Sunday, July 24, 2011

CG Police : पागलों के पीछे पागल हुई छत्तीसगढ़ पुलिस

कांकेर/रायपुर.आमतौर पर गुंडे बदमाशों को ठीक करने वाली पुलिस इन दिनों शहर के पागलों को संवारने में लगी है। पिछले दो दिनों में पुलिस ने शहर की सड़कों में घुमने वाले पांच पागलों को पकड़कर उनका मेडिकल चेकअप कराया बल्कि उन्हें नहला धुलाकर कर हजामत बनवाई तथा नए कपड़े पहनाकर घर तक पहुंचाया।
पुलिस जिन कारणों से भी इन पागलों की सुध ले रही है लेकिन उनके इस कार्य से अपना दिमागी संतुलन खो जाने के बाद दर-दर की ठोकर खाने वाले पागलों की सुध तो ली जा रही है। शहर में घूमने वाले पागलों की खोजबीन पुलिस ने शनिवार को शुरु की। पुराना बसस्टैंड के पास दो पागल एक साथ मिले जबकि दो और नया बस स्टैंड में मिले। एक अन्य पागल पुलिस को शहर के भोईपारा में घुमते हुए मिला।
चार पागल शहर के बाहर तथा एक शहर का ही रहने वाला था जिन्हें पुलिस थाना लेकर आई। पुलिस ने नाई को अस्पताल बुलाया तथा बारी-बारी से उनके बाल दाढ़ी कटवाए फिर उन्हें नहलाकर सभी का स्वास्थ्य परीक्षण कोमलदेव अस्पताल में कराया।


कई दिनों के भूखे-प्यासे पागलों के लिए पुलिस ने भोजन का भी इंतजाम किया। पुलिस की इतनी कवायद से पागलों का हुलिया ही बदल गया। इसके बाद शुरू हुआ पागलों के विदाई का दौर।
शहर से 10 किमी दूर ग्राम सिदेसर के एक पागल को उसके भाई को बुलाकर सौंपा गया। भोईपारा में मिले पागल को भी उसके घर तक छोड़ परिजनों को उसकी देखरेख करने की हिदायत दी। इसी तरह से बाहर के पागलों को वाहन में बैठाकर उनके घरों की ओर रवाना किया गया।

अस्पताल ने फिर दिखाई बेरहमी
हमेशा लोगों से र्दुव्‍यवहार से लेकर कई तरह के कार्यो के लिए बदनाम होने वाली पुलिस ने मानवता दिखाते हुए पागलों की सुध ली।
पागलों का जब स्वास्थ्य परीक्षण कराने अस्पताल भेजा गया तब अस्पताल के कर्मचारियों ने पुलिस का सहयोग नहीं किया और आधा अधूरा परीक्षण किया गया। एक पागल अपने पैर में हुए जख्म पर पट्टी करवाना चाह रहा था लेकिन पट्टी नहीं लगाई गई।

हर दृष्टिकोण से कार्य सराहनीय
दूसरी ओर पुलिस के अचानक पागलों की सुध लेने से कई तरह की चर्चाएं भी हो रही हैं। ऐसा माना जा रहा है की कुछ नक्सली भी शहर में पागल बनकर
जासूसी करते थे। यदि पुलिस इस उद्देश्य से भी पागलों की सुध ले रही है तो भी सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह प्रयास सराहनीय है।

मानवता के नाते किया कार्य
"पुलिस ने मात्र मानवता के नाते शहर में भटकने वाले पागलों का स्वास्थ्य परीक्षण कराते हजामत कराई एवं नहला धुलाकर उन्हें भोजन कराकर घरों तक पहुंचवाया है। भविष्य में भी पुलिस इस तरह के कार्य करती रहेगी।"
- राजेश जान, टीआई, कांकेर

maharastra police:विदर्भ के 18 पुलिस अफसरों का तबादला

राज्य सरकार ने पुलिस उपाधीक्षक और सहायक पुलिस आयुक्त स्तर के 51 पुलिस अधिकारियों का तबादला किया है। इनमें विदर्भ के 18 पुलिस अधिकारी शामिल हैं। नागपुर के सहायक पुलिस आयुक्त सूर्यभान इंगले का तबादला नागपुर ग्रामीण (सावनेर उपविभाग) में उपविभागीय पुलिस अधिकारी के रूप में किया गया है।

