Tuesday, June 21, 2011

Gujrat Police: CBI: मोदी के गुजरात में सीबीआई टीम को खाना नहीं मिला

अहमदाबाद ।। खबर है कि तुलसीराम प्रजापति एनकाउंटर केस की जांच करने गांधीनगर गई सीबीआई टीम को सर्किट हाउस में खाना नहीं दिया गया। टीम को खुद खाने का इंतजाम करना पड़ा जिससे काफी परेशानी हुई। सीबीआई ने राज्य सरकार को पत्र लिख कर इस बारे में शिकायत की है।

सूत्रों के मुताबिक सीबीआई की टीम तुलसीराम प्रजापति एनकाउंटर केस की जांच के सिलसिले में गांधीनगर पहुंची थी। वहां सर्किट हाउस में 20 बुक कराए गए थे। मगर, सीबीआई टीम को वहां खाना नहीं दिया गया। सर्किट हाउस के अधिकारियों से बात करने से भी कोई फायदा नहीं हुआ। आखिरकार टीम को खुद अपने खाने का इंतजाम करना पड़ा जिसकी वजह से काफी परेशानी हुई।

एक सीनियर सीबीआई अधिकारी ने गुजरात के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) बलवंत सिंह को पत्र लिख कर इस बारे में शिकायत की। पत्र में कहा गया है कि तुलसीराम प्रजापति एनकाउंटर मामले की जांच के सिलसिले में एक टीम गांधीनगर गई हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने कह रखा है कि सभी राज्य सरकारें इस मामले में सीबीआई को आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराएं।

पत्र के मुताबिक सर्किट हाउस अधिकारियों से जब खाना उपलब्ध कराने का अनुरोध किया गया तो उन्होंने इनकार कर दिया। उनका कहना था कि किचेन में मरम्मत का काम चल रहा है।

इस बारे में संपर्क करने पर सर्किट हाउस मैनेजर बिपिन शुक्ला ने कहा कि बहुत दिनों से किचेन की मरम्मत का काम चल रहा है। जब भी कोई सरकारी कार्यक्रम होता है या कोई मंत्री आने वाले होते हैं तो हम एक अस्थायी किचेन बना लेते हैं। नहीं तो, दूसरा कोई इंतजाम नहीं है। इसीलिए हम सीबीआई टीम को खाना नहीं दे सके।

maharastra politics:सड़क हादसे में 2 पुलिसकर्मियों की मौत

पुणे।। महाराष्ट्र के इस जिले में मुम्बई-पुणे एक्सप्रेस-वे पर रविवार को एक वाहन के घाटी में गिर जाने से उसमें सवार 2 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई तथा 2 अन्य घायल हो गए।

लोनावला नगर पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया, ''चार पुलिसकर्मी एक वैन में सवार होकर ठाणे से रवाना हुए थे। वैन लोनावला के निकट घाटी में गिर गई। इनमें से 2 की मौत हो गई तथा 2 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।''

मारे गए 2 पुलिसकर्मियों की पहचान कांस्टेबल शरद चव्हाण तथा दशरथ मोरे के रूप में की गई है। दोनों 45 वर्ष के थे।

UP Police : यूपी में फार्स्ट ट्रैक कोर्ट में होगी रेप के मामलों की सुनवाई?

उत्तर प्रदेश में रेप की घटनाओं को मुख्यमंत्री मायावती ने गंभीरता से लिया है। मंगलवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि प्रदेश में बलात्कारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि बलात्कार के मामलों की सुनवाई के लिए प्रदेश में फार्स्ट ट्रैक कोर्ट बनाए जाएंगे। साथ मायावती ने कहा कि विपक्षी पार्टियां ऐसी घटनाओं के लेकर घिनौनी राजनीति नहीं करें।

उत्तर प्रदेश में रेप की बढ़ती घटनाओं को लेकर विपक्षी दलों के लगातार हमले के बाद मंगलवार को खुद इस मामले पर प्रेस के सामने आईं। उन्होंने कहा कि वह रेपिस्टों को सख्त से सख्त सजा देने के पक्ष में हैं। माया ने कहा कि रेपिस्टों के खिलाफ गैर जमानती केस दर्ज होगा। साथ पूरे प्रदेश में फार्स्ट ट्रैक कोर्ट बनाए जाएंगे, जिससे कि ऐसे मामलों में फैसला जल्द से जल्द आ सके।

