Friday, October 14, 2011

Kolkata Police: पश्चिम बंगाल के खेलमंत्री पहुंचे पुलिस के पास, फोन पर गालियां दे रहा है कोई उन्हें...

कोलकाता।। पश्चिम बंगाल के खेल मंत्री मदन मित्रा ने अलग-अलग नम्बरों से मोबाइल पर कई बार धमकियां मिलने के बाद पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस ने यह जानकारी गुरुवार को दी। कोलकाता पुलिस की संयुक्त आयुक्त (अपराध) दमयंति सेन ने बताया, 'मंत्री ने पुलिस को एक शिकायत दर्ज कराई है। हम इस मामले की जांच कर रहे हैं। जिन नम्बरों से उन्हें कॉल किए गए हैं वे सार्वजनिक बूथों के हैं।' मित्रा ने कहा, 'मैं जब फोन रिसीव करता हूं, दूसरी तरफ से अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया जाता है। मुझे गम्भीर परिणाम भुगतने की धमकी दी जाती है। वह बार-बार कॉल करता था और मुझे उसी नम्बर पर वापस फोन करने के लिए कहता था। जब मेरे लोगों ने उसी नम्बर पर फोन किया तो उनको भी वह गाली और धमकी देने लगा। उस समय मेरे साथ कुछ पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे, उनको भी उसने नहीं छोड़ा जबकि यह बताया गया कि वे लोग पुलिस वाले हैं।' मित्रा ने कहा कि वह कॉल से परेशान नहीं हुए लेकिन अगर यह समस्या बनी रही तो वह अज्ञात नम्बर से आने वाले कॉल को नहीं रिसीव करेंगे, जिससे आम लोगों को असुविधा हो सकती है। मंत्री ने कहा, 'मैं यहां लोगों की सेवा करने के लिए हूं इसलिए मैंने अपना नम्बर सभी को दिया है ताकि मदद के लिए कोई भी मेरे पास आ सके लेकिन अगर ऐसी घटनाएं जारी रहीं तो मैं अज्ञात नम्बर से आने वाले कॉल को रिसीव नहीं करुंगा। इससे लोगों को असुविधा हो सकती है।'

Mumbai Police: बीते जमाने की हीरोइन साधना हुई गिरफ्तार, मकान को लेकर चल रहा है झगड़ा..

जुबली क्वीन के नाम से मशहूर गुजरे जमाने की पूर्व अभिनेत्री साधना अपने मकान के चलते पुलिस की गिरफ्त में आ गयी हैं। हालांकि थोड़ी देर की माथपच्ची के बाद ही साधना को छोड़ दिया गया। आपको बता दें कि पिछले साल साधना ने अगस्त 2010 में शिकायत दर्ज कराई थी कि लोखंडवाला ने उन्हें घर खाली करने के लिए जान से मारने की धमकी दी थी। साधना इस घर में पिछले 50 साल से बतौर किराएदार रह रही हैं। इस घर की मालकिन गायिका आशा भोंसले हैं। साधना एकाकी जीवन बिता रही हैं। लेकिन पुलिस लोखंडवाले के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे बल्कि अभिनेत्री साधना को ही गिरफ्तार कर लिया। आपको बता दें कि साधना के खिलाफ चल रहे इस बवाल में कोई भी बॉलीवुड का व्यक्ति साधना के साथ खड़ा नहीं था सिवाय सलमान खान ने । सलमान खान ने कहा था कि साधना आंटी को तंग करने वालों को छोड़ेगे नहीं। लेकिन आज जब साधना जी को पकड़ा गया तो सलमान भारत में नहीं है। वो अपनी फिल्म एक था टाईगर की शूटिंग के लिए देश से बाहर है।

MP Police: भोपाल में पिटे शाहरुख़ के फैन्स, एसडीएस भी घायल...

