Sunday, September 11, 2011

Police Career: Police Recruitment: JK Police:Police jobs major hope for Kashmir youths..

Srinagar: With government jobs getting scarce and multinational companies showing reluctance to start operations in Kashmir, police recruitment rallies are turning out to be a major hope for hundreds of unemployed youths here.

Several thousands youths today lined up to test their luck at the on-the-spot recruitment rally for the post of constables, at Jawahar Nagar locality here.


Though the minimum academic qualification for the recruitment as constables was matriculation, there were many with degrees and specialised post-graduate degrees.

Nisar Ahmad from Abi Guzar locality of Srinagar, who has a post-graduate degree in English literature, said he worked for four years in New Delhi with American Express as a senior associate.

"I came back because there was no one to look after my family," Nisar said in fluent English, adding the job in the police was an opportunity for him to earn livelihood.

Hilah Ahmad Shiekh, another aspirant with a post-graduate degree in Education, hailed the police recruitment drive for youths.

"There are no government jobs, private sector pays peanuts, what will happen with it. We have no other option other than this," he said.

Nisar and Hilal were among the hundred-odd youths who were recruited as constables.

Police Career: Police Recruitment: Hyd Police: Police recruitment test in Telangana

Hyderabad: The written examination for recruitment of police sub-inspectors began on Saturday near here and in Karimnagar town amid massive security in view of the threats by pro-Telangana groups to disrupt it, officials said.

Over 4,000 police and paramilitary personnel have been deployed at BHEL township near Hyderabad, where the test is being conducted at six centres. Tight security has also been made at Karimnagar, also in Telangana region.


Police have sealed all roads leading to the BHEL township. Even residents have to show identity proof before being allowed to enter.

The examination is also being conducted at Visakhapatnam, Eluru, Guntur and Kurnool for filling the posts in Andhra and Rayalaseema regions. Officials said the test would be held in two sessions Saturday and Sunday.

Meeting a long-pending demand of groups fighting for separate statehood to Telangana, President Pratibha Patil Friday deleted clause 14(f) from the presidential order making Hyderabad a free zone for recruitment to government departments.

Now, Hyderabad is no longer a free zone for jobs and almost all posts will be filled with local candidates.

With the deletion of the controversial clause, the authorities heaved a sigh of relief but they are not taking any chances as Telangana groups have demanded the postponement of the test for a month so that candidates from the region can prepare for it.

The central government's move averted a showdown as political and non-political groups from Telangana had warned of serious consequences if the test was held without deleting the clause.

The government had maintained that clause 14(f) had nothing to do with the conduct of the test as no posts in Hyderabad are being filled this time.

The notification for the exam was issued two years ago but the protests by Telangana groups had forced the government to repeatedly postpone it.

According to Andhra Pradesh State Level Police Recruitment Board (APSLPRB) chairman M Malakondaiah, around 18,000 candidates are taking the test to fill 1,293 posts.

He has warned criminal action against those disrupting the examination.

Meanwhile, at Eluru exam centre, authorities debarred a constable for copying during the exam.

Delhi Police: HC Blast: हाईकोर्ट बम धमाके की जांच कर रही एनआइए की टीम शनिवार को पुलिस मुख्यालय...

नई दिल्ली, जासं : हाईकोर्ट बम धमाके की जांच कर रही एनआइए की टीम शनिवार को पुलिस मुख्यालय पहुंची। एनआइए की टीम में स्पेशल डीजी प्रकाश मिश्र, आइजी लोकेंद्र बेहरा और डीआइजी समेत कई अधिकारी शामिल थे। एनआइए के अधिकारियों ने दिल्ली पुलिस के कई अधिकारियों से इस बाबत बातचीत की और सूचनाओं का आदान प्रदान किया।
हाईकोर्ट धमाके की जांच गृह मंत्रालय ने एनआइए को सौंपी थी। इसके अलावा दिल्ली पुलिस भी अपने स्तर पर मामले की तह तक जाने में जुटी हुई है। दिल्ली पुलिस ने स्पेशल सेल के डीसीपी अरुण कंपानी और अपराध शाखा के डीसीपी अशोक चांद के नेतृत्व में तीन टीमें गठित की हैं। इसमें स्पेशल सेल में रहे और कई आतंकियों को ढेर करने वाले एसीपी संजीव यादव भी शामिल हैं। एनआइए के अधिकारियों ने शनिवार को पुलिस मुख्यालय में दिल्ली पुलिस की जांच टीम से धमाके के सभी पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने अपनी सूचनाएं भी एक दूसरे को दीं। जिससे कि ब्लास्ट की जांच को तेजी से आगे बढ़ाकर दहशतगर्दो का पता लगाया जा सके। दोनों ही एजेंसियों के अधिकारियों के बीच क्या बात हुई इस बारे में पुलिस अधिकारी ज्यादा कुछ बोलने से बच रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि बैठक में विस्फोट में इस्तेमाल सामग्री और आतंकी गुटों की गतिविधियों और ईमेल को लेकर चर्चा की गई।

