AHMEDABAD: The terror has taken toll on the garba revelry this season as your every move will now be watched by the garba organizers and police officials in the city. In a notification on Thursday, the city police commissioner has issued a guideline for public and private garba organizers that underlines the use of CCTV cameras for security purpose.
Sudhir Sinha, the city police commissioner, issued a notification for the Navratri. As per the notification, the permission for the public events, also known as 'Sheri Garba' can be given by the respective police station inspector. For the commercial events having tickets or passes, the organizers will have to seek permission from the joint commissioner of police (traffic) office at city police commissioner office. The garba events can use loudspeakers up to 12 midnight. After that, the traditional instruments can be used without loudspeaker.
"As a city with high security every Navratri, many rules will be followed this year as well such as use of metal detectors at the entrance, issue of passes with photograph of the revelers, different entrance and exit for the revelers, deployment of private security personnel and keeping a check on the parking lots. What we have asked the organizers to do is to install CCTV cameras at all strategic locations in and around garba venue. The CCTVs should also be installed at parking, entry and exit. The footage should be retained for no less than three days," said Sinha.
The officials have also taken into consideration the traffic issues due to Navratri. As per the notification, 200 meters of both the sides of the venue should not have traffic jams or parking issues or else the organizers will be held responsible. The organizers have also been asked not to keep parking on road or else the permission will be revoked.
पुलिस की खबरें, सिर्फ पुलिस के लिए ...... An International Police Blog for police personnels and their family, their works, their succes, promotion and transfer, work related issues, their emotions,their social and family activities, their issues and all which related to our police personnels.
Friday, September 23, 2011
Rajasthan Police: Jaipur: दो एडिशनल एसपी के तबादले निरस्त, भरतपुर से ACB जयपुर भेजा...
जयपुर । राज्य सरकार ने एक आदेश जारी कर श्री समीर कुमार सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक का स्थानान्तरणए.सी.बी. भरतपुर से निरस्त कर ए.सी.बी. जयपुर में पदस्थापित किया गया है।
इसी प्रकार श्री महावीर सिंह राणावत का अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भिवाडी के पद पर किया गया स्थानांतरण निरस्त कर दिया गया है।
इसी प्रकार श्री महावीर सिंह राणावत का अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक भिवाडी के पद पर किया गया स्थानांतरण निरस्त कर दिया गया है।
Rajasthan Police: JAISALMER: जैसलमेर पुलिस लाईन मैदान में पौधारोपण
जैसलमेर । महात्मा गांधी जीवनदर्शन समिति, जैसलमेर की ओर से गुरुवार को जैसलमेर पुलिस लाईन मैदान में पौधारोपण कार्यक्रम हुआ। इसमें जिला प्रमुख श्री अब्दुला फकीर, जिला कलक्टर श्री एमपी स्वामी, जिला पुलिस अधीक्षक ममता बिश्नोई, नगरपालिकाध्यक्ष श्री अशोक तंवर, जैसलमेर पंचायत समिति प्रधान श्री मूलाराम चौधरी सहित अन्य अतिथियों ने विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए।
इस मौके पर जिला कलक्टर एमपी स्वामी ने पौधारोपण को आज की प्रधान आवश्यकता बताया और अधिक से अधिक पेड लगाने का आह्वान किया।
इस मौके पर जिला कलक्टर एमपी स्वामी ने पौधारोपण को आज की प्रधान आवश्यकता बताया और अधिक से अधिक पेड लगाने का आह्वान किया।
Rajasthan Police: Bharatpur: पुलिस ने चलाई 209 गोलियां, गोपालगढ़ हिंसा के बाद थाने का पूरा स्टॉफ बदला...
