A fresh post mortem on a minor girl, whose body was found hanging near the Nighasan police station in Lakhimpur-Kheri district, on Monday revealed she was murdered but ruled out rape even as the Mayawati government ordered a CB—CID probe, removed a top police officer and suspended three doctors.
“The second post-mortem conducted by a panel of doctors from Lucknow has concluded that the girl was strangulated but ruled out rape,” Special Director-General of Police (SDGP) Brij Lal told reporters in Lucknow.
He said Lakhimpur SP D.K. Rai has been removed and Amit Chandra, a PAC Commandant in Lucknow, has been posted in his place.
“The SP has been removed as prima facie laxity in supervision of the investigation has been detected. As a senior officer, he should not have relied solely on the (first) post-mortem report,” the SDGP said.
He said the three doctors, who performed the autopsy earlier — A.K. Agarwal, S.P. Singh and A.K. Sharma — have been placed under suspension.
The second post mortem was performed by a panel of doctors from Lucknow after the body of the girl was exhumed from Nighasan town in Lakhimpur.
“The doctors have been suspended as they mentioned asphyxia as the cause of death which was entirely different from the findings of the new report,” he said.
Divisional Commissioner, Lucknow, Prashant Trivedi and IGP Subesh Kumar told a press conference here that the girl was strangulated and had not died due to asphyxia, caused by the hanging, as mentioned in the first report.
After the incident sparked an outrage, the State government rejected the earlier autopsy report and ordered a fresh post mortem by a panel of doctors from other districts.
Missing since Friday evening, the girl's body was found hanging near the Nighasan police station in Lakhimpur-Kheri district. The victim’s mother in her complaint had alleged that her daughter was raped and murdered.
The second post-mortem was performed by a panel of doctors from Lucknow after the body of the girl was exhumed from Nighasan town in Lakhimpur.
Divisional Commissioner, Lucknow, Prashant Trivedi and IGP Subesh Kumar told a press conference Lakhimpur that the girl was strangulated and had not died due to asphyxia, caused by the hanging, as mentioned in the first report.
After the incident sparked an outrage, the State government rejected the earlier autopsy report and ordered a new post-mortem by a panel of doctors from other districts.
Mr. Trivedi said suspension of the three doctors who had conducted the first post mortem had been recommended.
An FIR had been lodged against a sub-inspector and two policemen for allegedly tampering with evidence.
Missing since Friday evening, the girl's body was found hanging from a tree near an under-construction block in Nighasan police station in Lakhimpur-Kheri district of the State.
The victim’s mother in her complaint had alleged that her daughter was raped and murdered.
A 10-member team of the the CB-CID, which has been asked to submit its report within a week, visited the scene of the incident.
The team, led by SP Shriprakash Tripathi, examined records at the police station and recorded statements of the girl’s family.
Eleven policemen posted at the station had been suspended after the girl’s body was found.
Keywords: U.P. girl murder, Lakhimpur-Kheri district, Nighasan police station.
पुलिस की खबरें, सिर्फ पुलिस के लिए ...... An International Police Blog for police personnels and their family, their works, their succes, promotion and transfer, work related issues, their emotions,their social and family activities, their issues and all which related to our police personnels.
Monday, June 13, 2011
Mumbai Police : मिड डे के इन्वेस्टिगेटिव एडिटर की गोली मारकर हत्या
मुंबई के पवई इलाके में मिड डे के वरिष्ठ पत्रकार ज्योतिर्मय डे उर्फ ज्योति डे उर्फ जेडे को अज्ञात बदमाशों ने गोली मार दी. डे को नजदीक के हीरानंदानी हास्पीटल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. क्राइम रिपोर्टर डे को चार अज्ञात बदमाशों ने गोली उस समय मारी जब वे पवई इलाके के हीरानंदानी गार्डेन के पास स्थित अपने घर में प्रवेश करने जा रहे थे.
