अहमदाबाद। हावत है कि 'जर', 'जोरू' और 'जमीन' ये तीनों ही चीजें बहुत खतरनाक होती हैं। इस कहावत को सच साबित करती हुई एक घटना है अहमदाबाद की।... एक पुलिस इंस्पेक्टर (पीआई) को अपनी महिला मित्र की वजह से सरेआम एक गुंडे से मार खानी पड़ गई।
हालांकि पीआई ने कुछ ही देर में मौके पर पुलिस कंट्रोल रूम फोन कर पुलिस की टीम तो बुला ली, पर बदनामी के डर से उन्हें इसकी असलियत नहीं बता सके। पुलिस टीम से उन्होंने सिर्फ यही कहा कि हमारे बीच समझौता हो गया है और टीम वापस लौटा दी। लेकिन ऐसी बातें छिपती कहां हैं...! अब पूरे पुलिस डिपार्टमेंट में यह चर्चा जोरों पर चल रही है। इतना ही नहीं अब इंस्पेक्टर साब सफाई देते फिर रहे हैं।
दरअसल पूरा मामला कुछ इस तरह है...पुलिस इंस्पेक्टर की एक महिला मित्र हैं, जिन्होंने एक व्यक्ति से एक लाख रुपए ब्याज पर ले रखे हैं। लेकिन अब वे ब्याज और मूल रकम देने में पीछे हट रही हैं। जब भी युवक मैडम से पैसे मांगता तो वह इन पुलिस इंस्पेक्टर की धमकी दे दिया करतीं कि आप इनसे अपने पैसे ले लीजिए।
इस बात से तंग आकर आखिरकार उस युवक ने पुलिस इंस्पेक्टर से बात करने की ही ठान ली। इधर पीआई ने भी उसे अपनी वर्दी का रौब दिखा दिया और उसे वस्त्रापुर लेक पर मिलने के लिए बुला लिया। मौके पर इंस्पेक्टर साहब ने उसकी पिटाई भी कर दी।
अब यह बात उस युवक के लिए असह्य हो गई कि एक तो मैंने पैसे उधार दिए और अपने ही पैसों के लिए मैं ही मार खा रहा हूं। तो उसने भी वहीं पर अपने दो शागिर्द बुला लिए और पुलिस इंस्पेक्टर की सरेआम धुलाई कर दी।
इसी बात से घबराकर पीआई ने कंट्रोल रूम फोन करके पुलिस की टीम भी बुला ली। लेकिन इसके बाद उन्हें ध्यान आया कि अगर उन्होंने यह बात सबको बता दी तो उनकी बदनामी होगी। इसलिए पुलिस टीम से उन्होंने सिर्फ यही कहा कि हमारे बीच समझौता हो गया है। इसके बाद इन दोनों ने एक ही अस्पताल में उपचार भी कराया।
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Friday, August 26, 2011
Punjab Police: थाना सदर में बना जिला पुलिस लाइन
पठानकोट को जिला बने एक माह का समय हो गया है, लेकिन यहां अभी तक जिला शिक्षा अधिकारी सहित अन्य कार्यालय स्थापित तक नहीं हो पाए हैं तथा उनके जल्द ही खुलने की अभी कोई संभावना तक नहीं दिख रही। दूसरी ओर इन सभी में अहम व तीव्र गति से अपना सेटअप स्थापित करने में पुलिस प्रशासन ने तीव्रता दिखाई है तथा अपने-अपने कार्यालयों के लिए जगह चयनित कर ली है।
एसएसपी ने जहां एक ओर एसपी कार्यालय को अपना दफ्तर बनाया है, वहीं दूसरी ओर एसपी ने डीएसपी तथा डीएसपी ने थाना डिवीजन नम्बर-1 कार्यालय में अपनी-अपनी कुर्सियां लगा ली हैं। जिला पुलिस ने अब थाना सदर की ही बिल्डिंग में जिला पठानकोट पुलिस लाइन शुरू कर दी है। पुलिस के अधिकारिक सूत्र बताते हैं कि किसी भी पुलिस लाइन के लिए भले ही 10 से लेकर 15 एकड़ भूमि की जरूरत होती है, पर फिलहाल मजबूरीवश पुलिस को कुछ मरला भूमि में ही अपना दफ्तर चलाकर समय निकालना होगा।
यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि ये सभी स्थापित किए गए दफ्तर अस्थायी रूप से हैं तथा निकट भविष्य में इन्हें किन्हीं अन्य स्थान पर स्थानांतरित किए जा सकते हैं। थाना सदर के ही कुछ हिस्से की बिल्डिंग में शुरू की गई जिला पठानकोट पुलिस लाइन में जहां एक ओर पुलिस की ओर से कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया है, वहीं दूसरी ओर थाना डिवीजन नम्बर-1 में ओएसआई ब्रांच (जिला की अमला फोर्स का रिकार्ड), हेड क्लर्क ब्रांच (अधिकारिक स्तर पर चिट्ठी पत्र) तथा सिक्योरटी ब्रांच (किस-किस स्थान पर सिक्योरटी स्थापित करना है) ब्रांचें खोली गई हैं।
