Effecting a reshuffle in the police department, the Uttarakhand government has shifted 14 police officials including, nine IPS, official sources on Friday said. G N Goswami, who was till now holding the post of commandant, 31st battalion PAC at Rudrapur, has been made new SSP of Dehra
Dun. Goswami would replace G S Martolia, who would now be the new SSP of Udhamsingh Nagar district.
Ajay Rautela, who was till now the SSP of Udhamsingh Nagar, has now been shifted to Rudrapur as the Commandant of 31st battalion of PAC.
SP of Pauri district Arun Mohan Joshi has been shifted to police headquarters as SP of CID replacing Janmejay Khanduri, who has been transferred to Chamoli as SP.
Anant Ram Chauhan, who was holding post of SP in Chamoli district, has now been shifted to Nainital as SSP. Chauhan would take place of Mohan Singh Bangyal, who has been transferred to police headquarters as SP, personnel.
SP of Champawat district Anant Shankar has been made the new SP of Pauri district. The commandant of Indian Reserve Battalion first Sainthil Abudai Krishna would take the place of Shankar.
Besides, the responsibilities of five PPSs have also been changed. SP (City) of Dehra Dun Ajay Joshi would now look after the responsibility of SP traffic, Dehra Dun. Joshi would be replaced by ASP of Pauri Jaswant Singh.
SP (City) of Haridwar K L Shah has been made SP traffic of Haridwar. Shah would be replaced by Yogendra Singh Rawat, who was till now looking after the responsibility of ASP in 40th battalion of PAC at Haldwani.
Haldwani ASP D S Gunjyal has been shifted to Pauri as ASP in place of Singh.
पुलिस की खबरें, सिर्फ पुलिस के लिए ...... An International Police Blog for police personnels and their family, their works, their succes, promotion and transfer, work related issues, their emotions,their social and family activities, their issues and all which related to our police personnels.
Friday, August 26, 2011
Delhi Police: Anna - Police: Delhi Police to crack down on rowdy 'lokpal protesters'
Delhi Police has been asked to crack down on hooligans who indulged in violence during the anti-corruption campaign led by Anna Hazare even as two persons were arrested for beating policemen on duty in the wee hours on Friday. Taking strong exception to the incident that took place at 3
am when some people after consuming alcohol beat some policemen mercilessly, the Union Home Ministry asked Delhi Police to deal with such elements with an iron hand.
Traffic Police has also been asked to ensure discipline on roads as there were complaints of rowdyism with bikers performing stunts and also troubling other vehicle owners.
A senior ministry official said that that police cannot turn blind eye to eve teasing and hooliganism in the garb of nationalism.
Government sources said two persons were arrested and hunt was launched on to nab others as such incidents were totally unacceptable.
High drama ensued well past after midnight at the VIP gate of Ramlila Maidan here where Hazare is sitting on a protest fast, as a group of people clashed with policemen and dismantled barricades.
A group of people got into a tiff with some policemen deployed at the rear gate of the maidan around 3 am. The youth heckled the policemen and hit them with sticks when they tried to stop their group from opening the iron gate, being used as VIP gate.
The group brought down the barricades and shouted slogans as policemen tried to persuade them to go away.
am when some people after consuming alcohol beat some policemen mercilessly, the Union Home Ministry asked Delhi Police to deal with such elements with an iron hand.
Traffic Police has also been asked to ensure discipline on roads as there were complaints of rowdyism with bikers performing stunts and also troubling other vehicle owners.
A senior ministry official said that that police cannot turn blind eye to eve teasing and hooliganism in the garb of nationalism.
Government sources said two persons were arrested and hunt was launched on to nab others as such incidents were totally unacceptable.
High drama ensued well past after midnight at the VIP gate of Ramlila Maidan here where Hazare is sitting on a protest fast, as a group of people clashed with policemen and dismantled barricades.
A group of people got into a tiff with some policemen deployed at the rear gate of the maidan around 3 am. The youth heckled the policemen and hit them with sticks when they tried to stop their group from opening the iron gate, being used as VIP gate.
The group brought down the barricades and shouted slogans as policemen tried to persuade them to go away.
