दो डिप्टी एसपी के खिलाफ कार्रवाई के लिए गृह विभाग से मांगी अनुमति..
महानगर संवाददाता…जयपुर, 21 जून। सवाईमाधोपुर जिले के सूरवाल कांड में जिंदा जलाए गए थानाधिकारी फूल मोहम्मद के मामले में विशेष जांच टीम कल सवाईमाधोपुर सीजीएम अदालत में अब तक गिरफ्तार 19 आरोपियों के खिलाफ चालान पेश करेगी। फरार चल रहे 28 आरोपियों के खिलाफ जांच लंबित रखी गई है। जांच में कुल 47 लोगों को नामजद किया गया है। घटना के समय मौके पर मौजूद दो पुलिस अधिकारियों की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए जांच टीम ने इनके खिलाफ कार्रवाई के लिए गृह विभाग से स्वीकृति मांगी है।
सूरवाल में 17 मार्च 11 को दाखा देवी हत्याकांड के मुल्जिमों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पानी की टंकी से आग लगाकर कूदे राजेश मीणा की मौत के बाद मौके पर तैनात मानटाउन थानाधिकारी फूल मोहम्मद को आक्रोशित भीड़ ने पत्थर मारकर घायल करने के बाद ज्वलनशील पदार्थ डालकर जिंदा जला दिया था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निर्देश पर मामले की जांच आईजी भूपेंद्र कुमार यादव के नेतृत्व में स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम गठित की गई। इस टीम को दाखा देवी प्रकरण, फूल मोहम्मद प्रकरण और पुलिस द्वारा शव लाते समय फायरिंग करने के तीनों मामलों की जांच सौंपी गई थी। फूल मोहम्मद प्रकरण की जांच में विशेष जांच दल के सामने आया कि थानाधिकारी के साथ इतना जाब्ता और आंसू गैस के गोले थे कि यदि वहां पर स्थिति संभाल रहे उच्चाधिकारी मौके से नहीं भागते तो फूल मोहम्मद की जान बचाई जा सकती थी। अधिकारियों की लापवाही की वजह से ग्रामीण आक्रोशित हुए और भीड़ ने पहले थानाधिकारी को घेरकर घायल किया बाद में ज्वलनशील छिड़क कर आग लगा दी।
बुजुर्गों को भगाया।
मौके पर एसआईटी की जांच में सामने आया कि जब फूल मोहम्मद को ग्रामीण पत्थरों से मार रहे थे। उस दौरान वहां मौजूद बुजुर्गों ने आक्रोशित भीड़ को समझाने का प्रयास किया लेकिन भीड़ में शामिल समाजकंटकों ने इन बुजुर्गों को धमकाकर भगा दिया। जब तक सीआई पुलिस जीप में बेहोश नहीं हो गया तब तक उसे पत्थरों से मारते गए।
जीप में मिले 2 हजार पत्थर सहित अन्य सामान
जब एसआईटी ने जीप की तलाशी ली तो उसमें छोटे-बड़े करीब दो हजार पत्थर मिले। जिनमें से कई पत्थर तो इतने बढ़े थे कि उन्हें ज्यादा दूरी से नहीं फेंका जा सकता। एसआईटी का मानना है कि पास में जाकर भीड़ ने दोनों हाथों से सिर पर पत्थर मारकर फूल मोहम्मद को पहले गंभीर घायल किया। वह जीप में पुलिस बेल्ट, बेंज, रिवाल्वर, जली हुई अगुलियां, मोबाइल व पेन पड़ा मिला था। जिसे जब्त कर लिया गया है।
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Tuesday, June 21, 2011
UP Police: Police Facebook: जौनपुर पुलिस ने खोला फेसबुक अकाउंट
हाईटेक के दौर में अब जौनपुर पुलिस भी पीछे नही हैं। शहर कोतवाली पुलिस ने आपराधियों पर लगाम लगाने के लिए और जनता से सीधे संवाद के लिए फेस बुक और आर्कुट सोशल नेटवर्किग साइट पर एकाउंट खोल दिया हैं।
कोतवाली सदर के नाम से खुले इस एकाउंट पर सीधे शहर कोतवाल अनिरूध सिंह 24 घंटे जनता से सीधे संवाद करेगे। इसी के साथ ही कोतवाली जौनपुर ऐट द रेट जीमेल आईडी भी खोला गया हैं। पिछले दिनो कोतवाल अनिरूध सिंह के फेस बुक पर रेलवे टिकटों की ब्लैक मार्केटिगं की सूचना मिली थी इसी सूचना पर चार दलाल भारी मात्रा में टिकटों के साथ गिरफ्तार हुए थे।
कोतवाली सदर के नाम से खुले इस एकाउंट पर सीधे शहर कोतवाल अनिरूध सिंह 24 घंटे जनता से सीधे संवाद करेगे। इसी के साथ ही कोतवाली जौनपुर ऐट द रेट जीमेल आईडी भी खोला गया हैं। पिछले दिनो कोतवाल अनिरूध सिंह के फेस बुक पर रेलवे टिकटों की ब्लैक मार्केटिगं की सूचना मिली थी इसी सूचना पर चार दलाल भारी मात्रा में टिकटों के साथ गिरफ्तार हुए थे।
Police Yoga : पाँच लाख पुलिस जनों को योग प्रशिक्षित करेंगे -डॉ० प्रणव पण्ड्या
