Thursday, December 15, 2011

Police Recruitment Police: Dehradun: पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा आगामी रविवार को दून पुलिस लाइन में

देहरादून। पुलिस कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा आगामी रविवार को दून पुलिस लाइन में होगी। लिखित परीक्षा में पांच हजार से ऊपर अभ्यर्थी शामिल होगे। अधिकारी लिखित परीक्षा खुले मैदान में कराने जा रहे है। जिससे परीक्षा की पारदर्शिता बनी रहे।
क्षेत्राधिकारी पटेलनगर नवनीत सिंह ने बताया कि आगामी 18 दिसंबर को होने वाली कांस्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा में पांच हजार के आसपास अभ्यर्थी भाग लेंगे। परीक्षा का आयोजन पुलिस लाइन के मैदान में होगा। हालांकि वैकल्पिक व्यवस्था भी रखी जाएगी। जिससे मौसम खराब होेने या फिर बारिश आने पर परीक्षा को स्कूलोें आदि में कराया जा सके। उन्होंने बताया कि परीक्षा के दौरान किसी को भी परिसर में आने की अनुमति नहीं होगी। अतिरिक्त पुलिस बल के अलावा कई थानों की पुलिस को सुरक्षा व्यवस्था के लिए लाइन में तैनात किया जाएगा। जिससे कोई भी असामाजिक तत्व परीक्षा में धांधली करने की कोशिश न करे। शारीरिक दक्षता मेें उत्तीर्ण वाले अभ्यर्थी ही लिखित परीक्षा में भाग ले सकेंगे। पुलिस अधिकारी लिखित परीक्षा को सकुशल कराने में जीतोड़ लग गए है।

Police Policy: MP Police: Bhopal:बधाई..बधाई..बधाई.. मध्यप्रदेश में राज्य सुरक्षा आयोग के गठन का अध्यादेश जारी..

