चंडीगढ़. शराब पीकर गाड़ी चलाने पर चंडीगढ़ पुलिस की एंटी ड्रंकन ड्राइव मुहिम के दौरान पकड़े गए 11 आरोपी सोमवार को जिला अदालत में पेश हुए। शराब पीकर वाहन चलाने से शहर में बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं के चलते अदालत ने इनमें से 6 आरोपियों को सबक सिखाने के लिए फाइन के साथ-साथ तब तक कोर्ट में ही रहने की सजा सुनाई जब तक सोमवार को कोर्ट का काम खत्म नहीं हो जाता।
चंडीगढ़ में पहली बार दी गई ऐसी सजा
चालान और मोटर व्हीकल एक्ट के मामले निपटाने के लिए जिला अदालत में बनाई गई स्पेशल कोर्ट ने ड्रंकन ड्राइव के इन मामलों में ‘टिल द राइजिंग ऑफ कोर्ट’ यानी आरोपी को कोर्ट चलने तक बंदी बनाए रखने की सजा सुनाई। स्पेशल जज दीपक राज गर्ग की अदालत ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि मोटर व्हीकल एक्ट 1988 की धारा 185 के तहत शराब पीकर वाहन चलाने वाले व्यक्ति को दो से पांच हजार रुपये फाइन और 6 माह से एक साल तक की सजा का प्रावधान है। स्पेशल अदालत ने पिछले वर्ष 52000 चालानों का निबटारा करते हुए 75 लाख रुपये से अधिक जुर्माना किया है।
परमिसिबल लिमिट 60 एमएल
ड्रंकन ड्राइव के केस में पुलिस ने डॉक्टरी सलाह को ही अपना पैमाना माना है। 60 एमएल तक एल्कोहल को परमिसिबल लिमिट के दायरे में रखा गया है। दो पेग से ज्यादा और एक बीयर से अधिक पीने पर चालान की चपेट में आ सकते हैं।
पुलिस की खबरें, सिर्फ पुलिस के लिए ...... An International Police Blog for police personnels and their family, their works, their succes, promotion and transfer, work related issues, their emotions,their social and family activities, their issues and all which related to our police personnels.
Tuesday, June 21, 2011
Punjab Police : दो आदमी, 1219 पासपोर्ट
नवाशंहर. पंजाब पुलिस ने लोगों को विदेश भेजने के नाम पर ठगी करने वाले ट्रैवल एजेंट गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों से पंजाब के विभिन्न जिलों से संबंधित लोगों के 1219 पासपोर्ट और विभिन्न एयरलाइंस के 100 फर्जी टिकट बरामद हुए हैं। अभी इस ट्रैवल एजेंट गिरोह के तीन अन्य सदस्य फरार हैं, जिनमें चंडीगढ़ की एक महिला भी शामिल है।
पुलिस को सूचना मिली थी कि पंजाब के परमजीत, दिलबरजीत, कपूर सिंह, चंडीगढ़ की भारती और नई दिल्ली के अरुण ने विभिन्न प्रदेशों में टूर एंड ट्रैवल की शाखाएं खोली हैं। ये लोग विज्ञापन देकर नौकरी के लिए वीजा जारी करवाने के नाम पर 40 हजार रुपए में फर्जी वीजा जारी करवाते थे। सूचना के आधार पर कपूर सिंह और परमजीत कुमार को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस को सूचना मिली थी कि पंजाब के परमजीत, दिलबरजीत, कपूर सिंह, चंडीगढ़ की भारती और नई दिल्ली के अरुण ने विभिन्न प्रदेशों में टूर एंड ट्रैवल की शाखाएं खोली हैं। ये लोग विज्ञापन देकर नौकरी के लिए वीजा जारी करवाने के नाम पर 40 हजार रुपए में फर्जी वीजा जारी करवाते थे। सूचना के आधार पर कपूर सिंह और परमजीत कुमार को गिरफ्तार किया गया।