नागपुर समाज कल्याण विभाग में कार्यरत पुलिस उपाधीक्षक भगवान पाटील को खेड (जिला रत्नागिरी) का उपविभागीय पुलिस अधिकारी बनाया गया है, वहीं आर्वी के उपविभागीय पुलिस अधिकारी सुभाष पानसे नागपुर यूओटीसी के पुलिस उपाधीक्षक बनाए गए हैं।

नागपुर के पुलिस उपाधीक्षक हनुमंत गिरी का तबादला नाशिक की पुलिस अकादमी में सहायक निदेशक के तौर पर किया गया है। अचलपुर के उपविभागीय पुलिस अधिकारी पांडुरंग माहुरे को अमरावती में नागरिक अधिकार संरक्षण विभाग का पुलिस उपाधीक्षक बनाया गया है।

वामन खरात अब अमरावती के समाज कल्याण विभाग के नए पुलिस उपाधीक्षक होंगे। वे बीड़ स्थित आष्टी में उपविभागीय पुलिस अधिकारी की जिम्मेदारी संभाल रहे थे। अकोट के उपविभागीय पुलिस अधिकारी शेख सुलतान शेख फकीरा का औरंगाबाद में तबादला हो गया है। उन्हें नागरिक अधिकार संरक्षण विभाग में पुलिस उपाधीक्षक बनाया गया है।

अंजनगांव के उपविभागीय पुलिस अधिकारी श्रीराम तोडासे अब चंद्रपुर मुख्यालय में पुलिस उपाधीक्षक का कामकाज संभालेंगे। भोकरधन के पुलिस अधिकारी सुनील मालुसरे को पदोन्नति मिली है। उन्हें भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक की जिम्मेदारी दी गई है।

अमरावती की अपराध शाखा में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक किरण धोटे का तबादला कारंजा (जिला वाशिम) में उपविभागीय पुलिस अधिकारी के रूप में किया गया है। वहीं वाशिम के उपविभागीय पुलिस अधिकारी जगदेव आखरे कामठी में उपविभागीय पुलिस अधिकारी बनाए गए हैं।

वरोरा के उपविभागीय पुलिस अधिकारी अशोक भरते का तबादला कोल्हापुर में हो गया है। वे गडहिंग्लज में उपविभागीय पुलिस अधिकारी के तौर पर काम करेंगे। अमरावती के उपविभागीय पुलिस अधिकारी सुनील लोखंडे वणी में उसी पद पर भेजे गए हैं।

देउलगांव राजा के उपविभागीय पुलिस अधिकारी मोहन क्षीरसागर अमरावती में सहायक पुलिस आयुक्त बनाए गए हैं। साकोली के उपविभागीय पुलिस अधिकारी दत्तात्रय जाधव को मुंबई भेजा गया है। उन्हें सहायक पुलिस आयुक्त पद का जिम्मा सौंपा गया है।

अमरावती के सहायक पुलिस आयुक्त दिनकर महाजन अचलपुर में उपविभागीय पुलिस अधिकारी बनाए गए हैं। तुमसर उपविभाग के उपविभागीय पुलिस अधिकारी बी.डी.पौनीकर को नागपुर परिक्षेत्र के विशेष पुलिस महानिरीक्षक का वाचक पुलिस उपाधीक्षक नियुक्ति किया गया है।

श्री पौनीकर की जगह पवनी उपविभाग के उपविभागीय पुलिस अधिकारी प्रशांत खैरे लाए गए हैं।

