Saturday, November 5, 2011

HP Police: Shimla: साइबर क्रिमनल्स की कारस्तानी, शिमला पुलिस का ही फर्जी फेसबुक अकाउंट बना डाला...

शिमला पहले जुब्बल की युवती फिर यूनिवर्सिटी की छात्रा। साइबर क्राइम के शातिरों ने अब शिमला पुलिस को भी निशाना बना दिया है। इन शातिरों ने शिमला ट्रैफिक पुलिस का ही फर्जी फेसबुक अकाउंट बना डाला है। शातिर पिछले कई महीनों से इस अकाउंट को चला रहा है। यही नहीं, इसने अकाउंट के जरिए अब तक 76 लोगों को अपना दोस्त भी बना रखा है। शिमला की ट्रैफिक पुलिस तो अपना अकाउंट नहीं बना सकी, लेकिन किसी शातिर ने पुलिस का अकाउंट जरूर चला रखा है। इस फेसबुक अकाउंट में शातिर ने अपनी जन्मतिथि 16 अक्टूबर 1997 डाल रखी है। जो लोग इस अकाउंट से जुड़े हैं, उन्हें इस अकाउंट से दीवाली आदि त्योहारों के मैसेज भी भेजे गए हैं।
पुलिस महकमा बेखबर है। यहां तक आलाधिकारियों को भी इसकी सूचना नहीं है। ट्रैफिक सिस्टम में सुधार के लिए लोगों के सुझाव लेने के लिए दिल्ली और पंजाब पुलिस ने अपने फेसबुक अकाउंट बना रखे हैं। इसके माध्यम से लोग इन शहरों की यातायात समस्या से ट्रैफिक पुलिस को अवगत करवाते हैं। डीएसपी ट्रैफिक पुनीत रघु का कहना है कि ट्रैफिक पुलिस का कोई अकाउंट अभी नहीं बना है। उन्होंने कहा कि इस जाली अकाउंट को जल्द ही बंद कर दिया जाएगा। पहले पासवर्ड भूल गई थी पुलिस ट्रैफिक पुलिस ने इस साल के शुरुआत में अपना फेसबुक अकाउंट बनाया था लेकिन पासवर्ड याद न रहने से यह अकाउंट पुलिस के लिए जी का जंजाल बन गया। अब इस अकाउंट को हैक कर नया अकाउंट बनाने की योजना बन रही थी लेकिन शातिरों ने पहले ही फर्जी अकाउंट बना डाला।

