Chargesheet on Mayapuri radiation leak case quotes professors from department that handled irradiator
One of the six Delhi University professors booked in the Mayapuri radiation leak case said he thought Gamma was “some pehelwan” (bodybuilder), police said in the chargesheet filed in court.
Police said this was the response of V S Parmar, head of chemistry department of DU, when asked about the gamma irradiator (containing the radioactive Cobalt 60 that was negligently disposed off to a scrapdealer in Mayapuri).
Parmar and five other DU professors are accused in the Mayapuri radiation case, which led to the death of one person and critically injured seven others.
The 285-page chargesheet, filed in court on Friday, reveals other startling facts about the professors who were working in the department that possessed such crucial equipment.
Professor R K Sharma told interrogators that he had never heard about a gamma irradiator. This, despite him being a member of the Bhabha Atomic Research Centre (BARC).
Delhi Police have added sections under the Indian Atomic Act to the sections of death due to negligence and other sections of the IPC in the chargesheet against the six DU officials.
The court is likely to take cognisance of the probe report on September 21.
The police chargesheet says that the gamma irradiator which was last used in 1992 in the chemistry department was lying unused for the past 20 years in the then professor B K Sharma’s room.
It was when the chemistry department decided to expand the area that they decided to dispose the irradiator.
पुलिस की खबरें, सिर्फ पुलिस के लिए ...... An International Police Blog for police personnels and their family, their works, their succes, promotion and transfer, work related issues, their emotions,their social and family activities, their issues and all which related to our police personnels.
Sunday, September 4, 2011
HR Police: Gurgoan: हाईटेक हुई गुड़गांव पुलिस, शिकायत दर्ज करने के लिए बेवसाइट लॉन्च
गुड़गांव
पुलिस कंट्रोल रूम में अगर आपकी शिकायत नहीं सुनी जाती या उस पर उचित कार्रवाई नहीं होती तो अब आप इसकी ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए पुलिस ने एक वेबसाइट लॉन्च की है। इस पर दी गई जानकारी कंट्रोल रूम के अफसरों के माध्यम से आला अधिकारियों तक पहुंचेगी। इसके बाद इस पर फौरन कार्रवाई होगी। पुलिस कंट्रोल रूम से लेट रेस्पॉन्स मिलने की शिकायत के चलते पुलिस ने यह वेबसाइट लॉन्च की है।
