पुलिस इंस्पेक्टरों से ही प्रमोशन की फाइल सरकाने के नाम पर रिश्वत मांगी गई। मामला चंडीगढ़ पुलिस के तीन इंस्पेक्टरों की डीएसपी के पद पर प्रमोशन से जुड़ा है। होम सेकेट्ररी इसे दो हजार रुपये का मामला बता रहे हैं जबकि अंदरखाते चर्चा लाखों की हो रही है। अब पुलिस इंस्पेक्टर भी मुकर रहे हैं और होम डिपार्टमेंट के जिस सुपरिटेंडेंट को पैसा देने की बात कही गई थी वह भी इससे इनकार कर रहा है। होम सेकेट्ररी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे विजिलेंस को सौंप दिया है। चंडीगढ़ पुलिस के तीन इंस्पेक्टरों की प्रमोशन डीएसपी के पद पर होनी है। इनमें इंस्पेक्टर केवल कृष्ण, केहर सिंह और एसपीएस सौंधी शामिल हैं।
पुलिस की डिपार्टमेंटल प्रमोशन कमेटी भी इनके नाम क्लीयर कर चुकी है। हाईकोर्ट भी इनकी प्रमोशन को हरी झंडी दे चुका है। इसके बावजूद इन तीनों की प्रमोशन की फाइल होम सेकेट्ररी के ऑफिस में महीनों से लटकी हुई है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार सोमवार को इनमें से एक इंस्पेक्टर ज्वाइंट सेक्रेटरी होम अभिषेक देव के पास पहुंच गया तथा अपनी प्रमोशन की फाइल के बारे में पूछा।
ज्वाइंट सेक्रेटरी होम को इंस्पेक्टर ने फाइल चलाने के लिए सचिवालय के एक कर्मचारी को रिश्वत देने की बात कही तो वह दंग रह गए। ज्वाइंट सेक्रेटरी होम ने यह बात होम सेक्रेटरी को बताई तो उन्होंने इंस्पेक्टर केवल कृष्ण और एसपीएस सौंधी को तलब किया। इसके साथ साथ उस कर्मचारी को भी तलब किया गया जिसे रिश्वत देने की बात कही गई थी। होम सेक्रेटरी के सामने तीनों मुकर गए। सूत्रों के अनुसार एक इंस्पेक्टर ने होम सेक्रेटरी को बताया कि उसने दूसरे इंस्पेक्ट के माध्यम से यह रिश्वत दी थी।
एचएस के सामने बयान
दोनों इंस्पेक्टर तथा कर्मचारी के बयान होम सेक्रेटरी राम निवास के समक्ष ही दर्ज किए गए। इंस्पेक्टर रिश्वत देने की बात से मुकर गए तो कर्मचारी ने रिश्वत लेने की बात से इनकार किया।
विजिलेंस करेगी जांच
होम सेक्रेटरी ने विजिलेंस को इस मामले की जांच करने को कहा है। विजिलेंस को यथाशीघ्र इस मामले की रिपोर्ट देने को कहा गया है।
लाखों नहीं हजारों
पुलिस इंस्पेक्टरों से फाइल के नाम पर लाखों नहीं बल्कि दो हजार की रिश्वत मांगने का मामला सामने आया था। मैंने इसकी विजिलेंस जांच के आदेश दिए हैं। इंस्पेक्टरों के बयान दर्ज किए गए हैं।
राम निवास, होम सेक्रेटरी
मैंने नहीं की शिकायत
मैं सिर्फ होम सेक्रेटरी आफिस में अपने केस की फाइल के बारे में गया था। रिश्वत देने की कोई शिकायत मैंने नहीं की है।
केवल कृष्ण, इंस्पेक्टर
मुझे नहीं जानकारी
मुझे रिश्वत मांगने के मामले में कुछ नहीं पता। मेरी जानकारी में यह मामला नहीं आया। मैं इस बारे में कुछ नहीं कह सकता।
एसपीएस सौंधी, इंस्पेक्टर
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Sunday, July 24, 2011
MP Police: व्यापमं लेगा पुलिस सब-इंस्पेक्टर्स भर्ती परीक्षा