KN Police : Banglore : साईं के खजाने में सेंध, पुलिस ट्रस्टियों से करेगी पूछताछ
पुत्तपार्थी। कर्नाटक पुलिस सत्यसाईं ट्रस्ट के पांच ट्रस्टियों से पूछताछ की तैयारी में है। वो प्रशांति निलयम से भेजे जा रहे लाखों रुपयों की तफ्तीश के लिए इनको नोटिस जारी करेगी। अनंतपुर पुलिस ने शनिवार को जिस ड्राइवर को गिरफ्तार किया था और उससे पूछताछ के आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई करने जा रही है। पूछताछ के खुलासे के बाद सवालों के घेरे में खुद सत्यसाईं सेंट्रल ट्रस्ट ही आ गया है। पुलिस ने इस सिलसिले में अब तक 3 लोगों को गिरफ्तार किया है।
शनिवार की रात को अनंतपुर पुलिस ने 35 लाख रुपए की रकम पकड़ी थी। ये रकम प्रशांति निलयम से लाई जा रही थी। इस खबर के बाद हड़कंप मच गया। अनंतपुर पुलिस ने क्वालिस कार को चलाने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया। क्वालिस कार भी जब्त कर ली। कार को चला रहे शख्स का नाम हरीश नंदा शेट्टी है। पूछताछ में इसने बताया कि उसे ये रकम सत्य साईं ट्रस्ट के एक ट्रस्टी के ड्राइवर ने दिए थे। सत्य साईं ट्रस्ट के इस ड्राइवर का नाम शेखर है।
शेखर दरअसल ट्रस्ट के सदस्य वी श्रीनिवासन का ड्राइवर बताया जा रहा है। जिसके बाद सत्य टाईं ट्रस्ट सवालों के घेरे में आ चुका है। पुलिस ने ट्रस्ट के ड्राइवर शेखर को भी गिरफ्तार कर लिया है। शेखर ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
साईं के खजाने में सेंध, पुलिस ट्रस्टियों से करेगी पूछताछ
शेखर ने बताया कि उसे ये पैसे प्रशांति निलयम के पश्चिमी हिस्से के ए-6 कमरे में दिए गए। ये कमरा ट्रस्ट के सदस्यों में एक का है। उससे बड़ा खुलासा ये किया कि पैसा देते वक्त वहां ट्रस्ट से जुड़े दो अहम लोग भी मौजूद थे। ड्राइवर शेखर के खुलासे से ये साफ होता है कि पैसा ट्रस्ट के सदस्यों की रजामंदी से ही बाहर निकला। लिहाजा अब पुलिस ट्रस्ट के सदस्यों से इस बारे में पूछताछ करने जा रही है।
गौरतलब है कि प्रशांति निलयम से 35 लाख रुपए बाहर ले जाने के मामले में अबतक 3 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। हरीश नंद शेट्टी जो सत्य साईं बाबा की समाधि बनाने से जुड़ा एक इंजीनियर है। ट्रस्ट के सदस्य वी श्रीनिवासन का ड्राइवर शेखर, और मोहन शेट्टी।
इन तीनों से अबतक की पूछताछ के बाद पुलिस इस सिलसिले में सत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट के 5 सदस्यों एम जे रत्नाकर, एस सी गिरी, वी श्रीनिवासन, जस्टिस भगवती और इंदुलाल शाह हैं।
खबरों के मुताबिक पुलिस उन लोगों को लीगल नोटिस भी देने की तैयारी कर रही है जिनके नाम गिरफ्तार किए गए लोगों ने बताए हैं।
शनिवार की रात को अनंतपुर पुलिस ने 35 लाख रुपए की रकम पकड़ी थी। ये रकम प्रशांति निलयम से लाई जा रही थी। इस खबर के बाद हड़कंप मच गया। अनंतपुर पुलिस ने क्वालिस कार को चलाने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया। क्वालिस कार भी जब्त कर ली। कार को चला रहे शख्स का नाम हरीश नंदा शेट्टी है। पूछताछ में इसने बताया कि उसे ये रकम सत्य साईं ट्रस्ट के एक ट्रस्टी के ड्राइवर ने दिए थे। सत्य साईं ट्रस्ट के इस ड्राइवर का नाम शेखर है।
