Tuesday, March 5, 2013

Uttarakhand Police: Dehradun: महिलाओं के साथ अपराध को संवेदनशील तरीके से निपटाने पर कार्यशाला आयोजित.

उत्तराखंड पुलिस ने अपने कर्मियों को महिलाओं के साथ होने वाले अपराधों को ज्यादा संवेदनशीलता से लिये जाने का बोध कराने के उद्देश्य से कार्यशाला का आयोजन किया. ‘लिंग संवेदीकरण’ पर हुई इस कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए देहरादून परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक अमित सिन्हा ने कहा कि पुलिस बल को खासतौर से थाना और जिला स्तर पर तैनात कर्मियों को महिलाओं के साथ घटित होने वाले अपराधों में सूचना लेने और जांच के दौरान पीड़ितों से ज्यादा संवेदनशीलता से पेश आना चाहिये. इस संबंध में उन्होंने कहा कि महिलाओं से संबंधित अपराध गठित होने पर थानों में प्राथमिकी दर्ज करने से लेकर वास्तविकता की तस्दीक करने और विवेचना के दौरान पीड़ितों के साथ लगातार समन्वय बनाये रखा जाये. सिन्हा ने कहा कि साथ ही इसकी सूचना जिला और थाना स्तर पर महिला हेल्प लाइन और राज्य महिला आयोग को भी दी जाये. ‘सेज’ संगठन के साथ मिलकर की गयी इस कार्यशाला में उत्तराखंड मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश राजेश टंडन तथा अन्य विशेषज्ञों ने भी पुलिसकर्मियों को साथ अपने विचार साझा किये.

Punjab Police: Tarantaran: Policemen suspended:छेड़छा़ड़ की शिकायत करने वाली लड़की को सरेआम पीटने वाले पुलिसकर्मी सस्पेंड. a victim of alleged sexual harassment was beaten up in full public view by the Punjab police

तरनतारन: पंजाब के तरनतारन में एक पैलेस में एक लड़की के साथ हुई छेड़छाड़ मामले में स्थानीय पुलिस प्रशासन ने 4 पुलिस कर्मियों को सस्पेंड कर दिया है। मुख्यमंत्री ने पूरे मामले की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं। पुलिस कर्मियों को सस्पेंड करने के पीछे उनकी लापरवाही बताई जा रही है। दरअसल आज सुबह स्थानीय पंजाब इंटरनेशनल पैलेस में एक विवाह समारोह के दौरान एक ड्राइवर ने समारोह में आई एक लड़की को छेड़ दिया था जिसके बाद वह फरार हो गया था। लड़की के पिता ने थाना सिटी में इस मामले की जानकारी दी थी, मौके पर पुलिस पहुंची मगर शिकायतकर्ताओं को ही खरी खोटी सुना दी और आते ही शिकायतकर्ताओं पर ही जमकर लाठियां बरसाईं। लड़की के पिता ने आरोप लगाया कि उन्हें पुलिस थाने में पकड़कर ले गई और वहां उनके साथ बदसलूकी की गई। मगर दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। पीड़ित लड़की ने कहा कि जबतक उसे इंसाफ नहीं मिलता तब तक वह चुप नहीं बैठेगी। पीड़िता ने कहा 'पुलिस ने उसकी इज्जत को सरेआम उछाला है वह उनके खिलाफ पंजाब सरकार से सख्त कार्रवाई की मांग करती है' दूसरी तरफ जिस नौजवान ने पुलिस को फोन कर पैलेस में बुलाया था उसने आरोप लगाया कि पुलिस उसे भी पकड़कर पुलिस स्टेशन ले गई और वहां उसका मुंह टॉयलट में डालकर उसे जलील किया गया, जबकि दूसरी तरफ थाना सिटी के प्रभारी ने इन सभी आरोपों को सिरे से नकारते हुए कहा कि ऐसा कुछ नहीं हुआ है। पुलिस इस मामले में तफ्तीश कर रही है।

Delhi Police: police constable suicide: दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल ने आत्महत्या की, A Delhi Police head constable committed suicide by hanging himself.

NEW DELHI: A Delhi Police head constable committed suicide by hanging himself from a ceiling fan in his house here, police said on Tuesday. Vedpal, 50, who was posted at the Police Control Room (PCR) cell, was found hanging in his house in west Delhi's Gopal Nagar area on Monday night. No suicide note was recovered from his possession. "Initial inquiry suggested that Vedpal was depressed as he had been ill for the past 10 years. It might be the reason behind his extreme step," said a police officer. He is survived by his wife and three children.

