Friday, December 16, 2011

Jharkhand Police: Ranchi: झारखंड के पाकुड़ जिले में नन वालशा जॉन की हत्या मामले में आम्रपाड़ा पुलिस चौकी प्रभारी बनारसी प्रसाद निलंबित...

रांची।। झारखंड के पाकुड़ जिले में नन वालशा जॉन की हुई जघन्य हत्या के मामले में सात लोगों को हिरासत में लेने के साथ एक पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। पुलिस ने यह जानकारी शुक्रवार को दी। संथाल परगना क्षेत्र में पुलिस डीआईजी विनय कुमार पांडेय ने बताया, 'वालशा जॉन की हत्या के मामले में सात लोगों को हिरासत में लिया गया है। उनसे पूछताछ चल रही है। हमने ठीक ढंग से ड्यूटी नहीं करने के आरोप में आम्रपाड़ा पुलिस चौकी प्रभारी बनारसी प्रसाद को निलंबित कर दिया है।'
गौरतलब है कि करीब 400 लोगों ने मंगलवार रात रांची से करीब 500 किलोमीटर दूर पाकुड़ जिले के पछुवारा गांव में घुसकर 52 वर्षीय नन की हत्या कर दी थी। केरल की रहने वाली जॉन करीब एक दशक पहले पाकुड़ जिले में इसाई मिशन के एक स्कूल में टीचर के तौर पर आईं थीं। बाद में उन्होंने अपना स्कूल खोल लिया था।

Bihar Police: Patna: सिर्फ 10 महीने में पटना की लड़कियों के दिलों पर छा गए थे आईपीएस शिवदीप लांडे..

पटना।। पटना के एसपी (सिटी) के रूप में शिवदीप लांडे ने सिर्फ 10 महीने काम किया, लेकिन वह लोगों और खासतौर पर लड़कियों के दिलों पर ऐसे छा गए कि उनके अररिया स्थानांतरण के बाद भी उन्हें यहां याद किया जा रहा है। यहां तक कि ये युवतियां अब भी उन्हें फोन व एसएमएस कर उनके सामने प्रेम व विवाह का प्रस्ताव भेज रही हैं।
जेडी वीमेंस कॉलेज की छात्रा दीप्ति यह नहीं समझ पा रही हैं कि यदि अब लड़कियों पर मुसीबत आएगी तो उन्हें बचाने कौन आएगा, वह किसे फोन करेंगी। ऐसा सिर्फ दीप्ति के साथ ही नहीं है और लड़कियों का भी यही हाल है। पटना वीमेंस कॉलेज की छात्रा संध्या को भी 'दबंग' एसपी के जाने का दुख है। संध्या के अनुसार, लांडे का स्थानांतरण रुकवाने के लिए लड़कियों ने कैंडल मार्च भी निकाला था, लेकिन उनकी मांग नहीं मानी गई। लांडे का स्थानांतरण 30 नवम्बर को हुआ। लांडे के प्रति पटना की युवतियों में दीवानगी का कारण यह है कि अपने 10 माह के छोटे से कार्यकाल में उन्होंने लड़कियों के साथ होने वाली छेड़छाड़ की घटनाओं को गम्भीरता से लेते हुए मनचलों की खूब खबर ली थी। साथ ही, तेज रफ्तार से मोटरसाइकल चलाने पर भी ब्रेक लगा दिया था।
लांडे के प्रति पटना की युवतियों की दीवानगी उनके अररिया एसपी के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद भी कम नहीं हुई है। लेकिन लड़कियों के फोन व एसएमएस पर बड़ी शालीनता से वह कहते हैं, ''लोगों का भरोसा मुझ पर है, इसलिए वे अब भी मुझे फोन या एसएमएस करते हैं।'' लांडे अपनी ड्यूटी पर जितना सख्त नजर आते हैं, वह उतने ही विनम्र हैं। वह अपने वेतन का करीब 60 प्रतिशत हिस्सा गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) युवा संगठन को दान कर देते हैं। इसके अलावा कई सामाजिक कार्यों में भी वह सहयोग करते हैं। लांडे को करीब से जानने वाले कहते हैं कि उन्होंने कई गरीब लड़कियों की सामूहिक शादी भी करवाई।

Police Policy: Mumbai Police: स्टॉफ की कमी से परेशान मुंबई पुलिस, फिलहाल 33 प्रतिशत वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक और 52 प्रतिशत पुलिस सब इंस्पेक्टर की कमी..

