Sunday, December 11, 2011

MP Police: Khandawa: ज्योर्तिलिंग की नगरी में पुलिस वाले बेहाल, धर्मशाला बना आशियाना..

तीर्थनगरी में आमजन की सुरक्षा की जिम्मेदारी थामने वाले ही असुरक्षा की घेरे में हैं। सौ सालों से यहाँ अभी तक पुलिस बल में कोई इजाफा नहीं हुआ। पुलिस आवास भी जर्जर होकर खंडहरों में तब्दील होने लगे हैं। शासन-प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधि भी आँखें मूँदे हुए हैं। ओंकारेश्वर में कहने को तो अनेक विकास काम हुए हैं लेकिन जिनके कंधों पर सुरक्षा का दायित्व है, उनकी अनदेखी ही हुई है। सौ वर्ष पूर्व 1911 में पुलिस के 9 जवान थे, आज भी इतने ही हैं। ओंकारेश्वर पुलिस थाने में सबसे ज्यादा परेशानी पुलिस अधिकारी एवं जवानों के आशियाने की है। मकान खंडहरों में तब्दील होने लगे हैं। लाल मुँह के सैकड़ों बंदर यहाँ उनकी नींद में खलल पैदा किए हुए हैं।
ओंकारेश्वर थाने में मोरटक्का पुलिस सहायता केंद्र को मिलाकर 27 अधिकारी एवं कर्मचारियों की तैनाती है। इनमें 1 टीआई, 1 एसआई, 4 एएसआई, 12 प्रधान आरक्षक और 9 पुलिस जवान हैं। 8-8 घंटे की ड्यूटी में भी दोनों थानों पर 5-5 की तैनाती रहती है। इस थाने का क्षेत्रफल ओंकारेश्वर से लेकर पुनासा के पास कामनखेड़ा तक है। इसमें कई गाँव आते हैं। कुछ गाँवों की दूरी ओंकारेश्वर से 40 किमी तक है। ओंकारेश्वर थाने से रोजाना एक जवान डाक लेकर खंडवा न्यायालय जाता है, वहीं दो गवाहों को समन देने के लिए जाते हैं। दो जवान अक्सर अन्य प्रदेशों में जाकर वारंट एवं समन की तामिली कराने जाते हैं। कुछ जवान देहातों की गश्त पर रहते हैं। किसी गाँव में झगड़ा हुआ तो वहाँ एसआई एवं प्रधान आरक्षकों को पहुँचाया जाता है। ओंकारेश्वर में अनेक पर्वों पर इन जवानों की ड्यूटी भी लगती है। स्थिति यह रहती है कि थाने में एक हेड मोहर्रिर और एक जवान ही बच पाते हैं। ओंकारेश्वर नगर सुरक्षा समिति के सदस्य मुकेश वर्मा ने गृहमंत्री एवं पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर माँग की है कि ओंकारेश्वर में पुलिस जवानों के लिए आवास भवनों का निर्माण किया जाए एवं पुलिस बल बढ़ाया जाए। उन्होंने लिखा कि मोरटक्का चौकी को स्थायी किया जाए एवं वहाँ पुलिस चौकी के लिए नया भवन बनाया जाए।
ओंकारेश्वर में जवानों के आवासों को लेकर खंडवा एसपी हरिनारायणचारी मिश्र से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि ओंकारेश्वर में पुलिस जवानों के आवास बनाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेज दिया है। शीघ्र निर्माण शुरू किया जाएगा। वीआईपी और वीवीआईपी के आने के दौरान ज्यादा परेशान होती है। देश या प्रदेश से किसी भी खास सख्सियत का आगमन होता है तो उन्हें दर्शन कराने से लेकर भोजन तक की जिम्मेदारी ओंकारेश्वर पुलिस की ही रहती है। ओंकारेश्वर में पुलिस आवास की आवश्यकता है। इसी तरह मोरटक्का सहायता केंद्र भी यात्री प्रतीक्षालय में चल रहा है। 2004 में सिंहस्थ के समय तत्कालीन एसपी मनीष शर्मा ने तत्काल व्यवस्था के लिए यात्री प्रतीक्षालय खुलवा दिया था। उसके बाद एसपी केडी पाराशर ने किशोरीलाल वर्मा की हत्या के बाद प्रतीक्षालय में स्थायी सहायता केंद्र खोलकर वहाँ 1 एसआई, 1 एएसआई, 2 प्रधान आरक्षक एवं 4 आरक्षकों की तैनाती कर दी। स्थिति यह है कि मोरटक्का में रहने वाले पुलिस जवान धर्मशाला में अपना आशियाना बनाए हुए हैं।

UP Police: Aligarh: बाइकर्स की सारी फैशनबाजी की हवा, पुलिस ने तबीयत से की पिटाई..