भोपाल। फिल्म अभिनेता शाहरुख खान अपनी आने वाली फिल्म रॉ-वन के प्रमोशन के लिए गुरुवार को राजधानी आए। उनके देरी से आने के कारण प्रशंसक उखड़ गए और उन्होंने पत्थरबाजी की। पुलिस ने भी जमकर लाठियां बरसाई। इस भगदड़ में एक एसडीएम का सिर फूट गया। शाहरुख को सुबह 11 बजे एमपी नगर स्थित एक शापिंग मॉल में आना था, लेकिन वे दोपहर ढलने के बाद साढ़े तीन बजे मॉल पहुंचे। मॉल के बाहर सुबह से ही भीड़ जमा हो गई थी। एमपी नगर में लगने वाली कोचिंग क्लासेज, कॉलेज और छात्रावास के युवा वहां जमे थे। शहर भर के शाहरुख खान के प्रशंसकों ने रोड दोनों तरफ से बंद कर दिया था। शाहरुख की देरी के कारण प्रशंसकों के सब्र का बांध टूट गया। उन्होंने पत्थर चलाने शुरू कर दिए। पत्थरबाजी से भगदड़ मच गई और पुलिस को स्थिति काबू में करने के लिए लाठियां चलना पड़ीं। इसमें कई युवा घायल हो गए। लड़कियों को भी धक्कामुक्की का सामना करना पड़ा। इस पत्थरबाजी में एसडीएम उमाशंकर भार्गव घायल हो गए। बाद में जब शाहरुख आए तो उन्होंने मॉल की छत पर जाकर अपने प्रशंसकों का अभिवादन किया और कुछ ठुमके भी दिखाए।

Wednesday, October 12, 2011

MP Police: चिंटू की मौत के मामले में हाईकोर्ट ने जबलपुर एसपी कहा, जो कानून कहता है वैसी ही हो कार्रवाई...

जबलपुर. हाईकोर्ट ने जबलपुर एसपी को कहा है कि वो छात्र नेता चिंटू त्रिपाठी की कथित हत्या से संबंधित मामले की विधि अनुसार कार्रवाई करें। मामला पुलिस वालों द्वारा चिंटू को रेल की पटरियों पर दौड़ाने और फिर इंजन से टकराने से हुई मौत के बाद दोषी पुलिस वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई न किये जाने से संबंधित है। जस्टिस आरएस झा ने चिंटू की मां की याचिका का निराकरण करते हुए यह निर्देश दिये।
गढ़ा के रामनगर इलाके में रहने वाली मीना त्रिपाठी की ओर से दायर इस याचिका में कहा गया था कि उनका पुत्र चिंटू छात्र कांग्रेस का पदाधिकारी था। याचिका में आरोप था कि 2 सितंबर 2010 को उनके पुत्र चिंटू को झूठे केस में फंसाने के उद्देश्य से कुछ पुलिस वालों ने उसे हिरासत में लेने की कोशिश की। चिंटू अपने आप को बचाने के लिए भागा, जबकि पुलिस वाले उसे गिरफ्तार करने के उद्देश्य से उसके पीछे भाग रहे थे। अपने आप को पुलिस वालों से बचाने में लगा चिंटू जनता एक्सप्रेस के इंजन से टकरा गया, जिससे उसकी मौत हो गई। आवेदक का आरोप है कि पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को चिंटू को गिरफ्तार करने गए पुलिस वालों के नाम भलिभांति मालूम हैं, इसके बाद भी एफआईआर अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की गई और अभी तक निष्पक्ष कार्रवाई नहीं की जा रही है, जो अवैधानिक है। मामले पर हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता मनीष तिवारी ने अदालत को बताया कि पुलिस को अपने ही मोहकमे के लोगों को बचाने के लिए ऐसा नहीं करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कानून सभी लोगों के लिए एक जैसा है, लिहाजा दोषियों के खिलाफ भी विधि अनुसार कार्रवाई होनी चाहिए। सुनवाई के बाद अदालत ने कहा कि चूंकि मामला पुलिस के पास विचाराधीन है, इसलिए बेहतर होगा कि आवेदक अपनी व्यथा के बारे में एसपी को शिकायत करें। फिर एसपी विधि अनुसार कार्रवाई करें

Chhatisgarh Police: डब्बा ट्रेडिंग रोकने के लिए पुलिस को ट्रेनिंग, मुंबई से बुलाए ट्रेनर..

