Sunday, November 6, 2011

UP Police: GRP: अब उत्‍तर प्रदेश में GRP भी फेसबुक पर

लखनऊ। उत्‍तर प्रदेश की पुलिस अब हाईटेक होती जा रही है। कागजों पर लोगों की एफआईआर लिखने से कतरा रही पुलिस अब इंटरनेट के जरिए लोगों की शिकायतों को दूर करने की बात कर रही है। सिविल पुलिस के बाद अब जीआरपी भी फेसबुक पर आ गयी है। ट्रेनों में होने वाली आपराधिक घटनाओं पर लगाम लगाने के दावे के साथ जीआरपी ने मंगलवार को विभाग की वेबसाइट शुरू कर दी। जीआर पी अब फेसबुक के द्वारा लोगों की शिकायतें तो सुनेगी ही साथ ही सुझाव भी लेगी ताकि उसकी प्रणाली में सुधार हो सके। राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक रेलवे ए.के. जैन ने कहा कि ट्रेनों में कई बार अपराधिक घटनाएं हो जाती है और पीडि़त दूरस्थ स्थान का रहने वाला होता है। ऐसी स्थिति में जीआरपी को तत्काल सूचना न मिल पाने के कारण फौरी कार्यवाही नहीं हो पाती लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
उन्होंने बताया कि इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए राजकीय रेलवे पुलिस ने अपनी वेबसाइट शुरु कर दी। उन्होंने बताया कि अब जीआरपी फेसबुक पर भी आ गयी है। लोग फेसबुक के माध्यम से शिकायत अथवा सुझाव दर्ज करा सकते हैं। जैन ने बताया कि कोई भी व्यक्ति इंटनेट के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है जिसपर तत्काल कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि शिकायतकर्ता हिंदी व अंग्रेजी में मेल कर सकते हैं। इसके लिए ई-मेल पता, मोबाइल अथवा टेलीफोन नंबर अंकित किया जाना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि ट्रेन व स्टेशनों के आसपास होने वाली घटनाओं को रोकने व अपराधियों को पकडऩे के लिए जीआरपी ने कुछ क्षेत्रों को चिन्हित कर नई पुलिस चौकीयां स्थापित की हैं। जबकि ट्रेनों में चेनपुलिंग करने वालों के लिए सख्त कानून बनाया गया है और ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ एमएचटी यात्रियों के आरक्षित डिब्बों में चढ़कर दूसरे यात्रियों की सीटों पर कब्जा करने वालों के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जतायी कि इस कदम के बाद यात्रियों को काफी लाभ मिलेगा।

Police Awards: Bihar:UP: पुलिस सेवा का अनोखा रिकार्डस, परदादा, दादा, पिता पोती ..सब पुलिस सेवा में...

नई दिल्ली। 90 साल के बाद चौथी पीढ़ी भी पुलिस सेवा में आ जाए, तो किसी आश्चर्य से कम नहीं। अपने परदादा, दादा और पिता के पद चिह्नों पर चलते हुए कथक नृत्यांगना मनुस्मृति ने भी पुलिस सेवा को चुना है। मूलत: बिहार के औरंगाबाद की मनुस्मृति ने यह इतिहास शनिवार को हैदराबाद की नेशनल पुलिस अकदमी से पास आउट करके रचा। वर्तमान में आईपीएस पिता-पुत्री की यह अकेली जोड़ी है। मनु का भाई लॉ करने के बाद दूसरे कार्य में लग गया।
मनुस्मृति के पिता कमलेंद्र प्रसाद उत्तर प्रदेश कैडर के भारतीय पुलिस सेवा के 1981 बैच के अधिकारी हैं और इन दिनों दिल्ली में नेशनल इंस्टीटयूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी एंड फोरेंसिंक साइंस के निदेशक हैं। मनुस्मृति के दादा अरविंद प्रसाद बिहार पुलिस से एएसपी के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं। उसके परदादा हरिहर प्रसाद वर्मा 1921 में बिहार पुलिस में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुए और वर्ष 1954 में सहायक सब इंस्पेक्टर पद से सेवानिवृत हुए। हरिहर प्रसाद का देहांत वर्ष 1954 में हुआ। मनु स्मृति ने दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से पढ़ाई की। उसने कोलकाता के सीएसएसएस से एमफिल की।