Delhi Police: Anna - Police: गिनती भूली दिल्ली पुलिस, रविवार को इंडिया गेट से रामलीला मैदान तक रैली में बताए सिर्फ तीन हजार लोग। हा हा हा
अन्ना हजारे के समर्थन में रविवार को इंडिया गेट से रामलीला मैदान तक रैली निकाली गई। इसमें जन सैलाब उमड़ पड़ा , मगर पुलिस का कहना था कि शाम 6:30 बजे की रिपोर्ट के मुताबिक रैली में करीब 3000 लोग ही थे और रामलीला मैदान में शाम 7:30 बजे तक 30 से 32 हजार लोग थे।
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत के मुताबिक , प्रधानमंत्री डॉ . मनमोहन सिंह के सरकारी आवास 7, रेस कोर्स के पास तक कुछ अन्ना समर्थक पहुंच गए थे। पुलिस ने इन्हें वहां से हटाया था , लेकिन किसी को हिरासत में नहीं लिया गया। उन्होंने यह भी बताया कि 3, मूर्ति रोड स्थित केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के आवास सहित नई दिल्ली एरिया में जितने भी सांसद और मंत्रियों के घर हैं वहां सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि रविवार को इंडिया गेट से रामलीला मैदान तक निकली रैली में भी अतिरिक्त पुलिस फोर्स लगाई गई थी। रैली की वजह से कई इलाकों में भारी जाम भी लगा।
खुद आईबी की रिपोर्ट में भी रैली की वजह से रामलीला मैदान में एक लाख से अधिक लोगों के पहुंचने की संभावना जताई गई थी। पुलिस को लग रहा है कि सोमवार को जन्माष्टमी होने की वजह से भी रामलीला मैदान में काफी लोग पहुंचेंगे। हालांकि जन्माष्टमी के लिए विभिन्न मंदिरों में भी पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई है। मगर पुलिस की सबसे बड़ी चिंता रामलीला मैदान है। पुलिस का कहना है कि अभी तक वहां सब कुछ शांति पूर्ण तरीके से चल रहा है। इसलिए पुलिस बल की कुछ अधिक संख्या बढ़ाने पर जोर नहीं दिया जा रहा है। लेकिन रविवार के बाद सोमवार को पुलिस फोर्स की संख्या में जरूर बढ़ोतरी की जाएगी। ऐसा वहां कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए किया जाएगा। मगर सब कुछ हालात पर ही निर्भर करेगा।
दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत के मुताबिक , प्रधानमंत्री डॉ . मनमोहन सिंह के सरकारी आवास 7, रेस कोर्स के पास तक कुछ अन्ना समर्थक पहुंच गए थे। पुलिस ने इन्हें वहां से हटाया था , लेकिन किसी को हिरासत में नहीं लिया गया। उन्होंने यह भी बताया कि 3, मूर्ति रोड स्थित केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल के आवास सहित नई दिल्ली एरिया में जितने भी सांसद और मंत्रियों के घर हैं वहां सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
पुलिस सूत्रों का कहना है कि रविवार को इंडिया गेट से रामलीला मैदान तक निकली रैली में भी अतिरिक्त पुलिस फोर्स लगाई गई थी। रैली की वजह से कई इलाकों में भारी जाम भी लगा।
खुद आईबी की रिपोर्ट में भी रैली की वजह से रामलीला मैदान में एक लाख से अधिक लोगों के पहुंचने की संभावना जताई गई थी। पुलिस को लग रहा है कि सोमवार को जन्माष्टमी होने की वजह से भी रामलीला मैदान में काफी लोग पहुंचेंगे। हालांकि जन्माष्टमी के लिए विभिन्न मंदिरों में भी पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई है। मगर पुलिस की सबसे बड़ी चिंता रामलीला मैदान है। पुलिस का कहना है कि अभी तक वहां सब कुछ शांति पूर्ण तरीके से चल रहा है। इसलिए पुलिस बल की कुछ अधिक संख्या बढ़ाने पर जोर नहीं दिया जा रहा है। लेकिन रविवार के बाद सोमवार को पुलिस फोर्स की संख्या में जरूर बढ़ोतरी की जाएगी। ऐसा वहां कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए किया जाएगा। मगर सब कुछ हालात पर ही निर्भर करेगा।