रायपुर ! डब्बा ट्रेडिंग के नाम से कुख्यात अवैध वायदा कारोबार और गैर कानूनी व्यावसायिक गतिविधियों की रोकथाम के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस भी आगे आएगी। इसके लिए आज यहां पुलिस मुख्यालय में मुम्बई से आए वायदा बाजार आयोग और नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड के अधिकारियों ने प्रशिक्षण सह-जागरूकता कार्यशाला में छत्तीसगढ़ पुलिस के अधिकारियों को अनेक महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर विस्तृत जानकारी दी। प्रदेश के पुलिस महानिदेशक अनिल एम. नवानी ने कार्यशाला में कहा कि भारत सरकार ने फारवर्ड टे्रडिंग पर लगे प्रतिबंध को शिथिल करते भविष्य के वस्तु व्यापार की बेहतरी के लिए ऑन लाईन टे्रडिंग को मान्यता दी है। इसके फलस्वरूप जहां ऑन लाईन व्यापार से लाभ हो रहा है। वहीं कुछ असामाजिक तत्व भी इस टे्रडिंग में घुसपैठ कर चुके हैं, जिनकी पहचान सुनिश्चित करना बहुत जरूरी हो गया है। ऐसे तत्वों के कारण कानूनी व्यापार की दुनिया के सामने गैर कानूनी बाजार का तंत्र खड़ा हो गया है।
पुलिस महानिदेशक ने बताया कि फारवर्ड कांटे्रक्ट रेगुलेशन एक्ट 1952 के प्रावधानों और उपभोक्ता वस्तुओं के अवैध वायदा सौदों के बारे में पर्याप्त जानकारी और जागरूकता की जरूरत पुलिस और समाज दोनों को है। ऐसे अवैध कारोबार और उससे जुड़े लोगों के नेटवर्क को तोड़ने के लिए कानून की भी समुचित जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अवैध वायदा सौदों के समानांतर कारोबार से केन्द्र सरकार तथा राय सरकारों को करोड़ रूपयों के टैक्स का नुकसान हो रहा है, जिसे रोकने के लिए छत्तीसगढ़ में भी वायदा बाजार आयोग और नेशनल कमोडिटी एण्ड डेरिवेटिव्स एक्सचेंज लिमिटेड मुम्बई के सहयोग से राय पुलिस द्वारा संयुक्त अभियान चलाया जाएगा। कार्यशाला में भारतीय आर्थिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी और वायदा बाजार आयोग के सदस्य डी.एस. कोलमकर ने छत्तीसगढ़ पुलिस के अधिकारियों को इस संबंध में कानूनी पहलुओं की जानकारी दी। स्वागत भाषण में पुलिस महानिरीक्षक (प्रशिक्षण) आनंद तिवारी ने कहा कि फारवर्ड कान्ट्रेक्ट रेगुलेशन एक्ट 1952 के उल्लंघन के अधिकांश प्रावधान संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आते हैं, जिनमें तलाशी, जप्ती और अनुसंधान के अधिकार देकर पुलिस की भूमिका को प्रभावी बनाया जा सकता है। वायदा बाजार आयोग द्वारा पुलिस और अन्य संबंधित एजेंसियों को ऐसे अपराधों के घटित होने पर सूचना भेजी जाती है। पुलिस और अन्य अधिकारियों को दस्तावेजों की छानबीन और विशेषज्ञ सलाह देने का कार्य 1952 के अधिनियम के तहत वर्ष 1954 में बने नियम-13 के अधीन किए जाते हैं। इस मौके पर वायदा बाजार आयोग मुम्बई के निदेशक पी.एन. तिवारी सहित छत्तीसगढ़ पुलिस के महानिरीक्षक सर्वश्री मुकेश गुप्ता, पी.एन. तिवारी, अरूण देव गौतम, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रायपुर दीपांशु काबरा, एस.पी. महासमुन्द ध्रुव गुप्ता, एस.पी. धमतरी आशुतोष मोहंती, एस.पी. आर्थिक अपराध ब्यूरो डी.डी. चतुर्वेदी और ए.सी.बी. के पुलिस अधीक्षक आर.एस. नायक सहित सी.आई.डी. और ाइम ब्रांच अनेक वरिष्ठ अधिकारी और राय भर से 70 से अधिक अपर पुलिस अधीक्षक, उप पुलिस अधीक्षक और पुलिस निरीक्षक उपस्थित थे।

Delhi Police: Traffic Police: ट्रैफिक पुलिस ने खोजा एक नया तरीका, गैरकानूनी तरीके से लालबत्ती लगाने वाले वीआईपी होंगे फेसबुक पर बेइज्जत..