शेखर दरअसल ट्रस्ट के सदस्य वी श्रीनिवासन का ड्राइवर बताया जा रहा है। जिसके बाद सत्य टाईं ट्रस्ट सवालों के घेरे में आ चुका है। पुलिस ने ट्रस्ट के ड्राइवर शेखर को भी गिरफ्तार कर लिया है। शेखर ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
साईं के खजाने में सेंध, पुलिस ट्रस्टियों से करेगी पूछताछ
शेखर ने बताया कि उसे ये पैसे प्रशांति निलयम के पश्चिमी हिस्से के ए-6 कमरे में दिए गए। ये कमरा ट्रस्ट के सदस्यों में एक का है। उससे बड़ा खुलासा ये किया कि पैसा देते वक्त वहां ट्रस्ट से जुड़े दो अहम लोग भी मौजूद थे। ड्राइवर शेखर के खुलासे से ये साफ होता है कि पैसा ट्रस्ट के सदस्यों की रजामंदी से ही बाहर निकला। लिहाजा अब पुलिस ट्रस्ट के सदस्यों से इस बारे में पूछताछ करने जा रही है।
गौरतलब है कि प्रशांति निलयम से 35 लाख रुपए बाहर ले जाने के मामले में अबतक 3 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। हरीश नंद शेट्टी जो सत्य साईं बाबा की समाधि बनाने से जुड़ा एक इंजीनियर है। ट्रस्ट के सदस्य वी श्रीनिवासन का ड्राइवर शेखर, और मोहन शेट्टी।
इन तीनों से अबतक की पूछताछ के बाद पुलिस इस सिलसिले में सत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट के 5 सदस्यों एम जे रत्नाकर, एस सी गिरी, वी श्रीनिवासन, जस्टिस भगवती और इंदुलाल शाह हैं।
खबरों के मुताबिक पुलिस उन लोगों को लीगल नोटिस भी देने की तैयारी कर रही है जिनके नाम गिरफ्तार किए गए लोगों ने बताए हैं।
WB Politics: पुलिस के लिए 'नरम दीदी' बनीं ममता
बगैर सूचना के पुलिस बैरक और पुलिस अस्पताल पहुंचकर ममता बनर्जी ने दोस्ताना सम्बंध वाले बॉस की छवि स्थापित की है.
ये कदम ममता ने पश्चिम बंगाल में पुलिस के रहन सहन का पता लगाने के लिए उठाया है.
लेकिन कर्मचारियों के लिए उनका स्पष्ट संदेश भी है कि वे निष्पक्ष होकर काम करें.
यह वही पुलिस है जिसने ज्योति बसु के मुख्यमंत्री रहते हुए बनर्जी को राइटर्स बिल्डिंग से घसीटकर बाहर निकाल दिया था. पश्चिम बंगाल की मुख्य विपक्षी नेता के रूप में तीन दशक से भी अधिक समय तक कई अन्य मौकों पर भी पुलिस से उनकी झड़प हुई. लेकिन राज्य की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने के चार दिन के भीतर 25 मई को सब भुला दिया गया.
बनर्जी ने दक्षिण कोलकाता के अलीपोर बॉडीगार्ड लाइंस स्थित पुलिस बैरक का अचानक दौरा किया और पुलिस कर्मियों के रहन-सहन के बारे में जानकारी हासिल की. वह बैरक के अंदर गईं, उनके खाने तथा रहने के बारे में पूछा और उनकी शिकायतें सुनी.
वह सम्भवत: पहली मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने ऐसा किया. कुछ ही घंटों बाद उन्होंने शहर के शीर्ष पुलिस अधिकारियों को पुलिस कर्मियों के लिए आवासीय योजना बनाने के निर्देश दिए.