हरिद्वार, 03 अप्रैल । प्राचीन भारतीय विद्या ‘योग’ भाषा-प्रान्त, जाति-धर्म, देश-प्रदेश, अमीर-गरीब की ऊॅँच नीच की दीवारें लांघकर अब विश्वव्यापी बनता जा रहा है । देवभूमि उत्तराखण्ड तो योग का गढ़ बन गया है । देव संस्कृति विश्वविद्यालय का इसमें बड़ा महत्वपूर्ण योगदान है । विश्वविद्यालय ने इस दिशा में विभिन्न सफल प्रयास किए हैं । विवि ने जहाँ समाज के विविध वर्गों को योग के वैज्ञानिक एवं स्वास्थ्य सम्बन्धी पहलुओं से जोड़ा है वहीं सरकारी महकमों में काम कर रहे अधिकारियों व कर्मचारियों को भी इसकी जद में लिया है । पुलिस विभाग भी इससे अछूता नहीं है ।
देसंविवि ने उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखण्ड, पंजाब, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, राजस्थान सहित देश के 16 से अधिक प्रान्तों के राज्य पुलिस बलों और केन्द्रीय अर्द्ध सैनिक बलों को योग के माध्यम से स्वस्थ शरीर व शुद्ध व शान्त मन के निर्माण के नुस्खे सिखाए हैं । देसंविवि की हाल की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक है- जम्मू एवं कश्मीर पुलिस के 1,200 से अधिक जवानों एवं अधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण । कठुआ स्थित एस.पी.एस. पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं प्रिंसिपल अशोक कुमार शर्मा के निर्देशन में जम्मू-कश्मीर के सभी 23 जिलों से आए बारह सौ से ज्यादा जवानों ने देसंविवि के योगाचार्यों गुलाम असकरी जैदी एवं राकेश वर्मा से पाँच दिनों तक योग सीखा और सुखी जीवन जीने के ढेर सारे गुर प्राप्त किए ।
कठुआ से हरिद्वार वापस आए श्री जैदी ने बताया कि जे.के. पुलिस में योग के बारे में जानने व सीखने की बड़ी जिज्ञासा देखने को मिली । योग से मिलने वाले शारीरिक एवं मानसिक लाभों को जानकर इस प्राचीन भारतीय विद्या को सीखने की ललक देखने लायक थी । जवानों ने गायत्री परिवार के संस्थापक आचार्य श्रीराम शर्मा द्वारा प्रणीत ‘प्रज्ञायोग’ को खासा पसन्द किया । पीटीएस कठुआ ने अब प्रज्ञायोग को अपने रूटीन प्रशिक्षण का अनिवार्य हिस्सा बना लिया है । योग प्रवक्ता राकेश वर्मा ने बताया कि योग कैम्प में जीवन प्रबन्धन, तनाव प्रबन्धन, व्यक्तित्व परिष्कार, समय प्रबन्धन, योग चिकित्सा, आहार चिकित्सा, प्राण चिकित्सा, एक्यूप्रेशर आदि के बारे में जवानों को ट्रेनिंग दी गई । अपनी अभिरुचि व जरूरत के अनुसार जवानों ने दैनिक जीवन में इनकी हिदायतों को व्यवहार में उतारने के संकल्प लिए ।
श्री जैदी कहते हैं कि 90 प्रतिशत से ज्यादा मुस्लिम वर्ग के जे.के.पुलिस के जवानों के बीच की यह पुलिस ट्रेनिंग अपने आपमें अनूठी थी और देसंविवि के लिए यह एक खास तरह का अनुभव था । पुलिस कर्मियों की व्यक्तिगत, पारिवारिक एवं सामाजिक परिस्थितियों के बीच मानसिक सुख-शान्ति के लिए योग उन्हें संजीवनी जैसा लगा । देसंविवि की मातृसंस्था शान्तिकुञ्ज की सामाजिक कार्यों के लिए जीवनदान व समयदान की परिपाटी और दक्षिणा के रूप में व्यसनों व नकारात्मक विचारों को मांगने की परम्परा को भी जे०के० पुलिस ने बहुत सराहा । कई जवानों ने धूम्रपान व कोल्ड-ड्रिंक आदि छोड़ने के संकल्प भी लिए । सभी जवानों को विवि ने योग प्रशिक्षण का प्रमाण-पत्र दिया । समापन-सत्र में प्रिंसिपल अशोक शर्मा ने जम्मू-कश्मीर की सेवा के लिए देवभूमि उत्तराखण्ड एवं देसंविवि के प्रति आभार व्यक्त किया । उन्होंने जे०के० पुलिस के लिए नियमित रूप से ऐसे कार्यक्रम चलाने की माँग की ।
देसंविवि के कुलाधिपति डॉ० प्रणव पण्ड्या ने कश्मीर से लौटे योगाचार्यों की सराहना करते हुए देश के पाँच लाख पुलिस कार्मिकों को योग विज्ञान एवं व्यक्तित्व परिष्कार प्रशिक्षण देने का विवि का संकल्प व्यक्त किया । अब तक पुलिस व सेना के 25,000 से ज्यादा जवानों को यह प्रषिक्षण दिया जा चुका है । उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस बलों, अर्द्ध सैनिक बलों तथा भारतीय सेना के तीनों अंगों सहित राज्य सचिवालयों, निदेशालयों आदि में जिस प्रकार योग विज्ञान के प्रति रुचि दिखी है, उसे देखते हुए देसंविवि द्वारा इस तरह के कई कार्यक्रम शासकीय सेवकों के लिए चलाए जायेंगे । उन्होंने बताया कि विवि के जनसम्पर्क, प्रसार एवं सेवायोजन विभाग तथा स्कूल ऑफ योग एण्ड हेल्थ को इस कार्य की सम्मिलित जिम्मेदारी सौंपी गई है ।