Monday, January 28, 2013

Police Policy: Delhi: पुलिस सिस्टम पर क्या बोले दिल्ली के पूर्व पुलिस कमिश्नर अजयराज शर्मा. former police commissioner of delhi on delhi police system.

मौजूदा समय में वसंत विहार सामूहिक दुष्कर्म की घटना को लेकर दिल्ली पुलिस पर व सुरक्षा व्यवस्था को लेकर जितने सवाल उठे हैं। उससे काफी बदलाव की जरूरत है। बदलाव तभी आएगा जब दिल्ली पुलिस को सशक्त बनाया जाए। पुलिस को संसाधन मुहैया कराने होंगे। अब तक अंग्रेजों के बनाए कानून का पालन हो रहा है। इसमें बदलाव किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार इसे क्यों नहीं बदलना चाह रही है? आजादी के बाद जब जनसंख्या बढ़ने लगी। देश का विकास होना शुरू हुआ। तब भारतीय पुलिस व्यवस्था में सुधार लाने के लिए भी भारतीय पुलिस आयोग बनाया गया। आयोग को जिम्मेदारी दी गई कि वे हर दस सालों पर अपनी रिपोर्ट सौंपे जिसमें वे अपने सुझाव पेश करें कि भारतीय पुलिस व्यवस्था में क्या-क्या सुधार की जरूरत है। 1981 में पहली बार आयोग ने भारतीय पुलिस व्यवस्था में सुधार संबंधी रिपोर्ट सरकार को सौंपी। दूसरी रिपोर्ट भी उसके दस साल बाद सौंपी गई। लेकिन आज तक एक भी कमीशन की रिपोर्ट को लागू नहीं किया गया। तब पुलिस के सिस्टम में कैसे सुधार की उम्मीद की जा सकती है? जहां तक दिल्ली पुलिस की बात है तो सन् 1978 में दिल्ली पुलिस एक्ट आया था। सभी को पता है कि पुलिस सरकार का फेस होती है। उसपर कितना भी आरोप लगाया जाए उसे विरोध करने का अधिकार नहीं है। जब दिल्ली पुलिस एक्ट बनाया गया था तब दिल्ली पुलिस की संख्या 60 हजार के करीब थी। उस समय दिल्ली में यातायात की समस्या नहीं थी, जिससे यातायात में मुश्किल से एक हजार पुलिस कर्मी तैनात होंगे। आज दिल्ली की जनसंख्या करीब पौने दो करोड़ हो गई और दिल्ली पुलिस की संख्या 80 हजार है। जिसमें एक्टिव पुलिसिंग में मात्र 15 हजार पुलिस कर्मी तैनात है। ऐसे में किस तरह की सुरक्षा व्यवस्था की उम्मीद की जा सकती है। सरकार नहीं चाहती है कि सिस्टम बदले। अगर पुलिस सशक्त हो जाएगी तब नेताओं की नहीं चलेगी इसलिए कमीशन को भी लागू नहीं किया जा रहा है। -अजयराज शर्मा, पूर्व पुलिस कमिश्नर

Bihar Police: Police transfer: शेखपुरा जिला एसपी हटाए गए, बारबीघा पुलिस थाने के पुलिसवालों का ट्रांसफर. SP dist Sheikpura removed, PS Barbigha transfered.

Patna: Days after a liquor trader was assaulted, Superintendent of Police of Bihar's Sheikpura district Babu Ram has been removed and policemen of Barbigha police station transferred. The action on the policemen was taken following instructions from Chief Minister Nitish Kumar to the Director General of Police Abhayanand at a meeting at which Principal Secretary (Home) Amir Subhani was also present, a statement said on Monday. A high-level inquiry by a joint team of a secretary level officer in the home department and a police official in the rank of ADG was also ordered into the assault on the liquor trader allegedly at the residence-cum-office of the SP on January 25. The inquiry followed the statement by the victim at the Patna Medical College Hospital. The report would be submitted on Tuesday based on which suitable action would be taken. The Chief Minister also directed the officials to lodge an FIR on the basis of the statement of the victim. RJD president Lalu Prasad and party MP Ram Kripal Yadav visited the PMCH on Sunday night and met the victim. They criticised the state government and said it reflected a poor law and order situation. The Sheikhpura incident came close on the heels of the removal of Saran range DIG for demanding Rs. ten crore as extortion from a liquor trader.

Police Policy: Mumbai Police: अब यूनिफार्म का पैसा सीधे पुलिसकर्मियों के बैंक एकाउंट्स में जाएगा. uniform allowances will directly disburse to policemen a/c.

