New Delhi: Reacting to the arrests of Rajya Sabha MP and former Samajwadi Party leader Amar Singh and former BJP MPs Faggan Singh Kulaste and Mahavir Singh Bhagora in the cash-for-votes scam, the then Lok Sabha speaker Somnath Chatterjee said, "What happened on July 23 was bad and serious. It's a judicial process."
But the former Lok Sabha speaker insisted that MP's should have gone to Delhi Police or informed the matter to him first.
"Police should have been contacted immediately. FIR could have been lodged then and there, instead of creating all these paraphernalia," said Chatterjee.
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Tuesday, September 6, 2011
Delhi Police: दिल्ली पुलिस की कछुआ चाल, तीन साल में 47 फीसदी मामलों का हुआ बुरा हाल
नई दिल्ली.दिल्ली पुलिस भले ही अपराध पर अंकुश लगाने के बड़े-बड़े दावे करती रही हो लेकिन हकीकत कुछ और ही है। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार बीते साढ़े तीन साल में दिल्ली पुलिस के विभिन्न थानों में कुल 1 लाख 81 हजार मामले दर्ज किए गए, लेकिन इनमें से मात्र 96 हजार मामले ही पुलिस सुलझा सकी।
बाकी 85 हजार (47 प्रतिशत) मामले या तो पुलिस के ढुलमुल रवैये की भेंट चढ़ गए, अन्यथा फॉरेंसिक जांच में विलंब, शिकायतकर्ता के असहयोग व अन्य कारणों से लंबित पड़े हैं। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष 31 जुलाई 2011 तक 30,904 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 13,764 मामले ही सुलझाए जा सके।
यानी 50 प्रतिशत से अधिक मामले इस वर्ष अनसुलझे ही पुलिस की फाइलों में पड़े रह गए। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि फॉरेंसिक की रिपोर्ट आने में देरी होना व अदालती फाइलों को पूरा करना आदि कारणों के चलते अक्सर बहुत से मामले सुलझाने में पुलिस को देरी हो जाती है।
बाकी 85 हजार (47 प्रतिशत) मामले या तो पुलिस के ढुलमुल रवैये की भेंट चढ़ गए, अन्यथा फॉरेंसिक जांच में विलंब, शिकायतकर्ता के असहयोग व अन्य कारणों से लंबित पड़े हैं। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस वर्ष 31 जुलाई 2011 तक 30,904 मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 13,764 मामले ही सुलझाए जा सके।
यानी 50 प्रतिशत से अधिक मामले इस वर्ष अनसुलझे ही पुलिस की फाइलों में पड़े रह गए। पुलिस अधिकारियों का मानना है कि फॉरेंसिक की रिपोर्ट आने में देरी होना व अदालती फाइलों को पूरा करना आदि कारणों के चलते अक्सर बहुत से मामले सुलझाने में पुलिस को देरी हो जाती है।
Delhi Police: सुना है कभी ऐसा, इस बार प्रेमिका ने फेंका प्रेमी पर तेजाब..क्या आप कहेंगे नारी सशक्तिकरण जिंदाबाद..