गुड़गांव के लोग अगर किसी रोड हादसे, आपराधिक घटना या किसी प्रकार की जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम के 100 नंबर से लेते हैं तो आपके पास कंट्रोल रूम की तरफ से धन्यवाद मेसेज आएगा। इसके अलावा मेसेज में यह भी लिखा होगा कि अगर आप पुलिस कंट्रोल रूम से ली गई जानकारी या दी गई सूचना पर हुई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं तो आप पुलिस प्रशासन की ओर से लॉन्च की गई वेबसाइट http://gurgaon.haryanapolice.gov.in पर इसकी शिकायत कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर शनिवार को गांधी नगर निवासी गर्वित सिंह ने कंट्रोल रूम को अपने मोबाइल फोन से फोन करके डीएलएफ फेज टू पुलिस थाने का लैंडलाइन नंबर लिया। वहां बैठे पुलिस कर्मचारी ने उन्हें नंबर दिया और कुछ देर बाद ही उनके मोबाइल पर एसएमएस आया कि पुलिस कंट्रोल रूम में फोन करने के लिए धन्यवाद। अगर आप इस पूछताछ से संतुष्ट नहीं है तो इसकी शिकायत पुलिस की वेबसाइट पर कर सकते हैं। जॉइंट पुलिस कमिश्नर आलोक मित्तल ने बताया कि लोगों को बेहतर सुविधा देने के लिए पुलिस ने यह वेबसाइट लॉन्च की है। अगर कंट्रोल रूम में बैठा पुलिसकर्मी लापरवाही करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस कंट्रोल रूम में अगर आपकी शिकायत नहीं सुनी जाती या उस पर उचित कार्रवाई नहीं होती तो अब आप इसकी ऑनलाइन शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए पुलिस ने एक वेबसाइट लॉन्च की है। इस पर दी गई जानकारी कंट्रोल रूम के अफसरों के माध्यम से आला अधिकारियों तक पहुंचेगी। इसके बाद इस पर फौरन कार्रवाई होगी। पुलिस कंट्रोल रूम से लेट रेस्पॉन्स मिलने की शिकायत के चलते पुलिस ने यह वेबसाइट लॉन्च की है।
गुड़गांव के लोग अगर किसी रोड हादसे, आपराधिक घटना या किसी प्रकार की जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम के 100 नंबर से लेते हैं तो आपके पास कंट्रोल रूम की तरफ से धन्यवाद मेसेज आएगा। इसके अलावा मेसेज में यह भी लिखा होगा कि अगर आप पुलिस कंट्रोल रूम से ली गई जानकारी या दी गई सूचना पर हुई कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं तो आप पुलिस प्रशासन की ओर से लॉन्च की गई वेबसाइट http://gurgaon.haryanapolice.gov.in पर इसकी शिकायत कर सकते हैं। उदाहरण के तौर पर शनिवार को गांधी नगर निवासी गर्वित सिंह ने कंट्रोल रूम को अपने मोबाइल फोन से फोन करके डीएलएफ फेज टू पुलिस थाने का लैंडलाइन नंबर लिया। वहां बैठे पुलिस कर्मचारी ने उन्हें नंबर दिया और कुछ देर बाद ही उनके मोबाइल पर एसएमएस आया कि पुलिस कंट्रोल रूम में फोन करने के लिए धन्यवाद। अगर आप इस पूछताछ से संतुष्ट नहीं है तो इसकी शिकायत पुलिस की वेबसाइट पर कर सकते हैं। जॉइंट पुलिस कमिश्नर आलोक मित्तल ने बताया कि लोगों को बेहतर सुविधा देने के लिए पुलिस ने यह वेबसाइट लॉन्च की है। अगर कंट्रोल रूम में बैठा पुलिसकर्मी लापरवाही करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
Police Games: न्यूयार्क में आयोजित विश्व पुलिस और दमकल खेल में चमके भारतीय बॉक्सर विजेंद्रर
स्टार भारतीय मुक्केबाज विजेंदर सिंह ने न्यूयार्क में विश्व पुलिस और दमकल खेलों में स्वर्ण पदक के अलावा सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज का खिताब भी जीता। भारतीय टीम ने प्रतियोगिता में दो स्वर्ण, दो रजत और एक कांस्य पदक जीता।
ओलंपिक और विश्व चैम्पियनशिप के कांस्य पदक विजेता विजेंदर (75 किग्रा) के अलावा दिनेश कुमार (81 किग्रा) ने भी सोने का तमगा जीता। विजेंदर ने कहा कि यहां प्रतिस्पर्धा का स्तर इतना ऊंचा नहीं था लेकिन अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करना हमेशा अच्छा लगता है। सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज का पुरस्कार हासिल करना अच्छा है। उन्होंने पुरस्कार के तौर पर मुझे एलसीडी टीवी दिया।