MUMBAI: Deputy chief minister Ajit Pawar has signalled a change in the manner in which the state government funded purchase of police uniforms. During a meeting last week, Pawar, who also handles the finance portfolio, announced that the money for such purchases will now be directly deposited in the policeman's account. Cloth for the uniforms is currently purchased by the prisons department and the textile corporation, and made available to policemen.

Sunday, January 27, 2013

Police medal: Rajasthan Police: जिस एसपी का नाम राष्ट्रपति पदक के लिए भेजा था, वो वसूली करते पकड़ा गया.IPS officials who's name was sent for president police medal, caught in corruption practices.

राजस्थान की सरकार और पुलिस प्रशासन के लिए यह बड़ी शर्मनाक स्थिति थी कि जिस आइपीएस अफसर का नाम राष्ट्रपति पुलिस पदक के लिए भेजा गया हो, वही थानों से वसूली करते हुए दिन-दहाड़े दबोच लिया जाए. पूरे तंत्र की इस तरह से फजीहत कराने वाले अजमेर के पुलिस अधीक्षक राजेश मीणा का नाम तो दिल्ली भेजी गई सूची में से आनन-फानन में हटा दिया गया पर पिछले हफ्ते उसकी गिरफ्तारी ने कई सवाल खड़े कर दिए. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के दल ने मीणा को उसके सरकारी निवास पर ही जिले के थानों से महीना लेकर आए दलाल जोधपुर निवासी रामदेव ठठेरा के साथ पकड़ा. पर एक और आइपीएस अजमेर का ही अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (शहर) लोकेश सोनवाल मौके से निकल भागा और तभी से फरार है. मीणा के गिरफ्तार होते ही जिले में चैन स्नेचिंग, जुआ, सट्टेबाजी और लूटखसोट जैसे अपराधों में अचानक कमी आ गई. इन अपराधों से जुड़े लोगों से हर महीने बड़ी वसूली होती थी. आइजी (अजमेर रेंज) अनिल पालीवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि एक हफ्ते में कंट्रोल रूम को किसी बड़े अपराध की खबर नहीं मिली है. एसीबी के मुताबिक, मीणा की जोधपुर में तैनाती के दिनों में उसकी पहचान बर्तन व्यापारी रामदेव ठठेरा से हुई थी. बाद में ठठेरा मीणा का नजदीकी बन गया और उसके लिए वसूली करने लगा. इसी क्रम में 2 जनवरी को वह अजमेर के विभिन्न थानों से वसूली करके लाया था. सभी थाने वाले उसे जानते थे और रकम चुपचाप दे देते थे. एसीबी तीन महीने से मीणा और ठठेरा के फोन कॉल पर नजर रखे हुए थी. 3 जनवरी की दोपहर रुपयों से भरे बैग के साथ उसे मीणा के आवास पर पकड़ा गया. उसके बैग से 3 लाख रु. और उसके घर पर 2 लाख रु. से ज्यादा बरामद हुए. मीणा के आवास पर आने से पूर्व ठठेरा सोनवाल के यहां गया था. मामला खुलते ही वह तो निकल लिया. ब्यूरो की तलाशी में उसका घर उपहार की महंगी चीजों से अटा मिला. मीणा के घर से मिले कागजों में पुलिस थानों से महीना ली जाने वाली रकम का खुलासा हो गया. जांच में पता चला कि मीणा ने छह महीने में ही 800 सिपाहियों के तबादले किए और बाद में 400 के निरस्त कर दिए. जिले के क्लाक टावर, क्रिश्चियनगंज जैसे थानों पर सीआइ लगाने के लिए ऊंची रकम लेने की बात सामने आई. थानों से मोटी रकम लेने के बाद उन्हें खुला हाथ दे दिया जाता था. जेल भेजे जाते ही मीणा ने तबीयत खराब होने की शिकायत की और रेफर होकर जयपुर पहुंच गया. जिस अंदाज में मीणा एसएमएस अस्पताल पहुंचा और जिस पैमाने पर एमआरआइ समेत ढेरों टेस्ट की सिफारिश की गई, उसे देखते हुए मीणा के साथ डॉक्टरों की मिलीभगत की जांच भी एसीबी को करनी चाहिए. अगर वह इतनी गंभीर बीमारियों से ग्रस्त था तो इतने सालों तक इलाज क्यों नहीं करवाया? हालांकि अब उसे डिस्चार्ज कर सेंट्रल जेल भेज दिया गया है पर उसका दावा है कि जांच में वह बेदाग निकलेगा.