नई दिल्ली.आनंद विहार के क्रॉसरिवर मॉल के पास रविवार दोपहर एक युवती ने अपने प्रेमी के चेहरे पर तेजाब फेंक दिया। विनीत (27) नामक पीड़ित युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आरोपी युवती आरती (25) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।
घटना रविवार दोपहर 12 बजे की है। आनंद विहार थाना पुलिस को सूचना मिली कि क्रॉसरिवर मॉल के पास एक युवक के चेहरे पर उसकी ही साथी युवती ने तेजाब डाल दिया है। मौके पर पहुंची पुलिस ने पीड़ित को डा. हेडगेवार अस्पताल में पहुंचाया, जहां उसकी हालत को देखते हुए जीटीबी अस्पताल रेफर कर दिया गया।
विनीत मौजपुर का निवासी है। उसके पिता मूर्ति के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। जबकि आरोपी युवती आरती यमुना विहार की रहने वाली है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक युवक-युवती पिछले कई सालों से एक-दूसरे को जानते हैं। रविवार को दोनों फिल्म देखने पहुंचे थे, लेकिन टिकट नहीं मिला तो वे मॉल के बाहर ही बैठ गए। बताया जाता है कि इसी दौरान आरती ने विनीत के चेहरे पर एक बोतल में मौजूद कुछ द्रव्य फेंक दिया।
बताया जाता है कि यह तेजाब था, जिससे विनीत का चेहरा झुलस गया। माना जा रहा है कि दोनों में किसी बात को लेकर मनमुटाव चल रहा था, जिसके चलते आरती ने सुनियोजित तरीके से विनीत पर तेजाब फेंका। आरती के पास बैग था, वह इसी में तेजाब लेकर पहुंची थी। पुलिस ने आरती को गिरफ्तार कर लिया है और पूछताछ करने में जुट गई है।
घटना रविवार दोपहर 12 बजे की है। आनंद विहार थाना पुलिस को सूचना मिली कि क्रॉसरिवर मॉल के पास एक युवक के चेहरे पर उसकी ही साथी युवती ने तेजाब डाल दिया है। मौके पर पहुंची पुलिस ने पीड़ित को डा. हेडगेवार अस्पताल में पहुंचाया, जहां उसकी हालत को देखते हुए जीटीबी अस्पताल रेफर कर दिया गया।
विनीत मौजपुर का निवासी है। उसके पिता मूर्ति के व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। जबकि आरोपी युवती आरती यमुना विहार की रहने वाली है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक युवक-युवती पिछले कई सालों से एक-दूसरे को जानते हैं। रविवार को दोनों फिल्म देखने पहुंचे थे, लेकिन टिकट नहीं मिला तो वे मॉल के बाहर ही बैठ गए। बताया जाता है कि इसी दौरान आरती ने विनीत के चेहरे पर एक बोतल में मौजूद कुछ द्रव्य फेंक दिया।
बताया जाता है कि यह तेजाब था, जिससे विनीत का चेहरा झुलस गया। माना जा रहा है कि दोनों में किसी बात को लेकर मनमुटाव चल रहा था, जिसके चलते आरती ने सुनियोजित तरीके से विनीत पर तेजाब फेंका। आरती के पास बैग था, वह इसी में तेजाब लेकर पहुंची थी। पुलिस ने आरती को गिरफ्तार कर लिया है और पूछताछ करने में जुट गई है।
Delhi Police: Foreigner Call Girls : दिल्ली पुलिस है बेखबर, शोध छात्राएं बन अब पॉश कॉलोनियों में ऑपरेट कर रही है विदेशी कॉलगर्ल्स,
नई दिल्ली । राजधानी दिल्ली में विदेशी कॉलगर्ल्स का धंधा अब खुलेआम होता जा रहा है। पुलिस के छापों और धरपकड़ से बचने के लिए विदेशी कॉलगर्ल्स राजधानी के पॉश कॉलोनियों में शोध छात्राएं बनकर रह रही हैं। और अपने आपको शोध छात्राएं बता कर मकान मालिक से किराए का मकान हासिल करती हैं।