विजेंदर अब अजरबेजान के बाकू में 22 सितंबर से होने वाली विश्व चैम्पियनशिप की तैयारी करेंगे जो 2012 लंदन ओलंपिक की पहली क्वालीफाइंग प्रतियोगिता है।
दिनेश और विजेंदर दोनों विश्व चैम्पियनशिप के लिए भारतीय टीम का हिस्सा हैं जो 10 सितंबर को ट्रेनिंग के लिए फ्रांस भी जाएगी।
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ओलंपिक और विश्व चैम्पियनशिप के कांस्य पदक विजेता विजेंदर (75 किग्रा) के अलावा दिनेश कुमार (81 किग्रा) ने भी सोने का तमगा जीता। विजेंदर ने कहा कि यहां प्रतिस्पर्धा का स्तर इतना ऊंचा नहीं था लेकिन अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में बेहतर प्रदर्शन करना हमेशा अच्छा लगता है। सर्वश्रेष्ठ मुक्केबाज का पुरस्कार हासिल करना अच्छा है। उन्होंने पुरस्कार के तौर पर मुझे एलसीडी टीवी दिया।
विजेंदर अब अजरबेजान के बाकू में 22 सितंबर से होने वाली विश्व चैम्पियनशिप की तैयारी करेंगे जो 2012 लंदन ओलंपिक की पहली क्वालीफाइंग प्रतियोगिता है।
दिनेश और विजेंदर दोनों विश्व चैम्पियनशिप के लिए भारतीय टीम का हिस्सा हैं जो 10 सितंबर को ट्रेनिंग के लिए फ्रांस भी जाएगी।
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Saturday, September 3, 2011
Delhi Police: Anna Hazare: दिल्ली पुलिस का 'ऑपरेशन अन्ना'
नई दिल्ली।। भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन चलाने के बाद टीम अन्ना पर सरकार का शिकंजा कसता जा रहा है। रामलीला मैदान में 19 से 28 अगस्त तक चले अन्ना हजारे के अनशन के दौरान भले ही दिल्ली पुलिस ने बहुत शांत रवैया अपनाए रखा हो , लेकिन अब बताया जा रहा है कि वह टीम अन्ना के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी कर रही है। इसके लिए दिल्ली पुलिस अनशन की परमिशन की शर्तों को तोड़े जाने को आधार बनाएगी। पुलिस डिटेल रिपोर्ट तैयार कर रही है कि क्या-क्या शर्तें तोड़ी गईं। यह रिपोर्ट हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट को सौंपी जाएगी।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक कोर्ट के डायरेक्शन हैं कि जब भी इस तरह का कोई प्रोटेस्ट या धरना प्रदर्शन होता है , तो आयोजकों को पुलिस से परमिशन लेनी होती है। रामलीला मैदान में अन्ना के अनशन के लिए भी पुलिस ने इसी प्रक्रिया का पालन करते हुए परमिशन दी थी और आयोजकों ने अंडरटेकिंग देते हुए इस बात का भरोसा दिलाया था कि वे सभी हिदायतों का पालन करेंगे।
लेकिन सूत्रों के मुताबिक कई बार नियमों व शर्तों का उल्लंघन हुआ। रात 10 बजे बाद भी लाउडस्पीकर बजाया गया , आयोजन स्थल पर मशाल जुलूस निकाला गया , पुलिस से इजाजत लिए बिना ही इंडिया गेट पर लोगों को इकट्ठा किया गया , मंच से उकसाने वाले भाषण दिए गए , ट्रैफिक भी डिस्टर्ब हुआ। आयोजक अपने समर्थकों पर पूरी तरह काबू नहीं रख पाए।
हालांकि अनशन के दौरान भी पुलिस ने कई बार आयोजकों को नोटिस देकर यह याद दिलाया था कि वे नियमों व शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं। इसके बावजूद ना तो आयोजकों की तरफ से नोटिस का कोई जवाब दिया गया और न इस संबंध में उनकी तरफ से कोई उचित कदम उठाया गया।