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मायवती ने विपक्षी पार्टियों पर भी जवाबी हमला बोला। उन्होंने कहा रेप जैसी घटना पर विपक्षी पार्टियां घिनौनी राजनीति कर रही हैं। उन्हें शर्म आनी चाहिए।
चंडीगढ़. शराब पीकर गाड़ी चलाने पर चंडीगढ़ पुलिस की एंटी ड्रंकन ड्राइव मुहिम के दौरान पकड़े गए 11 आरोपी सोमवार को जिला अदालत में पेश हुए। शराब पीकर वाहन चलाने से शहर में बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं के चलते अदालत ने इनमें से 6 आरोपियों को सबक सिखाने के लिए फाइन के साथ-साथ तब तक कोर्ट में ही रहने की सजा सुनाई जब तक सोमवार को कोर्ट का काम खत्म नहीं हो जाता।


चंडीगढ़ में पहली बार दी गई ऐसी सजा

चालान और मोटर व्हीकल एक्ट के मामले निपटाने के लिए जिला अदालत में बनाई गई स्पेशल कोर्ट ने ड्रंकन ड्राइव के इन मामलों में ‘टिल द राइजिंग ऑफ कोर्ट’ यानी आरोपी को कोर्ट चलने तक बंदी बनाए रखने की सजा सुनाई। स्पेशल जज दीपक राज गर्ग की अदालत ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 185 के तहत शराब पीकर वाहन चलाने वाले व्यक्ति को दो से पांच हजार रुपये फाइन और 6 माह से एक साल तक की सजा का प्रावधान है। स्पेशल अदालत ने पिछले वर्ष 52000 चालानों का निबटारा करते हुए 75 लाख रुपये से अधिक जुर्माना किया है।

परमिसिबल लिमिट 60 एमएल

ड्रंकन ड्राइव के केस में पुलिस ने डॉक्टरी सलाह को ही अपना पैमाना माना है। 60 एमएल तक एल्कोहल को परमिसिबल लिमिट के दायरे में रखा गया है। दो पेग से ज्यादा और एक बीयर से अधिक पीने पर चालान की चपेट में आ सकते हैं।

Punjab Police : दो आदमी, 1219 पासपोर्ट

नवाशंहर. पंजाब पुलिस ने लोगों को विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वाले ट्रैवल एजेंट गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों से पंजाब के विभिन्न जिलों से संबंधित लोगों के 1219 पासपोर्ट और विभिन्न एयरलाइंस के 100 फर्जी टिकट बरामद हुए हैं। अभी इस ट्रैवल एजेंट गिरोह के तीन अन्य सदस्य फरार हैं, जिनमें चंडीगढ़ की एक महिला भी शामिल है।

पुलिस को सूचना मिली थी कि पंजाब के परमजीत, दिलबरजीत, कपूर सिंह, चंडीगढ़ की भारती और नई दिल्ली के अरुण ने विभिन्न प्रदेशों में टूर एंड ट्रैवल की शाखाएं खोली हैं। ये लोग विज्ञापन देकर नौकरी के लिए वीजा जारी करवाने के नाम पर 40 हजार रुपए में फर्जी वीजा जारी करवाते थे। सूचना के आधार पर कपूर सिंह और परमजीत कुमार को गिरफ्तार किया गया।

KN Police : Banglore : साईं के खजाने में सेंध, पुलिस ट्रस्टियों से करेगी पूछताछ

पुत्तपार्थी। कर्नाटक पुलिस सत्यसाईं ट्रस्ट के पांच ट्रस्टियों से पूछताछ की तैयारी में है। वो प्रशांति निलयम से भेजे जा रहे लाखों रुपयों की तफ्तीश के लिए इनको नोटिस जारी करेगी। अनंतपुर पुलिस ने शनिवार को जिस ड्राइवर को गिरफ्तार किया था और उससे पूछताछ के आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई करने जा रही है। पूछताछ के खुलासे के बाद सवालों के घेरे में खुद सत्यसाईं सेंट्रल ट्रस्ट ही आ गया है। पुलिस ने इस सिलसिले में अब तक 3 लोगों को गिरफ्तार किया है।

शनिवार की रात को अनंतपुर पुलिस ने 35 लाख रुपए की रकम पकड़ी थी। ये रकम प्रशांति निलयम से लाई जा रही थी। इस खबर के बाद हड़कंप मच गया। अनंतपुर पुलिस ने क्वालिस कार को चलाने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया। क्वालिस कार भी जब्त कर ली। कार को चला रहे शख्स का नाम हरीश नंदा शेट्टी है। पूछताछ में इसने बताया कि उसे ये रकम सत्य साईं ट्रस्ट के एक ट्रस्टी के ड्राइवर ने दिए थे। सत्य साईं ट्रस्ट के इस ड्राइवर का नाम शेखर है।