अलीगढ़ : क्वार्सी इलाके के शुक्रवार बाइक सवार तीन युवकों की शुक्रवार की रात पुलिस ने जमकर खबर ली। हुआ यूं कि शराब के नशे में तीन युवक मीनाक्षी पुल के नीचे झुूम रहे थे।
पुलिस ने उन्हें टोका तो पुलिस से ही भिड़ गए। पुलिस से हाथापाई तक कर दी। इससे गुस्साए पुलिस कर्मियों ने उनकी जमकर धुनाई की। यहां से उन्हें खींचकर मीनाक्षी टाकीज में ले गए, फिर वहां पीटा। यहां से एक युवक तो भाग जाने में सफल रहा, दो युवकों को पुलिस सिविल लाइंस थाने ले गई।

JK Police: Jammu: अब कचरा फेंकने के लिए भी चाहिए पुलिस की मदद..

जम्मू। शहर का कचरा भलवाल में फेंकने का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा। नगर निगम ने लगातार दूसरे दिन पुलिस की मौजूदगी में कचरे से भरे सौ से अधिक ट्रक भलवाल में खाली करवाए। स्थानीय लोगों के विरोध के बावजूद निगम की ओर से कचरे की डंपिंग की यह कार्रवाई जारी रही।
गौरतलब है कि पीएचई, इरीगेशन तथा फ्लड एंड कंट्रोल विभाग के मंत्री ताज मोहि-उ-द्दीन ने भगवती नगर से तवी नदी में कचरा फेंकने पर सख्त पाबंदी सुनिश्चित करवाने के लिए नगर निगम और जिला प्रशासन को कड़ी हिदायत दी है। इसके चलते तीन - चार अलग - अलग जगहों में कचरा फेंकने पर नगर निगम को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ा तो वीरवार पहले दिन पुलिस की मदद से नगर निगम ने कोट भलवाल में सौ से ज्यादा कचरे के ट्रक खाली किये। निगम की यह कार्रवाई शुक्रवार को भी जारी रही। निगम ने महिला कर्मियों सहित पुलिस के दम पर कचरे के सौ से ज्यादा ट्रक खाली कर दिए। इस बीच, इलाके के लोगों ने नगर निगम की इस कार्रवाई को लेकर खासा रोष है। महिलाओं समेत बच्चे, बूढ़े तथा लोग नगर निगम की कार्रवाई को बड़ी बेबसी के साथ देखकर अंदर ही अंदर घुट कर रह जा रहे हैं। उनकी तरफ से विरोध किया गया लेकिन, पुलिस बल ने उनकी एक न चलने दी। इससे लोगों में खासा रोष भरकर गया। महिलाओं ने ट्रक चालकों को रोकने के प्रयास किये तो महिला पुलिस ने उन्हें डरा धमका कर चुप करवा दिया।

Chhatisgarh Police: पुलिस टीम से मारपीट करने के आरोप में 16 नपे, पुलिस ने राजकार्य में बाधा का केस ठोका..

पुलिस द्वारा नकली सोने की ईंट के आरोपियों को पकडऩे के दौरान छत्तीसगढ पुलिस टीम के साथ मारपीट कर राजकार्य में बाधा डालने के एक मामले में 16 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। थानाधिकारी मनोहरलाल मीणा ने बताया कि विडगवा निवासी मुश्ताक, असलम, अकबर, काला उर्फ अरसद, मूवीन, शाकिर, फकरुद्दीन, मजीद, सन्नू, रमजान, फजीत, हक्को उर्फ हाकम, समी उर्फ समयदीन, इमरान, चांदमल व आशू मेव को पुलिस टीम के साथ मारपीट कर राजकार्य में बाधा डालने के आरोप में गिरफ्तार किया है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ रायपुर स्थित थाना गंज पुलिस उपनिरीक्षक रामजी निषाद द्वारा गत वर्ष 13 अप्रेल को पुलिस थाना नगर में नकली सोने की ईंट से ठगी के मामले में गांव विडगवां से आरोपियों की गिरफ्तारी के दौरान 30-40 लोगों के खिलाफ पुलिस टीम के साथ लाठी, डंडा, ईंट व पत्थरों से मारपीट कर राजकार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज कराया गया था। इस मामले में 9 आरोपी पूर्व में गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि अन्य आरोपी अभी तक फरार हैं।

Mumbai Police: गुजरात के आईपीएस अधिकारी की सास का मामला, इलाज में लापरवाही के चलते डॉक्टर गिरफ्तार..