इसी तरह दो जून को उन्होंने भवानीपुर स्थित कोलकाता पुलिस अस्पताल का अचानक दौरा किया और डॉक्टरों तथा मरीजों के परिजनों से बातचीत की.
राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री ने सरकार की जनहितकारी छवि पेश करने के लिए शीर्ष प्रशासनिक बदलाव भी किए. गैर-कानूनी हथियार जमा करने के खिलाफ भी सख्त निर्देश दिए गए हैं.
तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ने पुलिस अधिकारियों को राजनीतिक हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करने के लिए भी कहा. वरिष्ठ अधिकारियों को अपने पहले संदेश में उन्होंने कहा, "यदि कोई राजनीतिक नेता हस्तक्षेप करता है, तो आप सीधे तौर पर मुझे बता सकते हैं."
ये कदम ममता ने पश्चिम बंगाल में पुलिस के रहन सहन का पता लगाने के लिए उठाया है.
लेकिन कर्मचारियों के लिए उनका स्पष्ट संदेश भी है कि वे निष्पक्ष होकर काम करें.
यह वही पुलिस है जिसने ज्योति बसु के मुख्यमंत्री रहते हुए बनर्जी को राइटर्स बिल्डिंग से घसीटकर बाहर निकाल दिया था. पश्चिम बंगाल की मुख्य विपक्षी नेता के रूप में तीन दशक से भी अधिक समय तक कई अन्य मौकों पर भी पुलिस से उनकी झड़प हुई. लेकिन राज्य की मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण करने के चार दिन के भीतर 25 मई को सब भुला दिया गया.
बनर्जी ने दक्षिण कोलकाता के अलीपोर बॉडीगार्ड लाइंस स्थित पुलिस बैरक का अचानक दौरा किया और पुलिस कर्मियों के रहन-सहन के बारे में जानकारी हासिल की. वह बैरक के अंदर गईं, उनके खाने तथा रहने के बारे में पूछा और उनकी शिकायतें सुनी.
वह सम्भवत: पहली मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने ऐसा किया. कुछ ही घंटों बाद उन्होंने शहर के शीर्ष पुलिस अधिकारियों को पुलिस कर्मियों के लिए आवासीय योजना बनाने के निर्देश दिए.
इसी तरह दो जून को उन्होंने भवानीपुर स्थित कोलकाता पुलिस अस्पताल का अचानक दौरा किया और डॉक्टरों तथा मरीजों के परिजनों से बातचीत की.
राज्य की पहली महिला मुख्यमंत्री ने सरकार की जनहितकारी छवि पेश करने के लिए शीर्ष प्रशासनिक बदलाव भी किए. गैर-कानूनी हथियार जमा करने के खिलाफ भी सख्त निर्देश दिए गए हैं.
तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष ने पुलिस अधिकारियों को राजनीतिक हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं करने के लिए भी कहा. वरिष्ठ अधिकारियों को अपने पहले संदेश में उन्होंने कहा, "यदि कोई राजनीतिक नेता हस्तक्षेप करता है, तो आप सीधे तौर पर मुझे बता सकते हैं."