भरतपुर के आरबीएम अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद रखे गोपालगढ़ हिंसा के चार मृतकों के शव गुरूवार सुबह सुपुर्द ए खाक कर दिए गए। इस बीच, गोपालगढ़ थाने का पूरा स्टाफ बदल दिया गया है।
उधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोटा में कहा कि न्यायिक व सीबीआई जांच से वास्तविक स्थिति पता चल जाएगी। पुलिस ने अधिकांश फायरिंग हवा में की। पुलिस ने 209 गोलियां चलाई। ज्यादातर मौत आपसी संघर्ष में हुई। सरकार ने गोपालगढ़ घटना की न्यायिक जांच राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश सुनील कुमार गर्ग को सौंपी है।
गोपालगढ़ थाना लाइन-हाजिर
हिंसा के बाद गोपालगढ़ थाने के स्टाफ को गुरूवार को लाइन हाजिर कर दिया गया। इस बीच भरतपुर के आरबीएम अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद रखे चार मृतकों के शव गुरूवार सुबह सुपुर्द-ए-खाक किए गए। गुरूवार दोपहर को एक और शव परिजन ले गए। अब अस्पताल में दो शव और हैं। जयपुर में सवाई मानसिंह अस्पताल में दो जनों का पोस्टमार्टम हो गया। पोस्टमार्टम के बाद परिजनों ने शव लेने से इंकार कर दिया।
कर्फ्यू में ढील के दौरान भी गुरूवार को गोपालगढ़ के बाजार नहीं खुले। कामां व पहाड़ी क्षेत्र के 5 कस्बों में लगे कर्फ्यू की अवधि 23 सितम्बर को शाम 6 बजे तक बढ़ा दी गई है। सुबह 11 से सायं 4 बजे तक छूट रहेगी। कलक्टर व एसपी ने 6 शवों के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दो की मौत गोली लगने से होना बताया है।
गुरूवार को गोपालगढ़ पहुंचे भाजपा नेता गुलाबचंद कटारिया ने पुलिस कार्रवाई को जायज ठहराया, लेकिन समय रहते हालात पर नियंत्रण नहीं होने को सरकार की नाकामी करार दिया।
जांच में पता चलेगी सही स्थिति : गहलोत
कोटा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि न्यायिक व सीबीआई जांच के बाद ही गोपालगढ़ हिंसा की वास्तविक स्थिति का पता चल पाएगा। उन्होंने दावा किया, हिंसा में सभी लोगों की मौत पुलिस की गोली से नहीं हुई। पोस्टमार्टम में दो या तीन लोगों को ही पुलिस की गोली लगने की बात आई है। गहलोत ने कहा, गोपालगढ़ हिंसा सांप्रदायिक घटना नहीं बल्कि दो जाति या समुदाय के बीच जमीन का झगड़ा थी। पुलिस ने फायरिंग हवा में की। ज्यादातर मौतें आपसी संघर्ष में हुई।
जस्टिस गर्ग को जांच
जयपुर. राज्य सरकार ने गोपालगढ़ हिंसा एवं पुलिस फायरिंग की न्यायिक जांच राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश सुनील कुमार गर्ग को सौंपी है। उन्हें जांच के लिए तीन माह का समय दिया गया है।
रोडवेज को नुकसान
हिंसा से रोडवेज को 11 लाख का नुकसान हो चुका है। बसें करीब 52 हजार 797 किमी कम चलीं।
दिल्ली में सरकार विरोधी प्रदर्शन
नई दिल्ली. गोपालगढ़ में हुई हिंसा को लेकर विपक्ष के साथ हरियाणा व राजस्थान के अल्पसंख्यकों ने भी राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इन दोनों राज्यों के मेवों ने गुरूवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर राज्य के गृहमंत्री शांति धारीवाल के इस्तीफे की मांग की। दिल्ली वेलफेयर मेव सोसाइटी के बैनर तले प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे जदयू के सांसद अली अनवर ने पत्रिका से कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत को तुरंत गृहमंत्री का इस्तीफा लेना चाहिए।
वरना उनके खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा। दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हो। इधर, कांग्रेस आलाकमान को राज्य सरकार ने भी एक रिपोर्ट भेजी है। समझा जाता है कि रिपोर्ट में उठाए गए कदमों की जानकारी दी। संकेत हैं कि आलाकमान इस मामले से जुड़े नेताओं को एक दो दिन में दिल्ली तलब कर सकता है।
