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Wednesday, July 24, 2013
Delhi Police: Women in Police Force: दिल्ली पुलिस के इतिहास में नया रिकार्ड, पहली बार कोई महिला आईपीएस होंगी नंबर-२. first time in delhi police, a woman IPS officer will be at nmber two level.
नई दिल्ली।। दिल्ली पुलिस के इतिहास में पहली बार ऐसा होगा जब कोई महिला आईपीएस कमिश्नर के बाद नंबर-2 यानी स्पेशल कमिश्नर (प्रशासन) का पदभार संभालेंगी। अभी तक इन दोनों पदों पर कोई भी महिला अफसर नहीं पहुंच सकी हैं।
गोल्फ-2 की इस कुर्सी पर बैठने वाली महिला तिहाड़ जेल की डीजी विमला मेहरा होंगी। दिल्ली पुलिस में स्पेशल कमिश्नर (विजिलेंस) पी. कामराज तिहाड़ जेल के नए डीजी होंगे। यह जानकारी दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार के टॉप आधिकारिक सूत्रों ने दी है।
सूत्रों के मुताबिक, सप्ताह के अंत तक इन दोनों अफसरों के बारे में तैनाती के नए आदेश आ जाएंगे। 31 जुलाई को दिल्ली पुलिस को बी. एस. बस्सी के रूप में नए कमिश्नर मिल जाएंगे। वह अभी तक दिल्ली पुलिस में नंबर-2 यानी स्पेशल कमिश्नर (प्रशासन) हैं। सूत्रों ने बताया कि बस्सी के कमिश्नर बनने के बाद यह पद खाली हो जाएगा। उनके बाद फिर इस पायदान पर स्पेशल कमिश्नर (प्रशासन) की अहम जिम्मेदारी 1978 बैच की आईपीएस विमला मेहरा संभालेंगी।
विमला मेहरा अगस्त 2012 में तिहाड़ जेल की डीजी बनी थीं। इससे पहले वह दिल्ली पुलिस में ही स्पेशल कमिश्नर (सिक्यूरिटी) थी। वह तिहाड़ जेल में मौजूदा कमिश्नर नीरज कुमार की जगह गई थीं। तिहाड़ जेल में रहते हुए उन्होंने कई काम किए। कैदियों के लिए सेमी-ओपन जेल खोलने की योजना को उन्होंने ही अमलीजामा पहनाया।
नीरज कुमार 31 जुलाई को रिटायर हो रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि पिछले साल 16 दिसंबर को साउथ दिल्ली में चलती बस में फिजियोथेरपी की स्टूडेंट के साथ गैंग रेप की वारदात हुई थी। इसके बाद दिल्ली में किसी महिला को पुलिस कमिश्नर बनाने की मांग ने जोर पकड़ा था।
अब सूत्रों का कहना है कि भले ही कमिश्नर कोई महिला न बन पाई हों, मगर फिर भी महिला के दिल्ली पुलिस में नंबर-2 होने से दिल्ली में महिलाओं की सुरक्षा के लिए और अधिक काम हो सकेगा। इससे पहले तिहाड़ जेल में डीजी के पद पर महिला के तौर पर केवल किरण बेदी ही रही थीं।
सूत्रों ने बताया कि 1987 बैच के आईपीएस पी. कामराज को तिहाड़ जेल का नया डीजी बनाया जाएगा। दिल्ली पुलिस में स्पेशल कमिश्नर (विजिलेंस) से पहले कामराज साउथ-ईस्टन रेंज के जॉइंट कमिश्नर थे। इनके अलावा भी दिल्ली पुलिस में और कई पदों पर जल्द ही नए अधिकारियों की नियुक्ति की जानी है। खासतौर से नए कमिश्नर का एसओ कौन होगा? इस पर कई अफसरों के नाम चल रहे हैं।
courtsy- nbt.
Foreign Police: Maxico Police: Heavily-armed men assaulted Mexican federal police units in a carefully planned attack in which 22 people were killed, most of them assailants
MEXICO CITY: Heavily-armed men assaulted Mexican federal police units in a carefully planned attack in which 22 people were killed, most of them assailants, in six towns, the government announced.
The gunmen concealed themselves in hills above checkpoints in Michoacan state, a western area tormented by drug cartels, and blocked at least four sections of highway before swooping on their targets, wielding grenades.
"So far, we have two federal policemen killed, 20 presumed criminals shot dead and another 15 people under arrest," the interior ministry's national security council said in a statement.
The attackers were equipped with high-powered rifles and grenades when they struck in the troubled Tierra Caliente region, a hot spot for gang violence, the council added, without stating how many police or gunmen had been wounded.
