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Sunday, March 20, 2011
पुलिस एक्ट खत्म करेगा सरकारी दखल
भोपाल. विधानसभा के बजट सत्र में नया पुलिस एक्ट लाने की गृहमंत्री उमाशंकर गुप्ता की घोषणा ने पुलिस की उम्मीदों को फिर जगा दिया है। पुलिस मुख्यालय के अफसर,विशेषज्ञ इससे उत्साहित तो हैं,लेकिन संशय में भी हैं कि सरकार, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश को किस हद तक मानेगी। कोर्ट के निर्देशों का सही तरीके से पालन हुआ तो महकमे पर सरकार की पकड़ ढीली हो जाएगी।
जानकार कहते हैं कि सरकार के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप पुलिस एक्ट को लागू करना आसान नहीं होगा। यदि ऐसा हुआ तो पुलिस अफसर प्रत्यक्ष रूप से सरकार के नियंत्रण से मुक्त हो जाएंगे।
अफसरों के तबादले और पदोन्नति में सरकार की दखलंदाजी नहीं होगी। यह काम पुलिस स्थापना बोर्ड करेगा।
9 साल पहले का निर्णय : सुप्रीम कोर्ट ने एक प्रकरण की सुनवाई करते हुए 22 सितंबर 2002 को पुलिस सुधारों के लिए सोराबजी कमेटी बनाई थी। कमेटी ने पुलिस सुधार पर रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को पुलिस एक्ट बनाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे।
राज्य सुरक्षा आयोग का गठन
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनी सोराबजी कमेटी की अनुशंसा है कि आयोग के अध्यक्ष मुख्यमंत्री या गृहमंत्री होंगे। सचिव डीजीपी होंगे। विधानसभा में विपक्ष के नेता,गृह सचिव,हाईकोर्ट द्वारा नामांकित सेवानिवृत्त जज व गैर सरकारी संगठनों के पांच गैर राजनीतिक सदस्य भी इस आयोग में होंगे। यह आयोग पुलिस के कामकाज की समीक्षा करेगा।
कानून व्यवस्था की पुलिस अलग : विवेचना और कानून व्यवस्था के लिए अलग-अलग पुलिस होगी। महानगरों में पुलिस ने यह प्रयोग शुरू भी कर दिया है। जिला स्तर पर पुलिस शिकायत प्राधिकरण भी बनाए गए हैं।,
इसके अध्यक्ष जिले के प्रभारी मंत्री हैं। हालांकि इनके परिणामों की समीक्षा नहीं हुई है।
बिना ठोस कारण के दो साल से पहले नहीं हटेंगे अफसर
राज्य सरकार तीन आईपीएस अधिकारियों के पैनल में सेवा रिकार्ड,वरिष्ठता के आधार पर डीजीपी का चयन करेगी। डीजीपी का कार्यकाल दो साल से कम नहीं होगा। आईजी, डीआईजी, एसपी और टीआई भी दो साल से पहले नहीं हटाए जाएंगे। अफसरों पर कोई आपराधिक मामला या ड्यूटी में गंभीर लापरवाही बरतने पर ही समय से पहले हटाया जा सकेगा। पुलिस अधिकारियों के तबादले,पोस्टिंग और पदोन्नति का काम स्थापना बोर्ड देखेगा।
कोर्ट के निर्देशों का रखें ध्यान
पुलिस एक्ट लागू करने की गृहमंत्री की घोषणा स्वागत योग्य है। अहम बात यह है कि पुलिस सुधारों के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को किस हद तक शामिल किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की मूल आत्मा एक्ट में बरकरार रहे, तभी पुलिस के कामकाज में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
सुभाषचंद्र त्रिपाठी,सेवानिवृत्त डीजीपी
इससे पहले वर्ष 2009 में भी गृहमंत्री ने पुलिस एक्ट लागू करने की घोषणा की थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। सरकार पुलिस एक्ट लागू करने के प्रति ईमानदार नहीं है। पता नहीं इस घोषणा का क्या हश्र होगा।
अजय दुबे,सदस्य,ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल
कुछ राज्यों ने पुलिस एक्ट लागू कर लिया है। यहां भी मसौदा तैयार है,गृहमंत्री ने घोषणा की है कि जल्द ही इसे विधानसभा में रखा जाएगा।
एके दास,प्रमुख सचिव,गृह
साभार:दैभा.
