Friday, December 2, 2011

Punjab Police: Jalandhar Police: चुनाव में पुलिस पर्यवेक्षक होंगे नियुक्त..

जालंधर : निर्वाचन आयोग ने पंजाब में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष मतदान सुनिश्चित करने के लिए सभी निर्वाचन क्षेत्रों में एक..एक पुलिस पर्यवेक्षक नियुक्त करने का फैसला किया है। जालंधर के जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारी प्रियांक भारती ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग ने इस बार पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनावों के सिलसिले में राज्य के सभी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में एक-एक पुलिस पर्यवेक्षक नियुक्त करने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ने राज्य में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए पुलिस पर्यवेक्षक नियुक्त करने का फैसला किया है। ये पर्यवेक्षक उम्मीदवारों और पुलिस कर्मियों की गतिविधियों पर नजर रखेंगे। भारती ने यह भी कहा कि चुनाव के दौरान खर्चे पर भी खास नजर रखी जाएगी । बैंकों से एक लाख रूपये से अधिक की राशि निकालने वालों पर भी नजर रखी जाएगी ताकि यह पता चल सके कि इन पैसों का इस्तेमाल कहां हो रहा है। जिला निर्वाचन अधिकारी ने यह भी कहा कि सभी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के मतों की गिनती जिला स्तर पर की जाएगी और सभी क्षेत्रों का अलग-अलग स्ट्रांग रूम होगा।

Maharastra Police: Mumbai Police: 500 रुपये के लिएइंस्पेक्टर साहब की सरकारी जीप को बना दिया सेक्‍स कारोबार का अड्डा..

मुंबई. मुंबई पुलिस के एक कॉन्‍सटेबल ने उस सरकारी गाड़ी को, जिसका वह ड्राइवर था, ही सेक्‍स कारोबार का अड्डा बना दिया। अब पकड़े जाने पर उसे निलंबित कर दिया गया है। पी.एन. मोरे करतूत रंगे हाथ पकड़े जाने के बाद उसे यह सजा हुई। मुंबई पुलिस के मोटर ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट में ड्राइवर मोरे ने मात्र 500 रुपये लेकर रात के वक्‍त एक जोड़े को अपनी सरकारी जीप 'मस्‍ती' करने के लिए दे दी। लेकिन उसी बीच वहां डीसीपी दौरे पर आ गए। उन्‍होंने पुलिस की गाड़ी खड़ी देखी तो तहकीकात की। उन्‍हें गाड़ी में आपत्तिजनक हालत में एक जोड़ा दिखा। जोड़े को तो जुर्माना वसूल कर छोड़ दिया गया, लेकिन मोरे को निलंबित कर दिया गया। घटना शिवाजी पार्क इलाके की है।
सूत्र बताते हैं कि मोरे ने जिस जीप को 'सेक्‍स कारोबार का अड्डा' बना दिया, वह सीनियर इंस्‍पेक्‍टर बाबूराव गाविथ को घर से लाने और घर छोड़ने के लिए है। गाविथ को घर छोड़ने के बाद मोरे नागपाड़ा स्थित उनके दफ्तर के बाहर जीप खड़ी कर दिया करता था। फिर, अगली सुबह वह उन्‍हें घर से लेने जाता था। बुधवार की रात उसने गाविथ को घर छोड़ने के बाद सियोन चला गया। वहां वह एक दोस्‍त के साथ खाना खाने वाला था। बाद में उसने 500 रुपये लेकर एक जोड़े को अपनी जीप में कुछ पल एकांत में बिताने की छूट दे दी। आधे घंटे बाद ही डीसीपी किशोर जाधव के पहुंचने से रंग में भंग पड़ गया।

WB Police: Kolkata Police: बिजली चोरी रोकने गई पुलिस पॉर्टी पर आम लोगों का हमला, फायरिंग में दो मरे तो बिफरी ममता दी...

