Thursday, November 10, 2011

Police Poll: दीवाली कैसे मनाई...

खुब मिठाई खाई, तोंद बढ़े तो बढ़े 2 (100%) खूब पटाखे फोड़े, धूंआ उड़े तो उड़े 0 (0%) बंदोबस्त में ड्यूटी लगी थी यार 0 (0%) इस बार तो नहीं अगले साल जमकर मनाउंगा 0 (0%)

Mumbai Police: Suicide: मुंबई के माहिम इलाके में पुलिस सिपाही ने खुदकुशी की

मुंबई : माहिम में मंगलवार को पुलिस सिपाही राजेश भालेराव ने अपने घर में पंखे से लटककर खुदकुशी कर ली। राजेश ने अपनी पत्नी के नाम मराठी में एक सूइसाइड नोट छोड़ा है , जिसमें उसने लिखा कि तुमने मुझे जिंदगी में सब कुछ दिया , पर बदले में मैं तुम्हें कुछ नहीं दे पाया। पुलिस के अनुसार , भालेराव धारावी पुलिस स्टेशन से जुड़ा हुआ था और पिछले तीन महीने से ड्यूटी पर नहीं जा रहा था। वह इस दौरान बुरी तरह से डिप्रेशन में रहा। उसके पिता ने कुछ दिनों पहले उसकी काउंसलिंग भी करवाई थी।

Wednesday, November 9, 2011

MP Police: Bhopal: महिला आरक्षक ने की पुरुष आरक्षक की शिकायत, कहा - शादी का झांसा देकर 18 महीने तक किया दुष्कर्म..

भोपाल। शादी का झांसा देकर एक महिला आरक्षक के साथ ज्यादती करने का मामला सामने आया है। आरोपी और कोई नहीं, बल्कि पुलिस विभाग का ही एक आरक्षक है, जिस पर महिला आरक्षक ने ज्यादती का आरोप लगाया है। दोनों पहले से परिचित हैं तथा जबलपुर के रहने वाले है। महिला ने ज्यादती की शिकायत जबलपुर में दर्ज कराई थी। मंगलवार को शून्य पर कायमी कर केस डायरी श्यामला हिल्स थाने भेजी गई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
श्यामला हिल्स पुलिस के मुताबिक पुलिस विभाग में पदस्थ 29 वर्षीय महिला आरक्षक प्रोफेसर कॉलोनी स्थित पुलिस लाइन में रहती है। उसका परिचय विभाग के ही आरक्षक जितेंद्र तिवारी से था। जितेंद्र वर्तमान में कटनी में पदस्थ है। जब वह भोपाल में था तब दोनों की आपस में बातचीत होती रहती थी। उसका प्रोफेसर कॉलोनी स्थित महिला आरक्षक के मकान में भी आना-जाना था। महिला आरक्षक ने आरोप लगाया है कि जितेंद्र ने उसे शादी का झांसा दिया और करीब 18 महीनों तक उसके साथ दुष्कर्म किया। विगत दिनों जब वह जबलपुर स्थित जितेंद्र के घर शादी की बात करने पहुंची तो उसने उसके साथ शादी करने से मना कर दिया। अपने साथ हुई ज्यादती के संबंध में महिला आरक्षक ने जबलपुर में शिकायत दर्ज कराई। घटनास्थल प्रोफेसर कॉलोनी का होने के चलते मंगलवार को केस डायरी श्यामला हिल्स थाने भेजी गई है। यहां पुलिस ने आरोपी आरक्षक के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

MP Police: Indore: कहां जाएं इंदौर में पुलिसवालों के परिवार, इंदौर पुलिस लाइन के मकानों की हालत खस्ता,