देसंविवि ने उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखण्ड, पंजाब, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, राजस्थान सहित देश के 16 से अधिक प्रान्तों के राज्य पुलिस बलों और केन्द्रीय अर्द्ध सैनिक बलों को योग के माध्यम से स्वस्थ शरीर व शुद्ध व शान्त मन के निर्माण के नुस्खे सिखाए हैं । देसंविवि की हाल की सबसे बड़ी सफलताओं में से एक है- जम्मू एवं कश्मीर पुलिस के 1,200 से अधिक जवानों एवं अधिकारियों को दिया गया प्रशिक्षण । कठुआ स्थित एस.पी.एस. पुलिस ट्रेनिंग स्कूल में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं प्रिंसिपल अशोक कुमार शर्मा के निर्देशन में जम्मू-कश्मीर के सभी 23 जिलों से आए बारह सौ से ज्यादा जवानों ने देसंविवि के योगाचार्यों गुलाम असकरी जैदी एवं राकेश वर्मा से पाँच दिनों तक योग सीखा और सुखी जीवन जीने के ढेर सारे गुर प्राप्त किए ।
कठुआ से हरिद्वार वापस आए श्री जैदी ने बताया कि जे.के. पुलिस में योग के बारे में जानने व सीखने की बड़ी जिज्ञासा देखने को मिली । योग से मिलने वाले शारीरिक एवं मानसिक लाभों को जानकर इस प्राचीन भारतीय विद्या को सीखने की ललक देखने लायक थी । जवानों ने गायत्री परिवार के संस्थापक आचार्य श्रीराम शर्मा द्वारा प्रणीत ‘प्रज्ञायोग’ को खासा पसन्द किया । पीटीएस कठुआ ने अब प्रज्ञायोग को अपने रूटीन प्रशिक्षण का अनिवार्य हिस्सा बना लिया है । योग प्रवक्ता राकेश वर्मा ने बताया कि योग कैम्प में जीवन प्रबन्धन, तनाव प्रबन्धन, व्यक्तित्व परिष्कार, समय प्रबन्धन, योग चिकित्सा, आहार चिकित्सा, प्राण चिकित्सा, एक्यूप्रेशर आदि के बारे में जवानों को ट्रेनिंग दी गई । अपनी अभिरुचि व जरूरत के अनुसार जवानों ने दैनिक जीवन में इनकी हिदायतों को व्यवहार में उतारने के संकल्प लिए ।
श्री जैदी कहते हैं कि 90 प्रतिशत से ज्यादा मुस्लिम वर्ग के जे.के.पुलिस के जवानों के बीच की यह पुलिस ट्रेनिंग अपने आपमें अनूठी थी और देसंविवि के लिए यह एक खास तरह का अनुभव था । पुलिस कर्मियों की व्यक्तिगत, पारिवारिक एवं सामाजिक परिस्थितियों के बीच मानसिक सुख-शान्ति के लिए योग उन्हें संजीवनी जैसा लगा । देसंविवि की मातृसंस्था शान्तिकुञ्ज की सामाजिक कार्यों के लिए जीवनदान व समयदान की परिपाटी और दक्षिणा के रूप में व्यसनों व नकारात्मक विचारों को मांगने की परम्परा को भी जे०के० पुलिस ने बहुत सराहा । कई जवानों ने धूम्रपान व कोल्ड-ड्रिंक आदि छोड़ने के संकल्प भी लिए । सभी जवानों को विवि ने योग प्रशिक्षण का प्रमाण-पत्र दिया । समापन-सत्र में प्रिंसिपल अशोक शर्मा ने जम्मू-कश्मीर की सेवा के लिए देवभूमि उत्तराखण्ड एवं देसंविवि के प्रति आभार व्यक्त किया । उन्होंने जे०के० पुलिस के लिए नियमित रूप से ऐसे कार्यक्रम चलाने की माँग की ।
देसंविवि के कुलाधिपति डॉ० प्रणव पण्ड्या ने कश्मीर से लौटे योगाचार्यों की सराहना करते हुए देश के पाँच लाख पुलिस कार्मिकों को योग विज्ञान एवं व्यक्तित्व परिष्कार प्रशिक्षण देने का विवि का संकल्प व्यक्त किया । अब तक पुलिस व सेना के 25,000 से ज्यादा जवानों को यह प्रषिक्षण दिया जा चुका है । उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस बलों, अर्द्ध सैनिक बलों तथा भारतीय सेना के तीनों अंगों सहित राज्य सचिवालयों, निदेशालयों आदि में जिस प्रकार योग विज्ञान के प्रति रुचि दिखी है, उसे देखते हुए देसंविवि द्वारा इस तरह के कई कार्यक्रम शासकीय सेवकों के लिए चलाए जायेंगे । उन्होंने बताया कि विवि के जनसम्पर्क, प्रसार एवं सेवायोजन विभाग तथा स्कूल ऑफ योग एण्ड हेल्थ को इस कार्य की सम्मिलित जिम्मेदारी सौंपी गई है ।
HP Police: पुलिस वूमन सैल खत्म
धर्मशाला — जिला कांगड़ा में महिला अत्याचार के मामलों की सुनवाई को गठित पुलिस वूमन सैल समाप्त कर दिया है। प्रदेश में गठित नए एंटी ह्यूमन ट्रैफकिंग यूनिट में वूमन सैल का विलय कर दिया जाएगा। इस नए यूनिट का शुभारंभ एसपी कांगड़ा सोमवार को करेंगे। बहरहाल अब महिलाओं के मामलों की सुनवाई एंटी ह्यूमन ट्रैफकिं ग यूनिट करेगा। हालांकि इस यूनिट में अकेली महिला कर्मचारी ही नहीं होंगी। एडिशनल एसपी उमापति जम्वाल ने खबर की पुष्टि करते हुए कहा कि प्रदेश के दो जिलों शिमला तथा कांगड़ा में इस यूनिट का गठन किया गया है। उनका कहना है कि सोमवार को शुरू किए जा रहे एंटी ह्यूमन ट्रैफकिंग यूनिट का प्रभारी इंस्पेक्टर रमेश राणा को लगाया गया है। इस यूनिट में दो सब-इंस्पेक्टर, दो हैड कांस्टेबल और कांस्टेबल शामिल किए जाएंगे। उमापति जम्वाल ने माना कि पुलिस वूमन सैल का उक्त यूनिट में विलय कर दिया है।