भोपाल. प्रदेश में पुलिस एक्ट लागू करने को लेकर आईएएस और आईपीएस अफसरों के बीच लंबे समय से चले आ रहे टकराव के बीच राज्य सरकार ने राज्य सुरक्षा आयोग का गठन कर दिया है। सरकार ने इसकी लिखित जानकारी बुधवार को हाईकोर्ट में पेश कर दी है।
हाईकोर्ट ने इस संबंध में 15 दिसंबर तक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए थे। हालांकि इससे पहले सरकार अदालत में यह शपथ पत्र दे चुकी है कि पुलिस एक्ट के माध्यम से ही आयोग का गठन किया जाएगा, लेकिन अब एक्ट लागू किए बिना ही आनन-फानन में आयोग के गठन का अध्यादेश जारी कर दिया गया। मुख्यमंत्री को इस आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि गृह मंत्री, प्रमुख सचिव गृह और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष को सदस्य बनाया गया है। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) आयोग के सदस्य सचिव होंगे। अपर मुख्य सचिव (गृह विभाग) अशोक दास ने आयोग के गठन की पुष्टि करते हुए बताया कि आयोग भविष्य की नीतियों और पुलिस सुधारों के संबंध में सुझाव देगा। मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि सरकार पुलिस एक्ट को लेकर आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के बीच संभावित टकराव को टालने और हाईकोर्ट के भय से आयोग को अस्तित्व में लाया गया है। आयोग को पुलिस अधिकारियों के तबादले, उनकी पदोन्नति और विभागीय जांच का अधिकार होगा। सुरक्षात्मक पुलिस एक्ट लागू हो सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, उड़ीसा और केरल में पुलिस एक्ट लागू हो चुका है। मप्र में भी सुरक्षात्मक पुलिस एक्ट लागू होना चाहिए। यह किसी के पक्ष और किसी के खिलाफ नहीं होना चाहिए। - वीके सिंह, अध्यक्ष- आईपीएस एसोसिएशन मप्र सुप्रीम कोर्ट के निर्देश 1- डीजीपी की नियुक्ति कम से कम दो साल के लिए होना चाहिए। 2- आईजी और एसपी की पदस्थापना कम से कम दो साल के लिए होनी चाहिए। 3 - पुलिस स्थापना बोर्ड का गठन 4- राज्य सुरक्षा आयोग का गठन 5- पुलिस शिकायत प्राधिकरण का गठन 6- एक थाने में दो प्रभारी (कानून व्यवस्था और अपराधों की जांच ) (मप्र में पहले चार बिंदुओं का पालन हो गया है।) अवमानना दायर होने पर हरकत में आई सरकार सुप्रीम कोर्ट ने 22 सितंबर 2006 को सभी राज्यों को 145 साल पुराने पुलिस एक्ट को संशोधित करने के निर्देश दिए थे। इस एक्ट के तहत ही राज्य सुरक्षा आयोग और स्थापना बोर्ड का गठन करने को कहा गया था, जिससे पुलिस राजनीतिक हस्तक्षेप के बिना काम कर सके। मप्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं किया तो गैर सरकारी संगठन प्रयत्न ने इसी साल जनवरी माह में मप्र हाईकोर्ट में अवमानना याचिका दायर की थी। इसके जवाब में सरकार ने 22 जून को न्यायालय में शपथ पत्र दिया था कि विधानसभा के मानसून सत्र में इसे पारित करा लिया जाएगा, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। सरकार ने हाईकोर्ट में एक बार फिर लिखित आश्वासन दिया कि शीतकालीन सत्र में एक्ट हर हाल में पारित करा लिया जाएगा। जब ऐसा नहीं हुआ तो हाईकोर्ट ने 1 दिसंबर को याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार को अंतिम अवसर देते हुए 15 दिसंबर तक प्रतिपालन रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। क्या करेगा आयोग 1. तबादले : पुलिस महानिदेशक से लेकर जिले के एसपी की पदस्थापना करने के लिए तीन नामों के पैनल पर विचार करने के बाद गुणदोष के आधार पर योग्य अफसरों का चयन। एसपी से नीचे के अधिकारियों के तबादलों की निगरानी। वर्तमान व्यवस्था : सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बने राज्य स्थापना बोर्ड को पदस्थापना के अधिकार हैं। 2. पदोन्नति : पुलिस विभाग के सभी अधिकारियों की पदोन्नति आयोग की निगरानी में होगी। वर्तमान व्यवस्था : एसडीओपी और सीएसपी से लेकर ऊपर के अधिकारियों की पदोन्नति गृह विभाग तथा थाना प्रभारी से लेकर आरक्षक तक की पदोन्नति पुलिस मुख्यालय बोर्ड करता है। 3. विभागीय जांच :सभी स्तर पर विभागीय जांच आयोग की निगरानी में होगी। वर्तमान व्यवस्था:राज्य पुलिस सेवा तथा भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों की विभागीय जांच गृह विभाग करता है। जबकि टीआई और उसके अधीन कर्मचारियों की जांच पुलिस मुख्यालय अथवा आईजी स्तर पर होती है। पुलिस एक्ट आएगा तो क्या होगा पुलिस एक्ट लागू होने के बाद पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू हो जाएगी। इससे जिला मजिस्ट्रेट के अधिकार पुलिस कमिश्नर को मिल जाएंगे। आईएएस-आईपीएस में टकराव क्यों आईपीएस अफसर चाहते हैं कि पुलिस एक्ट का जो मसौदा विधि विभाग ने मंजूर किया है, वह सीधे कैबिनेट में भेजा जाए, जबकि आईएएस अफसर इसे वरिष्ठ सचिवों की कमेटी में ले जाना चाहते हैं। इस टकराव के चलते पुलिस एक्ट लागू नहीं हो पा रहा है। यदि यह एक्ट लागू होता है तो जिला मजिस्ट्रेट एवं कलेक्टर के अधिकार कम हो जाएंगे और वे राजस्व अधिकारी बनकर रह जाएंगे। क्योंकि पुलिस कमिश्नर प्रणाली में कानून व्यवस्था के सभी अधिकार पुलिस कमिश्नर को मिल जाएंगे।

MP Police: Ujjain: आईजी उपेंद्र जैन का आदेश, गुंडों में कायम हो पुलिस का खौफ, अब पुलिस का डंडा देख चौराहे पर ही हाथ पैर जोड़ने लगे बदमाश..

