड़ियों से पांच सौ रुपए तथा मार्बल, नमक व अन्य गाड़ियों से हजार रुपए प्रति चक्कर वसूलता था। एसीबी की टीम ने फरार आरटीओ एसआई आलम खां की तलाश में दूसरे दिन भी उसके घर, कार्यालय व संदिग्ध ठिकानों पर छापे मारे, लेकिन पता नहीं चल सका।

उसका मोबाइल भी बंद आ रहा है। उप निरीक्षक के लिए रुपए वसूल रहे गार्ड मोती को पूछताछ के बाद शनिवार को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। एसीबी जांच में सामने आया कि शुक्रवार तक आरटीओ कार्यालय में तैनात आलम खां को इंस्पेक्टर बता रहे थे, वह सब इंस्पेक्टर है। गौरतलब है कि एसीबी की टीम ने आरटीओ कार्यालय में तैनात एसआई आलम खां के लिए उसके गार्ड मोती को 12 हजार रुपए की रिश्वतत लेते शुक्रवार को गिरफ्तार किया था।

इसके बाद से ही आरोपी आलम खां फरार हो गया था। गार्ड मोती ने एसीबी को बताया कि आलम खां उसे नौ हजार रुपए प्रतिमाह देता था तथा महीने में केवल दस दिन ही वह नौकरी पर आता था। उसने बताया कि 1 से 10 तारीख के बीच वह हर प्रतिदिन 40 हजार रुपए से ज्यादा वसूली कर आलम खां को रुपए देता था। गार्ड ने कुछ ट्रांसपोर्टरों तथा गाड़ी के नंबर भी बताए हैं, जिनसे वह वसूली कर लाता था। एसीबी इनकी जांच कर रही है।

Chandigarh Police : 500 ई-मेल, 135 शिकायतें और सैकड़ों फोन कॉल

चंडीगढ़. चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस शहर में ट्रैफिक नियम तोड़ने वालों को पकड़ने के लिए फेसबुक का सहारा ले रही है, लेकिन इसकी सक्रियता का दूसरा पहलू यह भी है कि शहर के जागरूक निवासी जोकि पुलिस को इस मुहिम में सहयोग देना चाहते हैं, को हतोत्साहित किया जा रहा है।

वर्ष 2005 से चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस को ई-मेल के जरिये शहर में ट्रैफिक वॉयलेशन संबंधी सूचना देने वाले सेक्टर 44 डी के तेजिंदर सिंह को अब ट्रैफिक पुलिस की तरफ से कहा गया है कि वे उन्हें ई-मेल न भेजें। तेजिंदर सिंह सालों से ई-मेल के जरिये ट्रैफिक वॉयलेशन की जानकारी पुलिस को देते रहे हैं। उन्होंने पुलिस को ट्रैफिक वॉयलेशन की तस्वीरें भेजीं लेकिन इन पर पुलिस की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई। वे एसएसपी और आईजी से भी दर्जनों बार मिल चुके हैं, लेकिन हर बार अधिकारी यही कहते हैं कि कार्रवाई जारी है।

तेजिंदर सिंह शहर में होने वाले ट्रैफिक वॉयलेशन के बारे में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को भी शिकायतें कर चुके हैं, लेकिन पुलिस अफसरों की तरफ से उन पर कई बार यह दबाव भी बनाया गया है कि वे लिखकर दे दें कि वे अपनी शिकायतों पर कार्रवाई से अब संतुष्ट हैं। तेजिंदर सिंह कई बार एसएसपी ट्रैफिक एचएस दून से मिल चुके हैं, लेकिन उनसे मिलने के बाद पता चला कि उन तक ये ई-मेल पहुंचती ही नहीं।

तेजिंदर सिंह कहते हैं, चंडीगढ़ में ट्रैफिक वॉयलेशन देखकर मेरा खून खौलता है। चंडीगढ़ जैसे खूबसूरत शहर में अगर ट्रैफिक व्यवस्थित नहीं चलेगा तो शहर की पहचान खो जाएगी। तेजिंदर सिंह ने बताया कि उनके छोटे भाई दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में एडिशनल सेशन जज हैं। उनके पिता सिविल सर्जन थे। तेजिंदर सिंह खुद पंजाब वेयरहाउसिंग कॉपरेरेशन के आईटी विंग में तैनात हैं।

500 ई-मेल, 135 शिकायतें और सैकड़ों फोन कॉल

तेजिंदर सिंह ने बताया कि वे अब तक चंडीगढ़ ट्रैफिक पुलिस को शहर में होने वाले ट्रैफिक वॉयलेशन की सूचना देने के लिए 500 ई-मेल, डाक के जरिये 135 शिकायतें और हेल्पलाइन 1073 पर सैकड़ों फोन कॉल कर चुके हैं। अपनी ई-मेल में हर बार इंसाफ की उम्मीद करते हैं, लेकिन कई सालों से इन शिकायतों पर पुलिस की ओर से कोई खास रिस्पांस न मिलने से परेशान तेजिंदर सिंह ने अब हर ई-मेल के नीचे पुलिस के प्रति नाराजगी भी जतानी शुरू कर दी है।