प्रूफ के तौर पर विदेशी लड़कियां मकान मालिक को पासपोर्ट की कॉपी थमाती हैं। भारतीय किरायदारों की तुलना में इनसे मकान मालिकों को किराया अच्छा मिलता है। जिसके लालच में आकर मकान मालिक नियमों की धज्जियां उड़ाकर किरायदारों का वेरीफिकेशन करना भी जरूरी नहीं समझते।
दिल्ली पुलिस के अपराध शाखा में तैनात एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पहाड़गंज, नबीकरीम और करोलबाग के होटल विदेशी कॉलगर्ल्स के लिए बदनाम हो चुके हैं। इसलिए अब कॉलगर्ल्स ने अपना नया ठिकाना बना लिया है। विदेशी युवतियां शहर के प्रोपर्टी डीलरों के माध्यम से मकान मालिकों को मुंह मांगी कीमतें देकर पॉश कॉलोनियों जैसे बसंत विहार, बसंत कुंज, ग्रेटर कैलाश, पंपोस इंकलेव, मालवीय नगर, ग्रीन पार्क, साउथ एक्सटेंटशन जैसे इलाकों मे अपना ठिकाना बना रही हैं।
पॉश कॉलोनियों में ठहरने के कारण युवतियों का स्टेटस भी हाई होने लगा है। यहीं नहीं इसका फायदा वह ग्राहकों से मुंह मांगी कीमत लेकर उठाती हैं। इतना ही नहीं इन कॉलोनियों के लोग खुले विचार के हैं तो इस तरह के बातों पर ध्यान भी नहीं देते। उन्हें किसी से कोई मतलब नहीं होता।
एक बार मकान लेने के बाद इन मकानों में विदेशी युवतियों का आना-जाना लगा रहता है। वीजा की अवधि समाप्त होते ही विदेशी युवती अपनी किसी अन्य साथी को मकान में रूकवा जाती हैं। और मकान मालिक को वापस आने का वादा कर विदेश चली जाती हैं। ताकि उनका मकान उनके पास ही रहे और कोई अन्य वहां आ भी ना पाए।
साउथ एक्सटेंशन में प्रोपर्टी का व्यवसाय करने वाला राजेन्द्र कुमार ने बताया कि वह ऐसी बहुत सारी विदेशी लड़कियों को जानते हैं जो देह व्यापार का धंधा करती हैं। यह लड़कियां लगभग 10 सालों से एक ही मकान में रह रही हैं। अगर उन्हें विदेश भी जाना होता है तो वह अन्य किसी लड़की को रूकवा कर चली जाती हैं। और फिर वापस आकर वहीं रहने लगती हैं।
इन विदेशी लड़कियों की खासियत है कि वो तय समय पर मकान मालिक को अपने किराए के पैसे देती हैं। वह या तो कैश देती हैं या फिर उनके अकाउंट में जमा करवाती हैं। यूं तो अक्सर मकान मालिकों को अपने घर पर किराएदारों द्वारा कब्जा करने का डर रहता है। लेकिन इन विदेशी बालाओं को लंबे समय तक किराएदार के रूप में रखने में मकान मालिकों को कोई परेशानी नहीं होती है। यह विदेशी बालाएं 30 हजार से लेकर 80 हजार तक का मासिक किराया आसानी से मकान मालिकों को देती हैं।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि वे जानते हुए भी कि ये विदेशी बालाएं क्या धंधा करती हैं, के बावजूद इन्हें वे गिरफ्तार नहीं कर सकते। विदेशी होने के कारण बिना प्रमाण उन्हें धरपकड़ नहीं कर सकते। उन्होंने बताया कि विदेशी बालाओं को पकड़ने के लिए पुलिस को प्लान बनाना पड़ता है। पुराने ग्राहक के जरिए या वेबसाइट पर कॉलगर्ल्स मुहै्या करवाने वाले गिरोह का पता लगाकर इनसे सौदा किया जाता है। सौदा होने के बाद इन युवतियों के ठिकानों पर पहुंच कर सबूतों के आधार पर ही इन विदेशी युवतियों को गिरफ्तार कर सकते हैं।