In May, Mexico's government promised to keep thousands of troops in Michoacan, which has 4.3 million citizens, until peace is restored.
Interior minister Miguel Angel Osorio Chong at the time held a meeting of the national security team in the state capital Morelia with local officials, aimed at tackling a crime wave that led some towns to start vigilante groups.
Officials said 4,000 soldiers and marines and 1,000 federal police were deployed. Osorio Chong also said the forces would leave once security conditions have improved and the state government can hold its own.
Michoacan was the first state to see troops when former president Felipe Calderon decided to deploy tens of thousands of soldiers across the country to crack down on drug cartels in 2006.
But gang violence surged throughout Mexico, leaving 70,000 people in its wake when Calderon left office in December, and a powerful new cartel, the Knights Templar, emerged in Michoacan.
Osorio Chong has insisted that the strategy ordered by current President Enrique Pena Nieto will be different than his predecessor's, with a single command, close coordination between various authorities, greater use of intelligence assets, and an economic development program.
Pena Nieto took office in December vowing to switch the focus toward reducing the level of violence. He has since launched a crime prevention program but he says troops will stay until the murder rate declines.
Fed up with crime, vigilantes have appeared in recent months and clashed with the Knights Templar cartel, notably in Tierra Caliente.
Drug gangs have existed for decades in Michoacan, where they grow marijuana and opium poppies and produce synthetic drugs in makeshift labs before shipping them to the United States.
courtsy- TOI.
Police Policy:Delhi Police: Police Commioner Tenure: दिल्ली पुलिस कमिश्नर नीरज कुमार ने दो साल के नियत कार्यकाल की वकालत की. delhi police commisioner advocates for two years fix tenure.
नई दिल्ली : इस माह के अंत में अवकाश ग्रहण करने वाले दिल्ली पुलिस आयुक्त नीरज कुमार ने पुलिस बल के मुखिया के कम से कम दो साल के एक नियत कार्यकाल की हिमायत करते हुए कहा कि उनका 13 महीने का कार्यकाल बहुत छोटा था। कुमार ने अफसोस जताया कि पुलिस प्रमुखों के कार्यकाल के बारे में उच्चतम न्यायालय से तय मार्गनिर्देशों का पालन नहीं किया गया।
उन्होंने कहा, ‘13 महीना बहुत छोटा वक्त होता है। इसे कम से कम दो साल होने चाहिए जैसा उच्चतम न्यायालय ने तय किया।’ कुमार से जब पूछा गया कि छोटे कार्यकाल के चलते क्या वह पुलिस बल के आधुनिकीकरण की अपनी योजना अमल में नहीं ला सके तो उन्होंने कहा, ‘इसका अब क्या मतलब है? ये उच्चतम न्यायालय के निर्देश हैं लेकिन लागू नहीं किए गए।’ फिलहाल, गृह सचिव, विदेश सचिव, रक्षा सचिव, कैबिनेट सचिव, आईबी प्रमुख, प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक, सीबीआई प्रमुख और रॉ प्रमुख के दो साल के नियत कार्यकाल हैं।
पिछले एक दशक में, दिल्ली में पांच पुलिस आयुक्त हुए जिनमें कुमार का कार्यकाल (जून 2012-जुलाई 2013) का सबसे छोटा है। कुमार से पहले बीके गुप्ता दिल्ली पुलिस के आयुक्त थे। उनका कार्यकाल 19 महीने का था। कुमार के बाद 1 अगस्त को दिल्ली पुलिस की कमान भीम सैन बस्सी संभालेंगे। वह फरवरी 2016 में अवकाश ग्रहण करेंगे। इस तरह उनका कार्यकाल ढाई साल का होने वाला है।
पिछले 10 साल में, के. के. पॉल का कार्यकाल सबसे लंबा था। वह फरवरी 2004 से जुलाई 2007 तक दिल्ली पुलिस आयुक्त के पद पर आसीन थे। उनका कार्यकाल तीन साल पांच माह का था। पॉल के अवकाश ग्रहण करने के बाद वाई. एस. डडवाल पुलिस आयुक्त बने। वह जुलाई 2007 से नवंबर 2010 तक तीन साल चार महीने इस पद पर बने रहे। (एजेंसी)
Sunday, July 21, 2013
Rajasthan Police: Police & Bollywood: जयपुर SP हरिप्रसाद शर्मा से पूजा भट्ट का झगड़ा, एसपी साहब को खुद के केबिन में जाने से रोकने का आरोप. Bollywood Actress & Producer pooja bhatt had a tussle with Jaipur SP.