Punjab Police: Jalandhar: पुलिस- बदमाशों की मुठभेड़ में जांबांज सब-इंस्पेक्टर शिवकुमार गंभीर रूप से घायल, चार कुख्यात बदमाशों को गिरफ्तार किया..

जालंधर: पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ में एक सब-इंस्पेक्टर गंभीर रूप से घायल हो गया. पुलिस ने चार कुख्यात बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस और बदमाशों की ये मुठभेड़ पंजाब के जालंधर में होशियारपुर रोड पर हुई. मुठभेड़ उस वक्त हुई जब पुलिस ने एक स्कार्पियो गाड़ी को शक के आधार पर रोकने की कोशिश की.
बदमाशों ने गाड़ी रोकने के बजाए पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी. मुठभेड़ के दौरान शिवकुमार नाम का एक सब-इंस्पेक्टर गंभीर रूप से घायल हो गया. एक गोली सब इंस्पेक्टर शिवकुमार के सिर में जा लगी. इस मुठभेड़ में एक बदमाश भी गंभीर रूप से घायल हुआ है. दोनों घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया है. पुलिस ने चार बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया जबकि एक बदमाश फरार हो गया. पुलिस ने बदमाशों के पास दो देसी तमंचे और एक पिस्टल भी बरामद की है.

Delhi Police: पुलिस मख्यालय में बम की झूठ खबर से हड़कंप ..

नई दिल्ली: शनिवार रात एक फोन कॉल ने दिल्ली पुलिस को परेशान कर दिया. किसी ने 100 नंबर पर फोन कर दिल्ली पुलिस मुख्यालय में बम होने की खबर दी थी लेकिन बाद में ये खबर झूठी निकली. शनिवार की रात 100 नंबर पर किसी ने फोन कर कहा कि दिल्ली पुलिस मुख्यालय में बम फटने वाला है. इसके कुछ ही मिनट के अंदर कमला मार्केट, दरियागंज और आईपी एस्टेट के थाना इंचार्ज पुलिस हेडक्वार्टर पहुंच गए.
बम निरोधी दस्ता भी मौके पर पहुंच गया और बम की खोजबीन शुरू हो गई. करीब 45 मिनट तक पुलिस मुख्यालय में चारों ओर गहन छानबीन के बाद भी कहीं कुछ नहीं मिला, तब जाकर दिल्ली पुलिस ने राहत की सांस ली. अभी तक ये पता नहीं चला है कि आखिर फोन किसने किया था. दिल्ली पुलिस ने आईपी एस्टेट थाने में इस मामले में केस दर्ज कर लिया गया है.