मेरी जानकारी में यह मसला नहीं है कि इतनी शिकायतों के बावजूद इन पर र्कावाई नहीं की गई। ऐसे व्यक्ति की तो मैं प्रशंसा करता हूं जोकि शहर में ट्रैफिक वॉयलेशन के बारे में ट्रैफिक पुलिस को सूचित कर रहे हैं। मैं इस बारे में जानकारी लूंगा।

एचएस दून, एसएसपी ट्रैफिक, चंडीगढ़ पुलिस

Delhi Police : अब भारतीय पुलिस अमेरिकी 3डी तकनीक से युक्त होगी

नई दिल्ली। अमेरिका ने भारतीय पुलिस के लिए 3डी प्रौद्योगिकी और अन्य उपकरण प्रदान करने का वचन दिया है। इसके साथ ही अत्याधुनिक हथियारों के साथ पुलिस के आधुनिकीकरण की दीर्घकालिक भारतीय महत्वाकांक्षा को बल मिला है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि भारत अमेरिका से अत्याधुनिक 3डी इमेजरी प्रौद्योगिकी हासिल करने के प्रयास में है। इस प्रौद्योगिकी को हैदराबाद स्थित भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) प्रशिक्षण संस्थान, सरदार पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी के युवा अधिकारियों को उपलब्ध कराई जाएगी।

एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया, "अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी पाने के बाद पुलिस अकादमी के पास उन प्रमुख ठिकानों की 3डी छवियों का एक संग्रह तैयार हो जाएगा, जो आतंकवादी हमले के सम्भावित शिकार हो सकते हैं। इससे विशेष पुलिस कमांडो को इमारतों को बंधक बनाए जाने की स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित करने में मदद मिलेगी।"

गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि पिछले महीने केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम और अमेरिकी आंतरिक सुरक्षा मंत्री जेनेट नेपोलिटानो के बीच हुई सुरक्षा वार्ता ने भारत की पुलिस आधुनिकीकरण योजना को बढ़ावा दिया है।

भारत ने अपने 15 लाख से अधिक राज्य पुलिस बलों को और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) जैसे संगठनों के 750,000 से अधिक जवानों को बेहतर तरीके से सुसज्जित करने की योजना तैयार की है।

अधिकारी ने कहा कि जब आतंकवादियों ने नवम्बर 2008 में ताज होटल पर हमला किया था तो सुरक्षा बलों को इसलिए नुकसान उठाना पड़ा क्योंकि उन्हें इमारत के बारे में कोई जानकारी नहीं थी और वे गलियारों में अनजान राही की तरह भटक रहे थे।

अधिकारी ने कहा, "यदि उनके पास इमारत की 3डी छवि होती तो इमारत की योजना के बारे में उन्हें जानकारी मिल गई होती और वे रणनीतिक रूप से इस बात की जानकारी कर होटल में प्रवेश करते कि आतंकवादी वास्तव में किस स्थान पर होंगे और उन्हें कहां से कैसे निशाना बनाया जा सकता है।"

UP Police : Lakhimpur khiri rape case: UP girl death: बेहद घिनौने और शर्मनाक तर्कों को ढाल बना रही है यूपी पुलिस

लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस का एक और नमूना देखिए। लखीमपुर प्रकरण में आलोचना के बाद रविवार को पुलिस का बयान आया कि लखीमपुर के निघासन थाने में सोनम नामक जिस लड़की का शव मिला, वास्तव में उसने फांसी लगाई थी। पुलिस लेकिन यह नहीं बता पा रही है कि 14 साल की इस लड़की ने फांसी लगाने के लिए थाने को ही क्‍यों चुना? सवाल यह भी है कि आखिर सोनम ने एक टूटे पेड़ की टहनी से फांसी कैसे और क्यों लगा ली? तह में जाने के बजाए पुलिस लगातार इस सनसनीखेज घटना पर लीपापोती करने में जुटी है। लखीमपुर के एसपी डीके राय के बयान उसे हास्यास्पद बना रहे हैं।


अभी कुछ देर पहले ही पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट में डाक्‍टरों ने साफ कह दिया कि सोनम की मौत गला घोंट कर की गई है। ऐसे में एसपी साहब का कहना है कि यह बाते सिर्फ यह सिद्ध करती है कि सोनम मरने से पहले लटकी थी ना कि मरने के बाद लटकाया गया था। अब तो मासूम को इंसाफ मिल जाने की दुआ करने वाले लोगों का एसपी साहब से सिर्फ एक ही सवाल का जबाब जानना है कि वह लटकने और लटकाने की बात क्‍यों कर रहे हैं जबकि मामला गला घोटने का है।

