Thursday, September 22, 2011

MP Police: हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए लोकायुक्त पुलिस के जाल में फंसा सरकारी कर्मचारी...

इंदौर।। करीब नौ लाख रुपये की चोरी की रकम का बड़ा हिस्सा हड़पते हुए हाथ आए चोर को छोड़ने के आरोप में एक सब इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया। पुलिसकर्मी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कृष्णावेणी देसावातु ने बताया, 'इस मामले में सब इंस्पेक्टर बिहारीलाल मेहर को सस्पेंड कर दिया गया है। जरूरी सबूत जुटाने के लिए मामले की निष्पक्ष जांच की जा रही है।'

पुलिस सूत्रों के मुताबिक मेहर ने विजय नगर क्षेत्र की एक बहुमंजिला इमारत में कुछ दिनों पहले हुई चोरी के आरोप में मिलन नामक व्यक्ति को पकड़ा था। सब इंस्पेक्टर ने उसके कब्जे से चोरी के करीब नौ लाख रुपये बरामद किए थे।

सूत्रों ने बताया कि मेहर ने चोरी की रकम में से साढे़ छह लाख रुपये खुद रख लिए और बचे हुए ढाई लाख रुपये आरोपी को थमाते हुए मामले को रफा-दफा कर दिया। सूत्रों के मुताबिक जब मिलन एक अन्य मामले में तुकोगंज पुलिस के हत्थे चढ़ा तो उससे पूछताछ के दौरान सब इंस्पेक्टर की करतूत उजागर हो गई।

UP Police: Kanpur : दो दिन पहले हुई लूट और हत्या के मामले में सर्राफा पुलिस चौकी का इंचार्ज लाइन हाजिर...

कानपुर।। चकेरी इलाके में एक सर्राफ के घर दो दिन पहले हुई लूट और हत्या के मामले में इलाके की पुलिस चौकी के इंचार्ज को गुरुवार को लाइन हाजिर कर दिया गया। मामले में करीब आधा दर्जन लोगों से पूछताछ की जा रही है। इस बीच घटना में मारी गई 13 साल की बच्ची पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उसके साथ मारपीट के साथ रेप की बात सामने आई है।

गौरतलब है कि 20 सितंबर को तड़के चकेरी के सनिगंवा इलाके में विनोद कुमार सर्राफ के घर सुबह करीब चार बजे तीन लुटेरे घुस आए और विनोद से सोने-चांदी के बारे में पूछा, आनाकानी करने पर लुटेरों ने परिवार के लोगों को लोहे की रॉड और फावड़े से बेरहमी से पीटा जिससे विनोद कुमार, उनकी पत्नी रत्ना और पुत्री मानसी (18) और दूसरी पुत्री मान्या (13) बुरी तरह से घायल हो गए। लुटेरे घर से सोने-चांदी का सामान और नकदी लेकर फरार हो गए थे। बाद में मान्या की मौत हो गई जबकि अन्य लोग अभी अस्पताल में हैं।

कानपुर पुलिस के डीआईजी राजेश राय ने बताया कि सनिगंवा इलाके के पुलिस चौकी इंचार्ज विनोद कुमार मिश्र को लाइन हाजिर कर पुलिस लाइन भेज दिया गया है। घटना की तहकीकात के लिए एक एसपी स्तर के अधिकारी के नेतृत्व में तीन विशेष टीमें बनाई गई हैं जिसमें एसओजी को भी शामिल किया गया है।

डीआईजी के मुताबिक इस मामले में करीब आधा दर्जन संदिग्ध लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है लेकिन अभी तक किसी को भी गिरफ्तार नही किया गया है। पुलिस के एक अधिकारी के मुताबिक, इस कांड में मरी मान्या की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उसके साथ रेप की पुष्टि हुई है।

Wednesday, September 21, 2011

Mumbai Police: रिश्वत लेते भाईंदर के PSI को DCP साहब ने किया गिरफ्तार, बिल्डर को धमका रहा था..

भाईंदर में शिवशंकर मोरे नामक पुलिस सब इंस्पेक्टर को पुलिस थाने में ही 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते नवी मुंबई के डीवाईएसपी राजेन्द्र जाधव ने बुधवार की दोपहर रंगे हाथों पकड़ा।


भाईंदर वेस्ट में 150 फुट रोड पर राधास्वामी परिसर के पास कंपनी की साइट है। कुछ अज्ञात लोगों ने वहां वाचमैन की चौकी को तोड़ दिया। बताते हैं कुछ दिन बाद पुलिस वाले उलटे कंस्ट्रक्शन कंपनी नसीम एंटरप्राइजेज के पार्टनर महाडिक को ही धमकाने लगे। मामला 1 लाख 25 हजार में तय हुआ।

Delhi Police: Delhi Traffic Police: देखिए नई तकनीक का कमाल, दिल्ली दिखाई देगा मोबाइल ट्रैफिक सिग्नल...

