Monday, July 11, 2011

Chandigarh Police: Health issues rattle UT police

CHANDIGARH: Repeated advice of Chandigarh police's health wing for police personnel to maintain their fitness seems to be falling on deaf ears. In the second such incident for the past six months, a head constable of UT police Balbir Singh, 44, died due to medical complications on Sunday. He was suffering from diabetes and hypertension and was admitted in Government Multispecialty Hospital, Sector 16, on Saturday after he complained of acute stomach ache following his duty at Sector 41.


Sector-39 SHO Inspector Charanjit Singh said doctors referred Balbir Singh to PGI when his condition worsened, but he was declared brought dead there.

The head constable was one of the among 300 police personnel, who were found suffering from ailments like diabetes, hypertension and obesity during a health checkup camp that police department organized.
''At that camp, doctors had found the blood sugar in the head constable's body to be more than 180 and he was also advised to work on lowering his blood pressure,'' a colleague of the deceased said.
His relatives said Balbir weighed 82kg and his height was 5'7" and doctors had advised him to reduce that to 67kg. City-based physician Dr Kamal Modi said, ''The blood sugar level of a normal person should be 110 on an empty stomach and around 160 after having food.''


A police official said that Balbir was admitted in GMH-16 twice after he developed health problems.
On January 14, former SHO of Sector 31, inspector Bakhsish Singh, died after suffering a massive heart attack during his duty. Three months after that SHO of PS 17, Inspector Hardit Singh had a paralysis attack on May 17 and he was instructed to take rest for at least a year.

Mumbai Police: Inspector reporting to top cop held for extorting paanwalas

The Goregaon police on Saturday arrested Bhaskar Dhere, a police inspector attached to the CB Control unit of the Mumbai Police, one of its most elite wings, for extorting money from two paan shop owners.

According to the police, Dhere visited complainant Shafique Shaikh’s shop in Goregaon’s Jawahar Nagar on July 5. He accused Shaikh of selling fake gutkha brands and said he would take action against him. He told him that he would have to serve five years behind bars. Dhere then demanded money from Shaikh. In his complaint, Shaikh told the police that he arranged Rs1.40 lakh, which Dhere took from him and left.


“Shaikh is a committee member of an association of paan shop owners. He alerted all paan shop owners and asked them to inform him if any police officer tried to extort money from them,” said police inspector Sambhaji Shinde of the Goregaon police.

He added: “On July 9, Shaikh received a call from a paan shop owner in Malad. He told him that a police officer had taken Rs20,000 from him by threatening him in a similar manner. Shaikh alerted a beat marshal, who intercepted Dhere and asked him to take his vehicle to the Dindoshi police chowky. At the chowky, police officers said that the complaint was with the Goregaon police station. Dhere was taken there and then arrested.”

Shaikh’s complaint was against four people including Dhere. The police are yet to find the other three, who are also suspected to be policemen from the CB Control unit.

“The cash that Dhere had taken from the Malad-based paan shop owner was found in his vehicle, and thus the Goregaon police took immediate action against him,” said Ramrao Pawar, additional commissioner of police, north region.

Dhere was produced in court on Sunday. It remanded him in police custody till July 13. The police will further interrogate Dhere to know details about his accomplices.

The CB Control unit of the Mumbai Police deals with violation of orders issued by the central and state governments in connection with essential commodities. Officers from this branch used to report to the deputy commissioner of police (enforcement), who would report to the joint commissioner of police (crime).


But since the present commissioner of police Arup Patnaik took charge, he detached the branch from the crime branch and asked its officers to report to him directly. Posting in this branch is said to be a coveted one.

Mumbai Police: Big B Amitabh Bachhan: इसीलिए वो पुलिसिया नहीं, दिल जीतने वाले अमिताभ है..

अमिताभ ने अपने उन प्रशंसकों से माफी मांगी है जिनके साथ पुलिस ने कथित तौर पर बदसलूकी की. बिग बी के ये चाहने वाले रविवार को जुहू में उनके घर जलसा के सामने जमा थे.


अमिताभ के चाहने वाले हर हफ्ते उनके घर के सामने जुटते हैं ताकि सुपरस्टार की एक झलक पा सके. रविवार देर शाम अमिताभ ने ट्वीट किया, "मैं उन सभी प्रशंसकों से माफी मांगता हूं जो आज जलसा आए थे और पुलिस ने उनके साथ ठीक व्यवहार नहीं किया."