CG Police : Raipur: PMT Paper leak case: पीएमटी पर्चा लीक में मुख्य आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर
रायपुर। छत्तीसगढ़ पीएमटी के पर्चे लीक करने के मुख्य आरोपी तक पुलिस नहीं पहुंच पाई है। वहीं, राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इस घटना के बाद व्यावसायिक परीक्षा मंडल के अध्यक्ष और परीक्षा नियंत्रक को हटा दिया है।
राज्य के बिलासपुर जिले के पुलिस अधीक्षक अजय यादव ने सोमवार को बताया कि पीएमटी पर्चा लीक करने के मुख्य आरोपी संतोष और ओम की तलाश में पुलिस लगातार छापे की कार्रवाई कर रही है, लेकिन उसके बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है।
यादव ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने बिलासपुर जिले में आठ तथा रायपुर जिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं, पुलिस ने जिले के तखतपुर कस्बे से पकड़े गए 78 छात्र-छात्राओं को प्रवेश परीक्षा अधिनियम के तहत आरोपी बनाया है। सभी छात्र छात्राओं को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने गिरफ्तार सभी आरोपी से पर्चा लीक होने के बारे में कड़ाई से पूछताछ की है, लेकिन किसी ने भी इस बात की जानकारी नहीं दी है कि पर्चा कहा से लीक हुआ है। इस मामले के मुख्य आरोपी संतोष और ओम की गिरफ्तारी के बाद ही इस बारे में जानकारी मिल सकेगी।
इधर, राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इस घटना के बाद नाराजगी जाहिर की है तथा पीएमटी के लिए जिम्मेदार व्यावसायिक परीक्षा मंडल के अध्यक्ष और परीक्षा नियंत्रक को हटा दिया है।
सिंह ने कहा है कि राज्य के हजारों बच्चों के भावी कैरियर से जुड़ी महत्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षाओं में किसी भी स्तर पर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पीएमटी पर्चा दोबारा लीक होने के मामले की पुलिस जाच भी शुरू हो गई है और इसमें दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा दोबारा आयोजित पीएमटी में प्रश्न पत्र लीक होने की घटना को गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस मामले में संबंधित अधिकारियों की लापरवाही पर नाराजगी जताई है।
अधिकारियों ने बताया कि सिंह ने इस घटना की जानकारी मिलते ही उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा मंत्री हेमचंद यादव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से संपूर्ण घटनाक्रम की जानकारी ली। इसके बाद तत्काल एक बड़ा प्रशासनिक निर्णय लेकर व्यापम अध्यक्ष तथा परीक्षा नियंत्रक को उनके पदों से हटा दिया है।
छत्तीसगढ़ के मेडिकल कालेजों में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा के पर्चे लीक होने की घटना के बाद रविवार को परीक्षा रद कर दी गई थी। इससे पहले शनिवार को पुलिस ने बिलासपुर और रायपुर में दबिश देकर लगभग दर्जन भर युवकों को गिरफ्तार कर लिया था, जो बिलासपुर जिले के तखतपुर कस्बे में 78 छात्रों से पैसे लेकर रविवार को होने वाली परीक्षा की तैयारी करा रहे थे।
राज्य में पीएमटी की परीक्षा एक महीने में दूसरी बार रद्द हुई है। इससे पहले यह परीक्षा इस वर्ष 11 मई को आयोजित की गई थी लेकिन दो दिनों बाद जब यह जानकारी मिली कि पेपर सेट करने वाली एजेंसी ने उत्तरप्रदेश पीएससी में पूछे गए प्रश्नों को छत्तीसगढ़ पीएमटी की परीक्षा में शामिल कर लिया है तब परीक्षा रद कर दी गई थी। इसके बाद 19 जून को परीक्षा आयोजित करने का फैसला किया गया था, जिसे पर्चा लीक होने के कारण रद कर दिया गया है।
राज्य के बिलासपुर जिले के पुलिस अधीक्षक अजय यादव ने सोमवार को बताया कि पीएमटी पर्चा लीक करने के मुख्य आरोपी संतोष और ओम की तलाश में पुलिस लगातार छापे की कार्रवाई कर रही है, लेकिन उसके बारे में अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है।