एसएसपी एसके कालिया ने बताया कि थाना सदर के कुछ हिस्से की बिल्डिंग में जिला पुलिस लाइन स्थापित की गई है। उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से आगामी भविष्य में इस बिल्डिंग को किसी अन्य स्थान पर भी भूमि खरीद कर शिफ्ट किया जा सकता है। इस मौके पर इस प्रतिनिधि ने जब जिला बनने के बाद थानों के विस्तार संबंधी प्रश्न किया गया तो उन्होंने कहा कि फिलहाल इस पर योजना तैयार की जा रही है।
एसएसपी ने जहां एक ओर एसपी कार्यालय को अपना दफ्तर बनाया है, वहीं दूसरी ओर एसपी ने डीएसपी तथा डीएसपी ने थाना डिवीजन नम्बर-1 कार्यालय में अपनी-अपनी कुर्सियां लगा ली हैं। जिला पुलिस ने अब थाना सदर की ही बिल्डिंग में जिला पठानकोट पुलिस लाइन शुरू कर दी है। पुलिस के अधिकारिक सूत्र बताते हैं कि किसी भी पुलिस लाइन के लिए भले ही 10 से लेकर 15 एकड़ भूमि की जरूरत होती है, पर फिलहाल मजबूरीवश पुलिस को कुछ मरला भूमि में ही अपना दफ्तर चलाकर समय निकालना होगा।
यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि ये सभी स्थापित किए गए दफ्तर अस्थायी रूप से हैं तथा निकट भविष्य में इन्हें किन्हीं अन्य स्थान पर स्थानांतरित किए जा सकते हैं। थाना सदर के ही कुछ हिस्से की बिल्डिंग में शुरू की गई जिला पठानकोट पुलिस लाइन में जहां एक ओर पुलिस की ओर से कंट्रोल रूम स्थापित कर दिया गया है, वहीं दूसरी ओर थाना डिवीजन नम्बर-1 में ओएसआई ब्रांच (जिला की अमला फोर्स का रिकार्ड), हेड क्लर्क ब्रांच (अधिकारिक स्तर पर चिट्ठी पत्र) तथा सिक्योरटी ब्रांच (किस-किस स्थान पर सिक्योरटी स्थापित करना है) ब्रांचें खोली गई हैं।
एसएसपी एसके कालिया ने बताया कि थाना सदर के कुछ हिस्से की बिल्डिंग में जिला पुलिस लाइन स्थापित की गई है। उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से आगामी भविष्य में इस बिल्डिंग को किसी अन्य स्थान पर भी भूमि खरीद कर शिफ्ट किया जा सकता है। इस मौके पर इस प्रतिनिधि ने जब जिला बनने के बाद थानों के विस्तार संबंधी प्रश्न किया गया तो उन्होंने कहा कि फिलहाल इस पर योजना तैयार की जा रही है।
Bihar Police: अभयानंद होंगे बिहार के अगले पुलिस महानिदेशक
पटना।। अपर पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण) के पद पर वर्तमान में तैनात वरिष्ठ आईपीएस के अधिकारी अभयानंद बिहार के अगले पुलिस महानिदेशक होंगे।
राज्य के गृह सचिव आमिर सुबहानी ने बताया कि प्रदेश के निवर्तमान पुलिस महानिदेशक नीलमणि के 31 अगस्त को रिटायर होने पर अभयानंद उनका स्थान लेंगे। 1 जनवरी 1955 में जन्मे और 1977 बैच के आईपीएस अधिकारी अभयानंद वर्तमान में अपर पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण) के साथ-साथ अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस तकनीकी सेवा और संचार के अतिरिक्त प्रभार में भी हैं।
अभयानंद को राज्य का पुलिस महानिदेशक बनाए जाने के साथ-साथ राज्य के तीन अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों शफी आलम, ए. के. गुप्ता और आर. सी. सिन्हा की प्रोन्नति पुलिस महानिदेशक रैंक में की गई है।