शेखर दरअसल ट्रस्ट के सदस्य वी श्रीनिवासन का ड्राइवर बताया जा रहा है। जिसके बाद सत्य टाईं ट्रस्ट सवालों के घेरे में आ चुका है। पुलिस ने ट्रस्ट के ड्राइवर शेखर को भी गिरफ्तार कर लिया है। शेखर ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।

साईं के खजाने में सेंध, पुलिस ट्रस्टियों से करेगी पूछताछ
शेखर ने बताया कि उसे ये पैसे प्रशांति निलयम के पश्चिमी हिस्से के ए-6 कमरे में दिए गए। ये कमरा ट्रस्ट के सदस्यों में एक का है। उससे बड़ा खुलासा ये किया कि पैसा देते वक्त वहां ट्रस्ट से जुड़े दो अहम लोग भी मौजूद थे। ड्राइवर शेखर के खुलासे से ये साफ होता है कि पैसा ट्रस्ट के सदस्यों की रजामंदी से ही बाहर निकला। लिहाजा अब पुलिस ट्रस्ट के सदस्यों से इस बारे में पूछताछ करने जा रही है।

गौरतलब है कि प्रशांति निलयम से 35 लाख रुपए बाहर ले जाने के मामले में अबतक 3 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। हरीश नंद शेट्टी जो सत्य साईं बाबा की समाधि बनाने से जुड़ा एक इंजीनियर है। ट्रस्ट के सदस्य वी श्रीनिवासन का ड्राइवर शेखर, और मोहन शेट्टी।

इन तीनों से अबतक की पूछताछ के बाद पुलिस इस सिलसिले में सत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट के 5 सदस्यों एम जे रत्नाकर, एस सी गिरी, वी श्रीनिवासन, जस्टिस भगवती और इंदुलाल शाह हैं।

खबरों के मुताबिक पुलिस उन लोगों को लीगल नोटिस भी देने की तैयारी कर रही है जिनके नाम गिरफ्तार किए गए लोगों ने बताए हैं।

WB Politics: पुलिस के लिए 'नरम दीदी' बनीं ममता

बगैर सूचना के पुलिस बैरक और पुलिस अस्पताल पहुंचकर ममता बनर्जी ने दोस्ताना सम्बंध वाले बॉस की छवि स्थापित की है.

ये कदम ममता ने पश्चिम बंगाल में पुलिस के रहन सहन का पता लगाने के लिए उठाया है.

लेकिन कर्मचारियों के लिए उनका स्पष्ट संदेश भी है कि वे निष्पक्ष होकर काम करें.

यह वही पुलिस है जिसने ज्योति बसु के मुख्यमंत्री रहते हुए बनर्जी को राइटर्स बिल्डिंग से घसीटकर बाहर निकाल दिया था. पश्चिम बंगाल की मुख्य विपक्षी नेता के रूप में तीन दशक से भी अधिक समय तक कई अन्य मौकों पर भी पुलिस से उनकी झड़प हुई. लेकिन राज्य की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने के चार दिन के भीतर 25 मई को सब भुला दिया गया.

बनर्जी ने दक्षिण कोलकाता के अलीपोर बॉडीगार्ड लाइंस स्थित पुलिस बैरक का अचानक दौरा किया और पुलिस कर्मियों के रहन-सहन के बारे में जानकारी हासिल की. वह बैरक के अंदर गईं, उनके खाने तथा रहने के बारे में पूछा और उनकी शिकायतें सुनी.

वह सम्भवत: पहली मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने ऐसा किया. कुछ ही घंटों बाद उन्होंने शहर के शीर्ष पुलिस अधिकारियों को पुलिस कर्मियों के लिए आवासीय योजना बनाने के निर्देश दिए.

इसी तरह दो जून को उन्होंने भवानीपुर स्थित कोलकाता पुलिस अस्पताल का अचानक दौरा किया और डॉक्टरों तथा मरीजों के परिजनों से बातचीत की.

राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री ने सरकार की जनहितकारी छवि पेश करने के लिए शीर्ष प्रशासनिक बदलाव भी किए. गैर-कानूनी हथियार जमा करने के खिलाफ भी सख्त निर्देश दिए गए हैं.

तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ने पुलिस अधिकारियों को राजनीतिक हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करने के लिए भी कहा. वरिष्ठ अधिकारियों को अपने पहले संदेश में उन्होंने कहा, "यदि कोई राजनीतिक नेता हस्तक्षेप करता है, तो आप सीधे तौर पर मुझे बता सकते हैं."