Saturday, November 5, 2011

Punjab Police: Ambala: पुलिस कमिश्नरी बन गई लेकिन अब नफरी बढ़ने का इंतजार

अंबाला, वरिष्ठ संवाददाता : अंबाला-पंचकूला पुलिस कमिश्नरी बन गई लेकिन अब नफरी बढ़ने का इंतजार है। नफरी की कमी के कारण ट्रैफिक पुलिस की दूसरी कामों में ड्यूटी लग जाती है जिस कारण भी यातायात व्यवस्थ बिगड़ जाती है। बिना संसाधनों के ही ट्रैफिक पुलिस ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने में जुटी है। ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की संख्या जहां पचास फीसदी नहीं वहीं किराए की क्रेन पर वाहनों को उठाती है। जानकारी के अनुसार ट्रैफिक पुलिसकर्मियों की बात करें तो यह स्टैंथ 95 कर्मियों की है। अब कमिश्नरी बनने के बाद स्टैंथ ओर बढ़ने की उम्मीद है। लेकिन यहां पर करीब 33 पुलिसकर्मी है, बाकी इधर-उधर से गुजारा लेकर चलाना पड़ रहा है।
संसाधनों का टोटा, कैसे हो व्यवस्था दुरुस्त संसाधनों की बात करें तो टै्रफिक पुलिस के पास एक जिप्सी, एक मोटरसाइकिल, दो क्रेनें (एक खराब), दो एंबुलेंस हैं लेकिन आज युग में इससे काम नहीं चलता। ऐसे हालत में एक किराए की क्रेन पर पुलिस अपना काम चला रही है। छावनी के सदर बाजार में क्रेन खड़ी कर दी जाती है, यदि कोई वाहन पीली पट्टी के बाहर हो तो क्रेन की पर्ची काटी जारी है। एक क्रेन लाइन में खराब खड़ी है।

HP Police: Shimla: साइबर क्रिमनल्स की कारस्तानी, शिमला पुलिस का ही फर्जी फेसबुक अकाउंट बना डाला...

शिमला पहले जुब्बल की युवती फिर यूनिवर्सिटी की छात्रा। साइबर क्राइम के शातिरों ने अब शिमला पुलिस को भी निशाना बना दिया है। इन शातिरों ने शिमला ट्रैफिक पुलिस का ही फर्जी फेसबुक अकाउंट बना डाला है। शातिर पिछले कई महीनों से इस अकाउंट को चला रहा है। यही नहीं, इसने अकाउंट के जरिए अब तक 76 लोगों को अपना दोस्त भी बना रखा है। शिमला की ट्रैफिक पुलिस तो अपना अकाउंट नहीं बना सकी, लेकिन किसी शातिर ने पुलिस का अकाउंट जरूर चला रखा है। इस फेसबुक अकाउंट में शातिर ने अपनी जन्मतिथि 16 अक्टूबर 1997 डाल रखी है। जो लोग इस अकाउंट से जुड़े हैं, उन्हें इस अकाउंट से दीवाली आदि त्योहारों के मैसेज भी भेजे गए हैं।
पुलिस महकमा बेखबर है। यहां तक आलाधिकारियों को भी इसकी सूचना नहीं है। ट्रैफिक सिस्टम में सुधार के लिए लोगों के सुझाव लेने के लिए दिल्ली और पंजाब पुलिस ने अपने फेसबुक अकाउंट बना रखे हैं। इसके माध्यम से लोग इन शहरों की यातायात समस्या से ट्रैफिक पुलिस को अवगत करवाते हैं। डीएसपी ट्रैफिक पुनीत रघु का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस का कोई अकाउंट अभी नहीं बना है। उन्होंने कहा कि इस जाली अकाउंट को जल्द ही बंद कर दिया जाएगा। पहले पासवर्ड भूल गई थी पुलिस ट्रैफिक पुलिस ने इस साल के शुरुआत में अपना फेसबुक अकाउंट बनाया था लेकिन पासवर्ड याद न रहने से यह अकाउंट पुलिस के लिए जी का जंजाल बन गया। अब इस अकाउंट को हैक कर नया अकाउंट बनाने की योजना बन रही थी लेकिन शातिरों ने पहले ही फर्जी अकाउंट बना डाला।