व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) पहली बार पुलिस के सब-इंस्पेक्टर पद के लिए भी भर्ती परीक्षा आयोजित करने जा रहा है। पुलिस विभाग से इसका टेंडर मिलने के बाद व्यापमं ने परीक्षा का कार्यक्रम घोषित कर दिया है। परीक्षा इसी साल 25 सितंबर को आयोजित होगी।
पुलिस विभाग ने सब-इंस्पेक्टर्स के पदों की भर्ती का जिम्मा इस बार व्यापमं को सौंपा है। इसका मकसद भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना है। इस प्रक्रिया के जरिए सब-इंस्पेक्टर्स के 515 पद भरे जाएंगे। इसमें पुरुष वर्ग के 371 पद और महिला वर्ग के 144 पद शामिल है। परीक्षा में शामिल होने के 21 जुलाई से 19 अगस्त के बीच ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसमें ओपन श्रेणी के 185 पद, सामान्य महिला वर्ग के 72 पद, अजजा ओपन वर्ग के 75 पद, अजजा महिला वर्ग के 29 पद, अजा ओपन वर्ग के 59 पद, अजा महिला वर्ग के 25 पद, अपिव ओपन के 52 और अपिव के 18 पद शामिल किए गए हैं।
पुलिस विभाग ने सब-इंस्पेक्टर्स के पदों की भर्ती का जिम्मा इस बार व्यापमं को सौंपा है। इसका मकसद भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना है। इस प्रक्रिया के जरिए सब-इंस्पेक्टर्स के 515 पद भरे जाएंगे। इसमें पुरुष वर्ग के 371 पद और महिला वर्ग के 144 पद शामिल है। परीक्षा में शामिल होने के 21 जुलाई से 19 अगस्त के बीच ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसमें ओपन श्रेणी के 185 पद, सामान्य महिला वर्ग के 72 पद, अजजा ओपन वर्ग के 75 पद, अजजा महिला वर्ग के 29 पद, अजा ओपन वर्ग के 59 पद, अजा महिला वर्ग के 25 पद, अपिव ओपन के 52 और अपिव के 18 पद शामिल किए गए हैं।
maharastra police: आबा का गुस्सा फूटा, दो पुलिस अधिकारी हुए निलंबित
अहमदनगर के अकोले तहसील में डकैती और दुष्कर्म की सनसनीखेज घटना को गंभीरता लेते हुए राज्य सरकार ने दो पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है।
मंगलवार को गृहमंत्री आरआर पाटील ने इसकी घोषणा की। गृहमंत्री ने पुलिस निरीक्षक प्रकाश पाटील और ड्यूटी अफसर सलीम शेख को काम में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया।
घटना के चलते गृहमंत्री अकोले तहसील के वीरगांव में पीड़ित परिवार से मिलने गए थे। गांव में डकैतों ने एक परिवार की दो लड़कियों के साथ दुष्कर्म किया और चार वृद्ध महिलाओं को निर्वस्त्र करके उनकी पिटाई की थी।
पुलिस घटना के दो घंटे बाद पहुंची थी। पुलिस अधिकारियों की इस लापरवाही के कारण डकैत वहां से भागने में कामयाब हो गए थे। यह बात सामने आने पर गृहमंत्री ने दो पुलिस अधिकारियों के निलंबन के आदेश दिए हैं।
वहीं मामले की जांच करते हुए पुलिस ने अब तक संतोष पंडित, बाबुशा काले और गोरख भोंसले को गिरफ्तार किया है। पूछताछ के लिए अदालत ने तीनों लोगों को 11 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा है।