Happy B'Day: जन्मदिन मुबारक: दोस्तों, आज हमारे पुलिस साथी अनिल कुमार, राजस्थान पुलिस का जन्मदिन है। बधाई देने के लिए लिंक पर क्लिक करें।
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Delhi Police: Anna - Police: रामलीला मैदान पर गांधीगीरी करती दिल्ली पुलिस
भ्रष्टाचार के विरोध में अन्ना हजारे के अनशन के पहले दिन उन्हें जेल में डालने वाली दिल्ली पुलिस उस दिन के बाद से गांधीगीरी करती नजर आ रही है। पुलिस का यह तरीका निश्चित ही लोगों को आश्चर्यचकित करने वाला है। पुलिस आंदोलनकारियों से पूरे सम्मान के साथ बात कर रही है। पुलिसकर्मियों का यह रूप केवल दिखाने तक सीमित नहीं है। उनके व्यवहार व बातचीत के लहजे में भी बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। जरूरत पड़ने पर पुलिस आंदोलनकारियों की मदद भी कर रही है। यही नहीं, लोगों द्वारा कोई बात न माने जाने पर पुलिस हाथ जोड़ने से भी गुरेज नहीं कर रही है। रामलीला मैदान के प्रवेश द्वार पर हाथ जोड़कर लोगों से कतार में आने का आग्रह करते पुलिसकर्मियों के हाथ में महज गुलाब के फूलों की ही कमी रह गई है, अन्यथा उनकी गांधीगीरी में कोई कमी नहीं है।
दिल्लीवासी जो पुलिस के रौद्र रूप से भलीभांति वाकिफ हैं, उसे नए व सभ्य रूप में देखकर आश्चर्यचकित हैं। पुलिस के सामने गांधीगीरी की वजह भले ही कुछ भी हो, लेकिन उसका यह बदला हुआ रूप निश्चित ही लोगों को पसंद आ रहा है।
दिल्ली पुलिस से हमेशा ही यह अपेक्षा की जाती रही है कि वह अपराधियों के साथ भले ही कड़ाई से पेश आए लेकिन आम लोगों के साथ उसका बर्ताव सभ्य और शालीन हो। लेकिन यह निराशाजनक ही रहा कि पुलिस आम नागरिकों के साथ भी रूखा बर्ताव करती आई है। राष्ट्रमंडल खेल के दौरान तो पुलिसकर्मियों को यह प्रशिक्षण भी दिया गया था कि वह कैसे लोगों के साथ शालीनता से पेश आएं। इसके बावजूद स्थिति में जरा भी सुधार नजर नहीं आया।
बीते दिनों रामलीला मैदान में बाबा रामदेव के समर्थकों पर आधी रात में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई भी लोग अब तक नहीं भूल सके हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के अनशन के दौरान पुलिस जिस रूप में दिख रही है, दिल्लीवासी उसे हमेशा उसी रूप में देखना चाहते हैं। इसके लिए आवश्यक है कि पुलिस के आला अधिकारी समय-समय पर कार्यशाला लगाकर पुलिस को सभ्य और शालीन बने रहने के प्रति प्रेरित करें। अपराधियों से निपटने के लिए पुलिसकर्मियों का सख्त होना जरूरी है, लेकिन आम लोगों के साथ उन्हें हमेशा पूरे सम्मान और सौहार्द के साथ पेश आना चाहिए। दिल्ली में पुलिस लोगों को परेशान करती नहीं, अपितु उनकी परेशानी दूर करती दिखनी चाहिए।
दिल्लीवासी जो पुलिस के रौद्र रूप से भलीभांति वाकिफ हैं, उसे नए व सभ्य रूप में देखकर आश्चर्यचकित हैं। पुलिस के सामने गांधीगीरी की वजह भले ही कुछ भी हो, लेकिन उसका यह बदला हुआ रूप निश्चित ही लोगों को पसंद आ रहा है।
दिल्ली पुलिस से हमेशा ही यह अपेक्षा की जाती रही है कि वह अपराधियों के साथ भले ही कड़ाई से पेश आए लेकिन आम लोगों के साथ उसका बर्ताव सभ्य और शालीन हो। लेकिन यह निराशाजनक ही रहा कि पुलिस आम नागरिकों के साथ भी रूखा बर्ताव करती आई है। राष्ट्रमंडल खेल के दौरान तो पुलिसकर्मियों को यह प्रशिक्षण भी दिया गया था कि वह कैसे लोगों के साथ शालीनता से पेश आएं। इसके बावजूद स्थिति में जरा भी सुधार नजर नहीं आया।