प्रूफ के तौर पर विदेशी लड़कियां मकान मालिक को पासपोर्ट की कॉपी थमाती हैं। भारतीय किरायदारों की तुलना में इनसे मकान मालिकों को किराया अच्छा मिलता है। जिसके लालच में आकर मकान मालिक नियमों की धज्जियां उड़ाकर किरायदारों का वेरीफिकेशन करना भी जरूरी नहीं समझते।
दिल्ली पुलिस के अपराध शाखा में तैनात एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि पहाड़गंज, नबीकरीम और करोलबाग के होटल विदेशी कॉलगर्ल्स के लिए बदनाम हो चुके हैं। इसलिए अब कॉलगर्ल्स ने अपना नया ठिकाना बना लिया है। विदेशी युवतियां शहर के प्रोपर्टी डीलरों के माध्यम से मकान मालिकों को मुंह मांगी कीमतें देकर पॉश कॉलोनियों जैसे बसंत विहार, बसंत कुंज, ग्रेटर कैलाश, पंपोस इंकलेव, मालवीय नगर, ग्रीन पार्क, साउथ एक्सटेंटशन जैसे इलाकों मे अपना ठिकाना बना रही हैं।
पॉश कॉलोनियों में ठहरने के कारण युवतियों का स्टेटस भी हाई होने लगा है। यहीं नहीं इसका फायदा वह ग्राहकों से मुंह मांगी कीमत लेकर उठाती हैं। इतना ही नहीं इन कॉलोनियों के लोग खुले विचार के हैं तो इस तरह के बातों पर ध्यान भी नहीं देते। उन्हें किसी से कोई मतलब नहीं होता।
एक बार मकान लेने के बाद इन मकानों में विदेशी युवतियों का आना-जाना लगा रहता है। वीजा की अवधि समाप्त होते ही विदेशी युवती अपनी किसी अन्य साथी को मकान में रूकवा जाती हैं। और मकान मालिक को वापस आने का वादा कर विदेश चली जाती हैं। ताकि उनका मकान उनके पास ही रहे और कोई अन्य वहां आ भी ना पाए।
साउथ एक्सटेंशन में प्रोपर्टी का व्यवसाय करने वाला राजेन्द्र कुमार ने बताया कि वह ऐसी बहुत सारी विदेशी लड़कियों को जानते हैं जो देह व्यापार का धंधा करती हैं। यह लड़कियां लगभग 10 सालों से एक ही मकान में रह रही हैं। अगर उन्हें विदेश भी जाना होता है तो वह अन्य किसी लड़की को रूकवा कर चली जाती हैं। और फिर वापस आकर वहीं रहने लगती हैं।
इन विदेशी लड़कियों की खासियत है कि वो तय समय पर मकान मालिक को अपने किराए के पैसे देती हैं। वह या तो कैश देती हैं या फिर उनके अकाउंट में जमा करवाती हैं। यूं तो अक्सर मकान मालिकों को अपने घर पर किराएदारों द्वारा कब्जा करने का डर रहता है। लेकिन इन विदेशी बालाओं को लंबे समय तक किराएदार के रूप में रखने में मकान मालिकों को कोई परेशानी नहीं होती है। यह विदेशी बालाएं 30 हजार से लेकर 80 हजार तक का मासिक किराया आसानी से मकान मालिकों को देती हैं।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि वे जानते हुए भी कि ये विदेशी बालाएं क्या धंधा करती हैं, के बावजूद इन्हें वे गिरफ्तार नहीं कर सकते। विदेशी होने के कारण बिना प्रमाण उन्हें धरपकड़ नहीं कर सकते। उन्होंने बताया कि विदेशी बालाओं को पकड़ने के लिए पुलिस को प्लान बनाना पड़ता है। पुराने ग्राहक के जरिए या वेबसाइट पर कॉलगर्ल्स मुहै्या करवाने वाले गिरोह का पता लगाकर इनसे सौदा किया जाता है। सौदा होने के बाद इन युवतियों के ठिकानों पर पहुंच कर सबूतों के आधार पर ही इन विदेशी युवतियों को गिरफ्तार कर सकते हैं।
Delhi Police: Court Dying Declaration: ‘पता उपरोक्त’, ‘मय परिवार’, ‘एक मुश्त’, ‘एक नीयत’ जैसे शब्दों से अदालत को हुआ मृत्यु पूर्व बयान की सत्यता पर संदेह, आरोपी हुए बरी..