Foreign Police : China Police: चीन को बताएंगे बिहार पुलिस की बर्बरता

बिहार पुलिस की बर्बरता का एक वीडियो इन दिनों इंटरनेट जगत पर सनसनी बना हुआ है। यह वीडियो ३ जून को बिहार के अररिया जिले के फोरबेसगंज में हुई पुलिस फायरिंग का है।
इस फायरिंग में फोरबेसगंज के ब्लॉक रामपुर और भजनपुर गांवों के ५ लोग मारे गए थे। यह लोग एक कारखाने के निर्माण के लिए दो गांवों से जोड़ने वाली सड़क की नाकेबंदी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. पुलिस ने न केवल प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई बल्कि उन्हें उनके घरों तक पीछा करके उन्हें मार डाला पॉइंट ब्लैंक रेंज में जिन छह लोगों को गोली से मार डाला गया उनमें दो महिलाए और एक बच्चा भी शामिल है।
यह वीडियो दिखाता है कि पुलिस किस तरह लोगों पर अत्याचार करते हुए संवेदनहीन हो जाती है। वीडियो में एक युवक घायल पड़ा हुआ दिख रहा है और एक पुलिस वाले उसे अपने जूतों से कुचल रहा है। बाद में यह युवक दम तोड़ देता है। इस वीडियो में पुलिस गोलीबारी में मारे गए गांव के अन्य लोग भी दिखाई दे रहे हैं।
बिहार पुलिस की बर्बरता के खिलाफ दिल्ली में मानवाधिकार संगठन एकजुट हो रहे हैं और इस मुद्दे पर बिहार सरकार से सफाई मांगी जा रही है।
मानवाधिकार कार्यकर्ता और कमिटी फॉर दी जस्टिस टू विक्टीम्स ऑफ़ फोरबिसगंज फायरिंग के सदस्य महताब आलम ने कहा कि हम बिहार सरकार से तीन स्पष्ट मांग करते है। सबसे पहले पूरे घटनाक्रम की उच्च न्यायालय के एक वर्तमान न्यायाधीश से एक समय बद्ध न्यायिक जांच कराई जाए। दूसरे, इस घटना में शामिल सभी पुलिसकर्मियों पर तत्काल भारतीय दंड संहिता की 307 धारा के तहत मामला और उनके खिलाफ एफआईआर के पंजीकरण में शामिल कर्मियों के तत्काल निलंबन और तीसरे, प्रस्तावित सांप्रदायिक हिंसा और लक्षित विधेयक के अनुसार मुआवजे के रूप में प्रत्येक परिवार के लिए कम से कम 10 लाख रुपये और आश्रितों में से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी दी जाये।
इन मांगों को 13 जून से पहले नहीं माना गया तो बिहार में अल्पसंख्यकों की हत्याओं को उजागर करते हुए चीनी दूतावास को भी एक ज्ञापन प्रस्तुत किया जाएगा। गौरतलब है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार १३ जून से सद्भावना मिशन पर चीन की यात्रा पर हैं।
इस बीच समिति का एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) और राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) से मिलकर भी फायरिंग में मारे गए लोगों की घटना की जांच की मांग करेगा।

Foreign Police : Maxico Police: मैक्सिको पुलिस को चाहिए 'खूबसूरत महिलाएं'

मैक्सिको में ‘सुंदर’ महिला पुलिस की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया है, जिसे लेकर महिला संगठनों में रोष है। पर्यटन पुलिस बल के लिए इस विज्ञापन में आवेदकों से जो खूबियां चाही गई हैं, उनमें 18 से 26 वर्ष के बीच उम्र, कम से कम 5 फुट 5 इंच कद और उसी के अनुपात में वजन तथा अच्छी शारीरिक और मानसिक सेहत प्रमुख हैं।


इस बल में सिर्फ महिलाएं होंगी और सामान्य पुलिस से अलग नजर आने के लिए आकर्षक यूनिफार्म पहनेंगी। इस ‘खूबसूरत’ टूरिस्ट पुलिस के पास कोई हथियार नहीं होगा और आमतौर पर उसका काम पर्यटकों का मार्गदर्शन करना होगा। अधिकारियों को उम्मीद है कि इससे पर्यटन में वृद्धि होगी।

