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Sunday, April 15, 2012
Uttarakhand Police: Dehradun: उत्तराखंड के नए डीजीपी बने विजय राघव पंत, कुर्सी संभालते ही फरमान जारी...
देहरादून, जागरण संवाददाता: पुलिस के कर्तव्यों व मूल कार्यो को छोड़ प्रापर्टी डीलरों व शराब माफिया से 'सेटिंग' करने और रिश्वत लेने वाले पुलिस अफसर व कर्मचारी बख्शे नहीं जाएंगे। पुलिस का काम कानून-व्यवस्था का अनुपालन कराना और अपराध पर नियंत्रण करना है। नए पुलिस महानिदेशक विजय राघव पंत ने पदभार संभालते ही सख्त चेतावनी दी कि खाकी पर 'दाग' लगाने वाले अक्षम्य गलती के गुनहगार होंगे।
प्रदेश के नए पुलिस महानिदेशक विजय राघव पंत ने शनिवार को पुलिस मुख्यालय पहुंचकर पदभार ग्रहण किया। इस दौरान पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि राजधानी में बढ़ते अपराध की समीक्षा होगी और आगे की रणनीति तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था का अनुपालन और शांति-व्यवस्था कायम रखना सर्वोपरी है। अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं (चीन व नेपाल) की चौकसी बड़ी चुनौती है। सैन्य बलों से सामंजस्य बैठाकर सीमाओं की सुरक्षा पुख्ता की जाएगी।
MP Police: Bhopal: निर्मल बाबा से पूछताछ कर सकती है मप्र पुलिस..
नई दिल्ली/रांची/भोपाल/रायपुर. अजीबोगरीब उपायों के बूते लोगों की समस्याएं हल करने का दावा करने वाले निर्मल बाबा खुद मुसीबत में हैं। बेशुमार दौलत होने का खुलासा होने के बाद देशभर में उनके खिलाफ गुस्सा दिखने लगा है। शनिवार को कुछ और शहरों के लोग शिकायत लेकर थाने पहुंचे।
रायपुर और भोपाल पुलिस बाबा से पूछताछ की तैयारी में है। दोनों शहरों के थानों में बाबा के खिलाफ शुक्रवार को शिकायत दर्ज कराई गई थी। भोपाल सीएसपी राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि बाबा से जल्द ही पूछताछ की जाएगी। टीवी चैनलों के मुताबिक बाबा भक्तों से मिले पैसे होटल कारोबार में लगा रहे थे। दिल्ली में उन्होंने अक्षरा होटल खरीदा था।
टीवी चैनलों के मुताबिक बाबा भक्तों से मिले पैसे होटल कारोबार में लगा रहे थे। दिल्ली में उन्होंने अक्षरा होटल खरीदा था। खुलासा होने के बाद बाबा के भक्त घट गए और खाते में पैसा आना कम हो गया। औसतन रोज 4500 लोग बाबा के खाते में पैसा जमा कराते थे। लेकिन शुक्रवार को 1800 लोगों ने ही पैसे जमा कराए।
अब खुद भक्तों के भरोसे
टीवी वालों को फोन करके बताओ मेरी शक्ति के बारे मेंनिर्मल बाबा बचाव की मुद्रा में हैं। जिन भक्तों के संकट दूर करने का वे दावा करते थे, शनिवार को उन्हीं भक्तों से खुद का संकट दूर करने का निवेदन करने लगे। बाबा ने ट्वीट करके अपने अनुयायियों से कहा कि वे टीवी चैनलों को फोन करके मेरी शक्तियों और अपने अनुभव के बारे में बताएं। बाबा ने भक्तों से शांति और संयम बरतने की अपील करते हुए कहा कि मैंने कुछ गलत नहीं किया। मैं सभी नियम कायदों का पालन करता हूं, मैं टैक्स भरता हूं तो फिर मेरा काम गैरकानूनी कैसे हो सकता है।
ईंट-भट्टों का धंधा नहीं चला तो निर्मलजीत बने बाबा