गोली मारने के बाद चारों बदमाश फरार हो गए. बदमाश दो बाइकों पर सवार होकर आए थे. गोली की आवाज सुनकर बाहर आए उनके परिजन तथा स्थानीय लोगों ने उन्हें तत्काल हीरानंदानी हास्पीटल पहुंचाया. डे पिछले बीस सालों से अंडरवर्ल्ड कवर कर रहे थे. उन्होंने पिछले दिनों तेल माफिया के खिलाफ स्टोरीज लिखी थी.
ज्योर्तिमय डे उर्फ जेडे नहीं रहे. उन्हें मुंबई में तब गोली मारी गई जब वे अपने घर में प्रवेश करने ही वाले थे. चार बदमाशों ने उनके करीब आकर गोलियां मारीं और भाग गए. जेडे करीब बीस वर्षों से अंडरर्वल्ड कवर कर रहे थे. मुंबई के मीडिया जगत में अपराध रिपोर्टिंग में जेडे का बड़ा नाम था. उनकी अंडरवर्ल्ड पर दो किताबें भी हैं. जेडे इन दिनों डी कंपनी उर्फ दाउद गैंग से जुड़ी कई खबरों पर काम कर रहे थे.
अभी यह तय नहीं है कि किसने जेडे की हत्या कराई पर यह स्पष्ट है कि अंडरवर्ल्ड के लोगों ने ही जेडे की जान ली. जेडे की किसी से निजी दुश्मनी नहीं थी. मिडडे में क्राइम और इनवेस्टिगेटिव एडिटर जेडे की हत्या से मुंबई-दिल्ली का मीडिया जगत शोक संतप्त है. अंडरवर्ल्ड की बहुत सारी खबरें ब्रेक करने वाले जेडे की हत्या ने मुंबई में खराब ला एंड आर्डर की पोल खोलकर रख दी है.
कुछ दिनों पहले मुंबई के जाने माने पत्रकार अकेला को जेल भेजा गया था, इस कारण कि उन्होंने अत्याधुनिक हथियारों की खराब रखरखाव पर स्टोरी की थी जिससे सरकारी महकमा चिढ़ गया था. एक तरह से देख जाए तो मुंबई में पत्रकार अब बदमाशों और सरकारी अफसरों, दोनों के निशाने पर है. ऐसे माहौल में ईमानदार पत्रकारिता करना मुश्किल होता जा रहा है.
मुंबई के क्राइम ब्रांच के अफसरों ने अपनी शुरुआती टिप्पणी में कहा है कि जेडे पिछले काफी दिनों से तेल माफिया और अंडरवर्ल्ड के विरोध में कलम चला रहे थे. पर हत्या के कारणों के बारे में अभी ठीक ठीक कह पाना मुश्किल है. उधर, सूत्रों का कहना है कि जेडे की हत्या में शक की सुई अंडरवर्ल्ड की तरफ घूम रही है. पर इसकी पुष्टि पुलिस की विस्तृत जांच के बाद ही सामने आ पाएगी कि किस गिरोह ने किस कारण जेडे की हत्या कराई.
गोली मारने के बाद चारों बदमाश फरार हो गए. बदमाश दो बाइकों पर सवार होकर आए थे. गोली की आवाज सुनकर बाहर आए उनके परिजन तथा स्थानीय लोगों ने उन्हें तत्काल हीरानंदानी हास्पीटल पहुंचाया. डे पिछले बीस सालों से अंडरवर्ल्ड कवर कर रहे थे. उन्होंने पिछले दिनों तेल माफिया के खिलाफ स्टोरीज लिखी थी.