पेशे से सर्राफ संतोष, श्रीगोंधा गांव में सोना खरीदने गया था, तभी पुलिस ने उसे और सोना बेचने आए बाकी दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का कहना है कि यह वही सोना है, जो पीड़ित परिवार के घर से चुराया गया था। पीड़ित महिलाओं ने भी गहनों की पहचान की है।
मंगलवार को गृहमंत्री आरआर पाटील ने इसकी घोषणा की। गृहमंत्री ने पुलिस निरीक्षक प्रकाश पाटील और ड्यूटी अफसर सलीम शेख को काम में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया।
घटना के चलते गृहमंत्री अकोले तहसील के वीरगांव में पीड़ित परिवार से मिलने गए थे। गांव में डकैतों ने एक परिवार की दो लड़कियों के साथ दुष्कर्म किया और चार वृद्ध महिलाओं को निर्वस्त्र करके उनकी पिटाई की थी।
पुलिस घटना के दो घंटे बाद पहुंची थी। पुलिस अधिकारियों की इस लापरवाही के कारण डकैत वहां से भागने में कामयाब हो गए थे। यह बात सामने आने पर गृहमंत्री ने दो पुलिस अधिकारियों के निलंबन के आदेश दिए हैं।
वहीं मामले की जांच करते हुए पुलिस ने अब तक संतोष पंडित, बाबुशा काले और गोरख भोंसले को गिरफ्तार किया है। पूछताछ के लिए अदालत ने तीनों लोगों को 11 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा है।
पेशे से सर्राफ संतोष, श्रीगोंधा गांव में सोना खरीदने गया था, तभी पुलिस ने उसे और सोना बेचने आए बाकी दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का कहना है कि यह वही सोना है, जो पीड़ित परिवार के घर से चुराया गया था। पीड़ित महिलाओं ने भी गहनों की पहचान की है।
CG Police : पागलों के पीछे पागल हुई छत्तीसगढ़ पुलिस
कांकेर/रायपुर.आमतौर पर गुंडे बदमाशों को ठीक करने वाली पुलिस इन दिनों शहर के पागलों को संवारने में लगी है। पिछले दो दिनों में पुलिस ने शहर की सड़कों में घुमने वाले पांच पागलों को पकड़कर उनका मेडिकल चेकअप कराया बल्कि उन्हें नहला धुलाकर कर हजामत बनवाई तथा नए कपड़े पहनाकर घर तक पहुंचाया।
पुलिस जिन कारणों से भी इन पागलों की सुध ले रही है लेकिन उनके इस कार्य से अपना दिमागी संतुलन खो जाने के बाद दर-दर की ठोकर खाने वाले पागलों की सुध तो ली जा रही है। शहर में घूमने वाले पागलों की खोजबीन पुलिस ने शनिवार को शुरु की। पुराना बसस्टैंड के पास दो पागल एक साथ मिले जबकि दो और नया बस स्टैंड में मिले। एक अन्य पागल पुलिस को शहर के भोईपारा में घुमते हुए मिला।
चार पागल शहर के बाहर तथा एक शहर का ही रहने वाला था जिन्हें पुलिस थाना लेकर आई। पुलिस ने नाई को अस्पताल बुलाया तथा बारी-बारी से उनके बाल दाढ़ी कटवाए फिर उन्हें नहलाकर सभी का स्वास्थ्य परीक्षण कोमलदेव अस्पताल में कराया।
कई दिनों के भूखे-प्यासे पागलों के लिए पुलिस ने भोजन का भी इंतजाम किया। पुलिस की इतनी कवायद से पागलों का हुलिया ही बदल गया। इसके बाद शुरू हुआ पागलों के विदाई का दौर।