नई दिल्ली.हत्या के मामले के पांच आरोपियों को अदालत ने छोड़ दिया है। वजह, मरने वाले व्यक्ति के अंतिम बयान में ऐसे शब्दों का इस्तेमाल हुआ था जिन्हें रोजमर्रा की बातचीत में इस्तेमाल नहीं किया जाता है। यह बयान पुलिस ने लिया था।
अतिरिक्त सेशन जज मनोज जैन ने कहा कि ऐसे शब्द मृत्यु पूर्व बयान की सत्यता पर संदेह पैदा करते हैं। उन्होंने सर्वेश के अंतिम बयान में आए ‘पता उपरोक्त’, ‘मय परिवार’, ‘एक मुश्त’, ‘एक नीयत’ जैसे शब्दों को इंगित किया।
अदालत ने इन्हें ‘विचित्र’ करार दिया। क्योंकि साधारणत: आम आदमी रोजमर्रा की बातचीत में इनका इस्तेमाल नहीं करते। फिर वैसे हालात में तो और भी मुश्किल है जब व्यक्ति गंभीर हाल में मृत्यु शैया पर पड़ा हो।
इसके साथ ही अदालत ने नवीन कुमार गुप्ता, गयासी कश्यप, उमेश प्रसाद, राजू और जितेंद्र कुमार को बरी कर दिया। अभियोजन का कहना था कि इन लोगों ने 26 जुलाई 2010 को सर्वेश तथा अंकुश की कथित रूप से लोहे की छड़ों और बेसबाल के बैट से पिटाई थी।
फिर उनपर चाकुओं से भी हमला किया था। इसके बाद उपचार के दौरान सर्वेश ने दम तोड़ दिया था लेकिन अंकुश बच गया। अदालत ने पुलिस के इस बयान पर भी संदेह जताया कि गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद सर्वेश बयान देने के लिए केवल 15 मिनट तक ठीक रहा।
अतिरिक्त सेशन जज मनोज जैन ने कहा कि ऐसे शब्द मृत्यु पूर्व बयान की सत्यता पर संदेह पैदा करते हैं। उन्होंने सर्वेश के अंतिम बयान में आए ‘पता उपरोक्त’, ‘मय परिवार’, ‘एक मुश्त’, ‘एक नीयत’ जैसे शब्दों को इंगित किया।
अदालत ने इन्हें ‘विचित्र’ करार दिया। क्योंकि साधारणत: आम आदमी रोजमर्रा की बातचीत में इनका इस्तेमाल नहीं करते। फिर वैसे हालात में तो और भी मुश्किल है जब व्यक्ति गंभीर हाल में मृत्यु शैया पर पड़ा हो।
इसके साथ ही अदालत ने नवीन कुमार गुप्ता, गयासी कश्यप, उमेश प्रसाद, राजू और जितेंद्र कुमार को बरी कर दिया। अभियोजन का कहना था कि इन लोगों ने 26 जुलाई 2010 को सर्वेश तथा अंकुश की कथित रूप से लोहे की छड़ों और बेसबाल के बैट से पिटाई थी।
फिर उनपर चाकुओं से भी हमला किया था। इसके बाद उपचार के दौरान सर्वेश ने दम तोड़ दिया था लेकिन अंकुश बच गया। अदालत ने पुलिस के इस बयान पर भी संदेह जताया कि गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद सर्वेश बयान देने के लिए केवल 15 मिनट तक ठीक रहा।
Jharkhand Police: Ranchi: डीएसपी मधुसूदन पर गिर सकती है गाज, नौकरी पाने की जांच निगरानी ब्यूरो ने की...
रांची डीएसपी मधुसूदन पर गाज गिर सकती है। एससी कोटे से नौकरी पाने की जांच निगरानी ब्यूरो ने पूरी कर ली है। कभी भी सरकार को जांच की रिपोर्ट भेजी जा सकती है। जांच में मधुसूदन के खिलाफ ठोस साक्ष्य मिलने की बात बताई जा रही है। इसी वजह से उनकी परेशानी बढ़ सकती है। इसके अलावा पूर्व में ही इसी सिलसिले में मधुसूदन पर लगे आरोप से संबंधित फाइल की खोज भी सचिवालय में की जा रही है। यह फाइल कहां है। इसकी जानकारी नहीं मिल पा रही है। निगरानी ब्यूरो के जांच अधिकारी ने गृह विभाग व कार्मिक विभाग को पत्र लिखकर फाइल के मूवमेंट के बारे में जानकारी मांगी है।