इंदौर पुलिस लाइन में रहने वाले 385 पुलिस परिवार विभाग की मनमानी झेल रहे हैं। यहां मकानों की खस्ताहाल स्थिति को देखते हुए विभाग ने आरक्षक से लेकर सब-इंस्पेक्टर श्रेणी के पुलिसवालों को 400 से लेकर 600 रुपए किराए में मकान ढ़ूंढने को कह दिया। चूंकि शहर में इतने किराए में मकान मिलना संभव नहीं इसलिए मजबूरी में पुलिसकर्मियों ने मकान खाली नहीं किए। उनकी मजबूरी का फायदा उठाते हुए विभाग ने उनसे लिखवा लिया कि यदि जर्जर मकानों के कारण कोई दुर्घटना होती है तो इसके लिए जवाबदार वे खुद होंगे न कि विभाग। यह सब तब हो रहा है जबकि पुलिसकर्मियों की इस श्रेणी को मुफ्त आवास उपलब्ध करवाने का नियम है। इंदौर पुलिस के 3 हजार 591 कर्मचारी-अधिकारियों के पास सिर्फ 2 हजार 385 आवास उपलब्ध हैं। रिजर्व इंस्पेक्टर विक्रमसिंह रघुवंशी इस मामले में सफाई देते हुए कहते हैं कि हमने यहां रहने से कर्मचारियों को रोका था लेकिन उन्होंने ही जिद की। ऐसे में दुर्घटना होने पर वे खुद जिम्मेदार होंगे। दूसरी ओर मकान न होने की स्थिति में बाजार मूल्य के आधार पर किराया देने की फाइल पांच सालों से गृह विभाग में अटकी है जिसकी आड़ में अफसरों को टाला जा रहा है। विभाग में प्रधान आरक्षक भीम बहादुर कहते हैं 500 रुपए किराए में तो झोपड़ी भी नहीं मिलती। इससे ज्यादा किराया दिया तो परिवार को छह लोगों को कैसे पालेंगे। आरक्षक मांगीलाल जाटव के मुताबिक हमसे लिखवा लिया गया है कि दुर्घटना होने पर जिम्मेदारी हमारी होगी। परिवार के सात बच्चों को महंगे किराए के मकान में रखा तो मर-मरकर जीना होगा। इससे तो यहीं रहना बेहतर है।
नाम राशि आरक्षक 400 प्र. आरक्षक 500 ए.एस.आई 600 एस.आई 600 इंस्पेक्टर 800 अफसर वेतन का 8000000 106 साल पुराने हैं मकान पुलिस लाइन में बने ज्यादातर मकान १क्५ साल पुराने हैं, जो १9क्५ में बनाए गए थे। हर साल मकानों की कीमत का दो प्रतिशत मेंटेनेंस पीडब्ल्यूडी को दिया जाता था, जिसके आधार पर हर साल रिपेयरिंग की जाती थी। 2004 के बाद पीडब्ल्यूडी ने मेंटेनेंस की यह राशि लेना बंद कर दी और इसके बाद इन मकानों का मेंटेनेंस भी नहीं हुआ। क्चपुलिस विभाग के कर्मचारी जर्जर घोषित भवनों में रहने के लिए मजबूर क्यों हैं? बल के मुताबिक मकान कम हैं इसलिए। क्चतो क्या विभाग को भी उनकी परवाह नहीं है? हमने समय-समय पर मुख्यालय में मकान भत्ता बाजार मूल्य के अनुसार देने की सिफारिश की है। क्चजर्जर भवन में रहने वाले पुलिसकर्मियों को ४क्क् से 600 रुपए में किराए का मकान ढूंढने को कहा जा रहा है, यह कैसे संभव है? हम जानते हैं इंदौर जैसे शहर में यह संभव नहीं है। मगर मुख्यालय से इसी दर पर एचआर दिया जाता है। हम खुद कोई निर्णय नहीं ले सकते। क्चदुर्घटना पर क्या आपकी जिम्मेदारी नहीं बनती? नैतिक रूप जिम्मेदार हमारी ही बनती है। शासन के नियमानुसार तो इन्हें मुफ्त मकान उपलब्ध करवाने का नियम है जो लागू नहीं हो पा रहा है।

KN Police: Banglore: Bangalore traffic police become fast and furious..

The traffic police will have zero tolerance towards stunt riders and drag racers. And you’ve had it if you’re a repeat offender. In three days, the traffic police have already recommended cancellation of licences of 15 bikers guilty of traffic violations. The police have decided to aggressively implement the Motorcycle Rule and Act to bring down the number of traffic violations. The main intention behind is to avoid dangerous and negligence riding. In 2010, 33.33 lakh cases of traffic violations were registered. In 2011, it has crossed 18 lakh.
Initially, in some police stations, there were at least 15 repeat offenders and there are many such cases in the city, hence licences of such riders will be cancelled, said MA Saleem, additional commissioner of police (traffic). “The recommendations have been sent to the RTO to cancel licences. The traffic police will seize licences and send it to the RTO or magistrate. It is up to them to cancel the licence permanently,” said Saleem. “We’re also planning to improve technology to find such offenders. The number of CCTV cameras and a server upgradation are some steps to identify offenders. For riders who violate traffic rules more than three times, their licences will be suspended with immediate effect,” he said. Prior traffic violations will also be taken into account even if the fine has been paid. BlackBerry handsets used by the traffic police can access the records of any vehicle. Hence, it will be easy for the police to identify violators.