दिल्ली की सड़कों पर आपको ट्रैफिक सिग्नल दौड़ता हुआ दिखाई दे तो चौंकिएगा नहीं, यह सच है। जिस सिग्नल को आप अपने साथ दौड़ता हुए देखेंगे, हो सकता है कि आगे किसी चौराहे पर वही ट्रैफिक सिग्नल आपकी दिशा तय करे। हैवी ट्रैफिक, मगर लालबत्ती नहीं, ऐसे इलाकों में अब मोबाइल ट्रैफिक सिग्नल काम करेगा। यह सिग्नल ट्रैफिक जाम से भी थोड़ी-बहुत राहत प्रदान करेगा। इसके अलावा किसी स्थान पर स्थायी लालबत्ती लगानी है तो उससे पहले मोबाइल ट्रैफिक सिग्नल के जरिए ट्रायल होगा। बुधवार से केजी मार्ग पर मोबाइल ट्रैफिक सिग्नल बतौर ट्रायल काम करेगा।


ज्वाइंट सीपी (ट्रैफिक) सतेंद्र गर्ग ने बताया कि फिलहाल जाकिर हुसैन मार्ग पर मोबाइल ट्रैफिक सिग्नल का ट्रायल पूरा कर लिया गया है। दो सप्ताह तक लगाए गए मोबाइल ट्रैफिक सिग्नल की मदद से पता चला है कि इस मार्ग पर कहीं किसी भी तरह से ट्रैफिक बाधित नहीं हुआ। पैदल चलने वाले लोगों को भी कोई परेशानी नहीं हुई। ट्रैफिक सिग्नल का स्थान और लाल व हरी बत्ती का कितना समय रखा जाए, यह भी तय कर लिया गया है। मोबाइल ट्रैफिक सिग्नल का सबसे बड़ा फायदा यही रहता है कि स्थायी सिग्नल लगाने से पहले उसका सकारात्मक व नकारात्मक प्रभाव बखूबी रूप से पता चल जाता है। उस इलाके में सिग्नल की जरूरत है या नहीं, इसका अंदाजा भी पहले ही लगा लिया जाता है। गर्ग का कहना था, किसी इलाके में जब यह पहले ही पता हो, कि वहां पर फलां दिन हैवी ट्रैफिक रहेगा या लोगों की भारी भीड़ जुटेगी तो मोबाइल ट्रैफिक सिग्नल का इस्तेमाल कर जाम से थोड़ी राहत प्रदान की जा सकती है।

Police Property: दिल्ली में मकान लेने के लिए हो जाए तैयार, डीडीए बनाएगा 67 हजार फ्लैट्स......

दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) अगले कुछ सालों में शहर के विभिन्न हिस्सों में 67,000 फ्लैट बनाएगा। डीडीए की एक बैठक में तीन श्रेणियों के फ्लैट बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। सूत्रों ने बताया कि ये फ्लैट रोहिणी और नरेला जैसे इलाकों में बनाए जाएंगे और डीडीए इन्हें बनाने में नई तकनीक का इस्तेमाल करेगा।


उन्होंने बताया कि इनमें से 20,000 फ्लैट कम आय वाले वर्ग के लिए, 19,000 आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) और 4,000 निम्न वर्ग के लिए बनाए जाएंगे । सूत्रों के मुताबिक, डीडीए ने बहुप्रतीक्षित फार्महाउस नीति को मंजूरी नहीं दी । इस नीति का उददेश्य शहर के 2,000 से भी ज्यादा फार्महाउस को नियमित करना है।

Mumbai Police: मुंबई पुलिस कमिश्नर ने दफ्तर बुलाकर सम्मानित किया कांस्टेबल को, छुट्टी के दिन भी निभाई थी ड्यूटी...

अक्सर ड्यूटी पर रहते हुए भी काम से कतराने वाले पुलिस वालों के लिए मुंबई पुलिस को बदनाम किया जाता है। लेकिन सभी पुलिस वाले ऐसे नहीं होते हैं।

दरअसल शनिवार को सुबह 11 बजे के करीब ताड़देव स्थित एक जूलरी की दुकान पर दो लोग सोने की चेन और कंगन बेचने आए थे। इस दौरान छुट्टी का दिन होने के कारण कॉन्सटेबल मारुति अपने बच्चों को स्कूल छोड़कर आ रहे थे। उन्होंने दुकानदार और आभूषण बेचने आए लोगों को बहस करते हुए देख लिया। उनकी हालत देखकर मारुति को शक हुआ कि कई वे चोर तो नहीं जो चोरी का सामान दुकान में बेचने आए। शक के आधार पर मारुति ने उन्हें जब रोकना चाहा तो वे भागने लगे।