क्या है मामला : डीएसपी मधुसूदन एससी कोटे से नौकरी में हैं। उन्होंने अपनी पढ़ाई भी इसी आरक्षित कोटे से की है। इनके विरुद्ध सरकार को लंबे समय शिकायत मिल रही थी। इससे संबंधित फाइल सचिवालय में खुली थी। लेकिन वह फाइल फिलहाल कहां है इसकी जानकारी नहीं है। इस बीच अन्य शिकायत के आधार पर गृह विभाग ने निगरानी ब्यूरो को डीएसपी मधुसूदन द्वारा एससी के नाम पर आरक्षण का लाभ लेते हुए नौकरी पाने के मामले की जांच का आदेश दिया। जांच में यह बात सामने आ रही है कि व बनिया जाति से आते हैं लेकिन उन्होंने एससी का लाभ लिया। जांच के क्रम में यह बात सामने आई है कि इन्हें रामेश्वर पासवान ने गोद लिया था।
मधुसूदन के मामले में जांच जारी है, रिपोर्ट मिलते ही सरकार को भेज दी जाएगी। ""
एमवी राव, आईजी निगरानी
क्या है मामला : डीएसपी मधुसूदन एससी कोटे से नौकरी में हैं। उन्होंने अपनी पढ़ाई भी इसी आरक्षित कोटे से की है। इनके विरुद्ध सरकार को लंबे समय शिकायत मिल रही थी। इससे संबंधित फाइल सचिवालय में खुली थी। लेकिन वह फाइल फिलहाल कहां है इसकी जानकारी नहीं है। इस बीच अन्य शिकायत के आधार पर गृह विभाग ने निगरानी ब्यूरो को डीएसपी मधुसूदन द्वारा एससी के नाम पर आरक्षण का लाभ लेते हुए नौकरी पाने के मामले की जांच का आदेश दिया। जांच में यह बात सामने आ रही है कि व बनिया जाति से आते हैं लेकिन उन्होंने एससी का लाभ लिया। जांच के क्रम में यह बात सामने आई है कि इन्हें रामेश्वर पासवान ने गोद लिया था।
मधुसूदन के मामले में जांच जारी है, रिपोर्ट मिलते ही सरकार को भेज दी जाएगी। ""
एमवी राव, आईजी निगरानी
UP Police: Kanpur: 34 की मुंहबोली चाची, 22 का मुंहबोला भतीजा, पांच साल के प्यार के बाद भतीजे की शादी से खफा हो गई चाची..
कानपुर। शारीरिक भूख को प्रेम का नाम देने वाले रिश्तों की आड़ में अपने घर परिवार व समाज को धोखा देते हैं और जब रिश्तों में खटास उत्पन्न हो जाती है तो एक-दूसरे पर आरोपों की बौछार करने लगते हैं। ऐसा ही एक मामला शूटर गंज इलाके में प्रकाश में आया। यहां निवास करने वाली एक महिला के अपने मुंह बोले भीतेजे से शारीरिक प्रेम संबंध हो गए। चाची-भतीजे के रुप में यह प्रेम-प्रसंग करीब पांच साल तक चला इस दौरान चाची ने भतीजे के ऊपर चार लाख से ज्यादा की रकम खर्च कर दी। दुनिया वालों की इस सच्चाई का पता तब चला जब भतीजे का विवाह तय होने पर खुन्नस खाई चाची ने पुलिस थाने में तहरीर दे कर उसे जेल भिजवा दिया। अब भतीजा अपने से उम्र में 12 साल बड़ी चाची से प्रेम करने के अपराध का प्राश्चित जेल की सलाखों के पीछे कर रहा है।
जानकारी के मुताबिक ग्वालटोली थाना क्षेत्र के शूटरगंज में एक रक्षा कर्मी अपनी 34 वर्षीय पत्नी और बच्चों के साथ निवास करते हैं। वहीं पास में एक और ओईएफ कर्मी अशोक का परिवार भी रहता है। जिनके बेटे नवल (22) का रक्षा कर्मी के यहां करीब पांच साल से आना-जाना था। नवल रक्षा कर्मी की पत्नी को चाची कहता था। बताया जाता हैं कि रक्षा कर्मी की गैरमौजूदगी में नवल चाची के पास अधिक समय तक रहता, लेकिन चाची-भतीजे का रिश्ता होने के कारण किसी को भी उनके अनैतिक संबंधों की भनक तक नहीं लगी। इस दौरान चाची ने एक बेटी को जन्म भी दिया। जिस पर नवल ने उसका बहुत ख्याल रखा। नवल के सेवा भाव के कारण रक्षा कर्मी उस पर जरूरत से ज्यादा विश्वास करता रहा। किसी प्रकार से मुहल्ले वालों को नवल पर शक हो गया और डेढ़ साल पहले दोनों के बीच कुछ गलत होने की चर्चा फैलने लगी।