शहर से 10 किमी दूर ग्राम सिदेसर के एक पागल को उसके भाई को बुलाकर सौंपा गया। भोईपारा में मिले पागल को भी उसके घर तक छोड़ परिजनों को उसकी देखरेख करने की हिदायत दी। इसी तरह से बाहर के पागलों को वाहन में बैठाकर उनके घरों की ओर रवाना किया गया।
अस्पताल ने फिर दिखाई बेरहमी
हमेशा लोगों से र्दुव्यवहार से लेकर कई तरह के कार्यो के लिए बदनाम होने वाली पुलिस ने मानवता दिखाते हुए पागलों की सुध ली।
पागलों का जब स्वास्थ्य परीक्षण कराने अस्पताल भेजा गया तब अस्पताल के कर्मचारियों ने पुलिस का सहयोग नहीं किया और आधा अधूरा परीक्षण किया गया। एक पागल अपने पैर में हुए जख्म पर पट्टी करवाना चाह रहा था लेकिन पट्टी नहीं लगाई गई।
हर दृष्टिकोण से कार्य सराहनीय
दूसरी ओर पुलिस के अचानक पागलों की सुध लेने से कई तरह की चर्चाएं भी हो रही हैं। ऐसा माना जा रहा है की कुछ नक्सली भी शहर में पागल बनकर
जासूसी करते थे। यदि पुलिस इस उद्देश्य से भी पागलों की सुध ले रही है तो भी सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह प्रयास सराहनीय है।
मानवता के नाते किया कार्य
"पुलिस ने मात्र मानवता के नाते शहर में भटकने वाले पागलों का स्वास्थ्य परीक्षण कराते हजामत कराई एवं नहला धुलाकर उन्हें भोजन कराकर घरों तक पहुंचवाया है। भविष्य में भी पुलिस इस तरह के कार्य करती रहेगी।"
- राजेश जान, टीआई, कांकेर
पुलिस जिन कारणों से भी इन पागलों की सुध ले रही है लेकिन उनके इस कार्य से अपना दिमागी संतुलन खो जाने के बाद दर-दर की ठोकर खाने वाले पागलों की सुध तो ली जा रही है। शहर में घूमने वाले पागलों की खोजबीन पुलिस ने शनिवार को शुरु की। पुराना बसस्टैंड के पास दो पागल एक साथ मिले जबकि दो और नया बस स्टैंड में मिले। एक अन्य पागल पुलिस को शहर के भोईपारा में घुमते हुए मिला।
चार पागल शहर के बाहर तथा एक शहर का ही रहने वाला था जिन्हें पुलिस थाना लेकर आई। पुलिस ने नाई को अस्पताल बुलाया तथा बारी-बारी से उनके बाल दाढ़ी कटवाए फिर उन्हें नहलाकर सभी का स्वास्थ्य परीक्षण कोमलदेव अस्पताल में कराया।
कई दिनों के भूखे-प्यासे पागलों के लिए पुलिस ने भोजन का भी इंतजाम किया। पुलिस की इतनी कवायद से पागलों का हुलिया ही बदल गया। इसके बाद शुरू हुआ पागलों के विदाई का दौर।
शहर से 10 किमी दूर ग्राम सिदेसर के एक पागल को उसके भाई को बुलाकर सौंपा गया। भोईपारा में मिले पागल को भी उसके घर तक छोड़ परिजनों को उसकी देखरेख करने की हिदायत दी। इसी तरह से बाहर के पागलों को वाहन में बैठाकर उनके घरों की ओर रवाना किया गया।
अस्पताल ने फिर दिखाई बेरहमी
हमेशा लोगों से र्दुव्यवहार से लेकर कई तरह के कार्यो के लिए बदनाम होने वाली पुलिस ने मानवता दिखाते हुए पागलों की सुध ली।
पागलों का जब स्वास्थ्य परीक्षण कराने अस्पताल भेजा गया तब अस्पताल के कर्मचारियों ने पुलिस का सहयोग नहीं किया और आधा अधूरा परीक्षण किया गया। एक पागल अपने पैर में हुए जख्म पर पट्टी करवाना चाह रहा था लेकिन पट्टी नहीं लगाई गई।
हर दृष्टिकोण से कार्य सराहनीय