उधर, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोटा में कहा कि न्यायिक व सीबीआई जांच से वास्तविक स्थिति पता चल जाएगी। पुलिस ने अधिकांश फायरिंग हवा में की। पुलिस ने 209 गोलियां चलाई। ज्यादातर मौत आपसी संघर्ष में हुई। सरकार ने गोपालगढ़ घटना की न्यायिक जांच राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश सुनील कुमार गर्ग को सौंपी है।
गोपालगढ़ थाना लाइन-हाजिर
हिंसा के बाद गोपालगढ़ थाने के स्टाफ को गुरूवार को लाइन हाजिर कर दिया गया। इस बीच भरतपुर के आरबीएम अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद रखे चार मृतकों के शव गुरूवार सुबह सुपुर्द-ए-खाक किए गए। गुरूवार दोपहर को एक और शव परिजन ले गए। अब अस्पताल में दो शव और हैं। जयपुर में सवाई मानसिंह अस्पताल में दो जनों का पोस्टमार्टम हो गया। पोस्टमार्टम के बाद परिजनों ने शव लेने से इंकार कर दिया।
कर्फ्यू में ढील के दौरान भी गुरूवार को गोपालगढ़ के बाजार नहीं खुले। कामां व पहाड़ी क्षेत्र के 5 कस्बों में लगे कर्फ्यू की अवधि 23 सितम्बर को शाम 6 बजे तक बढ़ा दी गई है। सुबह 11 से सायं 4 बजे तक छूट रहेगी। कलक्टर व एसपी ने 6 शवों के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दो की मौत गोली लगने से होना बताया है।
गुरूवार को गोपालगढ़ पहुंचे भाजपा नेता गुलाबचंद कटारिया ने पुलिस कार्रवाई को जायज ठहराया, लेकिन समय रहते हालात पर नियंत्रण नहीं होने को सरकार की नाकामी करार दिया।
जांच में पता चलेगी सही स्थिति : गहलोत
कोटा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि न्यायिक व सीबीआई जांच के बाद ही गोपालगढ़ हिंसा की वास्तविक स्थिति का पता चल पाएगा। उन्होंने दावा किया, हिंसा में सभी लोगों की मौत पुलिस की गोली से नहीं हुई। पोस्टमार्टम में दो या तीन लोगों को ही पुलिस की गोली लगने की बात आई है। गहलोत ने कहा, गोपालगढ़ हिंसा सांप्रदायिक घटना नहीं बल्कि दो जाति या समुदाय के बीच जमीन का झगड़ा थी। पुलिस ने फायरिंग हवा में की। ज्यादातर मौतें आपसी संघर्ष में हुई।
जस्टिस गर्ग को जांच
जयपुर. राज्य सरकार ने गोपालगढ़ हिंसा एवं पुलिस फायरिंग की न्यायिक जांच राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश सुनील कुमार गर्ग को सौंपी है। उन्हें जांच के लिए तीन माह का समय दिया गया है।
रोडवेज को नुकसान
हिंसा से रोडवेज को 11 लाख का नुकसान हो चुका है। बसें करीब 52 हजार 797 किमी कम चलीं।
दिल्ली में सरकार विरोधी प्रदर्शन
नई दिल्ली. गोपालगढ़ में हुई हिंसा को लेकर विपक्ष के साथ हरियाणा व राजस्थान के अल्पसंख्यकों ने भी राज्य की कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इन दोनों राज्यों के मेवों ने गुरूवार को जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर राज्य के गृहमंत्री शांति धारीवाल के इस्तीफे की मांग की। दिल्ली वेलफेयर मेव सोसाइटी के बैनर तले प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे जदयू के सांसद अली अनवर ने पत्रिका से कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत को तुरंत गृहमंत्री का इस्तीफा लेना चाहिए।
वरना उनके खिलाफ मोर्चा खोला जाएगा। दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हो। इधर, कांग्रेस आलाकमान को राज्य सरकार ने भी एक रिपोर्ट भेजी है। समझा जाता है कि रिपोर्ट में उठाए गए कदमों की जानकारी दी। संकेत हैं कि आलाकमान इस मामले से जुड़े नेताओं को एक दो दिन में दिल्ली तलब कर सकता है।
Rajasthan Police: Jodhpur: ANM Bhavri devi: राजस्थान के बहुचर्चित भंवरी देवी अपहरण मामले में अदालत की फटकार, जोधपुर रेंज के आईजी उमेश मिश्रा को २६ सितंबर को अदालत में तलब...