जानकार कहते हैं कि सरकार के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप पुलिस एक्ट को लागू करना आसान नहीं होगा। यदि ऐसा हुआ तो पुलिस अफसर प्रत्यक्ष रूप से सरकार के नियंत्रण से मुक्त हो जाएंगे।
अफसरों के तबादले और पदोन्नति में सरकार की दखलंदाजी नहीं होगी। यह काम पुलिस स्थापना बोर्ड करेगा।
9 साल पहले का निर्णय : सुप्रीम कोर्ट ने एक प्रकरण की सुनवाई करते हुए 22 सितंबर 2002 को पुलिस सुधारों के लिए सोराबजी कमेटी बनाई थी। कमेटी ने पुलिस सुधार पर रिपोर्ट प्रस्तुत की। रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को पुलिस एक्ट बनाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे।
राज्य सुरक्षा आयोग का गठन
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनी सोराबजी कमेटी की अनुशंसा है कि आयोग के अध्यक्ष मुख्यमंत्री या गृहमंत्री होंगे। सचिव डीजीपी होंगे। विधानसभा में विपक्ष के नेता,गृह सचिव,हाईकोर्ट द्वारा नामांकित सेवानिवृत्त जज व गैर सरकारी संगठनों के पांच गैर राजनीतिक सदस्य भी इस आयोग में होंगे। यह आयोग पुलिस के कामकाज की समीक्षा करेगा।
कानून व्यवस्था की पुलिस अलग : विवेचना और कानून व्यवस्था के लिए अलग-अलग पुलिस होगी। महानगरों में पुलिस ने यह प्रयोग शुरू भी कर दिया है। जिला स्तर पर पुलिस शिकायत प्राधिकरण भी बनाए गए हैं।,
इसके अध्यक्ष जिले के प्रभारी मंत्री हैं। हालांकि इनके परिणामों की समीक्षा नहीं हुई है।
बिना ठोस कारण के दो साल से पहले नहीं हटेंगे अफसर
राज्य सरकार तीन आईपीएस अधिकारियों के पैनल में सेवा रिकार्ड,वरिष्ठता के आधार पर डीजीपी का चयन करेगी। डीजीपी का कार्यकाल दो साल से कम नहीं होगा। आईजी, डीआईजी, एसपी और टीआई भी दो साल से पहले नहीं हटाए जाएंगे। अफसरों पर कोई आपराधिक मामला या ड्यूटी में गंभीर लापरवाही बरतने पर ही समय से पहले हटाया जा सकेगा। पुलिस अधिकारियों के तबादले,पोस्टिंग और पदोन्नति का काम स्थापना बोर्ड देखेगा।
कोर्ट के निर्देशों का रखें ध्यान
पुलिस एक्ट लागू करने की गृहमंत्री की घोषणा स्वागत योग्य है। अहम बात यह है कि पुलिस सुधारों के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को किस हद तक शामिल किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की मूल आत्मा एक्ट में बरकरार रहे, तभी पुलिस के कामकाज में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।
सुभाषचंद्र त्रिपाठी,सेवानिवृत्त डीजीपी
इससे पहले वर्ष 2009 में भी गृहमंत्री ने पुलिस एक्ट लागू करने की घोषणा की थी, लेकिन कुछ नहीं हुआ। सरकार पुलिस एक्ट लागू करने के प्रति ईमानदार नहीं है। पता नहीं इस घोषणा का क्या हश्र होगा।
अजय दुबे,सदस्य,ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल
कुछ राज्यों ने पुलिस एक्ट लागू कर लिया है। यहां भी मसौदा तैयार है,गृहमंत्री ने घोषणा की है कि जल्द ही इसे विधानसभा में रखा जाएगा।
एके दास,प्रमुख सचिव,गृह
साभार:दैभा.
