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Saturday, November 5, 2011
Goa Police: Anna: केजरीवाल का आरोप, पुलिस टेप कर रही है टीम अन्ना के फोन
पणजी. टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि सरकारी एजेंसियां अन्ना हजारे के सहयोगियों के फोन टेप कर रही हैं।
गोवा थिंक फेस्ट कॉन्क्लेव में भाग लेने आए केजरीवाल ने कहा कि उनके और अन्ना के एक सहयोगी के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत को दिल्ली पुलिस ने रिकॉर्ड किया।
उन्होंने कहा कि अन्ना का एक संदेश उनके सहयोगी ने मुझे फोन पर पढ़कर सुनाया। अन्ना राजघाट पर जाकर 15 मिनट बैठना चाहते थे। वे इसका प्रचार नहीं चाहते थे। जैसे ही यह बातचीत खत्म हुई। 15 मिनट के अंदर दिल्ली पुलिस का फोन मेरे पास आया। मुझसे पूछा गया कि अन्नाजी की राजघाट की क्या योजना है। आप उन लोगों के फोन टेप कर सकते हो, जो राष्ट्रद्रोह की गतिविधियों में लिप्त हो। क्या अन्ना राष्ट्रद्रोही हैं? क्या मैं राष्ट्रद्रोही हूं?
AP Police: Hyderabad: बदलते परिवेश में दुश्मनों से निपटने के लिए सुसज्जित होने की आवश्यकता, सरदार बल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में प्रशिक्षु पुलिस अधिकारियों को अपने संबोधन में बोले गृहमंत्री...
हैदराबाद।। केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि पुलिस को बदलते परिवेश में दुश्मनों से निपटने के लिए सुसज्जित होने की आवश्यकता है।
सरदार बल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में प्रशिक्षु पुलिस अधिकारियों को अपने संबोधन में गृहमंत्री ने कहा, 'पुलिस व्यवस्था नाटकीय तरीके से प्रतिदिन बदल रही है। आपके दुश्मन अनेक हैं। प्रतिदिन नए दुश्मन सामने आ रहे हैं।' भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2010 के बैच में 134 पुलिस अधिकारी शामिल हैं। इसमें से 11 अधिकारी नेपाल, भूटान और मालदीव के हैं। अधिकारियों की रंगारंग परेड के बाद चिदंबरम ने कहा, 'दुश्मन प्रतिदिन ट्रेंड हो रहे हैं और चुस्त हैं। इसलिए आपको भी चुस्त रहना होगा। वे समाज के कुछ वर्गों के साथ गठजोड़ बना रहे हैं। आपको समाज के सभी वर्गों के साथ संबंध बनाना होगा।'
पुलिस अकादमी को विश्वस्तरीय बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने सुविधाओं और आधारभूत अवसंरचना के विकास के लिए पिछले दो सालों में 200 करोड़ रुपए दिए हैं। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा का अधिकारी बनना दुर्लभ सम्मान है। भूटान और मालदीव के चार-चार और नेपाल के तीन अधिकारियों ने इस बैच में प्रशिक्षण लिया है। चिदंबरम ने कहा कि भारत इन पड़ोसियों के साथ काम करने के लिए तैयार है।
UP Police: Lacknow: मेडम को भ्रष्ट्र कहा तो DIG मिश्रा को पागल बताने पर तुला सिस्टम..उत्तर प्रदेश फायर सर्विसेज के पुलिस उप महानिरीक्षक देवदत्त मिश्रा ने मायावती सरकार को सबसे भ्रष्ट सरकार बताया
उत्तर प्रदेश फायर सर्विसेज के पुलिस उप महानिरीक्षक देवदत्त मिश्रा ने मायावती सरकार को सबसे भ्रष्ट सरकार बताया है। मिश्रा ने मायावती के अफसरों पर भी भ्रष्टाचार में डूबे रहने का आरोप लगाया है। डीआईजी के आरोपों पर यूपी सरकार ने सफाई देते हुए उन्हें मानसिक रूप से परेशान बताया है।
गृह विभाग के प्रमुख सचिव कुंवर फतेह बहादुर सिंह ने कहा कि मिश्रा को सरकार के खिलाफ नहीं बोलना चाहिए था। गृह प्रमुख सचिव ने कहा कि हालांकि मिश्रा की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और उनके घर वालों के अनुसार वह पिछले एक महीने से अवसाद में हैं इसके बावजूद उन्होंने जो आरोप लगाये हैं उसकी जांच पुलिस महानिदेशक (भ्रष्टाचार निरोधक) अतुल करेंगे। अतुल को जल्द ही रिपोर्ट देने को कहा गया है।