इसी बीच ताड़देव पर ड्यूटी पर तैनात बीट मार्शल पुलिस कॉन्सटेबल शत्रुघ्न उग्ले की मदद से मारुति ने चोरों को पीछा किया , और उनमें से एक को धर दबोचा। जब मारुति और उनके साथी कॉन्सटेबल ने आरोपी अजय दुर्गाप्रसाद मिश्रा की तलाशी ली तो उसके पास 3.5 ग्राम की सोने की चैन और दो कंगन बरामद हुए। जबकि भीड़ होने की वजह से अजय का दूसरा साथी विनोद भागने में कामयाब रहा।

पूछताछ के दौरान अजय ने पुलिस को बताया कि वो और उसका साथी माहिम दरगाह में रहते हैं , और उन्हें यह जूलरी बांद्रा के माउंट मेरी चर्च के मैले में मिली। आगे की पूछताछ के लिए उसे ताड़देव पुलिस के हवाले कर दिया गया।

बहरहाल कॉन्सटेबल मारुति और शत्रुघ्न के काम से खुश होकर मुंबई पुलिस कमिश्नर अरूप पटनायक ने उन्हें अपने में दफ्तर बुलाकर सम्मानित किया। मारुति को छुट्टी पर होते हुए भी ड्यूटी करने के लिए डेढ़ हजार रुपये जबकि शत्रुघ्न को एक हजार रुपये की बख्शीश दी। साथ ही सीपी साहब ने दोनों को सर्टिफिकेट देकर उनकी हौसला अफजाई की। मारुति पाटील एन . एम . जोशी मार्ग में कार्यरत है।

Bihar Police: Patna: बंगाल के बाद अब बिहार पुलिस भी आई टीवी पत्रकारों के रास्ते, अब उपद्रवियों को करेगी 'शूट'....

पटना।। हाल के दिनों में बिहार में जनता और पुलिस के बीच हुए टकराव के मामलों में पुलिस की ' बदनामी ' हुई है। पुलिस ने इस तरह की ' बदनामी ' से बचने के लिए एक नायाब तरीका निकाला है। बिहार पुलिस अब उपद्रवियों से निपटने के लिए डंडे का इस्तेमाल नहीं करेगी बल्कि उन्हें 'शूट' करेगी। यह सुनने में थोड़ा अजीब लग सकता है लेकिन डीजीपी अभयानंद ने राज्य के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों (एसपी) को उपद्रवियों से निपटने के लिए उन्हें 'शूट' करने का आदेश दिया है। यहां पर 'शूट' से मतलब उनको गोली मारने से नहीं बल्कि विडियो बनाने से है।

नए तरीके के तहत पुलिस अब भीड़ से निपटने के लिए लाठी और बंदूक ले जाने की बजाए कैमरा लेकर जाएगी।


अभयानंद ने मंगलवार को बताया कि कैमरे की मदद से उपद्रवियों की हरकतों का विडियो बनाया जाएगा और बाद में इसी को साक्ष्य बनाकर उन उपद्रवियों को कोर्ट से सजा दिलाने की कोशिश की जाएगी। उन्होंने कहा कि विडियो फुटेज देखकर पुलिस बदमाशों की भी पहचान कर सकेगी और उनके खिलाफ मामला दर्ज कर सकेगी। इस तरह फास्ट सुनवाई के जरिए अपराधियों को सजा दिलाने की कोशिश की जाएगी।

एक पुलिस अधिकारी का कहना है कि हमें संयम बरतने का निर्देश मिला है। इसमें सिर्फ एक लाइन लिखी है, 'शूट विद कैमरा नॉट विद वेपन।'

पुलिस अधिकारियों का मानना है कि इस तरकीब से दंगे, आगजनी और छोटी-छोटी बातों को लेकर होने वाले सड़क जाम जैसी स्थितियों से निपटने में अवश्य सहायता मिलेगी। जब उपद्रवियों को सजा मिलने लगेगी तो ऐसे मामलों पर रोक लगाया जा सकेगा। गौरतलब है कि बिहार पुलिस विडियो फुटेज देखकर पहले भी कई मामले निपटा चुकी है।

एक अन्य अधिकारी बताते हैं कि कानून में हुए संशोधन के तहत सबूत के तौर पर विडियो फुटेज का उपयोग किया जा सकता है। उनका कहना है कि फुटेज के आधार पर जनप्रतिनिधियों से मदद ली जाएगी जिससे सबूत जुटाने में पुलिस को और आसानी होगी।

उल्लेखनीय है कि हाल के दिनों में अररिया के फारबिसगंज और नालंदा में उपद्रवियों से निपटने और उन्हें नियंत्रित करने के लिए पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा। इन घटनाओं के बाद जहां बिहार पुलिस को चारों तरफ आलोचनाओं का शिकार होना पड़ा वहीं सरकार को भी फजीहत झेलनी पड़ी थी। इसके अलावा भीड़ द्वारा भी कानून को हाथ में लेने से पुलिस को परेशानी होती रही है, जिससे कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा हो जाती है।