हालांकि इस यूनिट में महिला सब-इंस्पेक्टर व हैड कांस्टेबल और कांस्टेबल शामिल की हैं। सोमवार को इस यूनिट का शुभारंभ करने के लिए पुलिस विभाग ने एक समारोह करने की योजना बनाई है। प्रदेश के मात्र दो जिलों में गठित एंटी ह्यूमन ट्रैफकिंग यूनिट का प्रमुख दायित्व गुमशुदा बच्चों व महिलाओं की तलाश करना होगा। इसके अलावा उक्त यूनिट बच्चों व महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के मामलों का फील्ड में जाकर पता लगाएगा। इस आधार पर यूनिट को सख्त कार्रवाई का भी अधिकार दिया गया है। जिला कांगड़ा में इस यूनिट की स्थापना से जिला में लापता सैकड़ों बच्चों व महिलाओं की तलाश की आश जाग उठी है। इसके अलावा इस विशेष दस्ते के गठन से महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचारों पर भी रोक लगने की संभावना है। हालांकि पुलिस महिला सैल को समाप्त कर देने से जिला को हल्का सा झटका जरूर लगेगा। इस सैल में केवल महिला पुलिस कर्मियों को रखा गया था और इस विंग का प्रभार महिला सब-इंस्पेक्टर के कंधों पर रहा है। महिला पुलिस विंग के खत्म कर दिए जाने से जिला की महिलाओं को अपनी समस्याएं बताने में दिक्कतें आएंगी। हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि एंटी ह्यूमन ट्रैफकिंग यूनिट में महिला पुलिस कर्मियों को भी शामिल किया है।
हालांकि इस यूनिट में महिला सब-इंस्पेक्टर व हैड कांस्टेबल और कांस्टेबल शामिल की हैं। सोमवार को इस यूनिट का शुभारंभ करने के लिए पुलिस विभाग ने एक समारोह करने की योजना बनाई है। प्रदेश के मात्र दो जिलों में गठित एंटी ह्यूमन ट्रैफकिंग यूनिट का प्रमुख दायित्व गुमशुदा बच्चों व महिलाओं की तलाश करना होगा। इसके अलावा उक्त यूनिट बच्चों व महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के मामलों का फील्ड में जाकर पता लगाएगा। इस आधार पर यूनिट को सख्त कार्रवाई का भी अधिकार दिया गया है। जिला कांगड़ा में इस यूनिट की स्थापना से जिला में लापता सैकड़ों बच्चों व महिलाओं की तलाश की आश जाग उठी है। इसके अलावा इस विशेष दस्ते के गठन से महिलाओं पर बढ़ रहे अत्याचारों पर भी रोक लगने की संभावना है। हालांकि पुलिस महिला सैल को समाप्त कर देने से जिला को हल्का सा झटका जरूर लगेगा। इस सैल में केवल महिला पुलिस कर्मियों को रखा गया था और इस विंग का प्रभार महिला सब-इंस्पेक्टर के कंधों पर रहा है। महिला पुलिस विंग के खत्म कर दिए जाने से जिला की महिलाओं को अपनी समस्याएं बताने में दिक्कतें आएंगी। हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि एंटी ह्यूमन ट्रैफकिंग यूनिट में महिला पुलिस कर्मियों को भी शामिल किया है।
CG Police: Police Transfer: पुलिस अधिकारियों की नई पदस्थापना
रायपुर, राज्य शासन द्वारा भारतीय पुलिस सेवा और राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों की नयी पदस्थापना की गई है। गृह विभाग द्वारा आज यहां मंत्रालय से जारी आदेश के अनुसार गिरधारी नायक अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एसआईबी, प्रशिक्षण पुलिस मुख्यालय रायपुर को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशासन, योजना प्रबंध पुलिस मुख्यालय रायपुर, राजीव वास्तव पुलिस महानिरीक्षक नक्सल ऑपरेशन पुलिस मुख्यालय रायपुर को पुलिस महानिरीक्षक एसआईबी, छसबल, नक्सल ऑपरेशन पुलिस मुख्यालय रायपुर, आनंद तिवारी पुलिस महानिरीक्षक प्रशिक्षण, पुलिस मुख्यालय रायपुर को पुलिस महानिरीक्षक प्रशिक्षण एवं निदेशक राज्य पुलिस अकादमी, रायपुर, राजेश मिश्रा पुलिस महानिरीक्षक एसआईबी, यातायात रेल पुलिस मुख्यालय रायपुर को पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज, अम्बिकापुर और पी.एन.तिवारी पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज अम्बिकापुर को पुलिस महानिरीक्षक अअवि पुलिस मुख्यालय रायपुर पदस्थ किया गया है।
