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Thursday, December 22, 2011
Police Games: Mumbai Police: शाहिद की सेंचुरी, श्रीकांत के 89 रन के चलते जीता पुलिस जिमखाना..
MUMBAI: Shahid Shaikh cracked a 96-ball 105 while Shrikant Limbole scored an unbeaten 89 to propel Police Gymkhana to a seven-wicket win over fancied Payyade Club on the second and final day of their 2nd round clash of Purshottam Shield on Sunday.
Shaikh slammed five fours and seven sixes as the hosts raced to 302 for 3 in reply to Payyade's total of 297 all out.
Earlier, S Salvi (60) top-scored for Payyade while T Mishra made 53 and D Salunkhe 51.
Santosh Shinde and Rajesh Tandel picked two wickets each for the Police Gymkhana.
Police Games: Mumbai Police: लंदन में लहराया मुंबई पुलिस का परचम, कुर्ला पुलिस स्टेशन की महिला ASI ने जीते दो गोल्ड मेडल..
MUMBAI: An assistant inspector of the Kurla police station has done the force proud by winning two gold medals at the Commonwealth International Power lifting and Bench press Championship held in London last week.
Kalpana Sawant (40), who has been bench pressing and power lifting for the last 20 years, lives in Kalachowki with her three sisters and practises in Goregaon with a private trainer every morning for three hours.
"I was an athlete in college and entered the police force because of this hobby. The service has helped me hone my skills and I have been able to achieve a lot because of the support of my seniors," Sawant said.
Sunday, December 18, 2011
Police Health: MP Police: Ratlam: पुलिस नियंत्रण कक्ष में दो दिवसीय सेमिनार शुरू, चौथे सत्र में तनाव प्रबंधन पर चर्चा..
पुलिस नियंत्रण कक्ष में शनिवार सुबह 'समाज के कमजोर वर्गों के प्रति संवेदनशीलता' विषय पर दो दिवसीय सेमिनार शुरू हुआ। एसपी डॉ. रमनसिंह सिकरवार ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर सेमिनार का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि समाज के कमजोर वर्गों के प्रति सभी को संवेदनशील होना चाहिए। कमजोर वर्गों के लोगों के कार्य प्राथमिकता से करना चाहिए।
उन्होंने उपस्थित पुलिसकर्मियों से पूछा कि कमजोर वर्ग से आशय क्या है? किसे कमजोर माना जाता है। इस बारे में कोई भी पुलिसकर्मी जानकारी नहीं दे पाया। एसपी डॉ. सिकरवार ने बताया कमजोर वर्ग को छह भागों में बाँटा गया है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महिला, विकलांग, वृद्ध और बच्चों को कमजोर माना गया है। इनके कार्य प्राथमिकता से करना चाहिए। थानों पर जब भी इन वर्गों के लोग फरियाद लेकर आते हैं तो हमें पहले उनके प्रति संवेदनशील होना चाहिए। सेमिनार में विभिन्ना सत्र हुए। दूसरे सत्र में डॉ. एचपी जोशी ने अजा/जजा वर्ग के साथ व्यवहार और आने वाली समस्याओं विषय पर व्याख्यान दिया। तीसरे सत्र में आदिम जाति कल्याण विभाग के सहायक आयुक्त जेपी यादव ने राहत प्रकरण व राहत राशि के संबंध में जानकारी दी।
एएसपी राजेश व्यास ने सेमिनार के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। सेमिनार में एफएसएल अधिकारी डॉ. आलोक माथुर, अजाक के डीएसपी एसएल वसावे, अजाक थाना प्रभारी देवेंद्रसिंह राठौर, उपनिरीक्षक किशोर पाटनवाला सहित बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी उपस्थित थे।