ज्योर्तिमय डे उर्फ जेडे नहीं रहे. उन्हें मुंबई में तब गोली मारी गई जब वे अपने घर में प्रवेश करने ही वाले थे. चार बदमाशों ने उनके करीब आकर गोलियां मारीं और भाग गए. जेडे करीब बीस वर्षों से अंडरर्वल्ड कवर कर रहे थे. मुंबई के मीडिया जगत में अपराध रिपोर्टिंग में जेडे का बड़ा नाम था. उनकी अंडरवर्ल्ड पर दो किताबें भी हैं. जेडे इन दिनों डी कंपनी उर्फ दाउद गैंग से जुड़ी कई खबरों पर काम कर रहे थे.
अभी यह तय नहीं है कि किसने जेडे की हत्या कराई पर यह स्पष्ट है कि अंडरवर्ल्ड के लोगों ने ही जेडे की जान ली. जेडे की किसी से निजी दुश्मनी नहीं थी. मिडडे में क्राइम और इनवेस्टिगेटिव एडिटर जेडे की हत्या से मुंबई-दिल्ली का मीडिया जगत शोक संतप्त है. अंडरवर्ल्ड की बहुत सारी खबरें ब्रेक करने वाले जेडे की हत्या ने मुंबई में खराब ला एंड आर्डर की पोल खोलकर रख दी है.
कुछ दिनों पहले मुंबई के जाने माने पत्रकार अकेला को जेल भेजा गया था, इस कारण कि उन्होंने अत्याधुनिक हथियारों की खराब रखरखाव पर स्टोरी की थी जिससे सरकारी महकमा चिढ़ गया था. एक तरह से देख जाए तो मुंबई में पत्रकार अब बदमाशों और सरकारी अफसरों, दोनों के निशाने पर है. ऐसे माहौल में ईमानदार पत्रकारिता करना मुश्किल होता जा रहा है.
मुंबई के क्राइम ब्रांच के अफसरों ने अपनी शुरुआती टिप्पणी में कहा है कि जेडे पिछले काफी दिनों से तेल माफिया और अंडरवर्ल्ड के विरोध में कलम चला रहे थे. पर हत्या के कारणों के बारे में अभी ठीक ठीक कह पाना मुश्किल है. उधर, सूत्रों का कहना है कि जेडे की हत्या में शक की सुई अंडरवर्ल्ड की तरफ घूम रही है. पर इसकी पुष्टि पुलिस की विस्तृत जांच के बाद ही सामने आ पाएगी कि किस गिरोह ने किस कारण जेडे की हत्या कराई.
Mumbai Police : This man shot J Dey
mumbai: Mumbai police have released the sketch of the man suspected to have shot dead investigative journalist J Dey in Mumbai on Saturday. The police said the sketch was made based on eyewitness accounts. "We have definite leads in the case," Mumbai police chief Arup Patnaik said.
Dey, 56 and a senior journalist working with MiD DAY, was shot in broad daylight outside a mall close to his home in the suburban Powai area of the city. According to the police, four motorcycle-borne men fired at Mr Dey. The shooters then escaped from the spot.
Police had said that, "Approximately nine entry-exit wounds were found which means at least 5 bullets were fired."
Mr Dey was considered to be arguably India's best-connected writer on the Mumbai underworld. He spent most of his reporting career bringing out accounts of the goings-on in the Mumbai underworld for several newspapers including the Indian Express and the Hindustan Times.
He was the author of 'Zero Dial: The Dangerous World of Informers' and 'Khallas' - considered a dictionary on the Mumbai underworld.
Curiously, the journalist met with his end while he was reportedly working on a series on Dawood Ibrahim.