नई जनगणना के अनुसार मुंबई की आबादी लगभग 1.24 करोड़ हो गई है और इनकी सुरक्षा के लिए 41,271 पुलिसकर्मियों की जरूरत है। जबकि फिलहाल मुंबई में महज 33,287 पुलिसकर्मी ही कार्यरत है यानी मुंबई को 7,984 पुलिसकर्मी की दरकार है, वो भी सेक्शन रिकॉर्ड के मुताबिक।
प्रजा फाउंडेशन ने मुंबई में पुलिस की कमी के साथ-साथ बढ़ते हुए क्राइम ग्राफ पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट से पता चला है कि मुंबई में पिछले तीन सालों में उत्पीड़न के मामलों में 47 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। कंट्रोल रूम में स्टाफ की कमी हाल ही में अंबोली मर्डर केस ( रूबेन और कीनन मर्डर मामला ) में वारदात के दौरान रूबेन और कीनन की एक दोस्त ने तकरीबन 20 मिनिट तक पुलिस कंट्रोल रूम में फोन ट्राई किया लेकिन जब तक पुलिस कॉल को अटेंड करती आरोपियों ने घटना को अंजाम दे दिया था। प्रजा फाउंडेशन की रिपोर्ट से पता चला है कि सरकार द्वारा पुलिस कंट्रोल रूम के लिए 272 पदों की मंजूरी दी गई जबकि फिलहाल 140 पुलिस वाले ही कार्यरत है।
ट्रैफिक पुलिस की कमी , दुर्घटनाओं में वृद्धि पिछले तीन सालों में दुर्घटनाओं में 80 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। प्रजा फाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक सड़क पर आदमी सुरक्षित नहीं है। इसी आंकड़े से जुड़ी एक और रिपोर्ट यह भी है कि मुंबई ट्रैफिक पुलिस में लगभग 49 प्रतिशत स्टाफ की कमी है। फिलहाल मुंबई ट्रैफिक पुलिस को 1,633 पद भरने हैं। हालांकि ट्रैफिक पुलिस की कमी का प्रतिकूल असर यह हुआ है कि पिछले तीन सालों में कुल 6,100 दुर्घटनाएं हुई हैं ( पूरा आंकड़ा टेबल में है ) । जांच अधिकारियों की कमी , कैसे होगा इनवेस्टिगेशन प्रजा फाउंडेशन की रिपोर्ट के मुताबिक , मुंबई पुलिस में फिलहाल 33 प्रतिशत वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक और 52 प्रतिशत पुलिस सब इंस्पेक्टर की कमी है। जबकि मुंबई पुलिस में फिलहाल 1002 की जगह 674 सहायक पुलिस निरीक्षक ( एपीआई ) ही काम कर रहे हैं। आमतौर पर अपराध की जांच करने के लिए इन्हीं लेवल के पुलिस अधिकारियों की जरूरत होती है।

CG Police: Police Suicide: दुर्ग में एसटीएफ के जवान ने की खुदकुशी, इंसास राइफल से खुद को मारी गोली....