अमिताभ ने कहा कि उन्होंने संबंधित थाने से बात की है और माफी के लिए प्रतिनिधि भी भेजा गया. अमिताभ के मुताबिक, "वे (पुलिस) बड़ी भीड़ को नियंत्रित करते हैं. मिस्टर भगत और मुंबई पुलिस का शुक्रिया कि उन्होंने फुर्ती से कार्रवाई की. ये प्रशंसक परेशानी खड़ी नहीं करते. वे तो बस आराम से इंतजार करते हैं."


इस बीच जुहू पुलिस का कहना है कि उन्हें बच्चन के बंगले के बाहर ऐसी किसी घटना की जानकारी नहीं है क्योंकि इसका रजिस्टर में कोई जिक्र नहीं किया गया है. हालांकि पुलिस का कहना है कि जिन अधिकारियों की बात बच्चन के ट्वीट में की गई है, वे उनके वरिष्ठ अधिकारी हैं.

AP Police: Tellangana Issue: उस्मानिया यूनिवर्सिटी में छात्रों का बवाल, टेंशन में पुलिस

हैदराबाद। पृथक तेलंगाना राज्य के गठन की मांग को लेकर हैदराबाद के उस्मानिया विश्वविद्यालय में अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठने की कोशिश कर रहे कई छात्रों को पुलिस ने सोमवार रात को गिरफ्तार कर लिया। विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षा के भारी इंतजाम किए गए हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि तेलंगाना क्षेत्र के विभिन्न इलाकों से हैदाराबाद आ रहे कई छात्रों को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने रविवार रात को ही उस्मानिया विश्वविद्यालय संयुक्त कार्रवाई समिति (ओयूजेएसी) के कुछ नेताओं को भी विश्वविद्यालय परिसर और छात्रावासों से गिरफ्तार कर लिय


इसके अलावा वारंगल, करीमनगर और अन्य शहरों में भी ऐसे छात्रों को गिरफ्तार किया गया जो हैदराबाद आने का प्रयास कर रहे थे। ओयूजेएसी के नेताओं ने आरोप लगाया है कि अनशन को रोकने के लिए पुलिस बड़ी संख्या में छात्रों को गिरफ्तार कर रही है। नेताओं का यह भी कहना है कि वह इस आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
विश्वविद्यालय परिसर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों और स्थानीय पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है। नेताओं को अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठने से रोकने के लिए परिसर की ओर जाने वाले सारे रास्तों को बंद कर दिया गया है।


पुलिस द्वारा परिसर में वाहनों की जांच किए जाने और अवरोधक लगाए जाने से तनाव फैल गया। गौरतलब है कि ओयूजेएसी के नेताओं ने करीब 10,000 छात्रों के साथ अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठने की योजना बनाई है।
पुलिस आयुक्त ए.के.खान ने कहा कि इस तरह के अनशन की अनुमति नहीं दी गई है। उच्चत्तम न्यायालय के आदेश के बाद परिसर में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है।

Delhi Police: यूपी पुलिस ले उड़ी तेवतिया को, होश उड़े दिल्ली पुलिस के

नई दिल्ली। भट्टा पारसौल कांड में किसानों को भड़काने के आरोपी पचास हजार के इनामी मनवीर तेवतिया की गिरफ्तारी ने दिल्ली पुलिस के पसीने छुड़ा दिए। उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तारी की दिल्ली पुलिस को जानकारी नहीं दी। इस संबंध में गृह मंत्रालय ने भी दिल्ली पुलिस से जानकारी मांगी।
मनवीर तेवतिया की दिल्ली से गिरफ्तारी की खबर जैसे ही सार्वजनिक हुई पुलिस अधिकारियों के फोन बजने शुरू हो गए। दिल्ली में मनवीर तेवतिया की मौजूदगी और गिरफ्तारी से गृह मंत्रालय के भी कान खड़े हो गए। तत्काल दिल्ली पुलिस के आला अधिकारियों से पूछा गया। अधिकारियों ने बताया कि उन्हें गिरफ्तारी से पहले इस संबंध में कोई सूचना नहीं दी गई। बाद में जरूर यह बताया गया कि तेवतिया को गिरफ्तार कर लिया गया है और कोर्ट में पेश करने ले जा रहे हैं। दिल्ली पुलिस के अधिकारी कार्रवाई को गलत नहीं ठहरा रहे हैं, लेकिन गिरफ्तारी के स्थान पर जरूर सवाल उठा रहे हैं। उत्तर प्रदेश पुलिस गिरफ्तारी ग्रीन पार्क के पास दिखा रही है, जबकि सूत्रों का कहना है कि तेवतिया को प्रगति मैदान के आसपास से पकड़ा गया।