आईजी उपेन्द्र जैन के निर्देश के बाद पुलिस अब गुंडे-बदमाशों पर अपना खौफ बनाने में जुट गई हैं। बुधवार को माधवनगर पुलिस ने लक्ष्मीनगर क्षेत्र से हाथ आए 6 युवकों का उस क्षेत्र में पैदल मार्च निकाल दिया। पुलिस का डंडा देख युवक स्वतः ही चौराहे पर कान पकड़ उठक-बैठक लगाते हुए माफ करने के लिए गिड़गिड़ाने लगे।
पुलिस टीम इन युवकों को लक्ष्मीनगर, देसाईनगर, गणेशपुरा, वाल्मिकी नगर आदि क्षेत्रों से पैदल मार्च करती निकली। बाद में इन्हे माधवनगर थाने ले जाया गया। जहाँ पकड़े गए युवक पीयूष पिता जीवनसिंह ठाकुर निवासी देसाई नगर, सोनू पिता देवनारायण देसाई नगर, ललित सिरवैया पिता मोतीलाल निवासी लक्ष्मी नगर, संजू पिता ओमप्रकाश निवासी लक्ष्मी नगर, भूरा पिता हीरालाल निवासी गणेशपुरा बाबु पिता अकरम दमदमा के खिलाफ धारा 151 की कार्रवाई कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस उन्हें गुरूवार को न्यायालय में पेश करेगी। सीएसपी डॉ. राजेश सहाय, थाना प्रभारी केके उपाध्याय ने युवकों से पूछताछ की तो पैदल मार्च के दौरान टीम में उप निरीक्षक रोहित यादव, श्री धुर्वे आदि शामिल थे।
नामचीन गुंडों पर करें कार्रवाई आईजी के निर्देश के बाद एसपी राकेश गुप्ता ने शहर में बदमाशों के खिलाफ जिस तरह की कार्रवाई शुरू कराई है,उसकी नागरिक क्षेत्रों में सराहना की जा रही हैं। प्रत्येक थाना प्रभारी को यह पता हैं कि उनके क्षेत्र के किस मोहल्ले अथवा कॉलोनी में किस गुंडे ने आतंक मचा रखा हैं और किससे नागरिक पीड़ित हैं। पुलिस से अपेक्षा की जा रही हैं कि सामान्य अपराधियों के साथ-साथ ऐसे नामचीन गुंडों की भी सूची तैयार कर प्रत्येक थाना क्षेत्र में इस प्रकार की कार्रवाई करे। माधवनगर थाना क्षेत्र में बुधवार को जो युवक पकड़ में आए है, वे सामान्य आरोपी हैं और पुलिस के इस कदम से भविष्य में उनके खतरनाक आरोपी बनने से निश्चित ही रोक लेगेगी।

Punjab Police: Chandigarh: था पंजाब पुलिस बोटिंग टीम का प्रशिक्षक ASI , बताता था खुद को इंस्पेक्टर, चोरी की पजेरो में घूमता था, पब में लड़कियों के इंप्रेस करने के लिए..पकड़ा गया..