सेमिनार में दूसरे दिन सुबह 10 बजे मनोचिकित्सक डॉ. निर्मल जैन अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग पर मनोवैज्ञानिक दबाव विषय पर व्याख्यान देंगे। सुबह 11.30 बजे शासकीय अधिवक्ता अक्षय पाटीदार कानूनी ज्ञान एवं अनुसूचित जाति/जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के संबंध में जानकारी देंगे। दोपहर 2 बजे के सत्र में एफएसएल अधिकारी डॉ. आलोक माथुर वैज्ञानिक साक्ष्य संकलन संबंधी जानकारी देंगे।
ऑफिस का तनाव घर न ले जाएँ
शनिवार को सेमिनार के चौथे सत्र में साहित्यकार व चिंतक प्रो. अजहर हाशमी ने तनाव प्रबंधन विषय पर कहा कि क्रोध तनाव का सबसे बड़ा कारण है। क्रोध विवेक का हरण कर लेता है। जब विवेक ही नहीं रहता है तो तनाव भयंकर रूप धारण कर लेता है। तनाव से बचने के लिए हमेशा क्रोध से बचें। बच्चों से मुस्कराकर बात करें। ऑफिस का तनाव घर लेकर नहीं जाएँ।
तनाव के हैं कई कारण
प्रो. हाशमी ने कहा कि तनाव के कई कारण है। कभी सियासत तो कभी कार्य की अधिकता, कभी परिस्थिति तो कभी वातावरण से तनाव रहता है। ऐसे में हमेशा मुस्कुराकर सकारात्मक रूप से काम करें, तनाव नहीं रहेगा। पुलिस वर्ग का वास्ता सदैव जनहित व जनकल्याण से होता है तो उसमें तनाव स्वभाविक है। सही बात तो यह है कि जब हम पुरुषार्थ के पथ पर चलते हैं तो तनाव का तूफान साथ चलता है। पुलिस सेवा में आरक्षक से लेकर अधिकारी तक पर कार्य का इतना दबाव रहता है कि वह कर्तव्य निर्वाह करते-करते तनाव ग्रस्त हो जाता है। तनाव से बचने के लिए कोध्र को पीना सीखे, पौधा लगाए, उसकी देखभाल करें। गीत गुुनगुनाए, अपनी-अपनी आस्था के अनुरूप इबादत करें, हमेशा अच्छा सोचे, खुश रहना सीखे।
Mumbai Police: सेक्स रैकेट के छापे में पुलिस कांस्टेबल धराया, पुलिस कर रही जांच..
मुंबई पुलिस की सोशल सर्विस ब्रांच ने शनिवार को वर्सोवा के म्हाडा के एक घर में रेड डाली और वहां से 22 लड़कियों को छुड़ाया। इन लड़कियों के जरिए वहां देह व्यापार किया जा रहा था। रेड के समय दलालों के साथ वहां एक पुलिस कांस्टेबल अरविंद कदम भी पकड़ा गया। उसे गिरफ्तार नहीं किया गया है , पर उसकी देह रैकेट में भूमिका की जांच चल रही है। इस मामले में 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके पास से 60 मोबाइल जब्त किए गए हैं।
पुलिस के अनुसार , म्हाडा का यह घर करीब छह महीने पहले किराए पर लिया गया था। दो दिन पहले वर्सोवा में ही म्हाडा के एक घर में देह व्यापार का एक और मामला सामने आया था।
Mumbai Police: Anna Hazare: आजाद मैदान पर अनशन की इजाजत देने के लिए पुलिस तैयार नहीं..
मुंबई। अन्ना हजारे के अनशन के लिए मुंबई में तैयारियां जोरों पर हैं लेकिन हाईकोर्ट के आदेश और सुरक्षा कारणों की वजह से आजाद मैदान पर अनशन की इजाजत देने के लिए पुलिस तैयार नहीं है। इसलिए पुलिस ने इंडिया अगेंस्ट करप्शन को बांद्रा के एमएमआरडीए मैदान का सुझाव दिया है। टीम अन्ना के कार्यकर्ताओं ने इस मैदान का मुआयना किया और एक महीने के लिए बुकिंग मांगी है।
दरअसल दिल्ली में कड़ाके की सर्दी को देखते हुए टीम अन्ना ने अनशन के लिए मुंबई का भी विकल्प खुला रखा है लेकिन अब तक आजाद मैदान में अनशन की तैयारी कर रही टीम अन्ना को फिर तब्दीली लानी पड़ रही है। मुंबई पुलिस ने सुरक्षा कारणों से टीम अन्ना के लोगों को आजाद मैदान की जगह एमएमआरडीए मैदान का विकल्प दिया है।
दरअसल साल के खत्म होने के मौके पर मुंबई और खास तौर पर दक्षिण मुंबई में हाई अलर्ट होता है जबकि इलाके की सारी महत्वपूर्ण इमारतें आजाद मैदान के इर्द गिर्द हैं, जिन्हें आतंकियों की हिट लिस्ट में माना जाता है। इसके अलावा हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक आजाद मैदान में सूर्यास्त के बाद कोई भी आंदोलन जारी नहीं रख सकता। ऐसे में अन्ना के अनशन में कई रुकावटें आ सकती थीं। इसीलिए पुलिस ने आजाद मैदान की जगह MMRDA मैदान चुनने का प्रस्ताव दिया, जिसे इंडिया अगेंस्ट करप्शन के लोगों ने मान लिया।
Mumbai Police: अन्ना का अनशन, मुंबई पुलिस की मुसीबत..