UP Police: Locnow: उत्तर प्रदेश पुलिस में सिटीजन चार्टर लागू

लखनऊ: उत्‍तर प्रदेश पुलिस से किसी शिकायत या पासपोर्ट वेरिफिकेश के लिए अब आपको बार-बार धक्के नहीं खाने पड़ेंगे क्योंकि पुलिस ने सिटिजन चार्टर लागू कर दिया है. चुनावी साल में जनता को लुभाने में जुटी हैं मायावती. ऐसे में भला यूपी पुलिस कैसे पीछे रहती. तभी तो सो राज्य के नए डीजीपी ने यूपी पुलिस में सिटिजन चार्टर लागू कर दिया है. अब उत्तर प्रदेश में पुलिस से जुड़ी 16 सेवाएं निर्धारित समय में मिल सकेंगी. यह सेवाएं हैं:
अब यूपी में अपराधों का रजिस्ट्रेशन तुरंत होगा. हथियारों के लाइसेंस की जांच में 20 दिन लगेंगे. पासपोर्ट वेरिफिकेश में 15 दिन लगेंगे. कैरेक्टर सर्टिफिकेट में 15 दिन लगेंगे. खोए-पाए वस्तुओं और गुमशुदा व्यक्ति के मामले में तुरंत कार्रवाई. आर्म्स रिन्यूअल के लिए ज्यादा से ज्यादा 15 दिन लगेंगे. फायर डिपार्टमेंट से एनओजी 15 दिन के भीतर मिलेगी. फायर डिपार्टमेंट से सार्वजनिक कार्यक्रम की इजाजत दो दिन में मिल जाएगी. हालांकि सिटिजन चार्टर लागू तो कर दिया गया है, लेकिन तय वक्त पर काम नहीं होने पर किसे जिम्मेदार ठहराया जाएगा यह साफ नहीं है. इसके साथ ही काम में देरी करने वाले अधिकारी पर क्या कार्रवाई होगी इस पर भी कुछ साफ-साफ नहीं कहा गया है. यूपी में पासपोर्ट और शस्त्र लाइसेंस लेने के लिए लोगों के पसीने छूट जाते हैं। थाने से लेकर पुलिस अधिकारियों तक के चक्कर काटने पड़ते हैं। आम लोगों को इस परेशानी से बचाने के लिए पुलिस ने सिटीजन चार्टर लागू कर दिया है। इसमें तय समय सीमा में ही अधिकारी को काम करना होगा। अब जांच के लिये एलआईयू घरों में नहीं जाएगी, यह काम अब पुलिस किया करेगी। हालांकि गाजियाबाद पुलिस ने अपने स्तर से यह व्यवस्था पहले ही लागू कर रखी है। पुलिस महानिदेशक बृजलाल ने किया साफ प्रदेश के पुलिस महानिदेशक बृजलाल और प्रमुख सचिव गृह फतेह बहादुर सिंह शुक्रवार को मेरठ और सहारनपुर मंडल के अधिकारियों की समीक्षा करने आए थे। बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में डीजीपी ने बताया कि पुलिस से जुड़े तमाम कामों को लेकर लोगों को परेशान होना पड़ता है और थानों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। इसको देखते हुए विभाग में सिटीजन चार्टर लागू दिया गया है। एलआईयू घरों में जाकर जांच नहीं करेगी पुलिस के काम जैसे पासपोर्ट, शस्त्र लाइसेंस, एनवीआर, सीवीआर आदि के काम समयबद्ध होंगे। सिर्फ एक एजेंसी पुलिस ही इसको करेगी, एलआईयू अब इस काम के लिये घरों में जाकर जांच नहीं करेगी। एलआईयू सिर्फ अपने रिकार्ड देखकर अपनी रिपोर्ट देगी। उन्होंने कहा कि लोगों को छोटा सा काम कराने के लिये थानों के चक्कर काटने पड़ते हैं। सिटीजन चार्टर की तरह ही पुलिस चार्टर भी लागू कर दिया गया है। अब पुलिस कर्मचारियों को अवकाश, टीए, डीए, जीपीएफ भुगतान और मेडिकल क्लेम आदि के लिये परेशान नहीं होना पड़ेगा। अब इनके काम भी समयबद्ध ही होंगे। इसके लिए हर जिले में नोडल अधिकारी बना दिये गए हैं। बारह नवंबर को इनकी बैठक भी बुलाई गई है। उन्होंने बताया कि 35 हजार सिपाही प्रशिक्षण के बाद भर्ती हो जाएंगे।

Goa Police: Anna: केजरीवाल का आरोप, पुलिस टेप कर रही है टीम अन्ना के फोन

पणजी. टीम अन्ना के सदस्य अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि सरकारी एजेंसियां अन्ना हजारे के सहयोगियों के फोन टेप कर रही हैं। गोवा थिंक फेस्ट कॉन्क्लेव में भाग लेने आए केजरीवाल ने कहा कि उनके और अन्ना के एक सहयोगी के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत को दिल्ली पुलिस ने रिकॉर्ड किया।
उन्होंने कहा कि अन्ना का एक संदेश उनके सहयोगी ने मुझे फोन पर पढ़कर सुनाया। अन्ना राजघाट पर जाकर 15 मिनट बैठना चाहते थे। वे इसका प्रचार नहीं चाहते थे। जैसे ही यह बातचीत खत्म हुई। 15 मिनट के अंदर दिल्ली पुलिस का फोन मेरे पास आया। मुझसे पूछा गया कि अन्नाजी की राजघाट की क्या योजना है। आप उन लोगों के फोन टेप कर सकते हो, जो राष्ट्रद्रोह की गतिविधियों में लिप्त हो। क्या अन्ना राष्ट्रद्रोही हैं? क्या मैं राष्ट्रद्रोही हूं?

AP Police: Hyderabad: बदलते परिवेश में दुश्मनों से निपटने के लिए सुसज्जित होने की आवश्यकता, सरदार बल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में प्रशिक्षु पुलिस अधिकारियों को अपने संबोधन में बोले गृहमंत्री...