MP Police: पुलिस कार्रवाई के खिलाफ सहकारिता कर्मचारी हड़ताल पर
इंदौर मल्हारगंज पुलिस द्वारा तीन उपायुक्तों सहित सात लोगों के खिलाफ आपराधिक केस दर्ज करने के बाद प्रशासनिक लॉबी और पुलिस के बीच तलवारें तन गई हैं।
पुलिस जहां मामले में कदम पीछे खींचने को तैयार नहीं है वहीं प्रशासनिक लॉबी न केवल पुलिस पर मनमानी के आरोप लगा रही है बल्कि आगे रुख सख्त करने की चेतावनी भी दे रही है। केस दर्ज करने के विरोध में आज सहकारिता विभाग के प्रदेशभर के कर्मचारी और अफसर हड़ताल पर चले गए। उन्होंने कमिश्नर को ज्ञापन भी दिया।
हड़तालियों ने चेताया है कि केस दर्ज करने वाले टीआई को निलंबित किया जाए और तीनों अफसरों पर से केस वापस लिया जाए अन्यथा आंदोलन सख्त कर दिया जाएगा। उधर, पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी की राह आसान करने के लिए पुख्ता सबूत जुटाना शुरू कर दिए हैं। आज पुलिस ने कुछ कागज भी जब्त किए।
गौरतलब है कि महाराणा प्रताप गृह निर्माण सहकारी संस्था के 27 सदस्यों को प्लाट नहीं देने के मामले की एक शिकायत पर थाना मल्हारगंज ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए इंदौर में पदस्थ रहे तत्कालीन उपायुक्त सहकारिता आर.के. शर्मा, अंबरीष वैद्य एवं वर्तमान उपायुक्त महेंद्र दीक्षित के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया है।
पुलिस जहां मामले में कदम पीछे खींचने को तैयार नहीं है वहीं प्रशासनिक लॉबी न केवल पुलिस पर मनमानी के आरोप लगा रही है बल्कि आगे रुख सख्त करने की चेतावनी भी दे रही है। केस दर्ज करने के विरोध में आज सहकारिता विभाग के प्रदेशभर के कर्मचारी और अफसर हड़ताल पर चले गए। उन्होंने कमिश्नर को ज्ञापन भी दिया।
हड़तालियों ने चेताया है कि केस दर्ज करने वाले टीआई को निलंबित किया जाए और तीनों अफसरों पर से केस वापस लिया जाए अन्यथा आंदोलन सख्त कर दिया जाएगा। उधर, पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी की राह आसान करने के लिए पुख्ता सबूत जुटाना शुरू कर दिए हैं। आज पुलिस ने कुछ कागज भी जब्त किए।
गौरतलब है कि महाराणा प्रताप गृह निर्माण सहकारी संस्था के 27 सदस्यों को प्लाट नहीं देने के मामले की एक शिकायत पर थाना मल्हारगंज ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए इंदौर में पदस्थ रहे तत्कालीन उपायुक्त सहकारिता आर.के. शर्मा, अंबरीष वैद्य एवं वर्तमान उपायुक्त महेंद्र दीक्षित के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज किया है।
HR Police: sad demise:गुड़गांव में फ्लैट से गिरकर आईजी मंजीत की मौत
गुड़गांव. हरियाणा पुलिस ट्रेनिंग सेंटर आईआरबी (इंडियन रिजर्व बटालियन) भोंडसी में तैनात आईजी मंजीत सिंह अहलावत (52) शनिवार रात एक फ्लैट से गिर गए। गंभीर रूप से घायल मंजीत को उपचार के लिए स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
रविवार सुबह पटौदी चौक के पास मदनपुरी स्थित श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान परिजनों के साथ पुलिस कमिश्नर, ज्वाइंट कमिश्नर, गुड़गांव व आस-पास इलाकों के एसपी, डीएसपी और अन्य कई पुलिसकर्मी मौजूद रहे।