दिल्ली की सड़कों पर यदि कोई वीआईपी यह सोचकर अपनी गाड़ी पर लालबत्ती का इस्तेमाल कर रहा है कि पकड़े गए तो कोई बात नहीं, सौ रुपया बतौर चालान जमा करवाकर पीछा छुड़वा लेंगे। ऐसे लोगों की गलतफहमी दूर करने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने अब एक नया तरीका खोज निकाला है। इसे लज्जा, शर्म या बेईज्जती का नाम दिया जा सकता है। मोटर व्हीकल एक्ट के तहत इस अपराध पर जुर्माना भले ही सौ रुपये है, मगर संबंधित वीआईपी का पूरा खाका सोशल साइट यानी फेसबुक पर डाला जाएगा। ऐसी हालत में भले ही कोई वीआईपी जुर्माना अदा कर दे, मगर उसकी यह हरकत हजारों लोगों तक पहुंच जाएगी।
बता दें कि दिल्ली में न केवल राजनेता और नौकरशाह, बल्कि उनके परिजन भी लालबत्ती का अनाधिकृत प्रयोग करने में पीछे नहीं हैं। मोटर व्हीकल एक्ट में भले ही गिनती के लोगों को अपनी गाड़ी पर लालबत्ती लगाने का अधिकार है, मगर बड़े पैमाने पर इस अधिकार का दुरुपयोग हो रहा है। अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि ट्रैफिक पुलिस ने वर्ष 2011 में अभी तक लालबत्ती के अनाधिकृत इस्तेमाल के 312 चालान काटे हैं। हालांकि पिछले वर्ष ऐसे 7 मामले सामने आए थे। मंगलवार को एमसीडी के आयुक्त की सरकारी गाड़ी का लालबत्ती लगा फोटो ट्रैफिक पुलिस की फेसबुक पर दिखा। ज्वाइंट कमिश्नर (ट्रैफिक) सत्येंद्र गर्ग ने कहा कि संबंधित अधिकारी को सौ फीसदी चालान भेजा जाएगा। ट्रैफिक पुलिस की दिक्कत -एमवी एक्ट में केवल 100 रुपये जुर्माना -गाड़ी जब्त भी हो सकती है, मगर सभी मामलों में नहीं -सरकारी गाड़ी को जब्त करने में फंसते हैं कई पेंच -सरकारी व प्राइवेट वाहन पर जुर्माने में भेदभाव संभव नहीं थोड़ा सबक तो मिला है -खासतौर से आईपीएस अफसरों ने उतारी लालबत्ती -नेताओं के प्राइवेट वाहनों पर कुछ हद तक लगाम -आईएएस अफसर पूरी तरह नहीं छोड़ सके लालबत्ती का मोह -नेताओं ने सबक सीखा, मगर आधा-अधूरा -पकड़े गए 312 लोगों में दो दजर्न से अधिक एमपी-एमएलए एमपी, एमएलए व नौकरशाहों का है शौक दिल्ली में अभी तक सांसद महाबल मिश्र, रमेश कुमार, एमएलए हरशरण सिंह व श्रीकृष्ण त्यागी सहित कई वीआईपी लालबत्ती लगाने के चक्कर में चालान भुगत चुके हैं। केवल इन्हें है लालबत्ती लगाने का अधिकार -दिल्ली में केवल दो आईएएस अफसर, कैबिनेट सचिव (केंद्र सरकार) व मुख्य सचिव दिल्ली सरकार को लालबत्ती लगाने का अधिकार है।

Delhi Police: सनसनीखेज शिवानी भटनागर हत्याकांड में पूर्व वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और दो अन्य को बरी करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में जाएगी दिल्ली पुलिस..

दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कहा कि वह सनसनीखेज शिवानी भटनागर हत्याकांड में पूर्व वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और दो अन्य को बरी करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में जाएगी।
दिल्ली सरकार के वकील पवन शर्मा ने कहा कि हम फैसला का अध्ययन करेंगे और उसके बाद हम उच्चतम न्यायालय के समक्ष अपील दायर करने की तरफ बढ़ेंगे। शर्मा ने कहा कि भाड़े के हत्यारे प्रदीप शर्मा की अपील खारिज कर दी गई और उसकी उम्रकैद की सजा की पुष्टि की गई लेकिन तीन अन्य आरोपितों को शक का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया। इस बीच उच्च न्यायालय से बरी किए गए सत्यप्रकाश के बेटे अभिजीत शर्मा ने दावा किया कि उनके पिता को गलत तौर पर फंसाया गया था और उनका परिवार इस फैसले से बहुत खुश है। शर्मा ने कहा कि इंसाफ में देर हुई लेकिन हमें उससे वंचित नहीं किया गया। उन्हें मामले में गलत तौर पर फंसाया गया।