हैदराबाद।। केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि पुलिस को बदलते परिवेश में दुश्मनों से निपटने के लिए सुसज्जित होने की आवश्यकता है। सरदार बल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में प्रशिक्षु पुलिस अधिकारियों को अपने संबोधन में गृहमंत्री ने कहा, 'पुलिस व्यवस्था नाटकीय तरीके से प्रतिदिन बदल रही है। आपके दुश्मन अनेक हैं। प्रतिदिन नए दुश्मन सामने आ रहे हैं।' भारतीय प्रशासनिक सेवा के 2010 के बैच में 134 पुलिस अधिकारी शामिल हैं। इसमें से 11 अधिकारी नेपाल, भूटान और मालदीव के हैं। अधिकारियों की रंगारंग परेड के बाद चिदंबरम ने कहा, 'दुश्मन प्रतिदिन ट्रेंड हो रहे हैं और चुस्त हैं। इसलिए आपको भी चुस्त रहना होगा। वे समाज के कुछ वर्गों के साथ गठजोड़ बना रहे हैं। आपको समाज के सभी वर्गों के साथ संबंध बनाना होगा।'
पुलिस अकादमी को विश्वस्तरीय बताते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने सुविधाओं और आधारभूत अवसंरचना के विकास के लिए पिछले दो सालों में 200 करोड़ रुपए दिए हैं। उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा का अधिकारी बनना दुर्लभ सम्मान है। भूटान और मालदीव के चार-चार और नेपाल के तीन अधिकारियों ने इस बैच में प्रशिक्षण लिया है। चिदंबरम ने कहा कि भारत इन पड़ोसियों के साथ काम करने के लिए तैयार है।

UP Police: Lacknow: मेडम को भ्रष्ट्र कहा तो DIG मिश्रा को पागल बताने पर तुला सिस्टम..उत्तर प्रदेश फायर सर्विसेज के पुलिस उप महानिरीक्षक देवदत्त मिश्रा ने मायावती सरकार को सबसे भ्रष्ट सरकार बताया

उत्तर प्रदेश फायर सर्विसेज के पुलिस उप महानिरीक्षक देवदत्त मिश्रा ने मायावती सरकार को सबसे भ्रष्ट सरकार बताया है। मिश्रा ने मायावती के अफसरों पर भी भ्रष्टाचार में डूबे रहने का आरोप लगाया है। डीआईजी ‌के आरोपों पर यूपी सरकार ने सफाई देते हुए उन्हें मानसिक रूप से परेशान बताया है। गृह विभाग के प्रमुख सचिव कुंवर फतेह बहादुर सिंह ने कहा कि मिश्रा को सरकार के खिलाफ नहीं बोलना चाहिए था। गृह प्रमुख सचिव ने कहा कि हालांकि मिश्रा की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है और उनके घर वालों के अनुसार वह पिछले एक महीने से अवसाद में हैं इसके बावजूद उन्होंने जो आरोप लगाये हैं उसकी जांच पुलिस महानिदेशक (भ्रष्टाचार निरोधक) अतुल करेंगे। अतुल को जल्द ही रिपोर्ट देने को कहा गया है।
1992 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी मिश्रा ने शुक्रवार को अपने कार्यालय में बैठकर दमकल गाडि़यों तथा अन्य उपकरणों की खरीद फरोख्त में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था कि मुख्यमंत्री मायावती से उन्हें जान का खतरा है। मिश्रा ने ग्राम्य विकास मंत्री दद्दू प्रसाद पर भी गम्भीर आरोप लगाए थे । दूसरी ओर सरकार ने डीआईजी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के संकेत दिये है। फायर सर्विस मुख्यालय पर कल देर शाम करीब साढे़ तीन घंटे तक चले नाटकीय घटनाक्रम के बाद विभागीय अधिकारियों ने उन्हें छत्रपतिशाहूजी महाराज के ट्रामा सेन्टर मे भर्ती करा दिया था। विभागीय अधिकारियों के अनुसार वह हाईपर टेंशन से पीड़ित हैं । इस बीच मिश्रा की पुत्री ने पत्रकारों से कहा है उसके पिता करीब एक महीने से काफी व्यथित रहते थे लेकिन घर में वह कोई खास चर्चा नहीं करते थे। पुत्री ने कहा है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और प्रख्यात समाजसेवी अन्ना हजारे के प्रबल समर्थक उसके पिता ने भ्रष्टाचार के खिलाफ हमेशा लड़ाई लड़ी है ।

UP Police: Lacknow: DIG मिश्रा के आरोपों के बाद पद से हटाए गए ADG..