इसी तरह आर.के. देवांगन पुलिस महानिरीक्षक अअवि पुलिस मुख्यालय रायपुर को पुलिस महानिरीक्षक दूरसंचार, यातायात रेल पुलिस मुख्यालय रायपुर, हिमांशु गुप्ता पुलिस उप महानिरीक्षक छसबल पुलिस मुख्यालय रायपुर को पुलिस उप महानिरीक्षक नक्सल ऑपरेशन मुख्यालय धमतरी (जिला धमतरी, गरियाबंद, महासमुंद के लिए), बी.पी. पौषार्य सहायक महानिरीक्षक लेखा, पुलिस मुख्यालय रायपुर को पुलिस अधीक्षक सूरजपुर, रतनलाल डांगी पुलिस अधीक्षक कोरबा को पुलिस अधीक्षक जगदलपुर जिला बस्तर, सुंदरराज पी. पुलिस अधीक्षक जगदलपुर, बस्तर को पुलिस अधीक्षक कोरबा, मिनथुंगो तुंगोए सेनानी 5 वीं वाहिनी छसबल जगदलपुर को सहायक पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस मुख्यालय रायपुर, जितेंद्र सिंह मीणा को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बिलासपुर को पुलिस अधीक्षक बलरामपुर, रामगोपाल गर्ग एसडीओपी बीजापुर को पुलिस अधीक्षक गरियाबंद, अभिषेक शांडिल्य एसडीओपी गरियाबंद को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रायगढ़, दीपक कुमार झा एसडीओपी खैरागढ़ को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसटीएफ बघेरा दुर्ग पदस्थ किया गया है।
राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों में टी.आर. पैंकरा, पुलिस अधीक्षक सूरजपुर को सेनानी 7 वीं वाहिनी छसबल भिलाई, नरेन्द्र खरे, पुलिस अधीक्षक बलरामपुर को सेनानी 5 वीं वाहिनी छसबल जगदलपुर, संजीव शुक्ला सेनानी 7 वीं वाहिनी, छसबल भिलाई को पुलिस अधीक्षक जशपुर, के.सी. अग्रवाल पुलिस अधीक्षक जशपुर को सहायक पुलिस महानिरीक्षक पुलिस मुख्यालय रायपुर और कमलोचन कश्यप पुलिस अधीक्षक गरियाबंद को सहायक पुलिस महानिरीक्षक पुलिस मुख्यालय रायपुर पदस्थ किया गया है।
इसी तरह आर.के. देवांगन पुलिस महानिरीक्षक अअवि पुलिस मुख्यालय रायपुर को पुलिस महानिरीक्षक दूरसंचार, यातायात रेल पुलिस मुख्यालय रायपुर, हिमांशु गुप्ता पुलिस उप महानिरीक्षक छसबल पुलिस मुख्यालय रायपुर को पुलिस उप महानिरीक्षक नक्सल ऑपरेशन मुख्यालय धमतरी (जिला धमतरी, गरियाबंद, महासमुंद के लिए), बी.पी. पौषार्य सहायक महानिरीक्षक लेखा, पुलिस मुख्यालय रायपुर को पुलिस अधीक्षक सूरजपुर, रतनलाल डांगी पुलिस अधीक्षक कोरबा को पुलिस अधीक्षक जगदलपुर जिला बस्तर, सुंदरराज पी. पुलिस अधीक्षक जगदलपुर, बस्तर को पुलिस अधीक्षक कोरबा, मिनथुंगो तुंगोए सेनानी 5 वीं वाहिनी छसबल जगदलपुर को सहायक पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस मुख्यालय रायपुर, जितेंद्र सिंह मीणा को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बिलासपुर को पुलिस अधीक्षक बलरामपुर, रामगोपाल गर्ग एसडीओपी बीजापुर को पुलिस अधीक्षक गरियाबंद, अभिषेक शांडिल्य एसडीओपी गरियाबंद को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रायगढ़, दीपक कुमार झा एसडीओपी खैरागढ़ को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसटीएफ बघेरा दुर्ग पदस्थ किया गया है।
राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों में टी.आर. पैंकरा, पुलिस अधीक्षक सूरजपुर को सेनानी 7 वीं वाहिनी छसबल भिलाई, नरेन्द्र खरे, पुलिस अधीक्षक बलरामपुर को सेनानी 5 वीं वाहिनी छसबल जगदलपुर, संजीव शुक्ला सेनानी 7 वीं वाहिनी, छसबल भिलाई को पुलिस अधीक्षक जशपुर, के.सी. अग्रवाल पुलिस अधीक्षक जशपुर को सहायक पुलिस महानिरीक्षक पुलिस मुख्यालय रायपुर और कमलोचन कश्यप पुलिस अधीक्षक गरियाबंद को सहायक पुलिस महानिरीक्षक पुलिस मुख्यालय रायपुर पदस्थ किया गया है।
UP Police: Police Pension: यूपी में पुलिस परिजनों को असाधारण पेंशन
लखनऊ। मुख्यमंत्री मायावती ने पुलिस लाइन में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस पर कर्तव्यपालन के दौरान शहीद हुए पुलिस कर्मियों को भावभीनी श्रद्धांजलि दी और घोषणा की कि 1 अप्रैल, 2005 से अंशदायी पेंशन योजना लागू होने के बाद नियुक्त पुलिस कर्मचारी की कर्तव्यपालन में मृत्यु होने पर उसके परिवार को असाधारण पेंशन का लाभ दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने ड्यूटी के दौरान दिवंगत हुए पुलिस कर्मियों के आश्रितों को 305 उपनिरीक्षक के पद पर, 516 आरक्षी के पद पर और 267 चतुर्थ श्रेणी के पद पर नियुक्तियां प्रदान कीं। शहीद हुए 14 पुलिस कर्मियों के आश्रितों को 43 लाख रूपये की अनुग्रह धनराशि