Orissa Police: Bhubaneshwar: भुवनेश्वर पुलिस को तोहफा, डीसीपी ऑफिस में खुला हाईटेक कंट्रोल रुम..

BHUBANESWAR: The much-hyped hi-tech police control room that is expected to promptly help respond to emergency situations in the city came up on Wednesday, with chief minister Naveen Patnaik inaugurating the multi-channel telephonic control room, located inside the DCP's office here. "The key point of this `1.78 crore-control room is that it can facilitate fast dissemination of information among police personnel to improve their real time response to emergency situations," twin city police commissioner B K Sharma said. The control room is studded with three vital components: A computer-aided dispatch (CAD), automatic vehicle locator system (AVLS) and a geographic information system (GIS). The systems have been installed by US-based Inter-Act Public Safety Solutions, a leading provider of public safety software.
"While the CAD will guide the police in quickly responding to emergencies, the GIS will automatically trace the callers' location. The AVLS will track the movement of PCR vans so that the control room can identify and send the cops closest to the spot of crime," Sharma said. "The system will cut down on time and improve our response system," the police commissioner added. Nearly 69 police vehicles, comprising as many as 26 patrol vans have been linked with the GPS-enabled control room. There are 13 operators to receive distress calls from the public round-the-clock. As many as 30 calls can be received simultaneously on one telephone number (100). The control room received not less than four hundred calls till evening. "Most of the calls were false and did not warrant police intervention. However, we received around forty calls, relating to traffic problems in different locations," a police functionary at the control room said. The facility has of late been confined to Bhubaneswar alone. "We will soon expand the system to Cuttack," Sharma said. "Such systems have earlier been installed in Assam, Mumbai, Gujarat and Calcutta. Most of the gadgets were purchased from Singapore and Israel," said Paul A Tatro, president of Interact Public Safety Solutions, with whom the state government had signed a pact in April 2010. "Police have been trained to be conversant with the new system. Our company employees would regularly monitor the systems to avoid any technical glitches. Through biometric access control, we can prevent unauthorized access of the systems," Paul said. The control room has a well-equipped disaster centre to deal with crisis hours in the city, he informed. Naveen asked the police commissioner and other senior police officials to regularly monitor functioning of the control room for effective implementation of the system.

Mumbai Police: 100 नंबर पर लगेगा अब आसानी से कॉल, मुंबई पुलिस कंट्रोल रुम में अब हो जाएगी 150 टेलिफोन लाइंन्स..

MUMBAI: The police will soon be able to answer five times more calls simultaneously when people dial the emergency '100' number. Currently, the control room at the Crawford Market police headquarters can answer 30 calls at a time. The figure will soon shoot up to 150. The call-drop rate will also fall and voice quality will be clearer, as the police will shift from an analog to a digital system. "Metros like Delhi, which has a lesser population than Mumbai, have digital police control rooms. The Maharashtra government is moving to make the upgrade," the home official said. Further admitting that the Mumbai police control room needs an upgrade, the official said, "At present the call drop rate is nearly 30%. We expect that to improve."
According to another senior home official, who recently visited the Delhi police control room, "The Mumbai control room has just one primary rate interface (PRI) line, while Delhi has five. The state home department has planned to introduce four new lines," the official added. On each line, 30 calls can be answered. A PRI line enables traditional phone lines to carry voice data and video traffic. 100 To Accommodate 150 Currently, the police control room has one Primary Rate Interface (PRI) system, on which the public can call 100 in an emergency The single system allows 30 operators to answer calls on 30 separate phones simultaneously From the 31st call onwards, the callers are put on hold The police plan to acquire another 4 PRI lines, so they would have 5 in all With each line allowing operators to answer 30 calls, there would be 150 calls answered simultaneously From the 151st call onwards, the callers would be put on hold