दूसरी ओर पुलिस के अचानक पागलों की सुध लेने से कई तरह की चर्चाएं भी हो रही हैं। ऐसा माना जा रहा है की कुछ नक्सली भी शहर में पागल बनकर
जासूसी करते थे। यदि पुलिस इस उद्देश्य से भी पागलों की सुध ले रही है तो भी सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह प्रयास सराहनीय है।
मानवता के नाते किया कार्य
"पुलिस ने मात्र मानवता के नाते शहर में भटकने वाले पागलों का स्वास्थ्य परीक्षण कराते हजामत कराई एवं नहला धुलाकर उन्हें भोजन कराकर घरों तक पहुंचवाया है। भविष्य में भी पुलिस इस तरह के कार्य करती रहेगी।"
- राजेश जान, टीआई, कांकेर
maharastra police:विदर्भ के 18 पुलिस अफसरों का तबादला
राज्य सरकार ने पुलिस उपाधीक्षक और सहायक पुलिस आयुक्त स्तर के 51 पुलिस अधिकारियों का तबादला किया है। इनमें विदर्भ के 18 पुलिस अधिकारी शामिल हैं। नागपुर के सहायक पुलिस आयुक्त सूर्यभान इंगले का तबादला नागपुर ग्रामीण (सावनेर उपविभाग) में उपविभागीय पुलिस अधिकारी के रूप में किया गया है।
नागपुर समाज कल्याण विभाग में कार्यरत पुलिस उपाधीक्षक भगवान पाटील को खेड (जिला रत्नागिरी) का उपविभागीय पुलिस अधिकारी बनाया गया है, वहीं आर्वी के उपविभागीय पुलिस अधिकारी सुभाष पानसे नागपुर यूओटीसी के पुलिस उपाधीक्षक बनाए गए हैं।
नागपुर के पुलिस उपाधीक्षक हनुमंत गिरी का तबादला नाशिक की पुलिस अकादमी में सहायक निदेशक के तौर पर किया गया है। अचलपुर के उपविभागीय पुलिस अधिकारी पांडुरंग माहुरे को अमरावती में नागरिक अधिकार संरक्षण विभाग का पुलिस उपाधीक्षक बनाया गया है।
वामन खरात अब अमरावती के समाज कल्याण विभाग के नए पुलिस उपाधीक्षक होंगे। वे बीड़ स्थित आष्टी में उपविभागीय पुलिस अधिकारी की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। अकोट के उपविभागीय पुलिस अधिकारी शेख सुलतान शेख फकीरा का औरंगाबाद में तबादला हो गया है। उन्हें नागरिक अधिकार संरक्षण विभाग में पुलिस उपाधीक्षक बनाया गया है।
अंजनगांव के उपविभागीय पुलिस अधिकारी श्रीराम तोडासे अब चंद्रपुर मुख्यालय में पुलिस उपाधीक्षक का कामकाज संभालेंगे। भोकरधन के पुलिस अधिकारी सुनील मालुसरे को पदोन्नति मिली है। उन्हें भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी दी गई है।
अमरावती की अपराध शाखा में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक किरण धोटे का तबादला कारंजा (जिला वाशिम) में उपविभागीय पुलिस अधिकारी के रूप में किया गया है। वहीं वाशिम के उपविभागीय पुलिस अधिकारी जगदेव आखरे कामठी में उपविभागीय पुलिस अधिकारी बनाए गए हैं।
वरोरा के उपविभागीय पुलिस अधिकारी अशोक भरते का तबादला कोल्हापुर में हो गया है। वे गडहिंग्लज में उपविभागीय पुलिस अधिकारी के तौर पर काम करेंगे। अमरावती के उपविभागीय पुलिस अधिकारी सुनील लोखंडे वणी में उसी पद पर भेजे गए हैं।
देउलगांव राजा के उपविभागीय पुलिस अधिकारी मोहन क्षीरसागर अमरावती में सहायक पुलिस आयुक्त बनाए गए हैं। साकोली के उपविभागीय पुलिस अधिकारी दत्तात्रय जाधव को मुंबई भेजा गया है। उन्हें सहायक पुलिस आयुक्त पद का जिम्मा सौंपा गया है।