राज्य के गृह सचिव आमिर सुबहानी ने बताया कि प्रदेश के निवर्तमान पुलिस महानिदेशक नीलमणि के 31 अगस्त को रिटायर होने पर अभयानंद उनका स्थान लेंगे। 1 जनवरी 1955 में जन्मे और 1977 बैच के आईपीएस अधिकारी अभयानंद वर्तमान में अपर पुलिस महानिदेशक (प्रशिक्षण) के साथ-साथ अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस तकनीकी सेवा और संचार के अतिरिक्त प्रभार में भी हैं।
अभयानंद को राज्य का पुलिस महानिदेशक बनाए जाने के साथ-साथ राज्य के तीन अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों शफी आलम, ए. के. गुप्ता और आर. सी. सिन्हा की प्रोन्नति पुलिस महानिदेशक रैंक में की गई है।
TN Police: तमिलनाडु पुलिस ने मद्रास उच्च न्यायालय को बताया, सचिन, सायना के खिलाफ मामला दर्ज नहीं कर सकते
मदुरै (तमिलनाडु)। तमिलनाडु पुलिस ने मद्रास उच्च न्यायालय को बताया है कि वह कानूनी रुकावटों के कारण अनुभवी बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर और टेनिस खिलाड़ी सानिया मिर्जा के खिलाफ कथित रूप से तिरंगे झंडे का अपमान करने का मामला दर्ज नहीं कर सकती है।
शहर के एक वकील बी स्टालिन ने सचिन, सानिया और कई अन्य लोगों के खिलाफ तिरंगे के अपमान का मामला मदुरै पुलिस के पास दर्ज कराने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी जिसके जवाब में मेलुर पुलिस थाने के पुलिस निरीक्षक के मदासामी ने अदालत में मंगलवार शाम एक शपथपत्र दायर करके कहा, तिरंगे के अपमान का यह कथित मामला भारत के बाहर अंजाम दिया गया था और जिन लोगों के खिलाफ शिकायत की गई है वे तमिलनाडु के निवासी नहीं है इसलिए उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का अधिकार उनके पास नहीं है। मदासामी ने कहा कि याचिकाकर्ता खुद एक वकील हैं और उन्हें इस बारे में जानकारी थी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अदालत में याचिका दायर कर उसका कीमती समय बर्बाद किया है। स्टालिन ने 23 मई को याचिका दायर करके कहा था कि उच्च न्यायालय राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के आरोप में इन सिलेब्रिटीज के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज के लिए पुलिस को निर्देश दे।
स्टालिन ने आरोप लगाया है कि सचिन ने 10 मार्च को जमैका में ऐसा केक काटा था जिस पर कथित रूप से राष्ट्रीय ध्वज बना हुआ था। साथ ही सानिया ने भी 19 मई को एक फोटो शूट के दौरान एक ऐसे गिटार पर पैर रखकर चित्र खिंचवाया था जिसपर तिरंगा बना हुआ था। अभिनेत्री और कमेंटेटर मंदिरा बेदी पर 29 अप्रैल 2007 को तिरंगी झंडे के रंगों वाली साडी पहनने का आरोप है और एक आईसीसी अधिकारी पर इस वर्ष 31 मार्च को राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाया गया है। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने इसके चित्र समाचार पत्रों, टीवी और इंटरनेट पर देखे हैं।
शहर के एक वकील बी स्टालिन ने सचिन, सानिया और कई अन्य लोगों के खिलाफ तिरंगे के अपमान का मामला मदुरै पुलिस के पास दर्ज कराने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी जिसके जवाब में मेलुर पुलिस थाने के पुलिस निरीक्षक के मदासामी ने अदालत में मंगलवार शाम एक शपथपत्र दायर करके कहा, तिरंगे के अपमान का यह कथित मामला भारत के बाहर अंजाम दिया गया था और जिन लोगों के खिलाफ शिकायत की गई है वे तमिलनाडु के निवासी नहीं है इसलिए उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का अधिकार उनके पास नहीं है। मदासामी ने कहा कि याचिकाकर्ता खुद एक वकील हैं और उन्हें इस बारे में जानकारी थी, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अदालत में याचिका दायर कर उसका कीमती समय बर्बाद किया है। स्टालिन ने 23 मई को याचिका दायर करके कहा था कि उच्च न्यायालय राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के आरोप में इन सिलेब्रिटीज के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज के लिए पुलिस को निर्देश दे।