गुजरात में तैनात आईपीएस अधिकारी प्रेमचंद ठाकुर की सास मिनाक्षी नरसिम्मा मूर्ति (65) की इलाज के दौरान अस्पताल में मौत होने के मामले में बोरीवली पुलिस ने डॉ. प्रदीप व्यास को गिरफ्तार किया है। लापरवाही बरतने और गलत इलाज करने के आरोप में गिरफ्तार डॉ. व्यास को स्थानीय बोरीवली कोर्ट ने 13 दिसंबर तक न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश दिया है। शिकायत किसी और के खिलाफ, गिरफ्तारी डॉक्टर की : वकील राजीव देसाई और अशोक राजपूत ने बताया कि आईपीएस अधिकारी ठाकुर की सास की मौत के मामले का मजेदार पहलू यह है कि मृतक मिनाक्षी की बेटी व उनकी मुवक्किल हेमलता प्रेमचंद ठाकुर (48) ने 6 मई 2011 को बोरीवली (प.) स्थित राज ज्योति क्लीनिक में अपनी मां की संदिग्ध मौत होने के बाद शिकायत अपने भाई रवि मूर्ति और भाभी गितांजलि मूर्ति के खिलाफ दर्ज कराई थी। बोरीवली पुलिस ने एफआईआर नंबर 239/11 दर्ज कर जब इस मामले की जांच शुरू की, तो मृतक मिनाक्षी का इलाज करने वाले डॉ. व्यास का भंडाफूट गया।
डॉ. व्यास ने मिनाक्षी की मौत की वजह हार्ट अटैक बताया था। मगर शंका होने के कारण शिकायतकर्ता हेमलता ने जे.जे. अस्पताल के डॉक्टरों की टीम से इस मामले में राय मांगे जाने का निवेदन पुलिस से किया। बता दें कि जे.जे. अस्पताल के डॉक्टरों की टीम की रिपोर्ट बोरीवली पुलिस को १ दिसंबर को मिली। जिसमें मौत का कारण निमोनिया बताया गया है और यह भी कहा गया है कि यदि डॉ. व्यास ने सही ढंग से इलाज किया होता, तो मिनाक्षी मूर्ति को बचाया जा सकता है। इस रिपोर्ट से यह भी पता चला कि डॉ. व्यास ने मिनाक्षी का एन्जोप्लास्टी किये जाने और हार्ट में स्टैंट लगाने का जो दावा किया था। वह भी गलत था। जिसकी वजह से बोरीवली पुलिस ने डॉ. व्यास को गिरफ्तार कर लिया है। मगर रवि मूर्ति और उनकी पत्नी गितांजलि के विदेश में होने की वजह से पुलिस ने उन्हें फरार बताया है। हाईकोर्ट ने खारिज की डॉ. व्यास की दलील : शिकायतकर्ता के वकील अशोक राजपूत ने बताया कि डॉ. व्यास ने अपनी गिरफ्तारी को मुंबई हाईकोर्ट में चुनौती दी थी और जमानत की मांग की थी। परंतु 8 दिसंबर को हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने उनकी दलील को खारिज कर दिया। इसी तरह मृतक महिला मिनाक्षी के बेटे रवि और बहू गितांजलि ने खुद के खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज किये गये एफआईआर को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। पर अदालत ने 7 दिसंबर को उनकी याचिका को भी खारिज कर दिया। बता दें कि डॉ. व्यास की गिरफ्तारी का मामला अपने आप में कुछ अलग ही है, क्योंकि अक्सर डॉक्टर किसी मरिज की मौत का कोई कारण अपनी रिपोर्ट में लिख देते हैं और पुलिस उस पर आंख मूंद कर विश्वास कर लेती है। मगर जब आईपीएस अधिकारी ठाकुर की पत्नी हेमलता जैसी कोई महिला मामले की तहत में जाती है, तो सच्चई उजागर होती है।

UP Police: Allahabad: ट्रैफिक इंस्पेक्टर पर पिस्टल तानी, फिर हवा में फायरिंग कर दी..