रायपुर।। छत्तीसगढ़ के दुर्ग में एसटीएफ के जवान ने राइफल से खुद को गोली मार ली, जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई।
दुर्ग जिले के एसपी ओम प्रकाश पाल ने बताया कि जिले में एसटीएफ के बघेरा गांव स्थित बैरक में सिपाही तेज प्रकाश द्विवेदी ने अपनी सर्विस इंसास राइफल से खुद को गोली मार ली। पाल ने बताया कि 25 वर्षीय तेज प्रकाश पिछले कुछ समय से एसटीएफ के 11 वीं बटालियन में ट्रेनिंग ले रहा था। रविवार शाम अचानक जब तेज प्रकाश के बैरक से गोली चलने आवाज सुनाई दी, तब उसके साथी बैरक की ओर भागे। अन्य सिपाहियों ने देखा की तेज प्रकाश ने अपने इंसास राइफल से खुद को गोली मार ली है। उन्होंने बताया कि इसके बाद सिपाहियों ने तेज प्रकाश को अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। एसपी ने बताया कि तेज प्रकाश मध्य प्रदेश के रीवां शहर का रहने वाला था तथा पिछले कुछ दिनों से परेशान था। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। अभी तक तेज प्रकाश के आत्महत्या के कारणों के बारे में जानकारी नहीं मिली है।

Delhi Police: Police Suicide: अपराध से लड़ने वाला दिल्ली पुलिस का सिपाही जिंदगी से हारा, सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मारकर की खुदकुशी...

दिल्ली पुलिस के एक सिपाही ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली। पुलिस को मौके से एक सूइसाइड नोट भी मिला , जिसमें उसने अपनी मौत का जिम्मेदार खुद को ही बताया है। दूसरे मामले में इंजिनियरिंग के स्टूडेंट ने जहरीला पदार्थ खाकर खुदकुशी कर ली। दोनों ही मामले नॉर्थ - ईस्ट दिल्ली के हैं।
डीसीपी संजय जैन ने बताया कि खुदकुशी करने वाले सिपाही का नाम विपिन मलिक (29) है। वह कोतवाली थाने में तैनात था। विपिन ने सोमवार सुबह अपने घर में खुदकुशी की। विपिन 2003 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुआ था। 2009 से वह कोतवाली थाने में तैनात था और परिवार के साथ गोकुलपुरी थाना इलाके के गंगा विहार में रहता था। परिवार में पत्नी के अलावा दो बच्चे हैं। वह सुबह ड्यूटी से घर आया था। इसके बाद वह सीधे अपने कमरे में चला गया। पत्नी दोनों बच्चों को स्कूल भेजने के बाद पति के लिए नाश्ता बनाने रसोई में चली गई। तभी उसे गोली चलने की आवाज सुनाई दी। पुलिस के मुताबिक सूइसाइड नोट में उसने अपनी जिंदगी से निराश होने जैसी बातें लिखी थीं।

Delhi Police: Crime Branch: केबल ऑपरेटरों से जबरन उगाही के मामले में पुलिस वालों को राहत, क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी , इंस्पेक्टर , एसआई और हवलदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश रद्द..