बीते दिनों रामलीला मैदान में बाबा रामदेव के समर्थकों पर आधी रात में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई भी लोग अब तक नहीं भूल सके हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के अनशन के दौरान पुलिस जिस रूप में दिख रही है, दिल्लीवासी उसे हमेशा उसी रूप में देखना चाहते हैं। इसके लिए आवश्यक है कि पुलिस के आला अधिकारी समय-समय पर कार्यशाला लगाकर पुलिस को सभ्य और शालीन बने रहने के प्रति प्रेरित करें। अपराधियों से निपटने के लिए पुलिसकर्मियों का सख्त होना जरूरी है, लेकिन आम लोगों के साथ उन्हें हमेशा पूरे सम्मान और सौहार्द के साथ पेश आना चाहिए। दिल्ली में पुलिस लोगों को परेशान करती नहीं, अपितु उनकी परेशानी दूर करती दिखनी चाहिए।
Foreign Police: Nepal Police Station: नेपाल की एक अनूठी पुलिस चौकी
ये एक अनूठा प्रयोग था. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की मानें तो प्रायोगिक तौर पर शुरू हुई ये योजना काफ़ी कारगर साबित हुई है.
पश्चिमी नेपाल के पोखरा शहर की छोरेपाटन पुलिस चौकी पर तीन महीने पहले सभी महिला पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था. और आज वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अपने फ़ैसले से काफ़ी ख़ुश हैं.
कसकी के ज़िला पुलिस प्रमुख यादव राज खनाल ने बताया, "वे काफ़ी अच्छा काम कर रही हैं. हमने स्थानीय लोगों से बात की है और उनका काम उस चौकी पर तैनात पुरुष पुलिसकर्मियों से बेहतर रहा है."
इस चौकी की 20 महिला पुलिसकर्मियों का नेतृत्व सब इंस्पेक्टर गीता राणाभट कर रही हैं. वे कहती हैं, "ये हमारे लिए बहुत अच्छा मौक़ा है. लेकिन ये एक चुनौती भी है."
चुनौती
पहले हमें पुरुष सहकर्मियों के साथ काम करना पड़ता था. यहाँ हम सभी महिलाएँ हैं. ये एक अलग तरह का अनुभव है. हम इसका आनंद ले रहे हैं
कांस्टेबल परमेश्वरी नेपाली
वास्तव में ये चुनौती छोटी नहीं है. छोरेपाटन पुलिस चौकी के पुलिसकर्मियों को आसपास के गाँवों के क़रीब 27 हज़ार लोगों की सुरक्षा ज़रूरतों का ख़्याल रखना पड़ता है.
कांस्टेबल परमेश्वरी नेपाली ने बताया, "पहले हमें पुरुष सहकर्मियों के साथ काम करना पड़ता था. यहाँ हम सभी महिलाएँ हैं. ये एक अलग तरह का अनुभव है. हम इसका आनंद ले रहे हैं."
ये महिला पुलिसकर्मी इलाक़े की गश्त करती हैं, अपनी पुलिस चौकी की सुरक्षा करती हैं और साथ ही इन पर अपराध पर नियंत्रण रखने और जाँच की भी ज़िम्मेदारी है.
वास्तव में प्रशासन ने छोरेपाटन पुलिस चौकी को लेकर एक ख़ास लक्ष्य रखा था.
सराहना
नेपाल पुलिस में महिलाओं की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है. अभी तक ऐसी पुलिस चौकियाँ हुआ करती थी, जिनमें ज़्यादातर पुरुष और कुछ महिलाएँ काम करती थी. हम ये देखना चाहते थे कि कैसे सिर्फ़ महिलाकर्मियों वाली पुलिस चौकी काम करती है
उपेंद्रकांत अरयाल, पुलिस उप महानिरीक्षक
पुलिस उप महानिरीक्षक उपेंद्रकांत अरयाल कहते हैं, "नेपाल पुलिस में महिलाओं की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है. अभी तक ऐसी पुलिस चौकियाँ हुआ करती थी, जिनमें ज़्यादातर पुरुष और कुछ महिलाएँ काम करती थी. हम ये देखना चाहते थे कि कैसे सिर्फ़ महिलाकर्मियों वाली पुलिस चौकी काम करती है."