चंडीगढ़ पुलिस ने एक सहायक सब-इंस्पेक्टर को गिरफ्तार किया है, जो अपने ही महकमे की आंखों में पिछले काफी समय से धूल झोंकता आ रहा था।
वह न सिर्फ खुद को इंस्पेक्टर स्तर का पुलिस अधिकारी बताता था, बल्कि उसी के जैसे कपड़े भी पहनता था। उसके रंगीन मिजाज होने के किस्से भी जाहिर हुए हैं। वह दिल्ली से चुराई स्पोर्ट्स यूटिलिटी कार मित्सुबिशी पजेरो से घूमता था। वह रात को क्लब और पबों में जाता था और वह वहां लड़कियों को प्रभावित करने की कोशिश करता था। चंडीगढ़ के सुखना झील में पंजाब पुलिस के एक दल के प्रशिक्षक के रूप में कार्यरत रहे जरनैल सिंह को सोमवार रात एक सुरक्षा चौकी से गुजरते हुए गिरफ्तार किया। उस पर खुद को इंस्पेक्टर बताने और उनके जैसे कपड़े पहनकर चोरी की पजेरो कार में घूमने का मामला दर्ज किया गया है।
चंडीगढ़ पुलिस ने एक अधिकारी ने कहा कि पूछताछ के दौरान उसने स्वीकार किया है कि वह लोगों के बीच इंस्पेक्टर का रौब जमाता था और डिस्कोथेक में लड़कियों को प्रभावित करने की कोशिश करता था। वह अक्सर डिस्को, पब और क्लब में जाता था। जब उसे गिरफ्तार किया गया तो वह इंस्पेक्टर की यूनीफॉर्म में चुराई हुई पजेरो कार से जा रहा था। अपराध शाखा के प्रभारी अमनजोत सिंह ने कहा कि हमने उसे पुलिस चौकी के पास रोका तो उसका व्यवहार संदेहास्पद लगा। उसने अपना पहचान-पत्र नहीं दिया, लेकिन जब हमने उसकी तलाशी ली तो उसके पास से हमें दो पहचान-पत्र मिले। इनमें से एक सही है, जबकि दूसरी फर्जी है। गिरफ्तारी के बाद पंजाब पुलिस बटालियन को इसकी सूचना दी गई, जिससे वह सम्बद्ध है। पुलिस को जांच से पता चला है कि वाहन की चोरी मार्च में ही दिल्ली से हुई थी और इस सिलसिले में लाजपत नगर थाना में एक मामला भी दर्ज कराया गया था। पंजाब के मोगा जिले के जरनल सिंह पर एक युवक से विदेश भेजने के नाम पर 10 लाख रुपये ठगने के आरोप भी है। पुलिस के अनुसार, उसने अपनी पत्नी और ससुराल वालों को भी अपने इंस्पेक्टर होने की बात बताई थी। सितम्बर में उसे एक लोकप्रिय डिस्कोथेक में दो युवतियों से बदतमीजी करने के आरोप में निलम्बित कर दिया गया था।

KN Police: Banglore Police: बैंगलोर ट्रैफिक पुलिस का फेसबुक पेज है सुपरहिट, कार - बाइक का हिट-एंड-रन वीडियो के दीवाने हुए हजारों..

A CCTV video of a hit-and-run posted by the Bangalore Traffic Police on their Facebook page on Monday evening has elicited an overwhelming response, with over 27,000 shares on the social networking website in just three days.
The accident, involving a motorcycle and a white Maruti 800, occurred on Monday morning at the Garebhavipalya junction near Electronics City in Bangalore. The 49-second video shows the biker waiting under an overpass to cross the road when a speeding car swerves right and violently rams into the bike, sending it flying to the opposite side of the road. The alert biker, identified as Veeru Paksha Nayak, who promptly removed his hands from the handlebars and took a step back, miraculously survived.
Traffic police said the biker, who was sans helmet, is out of danger and in hospital with a fractured leg. M A Saleem, Additional Commissioner of Police, Traffic and Security, Bangalore

Mumbai Police: अब नहीं होगा मुंबई पुलिस कंट्रोल का कॉल ड्रॉप, नई तकनीक के लिए बुलाए टेंडर..

Four months after Chief Minister Prithviraj Chavan visited the Mumbai Police control room following the 13/7 serial blasts and promised a revamp, the police have floated tenders for its upgradation. The move, said senior officers, aims at reducing the call drop rates.
The list of equipment sought by the Mumbai Police includes an Internet Protocol (IP)-based soft Electronic Private Automatic Branch Exchange (EPABX) system, headsets for call receivers, dispatchers and supervisors, database servers, CAD application server, voice recording and telephone recording workstations, call taker applications, dispatcher application and an integrated report software. The police have sought 30 headsets for 25 call receivers, 5 dispatchers and 5 supervisors. Additional Commissioner of Police (Central Region) Vineet Agarwal, who has been given the task of floating the tender, said call drop rates would reduce further after the overhaul of the control room. “The new IP-based EPABX system will help us serve people better as it will reduce call drop rates,” said Agarwal. An officer said the response time of the police would also increase after the new systems are in place.
“The response time of the police is seven minutes after the call is placed to the control room. However, in the current scenario, many callers disconnect the line because of the long wait. The call drop rate is about 35-40 per cent,” said another officer. Officers revealed the EPABX system must have the capacity to take in two Primary Rate Interface (PRI) lines of 30 channels each. A PRI line is a form of integrated services digital network line, which is a telecommunication standard that enables traditional phone lines to carry voice, data and video traffic, among others. The police also said that the EPABX system must have 30 IP phones with the requisite licenses and should also have voice recording systems and automatic call distribution.