कोलकाता: पश्चिम बंगाल के 24 परगना में पुलिस फायरिंग में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 16 लोग घायल हो गए. बताया जाता है कि बिजली चोरी करने वालों के खिलाफ एक अभियान के दौरान पुलिस और गांववालों के बीच हिंसक झड़प हो गई. हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि फायरिंग के लिए स्‍थानीय लोग जिम्मेदार नहीं है. खबर के मुताबिक दक्षिण 24 परगना जिले में पुलिस भीड़ से भिड़ गई, जिसमें एक महिला और 14 साल की लड़की की मौत हो गई. इस घटना में सात-आठ पुलिसवालों को मिलाकर घायलों की तादाद 16 के आसपास है, जिन्हें कोलकाता नेशनल मेंडिकल कॉलेज और डायमंड हार्बर अस्पताल में दाखिल करवाया गया है.
बताया जाता है कि मंदिर बाजार इलाके मे बिजली चोरी की शिकायत पर बिजली विभाग के कर्मचारी अवैध कनेक्शन काटने गए थे कि तभी गांववालों से उनकी तकरार हो गई और देखते ही देखते मारपीट और पत्थरबाजी शुरू हो गई. भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने हवाई फायरिंग भी की. आरोप है कि दो लोगों की मौत पुलिस की फायरिंग में ही हुई. एक प्रत्‍यक्षदर्शी के मुताबिक, 'पुलिसवाले हमारे गांव में दाखिल हुए और किसी चेतावनी के बिना लाठी चार्ज शुरू कर दिया. कुछ ही देर में लोगों ने पथराव शुरू कर दिया. इसके बाद पुलिस की फायरिंग में दो लोगों की जान चली गई और कुछ लोग घायल हुए.' पुलिस का दावा है कि स्थानीय लोगों ने बमों से उन पर हमला किया था. इलाके में अब आरएएफ तैनात कर दी गई है. मामले की जांच के आदेश देते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्थानीय लोगों को इस घटना का जिम्मेदार मानने से इनकार किया है. ममता बनर्जी के मुताबिक, 'वो लोग (स्थानीय) इसके लिए जिम्मेदार नहीं है और अगर जांच के बाद इसमें पुलिसवालों या बिजली विभाग के कर्मचारियों का हाथ पाया गया तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.'

WB Police: Kolkata: Diamond Harbour's firing: ममता दी की पुलिस का हिदायत, जरा संभलकर करे काम..

KOLKATA: Following the police firing and death of two persons at Diamond Harbour's Mainak-Nainan on Thursday, chief minister Mamata Banerjee expressed her anger at not being informed on time and the manner in which it was handled. Sensing the CM's mood, DGP Naparajit Mukherjee asked IGP (South Bengal) to rush to the spot and report back. Local sources claimed that at least two 14-year-olds, Rezina Khatun and Swapan Maira, were hit by bullets. Rezina was hit on the head and died instantly. Swapan was hit in his stomach was being shifted to Kolkata. Rezina's body was lying in the village with angry villagers ringing it.
Another villager, Sahiba Biwi (32), was also brought dead to the Diamond Harbour hospital with a gaping wound on her head. Among the injured was the Diamond Harbour SDPO. The CM reacted strongly to allegations that the two villagers were killed in police firing. Terming the incident "unfortunate and shameful", she said the policemen should have been more careful. "I was in Writers the entire day but wasn't aware of it. There are other ways to handle such situation," she said, instructing that police should not aggravate tensions further and instead try to pacify the villagers. "The incident of police firing will be probed in detail. There are certain norms to be followed. But I do not believe all villagers had attacked police. Some of them surely were provoked. Some political leaders had instigated them. Let the investigation be complete and everything will come out," she said.

Rajasthan Police: Jaipur Poilice: गोल्ड सुख के झांसे में पुलिस के बड़े अधिकारियों के आने की भी खबर, कई पुलिस वालों को तो लगा 50 लाख रुपये तक का चूना..