जानकारी के अनुसार, आईजी मंजीत सिंह सेक्टर-15 इलाके में किराए के मकान में परिवार के साथ रहते थे। शनिवार रात को दिल्ली से उनका एक साथी उनसे मिलने के लिए आने वाला था, लेकिन किसी कारणवश वह नहीं आया। इसके बाद वे कहीं बाहर चले गए। उधर, सेक्टर-57 स्थित बीपीटीपी फ्रीडम पार्क लाइफ सोसायटी के टावर बी के 401 नंबर फ्लैट में 32 वर्षीय प्रवीन कुमार एक महिला के साथ रहता है।
महिला का नाम पता नहीं चला है। सोसायटी के सुरक्षा सुपरवाइजर अशोक कुमार ने बताया कि शनिवार शाम करीब 6.30 बजे मंजीत सिंह कार से फ्लैट संख्या बी-401 में रहने वाली महिला के साथ आए थे। जब वे कार खड़ी कर फ्लैट में जाने लगे तो बी-ब्लॉक के सुरक्षाकर्मी ने मंजीत से पूछताछ की। इस पर महिला ने बताया कि मंजीत उसके साथ हैं।
करीब साढ़े आठ बजे प्रवीन कुमार भी आया। वह भी ऊपर फ्लैट में चला गया। ठीक आधा घंटे बाद करीब नौ बजे शोर सुनाई दिया। सुरक्षाकर्मी अशोक कुमार वहां गया तो देखा कि एक व्यक्ति फ्लैट के पीछे वाले हिस्से की तरफ पड़ा है। वह लहूलुहान था। मामले की सूचना पुलिस को दी गई। सदर थाने की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायल को उपचार के लिए आर्टेमिस अस्पताल पहुंचाया। यहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतक की पहचान मंजीत सिंह के रूप में हुई।
दोबारा कराया पोस्टमार्टम
आईजी मंजीत सिंह अहलावत की मौत रहस्य बनी हुई है। पुलिस ने मंजीत सिंह के शव का आर्टेमिस अस्पताल में ही एडीएम की उपस्थिति में पंचनामा कराया, लेकिन रविवार सुबह मीडिया में इसकी चर्चा के बाद गुड़गांव पुलिस ने सिविल अस्पताल में उनके शव का दोबारा पोस्टमार्टम कराया।
मंजीत का जीवन सफर
मंजीत सिंह अहलावत का जन्म 9 फरवरी 1957 को हुआ था। 1989 में वे स्पेशल पुलिस सर्विस में डीएसपी नियुक्त हुए। 28 दिसंबर 1993 को उनका ओरिजिनल अपॉइंटमेंट हुआ। 21 अक्टूबर 2005 को वे डीआईजी बने। गुडग़ांव में कमिश्नरी व्यवस्था लागू होने के बाद 20 नवंबर 2007 से 15 जून 2009 तक वे ज्वाइंट कमिश्नर रहे। इसके बाद कुछ समय तक वे विजिलेंस विभाग में भी आईजी रहे। फिलहाल वे पुलिस ट्रेनिंग सेंटर आईआरबी भोंडसी में आईजी के पद पर कार्यरत थे। उनके छोटे भाई परमजीत सिंह अहलावत भी आईआरबी भोंडसी में ही डीआईजी के पद पर कार्यरत हैं।
पुलिस अधिकारियों ने साधी चुप्पी
मंजीत सिंह की मौत का पूरा मामला संदिग्ध है। पुलिस अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। लोक जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में भी यह नहीं बताया गया कि आखिर उनकी मौत कैसे हुई। सिर्फ यह लिखा गया कि उनकी मौत एक फ्लैट से गिरने के कारण हुई है। फिलहाल पुलिस मामले को हादसा मानकर चल रही है।
रविवार सुबह पटौदी चौक के पास मदनपुरी स्थित श्मशान घाट में उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान परिजनों के साथ पुलिस कमिश्नर, ज्वाइंट कमिश्नर, गुड़गांव व आस-पास इलाकों के एसपी, डीएसपी और अन्य कई पुलिसकर्मी मौजूद रहे।