जयपुर । राजस्थान के बहुचर्चित भंवरी देवी अपहरण मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने जोधपुर रेंज के आईजी उमेश मिश्रा को २६ सितंबर को अदालत में तलब किया है। भंवरी देवी मामले में अनुसंधान अधिकारी ने गुरुवार को कोर्ट में अपना जवाब पेश किया।
अनुसंधान अधिकारी के जवाब से नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने इस मामले में आईजी रेंज को अदालत में उपस्थित होने के आदेश दिए। अदालत ने इस मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर जांच अधिकारी को क़ड़ी फटकार लगाई।
गुरुवार को भंवरी देवी के पति अमरचंद की ओर से दायर की गई बंदी प्रत्यक्षीरकण याचिका पर सुनवाई हो रही थी। भंवरी देवी मामले में राजस्थान हाईकोर्ट गृह सचिव और आईजी रेंज को पहले ही नोटिस जारी कर चुका है।
इधर, भंवरी देवी मामले में अब पुलिस ने राजनेताओं पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। जोधपुर पुलिस ने भंवरी देवी अपहरण मामले में जोधपुर के पूर्व उप जिला प्रमुुख सहीराम विश्नोई को आरोपी बनाया है।
सहीराम की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने गुरुवार छह ठिकानों पर दबिश दी, लेकिन उसका कहीं सुराग नहीं लगा। सहीराम विश्नोई जोधपुर को उप जिला प्रमुख रहा है तथा उसने छह माह तक जिला प्रमुख का कार्यभार भी संभाला था। पुलिस की जांच में यह सामने आया है कि सहीराम विश्नोई ने ही शहाबुद्दीन को भंवरी देवी के अपहरण का जिम्मा सौंपा था। भंवरी देवी अपहरण मामले में राज्य के जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा और स्थानीय कांग्रेस विधायक के बाद सहीराम विश्नोई के रुप में तीसरे राजनेता का नाम सामने आया है।
इसके अलावा पुलिस ने इस मामले के प्रमुख आरोपी शहाबुद्दीन के खिलाफ कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट लिया है। पुलिस ने शहाबुद्दीन की गिरफ्तारी पर इनामी राशि को चार हजार रुपए से ब़ढ़ाकर २५ हजार रुपए कर दिया है।
पुलिस ने शहाबुद्दीन की संपत्ति को कुर्क करने की भी तैयारी शुरू कर दी है। राज्य पुलिस की करीब एक दर्जन टीमें राजस्थान सहित प़ड़ोसी राज्य हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भंवरी देवी की तलाश के लिए दिन रात जुटी हुई हैं।
अनुसंधान अधिकारी के जवाब से नाराजगी जताते हुए कोर्ट ने इस मामले में आईजी रेंज को अदालत में उपस्थित होने के आदेश दिए। अदालत ने इस मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर जांच अधिकारी को क़ड़ी फटकार लगाई।
गुरुवार को भंवरी देवी के पति अमरचंद की ओर से दायर की गई बंदी प्रत्यक्षीरकण याचिका पर सुनवाई हो रही थी। भंवरी देवी मामले में राजस्थान हाईकोर्ट गृह सचिव और आईजी रेंज को पहले ही नोटिस जारी कर चुका है।