भी प्रदान की गई है। पेंशन के 7124 मामलों को भी प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित कराया गया है। पुलिस विभाग में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को राजकीय अवकाश उपभोग न कर पाने के एवज में प्रत्येक वित्तीय वर्ष में एक माह के वेतन के बराबर अतिरिक्त वेतन दिये जाने की स्वीकृति भी प्रदान की गयी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पुलिस बल के सदस्यों के लिए बनायी गयी 'कल्याण निधि' के अन्तर्गत 1.50 करोड़ रूपये से अधिक धनराशि का अनुदान उपलब्ध कराया है। चिकित्सा प्रतिपूर्ति के मद में प्रदेश के 825 पुलिस कर्मियों को 6.84 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि दी गयी है। इसके अलावा पुलिस कर्मियों को आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने हेतु सुख-सुविधा निधि के अन्तर्गत जनपदों एवं इकाइयों को 2 करोड़ से अधिक का अनुदान आवंटित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को अन्यायमुक्त, अपराधमुक्त, भयमुक्त, भ्रष्टाचारमुक्त और विकासयुक्त वातावरण देने का संकल्प लिया है। कानून का राज स्थापित करने की उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता है। वर्ष 2007-08 में पुलिस के लिए उपलब्ध बजट 3525 करोड़ रुपये में दो गुना से भी ज्यादा वृद्धि करते हुए वर्तमान वित्तीय वर्ष 2010-11 में 7444 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस बल ने गत वर्ष 57 कुख्यात अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराया, जिसमें 1 लाख रुपये के पुरस्कार घोषित 3 अपराधी और 10 हजार या उससे अधिक धनराशि के पुरस्कार घोषित 54 अपराधी थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश पुलिस ने कुख्यात माफियाओं के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करते हुए उनकी 195 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध सम्पत्ति कुर्क की है। इस वर्ष अनुसूचित जाति/जनजाति के विरूद्ध हुए अपराधों में 25 प्रतिशत की कमी आयी है। इसी प्रकार महिलाओं के विरूद्ध हुए अपराधों जैसे बलात्कार में 15 प्रतिशत एवं दहेज के लिए हत्या में भी कमी आयी है।
पुलिस महानिदेशक करमवीर सिंह ने भी शहीदों को अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के शहीद पुलिस जनों में 12 उपनिरीक्षक, 1 एसआई(एम)/आशुलिपिक, 1 गुल्मनायक, 1 एएसआई(एम), 6 मुख्य आरक्षी, 1 फायर सर्विस चालक, 6 आरक्षी चालक और 71 आरक्षी हैं। इस अवसर पर मंत्रिमण्डलीय सचिव शशांक शेखर सिंह, मुख्य सचिव अतुल कुमार गुप्ता, अतिरिक्त मंत्रिमण्डलीय सचिव नेत राम, प्रमुख सचिव गृह कुंवर फतेहबहादुर सहित अनेक वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने पुलिस बल के सदस्यों के लिए बनायी गयी 'कल्याण निधि' के अन्तर्गत 1.50 करोड़ रूपये से अधिक धनराशि का अनुदान उपलब्ध कराया है। चिकित्सा प्रतिपूर्ति के मद में प्रदेश के 825 पुलिस कर्मियों को 6.84 करोड़ रूपये से अधिक की धनराशि दी गयी है। इसके अलावा पुलिस कर्मियों को आर्थिक सहायता प्रदान किये जाने हेतु सुख-सुविधा निधि के अन्तर्गत जनपदों एवं इकाइयों को 2 करोड़ से अधिक का अनुदान आवंटित किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को अन्यायमुक्त, अपराधमुक्त, भयमुक्त, भ्रष्टाचारमुक्त और विकासयुक्त वातावरण देने का संकल्प लिया है। कानून का राज स्थापित करने की उनकी सरकार की पहली प्राथमिकता है। वर्ष 2007-08 में पुलिस के लिए उपलब्ध बजट 3525 करोड़ रुपये में दो गुना से भी ज्यादा वृद्धि करते हुए वर्तमान वित्तीय वर्ष 2010-11 में 7444 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस बल ने गत वर्ष 57 कुख्यात अपराधियों को मुठभेड़ में मार गिराया, जिसमें 1 लाख रुपये के पुरस्कार घोषित 3 अपराधी और 10 हजार या उससे अधिक धनराशि के पुरस्कार घोषित 54 अपराधी थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश पुलिस ने कुख्यात माफियाओं के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करते हुए उनकी 195 करोड़ रुपये से अधिक की अवैध सम्पत्ति कुर्क की है। इस वर्ष अनुसूचित जाति/जनजाति के विरूद्ध हुए अपराधों में 25 प्रतिशत की कमी आयी है। इसी प्रकार महिलाओं के विरूद्ध हुए अपराधों जैसे बलात्कार में 15 प्रतिशत एवं दहेज के लिए हत्या में भी कमी आयी है।