इस बात पर नवल के पिता ने उसकी जम कर पिटाई की और उसके चाची के घर जाने पर पाबंदी लगा दी। इस बात से व्याकुल चाची ने अपनी तरफ से पहल कर अफवाहों पर विराम लगा दिया। कुछ दिनों बाद परिजनों ने नवल का विवाह तय कर दिया। जिस बात की भनक किसी प्रकार चाची को लग गयी। उसने नवल पर विवाह न करने का दबाव बनाया। लेकिन नवल ने उसकी एक नहीं मानी और विवाह को तैयार हो गया। बकौल अशोक मेरा बेटा बहक गया था लेकिन सुधरने के बाद जब उसका विवाह होने लगा तो उस महिला ने नाराज होकर ग्वालटोली थाने में अमानत में खयानत की तहरीर दे दी। जिस पर पुलिस ने उनके बेटे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। ग्वालटोली थाना प्रभारी ने बताया कि उक्त महिला ने एक लाख 48 हजार रुपए नगद और करीब तीन लाख की कीमत के जेवरों की अमानत में खयानत की तहरीर दी थी। जिसके तहत कार्रवाई करते हुए नवल की पल्सर मोटर साइकिल महिला को दिलाने के साथ ही उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। बाद में मामले की जांच करने पर पता चला की दोनों के बीच करीब पांच से संबंध चले आ रहे थे।
जानकारी के मुताबिक ग्वालटोली थाना क्षेत्र के शूटरगंज में एक रक्षा कर्मी अपनी 34 वर्षीय पत्नी और बच्चों के साथ निवास करते हैं। वहीं पास में एक और ओईएफ कर्मी अशोक का परिवार भी रहता है। जिनके बेटे नवल (22) का रक्षा कर्मी के यहां करीब पांच साल से आना-जाना था। नवल रक्षा कर्मी की पत्नी को चाची कहता था। बताया जाता हैं कि रक्षा कर्मी की गैरमौजूदगी में नवल चाची के पास अधिक समय तक रहता, लेकिन चाची-भतीजे का रिश्ता होने के कारण किसी को भी उनके अनैतिक संबंधों की भनक तक नहीं लगी। इस दौरान चाची ने एक बेटी को जन्म भी दिया। जिस पर नवल ने उसका बहुत ख्याल रखा। नवल के सेवा भाव के कारण रक्षा कर्मी उस पर जरूरत से ज्यादा विश्वास करता रहा। किसी प्रकार से मुहल्ले वालों को नवल पर शक हो गया और डेढ़ साल पहले दोनों के बीच कुछ गलत होने की चर्चा फैलने लगी।
इस बात पर नवल के पिता ने उसकी जम कर पिटाई की और उसके चाची के घर जाने पर पाबंदी लगा दी। इस बात से व्याकुल चाची ने अपनी तरफ से पहल कर अफवाहों पर विराम लगा दिया। कुछ दिनों बाद परिजनों ने नवल का विवाह तय कर दिया। जिस बात की भनक किसी प्रकार चाची को लग गयी। उसने नवल पर विवाह न करने का दबाव बनाया। लेकिन नवल ने उसकी एक नहीं मानी और विवाह को तैयार हो गया। बकौल अशोक मेरा बेटा बहक गया था लेकिन सुधरने के बाद जब उसका विवाह होने लगा तो उस महिला ने नाराज होकर ग्वालटोली थाने में अमानत में खयानत की तहरीर दे दी। जिस पर पुलिस ने उनके बेटे को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। ग्वालटोली थाना प्रभारी ने बताया कि उक्त महिला ने एक लाख 48 हजार रुपए नगद और करीब तीन लाख की कीमत के जेवरों की अमानत में खयानत की तहरीर दी थी। जिसके तहत कार्रवाई करते हुए नवल की पल्सर मोटर साइकिल महिला को दिलाने के साथ ही उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। बाद में मामले की जांच करने पर पता चला की दोनों के बीच करीब पांच से संबंध चले आ रहे थे।
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