जयपुर।। डायरेक्टर-ऐक्ट्रेस पूजा भट्ट की टीम के सदस्यों और उदयपुर के पुलिस अधीक्षक के बीच रविवार को कहासुनी हो गई। पूजा ने आरोप लगाया है कि पुलिस अधिकारी ने फिल्म के सेट पर पहुंचकर अभद्र भाषा का प्रयोग किया।
भोपालपुरा के एसएचओ ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि यह घटना उस समय हुई जब पूजा की आने वाली फिल्म 'बैड' की उदयपुर कलेक्टरेट परिसर में शूटिंग चल रही थी। इसी परिसर में उदयपुर के पुलिस अधीक्षक हरिप्रसाद शर्मा का भी कार्यालय है। सिंह के मुताबिक, परिसर के कार्यालय बंद थे। पुलिस अधीक्षक कुछ काम के लिए अपने कार्यालय में आए थे, लेकिन फिल्म की टीम के सदस्यों ने शूटिंग के कारण उन्हें अपने चैंबर में जाने से रोक दिया।
पुलिस अधीक्षक ने कहा, 'टीम के सदस्य मुझे मेरे चैंबर में जाने नहीं दे रहे थे और उन्होंने मुझे महेश भट्ट से फोन पर बात करने को कहा। भले ही उन्होंने यहां शूटिंग करने की इजाजत ली है, लेकिन वे हमें हमारे चैंबर में प्रवेश करने से नहीं रोक सकते।'
सिंह ने बताया कि कहासुनी के बाद मामला शांत हो गया और फिल्म के सदस्यों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई और पुलिस अधीक्षक भी आखिर में अपने चैंबर में चले गए।
वहीं, इसी बीच पूजा ने कहा, 'पुलिस अधीक्षक से दो मिनट इंतजार करने को कहा गया था, लेकिन उन्होंने हमें धमकी दी और अभद्र भाषा का भी इस्तेमाल किया।'
courtesy-nbt.
Mumbai Police: ये लेडी दबंग तो क्रिमिनल्स के भी मुंह खुलवा देती है. But she knows how to make criminals talk, says Pooja Bhula of Police Inspector, Shalini Sharma.
In classic small-heeled pumps, fitted narrow trousers, a colourful scarf, plain shirt, long hair, tall frame and a confident stride, Police Inspector Shalini Sharma--Extradition Cell, of Mumbai’s Crime Investigative Unit (CIU)—carries herself like one of Charlie’s Angels. CIU officers don’t wear uniforms. She is as alert as she is friendly—interrogating gangsters, terrorists, paedophiles and the like, for a living.
Two months ago, the Crime Branch arrested Theva Satish Kumar, of the Liberation Tigers of Tamil Eelam (LTTE), based on an Interpol alert issued by the Sri Lankan government. What was Shalini’s role? “We verified the intelligence received, and alerted police stations, immigration and other teams.”
Following an arrest, the person is presented in court and taken into custody for questioning. “The interrogation went on for 24 hours! He was lying and I knew it.
The stamp on his passport was fake.” As per media reports, Kumar first said he came by air, but later revealed he arrived via sea. He would have been caught, boarding a flight from Sri Lanka.
“I don’t use third degree. I make them speak-up without breaking laws. Criminals don’t expect decency of this sort, so at first, they think I will go soft on them. But, with 23 years of experience, I know how to make people comfortable, I know how to make them talk,” is her unique approach.
From Scotland Yard to Interpol
No wonder she was chosen for a $10,000 scholarship to learn Hostage Negotiation and Crisis Management from Scotland Yard. “In 2008, we didn’t have negotiators to look into lacunae during terror attacks. So the Rotary Club and Mumbai Police took the initiative. 12 candidates, initially selected based on age and police experience, were narrowed to six, three ,and finally one.”
In her brief tenure as chief counsellor, Shalini thwarted a suicide attempt. “In interviews, Rotary gauged our international exposure and ability to handle sensitive matters. Officers tested our knowledge, language, and presentation skills. Working in the Extradition Cell since 2004 helped, as I was in regular contact with consulates. Confidence and interest matter too.” Her training lasted two weeks.
She acquainted herself with the British Transport Police, London Police and New Scotland Yard Police, London, and wanted other officers to be trained too.
“Crisis management isn’t a one-person job. I convinced my seniors to get two officers from Scotland Yard to Mumbai. Eventually, 17 officers were trained. With the remaining scholarship money, I got permission to familiarise myself with Interpol in Lyon, France.”