जयपुर. तीन साल में डेढ़ लाख से अधिक लोगों से 300 करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी कर फरार हुए गोल्ड सुख कंपनी में कई धनाढ्य लोगों ने 50 लाख से अधिक रुपए लगाए हैं, लेकिन अब सामने आने से डर रहे हैं। कई वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने भी निवेश कर रखा है। ये अधिकारी मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों से फोन कर स्थिति का पता कर रहे हैं। सूत्रों की माने तो कंपनी के डायरेक्टरों ने दीवाली पर कई रसूखदार लोगों को सोने के बिस्किट व अन्य महंगे उपहार दिए थे। कंपनी से जुड़े लोग जो ठगी के शिकार हो गए है उनका कहना है कि ऐसे लोगों की पूरी लिस्ट कम्प्यूटर में है।
कंपनी के दो निदेशकों को पुलिस ने बुधवार रात गिरफ्तार कर लिया। आठ अन्य निदेशकों की तलाश में लुक आउट नोटिस जारी किया गया है। पासपोर्ट के आधार पर पुलिस ने इनकी पूरी जानकारी लेकर दबिश दी, लेकिन पता नहीं चला। शक है कि इसके कुछ निदेशक बैंकॉक जाने में सफल रहे हैं। उधर, ठगी के शिकार सैकड़ों लोग आंदोलन पर आमादा हैं। पुलिस ने कंपनी के तीस से अधिक बैंक खातों को फ्रीज (रोक) करवा दिया है। पुलिस ने बुधवार शाम को कंपनी के तीन मंजिला शोरूम के ताले खोले। यहां सोना तो नहीं मिला, लेकिन दो तिजोरियां पुलिस के हाथ लगीं। इन्हें अभी खोला जाना है।

KN Police: Banglore Police: Increase police strength to control crimes, says former Director General and Inspector General of Police (DG&IPG)

BANGALORE: The number of existing police personnel is not enough for future and measures should be taken to increase their number in the State, former Director General and Inspector General of Police (DG&IPG) Neelam Achuta Rao said. Speaking at a farewell programme organised at Kormangala Parade Grounds on Thursday, he said, “New layouts have come up in many parts of the State, including Bangalore and there is a need to increase the number of police personnel to control crimes. The Police Department has a tough time ahead.”
Mentioning that the department had received many facilities, he said, “In my 35 years of service, even under� lot of political pressures and strict restrictions from officers, I have performed my duty within the legal limits. Police personnel� are made to work in two shifts for 12 hours. The� government can ease the burden on the police and can make them work in three shifts and provide them more facilities”. DG&IGP Shankar Bidari described Neelam Achuta Rao as one of the able officers who carried out their duty efficiently without any black mark.� City Police Commissioner B G Jyothiprakash Mirji and other officials were present on the occasion.�� DGP A R Infant did not attend the event.

Gujrat Police: Ahmedabad Police: हाईकोर्ट का आदेश, सीबीआई को सौंपों इशरत जहां एनकाउंटर की जांच, क्योंकि-‘Gujarat police can't be trusted with probe'

The Gujarat High Court on Thursday directed the Central Bureau of Investigation to take over the investigation into the Ishrat Jahan fake encounter case. Stating that the Gujarat police could not be “relied upon” to conduct an impartial probe, the High Court asked the CBI to consider the case as an “exceptional one having national ramifications.” A Division Bench, comprising Justices Jayant Patel and Abhilasha Kumari, also directed chairman of the High Court-appointed Special Investigation Team Rajiv Ranjan Verma to file a fresh FIR within a fortnight and hand over all relevant papers and documents to the CBI.
The case relates to the gunning down of Mumbra (Mumbai)-based college girl Ishrat Jahan and three others — Pranesh Pillai alias Javed Sheikh, and two alleged Pakistani terrorists — by the Gujarat crime branch police near Kotarpur on the outskirts of Ahmedabad on June 15, 2004. While the investigation so far by the SIT was limited to establishing whether the encounter was “genuine” as claimed by the Gujarat police, the CBI has been directed by the High Court to also look into an alleged terror angle. The Gujarat police had claimed that Ishrat and the other three were Lashkar-e-Taiba operatives and in Gujarat on a mission to kill Chief Minister Narendra Modi to avenge the 2002 carnage. The three-member SIT, which submitted its report to the Division Bench last month, had come to the conclusion that the encounter was “not genuine” and that the four were killed much earlier. The High Court asked State cadre IPS officer Satish Verma, who was a member of the SIT and had expressed a willingness to continue with the probe if so desired by the court, to provide all assistance to the CBI. It directed the State government to spare him whenever the agency required his help. Rejecting the State government's plea to allow the police to investigate the case, the Bench said such an inquiry would not only be not “reliable,” but also fail to instil confidence among the victims and the public in general because of the involvement of a number of senior police officers in the fake encounter. Besides, “all top officials of the State up to the rank of the then DGP may fall within the ambit of the investigation in connection with the registration of another/fresh FIR,” and therefore investigation by the State police would not be desirable. The Bench also recorded the possibility of the police tampering with evidence to protect its officers.