अमरावती के सहायक पुलिस आयुक्त दिनकर महाजन अचलपुर में उपविभागीय पुलिस अधिकारी बनाए गए हैं। तुमसर उपविभाग के उपविभागीय पुलिस अधिकारी बी.डी.पौनीकर को नागपुर परिक्षेत्र के विशेष पुलिस महानिरीक्षक का वाचक पुलिस उपाधीक्षक नियुक्ति किया गया है।
श्री पौनीकर की जगह पवनी उपविभाग के उपविभागीय पुलिस अधिकारी प्रशांत खैरे लाए गए हैं।
नागपुर समाज कल्याण विभाग में कार्यरत पुलिस उपाधीक्षक भगवान पाटील को खेड (जिला रत्नागिरी) का उपविभागीय पुलिस अधिकारी बनाया गया है, वहीं आर्वी के उपविभागीय पुलिस अधिकारी सुभाष पानसे नागपुर यूओटीसी के पुलिस उपाधीक्षक बनाए गए हैं।
नागपुर के पुलिस उपाधीक्षक हनुमंत गिरी का तबादला नाशिक की पुलिस अकादमी में सहायक निदेशक के तौर पर किया गया है। अचलपुर के उपविभागीय पुलिस अधिकारी पांडुरंग माहुरे को अमरावती में नागरिक अधिकार संरक्षण विभाग का पुलिस उपाधीक्षक बनाया गया है।
वामन खरात अब अमरावती के समाज कल्याण विभाग के नए पुलिस उपाधीक्षक होंगे। वे बीड़ स्थित आष्टी में उपविभागीय पुलिस अधिकारी की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। अकोट के उपविभागीय पुलिस अधिकारी शेख सुलतान शेख फकीरा का औरंगाबाद में तबादला हो गया है। उन्हें नागरिक अधिकार संरक्षण विभाग में पुलिस उपाधीक्षक बनाया गया है।
अंजनगांव के उपविभागीय पुलिस अधिकारी श्रीराम तोडासे अब चंद्रपुर मुख्यालय में पुलिस उपाधीक्षक का कामकाज संभालेंगे। भोकरधन के पुलिस अधिकारी सुनील मालुसरे को पदोन्नति मिली है। उन्हें भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी दी गई है।
अमरावती की अपराध शाखा में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक किरण धोटे का तबादला कारंजा (जिला वाशिम) में उपविभागीय पुलिस अधिकारी के रूप में किया गया है। वहीं वाशिम के उपविभागीय पुलिस अधिकारी जगदेव आखरे कामठी में उपविभागीय पुलिस अधिकारी बनाए गए हैं।
वरोरा के उपविभागीय पुलिस अधिकारी अशोक भरते का तबादला कोल्हापुर में हो गया है। वे गडहिंग्लज में उपविभागीय पुलिस अधिकारी के तौर पर काम करेंगे। अमरावती के उपविभागीय पुलिस अधिकारी सुनील लोखंडे वणी में उसी पद पर भेजे गए हैं।
देउलगांव राजा के उपविभागीय पुलिस अधिकारी मोहन क्षीरसागर अमरावती में सहायक पुलिस आयुक्त बनाए गए हैं। साकोली के उपविभागीय पुलिस अधिकारी दत्तात्रय जाधव को मुंबई भेजा गया है। उन्हें सहायक पुलिस आयुक्त पद का जिम्मा सौंपा गया है।
अमरावती के सहायक पुलिस आयुक्त दिनकर महाजन अचलपुर में उपविभागीय पुलिस अधिकारी बनाए गए हैं। तुमसर उपविभाग के उपविभागीय पुलिस अधिकारी बी.डी.पौनीकर को नागपुर परिक्षेत्र के विशेष पुलिस महानिरीक्षक का वाचक पुलिस उपाधीक्षक नियुक्ति किया गया है।
श्री पौनीकर की जगह पवनी उपविभाग के उपविभागीय पुलिस अधिकारी प्रशांत खैरे लाए गए हैं।