Traffic Department in 1993
Shalini has handled portfolios ranging from law and order to the computerisation of a commissionerate. But her face lights up at the mention of the Thane Traffic Police Department. “I joined as traffic officer and had a team of 15 women constables. We were the first batch of women to get this role. The experience was thrilling. I rode a Bullet, chased trucks and looked into traffic engineering. The public appreciated my work and demanded speed breakers and reflectors. Others were upset, because I didn’t let anyone off without a fine.”
Fitness and Family
The former Indian University level volleyball player’s fitness quotient hasn’t decreased. She watches her diet, gyms from 9pm-10pm when possible, or swims and takes brisk walks. “I’ve had clashes with my husband and sometimes feel my sons are neglected. But whoever joins the police is prepared for stress, physical demands, and difficulties it may cause to family life.”
Plans for future
She has a diploma in cyber crime and intends to learn forensic investigation and acquire weapons training.
Police plan your precautions
Be conscious of time and place
You have to be conscious of your time and place of travel. Late at night and early in the morning, you’ll find fewer people, so it will be difficult to get help. Keep track of whether your destination or the places you’ll cross are in the news for eve-teasing, chain snatching, rape or any such crimes.
Stay alert, act now
If a vehicle suddenly stops near you, think why? If something seems amiss whilst travelling, change your taxi, auto or train bogie. If you’re walking, look who’s around you, change your route if required and contact authorities.
Being stalked? Inform the police
If you find eve-teasers near your college, bus stop or routes you take regularly, inform the police, to prevent a mishap. Acid attacks are premeditated.
Perpetrators generally know the victims and their routines. Random strangers on the road don’t suddenly fling acid at passersby. It could be a stalker, a rejected lover, or someone you’ve had a fallout with. Don’t hide or neglect such instances, at least inform your friends.
Stay fit
Fitness is very, very important. You have to be agile in times of need.
Learn basic self-defence
We are not living in a jungle, so there’s no need to go deep into martial arts.
But, the basics of Judo and Karate are good enough to tackle attackers or buy time to run. These days, the police also teaches self defence in several schools.
Project confidence
You have to make yourself mentally strong, project fitness and confidence to deter attacks.
Carry an extra battery and pepper spray
Communicability is important at all times, especially if you’re travelling in remote areas or at odd hours. Always keep your mobile handy and carry an extra battery. There is no harm in carrying pepper spray too. Note down taxi and auto numbers, when travelling alone at night.
Shout!!!
You may have objects to defend yourself and might know everything, but nothing beats presence of mind. If you’re in a situation where you can’t defend yourself, don’t be self-conscious, just SHOUT, so that people can come to
your rescue.
courtsy- DNA
Sunday, May 5, 2013
HR Police: Police Transfer: police officials tranfered in hariyana police: हरियाणा पुलिस में भारी फेरबदल, कई अफसरों के तबादलें
हरियाणा पुलिस में भारी पैमाने पर प्रशासनिक फेरबदल हुआ है। इसमें 20 आईपीएस और 67 हरियाणा पुलिस सर्विस के अफसरों को नई पोस्ंिटग दी गई हैं। इसके अलावा 23 अफसरों को पहली बार पोस्टिंग मिली है।
सुधीर चौधरी अब मधुबन स्थित पुलिस अकादमी के नए आईजी होंगे। भौंडसी में आईआरबी के आईजीपी नवदीप सिंह विर्क को भौंडसी में आरटीसी के महानिरीक्षक का एडीशनल चार्ज दिया गया है। नियुक्ति का इंतजार कर रही चारु बाली को खाली पोस्ट पर पुलिस हेडक्वॉर्टर में डीआईजी एडमिनिस्ट्रेशन लगाया गया है। नियुक्ति का इंतजार कर रही ममता सिंह को भौंडसी में डीआईजी आरटीसी लगाया गया है।
स्टेट विजिलेंस ब्यूरो के डीआईजी माता रवि किरण को डीआईजी लोकायुक्त का एडीशनल चार्ज दिया गया है। भारती अरोड़ा को खाली पद पर गुड़गांव में डीसीपी क्राइम लगाया गया है। सौरभ सिंह सिरसा के नए एसपी होंगे। डॉ. राजश्री सिंह को हिसार में एचएपी की तीसरी बटैलियन का कमांडेट लगाया गया है। हामिद अख्तर को एचएपी की पहली बटैलियन का कमांडेंट लगाया गया है।