पुलिस महानिदेशक करमवीर सिंह ने भी शहीदों को अपने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के शहीद पुलिस जनों में 12 उपनिरीक्षक, 1 एसआई(एम)/आशुलिपिक, 1 गुल्मनायक, 1 एएसआई(एम), 6 मुख्य आरक्षी, 1 फायर सर्विस चालक, 6 आरक्षी चालक और 71 आरक्षी हैं। इस अवसर पर मंत्रिमण्डलीय सचिव शशांक शेखर सिंह, मुख्य सचिव अतुल कुमार गुप्ता, अतिरिक्त मंत्रिमण्डलीय सचिव नेत राम, प्रमुख सचिव गृह कुंवर फतेहबहादुर सहित अनेक वरिष्ठ पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
HP Police: Police Promotion : प्रमोटी पुलिस अफसर नहीं होंगे डिमोट
हिमाचलः
प्रदेश सचिवालय के अवर सचिव पद के अफसरों को डिमोट करने वाली सरकार पुलिस अफसरों के मामले में बेक फुट पर आ गई है। पुलिस विभाग के आठ पुलिस अधिकारियों को डिमोट करने से सरकार पीछे हट रही है। ऐसे में प्रदेश सरकार के अलग- अलग विभाग के अधिकारियों के साथ दोहरे मापदंड अपनाकर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।
प्रदेश सरकार ने चंद महीने पहले सचिवालय में आधा दर्जन से अधिक एडहॉक अधिकारियों को डिमोट कर उनका दर्जा घटा दिया था। लेकिन जब पुलिस विभाग के आठ एसपी रैंक के अधिकारियों को डिमोट करने की बात आई तो उनके लिए प्लेसमेंट के विकल्प तलाशे जा रहे हैं। होईकोर्ट के फैसले के बावजूद डिमोशन को लेकर दोहरे मापदंड अपनाए जाने के कारण सरकार की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। 27 मई को आए कोर्ट के फैसले के बाद एडहॉक बेस पर प्रमोट हुए आठ एसपी पर डिमोशन की तलवार लटक गई है। इन अधिकारियों को बचाने के लिए अब सरकार ने प्लेसमेंट करने पर होमवर्क कर रही है। जिन एसपी को डिमोशन से बचाया जा रहा है उनमें सरकार के खास कहे जाने वाले एसपी भी शामिल हैं।
सिंगल बैंच का फैसला रखा बरकरार
हाईकोर्ट की डबल बैंच ने 27 मई को सीधे एचपीएस भर्ती हुए पुलिस अफसरों के पक्ष में फैसला सुनाया और 31 जुलाई 2010 को सिंगल बैंच ने एचपीएस अधिकारियों (सीधे भर्ती) के फेवर में दिए फैसले को बरकरार रखा। हाईकोर्ट ने यह फैसला सीधे एचपीएस भर्ती हुए कुछ अधिकारियों की याचिका की सुनवाई के दौरान सुनाया।
याचिकाकर्ताओं ने प्रदेश सरकार की एचपीएस ऑफिसर की वरिष्ठता सूची में पाई गई खामियों को कोर्ट में चुनौती दी थी। वरिष्ठता सूची में खामियों के कारण सीधे चयनित हुए एचपीएस अधिकारी एडहॉक पदोन्नत हुए अधिकारियों से एक रैंक पीछे रह गए थे, जबकि नियमों के अनुसार सीधे एचपीएस भर्ती हुए 12 एचपीएस को पहले पदोन्नति मिलनी चाहिए थी। कोर्ट में चुनौती के बाद सरकार ने 1 दिसंबर 2010 को फिर से सही सिनियोरिटी लिस्ट कोर्ट के समक्ष रखी। जिसमें 12 अधिकारियों की सीनियर बताया गया।
सीनियर होने के बावजूद भी जूनियर हैं ये 12 अधिकारी
बेशक सरकार की सिनियोरिटी लिस्ट में उक्त आठ अधिकारी (प्रमोटी) जूनियर है, लेकिन विडंबना यह है कि इन प्रमोटी आफिसर्ज को सरकार ने एसपी प्लेसमेट कर सीनियर बना दिया है। जबकि सर्विस रूल और सरकार की सिनियोरिटी लिस्ट के तहत सीधे एचपीएस नियुक्त हुए 12 एडिशन एसपी सीनियर हैं और यही पहले प्रमोशन के हकदार हैं। इनमें एडिशनल एसपी बद्दी गुरदेव चंद शर्मा, एडिशनल एसपी विजिलेंस शिमला (एसआईयू) विमुक्त रंजन, एडिशन एसपी सेकंड आईआरबी अनुपम शर्मा, एडिशन एसपी स्टेट सीआईडी शिमला शुभ्रा तिवारी, एडिशनल एसपी विजिलेंस धर्मशाला वीरेंद्र तोमर, एडिशनल एसपी विजिलेंस शिमला रंजना चौहान, एडिशनल एसपी उमापति जमवाल कांगड़ा, एडिशनल एसपी (एनआईए दिल्ली) अरविंद दिग्विजय सिंह नेगी, एडिशनल एसपी खुशाल चंद शर्मा (स्टडी लीव), एडिशनल एसपी कांगड़ा संजीव कुमार गांधी, एडिशनल एसपी छठी बटालियन (कोलर) नाहन रमेश चंद छाजटा के अलावा एडिशनल एसपी चंबा दिवाकर शर्मा शामिल हैं।
नहीं होंगे डिमोट
प्रदेश उच्च न्यायालय के दिए गए ऑर्डर को एग्जामिन किया जा रहा है। आठ एसपी रैंक के पुलिस अधिकारियों को डिमोट नहीं किया जाएगा। इन अधिकारियों के लिए प्लेसमेंट के विकल्प तलाशे जा रहे हैं।
नरेंद्र चौहान, सेक्रेटरी होम
इन पर लटकी है डिमोशन की तलवार