बाद में जब अनशन के दौरान दिल्ली की सड़कों पर अन्ना टोपी पहने और तिरंगा झंडा उठाए लोग हुड़दंग मचाने लगे , शराब पीकर आए समर्थकों ने रामलीला मैदान के अंदर हंगामा किया और अराजक तत्वों ने रामलीला मैदान के बाहर तैनात पुलिस वालों पर हमला तक कर दिया , तो आयोजकों को मंच से यह कहना पड़ा कि ऐसे लोगों के साथ पुलिस सख्ती से पेश आए।
पुलिस के मुताबिक कोर्ट का साफ निर्देश हैं कि अगर अंडरटेकिंग देने के बाद भी नियमों व शर्तों का उल्लंघन होता है , तो पुलिस को इस संबंध में हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट को एक डिटेल रिपोर्ट देनी होगी। इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस अन्ना के अनशन के दौरान हुए नियमों के उल्लंघन के बारे में रिपोर्ट तैयार कर रही है , जो जल्दी ही सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार को सौंपी जाएगी।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक कोर्ट के डायरेक्शन हैं कि जब भी इस तरह का कोई प्रोटेस्ट या धरना प्रदर्शन होता है , तो आयोजकों को पुलिस से परमिशन लेनी होती है। रामलीला मैदान में अन्ना के अनशन के लिए भी पुलिस ने इसी प्रक्रिया का पालन करते हुए परमिशन दी थी और आयोजकों ने अंडरटेकिंग देते हुए इस बात का भरोसा दिलाया था कि वे सभी हिदायतों का पालन करेंगे।
लेकिन सूत्रों के मुताबिक कई बार नियमों व शर्तों का उल्लंघन हुआ। रात 10 बजे बाद भी लाउडस्पीकर बजाया गया , आयोजन स्थल पर मशाल जुलूस निकाला गया , पुलिस से इजाजत लिए बिना ही इंडिया गेट पर लोगों को इकट्ठा किया गया , मंच से उकसाने वाले भाषण दिए गए , ट्रैफिक भी डिस्टर्ब हुआ। आयोजक अपने समर्थकों पर पूरी तरह काबू नहीं रख पाए।
हालांकि अनशन के दौरान भी पुलिस ने कई बार आयोजकों को नोटिस देकर यह याद दिलाया था कि वे नियमों व शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं। इसके बावजूद ना तो आयोजकों की तरफ से नोटिस का कोई जवाब दिया गया और न इस संबंध में उनकी तरफ से कोई उचित कदम उठाया गया।
बाद में जब अनशन के दौरान दिल्ली की सड़कों पर अन्ना टोपी पहने और तिरंगा झंडा उठाए लोग हुड़दंग मचाने लगे , शराब पीकर आए समर्थकों ने रामलीला मैदान के अंदर हंगामा किया और अराजक तत्वों ने रामलीला मैदान के बाहर तैनात पुलिस वालों पर हमला तक कर दिया , तो आयोजकों को मंच से यह कहना पड़ा कि ऐसे लोगों के साथ पुलिस सख्ती से पेश आए।
पुलिस के मुताबिक कोर्ट का साफ निर्देश हैं कि अगर अंडरटेकिंग देने के बाद भी नियमों व शर्तों का उल्लंघन होता है , तो पुलिस को इस संबंध में हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट को एक डिटेल रिपोर्ट देनी होगी। इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस अन्ना के अनशन के दौरान हुए नियमों के उल्लंघन के बारे में रिपोर्ट तैयार कर रही है , जो जल्दी ही सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार को सौंपी जाएगी।
Delhi Police: Delhi Traffic police: डीटीसी ड्राइवरों की 'क्लास' लेगी ट्रैफिक पुलिस