इधर, भंवरी देवी मामले में अब पुलिस ने राजनेताओं पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। जोधपुर पुलिस ने भंवरी देवी अपहरण मामले में जोधपुर के पूर्व उप जिला प्रमुुख सहीराम विश्नोई को आरोपी बनाया है।
सहीराम की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने गुरुवार छह ठिकानों पर दबिश दी, लेकिन उसका कहीं सुराग नहीं लगा। सहीराम विश्नोई जोधपुर को उप जिला प्रमुख रहा है तथा उसने छह माह तक जिला प्रमुख का कार्यभार भी संभाला था। पुलिस की जांच में यह सामने आया है कि सहीराम विश्नोई ने ही शहाबुद्दीन को भंवरी देवी के अपहरण का जिम्मा सौंपा था। भंवरी देवी अपहरण मामले में राज्य के जल संसाधन मंत्री महिपाल मदेरणा और स्थानीय कांग्रेस विधायक के बाद सहीराम विश्नोई के रुप में तीसरे राजनेता का नाम सामने आया है।
इसके अलावा पुलिस ने इस मामले के प्रमुख आरोपी शहाबुद्दीन के खिलाफ कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट लिया है। पुलिस ने शहाबुद्दीन की गिरफ्तारी पर इनामी राशि को चार हजार रुपए से ब़ढ़ाकर २५ हजार रुपए कर दिया है।
पुलिस ने शहाबुद्दीन की संपत्ति को कुर्क करने की भी तैयारी शुरू कर दी है। राज्य पुलिस की करीब एक दर्जन टीमें राजस्थान सहित प़ड़ोसी राज्य हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भंवरी देवी की तलाश के लिए दिन रात जुटी हुई हैं।
Thursday, September 22, 2011
Delhi Police: Police Health: दिल्ली पुलिस का फरमान, तोंद गायब करों या हो लाइन हाजिर...
दिल्ली पुलिस के जवानों से लेकर अफसरों तक में सैकड़ों ऐसे दिखाई दे जाएंगे, जिनकी 'तोंद' निकली हुई हैं। बड़ी तोंद को अनफिट होने की निशानी माना जाता है और अपनी इस इमेज से मुक्ति पाने के लिए अब पुलिस कमर कसर रही है। ट्रैफिक पुलिस तो बाकायदा बड़ा अभियान चलाने वाली है। लेकिन इसका दूसरा पहलू भी है कि सिपाही से लेकर सब-इंसपेक्टर तक के पुलिसकर्मियों पर काम का दबाव इतना ज्यादा है कि एक्सरसाइज का टाइम ही नहीं मिल पाता। कुछ ऑफिसर खुद को फिट रखने के लिए वक्त जरूर निकाल लेते हैं।
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के जॉइंट कमिश्नर सत्येंद्र गर्ग का कहना है कि कुछ अनफिट दिखने वाले ट्रैफिक पुलिसवालों की पहचान भी की गई है। इन्हें पहले फिट रहने के लिए कहा जाएगा जिसमें असफल होने पर ट्रैफिक लाइन भेज दिया जाएगा। उसके बाद भी अगर अनफिट बने रहे तो ट्रैफिक पुलिस से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। इस मुद्दे पर कई सिपाही और हवलदारों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि लगभग रोज ही उनकी 12 से 15 घंटे की ड्यूटी हो जाती है। अधिकतर पुलिसकर्मियों की पोस्टिंग उसके घर से दूर के इलाकों में की गई है। ऐसे में ड्यूटी आने-जाने में ही इतना वक्त गुजर जाता है कि एक्सरसाइज या मॉर्निंग वॉक का न समय ही नहीं बचता।