1992 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी मिश्रा ने शुक्रवार को अपने कार्यालय में बैठकर दमकल गाडि़यों तथा अन्य उपकरणों की खरीद फरोख्त में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री मायावती से उन्हें जान का खतरा है। मिश्रा ने ग्राम्य विकास मंत्री दद्दू प्रसाद पर भी गम्भीर आरोप लगाए थे ।
दूसरी ओर सरकार ने डीआईजी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के संकेत दिये है। फायर सर्विस मुख्यालय पर कल देर शाम करीब साढे़ तीन घंटे तक चले नाटकीय घटनाक्रम के बाद विभागीय अधिकारियों ने उन्हें छत्रपतिशाहूजी महाराज के ट्रामा सेन्टर मे भर्ती करा दिया था। विभागीय अधिकारियों के अनुसार वह हाईपर टेंशन से पीड़ित हैं ।
इस बीच मिश्रा की पुत्री ने पत्रकारों से कहा है उसके पिता करीब एक महीने से काफी व्यथित रहते थे लेकिन घर में वह कोई खास चर्चा नहीं करते थे। पुत्री ने कहा है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और प्रख्यात समाजसेवी अन्ना हजारे के प्रबल समर्थक उसके पिता ने भ्रष्टाचार के खिलाफ हमेशा लड़ाई लड़ी है ।
UP Police: Lacknow: DIG मिश्रा के आरोपों के बाद पद से हटाए गए ADG..
लखनऊ। कैमरे के सामने उत्तर प्रदेश के एक डीआईजी डीडी मिश्रा ने माया शासन पर सवाल उठा दिए। आनन फानन में यूपी सरकार ने इस अधिकारी को मानसिक रूप से बीमार करार दे दिया। लेकिन ताजा खबर ये है कि डीआईजी के आरोपों की वजह से सरकार ने एडीजी फायर हरिश्चंद्र सिंह को उनके पद से हटा दिया है। यही नहीं सरकार मिश्रा के आरोपों की जांच भी करा रही है। सरकार ने एंटी करप्शन विभाग के डीजी अतुल कुमार से इन आरोपों की जांच कराने की ठानी है।
उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह फतेह बहादुर ने कहा कि जो आरोप मिश्रा ने लगाए हैं उनकी जांच होगी। डीआईजी डीडी मिश्रा इस वक्त अस्पताल में हैं। शुक्रवार को आईबीएन 7 पर मिश्रा के बयान चलने के फौरन बाद ही उनके दफ्तर को पुलिस ने घेर लिया था। सरकार ने उनकी डॉक्टरी जांच कराई थी। डॉक्टरों ने उन्हें डिप्रेशन का शिकार बताया और फिर उन्हें अस्पताल में भर्ती करा दिया गया।
वहीं, डीआईजी मिश्रा के समर्थन में आए एक और आईपीएस ने सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। मिश्रा 1992 बैच के आईपीएस अफसर हैं। उनकी छवि बेहद कड़क और ईमानदार अफसर की रही है। उनका कैरियर बेदाग रहा है। लेकिन चित्रकूट में एक प्रभावशाली नेता से तनातनी के बाद उन पर एक आरोप लगा था। इसी वजह से एसपी से डीआईजी पद पर उनका प्रमोशन रुका रहा।
मिश्रा को फिलहाल कड़ी सुरक्षा के बीच अस्पताल में रखा गया है। परिवार वालों के अलावा किसी को उनसे नहीं मिलने दिया जा रहा। मिश्रा के करीबी दोस्तों की मानें तो हाल ही में उनके एक सीनियर अफसर ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया था जिसे लेकर भी वो काफी गुस्से में थे। मिश्रा के साथ काम करने वाले अफसरों को ये कतई यकीन नहीं कि वो बीमार है।
Friday, November 4, 2011
UP Police: NOIDA: ये बेचारी काम की मारी नोयडा पुलिस, लाखों की जनता के लिए बस 18 सौ पुलिसवाले..
NOIDA: Two battalions of the Special Range Security have been recently sanctioned to exclusively guard the sprawling Ambedkar Park, but Noida Police, by its own admission, is grossly understaffed.