उत्तर प्रदेश पुलिस के अनुसार तेवतिया कांग्रेसी नेता रोमेश शर्मा के हौजखास स्थित मकान में रुकता था। इस मकान का केयरटेकर संसार चंद है। संसार चंद रोमेश शर्मा का मीडिया का काम देखता था।
उधर, मनवीर तेवतिया की बहन राधा गहलौत ने तिलक मार्ग थाना पुलिस में दी गई शिकायत में कहा है कि करीब 11.30 बजे प्रगति मैदान के समीप टैक्सी से जा रहे मनवीर तेवतिया को पुलिसकर्मियों ने खींचकर गाड़ी से निकाला। उन्हें बोरी की तरह अपनी सफारी गाड़ी [डीएलएएस 2368] में ठूस दिया। उन्होंने उत्तर प्रदेश पुलिस पर तेवतिया को फर्जी मुठभेड़ में मार देने की आशंका भी जताई। पैंथर्स पार्टी के अध्यक्ष प्रो. भीम सिंह ने भी प्रधानमंत्री को पत्र लिख तेवतिया को बचाने की मांग की है।
मेरा बेटा चोर या डकैत नहीं: हरवीरी
अलीगढ़। मनवीर तेवतिया की मां हरवीरी देवी राहुल गांधी से मिलने शनिवार को अलीगढ़ पहुंचीं। लेकिन देर हो जाने की वजह से उनकी मुलाकात राहुल से नहीं हो पाई। केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद से भेंट होने पर हरवीरी ने कहा, 'मेरा बेटा कोई चोर-डकैत नहीं है। वह किसान नेता है। किसानों के लिए लड़ता आया है। पुलिस ने तमाम फर्जी मुकदमों में फंसाकर अपराधी बना डाला। पुलिस कहीं उसे मार न डाले।' इस पर खुर्शीद ने आश्वस्त किया कि मनवीर के साथ ऐसा नहीं होगा। कहा, दिल्ली में बिना इजाजत तेवतिया की गिरफ्तारी की जांच होगी। हरवीरी और मनवीर के भाई प्रेमवीर ने कहा कि यदि उन्हें न्याय न मिला तो पूरा परिवार खुदकुशी कर लेगा।


फर्जी मुठभेड़ कर सकती है पुलिस
-मनवीर की पत्नी नूतन ने अपने पति को फर्जी मुठभेड़ में मारे जाने की आशंका जताई। उन्होंने कहा कि वह मनवीर को निर्दोष साबित करने के लिए कोर्ट की शरण में जाएंगी।

Delhi Police: रामलीला मैदान पर दिल्ली पुलिस की लठैती पर सुप्रीम कोर्ट की फटकार, पूछा क्यों की आधी रात को बिना एफआईआर के कार्रवाई

चार जून की आधीरात को दिल्ली के रामलीला मैदान में दिल्ली पुलिस ने जो रावणलीला की थी उस पर सुप्रीम कोर्ट सख्त हो गया है. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि बिना एफआईआर दर्ज किये उसने रामलीला मैदान पर रामदेव के खिलाफ कार्रवाई क्यों की और दिल्ली पुलिस को आदेश दिया वह आधी रात की गयी कार्रवाई का फुटेज सुप्रीम कोर्ट के सामने प्रस्तुत करे.
सोमवार को रामदेव की तरफ से वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए तो दिल्ली पुलिस का पक्ष रखने के लिए हरीश साल्वे ने कमान संभाली. सुप्रीम कोर्ट के दो जजो की बेंच के सामने राम जेठमलानी ने कहा कि आधी रात को बाबा रामदेव के भक्तों के खिलाफ दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के पीछे गृहमंत्री पी चिदम्बरम का हाथ है. राम जेठमलानी ने कोर्ट से आग्रह किया कि केन्द्रीय गृहमंत्री को सफाई देने के लिए खुद उन्हें नोटिस जारी करके उनसे जवाब पूछा जाना चाहिए.