Foreign Police : China Police: चीन को बताएंगे बिहार पुलिस की बर्बरता
बिहार पुलिस की बर्बरता का एक वीडियो इन दिनों इंटरनेट जगत पर सनसनी बना हुआ है। यह वीडियो ३ जून को बिहार के अररिया जिले के फोरबेसगंज में हुई पुलिस फायरिंग का है।
इस फायरिंग में फोरबेसगंज के ब्लॉक रामपुर और भजनपुर गांवों के ५ लोग मारे गए थे। यह लोग एक कारखाने के निर्माण के लिए दो गांवों से जोड़ने वाली सड़क की नाकेबंदी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. पुलिस ने न केवल प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई बल्कि उन्हें उनके घरों तक पीछा करके उन्हें मार डाला पॉइंट ब्लैंक रेंज में जिन छह लोगों को गोली से मार डाला गया उनमें दो महिलाए और एक बच्चा भी शामिल है।
यह वीडियो दिखाता है कि पुलिस किस तरह लोगों पर अत्याचार करते हुए संवेदनहीन हो जाती है। वीडियो में एक युवक घायल पड़ा हुआ दिख रहा है और एक पुलिस वाले उसे अपने जूतों से कुचल रहा है। बाद में यह युवक दम तोड़ देता है। इस वीडियो में पुलिस गोलीबारी में मारे गए गांव के अन्य लोग भी दिखाई दे रहे हैं।
बिहार पुलिस की बर्बरता के खिलाफ दिल्ली में मानवाधिकार संगठन एकजुट हो रहे हैं और इस मुद्दे पर बिहार सरकार से सफाई मांगी जा रही है।
मानवाधिकार कार्यकर्ता और कमिटी फॉर दी जस्टिस टू विक्टीम्स ऑफ़ फोरबिसगंज फायरिंग के सदस्य महताब आलम ने कहा कि हम बिहार सरकार से तीन स्पष्ट मांग करते है। सबसे पहले पूरे घटनाक्रम की उच्च न्यायालय के एक वर्तमान न्यायाधीश से एक समय बद्ध न्यायिक जांच कराई जाए। दूसरे, इस घटना में शामिल सभी पुलिसकर्मियों पर तत्काल भारतीय दंड संहिता की 307 धारा के तहत मामला और उनके खिलाफ एफआईआर के पंजीकरण में शामिल कर्मियों के तत्काल निलंबन और तीसरे, प्रस्तावित सांप्रदायिक हिंसा और लक्षित विधेयक के अनुसार मुआवजे के रूप में प्रत्येक परिवार के लिए कम से कम 10 लाख रुपये और आश्रितों में से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाये।
इन मांगों को 13 जून से पहले नहीं माना गया तो बिहार में अल्पसंख्यकों की हत्याओं को उजागर करते हुए चीनी दूतावास को भी एक ज्ञापन प्रस्तुत किया जाएगा। गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार १३ जून से सद्भावना मिशन पर चीन की यात्रा पर हैं।
इस बीच समिति का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) से मिलकर भी फायरिंग में मारे गए लोगों की घटना की जांच की मांग करेगा।
इस फायरिंग में फोरबेसगंज के ब्लॉक रामपुर और भजनपुर गांवों के ५ लोग मारे गए थे। यह लोग एक कारखाने के निर्माण के लिए दो गांवों से जोड़ने वाली सड़क की नाकेबंदी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. पुलिस ने न केवल प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई बल्कि उन्हें उनके घरों तक पीछा करके उन्हें मार डाला पॉइंट ब्लैंक रेंज में जिन छह लोगों को गोली से मार डाला गया उनमें दो महिलाए और एक बच्चा भी शामिल है।