क्राइम ब्रांच के एडिशनल डीसीपी , इंस्पेक्टर , एसआई और हवलदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश रद्द कर दिया गया है। अडिशनल सेशन जज ने अपने आदेश में चीफ मैट्रोपॉलिटन मैजिस्टे्रट के ऑर्डर को तथ्यों पर आधारित नहीं माना है। सीएमएम ने केबल ऑपरेटरों से जबरन उगाही के मामले में इन पुलिस वालों के खिलाफ केस दर्ज करने के आदेश दिए थे।
तीस हजारी कोर्ट के अडिशनल सेशन जज सुरेंद्र सिंह राठी ने क्राइम ब्रांच में तैनात अडिशनल डीसीपी रवि शंकर , इंस्पेक्टर अनिल दुरेजा , सबइंस्पेक्टर गजेंद्र सिंह , हवलदार हरिकिशन और केबल नेटवर्क के डायरेक्टर राजीव पाहूजा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के ऑर्डर को कैंसल कर दिया है। इन सभी पुलिस वालों के खिलाफ 13 सितंबर को सीएमएम कोर्ट ने एफआईआर के ऑर्डर किए थे। शराब में धुत एक हवलदार की सीडी को भी सही नहीं माना गया है , जिसमें वह हवलदार जबरन उगाही के बारे में बातें कर रहा है। दरअसल , पहले ये सभी पुलिस वाले स्पेशल सेल की नॉर्दर्न रेंज में तैनात थे। 26 जून 2006 को तत्कालीन एसीपी रवि शंकर की टीम ने राजीव पाहूजा की कंप्लेंट पर आईपीसी के सेक्शन 384 ( एक्सटोर्शन ), 506 ( धमकी देना ), 34 ( कॉमन इंटेंशन ) आदि के तहत केबल ऑपरेटरों प्रवीण चुघ , प्रताप सिंह , ओम प्रकाश , संजय सहीपुर आदि के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। शालीमार बाग , रोहिणी , पीतमपुरा , मॉडल टाउन आदि इलाकों में इनका केबल बिजनेस था। इस केस में मुलजिम गिरफ्तार कर जेल भेजे गए थे। अभियुक्तों का कहना था कि पुलिस ने राजीव पाहूजा के साथ मिलीभगत कर उन्हें गिरफ्तार किया था। पाहूजा भी केबल बिजनेस में थे। दूसरी ओर , इन पुलिस वालों का तर्क है कि उन्होंने स्पेशल सेल के तत्कालीन जॉइंट कमिश्नर के एप्रूवल के बाद ही वह केस दर्ज किया था।
इस केस के अभियुक्तों ने गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम में शामिल एक हवलदार की बातचीत की रिकॉर्डिंग कर ली थी। शराब के नशे में कार में बैठा वह हवलदार केबल ऑपरेटरों से बातचीत करते हुए इस केस में जबरन उगाही के बारे में बात कर रहा था। इस बातचीत की सीडी के साथ प्रवीण चुघ आदि केबल ऑपरेटरों ने तीस हजारी कोर्ट में कंप्लेंट केस दायर किया था। सीएमएम ने सुनवाई के बाद रवि शंकर , अनिल दुरेजा आदि पुलिस वालों और राजीव पाहूजा के खिलाफ एफआईआर के ऑर्डर दिए थे। इसके खिलाफ इन पुलिस वालों ने सेशन से स्टे हासिल कर लिया था। अब यह ऑर्डर कैंसल कर दिए गए हैं।

Rail RPF : Mumbai: आरपीएफ की रिकार्डिंग का कमाल, पकड़े गए नशीला खिलाकर लूटने वाले..

उत्तर भारत की तरफ जाने वाली ट्रेनों में नशीले पदार्थ खिलाकर यात्रियों को लूटने की घटनाओं के बाद रेलवे सुरक्षा बल ( आरपीएफ ) की तरफ से ऐसे मामलों को रोकने के लिए विशेष टीम का गठन किया।
बी . एन . शर्मा ( सहायक सुरक्षा आयुक्त , कल्याण आरपीएफ ) के अनुसार , एक यात्री किशोर कुमार पांडे को कुर्ला टर्मिनस से पटना जाने वाली ट्रेन में दो लड़कों ने नशीला पदार्थ खिलाकर लूट लिया था। श्री शर्मा ने बताया कि किशोर को जब घटना वाले दिन के कुर्ला टर्मिनस के सीसीटीवी फुटेज दिखाए गए , तो उसने दोनों संदिग्ध की शिनाख्त कर ली , लेकिन तस्वीरें धुंधली होने के कारण परेशानी हो रही थी। यात्रियों की रिकॉर्डिंग से हल हुई गुत्थी कुछ समय पहले से आरपीएफ द्वारा बड़े स्टेशनों पर जनरल कोच में यात्रा करने के लिए लाइन में खड़े रहने वाले यात्रियों की विडियो रिकॉर्डिंग की जा रही थी। इसी विडियो रिकॉर्डिंग की मदद तब मिली जब दादर - वाराणसी ट्रेन में नशीला पदार्थ खिलाकर यात्रियों को लूटने की एक घटना सामने आई। उस दिन की रिकॉर्डिंग को जब आरपीएफ ने किशोर कुमार पांडे को दिखाई तो उसने आरोपियों को पहचान लिया , ये आरोपी वही थे जिन्होंने किशोर को भी लूटा था।