स्टालिन ने आरोप लगाया है कि सचिन ने 10 मार्च को जमैका में ऐसा केक काटा था जिस पर कथित रूप से राष्ट्रीय ध्वज बना हुआ था। साथ ही सानिया ने भी 19 मई को एक फोटो शूट के दौरान एक ऐसे गिटार पर पैर रखकर चित्र खिंचवाया था जिसपर तिरंगा बना हुआ था। अभिनेत्री और कमेंटेटर मंदिरा बेदी पर 29 अप्रैल 2007 को तिरंगी झंडे के रंगों वाली साडी पहनने का आरोप है और एक आईसीसी अधिकारी पर इस वर्ष 31 मार्च को राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने का आरोप लगाया गया है। उन्होंने दावा किया कि उन्होंने इसके चित्र समाचार पत्रों, टीवी और इंटरनेट पर देखे हैं।
UP Police: Police Policy: जल्दी ही पुलिस के डंडे बीते दिनों की बात होगी
नोएडा॥ पुलिस के हाथ में दिखाई देने वाले लड़की के डंडे बीते दिनों की बात होने जा रह हैं। यूपी पुलिस ने लकड़ी के डंडों की जगह प्लास्टिक के स्पेशल डंडे पुलिसवालों के हाथों में थमाए हैं। यह डंडा सांइटिफिक तरीके से वक्त की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया है।
लखनऊ पुलिस हेडक्वॉर्टर से यूपी पुलिस को जारी किए गए प्लास्टिक के इन डंडों की कई खूबियां हैं। इससे पहले पीएसी को इस फाइबर डंडे से लैस किया जा चुका है। अब सेकंड राउंड में सिविल पुलिस को ये दिए जा रहे हैं। लगभग 150 ग्राम और साढ़े तीन फुट का यह डंडा पहली नजर में प्लास्टिक का पारदर्शी पाइप लगता है लेकिन इस डंडे का कमाल यह है कि इससे हड्डी नहीं टूटेगी। यह डंडा शरीर के जिस हिस्से में पड़ेगा उसे लाल कर देगा और आवाज भी नहीं करेगा। इससे सिर फूटने की भी कोई गुंजाइश नहीं है। डंडा महंगा है, इस बात को ध्यान में रखते हुए पुलिसवालों को ड्यूटी के बाद डंडा मालखाने में जमा कराना होगा। यदि खो गया तो जुर्माना तय है। नोएडा पुलिस के हाथ में इन दिनों इन्हीं डंडों को देखा जा सकता है। लगभग 400 डंडे जिले की पुलिस के लिए आए हैं।
लखनऊ पुलिस हेडक्वॉर्टर से यूपी पुलिस को जारी किए गए प्लास्टिक के इन डंडों की कई खूबियां हैं। इससे पहले पीएसी को इस फाइबर डंडे से लैस किया जा चुका है। अब सेकंड राउंड में सिविल पुलिस को ये दिए जा रहे हैं। लगभग 150 ग्राम और साढ़े तीन फुट का यह डंडा पहली नजर में प्लास्टिक का पारदर्शी पाइप लगता है लेकिन इस डंडे का कमाल यह है कि इससे हड्डी नहीं टूटेगी। यह डंडा शरीर के जिस हिस्से में पड़ेगा उसे लाल कर देगा और आवाज भी नहीं करेगा। इससे सिर फूटने की भी कोई गुंजाइश नहीं है। डंडा महंगा है, इस बात को ध्यान में रखते हुए पुलिसवालों को ड्यूटी के बाद डंडा मालखाने में जमा कराना होगा। यदि खो गया तो जुर्माना तय है। नोएडा पुलिस के हाथ में इन दिनों इन्हीं डंडों को देखा जा सकता है। लगभग 400 डंडे जिले की पुलिस के लिए आए हैं।
Mumbai Police: 30% weapons in police armoury are non-functional
The police will face a serious problem if they have to combat an emergency situation wherein weapons are required to combat criminal or terrorist elements. A recent stock taking of the police weapons kept in the armoury has shown that 30% of the weapons are non-functional.