Saturday, September 10, 2011

BREAKING NEWS: POLICE NEWS ने हासिल किया एक और मुकाम...सफलता की नई मंजिल हासिल...बधाई..बधाई..बधाई...

दोस्तों,
अब POLICE NEWS एक और सफलता के साथ आपके साथ है। हम अब 8K hits याने आठ हजार हिट्स वाले ब्लॉगों के क्लब में शामिल हो गए हैं। हमारी लोकप्रियता बताती है कि हम अपने पुलिस मित्रों के बीच तेजी से पैठ बना रहे हैं। देखिए किस तेजी से हम सब एक साथ मिल रहे हैं। हम अपने पुलिस विभाग की खबरों में रुचि ले रहे हैं।


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बस अब आप सबकों अपने POLICE NEWS के लिंक पर क्लिक करना है और खबरों को पढ़कर उसपर अपने कमेंट लिखना है। क्या सोचते है आप...पुलिस विभाग में घट रही इन बातों पर...

आप सभी को बधाई।

Goa Police: film 'Singham': 'सिंहम' के अजय देवगन से टिप्स लेगी गोवा पुलिस

ठीक काम न कर पाने की वजह से आलोचना झेल रही गोवा पुलिस अब अजय देवगन की ' सिंहम ' से कुछ टिप्स लेगी। डायरेक्टर रोहित शेट्टी ने ' सिंहम ' के सीन गोवा में फिल्माए हैं और इसमें गोवा पुलिस का जिक्र भी है। इस फिल्म में अजय देवगन एक ईमानदार और कर्मठ इंस्पेक्टर के रोल में हैं।

गोवा के डीजीपी आदित्य आर्य पुलिस ऑफिसर्स के लिए ' सिंहम ' की स्पेशल स्क्रीनिंग करवा रहे हैं। कला अकादमी के 900 सीट की कपैसिटी वाले ऑडिटोरियम में 11 सितंबर को यह फिल्म पुलिसवालों को दिखाई जाएगी।

डीजीपी आदित्य आर्य ने कहा कि इस फिल्म को दिखा कर पुलिस फोर्स को सही काम के लिए प्रेरित किया जाएगा। आदित्य ने कहा, ' उन्हें जानना चाहिए कि अगर वे सही काम करते हैं, तो उनके साथ सभी लोग खड़े होंगे। '

डीजीपी ने कहा कि एक आदमी की वजह से पूरे डिपार्टमेंट की छवि खराब होती है, ' मेरा मकसद यह है कि वे सोसायटी के लिए कुछ अच्छा कर सकें। '

बीएस बासी के बाद चार्ज लेने वाले डीजीपी आदित्य ने कई पुलिस स्टेशन का दौरा किया और कई पुलिसवालों को सस्पेंड भी कर दिया।

MP Police: Police Directory: मध्य प्रदेश पुलिस के अधिकारियों की डॉयरेक्टरी...