यहीं नहीं किसी प्वाइंट पर ड्यूटी देने के दौरान अगर कोई पुलिसकर्मी खाना खाने भी चला गया और उसी वक्त ऑफिसर ने विजिट कर ली तो भी डांट पड़ती है। इमरजेंसी में तो कई बार 24 घंटे यह उससे भी ज्यादा ड्यूटी देनी पड़ जाती है। परिवार और खासतौर से बच्चों को भी समय नहीं दे पाते। इससे हमारा स्वभाव भी चिड़चिड़ा होता जा रहा है। कुछ पुलिस ऑफिसरों का भी कहना है कि पुलिस की नौकरी में खुद को फिट रखने के लिए जरूर कोई न कोई उपाय किए जाने चाहिए, नहीं तो आने वाले समय में बहुत दिक्कतें पेश आएंगी।
वेस्ट दिल्ली के अडिशनल पुलिस कमिश्नर वी. रंगनाथन ने बताया कि अपने स्टाफ को फिट रखने के लिए वह कीर्ति नगर और राजौरी गार्डन में क्लासें लगवाते हैं। एक में फिट रहने के तरीके बताए जाते हैं तो दूसरी में एक्सरसाइज कराई जाती है। आउटर दिल्ली के डीसीपी बी. एस. जायसवाल का कहना है कि जल्द ही वह अपने डिस्ट्रिक्ट में भी पुलिसकर्मियों को फिट रखने की क्लास लगवाने जा रहे हैं। इसमें एक संस्था से टाइ-अप भी किया जा चुका है। इसमें पुलिस जवानों का मानसिक तनाव कम करने के भी तरीके बताए जाएंगे। नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के डीसीपी संजय जैन ने बताया कि पिछले दिनों उनके जिले में मेडिटेशन और योगा की क्लास शुरू की गई थी। मगर फिर टाइट शेड्यूल होने की वजह से वह छूट गई हैं। अब इन्हें दोबारा शुरू करने पर विचार किया जा रहा है।
क्या कहते हैं पुलिस ऑफिसर
खाने - पीने का बहुत अधिक ध्यान रखता हूं। कोशिश करता हूं कि रोज सुबह करीब एक घंटे सैर कर ली जाए। हालांकि जिम जाने का टाइम नहीं मिल पाता।
- वी . रंगनाथन , अडिशनल पुलिस कमिश्नर ( वेस्ट दिल्ली )
जिम तो नहीं जाता हूं , लेकिन मॉर्निंग वॉक जरूर करता हूं। खाने - पीने का खास ध्यान रखता हूं और लंच केवल फलों का ही करता हूं। आमतौर पर लिफ्ट जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल ही करता हूं।
- राजन भगत , पीआरओ ( दिल्ली पुलिस )
फिट रहने की कोशिश करता हूं , मगर समय नहीं मिल पाता। हर वक्त मोबाइल फोन की घंटी बजने और ड्यूटी का कोई टाइम निश्चित न होने की वजह से सेहत पर ध्यान नहीं दे पाता।
- बी . एस . जायसवाल , डीसीपी ( आउटर दिल्ली )
पहले जिम भी जॉइन किया था , मगर टाइट ड्यूटी की वजह से छोड़ना पड़ा। अब कोशिश करता हूं कि सुबह या शाम वक्त मिलने पर थोड़ी वॉक कर सकूं। वैसे हमारी फिटनेस तो पेट्रोलिंग में ही हो जाती है।
- संजय जैन , डीसीपी ( नॉर्थ - ईस्ट दिल्ली )
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के जॉइंट कमिश्नर सत्येंद्र गर्ग का कहना है कि कुछ अनफिट दिखने वाले ट्रैफिक पुलिसवालों की पहचान भी की गई है। इन्हें पहले फिट रहने के लिए कहा जाएगा जिसमें असफल होने पर ट्रैफिक लाइन भेज दिया जाएगा। उसके बाद भी अगर अनफिट बने रहे तो ट्रैफिक पुलिस से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाएगा। इस मुद्दे पर कई सिपाही और हवलदारों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि लगभग रोज ही उनकी 12 से 15 घंटे की ड्यूटी हो जाती है। अधिकतर पुलिसकर्मियों की पोस्टिंग उसके घर से दूर के इलाकों में की गई है। ऐसे में ड्यूटी आने-जाने में ही इतना वक्त गुजर जाता है कि एक्सरसाइज या मॉर्निंग वॉक का न समय ही नहीं बचता।