होली है: हुड़दंगियों पर पुलिस की कड़ी नजर
होली के दिन हुड़दंग करने वालों की खैर नहीं रहेगी। क्योंकि हुड़दंगियों से निपटने के लिए पुलिस ने शहर खास प्लानिंग तैयार की है। रविवार को समूचे सिटी में 35 पीसीआर, 60 लैपर्ड और 40 बाइकों पर सवार पुलिसकर्मी चप्पे-चप्पे पर नजर रखेंगे। एसएसपी रघुवीर लाल ने बताया कि पुलिस की निगाह उन इलाकों पर होगी, जहां पर स्नैचिंग और छेड़छाड़ की घटनाएं अधिक होती हैं। शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की धरपकड़ के लिए इंटरसेप्टर टीम भी अलर्ट रहेगी। एक्सिडेंट रोकने के लिए 80 स्थानों पर बैरियर लगाए गए हैं।
दिल्ली पुलिस ने होली के मौके पर हुड़दंग मचाने वालों पर लगाम कसने के लिए सख्त इंतजाम किए हैं। पुलिस ने उनसे निपटने के लिए आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई करने का मन बनाया है। यह कार्रवाई उन लोगों के खिलाफ खासतौर पर की जाएगी जो जबरन किसी को रंग लगाएंगे या फिर किसी को पानी या रंगों से भरा गुब्बारा मारेंगे। होली पर राजधानी के सभी 11 जिलों की पुलिस रविवार सुबह से रात नौ बजे तक तैनात रहेगी, ताकि रंग खेलने के बाद भी कोई आपस में न झगड़ सके।
पुलिस के अनुसार सभी 11 जिलाें के पुलिस मुखियाओं काे अपने-अपने इलाके में कानून व्यवस्था पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस की यह तैयारी 19 मार्च की रात से ही शुरू हो चुकी है। राजधानी के विभिन्न इलाकों में चप्पे-चप्पे पर पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। इसके अलावा, इलाके में समय-समय पर गश्त की जा रही है। पुलिस शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ विशेष अभियान चलाएगी। पुलिस उन जगहों विशेष पिकेट भी लगाएगी जहां हाेटल, पब आदि हैं। इसके साथ ही, नई दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली व मध्य दिल्ली में वाहनों में सवार हुड़दंगियों से निपटने के लिए दो हजार से अधिक यातायात पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।
साभार-नभाटा/दैभा.
दिल्ली पुलिस ने होली के मौके पर हुड़दंग मचाने वालों पर लगाम कसने के लिए सख्त इंतजाम किए हैं। पुलिस ने उनसे निपटने के लिए आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई करने का मन बनाया है। यह कार्रवाई उन लोगों के खिलाफ खासतौर पर की जाएगी जो जबरन किसी को रंग लगाएंगे या फिर किसी को पानी या रंगों से भरा गुब्बारा मारेंगे। होली पर राजधानी के सभी 11 जिलों की पुलिस रविवार सुबह से रात नौ बजे तक तैनात रहेगी, ताकि रंग खेलने के बाद भी कोई आपस में न झगड़ सके।
पुलिस के अनुसार सभी 11 जिलाें के पुलिस मुखियाओं काे अपने-अपने इलाके में कानून व्यवस्था पर नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस की यह तैयारी 19 मार्च की रात से ही शुरू हो चुकी है। राजधानी के विभिन्न इलाकों में चप्पे-चप्पे पर पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है। इसके अलावा, इलाके में समय-समय पर गश्त की जा रही है। पुलिस शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ विशेष अभियान चलाएगी। पुलिस उन जगहों विशेष पिकेट भी लगाएगी जहां हाेटल, पब आदि हैं। इसके साथ ही, नई दिल्ली, दक्षिणी दिल्ली व मध्य दिल्ली में वाहनों में सवार हुड़दंगियों से निपटने के लिए दो हजार से अधिक यातायात पुलिस कर्मियों को तैनात किया गया है।
साभार-नभाटा/दैभा.