हरदीप सिंह दून को एसपी सीआईडी, राजेंद्र कुमार को एसपी हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम, सिबाश कबिराज को एसपी यमुनानगर, वाई पूर्ण कुमार को एसपी कुरुक्षेत्र, राकेश कुमार आर्य को एसपी पलवल, मितेश जैन को एसपी भिवानी, शशांक आनंद को एसपी रेलवे, सिमरदीप सिंह को एसपी नारनौल, अशोक कुमार को एसपी कमांडो नेवल, राम कुमार को मधुबन में हरियाणा पुलिस अकादमी का एसपी, अभिषेक गर्ग को एसपी करनाल, जगत सिंह हुड्डा को बल्लभगढ़ में पुलिस कमिश्नर, विनोद कौशिक को अंबाला सिटी का पुलिस कमिश्नर, कृष्ण मुरारी को मधुबन में एचएपी की दूसरी बटैलियन का कमांडेट लगाया गया है।
विनोद कुमार को रेवाड़ी में डीएसपी हेडक्वॉर्टर, पूर्णिमा सिंह को पंचकूला में सहायक पुलिस कमिश्नर, सुनील कुमार अलहाडि़या को करनाल सिटी का डीएसपी, जोगिंदर सिंह राठी को करनाल में डीएसपी हेडक्वॉर्टर, आशीष चौधरी को मेवात में डीएसपी हेडक्वॉर्टर, नुपुर बिश्नोईर् को डीएसपी कुरुक्षेत्र, कर्ण गोयल को रोहतक में डीएसपी सिटी, पुष्पा को डीएसपी रोहतक, धरना यादव को हिसार में डीएसपी सिटी, तान्या सिंह को डीएसपी पानीपत, ऊषा देवी को गुड़गांव में डीएसपी डीईटी, भारती डबास को डीएसपी करनाल, राजेंद्र सिंह श्योराण को डीएसपी सीआईडी, बाली सिंह को डीएसपी समालखा, रामेश्वर लांबा को फरीदाबाद हेडक्वॉर्टर में असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर, जगदीश कुमार को हरियाणा मानवाधिकार आयोग में डीएसपी, विरेंद्र सिंह को डीएसपी सीआईडी, रविंद्र कुमार को मानेसर में आईआरबी-फोर का डीएसपी, पूजा डाबला को सोनीपत में डीएसपी, पंखुड़ी कुमार को गुड़गांव में सहायक पुलिस आयुक्त, हितेष यादव को मानेसर में सहायक पुलिस आयुक्त, संदीप कुमार को फरीदाबाद के मुजेसर में सहायक पुलिस आयुक्त, पूनम को फरीदाबाद सेंट्रल में सहायक पुलिस आयुक्त, रामचंद्र राठी को फरीदाबाद एनआईटी में सहायक पुलिस आयुक्त लगाया गया है।
Police Reform: AP fails to get full marks: पुलिस रिफार्म मामले में आंध्र-प्रदेश पुलिस फिसड्डी साबित..
While the constitution of the State Security Commission (SSC) by the State Government on Saturday ushers in much-needed police reforms, the government’s silence on the other directives of the Supreme Court is disconcerting.
Andhra Pradesh has now implemented only two of the seven binding directives of the apex court, delivered in the Prakash Singh case on police reforms.
The only other directive implemented by the State is that of setting up a Police Establishment Board (PEB) — which decides transfers, postings and promotions of officers of and below the rank of DSPs and transfers above the rank of DSPs.
Other SC directives
The other directives in State Government’s purview include a fixed two-year tenure to the chief of the police force; a minimum tenure of two years for SPs and SHOs; separation of investigation and law-and-order functions; setting up a Police Complaints Authority (PCA) at the State and district levels. The seventh directive — on setting a National Security Commission — is the responsibility of the Central government.
The State government has chosen to maintain a studied silence on the other directives though the Supreme Court had recently asked all the States to file affidavits on its implementation.
DGP’s case
Interestingly, the government order (dated 29-09-2012) appointing DGP V. Dinesh Reddy does not make a specific mention about him having a fixed tenure of two years.
Incidentally, when Tamil Nadu appointed K. Ramanujam as DGP, the State order too did not make a mention. However, a week later another GO was issued which specified that Mr. Ramanujam would have a fixed tenure of two years, irrespective of his date of superannuation.
What makes Mr. Dinesh Reddy’s case interesting is that he would be attaining the age of superannuation on September 18, 2013 (date of birth September 18, 1953), and if the government goes by the apex court’s orders, he should be retiring only on September 29, 2014.
Mr. Reddy was originally appointed DGP on June 30, 2011, but his appointment was set aside by the Central Administrative Tribunal (CAT) following a petition filed by another IPS officer challenging the order.
Later, on the direction of the Andhra Pradesh High Court, the government chose him again as the DGP from a list of empanelled officers selected by the UPSC and issued the current orders on September 29, 2012.
During the interregnum, he was the in-charge/officiating DGP.
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