The police chief, taking a serious note of the situation, has sought an explanation from the officials in-charge of the armoury. “It was learnt that out of approximately 1500 9mm pistols and .38 bore revolvers, 500 were found to be defective,” said a senior police officer, requesting anonymity.
These weapons are kept in reserve in the main armoury of the Local Arms Division and are supplied to the police stations whenever required. A senior police officer said that this was a serious issue and should be addressed immediately.
The police sources said that police commissioner Arup Patnaik was fuming when he learnt about the defective weapons and has sought a detailed explanation from additional commissioner of police, Local Arms Division, M Lohia as to what kind of defects are there in the weapon, why the defects were there and if the weapons were being maintained properly.
Patnaik confirmed the issue but refused to comment on the issue.
The police chief, taking a serious note of the situation, has sought an explanation from the officials in-charge of the armoury. “It was learnt that out of approximately 1500 9mm pistols and .38 bore revolvers, 500 were found to be defective,” said a senior police officer, requesting anonymity.
These weapons are kept in reserve in the main armoury of the Local Arms Division and are supplied to the police stations whenever required. A senior police officer said that this was a serious issue and should be addressed immediately.
The police sources said that police commissioner Arup Patnaik was fuming when he learnt about the defective weapons and has sought a detailed explanation from additional commissioner of police, Local Arms Division, M Lohia as to what kind of defects are there in the weapon, why the defects were there and if the weapons were being maintained properly.
Patnaik confirmed the issue but refused to comment on the issue.
UP Police: अन्ना के मंच से भाषण देने वाले सिपाही पर होगी कार्रवाई
उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा है कि बुधवार को दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंच कर अन्ना हजारे के मंच से प्रदेश के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की आलोचना करने वाले निलंबित सिपाही के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
जानें कौन हैं अन्ना हजारे
राज्य पुलिस के निलंबित सिपाही यादव द्वारा बुधवार रामलीला मैदान में अन्ना के मंच से की गयी बयानबाजी के बारे में पूछे जाने पर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक एपी माहेश्वरी ने कहा कि उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
अन्ना के आंदोलन पर विशेष कवरेज
गौरतलब है कि वह पुलिस की वर्दी में मंच पर गया था. माहेश्वरी ने कहा कि निलंबित सिपाही को वर्दी पहनने का अधिकार नहीं है और यादव ने रामलीला मैदान में भाषण देकर अनुशासन तोड़ा है. उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी.
जानें कौन हैं अन्ना हजारे
राज्य पुलिस के निलंबित सिपाही यादव द्वारा बुधवार रामलीला मैदान में अन्ना के मंच से की गयी बयानबाजी के बारे में पूछे जाने पर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक एपी माहेश्वरी ने कहा कि उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.
अन्ना के आंदोलन पर विशेष कवरेज
गौरतलब है कि वह पुलिस की वर्दी में मंच पर गया था. माहेश्वरी ने कहा कि निलंबित सिपाही को वर्दी पहनने का अधिकार नहीं है और यादव ने रामलीला मैदान में भाषण देकर अनुशासन तोड़ा है. उनके विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी.
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