होली है : ड्रंकन ड्राइविंग में 560 भेजे गए जेल!
होली पर अगर आपने शराब पीकर गाड़ी चलाई और दुर्भाग्य से उसी दौरान आप ट्रैफिक पुलिस के हत्थे चढ़ गए , तो हो सकता है आपको जेल की हवा खानी पड़े। चूंकि अब शराब पीकर वाहन चलाने वाले वाहन चालकों का 2 हजार रुपये का चालान काटने और उनकी गाड़ी जब्त करने के साथ साथ न केवल उनके ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड किए रहे हैं , बल्कि अदालत से उन्हें सजा भी मिल रही है। ऐसे में होली पर शराब पीकर गाड़ी चलाने से कहीं रंग में भंग न पड़ जाए। ट्रैफिक पुलिस इसके लिए पहले से ही कमर कर चुकी है।
वैसे तो ट्रैफिक पुलिस ने बुधवार से ही चेकिंग अभियान शुरू कर दिया है , लेकिन शुक्रवार की रात से सघन चेकिंग शुरू हो जाएगी। शनिवार की रात को भी जोरदार चेकिंग अभियान चलेगा , जबकि रविवार सुबह से लेकर रात तक राजधानी के तकरीबन सभी प्रमुख इलाकों में वाहन चालकों पर नजर रखी जाएगी और उनकी चेकिंग भी होगी। सीनियर अफसरों द्वारा ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को पहले ही यह हिदायत दी जा चुकी है कि अगर कोई भी शख्स शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए पाया जाता है , तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाए , भले ही पकड़ा गया शख्स कितना भी रसूखदार क्यों न हो। न कोई सिफारिश मानी जाए और न कोई छूट दी जाए।
शायद इसी का असर था कि गुरुवार रात को ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने संसद भवन के पास रेड क्रॉस रोड पर शराब पीकर गाड़ी चला रहे भारत सरकार के एक अंडर सेक्रेटरी को भी नहीं बख्शा। चेकिंग में ड्रंकन ड्राइविंग की पुष्टि होने के बाद अफसर का न केवल चालान काटा गया , बल्कि उनकी गाड़ी भी जब्त कर ली गई , क्योंकि उनके पास गाड़ी की आरसी और ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं था। आखिरकार शुक्रवार को अफसर को खुद कोर्ट में पेश होना पड़ा और 2100 रुपये का जुर्माना भरकर गाड़ी छुड़वानी पड़ी। खास बात यह कि अफसर को एक महिला ट्रैफिक इंस्पेक्टर ने पकड़ा था। उस दौरान अफसर ने अपने पद का रसूख दिखाते हुए छोड़ दिए जाने के लिए ट्रैफिक पुलिसकर्मियों पर दबाव भी बनाया था , लेकिन ट्रैफिक पुलिसकर्मियों पर इसका कोई असर नहीं हुआ।
जॉइंट कमिश्नर ( ट्रैफिक ) सत्येंद्र गर्ग ने कहा कि होली के अवसर पर भी इसी तरह की सख्ती बरती जाएगी। ट्रैफिक पुलिस की 400 टीमें दिल्ली की तमाम जगहों पर तैनात रहेंगी और ड्रंकन ड्राइविंग के अलावा अन्य ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भी एक्शन लेगी। उन्होंने बताया कि इस साल 15 मार्च तक 3,388 लोगों को ड्रंकन ड्राइविंग करते हुए पकड़ा गया और उनके खिलाफ सख्त एक्शन भी लिया गया। इनमें से 560 वाहन चालकों को जेल की हवा खानी पड़ी , जबकि 603 वाहन चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड हुए। ट्रैफिक पुलिस इस सख्ती को आगे भी कायम रखेगी। गौरतलब है कि पिछले साल भी ट्रैफिक पुलिस ने होली के दिन 5300 वाहन चालकों के चालान काटे थे। इनमें से 436 लोगों को ड्रंकन ड्राइविंग करते हुए पकड़ा गया था , जबकि सबसे ज्यादा 1594 लोगों को बिना हेलमेट पहने वाहन चलाते पकड़ा था। पिछले साल होली के दिन हुई 44 सड़क दुर्घटनाओं में 15 लोगों की मौत हुई थी और 54 लोग जख्मी हुए थे।