नई दिल्ली।। डीटीसी बसों से होने वाले सड़क हादसों में बेतहाशा बढ़ोतरी को देखते हुए अब ट्रैफिक पुलिस डीटीसी ड्राइवरों को ट्रैफिक रूल्स और पब्लिक सेफ्टी का पाठ पढ़ाएगी। जल्दी ही ट्रैफिक पुलिस डीटीसी ड्राइवरों के लिए एक स्पेशल ओरिएंटेशन प्रोग्राम शुरू करने वाली है, जिसमें ड्राइवरों को ट्रैफिक नियमों और पब्लिक सेफ्टी के बारे में बेसिक ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रैफिक पुलिस की इस योजना को डीटीसी प्रशासन ने भी हरी झंडी दे दी है।
हफ्ते में दो दिन स्पेशल ट्रेनिंग
जॉइंट कमिश्नर (ट्रैफिक) सत्येंद्र गर्ग के मुताबिक इस ओरिएंटेशन प्रोग्राम के लिए 50-50 ड्राइवरों की एक या दो बैच बनाई जा जाएगी। हर बैच को हफ्ते में दो दिन स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रैफिक पुलिस की टोडापुर स्थित न्यू ट्रैफिक पुलिस लाइंस में यह ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया जाएगा। इस दौरान स्पेशल क्लासेज लगाई जाएंगी, जिनमें डीटीसी ड्राइवरों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट वीइकल से जुडे़ ट्रैफिक नियमों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। साथ ही उन्हें यह भी समझाया जाएगा कि वे किस तरह पैसेंजर्स और रोड यूजर्स की सेफ्टी को सुनिश्चित करते हुए हादसों से बच सकते हैं। ट्रेनिंग प्रोग्राम में ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी तो ड्राइवरों को ट्रैफिक रूल्स के बारे में बताएंगे ही, बाहर से रोड सेफ्टी प्रोग्रामों से जुड़े विशेषज्ञों को भी गेस्ट फैकल्टी के रूप में बुलाया जाएगा।
इंटरएक्टिव होगा ओरिएंटेशन प्रोग्राम
जॉइंट कमिश्नर ने बताया कि ट्रेनिंग प्रोग्राम को ज्यादा से ज्यादा इंटरएक्टिव बनाया जाएगा। ड्राइवरों से बातचीत करके उनसे भी यह जानने की कोशिश की जाएगी कि बसें चलाते वक्त उनके सामने किस तरह की चुनौतियां आती हैं और उन्हें किन परेशानियांे से दो-चार होना पड़ता है। ट्रैफिक पुलिस उनकी इन समस्याओं के निराकरण की कोशिश भी करेगी। चूंकि कई बार दूसरों की गलती की वजह से भी हादसे हो जाते हैं, इसलिए ड्राइवरों को यह भी बताया जाएगा कि ऐसी स्थिति में वे क्या कदम उठाकर हादसों की आशंका को टाल सकते हैं। वैसे डीटीसी अपने ड्राइवरों को ट्रेनिंग देती है और उनके लिए समय-समय पर रिफ्रेशर कोर्स भी चलाती है, लेकिन उनमें ट्रैफिक रूल्स और रोड सेफ्टी से ज्यादा बसों के मेंटिनेंस व अन्य तकनीकी बातों पर जोर दिया जाता है।
डीटीसी अफसरों के सहयोग से बनेगा शिड्यूल
गर्ग के मुताबिक ओरिएंटेशन प्रोग्राम से पहले वह डीटीसी के सभी डिपो मैनेजरों व अन्य सीनियर अधिकारियों के साथ जॉइंट मीटिंग की योजना बना रहे हैं। इसमें इस बात पर विचार विमर्श किया जाएगा कि डीटीसी बसों से बढ़ते हादसों की वजह क्या है और इन्हें रोकने में सीनियर अधिकारी किस तरह भूमिका निभा सकते हैं। गर्ग ने उम्मीद जताई है कि इस महीने के अंत तक ओरिएंटेंशन प्रोग्राम शुरू हो जाएगा। डीटीसी अधिकारियों के सहयोग से शिड्यूल बनाया जाएगा , ताकि बसों का परिचालन और ड्राइवरों की ड्यूटी प्रभावित ना हो।
अगस्त तक हुए 57 हादसे , 58 की मौत
इस साल 31 अगस्त तक डीटीसी बसों से हुए 57 सड़क हादसोंे मंे 58 लोगों की मौत हो चुकी है , जबकि पिछले साल इसी दौरान 36 हादसों में 37 लोगों की मौत हुई थीं। इस साल अब तक 4134 डीटीसी बसों के चालान काटे गए हैं और 564 बसें जब्त की गई हैं , जबकि पिछले साल इसी दौरान केवल 1856 चालान कटे थे और 98 बसें जब्त हुई थीं। इस साल जो चालान कटे , उनमें सबसे ज्यादा 1005 चालान डेंजरस ड्राइविंग के थे।