जानकारी के अनुसार, आईजी मंजीत सिंह सेक्टर-15 इलाके में किराए के मकान में परिवार के साथ रहते थे। शनिवार रात को दिल्ली से उनका एक साथी उनसे मिलने के लिए आने वाला था, लेकिन किसी कारणवश वह नहीं आया। इसके बाद वे कहीं बाहर चले गए। उधर, सेक्टर-57 स्थित बीपीटीपी फ्रीडम पार्क लाइफ सोसायटी के टावर बी के 401 नंबर फ्लैट में 32 वर्षीय प्रवीन कुमार एक महिला के साथ रहता है।
महिला का नाम पता नहीं चला है। सोसायटी के सुरक्षा सुपरवाइजर अशोक कुमार ने बताया कि शनिवार शाम करीब 6.30 बजे मंजीत सिंह कार से फ्लैट संख्या बी-401 में रहने वाली महिला के साथ आए थे। जब वे कार खड़ी कर फ्लैट में जाने लगे तो बी-ब्लॉक के सुरक्षाकर्मी ने मंजीत से पूछताछ की। इस पर महिला ने बताया कि मंजीत उसके साथ हैं।
करीब साढ़े आठ बजे प्रवीन कुमार भी आया। वह भी ऊपर फ्लैट में चला गया। ठीक आधा घंटे बाद करीब नौ बजे शोर सुनाई दिया। सुरक्षाकर्मी अशोक कुमार वहां गया तो देखा कि एक व्यक्ति फ्लैट के पीछे वाले हिस्से की तरफ पड़ा है। वह लहूलुहान था। मामले की सूचना पुलिस को दी गई। सदर थाने की पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घायल को उपचार के लिए आर्टेमिस अस्पताल पहुंचाया। यहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतक की पहचान मंजीत सिंह के रूप में हुई।
दोबारा कराया पोस्टमार्टम
आईजी मंजीत सिंह अहलावत की मौत रहस्य बनी हुई है। पुलिस ने मंजीत सिंह के शव का आर्टेमिस अस्पताल में ही एडीएम की उपस्थिति में पंचनामा कराया, लेकिन रविवार सुबह मीडिया में इसकी चर्चा के बाद गुड़गांव पुलिस ने सिविल अस्पताल में उनके शव का दोबारा पोस्टमार्टम कराया।
मंजीत का जीवन सफर
मंजीत सिंह अहलावत का जन्म 9 फरवरी 1957 को हुआ था। 1989 में वे स्पेशल पुलिस सर्विस में डीएसपी नियुक्त हुए। 28 दिसंबर 1993 को उनका ओरिजिनल अपॉइंटमेंट हुआ। 21 अक्टूबर 2005 को वे डीआईजी बने। गुडग़ांव में कमिश्नरी व्यवस्था लागू होने के बाद 20 नवंबर 2007 से 15 जून 2009 तक वे ज्वाइंट कमिश्नर रहे। इसके बाद कुछ समय तक वे विजिलेंस विभाग में भी आईजी रहे। फिलहाल वे पुलिस ट्रेनिंग सेंटर आईआरबी भोंडसी में आईजी के पद पर कार्यरत थे। उनके छोटे भाई परमजीत सिंह अहलावत भी आईआरबी भोंडसी में ही डीआईजी के पद पर कार्यरत हैं।
पुलिस अधिकारियों ने साधी चुप्पी
मंजीत सिंह की मौत का पूरा मामला संदिग्ध है। पुलिस अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। लोक जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में भी यह नहीं बताया गया कि आखिर उनकी मौत कैसे हुई। सिर्फ यह लिखा गया कि उनकी मौत एक फ्लैट से गिरने के कारण हुई है। फिलहाल पुलिस मामले को हादसा मानकर चल रही है।
Happy B'Day
today is B'Day of Rajesh Dandotiya, a police officer from MP Police...wish him happy B'Day..
Friday, June 10, 2011
Bihar Police: Police Anthem: Bihar Military Police likely to get its anthem soon
Hum Bihar ki sainya police hain, shaan badhana hum jaane;
Kartavyon ki balivedi par, jaan lutana hum jaane!