यादव ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने बिलासपुर जिले में आठ तथा रायपुर जिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। वहीं, पुलिस ने जिले के तखतपुर कस्बे से पकड़े गए 78 छात्र-छात्राओं को प्रवेश परीक्षा अधिनियम के तहत आरोपी बनाया है। सभी छात्र छात्राओं को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने गिरफ्तार सभी आरोपी से पर्चा लीक होने के बारे में कड़ाई से पूछताछ की है, लेकिन किसी ने भी इस बात की जानकारी नहीं दी है कि पर्चा कहा से लीक हुआ है। इस मामले के मुख्य आरोपी संतोष और ओम की गिरफ्तारी के बाद ही इस बारे में जानकारी मिल सकेगी।
इधर, राज्य के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इस घटना के बाद नाराजगी जाहिर की है तथा पीएमटी के लिए जिम्मेदार व्यावसायिक परीक्षा मंडल के अध्यक्ष और परीक्षा नियंत्रक को हटा दिया है।
सिंह ने कहा है कि राज्य के हजारों बच्चों के भावी कैरियर से जुड़ी महत्वपूर्ण प्रतियोगी परीक्षाओं में किसी भी स्तर पर किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। पीएमटी पर्चा दोबारा लीक होने के मामले की पुलिस जाच भी शुरू हो गई है और इसमें दोषी पाए जाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा दोबारा आयोजित पीएमटी में प्रश्न पत्र लीक होने की घटना को गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस मामले में संबंधित अधिकारियों की लापरवाही पर नाराजगी जताई है।
अधिकारियों ने बताया कि सिंह ने इस घटना की जानकारी मिलते ही उच्च शिक्षा और तकनीकी शिक्षा मंत्री हेमचंद यादव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से संपूर्ण घटनाक्रम की जानकारी ली। इसके बाद तत्काल एक बड़ा प्रशासनिक निर्णय लेकर व्यापम अध्यक्ष तथा परीक्षा नियंत्रक को उनके पदों से हटा दिया है।
छत्तीसगढ़ के मेडिकल कालेजों में प्रवेश के लिए आयोजित होने वाली परीक्षा के पर्चे लीक होने की घटना के बाद रविवार को परीक्षा रद कर दी गई थी। इससे पहले शनिवार को पुलिस ने बिलासपुर और रायपुर में दबिश देकर लगभग दर्जन भर युवकों को गिरफ्तार कर लिया था, जो बिलासपुर जिले के तखतपुर कस्बे में 78 छात्रों से पैसे लेकर रविवार को होने वाली परीक्षा की तैयारी करा रहे थे।
राज्य में पीएमटी की परीक्षा एक महीने में दूसरी बार रद्द हुई है। इससे पहले यह परीक्षा इस वर्ष 11 मई को आयोजित की गई थी लेकिन दो दिनों बाद जब यह जानकारी मिली कि पेपर सेट करने वाली एजेंसी ने उत्तरप्रदेश पीएससी में पूछे गए प्रश्नों को छत्तीसगढ़ पीएमटी की परीक्षा में शामिल कर लिया है तब परीक्षा रद कर दी गई थी। इसके बाद 19 जून को परीक्षा आयोजित करने का फैसला किया गया था, जिसे पर्चा लीक होने के कारण रद कर दिया गया है।
KN Police : Banglore : गूगल के 'स्ट्रीट व्यू' पर बेंगलूरु पुलिस ने लगाए ब्रेक
बेंगलूरु। गूगल अर्थ की कामयाबी के बाद गूगल ने गलियों में भी घुसने का फैसला किया था। इसके लिए पूरी तैयारी हो चुकी थी। इसके लिए खास तरह का सॉफ्टवेयर 'स्ट्रीट व्यू' भी तैयार किया जा चुका है। इसकी शुरुआत देश की हाईटेक सिटी बेंगलूरु से होनी थी। बेंगलूरु पुलिस ने गूगल की इस तैयारी पर पावर ब्रेक लगाते हुए नोटिस जारी कर दिया है। नोटिस में गूगल से स्ट्रीट व्यू पर रोक लगाने के लिए कहा गया है।
स्ट्रीट व्यू की मदद से दुनिया में कहीं भी बैठा व्यक्ति 3डी चित्रों की मदद से शहर की गलियों तक की सैर कर सकता है। पुलिस ने नोटिस में कहा है कि इससे देश की बहुत सी संवेदनशील जानकारियां, चित्र व आंकड़े जुटाए जा सकते हैं। गूगल ने पुलिस व प्रशासन से इस सॉफ्टवेयर को शुरू करने की इजाजत भी नहीं ली थी।
गूगल ने 26 मई को स्ट्रीट व्यू की शुरूआत बेंगलूरु से शुरू करने की घोषणा की थी। गूगल के अधिकारियों का कहना है कि इसके लिए बेंगलूरु के यातायात पुलिस से अनुमति ले ली गई है। उन्होंने कहा कि अब अनुमति के लिए दोबारा से आवेदन किया जाएगा। जिसे पुलिस केंद्र के पास भेजेगी। केंद्र से मंजूरी के बाद ही इसे स्ट्रीट व्यू को शुरू किया जा सकेगा।