UP Police : माया की माया, तबादलों की बौछार 78 पुलिस अधिकारियों का ट्रांसफर

उत्तर प्रदेश की मायावती सरकार ने पुलिस अधिकारियों के ताबड़तोड़ तबादले किये है। शनिवार को सरकार ने चार अपर पुलिस महानिदेशक, दो एसपी, 33 एएसपी व 39 डिप्टी एसपी के तबादले किये है। अपर पुलिस महानिदेशक गुरबचन लाल अपर पुलिस महानिदेशक, एनसीआर जोन, मेरठ से अपर पुलिस महानिदेशक दूर संचार उप्र लखनऊ, के0एल0 मीना, अपर पुलिस महानिदेशक, सुरक्षा उ0प्र0 लखनऊ से अपर पुलिस महानिदेशक एनसीआर जोन मेरठ किया गया है।

पुलिस अधीक्षकों में एस0एन0 सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, गौतमबुद्धनगर से पुलिस अधीक्षक प्रशिक्षण, उ0प्र0 प्रशिक्षण निदेशालय, लखनऊ ज्योति नारायन पुलिस अधीक्षक प्रशिक्षण, उ0प्र0 प्रशिक्षण निदेशालय लखनऊ से वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गौतमबुद्धनगर किया गया है। इन तबदालों को अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी से जोड़ कर देखा जा रहा है। जिसका संकेत मु यमंत्री मायावती ने सरकार के चार साल पूरे होने पर शुक्रवार को घोषणा की थी।

अपर पुलिस अधीक्षकों में अजय कुमार सिंह, उपसेनायक, 20 वीं वाहिनी पीएसी आजमगढ़ से उपसेनायक 42वीं वाहिनी पीएसी, इलाहाबाद, कैलाश सिंह, उपसेनानायक, 42वीं वाहिनी पीएसी इलाहाबाद से उपसेनानायक 20वीं वाहिनी पीएसी, आजमगढ़ , राम प्रताप सिंह, उपसेनानायक, 26वीं वाहिनी पीएसी गोरखपुर से अपर पुलिस अधीक्षक, यातायात, आगरा , उमेश कुमार सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक, एटीएस लखनऊ से अपर पुलिस अधीक्षक, एंटी नक्सल चंदौली, अजय वर्मा, अपर पुलिस अधीक्षक, सीबीसीआईडी मु यालय लखनऊ से अपर पुलिस अधीक्षक फूड सेल लखनऊ , श्रीकृष्ण अपर पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण आगरा से अपर पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण लखनऊ , ददन पाल, अपर पुलिस अधीक्षक फिरोजाबाद से अपर पुलिस अधीक्षक, काशीरामनगर, राजेश कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक, मैनपुरी से अपर पुलिस अधीक्षक चंदौली, राधेश्याम,
अपर पुलिस अधीक्षक काशीरामनगर से अपर पुलिस अधीक्षक फिरोजाबाद, दिवाकर कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक, मऊ से अपर पुलिस अधीक्षक, जौनपुर, अशोक कुमार पाण्डेय, अपर पुलिस अधीक्षक हमीरपुर से अपर पुलिस अधीक्षक महराजगंज , विक्रमादित्य सचान, अपर पुलिस अधीक्षक महोबा से अपर पुलिस अधीक्षक देवरिया, राजेश कुमार, अपर पुलिस अधीक्षक बलरामपुर से अपर पुलिस अधीक्षक, ज्योतिबाफूलेनगर, सुनील कुमार सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक सुरक्षा फैजाबाद से अपर पुलिस अधीक्षक नगर, अलीगढ़ , जवाहर, अपर पुलिस अधीक्षक, देवरिया से अपर पुलिस अधीक्षक मैनपुरी, शिव प्रसाद उपाध्याय, अपर पुलिस अधीक्षक महराजगंज से अपर पुलिस अधीक्षक हमीरपुर, मनोज कुमार सोनकर, अपर पुलिस अधीक्षक इटावा से अपर पुलिस अधीक्षक मऊ, अशोक प्रसाद, अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, लखनऊ से अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण पूर्वी आगरा, ओम प्रकाश सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक हरदोई से अपर पुलिस अधीक्षक सुरक्षा, आगरा, डा0 अरविन्द, अपर पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण मुरादाबाद से अपर पुलिस अधीक्षक, ग्रामीण पश्चिमी आगरा, अनिल कुमार सिंह, अपर पुलिस ज्योतिबाफूलेनगर से अपर पुलिस अधीक्षक हरदोई, बाबू राम,