यहीं नहीं किसी प्वाइंट पर ड्यूटी देने के दौरान अगर कोई पुलिसकर्मी खाना खाने भी चला गया और उसी वक्त ऑफिसर ने विजिट कर ली तो भी डांट पड़ती है। इमरजेंसी में तो कई बार 24 घंटे यह उससे भी ज्यादा ड्यूटी देनी पड़ जाती है। परिवार और खासतौर से बच्चों को भी समय नहीं दे पाते। इससे हमारा स्वभाव भी चिड़चिड़ा होता जा रहा है। कुछ पुलिस ऑफिसरों का भी कहना है कि पुलिस की नौकरी में खुद को फिट रखने के लिए जरूर कोई न कोई उपाय किए जाने चाहिए, नहीं तो आने वाले समय में बहुत दिक्कतें पेश आएंगी।
वेस्ट दिल्ली के अडिशनल पुलिस कमिश्नर वी. रंगनाथन ने बताया कि अपने स्टाफ को फिट रखने के लिए वह कीर्ति नगर और राजौरी गार्डन में क्लासें लगवाते हैं। एक में फिट रहने के तरीके बताए जाते हैं तो दूसरी में एक्सरसाइज कराई जाती है। आउटर दिल्ली के डीसीपी बी. एस. जायसवाल का कहना है कि जल्द ही वह अपने डिस्ट्रिक्ट में भी पुलिसकर्मियों को फिट रखने की क्लास लगवाने जा रहे हैं। इसमें एक संस्था से टाइ-अप भी किया जा चुका है। इसमें पुलिस जवानों का मानसिक तनाव कम करने के भी तरीके बताए जाएंगे। नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली के डीसीपी संजय जैन ने बताया कि पिछले दिनों उनके जिले में मेडिटेशन और योगा की क्लास शुरू की गई थी। मगर फिर टाइट शेड्यूल होने की वजह से वह छूट गई हैं। अब इन्हें दोबारा शुरू करने पर विचार किया जा रहा है।
क्या कहते हैं पुलिस ऑफिसर
खाने - पीने का बहुत अधिक ध्यान रखता हूं। कोशिश करता हूं कि रोज सुबह करीब एक घंटे सैर कर ली जाए। हालांकि जिम जाने का टाइम नहीं मिल पाता।
- वी . रंगनाथन , अडिशनल पुलिस कमिश्नर ( वेस्ट दिल्ली )
जिम तो नहीं जाता हूं , लेकिन मॉर्निंग वॉक जरूर करता हूं। खाने - पीने का खास ध्यान रखता हूं और लंच केवल फलों का ही करता हूं। आमतौर पर लिफ्ट जगह सीढ़ियों का इस्तेमाल ही करता हूं।
- राजन भगत , पीआरओ ( दिल्ली पुलिस )
फिट रहने की कोशिश करता हूं , मगर समय नहीं मिल पाता। हर वक्त मोबाइल फोन की घंटी बजने और ड्यूटी का कोई टाइम निश्चित न होने की वजह से सेहत पर ध्यान नहीं दे पाता।
- बी . एस . जायसवाल , डीसीपी ( आउटर दिल्ली )
पहले जिम भी जॉइन किया था , मगर टाइट ड्यूटी की वजह से छोड़ना पड़ा। अब कोशिश करता हूं कि सुबह या शाम वक्त मिलने पर थोड़ी वॉक कर सकूं। वैसे हमारी फिटनेस तो पेट्रोलिंग में ही हो जाती है।
- संजय जैन , डीसीपी ( नॉर्थ - ईस्ट दिल्ली )
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