निर्मल बाबा यानी निर्मलजीत सिंह। ये झारखंड के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष इंदर¨सह नामधारी के साले हैं। नामधारी बताते हैं कि ७क् के दशक में निर्मल के पिता की हत्या कर दी गई थी। उसके बाद मां ने निर्मल को झारखंड के डाल्टनगंज भेज दिया। वहां उन्होंने कपड़े की दुकान खोली। कुछ सालों में वह बंद हो गई। फिर निर्मल ब्रिक्स नाम से ईंट भट्टों का धंधा करने लगे। वह भी नहीं चला। तो अंत में निर्मल बाबा बनकर कृपा के कारोबार में आ गए।
समागम में प्रति व्यक्ति से 2000 रुपए फीस लेते हैं
बाबा की कमाई का सबसे बड़ा जरिया है समागम के नाम पर ली जाने वाली फीस। बाबा प्रति व्यक्ति से 2000 रुपए लेते हैं। व्यक्तिगत रूप से मिलने वालों से 10 हजार रु. तक लिए जाते थे। एक समागम में करीब 5 हजार लोग रहते हैं। एक महीने में 5 से 7 ऐसे कार्यक्रम होते हैं। इन समागमों का करीब 36 चैनलों पर प्रसारण होता है। एवज में बाबा 17 लाख रुपए चुकाते हैं।
इंटरव्यू में बोले- मेरा सालाना टर्नओवर 238 करोड़ रुपए
बाबा ने टीवी इंटरव्यू में माना कि उनका सालाना टर्न ओवर 238 करोड़ रुपए है। निर्मल बाबा दो तरह के खातों का संचालन करते हैं। एक खुद के नाम और दूसरा निर्मल दरबार के नाम से। निर्मल दरबार के खातों में भक्तों द्वारा रुपया जमा कराए जाने के बाद बाबा उसे अपने खाते में ट्रांसफर करवा लेते हैं। खाते में सुषमा नरुला का नाम नॉमिनी के रूप में है। वह बाबा की पत्नी है। उनके भक्तों में आम आदमी ही नहीं, बड़े-बड़े अधिकारी, राजनेता, इंजीनियर भी शामिल हैं।
अजीब तरह के टिप्स
निर्मल बाबा समागम में लोगों को काले पर्स में पैसे रखने, अलमारी में 10 के नोटों की गड्डी रखने, गोलगप्पे खाने और पूजा के स्थान पर मृत बुजुर्गो की उल्टी तस्वीर रखने के सुझाव देते हैं।
आय का 10वां हिस्सा दो
नोटों के ढेर पर बैठे बाबा का जोर दसवंद पर रहता था। दसवंद यानी आय का दसवां हिस्सा। बाबा भक्तों से कहते हैं कि वे अपनी आय का दसवां हिस्सा उन्हें दान में दें। इससे उनकी समस्याएं खत्म होंगी।
खूब निवेश किया
>नौ जनवरी को 20 करोड़ रु. का फिक्स्ड डिपॉजिट किया। > 11 जनवरी को पांच करोड़ रु. का फिक्स्ड डिपॉजिट किया। >बैंक में जमा रकम से सूद के 85.77 लाख रुपए मिले। >दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में बाबा ने अक्षरा होटल खरीदा। >होटल पर अभी निर्मल बुटिक होटल का बोर्ड लगा है। >निर्मल बाबा होटल की चेन भी खोलना चाहते थे।
आयकर विभाग की नजर
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आयकर विभाग और फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट आमदनी और निवेश पर जल्द जांच शुरू करने वाली है।
छिपे खातों में 4 माह में 123 करोड़ जमा
चैनलों के मुताबिक बाबा का एक खाता निर्मलजीत सिंह नरूला के नाम पर भी है। इसका अकाउंट नंबर (1546000102129694) विज्ञापनों में नहीं दिखाया जाता। इस खाते में ४ जनवरी से 13 अप्रैल 2012 के बीच 123 करोड़ रुपए जमा हुए थे। इस दौरान 105.56 करोड़ रुपए निकाले भी गए। निकासी 16 बार हुई है। 13 अप्रैल शाम तक खाते में 17.47 करोड़ थे।
Sunday, April 1, 2012
KN Police: Police Appointment: कोर्ट के आगे झुकी कर्नाटक राज्य सरकार, ए आर इन्फेंट होंगे कर्नाटक के नए डीजीपी..