इन सबके बाद बावजूद भी अभी कई ऐसे सवाल जन्म ले रहे हैं जिनके जवाब तलाशना बेहद जरूरी हो गया है। सबसे अहम बात तो यह है कि आखिर एक लड़की ने थाने में खुदकुशी की, तब सभी पुलिसकर्मी कहां थे? क्या महज कुछ मिनटों में ही कोई टूटे पेड़ की टहनी से फांसी लगाकर जान दे सकता है? बताते हैं कि जिस डाल से शव झूलता पाया गया था, उसकी जमीन से ऊंचाई उतनी ही है, जितनी सोनम की लंबाई।

इनमें एक गले पर व दूसरी दाहिने पैर के सामने के हिस्से में है। दोनों चोटें मामूली हैं। एसपी का यह भी कहना है कि दुराचार के आरोपों की जांच कराई जा रही है। इसके लिए स्लाइड बनाकर उसे परीक्षण के लिए भेजा गया है। प्रारंभिक जांच इस बात की हो रही है कि आखिर थाने में ऐसी घटना किन परिस्थितियों में हुई। घटना से जुड़ी संभावित वजहों सहित अन्य बिंदुओं पर भी जांच होने का दावा किया गया है, लेकिन तीन दिन बीतने के बाद पुलिस जांच किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है।

A minor girl found dead at a police station in Lakhimpur kheri district of Uttar Pradesh was murdered but not raped, according to a second postmortem report conducted today. She was strangled and died of asphyxia, the report said. But after postmortem report again police try to misguide the probe by passing the controversial remarks that she hanged herself.

UP Police : Lakhimpur khiri rape case: UP girl death: Fresh autopsy confirms murder, rules out rape

A fresh post mortem on a minor girl, whose body was found hanging near the Nighasan police station in Lakhimpur-Kheri district, on Monday revealed she was murdered but ruled out rape even as the Mayawati government ordered a CB—CID probe, removed a top police officer and suspended three doctors.

“The second post-mortem conducted by a panel of doctors from Lucknow has concluded that the girl was strangulated but ruled out rape,” Special Director-General of Police (SDGP) Brij Lal told reporters in Lucknow.

He said Lakhimpur SP D.K. Rai has been removed and Amit Chandra, a PAC Commandant in Lucknow, has been posted in his place.

“The SP has been removed as prima facie laxity in supervision of the investigation has been detected. As a senior officer, he should not have relied solely on the (first) post-mortem report,” the SDGP said.

He said the three doctors, who performed the autopsy earlier — A.K. Agarwal, S.P. Singh and A.K. Sharma — have been placed under suspension.

The second post mortem was performed by a panel of doctors from Lucknow after the body of the girl was exhumed from Nighasan town in Lakhimpur.

“The doctors have been suspended as they mentioned asphyxia as the cause of death which was entirely different from the findings of the new report,” he said.

Divisional Commissioner, Lucknow, Prashant Trivedi and IGP Subesh Kumar told a press conference here that the girl was strangulated and had not died due to asphyxia, caused by the hanging, as mentioned in the first report.

After the incident sparked an outrage, the State government rejected the earlier autopsy report and ordered a fresh post mortem by a panel of doctors from other districts.

Missing since Friday evening, the girl's body was found hanging near the Nighasan police station in Lakhimpur-Kheri district. The victim’s mother in her complaint had alleged that her daughter was raped and murdered.

The second post-mortem was performed by a panel of doctors from Lucknow after the body of the girl was exhumed from Nighasan town in Lakhimpur.

Divisional Commissioner, Lucknow, Prashant Trivedi and IGP Subesh Kumar told a press conference Lakhimpur that the girl was strangulated and had not died due to asphyxia, caused by the hanging, as mentioned in the first report.

After the incident sparked an outrage, the State government rejected the earlier autopsy report and ordered a new post-mortem by a panel of doctors from other districts.

Mr. Trivedi said suspension of the three doctors who had conducted the first post mortem had been recommended.

An FIR had been lodged against a sub-inspector and two policemen for allegedly tampering with evidence.

Missing since Friday evening, the girl's body was found hanging from a tree near an under-construction block in Nighasan police station in Lakhimpur-Kheri district of the State.

The victim’s mother in her complaint had alleged that her daughter was raped and murdered.

A 10-member team of the the CB-CID, which has been asked to submit its report within a week, visited the scene of the incident.

The team, led by SP Shriprakash Tripathi, examined records at the police station and recorded statements of the girl’s family.

Eleven policemen posted at the station had been suspended after the girl’s body was found.

Keywords: U.P. girl murder, Lakhimpur-Kheri district, Nighasan police station.