बीबीसी संवाददाता नारायण कार्की का कहना है कि इस पुलिस चौकी की हर तरफ़ से सराहना हो रही है. स्थानीय लोग भी काफ़ी ख़ुश हैं.
एक स्थानीय निवासी सुषमा पौडेल ने कहा, "हम महिला पुलिसकर्मियों के काम से संतुष्ट हैं. वे सामाजिक सुधारों में भी शामिल हैं."
छोरेपाटन देश की एक हज़ार से ज़्यादा पुलिस चौकियों में से ऐसी पहली चौकी है, जहाँ ये अनूठा प्रयोग हुआ है. नेपाल पुलिस में इस समय 60,000 लोग काम करते हैं, जिनमें से सिर्फ़ 3500 महिलाएँ हैं.
पश्चिमी नेपाल के पोखरा शहर की छोरेपाटन पुलिस चौकी पर तीन महीने पहले सभी महिला पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था. और आज वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अपने फ़ैसले से काफ़ी ख़ुश हैं.
कसकी के ज़िला पुलिस प्रमुख यादव राज खनाल ने बताया, "वे काफ़ी अच्छा काम कर रही हैं. हमने स्थानीय लोगों से बात की है और उनका काम उस चौकी पर तैनात पुरुष पुलिसकर्मियों से बेहतर रहा है."
इस चौकी की 20 महिला पुलिसकर्मियों का नेतृत्व सब इंस्पेक्टर गीता राणाभट कर रही हैं. वे कहती हैं, "ये हमारे लिए बहुत अच्छा मौक़ा है. लेकिन ये एक चुनौती भी है."
चुनौती
पहले हमें पुरुष सहकर्मियों के साथ काम करना पड़ता था. यहाँ हम सभी महिलाएँ हैं. ये एक अलग तरह का अनुभव है. हम इसका आनंद ले रहे हैं
कांस्टेबल परमेश्वरी नेपाली
वास्तव में ये चुनौती छोटी नहीं है. छोरेपाटन पुलिस चौकी के पुलिसकर्मियों को आसपास के गाँवों के क़रीब 27 हज़ार लोगों की सुरक्षा ज़रूरतों का ख़्याल रखना पड़ता है.
कांस्टेबल परमेश्वरी नेपाली ने बताया, "पहले हमें पुरुष सहकर्मियों के साथ काम करना पड़ता था. यहाँ हम सभी महिलाएँ हैं. ये एक अलग तरह का अनुभव है. हम इसका आनंद ले रहे हैं."
ये महिला पुलिसकर्मी इलाक़े की गश्त करती हैं, अपनी पुलिस चौकी की सुरक्षा करती हैं और साथ ही इन पर अपराध पर नियंत्रण रखने और जाँच की भी ज़िम्मेदारी है.
वास्तव में प्रशासन ने छोरेपाटन पुलिस चौकी को लेकर एक ख़ास लक्ष्य रखा था.
सराहना
नेपाल पुलिस में महिलाओं की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है. अभी तक ऐसी पुलिस चौकियाँ हुआ करती थी, जिनमें ज़्यादातर पुरुष और कुछ महिलाएँ काम करती थी. हम ये देखना चाहते थे कि कैसे सिर्फ़ महिलाकर्मियों वाली पुलिस चौकी काम करती है
उपेंद्रकांत अरयाल, पुलिस उप महानिरीक्षक
पुलिस उप महानिरीक्षक उपेंद्रकांत अरयाल कहते हैं, "नेपाल पुलिस में महिलाओं की संख्या धीरे-धीरे बढ़ रही है. अभी तक ऐसी पुलिस चौकियाँ हुआ करती थी, जिनमें ज़्यादातर पुरुष और कुछ महिलाएँ काम करती थी. हम ये देखना चाहते थे कि कैसे सिर्फ़ महिलाकर्मियों वाली पुलिस चौकी काम करती है."
बीबीसी संवाददाता नारायण कार्की का कहना है कि इस पुलिस चौकी की हर तरफ़ से सराहना हो रही है. स्थानीय लोग भी काफ़ी ख़ुश हैं.