स्ट्रीट व्यू की मदद से दुनिया में कहीं भी बैठा व्यक्ति 3डी चित्रों की मदद से शहर की गलियों तक की सैर कर सकता है। पुलिस ने नोटिस में कहा है कि इससे देश की बहुत सी संवेदनशील जानकारियां, चित्र व आंकड़े जुटाए जा सकते हैं। गूगल ने पुलिस व प्रशासन से इस सॉफ्टवेयर को शुरू करने की इजाजत भी नहीं ली थी।
गूगल ने 26 मई को स्ट्रीट व्यू की शुरूआत बेंगलूरु से शुरू करने की घोषणा की थी। गूगल के अधिकारियों का कहना है कि इसके लिए बेंगलूरु के यातायात पुलिस से अनुमति ले ली गई है। उन्होंने कहा कि अब अनुमति के लिए दोबारा से आवेदन किया जाएगा। जिसे पुलिस केंद्र के पास भेजेगी। केंद्र से मंजूरी के बाद ही इसे स्ट्रीट व्यू को शुरू किया जा सकेगा।
Mumbai Police : Man kills wife, surrenders before police
Mumbai, Jun 19 (PTI) A 46-year-old man, who claimed to be an assistant director for a few small budget films, today allegedly killed his wife in suburban Charkop area, suspecting her of having an extra-marital affair, police said. Sangamitra Suryavanshi slit the throat of his wife Preeti (39), who worked as a manager in a private firm, at their rented residence in Jeevanjyot Society at Charkop sector 5, police said, adding that multiple injuries were also found the victim's body.
"Suryavanshi, who claimed to have worked as an assistant director for some small budget movies, surrendered before the police after murdering his wife," said Uttam Sawant, Inspector at Charkop Police Station. According to police, at around 1 am, the couple had a heated argument and Suryavanshi suspected that his wife was having an extra marital affair. Following the argument, Preeti approached the Charkop police station, complaining that her husband was harrassing her. A Non Cognisable offence was lodged against Suryavanshi, after which, he was detained till 6.30 am in the police station, Inspector Sawant said. "Later, he was allowed to go, as he said he had some work. However, the furious man stabbed his wife with a knife after reaching home," Sawant added. Their two sons -- one aged 14 and the other 12-- had left home at 5.30 am, to attend a Navy programme and were not at home at the time of the incident. "After the crime, the accused later came to the police station and surrendered before them," Sawant said. The body was sent to a civic-run hospital for post mortem, he said adding that a further probe was on.
"Suryavanshi, who claimed to have worked as an assistant director for some small budget movies, surrendered before the police after murdering his wife," said Uttam Sawant, Inspector at Charkop Police Station. According to police, at around 1 am, the couple had a heated argument and Suryavanshi suspected that his wife was having an extra marital affair. Following the argument, Preeti approached the Charkop police station, complaining that her husband was harrassing her. A Non Cognisable offence was lodged against Suryavanshi, after which, he was detained till 6.30 am in the police station, Inspector Sawant said. "Later, he was allowed to go, as he said he had some work. However, the furious man stabbed his wife with a knife after reaching home," Sawant added. Their two sons -- one aged 14 and the other 12-- had left home at 5.30 am, to attend a Navy programme and were not at home at the time of the incident. "After the crime, the accused later came to the police station and surrendered before them," Sawant said. The body was sent to a civic-run hospital for post mortem, he said adding that a further probe was on.
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