UP Police: Locnow: उत्तर प्रदेश पुलिस में सिटीजन चार्टर लागू

लखनऊ: उत्‍तर प्रदेश पुलिस से किसी शिकायत या पासपोर्ट वेरिफिकेश के लिए अब आपको बार-बार धक्के नहीं खाने पड़ेंगे क्योंकि पुलिस ने सिटिजन चार्टर लागू कर दिया है. चुनावी साल में जनता को लुभाने में जुटी हैं मायावती. ऐसे में भला यूपी पुलिस कैसे पीछे रहती. तभी तो सो राज्य के नए डीजीपी ने यूपी पुलिस में सिटिजन चार्टर लागू कर दिया है. अब उत्तर प्रदेश में पुलिस से जुड़ी 16 सेवाएं निर्धारित समय में मिल सकेंगी. यह सेवाएं हैं:
अब यूपी में अपराधों का रजिस्ट्रेशन तुरंत होगा. हथियारों के लाइसेंस की जांच में 20 दिन लगेंगे. पासपोर्ट वेरिफिकेश में 15 दिन लगेंगे. कैरेक्टर सर्टिफिकेट में 15 दिन लगेंगे. खोए-पाए वस्तुओं और गुमशुदा व्यक्ति के मामले में तुरंत कार्रवाई. आर्म्स रिन्यूअल के लिए ज्यादा से ज्यादा 15 दिन लगेंगे. फायर डिपार्टमेंट से एनओजी 15 दिन के भीतर मिलेगी. फायर डिपार्टमेंट से सार्वजनिक कार्यक्रम की इजाजत दो दिन में मिल जाएगी. हालांकि सिटिजन चार्टर लागू तो कर दिया गया है, लेकिन तय वक्त पर काम नहीं होने पर किसे जिम्मेदार ठहराया जाएगा यह साफ नहीं है. इसके साथ ही काम में देरी करने वाले अधिकारी पर क्या कार्रवाई होगी इस पर भी कुछ साफ-साफ नहीं कहा गया है. यूपी में पासपोर्ट और शस्त्र लाइसेंस लेने के लिए लोगों के पसीने छूट जाते हैं। थाने से लेकर पुलिस अधिकारियों तक के चक्कर काटने पड़ते हैं। आम लोगों को इस परेशानी से बचाने के लिए पुलिस ने सिटीजन चार्टर लागू कर दिया है। इसमें तय समय सीमा में ही अधिकारी को काम करना होगा। अब जांच के लिये एलआईयू घरों में नहीं जाएगी, यह काम अब पुलिस किया करेगी। हालांकि गाजियाबाद पुलिस ने अपने स्तर से यह व्यवस्था पहले ही लागू कर रखी है। पुलिस महानिदेशक बृजलाल ने किया साफ प्रदेश के पुलिस महानिदेशक बृजलाल और प्रमुख सचिव गृह फतेह बहादुर सिंह शुक्रवार को मेरठ और सहारनपुर मंडल के अधिकारियों की समीक्षा करने आए थे। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में डीजीपी ने बताया कि पुलिस से जुड़े तमाम कामों को लेकर लोगों को परेशान होना पड़ता है और थानों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इसको देखते हुए विभाग में सिटीजन चार्टर लागू दिया गया है। एलआईयू घरों में जाकर जांच नहीं करेगी पुलिस के काम जैसे पासपोर्ट, शस्त्र लाइसेंस, एनवीआर, सीवीआर आदि के काम समयबद्ध होंगे। सिर्फ एक एजेंसी पुलिस ही इसको करेगी, एलआईयू अब इस काम के लिये घरों में जाकर जांच नहीं करेगी। एलआईयू सिर्फ अपने रिकार्ड देखकर अपनी रिपोर्ट देगी। उन्होंने कहा कि लोगों को छोटा सा काम कराने के लिये थानों के चक्कर काटने पड़ते हैं। सिटीजन चार्टर की तरह ही पुलिस चार्टर भी लागू कर दिया गया है। अब पुलिस कर्मचारियों को अवकाश, टीए, डीए, जीपीएफ भुगतान और मेडिकल क्लेम आदि के लिये परेशान नहीं होना पड़ेगा। अब इनके काम भी समयबद्ध ही होंगे। इसके लिए हर जिले में नोडल अधिकारी बना दिये गए हैं। बारह नवंबर को इनकी बैठक भी बुलाई गई है। उन्होंने बताया कि 35 हजार सिपाही प्रशिक्षण के बाद भर्ती हो जाएंगे।