राम जेठमलानी ही वह व्यक्ति हैं जिन्होंने काले धन के खिलाफ सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल करके विदेशों में जमा कालेधन को भारत वापस लाने की पहल शुरू की थी. राम जेठमलानी की याचिका पर सुनवाई के दौरान ही भाजपा ने कालेधन पर जांच पड़ताल के लिए एक समिति का गठन किया जिसने अपनी रिपोर्ट में सोनिया गांधी का विदेशों में धन जमा होने का संकेत दिया था. आगे चलकर जब बाबा रामदेव ने काले धन को मुद्दा बनाया तो राम जेठमलानी ने उन्हें अपना समर्थन दिया था. अब राम जेठमलानी बाबा रामदेव की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अपीयर हो रहे हैं.
चार जून को बाबा रामदेव और उनके योगभक्तों पर की गयी कार्रवाई पर खुद संज्ञान लेते हुए छह जून को दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी करके पूछा था कि ऐसा क्या हो गया था कि दिल्ली पुलिस ने आधी रात को इस तरह कार्रवाई करनी पड़ी. सुप्रीम कोर्ट की नोटिस के बाद दिल्ली पुलिस ने अपना जवाब दाखिल करते हुए कहा था कि योगा गुरू ने 5000 लोगों को योग के लिेए रामलीला मैदान बुक करवाया था लेकिन वहां करीब 65 हजार लोग जमा थे जिससे दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था को संकट पैदा हो सकता था. हालांकि दिल्ली पुलिस की इस दलील पर राम जेठमलानी ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने आंसू गैस के गोलों और पानी की बौछारों का प्रयोग आधी रात को क्यों किया. राम जेठमलानी ने कहा कि इससे वहां मौजूद हजारों लोगों को जान का खतरा हो सकता था.


सुपंीम कोर्ट की न्यायमूर्ति बीएस चौहान और न्स्वतंत्र कुमार की खंडपीठ ने सोमवार को दिल्ली पुलिस से गत माह रामलीला मैदान में काले धन के खिलाफ अनशन पर बैठे बाबा रामदेव व उनके समर्थकों पर आधी रात की गई पुलिस कार्रवाई की आवश्यकता पर स्पष्टीकरण मांगा है। खंडपीठ ने सोमवार को कहा कि ऎसे दस्तावेज तथा डीवीडी हैं जिनसे जाहिर होता है कि वहां योग शिविर चलाए जा रहे थे। यदि ऎसा था तो पुलिस को लाठीचार्ज करने की क्यों जरूरत प़डी!
इससे पहले स्वामी रामदेव की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी ने अनुरोध किया कि गृह मंत्री को मामले पर स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया जाए और उन्हें स्वयं पेश होने के लिए नोटिस जारी किया जाए। अदालत ने कहा कि वह केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदम्बरम को नोटिस भेजने की बाबा रामदेव की याचिका पर भी विचार करेगी।
जेठमलानी ने अपने दावों के पक्ष में केंद्रीय गृह मंत्रालय से जारी प्रेस विज्ञçप्त तथा दूरदर्शन पर चिदम्बरम के साक्षात्कार का उल्लेख किया और कहा कि बल प्रयोग का निर्णय काफी पहले कर लिया गया था। पीठ ने कहा कि चार जून की इस घटना के बारे में दिल्ली पुलिस की प्रतिक्रिया मिल जाने के बाद ही वह इस अनुरोध पर विचार करेगी। पीठ ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 25 जुलाई की तारीख निर्धारित की। ज्ञात रहे, दिल्ली पुलिस के प्रमुख बीके गुप्ता ने अपने हलफनामे में कहा था कि रामलीला मैदान के इस्तेमाल की अनुमति योग शिविर के लिए दी गई थी, न कि किसी अन्य उद्देश्य के लिए।