Bangalore: Karnataka government on Saturday decided to appoint AR Infant as Director General of Police following the High Court's verdict which had struck down the appointment of Shankar Bidari as state DGP and IG.
"Chief Minister DV Sadananda Gowda had a meeting with senior officers and we decided to give charge to AR Infant as DGP of Karnataka", Home Minister R Asoka told reporters here.
However, the government would move the Supreme Court against the High Court verdict, as it has to protect the interests of the state, he said.
"Since the appointment of the DGP comes under the state government, we have told our Advocate General to appeal in Supreme Court", Asoka said.
The High Court had yesterday dismissed the writ petitions filed by the state government and Bidari challenging the Central Administrative Tribunal order as "without merit and substance" and held his empanelment by UPSC and consequent appointment as "void and illegal."
The court had also directed the state government to relieve Bidari forthwith and appoint AR Infant in his place
Saturday, March 31, 2012
BREAKING NEWS: RECORD BREAK: बधाई,बधाई,बधाई....40 हजार हिट्स के पार पहुंचा POLICE NEWS, और आगे बढ़ेगें हम..आप सब जो साथ हैं...
POLICE NEWS
40002 pageviews - 1149 posts, last published on Mar 27, 2012
दोस्तो, हमने आज अपनी POLICE NEWS ने एक और मुकाम हासिल कर लिया है। आज हम 40K Hits club में शामिल हो गए हैं। ये बताता है हमारे पुलिस दोस्तों का हमसे प्यार, अपनापन और भरोसा...
जल्दी ही हम और बेहतर ढंग से आपके सामने आएंगे।
बधाई।बधाई। बधाई।
POLICE NEWS.
Tuesday, March 27, 2012
MP Police: Neemuch Police: कांस्टेबल कन्हैयालाल राठौर ने पाया एसपी मेडम से पुरस्कार, मप्र में सबसे ज्यादा वारंट तामील करने का बनाया रिकार्ड
मनासा थाना जिला नीमच पदस्थ कांस्टेबल कन्हैया लाल राठौर ने वर्ष-2011 में 67 स्थायी वारंट और फरारी वारंट तामील किया. यह एक आरक्षक द्वारा तामील किये वारंटों में प्रदेश स्तर पर सर्वाधिक होगा. उसके इस शानदार काम के लिए अमोंगला अय्यर पुलिस अधीक्षक नीमच महोदय ने नगद ईनाम के साथ प्रशंसा करते हुए प्रशस्ति पत्र प्रदान किया.
प्रस्तुत फोटो- एक गौरवमयी समारोह में कांस्टेबल कन्हैया लाल को प्रशस्ति पत्र सौंपते हुए समीर यादव[Sameer Yadav] एस.डी.ओ.पी. मनासा एवं रविन्द्र बोयट[Ravindara Boyat] टी.आई. मनासा.
यह उल्लेखनीय है कि वर्ष 2012 में भी अब तक आरक्षक कन्हैया लाल ने 51 स्थायी वारंट/फरारी वारंट तामील कर लिए हैं.
NOIDA Police: नोयडा पुलिस नहीं कर सकेगी बोलेरो की सवारी, राज बदला तो कांट्रेक्ट भी बदल सकता है...