अपर पुलिस अधीक्षक बुलन्दशहर से अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण, मुरादाबाद, महेन्द्र पाल सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक बागपत से अपर पुलिस अधीक्षक, बुलन्दशहर, राहुल राज, अपर पुलिस अधीक्षक जौनपुर से अपर पुलिस अधीक्षक, बलरामपुर , संतोष कुमार सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक चंदौली से अपर पुलिस अधीक्षक इटावा, देवेन्द्र प्रताप नरायन पाण्डेय अपर पुलिस अधीक्षक, यातायात वाराणसी से अपर पुलिस अधीक्षक, महोबा, राहुल यादुवेन्द्र, अपर पुलिस अधीक्षक नगर मुरादाबाद से अपर पुलिस अधीक्षक बिजनौर, मान सिंह चौहान, अपर पुलिस अधीक्षक, नगर अलीगढ़ से अपर पुलिस अधीक्षक नगर वाराणसी, दिनेश चन्द्र, अपर पुलिस अधीक्षक जौनपुर से अपर पुलिस अधीक्षक बागपत ,

विजय भूषण अपर पुलिस अधीक्षक नगर वाराणसी से अपर पुलिस अधीक्षक नगर मुरादाबाद, जगदीश शर्मा, उपसेनानायक 38वीं वाहिनी पीएसी अलीगढ़ से अपर पुलिस अधीक्षक जौनपुर, ललित कुमार सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक नगर पश्चिमी लखनऊ से अपर पुलिस अधीक्षक क्षेत्रीय अभिसूचना, लखनऊ, राकेश सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक क्षेत्रीय अभिसूचना कानपुर से अपर पुलिस अधीक्षक नगर पश्चिमी लखनऊ

पुलिस उपाधीक्षक, विजय नरायन सिंह, पुलिस उपाधीक्षक ई0ओ0डब्लू0 कानपुर से पुलिस उपाधीक्षक, झॉसी , राजा राम वर्मा, पुलिस उपाधीक्षक उन्नाव से पुलिस उपाधीक्षक फतेहगढ़, श्रीमती गुनजीत श्रीवास, पुलिस उपाधीक्षक, अभिसूचना मु यालय, लखनऊ से पुलिस उपाधीक्षक उ0प्र0 पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड, लखनऊ, मचुवा राम दुखटल पुलिस उपाधीक्षक, फतेहगढ़ से पुलिस उपाधीक्षक उन्नाव, श्रीमती सुमन चौधरी पुलिस उपाधीक्षक उ0प्र0 पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड लखनऊ से पुलिस उपाधीक्षक अभिसूचना मु यालय लखनऊ, मोह मद नाजिम हसन, सहायक सेनानायक 32 वीं वाहिनी पीएसी, लखनऊ से सहायक सेनानायक 28वीं वाहिनी पीएसी इटावा, विनोद कुमार पुलिस उपाधीक्षक आगरा से पुलिस उपाधीक्षक अ बेडकरनगर,

महेन्द्र कुमार, पुलिस उपाधीक्षक आगरा से पुलिस उपाधीक्षक मेरठ, जय नरायन सिंह पुलिस उपाधीक्षक आगरा से पुलिस उपाधीक्षक कानपुर नगर, ब्रजेश कुमार गौतम, पुलिस उपाधीक्षक, आगरा से पुलिस उपाधीक्षक, अलीगढ़ , संजय कुमार पुलिस उपाधीक्षक मथुरा से पुलिस उपाधीक्षक, लखनऊ, आशुतोष द्विवेदी, पुलिस उपाधीक्षक, मथुरा से पुलिस उपाधीक्षक, आगरा, वीरेन्द्र सिंह, पुलिस उपाधीक्षक अलीगढ़ से पुलिस उपाधीक्षक आगरा, बलरामाचारी दुबे, पुलिस उपाधीक्षक, एटा से पुलिस उपाधीक्षक कानपुर नगर, असित श्रीवास्तव, पुलिस उपाधीक्षक एटा से पुलिस उपाधीक्षक इलाहाबाद, बलीराम सरोज पुलिस उपाधीक्षक लखनऊ से पुलिस उपाधीक्षक इलाहाबाद, बी0डी0 मौर्या, पुलिस उपाधीक्षक, श्रावस्ती से पुलिस उपाधीक्षक, कौशाम्बी, ब्रज मोहन सिंह पुलिस उपाधीक्षक कौशाम्बी से सहायक सेनानायक 32वीं वाहिनी पीएसी, लखनऊ,

जीतेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, पुलिस उपाधीक्षक, काशीरामनगर से पुलिस उपाधीक्षक आजमगढ़, राजेश कुमार पुलिस उपाधीक्षक इलाहाबाद से पुलिस उपाधीक्षक फैजाबाद, आशुतोष मिश्रा, पुलिस उपाधीक्षक इलाहाबाद से पुलिस उपाधीक्षक मथुरा, घनश्याम, पुलिस उपाधीक्षक इलाहाबाद से पुलिस उपाधीक्षक सहारनपुर, दिनेश कुमार द्विवेदी पुलिस उपाधीक्षक इलाहाबाद से पुलिस उपाधीक्षक बहराइच, शैलेन्द्र कुमार राय, पुलिस उपाधीक्षक आजमगढ़ से पुलिस उपाधीक्षक जौनपुर, राजेश कुमार श्रीवास्तव पुलिस उपाधीक्षक आजमगढ़ से पुलिस उपाधीक्षक काशीरामनगर, सिद्धार्थ पुलिस उपाधीक्षक बलिया से पुलिस उपाधीक्षक आगरा, अयोध्या प्रसाद सिंह, पुलिस उपाधीक्षक बलिया से पुलिस उपाधीक्षक मुज फरनगर, राम प्रकाश पुलिस उपाधीक्षक बलिया से पुलिस उपाधीक्षक एटा,

प्रकाश स्वरूप पाण्डेय पुलिस उपाधीक्षक बरेली से पुलिस उपाधीक्षक सिद्धार्थनगर, विजय कुमार शर्मा पुलिस उपाधीक्षक सिद्धार्थनगर से पुलिस उपाधीक्षक बरेली, ज्ञानेन्द्र नाथ प्रसाद पुलिस उपाधीक्षक बांदा से पुलिस उपाधीक्षक मथुरा, गजेन्द्र सिंह, पुलिस उपाधीक्षक बांदा से पुलिस उपाधीक्षक देवरिया , अजय कुमार सिंह पुलिस उपाधीक्षक अ बेडकरनगर से पुलिस उपाधीक्षक आगरा, देवेश कुमार शर्मा पुलिस उपाधीक्षक देवरिया से पुलिस उपाधीक्षक आजमगढ़, देवेन्द्र सिंह पुलिस उपाधीक्षक देवरिया से पुलिस उपाधीक्षक बांदा।

अरविन्द मिश्रा पुलिस उपाधीक्षक कानपुर नगर से पुलिस उपाधीक्षक एटा, सुशील कुमार शुक्ला पुलिस उपाधीक्षक मुज फरनगर से सहायक सेनानायक 48वीं वाहिनी पीएसी सोनभद्र, आशुतोष शुक्ला पुलिस उपाधीक्षक चंदौली से पुलिस उपाधीक्षक बांदा, मारतण्ड प्रकाश सिंह पुलिस उपाधीक्षक सीतापुर से पुलिस उपाधीक्षक झॉसी पूर्व हुआ स्थानान्तरण परिवर्तित होकर अब सहायक सेनानायक 35वीं वाहिनी पीएसी लखनऊ किया गया है।

MP Police: क्रिटिकल केस भी आसानी से सुलझा रहा है सायबर सेल

जिन आपराधिक मामलों को निपटाने में जिला पुलिस को लंबा समय लग जाता था, अब सायबर पुलिस उन्हें चंद दिनों में ही सुलझा रही है। राजधानी स्थित पुलिस दूरसंचार मुख्यालय में गठित राज्य सायबर पुलिस ने चंद महीनों में ऐसे ही कुछ केस बड़ी आसानी से हल कर दिए। इससे न सिर्फ पीड़ित को राहत मिली है, बल्कि पुलिस की कार्यप्रणाली में भी सुधार आया है।