साभार:नभाटा
वैसे तो ट्रैफिक पुलिस ने बुधवार से ही चेकिंग अभियान शुरू कर दिया है , लेकिन शुक्रवार की रात से सघन चेकिंग शुरू हो जाएगी। शनिवार की रात को भी जोरदार चेकिंग अभियान चलेगा , जबकि रविवार सुबह से लेकर रात तक राजधानी के तकरीबन सभी प्रमुख इलाकों में वाहन चालकों पर नजर रखी जाएगी और उनकी चेकिंग भी होगी। सीनियर अफसरों द्वारा ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को पहले ही यह हिदायत दी जा चुकी है कि अगर कोई भी शख्स शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए पाया जाता है , तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाए , भले ही पकड़ा गया शख्स कितना भी रसूखदार क्यों न हो। न कोई सिफारिश मानी जाए और न कोई छूट दी जाए।
शायद इसी का असर था कि गुरुवार रात को ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने संसद भवन के पास रेड क्रॉस रोड पर शराब पीकर गाड़ी चला रहे भारत सरकार के एक अंडर सेक्रेटरी को भी नहीं बख्शा। चेकिंग में ड्रंकन ड्राइविंग की पुष्टि होने के बाद अफसर का न केवल चालान काटा गया , बल्कि उनकी गाड़ी भी जब्त कर ली गई , क्योंकि उनके पास गाड़ी की आरसी और ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं था। आखिरकार शुक्रवार को अफसर को खुद कोर्ट में पेश होना पड़ा और 2100 रुपये का जुर्माना भरकर गाड़ी छुड़वानी पड़ी। खास बात यह कि अफसर को एक महिला ट्रैफिक इंस्पेक्टर ने पकड़ा था। उस दौरान अफसर ने अपने पद का रसूख दिखाते हुए छोड़ दिए जाने के लिए ट्रैफिक पुलिसकर्मियों पर दबाव भी बनाया था , लेकिन ट्रैफिक पुलिसकर्मियों पर इसका कोई असर नहीं हुआ।
जॉइंट कमिश्नर ( ट्रैफिक ) सत्येंद्र गर्ग ने कहा कि होली के अवसर पर भी इसी तरह की सख्ती बरती जाएगी। ट्रैफिक पुलिस की 400 टीमें दिल्ली की तमाम जगहों पर तैनात रहेंगी और ड्रंकन ड्राइविंग के अलावा अन्य ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भी एक्शन लेगी। उन्होंने बताया कि इस साल 15 मार्च तक 3,388 लोगों को ड्रंकन ड्राइविंग करते हुए पकड़ा गया और उनके खिलाफ सख्त एक्शन भी लिया गया। इनमें से 560 वाहन चालकों को जेल की हवा खानी पड़ी , जबकि 603 वाहन चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड हुए। ट्रैफिक पुलिस इस सख्ती को आगे भी कायम रखेगी। गौरतलब है कि पिछले साल भी ट्रैफिक पुलिस ने होली के दिन 5300 वाहन चालकों के चालान काटे थे। इनमें से 436 लोगों को ड्रंकन ड्राइविंग करते हुए पकड़ा गया था , जबकि सबसे ज्यादा 1594 लोगों को बिना हेलमेट पहने वाहन चलाते पकड़ा था। पिछले साल होली के दिन हुई 44 सड़क दुर्घटनाओं में 15 लोगों की मौत हुई थी और 54 लोग जख्मी हुए थे।
साभार:नभाटा