Hamen na chinta sheet ghaam ki, fikr nahin kuchh subah sham ki;
Dhun ke pakke hum matwale, sada lakshya par badhne waale!
PATNA: These lines are part of the song, "Veer Sipahi", which is being considered for being selected as the anthem of Bihar Military Police (BMP). If everything goes well, BMP jawans will be humming these lines by the end of this month.
Penned by the present SP, Bagaha, Anil Kumar Singh, the song was written when the officer was posted as BMP commandant. "I was witness to the hardships being faced by my jawans, who were ready to work under extreme conditions. They would toil without complaining under the scorching heat, cold and the rains," Singh told TOI adding "I wanted to give a poetic shape to their daily ventures." Talking about his passion, the officer said, "I have been writing ghazals and poems since long."
The anthem was conceptualized and rendered to the tune by A C Verma, ADG BMP. "The song is a completely home-grown production," he said adding "when I came to know about the hidden talent in one of our officers, I asked him to create something tuneful for us too. And here is the wonderful piece of writing coming from SP Bagaha."
Talking about its theme, the ADG added, "It has been written to inspire and motivate our policemen. It will definitely impart them an identity." The song will be sung in each of the 16 battalions which finds its mention in the lyrics too: "Hum sahyogi hum sahbhagi; solah bhuja badi balshali." Police 'sabhas' that are held every month will also conclude with the same chorus, rather than the national anthem, he said.
Music of the song has been composed by Antu Kumar, a BMP-I jawan. Lending their voice to the song are also the jawans of the BMP.
The anthem is also being filmed, which will be complete within a fortnight. Every aspect of policing - equestrianism, firing, combat in jungles, raids and parades - all will be incorporated into the film. "Since we wanted to picturise the 'biguel' against the rising sun, the shooting starts at 5am," Verma said.
At present, the song has been sent to the DGP, Neelmani, for his final approval.
Kartavyon ki balivedi par, jaan lutana hum jaane!
Hamen na chinta sheet ghaam ki, fikr nahin kuchh subah sham ki;
Dhun ke pakke hum matwale, sada lakshya par badhne waale!
PATNA: These lines are part of the song, "Veer Sipahi", which is being considered for being selected as the anthem of Bihar Military Police (BMP). If everything goes well, BMP jawans will be humming these lines by the end of this month.
Penned by the present SP, Bagaha, Anil Kumar Singh, the song was written when the officer was posted as BMP commandant. "I was witness to the hardships being faced by my jawans, who were ready to work under extreme conditions. They would toil without complaining under the scorching heat, cold and the rains," Singh told TOI adding "I wanted to give a poetic shape to their daily ventures." Talking about his passion, the officer said, "I have been writing ghazals and poems since long."
The anthem was conceptualized and rendered to the tune by A C Verma, ADG BMP. "The song is a completely home-grown production," he said adding "when I came to know about the hidden talent in one of our officers, I asked him to create something tuneful for us too. And here is the wonderful piece of writing coming from SP Bagaha."
Talking about its theme, the ADG added, "It has been written to inspire and motivate our policemen. It will definitely impart them an identity." The song will be sung in each of the 16 battalions which finds its mention in the lyrics too: "Hum sahyogi hum sahbhagi; solah bhuja badi balshali." Police 'sabhas' that are held every month will also conclude with the same chorus, rather than the national anthem, he said.
Music of the song has been composed by Antu Kumar, a BMP-I jawan. Lending their voice to the song are also the jawans of the BMP.
The anthem is also being filmed, which will be complete within a fortnight. Every aspect of policing - equestrianism, firing, combat in jungles, raids and parades - all will be incorporated into the film. "Since we wanted to picturise the 'biguel' against the rising sun, the shooting starts at 5am," Verma said.
At present, the song has been sent to the DGP, Neelmani, for his final approval.
Subscribe to:
Posts (Atom)