Mumbai Police : मिड डे के इन्वेस्टिगेटिव एडिटर की गोली मारकर हत्या

मुंबई के पवई इलाके में मिड डे के वरिष्‍ठ पत्रकार ज्‍योतिर्मय डे उर्फ ज्योति डे उर्फ जेडे को अज्ञात बदमाशों ने गोली मार दी. डे को नजदीक के हीरानंदानी हास्‍पीटल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. क्राइम रिपोर्टर डे को चार अज्ञात बदमाशों ने गोली उस समय मारी जब वे पवई इलाके के हीरानंदानी गार्डेन के पास स्थित अपने घर में प्रवेश करने जा रहे थे.

गोली मारने के बाद चारों बदमाश फरार हो गए. बदमाश दो बाइकों पर सवार होकर आए थे. गोली की आवाज सुनकर बाहर आए उनके परिजन तथा स्‍थानीय लोगों ने उन्‍हें तत्‍काल हीरानंदानी हास्‍पीटल पहुंचाया. डे पिछले बीस सालों से अंडरवर्ल्‍ड कवर कर रहे थे. उन्होंने पिछले दिनों तेल माफिया के खिलाफ स्टोरीज लिखी थी.
ज्योर्तिमय डे उर्फ जेडे नहीं रहे. उन्हें मुंबई में तब गोली मारी गई जब वे अपने घर में प्रवेश करने ही वाले थे. चार बदमाशों ने उनके करीब आकर गोलियां मारीं और भाग गए. जेडे करीब बीस वर्षों से अंडरर्वल्ड कवर कर रहे थे. मुंबई के मीडिया जगत में अपराध रिपोर्टिंग में जेडे का बड़ा नाम था. उनकी अंडरवर्ल्ड पर दो किताबें भी हैं. जेडे इन दिनों डी कंपनी उर्फ दाउद गैंग से जुड़ी कई खबरों पर काम कर रहे थे.

अभी यह तय नहीं है कि किसने जेडे की हत्या कराई पर यह स्पष्ट है कि अंडरवर्ल्ड के लोगों ने ही जेडे की जान ली. जेडे की किसी से निजी दुश्मनी नहीं थी. मिडडे में क्राइम और इनवेस्टिगेटिव एडिटर जेडे की हत्या से मुंबई-दिल्ली का मीडिया जगत शोक संतप्त है. अंडरवर्ल्ड की बहुत सारी खबरें ब्रेक करने वाले जेडे की हत्या ने मुंबई में खराब ला एंड आर्डर की पोल खोलकर रख दी है.

कुछ दिनों पहले मुंबई के जाने माने पत्रकार अकेला को जेल भेजा गया था, इस कारण कि उन्होंने अत्याधुनिक हथियारों की खराब रखरखाव पर स्टोरी की थी जिससे सरकारी महकमा चिढ़ गया था. एक तरह से देख जाए तो मुंबई में पत्रकार अब बदमाशों और सरकारी अफसरों, दोनों के निशाने पर है. ऐसे माहौल में ईमानदार पत्रकारिता करना मुश्किल होता जा रहा है.

मुंबई के क्राइम ब्रांच के अफसरों ने अपनी शुरुआती टिप्पणी में कहा है कि जेडे पिछले काफी दिनों से तेल माफिया और अंडरवर्ल्ड के विरोध में कलम चला रहे थे. पर हत्या के कारणों के बारे में अभी ठीक ठीक कह पाना मुश्किल है. उधर, सूत्रों का कहना है कि जेडे की हत्या में शक की सुई अंडरवर्ल्ड की तरफ घूम रही है. पर इसकी पुष्टि पुलिस की विस्तृत जांच के बाद ही सामने आ पाएगी कि किस गिरोह ने किस कारण जेडे की हत्या कराई.

Mumbai Police : This man shot J Dey


mumbai: Mumbai police have released the sketch of the man suspected to have shot dead investigative journalist J Dey in Mumbai on Saturday. The police said the sketch was made based on eyewitness accounts. "We have definite leads in the case," Mumbai police chief Arup Patnaik said.
Dey, 56 and a senior journalist working with MiD DAY, was shot in broad daylight outside a mall close to his home in the suburban Powai area of the city. According to the police, four motorcycle-borne men fired at Mr Dey. The shooters then escaped from the spot.
Police had said that, "Approximately nine entry-exit wounds were found which means at least 5 bullets were fired."
Mr Dey was considered to be arguably India's best-connected writer on the Mumbai underworld. He spent most of his reporting career bringing out accounts of the goings-on in the Mumbai underworld for several newspapers including the Indian Express and the Hindustan Times.
He was the author of 'Zero Dial: The Dangerous World of Informers' and 'Khallas' - considered a dictionary on the Mumbai underworld.
Curiously, the journalist met with his end while he was reportedly working on a series on Dawood Ibrahim.