मध्य प्रदेश पुलिस के अधिकारियों की डॉयरेक्टरी...क्लिक करें।

Delhi Police: HC Blast: गृह मंत्रालय ने दिखाया दिल्ली पुलिस को आइना

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता : वह समय बीत चुका जब दिल्ली पुलिस की गिनती देश की स्मार्ट पुलिस में होती थी। जैश ए मोहम्मद व लश्कर से लेकर इंडियन मुजाहिद्दीन जैसे आतंकी संगठनों की जड़े खोदने वाली स्पेशल सेल कब अर्स से फर्श पर आ गई, किसी को पता नहीं चला। मगर आला अधिकारी इसी गफलत में रहे कि उनसे बढ़कर कोई नहीं। जामा मस्जिद, महरौली और फिर दो बार हाईकोर्ट में विस्फोट के बाद भी आंख नहीं खुली। देशद्रोही गतिविधियां छोड़ जेबकतरे पकड़ने की राह पर चल पड़ी स्पेशल सेल को लेकर कहीं न कहीं गृहमंत्रालय चिंतित है। यही वजह है कि पौने दो साल से साइड लाइन चल रहे एक ऐसे अधिकारी को हाईकोर्ट विस्फोट मामले की जांच में लगाया गया है जिसे न सिर्फ आतंकियों पर नकेल कसने में महारथ हासिल है बल्कि देश के वह पहले ऐसे अधिकारी हैं जिन्हें बहादुरी के लिए अब तक एक दो नहीं बल्कि आठ गैलेंटरी पुरस्कार मिल चुके हैं। 2008 में हुए श्रंखलाबद्ध बम धमाकों के महज छह दिन के अंदर इंडियन मुजाहिद्दीन का चेहरा बटला हाउस एनकाउंटर से बेनकाब करने वाले यह अधिकारी हैं एसीपी संजीव यादव।
स्पेशल सेल की निष्क्रियता का दौर एकाएक नहीं आया। बल्कि इसकी नींव 2007 में ही पड़ गई थी। तत्कालीन पुलिस आयुक्त वाई एस डडवाल के आउट आफ टर्न प्रमोशन बंद करने के रवैये को भी कुछ लोग इसके लिए जिम्मेदार मानते हैं। उनका मानना है कि इसका असर पुलिस के मनोबल पर पड़ा। दूसरा, अधिकारियों का शहर में मुठभेड से बचने का नजरिया भी कम दोषी नहीं था। एक समय वह भी था जब स्पेशल सेल की टीम न सिर्फ राजधानी व उसके आसपास के इलाकों में आपरेशन चलाती थी बल्कि कश्मीर तक में जाकर उसने आतंकियों को मार गिराया। मगर आला अधिकारियों की इच्छा शक्ति के आगे धीरे धीरे हालात बिगड़ते चले गए। स्पेशल सेल को सर्वाधिक नुकसान पहुंचा बटला हाउस एनकाउंटर से। मामले के राजनीतिकरण ने स्पेशल सेल को हाशिये पर धकेल दिया। अधिकारी डर गए। मातहतों को पचड़े वाले मामलों से बचने के मौखिक निर्देश मिलने शुरू हो गए। नतीजा दिल्ली पुलिस की बेहतरीन यूनिट निठल्लों की फौज बनकर रह गई।
स्पेशल सेल वर्ष 2010 में हुए जामा मस्जिद गोलीकांड में कुछ कमाल नहीं दिखा पाई। कुछ ऐसा ही हश्र महरौली ब्लास्ट तथा 25 मई को हाईकोर्ट के बाहर बम विस्फोट में हुआ। बुधवार को दूसरी बार आतंकियों ने हाईकोर्ट को निशाना बनाया तब भी उसके पास किसी तरह की कोई सूचना या आगे की रणनीति नहीं थी। दिल्ली पुलिस से लेकर हाईकोर्ट ब्लास्ट की जांच एनआईए को सौंपी गई तब भी स्पेशल सेल अधिकारियों के चेहरों पर कोई तनाव या खास असर नजर नहीं दिखा। सूत्रों की मानें तो दिल्ली पुलिस का यह रवैया गृहमंत्रालय से छिपा नहीं था। लिहाजा आनन फानन में स्पेशल सेल में तैनात रह चुके संजीव यादव को दिल्ली हाईकोर्ट विस्फोट मामले की जांच से जोड़ा गया। जिस प्रकार इस वारदात में इंडियन मुजाहिद्दीन पर शक गहरा रहा है उस लिहाज से संजीव यादव की जांच टीम में तैनाती को काफी अहम माना जा रहा है। वह न सिर्फ इंडियन मुजाहिद्दीन की नस-नस से बाखिव हैं बल्कि हूजी, जैश, लश्कर समेत अन्य आतंकी संगठनों के विषय में भी उन्हें महारथ हासिल है। दिल्ली पुलिस में एक बड़ा वर्ग ऐसा है जो इस कदम से सहमत है लेकिन कमी निकालने वाले भी कम नहीं।
ज्ञात हो कि संजीव यादव दिसंबर 2004 से नवंबर 2009 तक स्पेशल सेल में एसीपी रहे हैं। इस दौरान वह लश्कर आतंकी अबू हुजेफा, हूजी के गुलाम यजदानी, आइएम के आतिफ व साजिद समेत कई आतंकियों व हेमंत सोनू व दीपक जाट जैसे बदमाशों के 53 एनकाउंटर कर चुके हैं। मुन्ना बजरंगी व बृजेश सिंह जैसे गैंगेस्टर भी उन्हीं की टीम ने पकड़े थे।