पुलिस की 40 पीसीआर गाड़ियां अप्रैल से गायब हो सकती हैं। नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने 40 बोलेरो किराये पर लेकर पुलिस को सुरक्षा के लिए दे रखा है। सुरक्षा के लिहाज से उम्मीदों पर खरा नहीं उतरने पर प्राधिकरण पुलिस से पीसीआर वापस लेकर उनका अनुबंध समाप्त करने पर विचार कर रहा है। 31 मार्च को यह अनुबंध समाप्त हो रहा है। प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद प्राधिकरण नया अनुबंध करने के मूड में नहीं है। पीसीआर में लगी सारी गाड़ियां बसपा के एक विधायक की है। जिस ट्रांसपोर्ट कंपनी से बोलेरो किराया पर लिया गया है, वह ट्रांसपोर्ट बसपा विधायक के भाई के नाम पर है।
सितंबर, 2009 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती ने नोएडा में मेट्रो रेल का उद्घाटन करने के दौरान सुरक्षा के लिए पुलिस पीसीआर वाहन उपलब्ध कराने की घोषणा की थी। नोएडा व ग्रेटर नोएडा को पीसीआर वाहन का खर्च उठाने का निर्देश दिया था। मुख्यमंत्री के निर्देश पर नोएडा व ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने एक ट्रांसपोर्ट कंपनी से 40 बोलेरो किराये पर ली थी। इसमें 20 बोलेरो नोएडा व 20 ग्रेटर नोएडा पुलिस को दिसंबर 2009 में सौंपा दी थी। इस दौरान प्राधिकरण ने एक बोलेरो 80 हजार रुपये प्रति माह किराये पर ली थी।
इसके तहत ट्रांसपोर्ट कंपनी से एक साल का अनुबंध हुआ था। पुलिस ने सुरक्षा के लिए बोलेरो को पीसीआर के रूप में इस्तेमाल किया। पीसीआर पर पुलिस का चालक न होकर ट्रांसपोर्ट कंपनी का चालक लगाया गया। पुलिस के पीसीआर पर निजी चालक होने पर महत्वपूर्ण सूचनाओं को लीक होने का आरोप उस दौरान लगा था। शहर में जगह-जगह पर पीसीआर तैनात होने के बाद भी आपराधिक घटनाओं में कमी नहीं आई। पीसीआर पुलिस पर लगातार अवैध वसूली करने का आरोप लगता रहा। बसपा विधायक के भाई की ट्रांसपोर्ट कंपनी की बोलेरो होने के कारण प्राधिकरण ने इन्हें हटाने के बजाय हर साल अनुबंध बढ़ा दिया। पिछले साल प्राधिकरण ने ट्रांसपोर्ट कंपनी से बोलेरो खरीदने का निर्णय भी लिया था, जिसे बाद में वापस ले लिया गया। ट्रांसपोर्ट कंपनी से प्राधिकरण का अनुबंध 31 मार्च को समाप्त हो रहा है। ऐसे में प्रदेश में सत्ता परिवर्तन होने के बाद प्राधिकरण आरोप-प्रत्यारोप से बचने के लिए ट्रांसपोर्ट कंपनी से अनुबंध समाप्त करने पर विचार कर रहा है। वर्तमान में पुलिस के पास कुल 72 पीसीआर है, जिसमें 40 पीसीआर निजी हैं। अनुबंध समाप्त होने के बाद पुलिस के पास पीसीआर गाड़ी का भी टोटा हो जाएगा।
AP Police: police promotions: आंध्र प्रदेश पुलिस में जूनियर आईपीएस ऑफीसर्स है परेशान, नहीं हो रही डीपीसी, चार सीनियर को मिलेगा डीजीपी ओहदा..
HYDERABAD: Four IPS officers of the 1979 batch were empanelled on Monday to become director generals of police (DGP). This includes Tarini Das, Aruna Bahuguna, B Prasada Rao and Anwar Huda. The empanelment followed the meeting of the departmental promotion committee (DPC) earlier in the day. Of the four, Das would be immediately promoted as DGP with a clear vacancy available against the retirement of M Ratan. The others would be elevated in the next few months as some officers holding the rank of DGPs would retire.
However, IPS officers of the 1987 batch, due for promotion to the level of additional DGP, 1994 batch, due for elevation to the level of inspector general of police and 1998 batch, due for promotion to the level of deputy inspector generals of police will have to wait. This is because the DPC for their promotion was not held.
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