होली है : टल्ली होकर गाड़ी चलाने वालों के कटे चालान
होली पर अगर आपने शराब पीकर गाड़ी चलाई और दुर्भाग्य से उसी दौरान आप ट्रैफिक पुलिस के हत्थे चढ़ गए , तो हो सकता है आपको जेल की हवा खानी पड़े। चूंकि अब शराब पीकर वाहन चलाने वाले वाहन चालकों का 2 हजार रुपये का चालान काटने और उनकी गाड़ी जब्त करने के साथ साथ न केवल उनके ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड किए रहे हैं , बल्कि अदालत से उन्हें सजा भी मिल रही है। ऐसे में होली पर शराब पीकर गाड़ी चलाने से कहीं रंग में भंग न पड़ जाए। ट्रैफिक पुलिस इसके लिए पहले से ही कमर कर चुकी है।
वैसे तो ट्रैफिक पुलिस ने बुधवार से ही चेकिंग अभियान शुरू कर दिया है , लेकिन शुक्रवार की रात से सघन चेकिंग शुरू हो जाएगी। शनिवार की रात को भी जोरदार चेकिंग अभियान चलेगा , जबकि रविवार सुबह से लेकर रात तक राजधानी के तकरीबन सभी प्रमुख इलाकों में वाहन चालकों पर नजर रखी जाएगी और उनकी चेकिंग भी होगी। सीनियर अफसरों द्वारा ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को पहले ही यह हिदायत दी जा चुकी है कि अगर कोई भी शख्स शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए पाया जाता है , तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाए , भले ही पकड़ा गया शख्स कितना भी रसूखदार क्यों न हो। न कोई सिफारिश मानी जाए और न कोई छूट दी जाए।
शायद इसी का असर था कि गुरुवार रात को ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने संसद भवन के पास रेड क्रॉस रोड पर शराब पीकर गाड़ी चला रहे भारत सरकार के एक अंडर सेक्रेटरी को भी नहीं बख्शा। चेकिंग में ड्रंकन ड्राइविंग की पुष्टि होने के बाद अफसर का न केवल चालान काटा गया , बल्कि उनकी गाड़ी भी जब्त कर ली गई , क्योंकि उनके पास गाड़ी की आरसी और ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं था। आखिरकार शुक्रवार को अफसर को खुद कोर्ट में पेश होना पड़ा और 2100 रुपये का जुर्माना भरकर गाड़ी छुड़वानी पड़ी। खास बात यह कि अफसर को एक महिला ट्रैफिक इंस्पेक्टर ने पकड़ा था। उस दौरान अफसर ने अपने पद का रसूख दिखाते हुए छोड़ दिए जाने के लिए ट्रैफिक पुलिसकर्मियों पर दबाव भी बनाया था , लेकिन ट्रैफिक पुलिसकर्मियों पर इसका कोई असर नहीं हुआ।
जॉइंट कमिश्नर ( ट्रैफिक ) सत्येंद्र गर्ग ने कहा कि होली के अवसर पर भी इसी तरह की सख्ती बरती जाएगी। ट्रैफिक पुलिस की 400 टीमें दिल्ली की तमाम जगहों पर तैनात रहेंगी और ड्रंकन ड्राइविंग के अलावा अन्य ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भी एक्शन लेगी। उन्होंने बताया कि इस साल 15 मार्च तक 3,388 लोगों को ड्रंकन ड्राइविंग करते हुए पकड़ा गया और उनके खिलाफ सख्त एक्शन भी लिया गया। इनमें से 560 वाहन चालकों को जेल की हवा खानी पड़ी , जबकि 603 वाहन चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड हुए। ट्रैफिक पुलिस इस सख्ती को आगे भी कायम रखेगी। गौरतलब है कि पिछले साल भी ट्रैफिक पुलिस ने होली के दिन 5300 वाहन चालकों के चालान काटे थे। इनमें से 436 लोगों को ड्रंकन ड्राइविंग करते हुए पकड़ा गया था , जबकि सबसे ज्यादा 1594 लोगों को बिना हेलमेट पहने वाहन चलाते पकड़ा था। पिछले साल होली के दिन हुई 44 सड़क दुर्घटनाओं में 15 लोगों की मौत हुई थी और 54 लोग जख्मी हुए थे।