इलाहाबाद : पुलिस लाइन के बाहर शनिवार अपराह्न बदमाशों ने पहले ट्रैफिक इंस्पेक्टर पर पिस्टल तानी और फिर हवा में फायरिंग कर दी। बीच सड़क फायरिंग होने से लोगों में अफरा-तफरी मच गई। इंस्पेक्टर ने ललकारा तो बदमाश पुलिस लाइन की चहारदीवारी फादकर भागने लगे, जिस पर घेराबंदी कर उनको गिरफ्तार कर लिया गया। बदमाशों के पास से पिस्टल, मैगजीन, कारतूस, कई एटीएम और मोबाइल बरामद हुआ है। पूछताछ में पता चला कि दोनों इविवि के छात्र हैं।
शनिवार अपराह्न यातायात निरीक्षक इंद्रपाल सिंह पुलिस लाइन के पास वाहनों की जांच पड़ताल कर रहे थे। उसी समय पल्सर से दो युवक महाराणा प्रताप चौराहे से कचहरी की तरफ आ रहे थे। यातायात निरीक्षक ने रुकने का इशारा किया तो दोनों भगाने लगे, जिस पर निरीक्षक ने एक को पकड़ लिया। इतने में पीछे बैठे दूसरे शख्स ने पिस्टल निकालकर निरीक्षक पर तान दी। ट्रैफिक इंस्पेक्टर ने अपनी रिवाल्वर जैसे ही निकाली, दोनों भागने लगे। इस दौरान पुलिस लाइन के बाहर एक बदमाश ने पिस्टल से दो फायर किया। गोली चलने से गुजर रहे लोगों में अफरा-तफरी मच गई। यातयात निरीक्षक इंद्रपाल सिंह ने तत्काल कंट्रोल रूम में सूचना देते हुए बदमाशों को दौड़ाया तो वह चहारदीवारी फांदकर पुलिस लाइन के भीतर दाखिल हो गए। जानकारी पाकर आरआइ द्वितीय ने पुलिस लाइन में घेराबंदी की, जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। कर्नलगंज पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार बदमाशों का नाम अजीत यादव निवासी बराचवर व सचिन सिंह निवासी चदनी थाना मोहम्मदाबाद जनपद गाजीपुर है। दोनों इविवि में पढ़ते हैं। जांच पड़ताल में पता चला कि दोनों सिविल लाइंस में एक युवक की पिटाई कर रहे थे। लोगों ने विरोध किया तो उन पर पिस्टल तान दी थी। यहां से जब दोनों को दौड़ाया गया तो वह भागे और पुलिस लाइन के पास गिरफ्तार कर लिए गए। पुलिस के अनुसार सचिन पर पहले भी मुकदमा दर्ज हो चुका है, जबकि अजीत के बारे में जानकारी एकत्र की जा रही है।

Delhi Police: एमटेक इंजीनियर, तो एमबीए भी, लॉ ग्रेजुएट तो बी फॉर्मा, सबकों भा रही है वर्दी..

नई दिल्ली।। क्या यूथ को उनकी काबिलियत के मुताबिक नौकरी नहीं मिल पा रही है? कम से कम दिल्ली पुलिस में शामिल हुए नए सबइंस्पेक्टरों (एसआई) की प्रोफाइल देखने से ऐसा ही लगता है, जिनमें 14 इंजिनियर और 15 एमबीए भी शामिल हैं। दिल्ली पुलिस में शनिवार को 344 एसआई शामिल किए गए, जिनमें 68 महिलाएं भी शामिल हैं। यहां हुए एक समारोह में जिन सबइंस्पेक्टरों को शामिल किया गया उनमें एमटेक सहित 14 इंजिनियर और 15 एमबीए शामिल हैं। नए शामिल सबइंस्पेक्टरों में 52 के पास एमए की डिग्री है, दस एमएससी हैं, सात लॉ ग्रेजुएट, चार एम. कॉम, तीन बी.फार्मा, दो एमएड और एक बीपीएड हैं।
344 सबइंस्पेक्टरों में 106 दिल्ली के, 79 हरियाणा के, 76 उत्तर प्रदेश के, 56 राजस्थान से, 15 बिहार से, 4 मध्य प्रदेश से, झारखंड और हिमाचल से 2-2 और पश्चिम बंगाल, उत्तराखंड, उड़ीसा और पंजाब राज्य से 1-1 हैं। पासिंग आउट परेड के बाद दिल्ली पुलिस के इन नए सबइंस्पेक्टरों को संबोधित करते हुए दिल्ली पुलिस के कमिश्नर बी. के. गुप्ता ने युवा अधिकारियों से कहा कि वे निष्पक्ष रूप से समाज की सेवा करें और कानून को अक्षरश: लागू करें। उन्होंने समाज के कमजोर तबके की रक्षा में पुलिस की भूमिका और लोक हितैषी पुलिस प्रणाली पर जोर दिया।