लखनऊ। कैमरे के सामने उत्तर प्रदेश के एक डीआईजी डीडी मिश्रा ने माया शासन पर सवाल उठा दिए। आनन फानन में यूपी सरकार ने इस अधिकारी को मानसिक रूप से बीमार करार दे दिया। लेकिन ताजा खबर ये है कि डीआईजी के आरोपों की वजह से सरकार ने एडीजी फायर हरिश्चंद्र सिंह को उनके पद से हटा दिया है। यही नहीं सरकार मिश्रा के आरोपों की जांच भी करा रही है। सरकार ने एंटी करप्शन विभाग के डीजी अतुल कुमार से इन आरोपों की जांच कराने की ठानी है।
उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव गृह फतेह बहादुर ने कहा कि जो आरोप मिश्रा ने लगाए हैं उनकी जांच होगी। डीआईजी डीडी मिश्रा इस वक्त अस्पताल में हैं। शुक्रवार को आईबीएन 7 पर मिश्रा के बयान चलने के फौरन बाद ही उनके दफ्तर को पुलिस ने घेर लिया था। सरकार ने उनकी डॉक्टरी जांच कराई थी। डॉक्टरों ने उन्हें डिप्रेशन का शिकार बताया और फिर उन्हें अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। वहीं, डीआईजी मिश्रा के समर्थन में आए एक और आईपीएस ने सरकार की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। मिश्रा 1992 बैच के आईपीएस अफसर हैं। उनकी छवि बेहद कड़क और ईमानदार अफसर की रही है। उनका कैरियर बेदाग रहा है। लेकिन चित्रकूट में एक प्रभावशाली नेता से तनातनी के बाद उन पर एक आरोप लगा था। इसी वजह से एसपी से डीआईजी पद पर उनका प्रमोशन रुका रहा। मिश्रा को फिलहाल कड़ी सुरक्षा के बीच अस्पताल में रखा गया है। परिवार वालों के अलावा किसी को उनसे नहीं मिलने दिया जा रहा। मिश्रा के करीबी दोस्तों की मानें तो हाल ही में उनके एक सीनियर अफसर ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया था जिसे लेकर भी वो काफी गुस्से में थे। मिश्रा के साथ काम करने वाले अफसरों को ये कतई यकीन नहीं कि वो बीमार है।

Friday, November 4, 2011

UP Police: NOIDA: ये बेचारी काम की मारी नोयडा पुलिस, लाखों की जनता के लिए बस 18 सौ पुलिसवाले..

NOIDA: Two battalions of the Special Range Security have been recently sanctioned to exclusively guard the sprawling Ambedkar Park, but Noida Police, by its own admission, is grossly understaffed. According to the figures provided by the Noida police department - which manages a population of 6.24 lakh - barely 1,800 police personnel, including those posted with the traffic department, maintain the law and order in this satellite township. While an ideal policing situation in a civilized urban area is one policeman for every 100 citizens, in Noida, the ratio is 1 cop for every 667 people in the city - and it is worse when the whole of Gautam Budh Nagar district is considered.
To further add to their woes, the police force not only has to tackle criminals but also has added responsibilities like providing VIP security. "Our primary job is to maintain law and order and curb crime. However, there are many other divergent responsibilities, too, that we have to look after," said Anant Dev, superintendent of police. "At least two VIPs visit Noida every month, resulting in only 50% or less personnel maintaining law and order duties. Moreover, a major chunk of our force also remains deployed in the areas that have been witnessing farmers' agitation like the recent one," he said. According to officials, a proposal for around 4,000 additional cops was made around three years ago, but no addition has been made as yet. Noida needs more than 5,000 policemen, but only about 700 sub-inspectors and constables are available. The police, finding themselves more than overworked and having little manoeuvering space, are resorting to several innovative steps. The SP explained: "There are more than 11,000 private security guards deployed across the city to guard various institutions and homes. We are motivating them to be our eyes and ears after duly verifying the antecedents of every incident." Furthermore, on their enterprising menu is making better use of technology and working closely with the residents to curb crime. In addition, the integrated control room is being upgraded and GPS system installed in the city's 42 PCR vans last year is being restored.