ये है सायबर सेल टीम

डीएसपी- दीपक ठाकुर, सुनील राजोरे, देवंेद्र चौबे ठ्ठ इंस्पेक्टर- प्रवीण छारिया, प्रशांत द्विवेदी ठ्ठ सब इंस्पेक्टर- आर.के. शर्मा, शेफाली टाकेलकर ठ्ठ एएसआई- किरण सुमेर ठ्ठ हेड कांस्टेबल- सुशील बारई, भगवानसिंह, मुकेश मिश्रा, करण पांडे ठ्ठ कांस्टेबल- इंद्रपालसिंह, रितेशसिंह, जितेंद्रसिंह, कैलाश चौरसिया, मुनंेद्र मिश्रा, रानू डेकले, सौरभ भट्ट, अंकुर वर्मा, परसराम सोलंकी।

24 घंटे में सुलझाया मामला
2010 में भोपाल-इटारसी के बीच ट्रेन में अज्ञात बदमाशों ने एक परिवार से ६ लाख रु. के जेवरात लूट लिए थे। इटारसी में पीड़ित ने टीटीई को सारी बात बताई। रिपोर्ट मनमाड़ (महाराष्ट्र) जीआरपी ने दर्ज की। सायबर पुलिस को पुणो से फैक्स से पूरी जानकारी भेजी। सायबर पुलिस ने ट्रैकर के जरिए पीड़ितों के बैग में रखे मोबाइल की लोकेशन ढूंढ़ी।24 घंटे में अपराधियों को धर दबोचा।

7 दिन में पकड़ी प्रोग्राम चोरी
2010 में ही इंदौर की कंपनी ने जो प्रोग्राम बनाया, उसे मैनेजर नौकरी छोड़ते वक्त साथ ले गया। नई कंपनी खोलकर उसी प्रोग्राम को अपने नाम पर पेटेंट करा लिया। १क् करोड़ के डिजाइन को २ करोड़ में बेच दिया। सायबर पुलिस ने दोनों कंपनियों के कम्प्यूटर और साइट के डिजिटल फोटोग्राफ एवं समस्त पुराने मेल डिटेल का विश्लेषण किया। सायबर की जांच के आधार पर मामला सुलझा।

हमारी टीम पूरी मेहनत से काम कर रही है। जल्द ही यह पुलिस महकमे की सबसे सशक्त टीम के रूप में उभरेगी। जनता को जागरूक होना होगा। वे हमसे सीधे संपर्क कर सकते हैं।
राजेंद्र मिश्रा, आईजी, सायबर सेल

maharastra police:नागपुर शहर पुलिस को पहली बार सबसे महंगा बुलेटप्रूफ फायरिंग (आरमोड प्रूफ कैरियर) पुलिस वाहन

मुंबई समेत अन्य दूसरे शहरों की तरह अब नागपुर पुलिस भी आधुनिक हथियारों से सुसज्ज हो चली है। शहर पुलिस के पास आधुनिक हथियार आ चुके हैं।

इन हथियारों को चलाने के लिए जवानों को बकायदा प्रशिक्षित किया जा रहा है। इससे उपराजधानी की पुलिस अब और ताकतवर बन गई है, क्योंकि नागपुर शहर पुलिस को पहली बार सबसे महंगा बुलेटप्रूफ फायरिंग (आरमोड प्रूफ कैरियर) पुलिस वाहन मुहैया कराया गया है।

यह कीचड़, रेत और उबड़- खाबड़ वाले रास्तों पर सरपट दौड़ सकता है। इसमें फोरविल ड्राइव सिस्टम है, इसके चारों पहिए एक साथ घूमते हैं। इसका इंजन 5883 सीसी का है।

इसके अलावा और कई खूबियों वाले इस वाहन के मिलने से पुलिस अब दुश्मनों के छक्के छुड़ाने में पीछे नहीं रहेगी।

दुश्मन की हर हरकत पर होगी नजर:

अभी तक देखा गया है कि मकानों, अस्पतालों या स्कूलों में छुपने वाले दुश्मनों से निपटने के लिए पुलिस को काफी जद्दोजहद करनी पड़ती थी।

इसमें अत्याधुनिक हथियारों से लैस पुलिस जवान, दुश्मन की हर हरकतों को आसानी से देख सकते हैं कि दुश्मन कहां छुपा है और वह किस तरह की पोजीशन ले रहा है।

दुश्मनों को यह पता नहीं चल सकेगा कि वाहन के अंदर क्या हरकत हो रही है, लेकिन दुश्मन की हरकत का पता पुलिस को लग जाएगी। अभी तक पुलिस बड़ी मुश्किल से खुद की जान को जोखिम में डाल कर उनका मुकाबला करती थी।

इससे पहले पुलिस, दुश्मनों से फेस टू फेस मुकाबला करने में सक्षम नहीं थी। इस वाहन के आने से किसी भी खतरनाक परिस्थिति का मुंहतोड़ जबाब नागपुर पुलिस दे सकती है।

पुलिस, गोलियां बरसाने वाले दुश्मन के सामने इस वाहन में जाकर उसका मुकाबला करते हुए उसे चित कर सकती है। यह कहना गलत नहीं होगा कि शहर पुलिस अब पूरी तरह से हर मामले में ताकतवर बन गई है।

टायर पंचर होने पर भी दौड़ेगा 70 किमी तक

बुलेट प्रूफ फायरिंग पुलिस वाहन को बनाने में करीब 50 लाख की लागत लगी है। इस वाहन का वजन करीब साढ़े 7 टन है। इसके टायरों पर गोली लगने का खास असर नहीं होगा, फिर भी टायर पंचर हो जाने पर लगभग 70 किमी तक बिना किसी रुकावट के चलेगा।

खास बात यह है कि यह उसी गति से चलेगा, जिस गति से पंचर होने से पहले चल रहा था।

इसका ईंधन टैंक 200 लीटर का है, इसमें यूं तो 14 लोगों के बैठने की क्षमता है, लेकिन किसी घटना के दौरान दुश्मनों से निपटने के लिए 10 लोग आसानी से बैठ कर दुश्मनों का मुकाबला कर सकते हैं। इसके भीतर एक साथ 8 जवान किसी भी दुश्मन पर फायरिंग कर सकते हैं।

महाराष्ट्र में हैं 4 वाहन

नागपुर एम टी सेक्शन के इंस्पेक्टर अनिल देशमुख ने बताया कि महाराष्ट्र में इस तरह के वाहन चार शहरों को उपलब्ध कराए गए हैं, जिसमें नागपुर, सोलापुर, औरंगाबाद और अमरावती शहर पुलिस का समावेश है।

यह वाहन उन्हीं शहरों को उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जहां पर पुलिस आयुक्तालय हैं। इस तरह के वाहन पुणे, ठाणे, नासिक आदि शहरों के लिए प्रस्तावित है। यह वाहन क्यूआरटी (क्विक रिस्पांस टीम) के पास रहेगा। नागपुर में इसके लिए क्यूआरटी के एक जवान को विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया गया है।

इसलिए बनाया गया है वातानुकूलित

इस वाहन में कहीं से भी हवा का संचार नहीं हो सकता है। इसके भीतर बैठने वाले पुलिस जवान को घुटन न हो या किसी अन्य प्रकार की परेशानी न हो और उसे सही वातावरण मिल सके इसलिए इस वाहन को पूरी तरह से वातानुकूलित बनाया गया है।

नागपुर पुलिस हो गई हाईटेक

नागपुर पुलिस को इस तरह का वाहन मिलने के बाद जवानों का हौसला बढ़ने के साथ ही शहर पुलिस अब और हाईटेक हो गई है। राज्य के दूसरे शहरों की तरह इस शहर में अब पुलिस दुश्मनों की आंखों में आंखें डाल कर उसका मुकाबला आमने-सामने से कर सकती है।
इंस्पेक्टर अनिल देशमुख, नागपुर एमटी विभाग