मुंबई। सशक्त लोकपाल बिल लाने को प्रयासरत समाजसेवी अन्ना हजारे का अब अनशन मौसम के चलते 27 दिसंबर को दिल्ली में ना होकर मुंबई में होगा जिसकी वजह से आने वाले दिनों में मुंबई पुलिस के लिए समस्या खड़ी हो सकती है।
अन्ना ने मुंबई पुलिस से आजाद पार्क को एक महीने के लिए मांगा है जो कि मुंबई पुलिस के लिए परेशानी भरा हो सकता है। टीम अन्ना ने मुंबई पुलिस से कहा कि मैदान में 1,000 अनशनकारी आयेंगे। जबकि पुलिस का कहना है कि टीम अन्ना की यह बात मानी नहीं जा सकती है क्योंकि मैदान की क्षमता 3000-4000 को लोगों की है।
1000 तो केवल अन्ना के स्वंयसेवक ही है। पुलिस क कहना है कि जो लोग अन्ना के अनशन में पहुंचेंगे उनकी संख्या हर हालत में करीब 4000 से ज्यादा ही होगी।
दूसरी सबसे बड़ी समस्या यह है कि जनवरी के दूसरे हफ्ते में आजाद मैदान मैराथन वालों को दिया गया है। ऐसे में मैराथन वालों को मना करके अन्ना को अनशन के लिए जगह देना मुश्किल ही है। जबकि टीम अन्ना ने पूरा भरोसा है कि बिना किसी समस्या के मुंबई पुलिस अन्ना को अनशन के लिए मैदान दे देगा।
Police Environment: UP Police: Locknow: पोस्टिंग के पहले पौधे लगाएंगे यूपी पुलिस में रंगरुट..
लखनऊ : उत्तर प्रदेश पुलिस के जवान सिर्फ कानून के ही नहीं, बल्कि पर्यावरण के भी सिपाही बनेंगे। प्रदेश के प्रशिक्षण निदेशालय ने सिपाही बनने वाले करीब 33,000 रंगरूटों से पौधे लगवाने के निर्देश दिए हैं। निदेशालय की तरफ से राज्य के सभी प्रशिक्षण केंद्रों के प्रभारियों को दिए गए निर्देश में कहा गया है कि हर रंगरूट से 3 पेड़ लगाने के साथ ही उन्हें पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक किया जाए।
कार्यकारी महानिदेशक (प्रशिक्षण) ए. एल. बनर्जी कहते हैं कि उनके इस कदम का मकसद पुलिस के जवानों को बिगड़ते पर्यावरण के मुद्दे पर जागरूक करना है। उम्मीद है कि प्रशिक्षण के दौरान पर्यावरण जागरूकता लंबी और स्पर्धा भरी नौकरी में उनके जेहन में हमेशा के लिए घर कर जाएगी और वे कानून के रखवाले होने के साथ-साथ पर्यावरण के अच्छे सिपाही बन सकेंगे। उन्होंने कहा कि हरियाली और वृक्षों के प्रति एक बार प्रेम भाव उत्पन्न होने पर रंगरूट नौकरी से छुट्टियों के दौरान घर जाकर भी पेड़ लगाएंगे।
निदेशालय की ओरसे पिछले हफ्ते सभी जिलों के पुलिस प्रशिक्षण कॉलेजों और प्रशिक्षण केंद्रों को निर्देश दिए गए कि पासिंग आउट परेड का इंतजार कर रहे हर रंगरूट से पुलिस की जमीन पर तीन-तीन पौधे लगवाए जाएं। बनर्जी ने कहा कि पौधे वन विभाग की पौधशाला से खरीदे जाएं। अधिकारियों से पर्यावरण, जलवायु और मिट्टी के अनुसार राय लेकर पौधों का चयन किया जाए। अधिकारियों के अनुसार पेड़ों को लगाने वाले रंगरूटों के नाम की प्लेट पौधों पर लगाई जाएंगी। बनर्जी का कहना है कि इससे रंगरूटों में पौधों की सुरक्षा और उनके संरक्षण का भाव जागृत होगा और वे अपने लगाए पेड़ से लगाव महसूस करेंगे। आशा है कि इस छोटी सी पहल से न सिर्फ पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी, बल्कि धरती पर हरियाली बढ़ेगी।
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