हफ्ते में दो दिन स्पेशल ट्रेनिंग
जॉइंट कमिश्नर (ट्रैफिक) सत्येंद्र गर्ग के मुताबिक इस ओरिएंटेशन प्रोग्राम के लिए 50-50 ड्राइवरों की एक या दो बैच बनाई जा जाएगी। हर बैच को हफ्ते में दो दिन स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी। ट्रैफिक पुलिस की टोडापुर स्थित न्यू ट्रैफिक पुलिस लाइंस में यह ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया जाएगा। इस दौरान स्पेशल क्लासेज लगाई जाएंगी, जिनमें डीटीसी ड्राइवरों को पब्लिक ट्रांसपोर्ट वीइकल से जुडे़ ट्रैफिक नियमों के बारे में विस्तार से बताया जाएगा। साथ ही उन्हें यह भी समझाया जाएगा कि वे किस तरह पैसेंजर्स और रोड यूजर्स की सेफ्टी को सुनिश्चित करते हुए हादसों से बच सकते हैं। ट्रेनिंग प्रोग्राम में ट्रैफिक पुलिस के अधिकारी तो ड्राइवरों को ट्रैफिक रूल्स के बारे में बताएंगे ही, बाहर से रोड सेफ्टी प्रोग्रामों से जुड़े विशेषज्ञों को भी गेस्ट फैकल्टी के रूप में बुलाया जाएगा।
इंटरएक्टिव होगा ओरिएंटेशन प्रोग्राम
जॉइंट कमिश्नर ने बताया कि ट्रेनिंग प्रोग्राम को ज्यादा से ज्यादा इंटरएक्टिव बनाया जाएगा। ड्राइवरों से बातचीत करके उनसे भी यह जानने की कोशिश की जाएगी कि बसें चलाते वक्त उनके सामने किस तरह की चुनौतियां आती हैं और उन्हें किन परेशानियांे से दो-चार होना पड़ता है। ट्रैफिक पुलिस उनकी इन समस्याओं के निराकरण की कोशिश भी करेगी। चूंकि कई बार दूसरों की गलती की वजह से भी हादसे हो जाते हैं, इसलिए ड्राइवरों को यह भी बताया जाएगा कि ऐसी स्थिति में वे क्या कदम उठाकर हादसों की आशंका को टाल सकते हैं। वैसे डीटीसी अपने ड्राइवरों को ट्रेनिंग देती है और उनके लिए समय-समय पर रिफ्रेशर कोर्स भी चलाती है, लेकिन उनमें ट्रैफिक रूल्स और रोड सेफ्टी से ज्यादा बसों के मेंटिनेंस व अन्य तकनीकी बातों पर जोर दिया जाता है।
डीटीसी अफसरों के सहयोग से बनेगा शिड्यूल
गर्ग के मुताबिक ओरिएंटेशन प्रोग्राम से पहले वह डीटीसी के सभी डिपो मैनेजरों व अन्य सीनियर अधिकारियों के साथ जॉइंट मीटिंग की योजना बना रहे हैं। इसमें इस बात पर विचार विमर्श किया जाएगा कि डीटीसी बसों से बढ़ते हादसों की वजह क्या है और इन्हें रोकने में सीनियर अधिकारी किस तरह भूमिका निभा सकते हैं। गर्ग ने उम्मीद जताई है कि इस महीने के अंत तक ओरिएंटेंशन प्रोग्राम शुरू हो जाएगा। डीटीसी अधिकारियों के सहयोग से शिड्यूल बनाया जाएगा , ताकि बसों का परिचालन और ड्राइवरों की ड्यूटी प्रभावित ना हो।
अगस्त तक हुए 57 हादसे , 58 की मौत
इस साल 31 अगस्त तक डीटीसी बसों से हुए 57 सड़क हादसोंे मंे 58 लोगों की मौत हो चुकी है , जबकि पिछले साल इसी दौरान 36 हादसों में 37 लोगों की मौत हुई थीं। इस साल अब तक 4134 डीटीसी बसों के चालान काटे गए हैं और 564 बसें जब्त की गई हैं , जबकि पिछले साल इसी दौरान केवल 1856 चालान कटे थे और 98 बसें जब्त हुई थीं। इस साल जो चालान कटे , उनमें सबसे ज्यादा 1005 चालान डेंजरस ड्राइविंग के थे।
Police Games: क्या आप जानते है कि पुलिसवाले का ओलंपिक किसे कहते हैं???