Delhi Police: दिल्ली पुलिस कमिश्नर के बयान पर भड़के लोग, कहा ' बयान आधुनिक भारत की अनुपयुक्त समझ का प्रतिबिम्बित है'

दिल्ली के पुलिस आयुक्त बी. के. गुप्ता के इस बयान पर कि महिलाओं को देर रात में कहीं निकलते समय एक पुरुष को साथ ले लेना चाहिए, कई महिला कार्यकर्ताओं एवं राजनेताओं ने इसे दुखद बताया।

सामाजिक अनुसंधान केंद्र की निदेशक रंजना कुमारी ने ‘आईएएनएस’ से कहा, "यह बयान अत्याधुनिक भारत की अनुपयुक्त समझ को प्रतिबिम्बित करता है।"

उन्होंने कहा, "यदि किसी महिला को नौकरी के कारण देर रात को बाहर निकलना पड़े तो वह क्या कर सकती है? आयुक्त अपनी जवाबदेही से भाग रहे हैं और इसके बदले पीड़िता को दोषी ठहरा रहे हैं, वह भी महिला को।"


उन्होंने दलील दी कि यह धारणा कि परिवार के पुरुष सदस्य महिला सदस्यों को सुरक्षा प्रदान करते हैं, पूरी तरह गलत है और यह पुलिस का दायित्व है कि वह शहर में सभी महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करे।

रंजना ने कहा, "इसके अलावा, ऐसे कितने पिता और भाई हैं जो हर वक्त अपनी बेटी और बहनों के साथ रहेंगे?"

इसके अलावा ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वुमेंस एसोसिएशन की महासचिव सुधा सुंदाराम, कार्यकर्ता अन्नी राजा ने भी पुलिस प्रमुख की टिप्पणी की निंदा की।

‘पहनने’ का अधिकार ‘पहननेवाले’ के पास ही रहने दो!


गुप्ता ने एक कार्यक्रम में शनिवार को कहा था, "आप रात में दो बजे बाहर जाकर किसी अपराध के शिकार होने की शिकायत नहीं कर सकते।" उन्होंने कहा कि रात में सफर करते समय महिलाओं के साथ एक रिश्तेदार या मित्र होना चाहिए।

महिलाओं को दी गई 'देर रात को कहीं अकेले न निकलने' की सलाह को 'दुर्भाग्यपूर्ण' और 'आपत्तिजनक' बताते हुए राजनीतिक दलों ने रविवार को कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की।

मार्क्स्वादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता वृंदा करात ने कहा, "यह सचमुच आपत्तिजनक है, दिल्ली के पुलिस आयुक्त को ऐसी टिप्पणी करने से पहले महिलाओं के कार्यों के बारे में अच्छी तरह समझ लेना चाहिए।"

उन्होंने कहा, "बात रात के दो बजे की हो या दिन के दो बजे की, उनका दायित्व महिलाओं एवं नागरिकों के लिए शहर को सुरक्षित रखना है।"

पुलिस आयुक्त की टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए भाजपा नेता विजय जॉली ने कहा कि ऐसे बयान से दिल्ली की महिलाओं के बीच केवल असुरक्षा की भावना बढ़ेगी।


जॉली ने आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा, "यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि पुलिस प्रमुख ने महिलाओं को किसी पुरुष साथी के बिना शहर में कहीं न निकलने की अनपेक्षित सलाह दी है। किसी परिवार में सिर्फ महिलाएं हों और कोई पुरुष सदस्य न हो तब क्या होगा?"

जॉली ने ‘आईएएनएस’ से कहा, "लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने के बजाय वे ऐसी टिप्पणी कर रहे हैं। यह पुलिस की जवाबदेही के खिलाफ है और इससे महिलाओं में केवल असुरक्षा की भावना बढ़ेगी।"

उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस आयुक्त ने दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के सुर में सुर मिलाया है। दीक्षित ने पूर्व में ऐसी ही टिप्पणी दी थी।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 में पत्रकार सौम्या विश्वनाथन की हत्या के बाद दीक्षित ने कहा था कि महिलाओं को देर रात में कहीं बाहर निकलने का जोखिम नहीं उठाना चाहिए।