According to the figures provided by the Noida police department - which manages a population of 6.24 lakh - barely 1,800 police personnel, including those posted with the traffic department, maintain the law and order in this satellite township. While an ideal policing situation in a civilized urban area is one policeman for every 100 citizens, in Noida, the ratio is 1 cop for every 667 people in the city - and it is worse when the whole of Gautam Budh Nagar district is considered.
To further add to their woes, the police force not only has to tackle criminals but also has added responsibilities like providing VIP security. "Our primary job is to maintain law and order and curb crime. However, there are many other divergent responsibilities, too, that we have to look after," said Anant Dev, superintendent of police. "At least two VIPs visit Noida every month, resulting in only 50% or less personnel maintaining law and order duties. Moreover, a major chunk of our force also remains deployed in the areas that have been witnessing farmers' agitation like the recent one," he said.
According to officials, a proposal for around 4,000 additional cops was made around three years ago, but no addition has been made as yet. Noida needs more than 5,000 policemen, but only about 700 sub-inspectors and constables are available. The police, finding themselves more than overworked and having little manoeuvering space, are resorting to several innovative steps. The SP explained: "There are more than 11,000 private security guards deployed across the city to guard various institutions and homes. We are motivating them to be our eyes and ears after duly verifying the antecedents of every incident."
Furthermore, on their enterprising menu is making better use of technology and working closely with the residents to curb crime. In addition, the integrated control room is being upgraded and GPS system installed in the city's 42 PCR vans last year is being restored.
WB Police: Kolkata: ममता दी सुनिए, Sector V and Rajarhat New Town police stations do not have the infrastructure,Manpower is inadequate..
KOLKATA: Kolkata Police's taking over the road traffic management on the Rajarhat's main arterial road may not solve the law and order problems at Rajarhat and Salt Lake Sector V. For the police stations that remain with the West Bengal Police are lacking in infrastructure.
Also, there is some discontent within Bengal Police. "Why are they not taking over traffic management of VIP Road or Jessore Road which are more congested? Lack of coordination is bound to happen in Rajarhat as they will look after traffic management only," said an officer. North 24-Parganas police recently submitted a letter to the DGP, a source said.
Sector V and Rajarhat New Town police stations do not have the infrastructure to meet the demands of policing. Manpower is inadequate in both police stations. The three police stations in Salt Lake and one in Sector V. In case of a law and order problem, forces are sent from three other police stations.
TN Police: Manglore: Mangalore City Police के लिए खुशखबरी, सरकार ने 332 पदों को मंजूरी दी..
MANGALORE: Policing in the youngest unit in the state, Mangalore City Police, will get more compact with internal reorganization as the government has granted sanction for 332 posts. The internal shuffle would see the creation of a new sub-division in Mangalore City South, renaming of Mangalore sub-division as Mangalore central sub-division and Panambur sub-division as Mangalore North sub-division.
The existing Mangalore and Panambur sub-divisions are headed by assistant commissioners of police (ACP). The city police will utilise the sanctioned post of ACP (headquarters) as ACP of Mangalore City South division till they get a sanction for this post. At the same time, the city will also get an ACP for traffic, who would head two traffic police stations in traffic east and west and north and south police stations that have been proposed.
What is particularly noteworthy about this sanction, said Seemanth Kumar Singh, city police chief is that 100 of them would be police constables. The induction of the constables, Seemanth said, would bring about a much-needed impetus to the more demanding needs of city policing and also reduce the workload on existing police constables. The city police would also get six police inspectors and eight PSIs as per the new sanction.
The sanction will not entail a financial implication for the government as the posts have been reappropriated from different parts of the state, Seemanth told TOI here on Wednesday. "This will also go a long way in addressing the staff shortage that we face on the clerical side and beef up our magisterial section. The latter section plays an important role in a police set-up that confers magisterial powers on the police commissioner," Seemanth noted.
Another advantage of the internal reorganization planned, he said, is that each of the ACPs would have supervision work of a maximum of five police stations. Mangalore city South ACP would deal with Mangalore Rural, Ullal, Konaje and South PS, Mangalore City Central ACP with North, Gandhinagar, East, Urwa and Womens PS and Mangalore City North ACP with Kavoor, Bajpe, Panambur, Mulki and Moodbidri police stations.
The ACP (traffic) would initially take care of two traffic police stations and two more once the newly proposed police stations come through, he said. This would only partially fulfil staffing needs of Mangalore city police which presently has nearly 750 police personnel of various ranks. Initial proposals were sent to add a further 805 policemen with separate proposals for wireless, city armed reserve and magisterial staff. These are being sanctioned in phases.
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