एक स्थानीय निवासी सुषमा पौडेल ने कहा, "हम महिला पुलिसकर्मियों के काम से संतुष्ट हैं. वे सामाजिक सुधारों में भी शामिल हैं."
छोरेपाटन देश की एक हज़ार से ज़्यादा पुलिस चौकियों में से ऐसी पहली चौकी है, जहाँ ये अनूठा प्रयोग हुआ है. नेपाल पुलिस में इस समय 60,000 लोग काम करते हैं, जिनमें से सिर्फ़ 3500 महिलाएँ हैं.
UP Police: SSP beats BJP Leder: गाजियाबाद एसएसपी ने बीजेपी के मीडिया प्रभारी को पीटा
गाजियाबाद
गाजियाबाद में शुक्रवार को एसएसपी की गुंडागर्दी देखने को मिली। एसएसपी ने अपनी फरियाद लेकर आए एक फरियादी को अपने कार्यालय में जमकर पीटा। हैरान करने वाली बात ये रही कि एसएसपी ने पत्रकारों की भी परवाह नहीं की, घटना के समय ऑफिस में पत्रकार भी मौजूद थे। इस घटना के बाद बीजेपी ने कोतवाली पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। एसएसपी के इस तानाशाही रवैये से लोगों में जबरदस्त रोष है। जानकारी के मुताबिक आज दोपहर अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य व भाजपा के मीडिया प्रभारी एस.पी सिंह अपने बेटे के फेसबुक अकाउंट हैक होने की शिकायत लेकर एसएसपी कार्यालय पहुंचे और एसएसपी साहब को अपनी समस्या बताई। इस पर एसएसपी ने एसपी सिंह से कहा की वह इस संबंध में पुलिस उपाधीक्षक से मिलें और अपनी शिकायत वहां दें। एसएसपी साहब की इस बात पर एसपी ने बताया कि वह कई दिनों से पुलिस के चक्कर काट रहा है लेकिन कोई उनकी सुनने को तैयार नहीं है। इस संबंध मैं कई बार आपसे भी मिल चुका हूं लेकिन समस्या का हल अब तक नहीं हुआ है। बस इसी बात पर एसएसपी रधुवीर ने सरदार एसपी सिंह को कार्याल्य में मौजूद पत्रकारों के सामने ही जबरदस्ती पकड़कर पीटना शुरू कर दिया। एसएसपी के इस तानाशाही रवैये की चौतरफा निंदा हो रही है।
जैसे ही इस बात की जानकारी भाजपा कार्यकर्ताओं को लगी तो उन्होंने एसएसपी के इस तानाशाही रवैये के खिलाफ कोतवाली के सामने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। गाजियाबाद एसएसपी की दबंगई से लोगों में भारी रोष व्याप्त है। लोगों के बढ़ते रोष व बीजेपी कार्यकर्ताओं के एसएसपी के खिलाफ हल्ला बोल करने के बाद तुरंत एसएसपी मौके पर पहुंचे लेकिन यहां रघुवीर लाल के सुर बिल्कुल बदले नजर आए। उन्होंने बताया कि मानसिक दबाव के चलते उनके द्वारा ऐसी गलती हो गई लेकिन सवाल यहां यह पैदा होता है कि ऐसा कौन सा मानसिक दबाव है कि एसएसपी साहब को अपराधी और फरियादी में फर्क ही नजर नहीं आया। हालांकि बाद में एसएसपी ने अपने द्वारा हुई गलती की माफी मांग ली।
आपको बता दें कि एसएसपी की गुडई का यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी वह कई फरियादियों के साथ इस तरह का बर्ताव कर चुके हैं इतना ही नहीं रघुवीर लाल के द्वारा उनके आधीनस्थ कर्मचारियों के साथ भी गाली-गलौच करने की खबरें कई बार सुनने को मिल चुकी हैं। ऐसे ही एक मामला तब सुनने को मिला जब जिले के एसएचओ विजयनगर को अपने थाने के एक खुलासे के समय चल रही प्रेस कांफ्रेंस में पहुंचे तो एसएसपी ने पत्रकारों की मौजूदगी में ही उन्हें गालियां देकर भगा दिया। कई दरोगा इनके तानाशाही रवैये के कारण जिला तक छोड़ चुके हैं। एक दरोगा तो इनकी गुंडई से परेशान होकर आईजी के पास इस्तीफा तक लेकर पहुंच गया था। एसएसपी साहब की कारगुजारियों का सिलसिला यहीं नहीं थमता मनमुताबिक खबर न छापने पर पत्रकारों से भी इन्होंने कई बार अभद्रता की है।