यह वीडियो दिखाता है कि पुलिस किस तरह लोगों पर अत्याचार करते हुए संवेदनहीन हो जाती है। वीडियो में एक युवक घायल पड़ा हुआ दिख रहा है और एक पुलिस वाले उसे अपने जूतों से कुचल रहा है। बाद में यह युवक दम तोड़ देता है। इस वीडियो में पुलिस गोलीबारी में मारे गए गांव के अन्य लोग भी दिखाई दे रहे हैं।
बिहार पुलिस की बर्बरता के खिलाफ दिल्ली में मानवाधिकार संगठन एकजुट हो रहे हैं और इस मुद्दे पर बिहार सरकार से सफाई मांगी जा रही है।
मानवाधिकार कार्यकर्ता और कमिटी फॉर दी जस्टिस टू विक्टीम्स ऑफ़ फोरबिसगंज फायरिंग के सदस्य महताब आलम ने कहा कि हम बिहार सरकार से तीन स्पष्ट मांग करते है। सबसे पहले पूरे घटनाक्रम की उच्च न्यायालय के एक वर्तमान न्यायाधीश से एक समय बद्ध न्यायिक जांच कराई जाए। दूसरे, इस घटना में शामिल सभी पुलिसकर्मियों पर तत्काल भारतीय दंड संहिता की 307 धारा के तहत मामला और उनके खिलाफ एफआईआर के पंजीकरण में शामिल कर्मियों के तत्काल निलंबन और तीसरे, प्रस्तावित सांप्रदायिक हिंसा और लक्षित विधेयक के अनुसार मुआवजे के रूप में प्रत्येक परिवार के लिए कम से कम 10 लाख रुपये और आश्रितों में से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाये।
इन मांगों को 13 जून से पहले नहीं माना गया तो बिहार में अल्पसंख्यकों की हत्याओं को उजागर करते हुए चीनी दूतावास को भी एक ज्ञापन प्रस्तुत किया जाएगा। गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार १३ जून से सद्भावना मिशन पर चीन की यात्रा पर हैं।
इस बीच समिति का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) से मिलकर भी फायरिंग में मारे गए लोगों की घटना की जांच की मांग करेगा।
Foreign Police : Maxico Police: मैक्सिको पुलिस को चाहिए 'खूबसूरत महिलाएं'
मैक्सिको में ‘सुंदर’ महिला पुलिस की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया है, जिसे लेकर महिला संगठनों में रोष है। पर्यटन पुलिस बल के लिए इस विज्ञापन में आवेदकों से जो खूबियां चाही गई हैं, उनमें 18 से 26 वर्ष के बीच उम्र, कम से कम 5 फुट 5 इंच कद और उसी के अनुपात में वजन तथा अच्छी शारीरिक और मानसिक सेहत प्रमुख हैं।
इस बल में सिर्फ महिलाएं होंगी और सामान्य पुलिस से अलग नजर आने के लिए आकर्षक यूनिफार्म पहनेंगी। इस ‘खूबसूरत’ टूरिस्ट पुलिस के पास कोई हथियार नहीं होगा और आमतौर पर उसका काम पर्यटकों का मार्गदर्शन करना होगा। अधिकारियों को उम्मीद है कि इससे पर्यटन में वृद्धि होगी।
इस बल में सिर्फ महिलाएं होंगी और सामान्य पुलिस से अलग नजर आने के लिए आकर्षक यूनिफार्म पहनेंगी। इस ‘खूबसूरत’ टूरिस्ट पुलिस के पास कोई हथियार नहीं होगा और आमतौर पर उसका काम पर्यटकों का मार्गदर्शन करना होगा। अधिकारियों को उम्मीद है कि इससे पर्यटन में वृद्धि होगी।
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