The 2011 World Police & Fire Games and Memorial Inc. is an established 501(c)(3), registered not-for-profit organization. The organization has been given the honor, privilege, and the responsibility to produce these World Police & Fire Games. Consisting of New York City Police Officers and Firefighters, the organization was responsible for preparing, presenting, and winning the bid to host this unprecedented event.
The Games will respectfully coincide with the ten year remembrance of September 11, 2001. The 2011 World Police & Fire Games will be empowered by two themes: Remembrance (we will always remember those who lost their lives on September 11, 2001) and Gratitude (an opportunity for all New Yorkers to thank the world for the support that flooded into New York City after September 11, 2001).
Our Mission:
Provide the best possible sporting venues combined with world class officiating.
Integrate the multi-faceted cultural, entertainment, and historical experiences that New York City has to offer.
Remember those lost, and express gratitude for the support received from around the world.
The World Police & Fire Games are currently the second largest multi-sport event in the world, surpassed only by the Summer Olympics. Our goal is to make these Games the largest, most memorable sporting event the world has ever seen.
The Games will respectfully coincide with the ten year remembrance of September 11, 2001. The 2011 World Police & Fire Games will be empowered by two themes: Remembrance (we will always remember those who lost their lives on September 11, 2001) and Gratitude (an opportunity for all New Yorkers to thank the world for the support that flooded into New York City after September 11, 2001).
Our Mission:
Provide the best possible sporting venues combined with world class officiating.
Integrate the multi-faceted cultural, entertainment, and historical experiences that New York City has to offer.
Remember those lost, and express gratitude for the support received from around the world.
The World Police & Fire Games are currently the second largest multi-sport event in the world, surpassed only by the Summer Olympics. Our goal is to make these Games the largest, most memorable sporting event the world has ever seen.
Police Games: Star Indian boxer Vijender, a police officer also, strikes gold at World Police Games
Star Indian boxer Vijender Singh struck gold and also bagged the 'Best Boxer' award as Indian pugilists rounded off a reasonably successful campaign with two gold, a similar number of silver and a bronze medal at the World Police and Fire Games in New York.
Vijender (75kg), an Olympic and World Championship bronze medallist, was not the lone boxing gold medallist for India at the Games as Dinesh Kumar (81kg) also finished on top.
"The scale of competition is not that big here but it is always good to do well at an international event. Getting the Best Boxer award was nice. They have given me an LCD TV as prize," Vijender said.
"Hurricane Irene had thrown the Games' schedule haywire but overall we were well taken care of. It was a good experience, it is nice to get this confidence before I head to the World Championships," he said.
The World Championships, scheduled from September 22 in Baku, Azerbaijan, is the first Olympic qualifying event.
Boxers, except those belonging to the heavyweight and super heavyweight category, can make the cut for Olympics by reaching the quarterfinal of the mega-event.
The Indian team, of which both Vijender and Dinesh are a part, will head to France on September 10 for a training trip.
Vijender (75kg), an Olympic and World Championship bronze medallist, was not the lone boxing gold medallist for India at the Games as Dinesh Kumar (81kg) also finished on top.
"The scale of competition is not that big here but it is always good to do well at an international event. Getting the Best Boxer award was nice. They have given me an LCD TV as prize," Vijender said.
"Hurricane Irene had thrown the Games' schedule haywire but overall we were well taken care of. It was a good experience, it is nice to get this confidence before I head to the World Championships," he said.
The World Championships, scheduled from September 22 in Baku, Azerbaijan, is the first Olympic qualifying event.
Boxers, except those belonging to the heavyweight and super heavyweight category, can make the cut for Olympics by reaching the quarterfinal of the mega-event.
The Indian team, of which both Vijender and Dinesh are a part, will head to France on September 10 for a training trip.
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