गाजियाबाद में शुक्रवार को एसएसपी की गुंडागर्दी देखने को मिली। एसएसपी ने अपनी फरियाद लेकर आए एक फरियादी को अपने कार्यालय में जमकर पीटा। हैरान करने वाली बात ये रही कि एसएसपी ने पत्रकारों की भी परवाह नहीं की, घटना के समय ऑफिस में पत्रकार भी मौजूद थे। इस घटना के बाद बीजेपी ने कोतवाली पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। एसएसपी के इस तानाशाही रवैये से लोगों में जबरदस्त रोष है। जानकारी के मुताबिक आज दोपहर अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व सदस्य व भाजपा के मीडिया प्रभारी एस.पी सिंह अपने बेटे के फेसबुक अकाउंट हैक होने की शिकायत लेकर एसएसपी कार्यालय पहुंचे और एसएसपी साहब को अपनी समस्या बताई। इस पर एसएसपी ने एसपी सिंह से कहा की वह इस संबंध में पुलिस उपाधीक्षक से मिलें और अपनी शिकायत वहां दें। एसएसपी साहब की इस बात पर एसपी ने बताया कि वह कई दिनों से पुलिस के चक्कर काट रहा है लेकिन कोई उनकी सुनने को तैयार नहीं है। इस संबंध मैं कई बार आपसे भी मिल चुका हूं लेकिन समस्या का हल अब तक नहीं हुआ है। बस इसी बात पर एसएसपी रधुवीर ने सरदार एसपी सिंह को कार्याल्य में मौजूद पत्रकारों के सामने ही जबरदस्ती पकड़कर पीटना शुरू कर दिया। एसएसपी के इस तानाशाही रवैये की चौतरफा निंदा हो रही है।
जैसे ही इस बात की जानकारी भाजपा कार्यकर्ताओं को लगी तो उन्होंने एसएसपी के इस तानाशाही रवैये के खिलाफ कोतवाली के सामने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। गाजियाबाद एसएसपी की दबंगई से लोगों में भारी रोष व्याप्त है। लोगों के बढ़ते रोष व बीजेपी कार्यकर्ताओं के एसएसपी के खिलाफ हल्ला बोल करने के बाद तुरंत एसएसपी मौके पर पहुंचे लेकिन यहां रघुवीर लाल के सुर बिल्कुल बदले नजर आए। उन्होंने बताया कि मानसिक दबाव के चलते उनके द्वारा ऐसी गलती हो गई लेकिन सवाल यहां यह पैदा होता है कि ऐसा कौन सा मानसिक दबाव है कि एसएसपी साहब को अपराधी और फरियादी में फर्क ही नजर नहीं आया। हालांकि बाद में एसएसपी ने अपने द्वारा हुई गलती की माफी मांग ली।
आपको बता दें कि एसएसपी की गुडई का यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी वह कई फरियादियों के साथ इस तरह का बर्ताव कर चुके हैं इतना ही नहीं रघुवीर लाल के द्वारा उनके आधीनस्थ कर्मचारियों के साथ भी गाली-गलौच करने की खबरें कई बार सुनने को मिल चुकी हैं। ऐसे ही एक मामला तब सुनने को मिला जब जिले के एसएचओ विजयनगर को अपने थाने के एक खुलासे के समय चल रही प्रेस कांफ्रेंस में पहुंचे तो एसएसपी ने पत्रकारों की मौजूदगी में ही उन्हें गालियां देकर भगा दिया। कई दरोगा इनके तानाशाही रवैये के कारण जिला तक छोड़ चुके हैं। एक दरोगा तो इनकी गुंडई से परेशान होकर आईजी के पास इस्तीफा तक लेकर पहुंच गया था। एसएसपी साहब की कारगुजारियों का सिलसिला यहीं नहीं थमता मनमुताबिक खबर न छापने पर पत्रकारों से भी इन्होंने कई बार अभद्रता की है।
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