एसपी सोलन हृदयेश बिष्ट, एसपी हमीरपुर कुलदीप शर्मा, एआईजी टीटीआर राजेश धरमानी, एसपी विजिलेंस (मंडी) वीरेंद्र शर्मा, एसपी (वेलफेयर) हेडक्वार्टर राजेंद्र भाटिया, कमांडेंट थर्ड आईआरबी पंडोह साजू राम राणा, एसपी विजिलेंस (धर्मशाला) प्रीतम सिंह ठाकुर के अलावा एसपी पीटीसी डरोह अजय बौद्ध शामिल हैं(ऊषा नेगी,दैनिक भास्कर,शिमला,12.6.11)।
प्रदेश सचिवालय के अवर सचिव पद के अफसरों को डिमोट करने वाली सरकार पुलिस अफसरों के मामले में बेक फुट पर आ गई है। पुलिस विभाग के आठ पुलिस अधिकारियों को डिमोट करने से सरकार पीछे हट रही है। ऐसे में प्रदेश सरकार के अलग- अलग विभाग के अधिकारियों के साथ दोहरे मापदंड अपनाकर सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं।
प्रदेश सरकार ने चंद महीने पहले सचिवालय में आधा दर्जन से अधिक एडहॉक अधिकारियों को डिमोट कर उनका दर्जा घटा दिया था। लेकिन जब पुलिस विभाग के आठ एसपी रैंक के अधिकारियों को डिमोट करने की बात आई तो उनके लिए प्लेसमेंट के विकल्प तलाशे जा रहे हैं। होईकोर्ट के फैसले के बावजूद डिमोशन को लेकर दोहरे मापदंड अपनाए जाने के कारण सरकार की कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। 27 मई को आए कोर्ट के फैसले के बाद एडहॉक बेस पर प्रमोट हुए आठ एसपी पर डिमोशन की तलवार लटक गई है। इन अधिकारियों को बचाने के लिए अब सरकार ने प्लेसमेंट करने पर होमवर्क कर रही है। जिन एसपी को डिमोशन से बचाया जा रहा है उनमें सरकार के खास कहे जाने वाले एसपी भी शामिल हैं।
सिंगल बैंच का फैसला रखा बरकरार
हाईकोर्ट की डबल बैंच ने 27 मई को सीधे एचपीएस भर्ती हुए पुलिस अफसरों के पक्ष में फैसला सुनाया और 31 जुलाई 2010 को सिंगल बैंच ने एचपीएस अधिकारियों (सीधे भर्ती) के फेवर में दिए फैसले को बरकरार रखा। हाईकोर्ट ने यह फैसला सीधे एचपीएस भर्ती हुए कुछ अधिकारियों की याचिका की सुनवाई के दौरान सुनाया।
याचिकाकर्ताओं ने प्रदेश सरकार की एचपीएस ऑफिसर की वरिष्ठता सूची में पाई गई खामियों को कोर्ट में चुनौती दी थी। वरिष्ठता सूची में खामियों के कारण सीधे चयनित हुए एचपीएस अधिकारी एडहॉक पदोन्नत हुए अधिकारियों से एक रैंक पीछे रह गए थे, जबकि नियमों के अनुसार सीधे एचपीएस भर्ती हुए 12 एचपीएस को पहले पदोन्नति मिलनी चाहिए थी। कोर्ट में चुनौती के बाद सरकार ने 1 दिसंबर 2010 को फिर से सही सिनियोरिटी लिस्ट कोर्ट के समक्ष रखी। जिसमें 12 अधिकारियों की सीनियर बताया गया।
सीनियर होने के बावजूद भी जूनियर हैं ये 12 अधिकारी
बेशक सरकार की सिनियोरिटी लिस्ट में उक्त आठ अधिकारी (प्रमोटी) जूनियर है, लेकिन विडंबना यह है कि इन प्रमोटी आफिसर्ज को सरकार ने एसपी प्लेसमेट कर सीनियर बना दिया है। जबकि सर्विस रूल और सरकार की सिनियोरिटी लिस्ट के तहत सीधे एचपीएस नियुक्त हुए 12 एडिशन एसपी सीनियर हैं और यही पहले प्रमोशन के हकदार हैं। इनमें एडिशनल एसपी बद्दी गुरदेव चंद शर्मा, एडिशनल एसपी विजिलेंस शिमला (एसआईयू) विमुक्त रंजन, एडिशन एसपी सेकंड आईआरबी अनुपम शर्मा, एडिशन एसपी स्टेट सीआईडी शिमला शुभ्रा तिवारी, एडिशनल एसपी विजिलेंस धर्मशाला वीरेंद्र तोमर, एडिशनल एसपी विजिलेंस शिमला रंजना चौहान, एडिशनल एसपी उमापति जमवाल कांगड़ा, एडिशनल एसपी (एनआईए दिल्ली) अरविंद दिग्विजय सिंह नेगी, एडिशनल एसपी खुशाल चंद शर्मा (स्टडी लीव), एडिशनल एसपी कांगड़ा संजीव कुमार गांधी, एडिशनल एसपी छठी बटालियन (कोलर) नाहन रमेश चंद छाजटा के अलावा एडिशनल एसपी चंबा दिवाकर शर्मा शामिल हैं।
नहीं होंगे डिमोट
प्रदेश उच्च न्यायालय के दिए गए ऑर्डर को एग्जामिन किया जा रहा है। आठ एसपी रैंक के पुलिस अधिकारियों को डिमोट नहीं किया जाएगा। इन अधिकारियों के लिए प्लेसमेंट के विकल्प तलाशे जा रहे हैं।
नरेंद्र चौहान, सेक्रेटरी होम
इन पर लटकी है डिमोशन की तलवार
एसपी सोलन हृदयेश बिष्ट, एसपी हमीरपुर कुलदीप शर्मा, एआईजी टीटीआर राजेश धरमानी, एसपी विजिलेंस (मंडी) वीरेंद्र शर्मा, एसपी (वेलफेयर) हेडक्वार्टर राजेंद्र भाटिया, कमांडेंट थर्ड आईआरबी पंडोह साजू राम राणा, एसपी विजिलेंस (धर्मशाला) प्रीतम सिंह ठाकुर के अलावा एसपी पीटीसी डरोह अजय बौद्ध शामिल हैं(ऊषा नेगी,दैनिक भास्कर,शिमला,12.6.11)।
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