साभार: नभाटा
वैसे तो ट्रैफिक पुलिस ने बुधवार से ही चेकिंग अभियान शुरू कर दिया है , लेकिन शुक्रवार की रात से सघन चेकिंग शुरू हो जाएगी। शनिवार की रात को भी जोरदार चेकिंग अभियान चलेगा , जबकि रविवार सुबह से लेकर रात तक राजधानी के तकरीबन सभी प्रमुख इलाकों में वाहन चालकों पर नजर रखी जाएगी और उनकी चेकिंग भी होगी। सीनियर अफसरों द्वारा ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को पहले ही यह हिदायत दी जा चुकी है कि अगर कोई भी शख्स शराब पीकर गाड़ी चलाते हुए पाया जाता है , तो उसके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाए , भले ही पकड़ा गया शख्स कितना भी रसूखदार क्यों न हो। न कोई सिफारिश मानी जाए और न कोई छूट दी जाए।
शायद इसी का असर था कि गुरुवार रात को ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने संसद भवन के पास रेड क्रॉस रोड पर शराब पीकर गाड़ी चला रहे भारत सरकार के एक अंडर सेक्रेटरी को भी नहीं बख्शा। चेकिंग में ड्रंकन ड्राइविंग की पुष्टि होने के बाद अफसर का न केवल चालान काटा गया , बल्कि उनकी गाड़ी भी जब्त कर ली गई , क्योंकि उनके पास गाड़ी की आरसी और ड्राइविंग लाइसेंस भी नहीं था। आखिरकार शुक्रवार को अफसर को खुद कोर्ट में पेश होना पड़ा और 2100 रुपये का जुर्माना भरकर गाड़ी छुड़वानी पड़ी। खास बात यह कि अफसर को एक महिला ट्रैफिक इंस्पेक्टर ने पकड़ा था। उस दौरान अफसर ने अपने पद का रसूख दिखाते हुए छोड़ दिए जाने के लिए ट्रैफिक पुलिसकर्मियों पर दबाव भी बनाया था , लेकिन ट्रैफिक पुलिसकर्मियों पर इसका कोई असर नहीं हुआ।
जॉइंट कमिश्नर ( ट्रैफिक ) सत्येंद्र गर्ग ने कहा कि होली के अवसर पर भी इसी तरह की सख्ती बरती जाएगी। ट्रैफिक पुलिस की 400 टीमें दिल्ली की तमाम जगहों पर तैनात रहेंगी और ड्रंकन ड्राइविंग के अलावा अन्य ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ भी एक्शन लेगी। उन्होंने बताया कि इस साल 15 मार्च तक 3,388 लोगों को ड्रंकन ड्राइविंग करते हुए पकड़ा गया और उनके खिलाफ सख्त एक्शन भी लिया गया। इनमें से 560 वाहन चालकों को जेल की हवा खानी पड़ी , जबकि 603 वाहन चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस सस्पेंड हुए। ट्रैफिक पुलिस इस सख्ती को आगे भी कायम रखेगी। गौरतलब है कि पिछले साल भी ट्रैफिक पुलिस ने होली के दिन 5300 वाहन चालकों के चालान काटे थे। इनमें से 436 लोगों को ड्रंकन ड्राइविंग करते हुए पकड़ा गया था , जबकि सबसे ज्यादा 1594 लोगों को बिना हेलमेट पहने वाहन चलाते पकड़ा था। पिछले साल होली के दिन हुई 44 सड़क दुर्घटनाओं में 15 लोगों की मौत हुई थी और 54 लोग जख्मी हुए थे।
साभार: नभाटा
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